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Krshi Mein Sambhaavanaen: Rojagaar ke Avasaron ka Vistaar
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ सदियों से खेती-किसानी मुख्य व्यवसाय रहा है। खेती सिर्फ अन्न उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कई संभावनाएं और रोजगार के अवसर छिपे हैं। जैसे-जैसे कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीकें और विधियां विकसित हो रही हैं, खेती में रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। युवाओं और नव उद्यमियों के लिए खेती एक सुनहरा क्षेत्र बनकर उभर रहा है, जहां वे न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
पारंपरिक कृषि से हटकर नए अवसर
खेती का पारंपरिक रूप, जैसे धान, गेहूं और सब्जियों की खेती, सदियों से चला आ रहा है। हालांकि, अब यह क्षेत्र केवल पारंपरिक खेती तक सीमित नहीं रहा। आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं के सहयोग से किसानों के लिए अनेक नए रास्ते खुले हैं। इसमें जैविक खेती, बागवानी, डेयरी फार्मिंग, मछली पालन, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालन और औषधीय पौधों की खेती जैसी गतिविधियाँ प्रमुख रूप से शामिल हैं। ये सभी क्षेत्र न केवल किसानों को बेहतर आय के साधन प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उन लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं जो कृषि में रुचि रखते हैं।
कृषि में तकनीकी विकास
खेती में रोजगार के अवसर तकनीकी विकास के कारण भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अब किसान पारंपरिक तरीकों से हटकर आधुनिक मशीनों, उपकरणों और तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। ड्रोन तकनीक, सटीक कृषि, सेंसर आधारित सिंचाई, मिट्टी की जांच और बीजों की गु��वत्ता जांच जैसे तकनीकी साधनों ने खेती को आसान और लाभकारी बना दिया है। इससे न केवल किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ी है, बल्कि इस क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञों के लिए भी रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए हैं।
इसके साथ ही, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) ने भी कृषि क्षेत्र में क्रांति ला दी है। कृषि आधारित मोबाइल ऐप, वेबसाइट और पोर्टल्स के माध्यम से किसान सीधे बाजार से जुड़ रहे हैं और अपनी उपज को उचित दामों पर बेच पा रहे हैं। ऐसे में आईटी पेशेवरों के लिए भी कृषि क्षेत्र में काम करने के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।
जैविक खेती में रोजगार के अवसर
जैविक खेती आज के समय में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता, जिससे पर्यावरण को हानि नहीं पहुँचती और लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिलते हैं। जैविक खेती का बाजार लगातार बढ़ रहा है, और इस क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध हैं। युवा किसान जैविक खेती से जुड़कर अपनी उपज को सीधे बाजार में बेच सकते हैं या जैविक उत्पादों की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा, जैविक खेती के प्रशिक्षण कार्यक्रम और परामर्श सेवाओं में भी रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
बागवानी और फूलों की खेती
खेती में रोजगार के अवसर बागवानी और फूलों की खेती में भी खूब हैं। फलों, सब्जियों और फूलों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। फलों और सब्जियों की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग भी एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें कई लोग रोजगार पा सकते हैं। इसके अलावा, फूलों की खेती और उनके निर्यात का व्यवसाय भी किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। विशेष रूप से सजावटी पौधों और फूलों की खेती में युवा उद्यमी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
डेयरी और पशुपालन
कृषि क्षेत्र में डेयरी और पशुपालन का भी अहम योगदान है। दूध और उससे बने उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे डेयरी उद्योग में रोजगार के अनेक अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। इसके अलावा, बकरी पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन जैसी गतिविधियाँ भी कृषि क्षेत्र में रोजगार के साधन प्रदान कर रही हैं। सरकारी योजनाओं के माध्यम से पशुपालन और डेयरी फार्मिंग के क्षेत्र में भी नए उद्यमियों को सहयोग मिल रहा है। इस प्रकार के उद्यमों से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन पैदा हो रहे हैं, बल्कि इनसे शहरी बाजारों में भी उत्पाद की आपूर्ति हो रही है।
कृषि प्रसंस्करण उद्योग
खेती में रोजगार के अवसर कृषि प्रसंस्करण उद्योग में भी बहुतायत से मौजूद हैं। जब किसानों की उपज सीधे बाजार में बेची जाती है, तो उसे प्रसंस्कृत करने और पैकेजिंग की आवश्यकता होती है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में फलों, सब्जियों, अनाज और डेयरी उत्पादों की प्रोसेसिंग की जाती है, जिससे उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ती है और उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर होती है। इस उद्योग में निवेश करने वाले उद्यमियों और किसानों के लिए रोजगार के ढेर सारे विकल्प उपलब्ध हैं।
कृषि आधारित स्टार्टअप्��
आजकल कृषि क्षेत्र में कई स्टार्टअप्स का उदय हो रहा है, जो आधुनिक तकनीक और नवीन तरीकों का इस्तेमाल कर खेती को और अधिक लाभकारी बना रहे हैं। कृषि में रोजगार के अवसर इन स्टार्टअप्स के जरिए भी काफी बढ़ रहे हैं। चाहे वह खेती के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हो, बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग हो या फिर कृषि उत्पादों की ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री हो, ये स्टार्टअप्स नए-नए रोजगार के विकल्प पैदा कर रहे हैं। युवा उद्यमियों के लिए यह एक शानदार अवसर है कि वे कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करें और किसानों को नई तकनीकों और सेवाओं से लाभान्वित करें।
सरकारी योजनाओं का योगदान
खेती में रोजगार के अवसरों के विस्तार में सरकार की कई योजनाओं और नीतियों का भी बड़ा योगदान है। सरकार किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, सब्सिडी, लोन और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, जिससे वे नए-नए क्षेत्रों में प्रवेश कर सकें। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, और कृषि यंत्रीकरण योजना जैसी कई योजनाएं हैं, जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ा रही हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित छोटे उद्योगों की स्थापना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के विकल्प उत्पन्न हो रहे हैं।
कृषि में शिक्षा और प्रशिक्षण
खेती में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कृषि में शिक्षा और प्रशिक्षण का भी महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि विश्वविद्यालयों और प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से किसान और युवा नई तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और अन्य प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से किसानों को नई कृषि पद्धतियों और तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा, उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के जरिए युवाओं को खेती के व्यवसायिक पहलुओं की जानकारी दी जा रही है, जिससे वे खुद का कृषि व्यवसाय शुरू कर सकें।
निष्कर्ष
खेती में रोजगार के अवसर आज के समय में केवल खेतों तक सीमित नहीं हैं। कृषि से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में नए-नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, जिनमें कृषि प्रसंस्करण, तकनीकी विकास, जैविक खेती, बागवानी, डेयरी और पशुपालन जैसे अनेक क्षेत्र शामिल हैं। सरकार की योजनाएं, तकनीकी विकास और बाजार में बढ़ती मांग ने इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं को कई गुना बढ़ा दिया है। युवाओं और उद्यमियों के लिए यह समय है कि वे इन अवसरों का लाभ उठाएं और कृषि के क्षेत्र में अपना करियर बनाएं, साथ ही देश की प्रगति में भी योगदान दें।
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विकसित भारत संकल्प यात्रा प्रोग्राम में प्रधानमंत्री ने बतायी यह बात
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से बातचीत की। उन्होंने प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र का भी शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने एम्स, देवघर में ऐतिहासिक 10,000वें जन औषधि केंद्र का लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों के साथ बातचीत की, प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र का शुभारंभ किया और एम्स देवघर में ऐतिहासिक 10,000वें जन औषधि केंद्र का लोकार्पण किया
देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या 25,000 तक बढ़ाने का कार्यक्रम शुरू मोदी की गारंटी वहीं से शुरू होती है जहां दूसरों से उम्मीदें खत्म होती हैं- प्रधानमंत्री विकसित भारत के 4 अमृत स्तंभ हैं नारी शक्ति, युवा शक्ति, भारत के किसान और गरीब परिवार – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्नत खेती में ड्रोन दीदी कारगर साबित होंगी - श्री नरेन्द्र सिंह तोमर श्री मोदी ने देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने का कार्यक्रम भी लॉन्च किया। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्वागत भाषण दिया। भारत सरकार की विकसित भारत संकल्प यात्रा के इस कार्यक्रम में देशभर से लाखों युवा, महिलाएं, किसान और विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए। विभिन्न स्थानों पर राज्यपाल, उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय और राज्यों के मंत्री, सांसद-विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा को आज 15 दिन पूरे हो रहे हैं और अब इसमें तेजी आ गई है। प्रधानमंत्री ने सरकार के प्रति नागरिकों के विश्वास के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि लोगों के स्नेह और भागीदारी को देखते हुए, विकसित भारत संकल्प यात्रा के वाहन का नाम 'विकास रथ' से बदलकर 'मोदी का गारंटी वाहन' कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने झारखंड के देवघर, ओडिशा के रायगढ़ा, आंध्र प्रदेश के प्रकाशम, अरुणाचल प्रदेश के नामसाई और जम्मू-कश्मीर के अरनिया के लाभार्थियों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि 'मोदी का गारंटी वाहन' अब तक 12,000 से अधिक ग्राम पंचायतों तक पहुंच चुका है, जहां लगभग 30 लाख नागरिक इससे जुड़ चुके हैं। उन्होंने विकसित भारत संकल्प यात्रा में महिलाओं की भागीदारी की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा, "प्रत्येक गांव का प्रत्येक व्यक्ति विकास का अर्थ समझता है।" उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) जैसी एक सरकारी पहल से एक जन आंदोलन ��ें बदल गया है। नए और पुराने लाभार्थियों और वीबीएसवाई से जुड़े लोगों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बढ़ती डिजिटल गतिविधियों को देखते हुए, श्री मोदी ने उनसे नमो ऐप पर ऐसी तस्वीरें और वीडियो अपलोड करने का आग्रह किया, क्योंकि वे प्रतिदिन इसकी निगरानी करते हैं। श्री मोदी ने कहा, "युवा वीबीएसवाई के दूत बन गए हैं।" उन्होंने गांवों की स्वच्छता पर वीबीएसवाई के प्रभाव को भी देखा क्योंकि 'मोदी का गारंटी वाहन' के स्वागत के लिए कई स्थानों पर अभियान चलाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा, ''भारत अब अजेय और अथक है। यह भारत के लोग ही हैं जिन्होंने इसे एक विकसित राष्ट्र बनाने का निर्णय लिया है।” उन्होंने हाल ही में समाप्त हुए त्योहारी सीजन में 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा देने का भी जिक्र किया।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नागरिकों की जरूरतों को पहचानने और प्राकृतिक न्याय-सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के आधार पर उन्हें उनके अधिकार देने के सरकार के विजन ने नई आकांक्षाएं पैदा की हैं और करोड़ों नागरिकों में उपेक्षा की भावना समाप्त की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां दूसरों से अपेक्षाएं खत्म होती हैं, वहां से मोदी की गारंटी शुरू होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत का संकल्प मोदी या किसी सरकार का नहीं है, यह सबको विकास के पथ पर साथ लेकर चलने का संकल्प है। विकसित भारत संकल्प यात्रा का उद्देश्य उन लोगों तक सरकारी योजनाओं और लाभों को पहुंचाना है जो पीछे रह गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे नमो ऐप के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। उन्होंने युवाओं से मेरा भारत स्वयंसेवकों के रूप में पंजीकरण करने और मेरा भारत अभियान में शामिल होने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने वीबीएसवाई की शुरुआत में इस बात पर जोर देते हुए कि यह 'विकसित भारत' के 4 अमृत स्तंभों पर आधारित है, भारत की नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसानों और भारत के गरीब परिवारों को याद कि��ा। उन्होंने कहा कि इन चार स्तंभों की प्रगति की प्रगति से ही भारत को एक विकसित देश बनाना संभव होगा। श्री मोदी ने कहा कि सरकार जीवन स्तर में सुधार लाने और गरीब परिवारों से गरीबी दूर करने, युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने, भारत की महिलाओं को उनकी समस्याओं से मुक्त करके उन्हें सशक्त बनाने और भारत के किसानों की आय और क्षमताओं में सुधार करने का प्रयास करती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ''जब तक गरीबों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के मुद्दों का पूरी तरह समाधान नहीं हो जाता, मैं चैन से नहीं बैठूंगा।'' स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की चल रही मुहिम को ड्रोन दीदी से ताकत मिलेगी और आय के अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध होंगे। इससे किसानों को ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक बहुत कम कीमत पर मिल सकेगी, जिससे समय, दवा और खाद की बचत होगी। श्री मोदी ने 10,000वें जन औषधि केंद्र के उद्घाटन का जिक्र करते हुए कहा कि यह गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए सस्ती दरों पर दवाएं खरीदने का केंद्र बन गया है। प्रधानमंत्री ने नागरिकों को उनके स्नेह के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, "जन औषधि केंद्रों को अब 'मोदी की दवा की दुकान' कहा जा रहा है।" उन्होंने बताया कि ऐसे केंद्रों पर लगभग 2000 प्रकार की दवाएं 80 से 90 प्रतिशत छूट पर बेची जाती हैं। उन्होंने जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने के कार्यक्रम की शुरुआत के लिए नागरिकों, विशेषकर देश की महिलाओं को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर भी खुशी जताई कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा, "मोदी की गारंटी का मतलब पूर्ति की गारंटी है।" प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए इस पूरे अभियान को शुरू करने में पूरी सरकारी मशीनरी और सरकारी कर्मचारियों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कुछ साल पहले ग्राम स्वराज अभियान की सफलता को भी याद करते हुए कहा कि यह अभियान देश के लगभग 60 हजार गांवों में दो चरणों में चलाया गया था और सात योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाया गया था। उन्होंने कहा, "आकांक्षी जिलों के हजारों गांव भी इसमें शामिल थे।" श्री मोदी ने देश और समाज की सेवा के इस अभियान में शामिल सरकारी प्रतिनिधियों के प्रयासों की सराहना की। श्री मोदी ने अंत में कहा, “पूरी ईमानदारी से डटे रहो, गांव-गांव तक पहुंचते रहो। विकसित भारत संकल्प यात्रा सबका प्रयास से ही पूरी होगी।” गाजियाबाद में कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आजादी के बाद कई प्रधानमंत्रियों ने देश का कामकाज संभाला और देश को आगे ले जाने की कोशिश की, लेकिन 2014 में जब से श्री मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है, देश को आगे ले जाने के उनके जुनून, पारदर्शिता के प्रति दृढ़ संकल्प और गरीबों के प्रति संवेदनशीलता के लिए उनकी सराहना की गई है। आमतौर पर सरकारें योजनाएं ��र घोषणाएं तो करती हैं, लेकिन क्रियान्वयन पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जाता। यह प्रधानमंत्री श्री मोदी की संवेदनशीलता का ही परिचायक है कि एक ओर वे योजनाओं की परिकल्पना करते हैं, निर्माण करते हैं और फिर शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए कड़ी मेहनत भी करते हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा इसका उदाहरण है। यह कार्यक्रम सिर्फ लाभार्थियों को लाभ बांटने तक ही सीमित नहीं है। प्रधानमंत्री की परिकल्पना है कि देश 2047 तक विकसित भारत में तब्दील हो जाए। यह एक बड़ा और व्यापक अभियान है। यदि देश का प्रत्येक नागरिक और सभी वर्ग के लोग इस अभियान से जुड़कर आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे तो भविष्य में हमारा देश वैश्विक मानचित्र पर सर्वश्रेष्ठ भारत के रूप में स्थापित हो सकेगा। विकसित भारत संकल्प यात्रा के संचालन के लिए लगभग 3 हजार वाहन रथ के रूप में उपलब्ध कराए गए हैं, जो प्रतिदिन लगभग छह हजार गांवों तक पहुंचेंगे। नवंबर में शुरू हुई यह यात्रा 26 जनवरी तक चलेगी।
श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री इस यात्रा के माध्यम से यह प्रयास करना चाहते हैं कि गरीबों के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए बनाई गई योजनाएं आम जनता तक पहुंचे और पात्र लोगों को उनका लाभ मिले। प्रधानमंत्री ने विकास की दौड़ में पिछड़े जिलों का चयन कर उन्हें आकांक्षी जिले का नाम दिया, ताकि वे दूसरों के बराबर आ सकें। आदिवासियों को न्याय और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए योजनाएं शुरू की गईं। प्रधानमंत्री श्री मोदी जो भी कहते हैं उसका जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हैं। 15 अगस्त को अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि सरकार ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देगी और महिलाओं को 15 हजार ड्रोन मुहैया कराएगी। इस ड्रोन दीदी के माध्यम से महिलाएं सशक्त होंगी, आत्मनिर्भर बनेंगी, रोजगार सृजन से उनकी आजीविका में सुधार होगा। साथ ही खेती में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ने से खेती में भी सुधार आएगा। आज इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। 15 अगस्त को उन्होंने यह भी कहा था कि देश ��ें 10 हजार जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। आज देवघर में 10000वें केंद्र के उद्घाटन के साथ ही जन औषधि केंद्रों की संख्या 25 हजार हो जायेगी। जन औषधि केंद्र के बारे में सभी जानते हैं कि जो दवाएं आमतौर पर बाजार में 100 रुपये में मिलती हैं, वे इन केंद्रों पर आधे दाम पर मिलती हैं, कुछ दवाएं तो सिर्फ 10 रुपये में मिलती हैं। इनकी स्थापना के बाद से आम आदमी का दवाइयों पर होने वाला खर्च लाखों रुपये कम हो गया है और लोग इस राशि का उपयोग अन्य कार्यों में कर रहे हैं। अगर देश में 25 हजार जन औषधि केंद्र हो जाएंगे तो देशवासियों को बड़ी सुविधाएं मिलेंगी और उनका बहुत फायदा होगा। श्री तोमर ने कहा कि देशभर में लगभग 90 लाख स्वयं सहायता समूहों से लगभग 10 करोड़ बहनें जुड़ी हुई हैं, जो न केवल अपने जीवन में बदलाव ला रही हैं बल्कि समाज सेवा और गांवों के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उनकी क्षमताओं को बढ़ाने और उनकी आजीविका में सुधार के लिए ड्रोन दीदी कार्यक्रम का विचार अद्भुत है। जब खेतों में यूरिया, डीएपी और कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है तो इसका असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। साथ ही कुछ स्थानों पर अधिक और कम छिड़काव जैसा असंतुलन भी रहता है, लेकिन जब ड्रोन का उपयोग बढ़ेगा तो स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव कम होगा और उर्वरक की खपत भी कम होगी। विकल्प के रूप में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का इस्तेमाल भी बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किसान सम्मान निधि के माध्यम से देश के लगभग 11 करोड़ किसानों के खातों में 15 किश्तों में 2.80 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से 9 करोड़ से ज्यादा बहनों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने का काम किया गया है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से देश के 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर बना और दुनिया से लेने के बजाय उसे दे सकता है। दुनिया का एक बड़ा हिस्सा आज मदद के लिए भारत की ओर देखता है। By PIB Press Release कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय,On: 30 NOV 2023 7:03PM by PIB Delhi Read the full article
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Hindi AECC -A Assignment
By -Khyati Kaur Arora
Roll number - 22/0128
हिंदी की स्थिति :
हिंदी न केवल एक भाषा ही नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, सांस्कृतिक विरासत, और संस्कारों का सच्चा प्रतीक भी है। इस सरल, सहज, और सुगम भाषा का अद्वितीयता कारण हिंदी को विश्व की संभावना से भरा बनाता है, जिसे दुनियाभर में समझने, बोलने, और पसंद करने वाले लोगों की अधिकांश संख्या है। यह दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जो हमारे परंपरागत ज्ञान, प्राचीन सभ्यता, और आधुनिक प्रगति के साथ एक संबंध बनाए रखती है। हिंदी, भारत संघ की राजभाषा के रूप में ही नहीं, बल्कि ग्यारह राज्यों और तीन संघ शासित क्षेत्रों की प्रमुख भाषा भी है। संविधान की ��ठवीं अनुसूची में शामिल अन्य इक्कीस भाषाओं के साथ हिंदी को विशेष महत्व है।
देश में तकनीकी और आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ, अंग्रेजी का प्रभाव दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है, हालांकि हिन्दी देश की राजभाषा है। यह विकृति के कारण है कि लोग, हिन्दी को जानते हुए भी, इसे बोलने, पढ़ने, या काम करने में हिचकिचा रहते हैं। सरकार की प्रयास है कि हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए उचित माहौल प्रदान किया जाए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए राजभाषा विभाग की विशेष भूमिका है, जो हिंदी के विकास में योगदान कर रहा है।
राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने राजभाषा विभाग की स्थापना की है। इस दिशा में, सरकार प्रयासरत है कि केंद्र सरकार के अधीन कार्य करने वाले विभागों में अधिक से अधिक कार्य हिंदी में हों। राजभाषा विभाग ने हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य है हिन्दी को प्रोत्साहित करना। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था और इसी दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था।
14 सितंबर, 2017 को राजभाषा विभाग ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया। इस उपलक्ष्य में, राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने देशभर के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, और कार्यालयों के प्रमुखों को राजभाषा कार्यान्वयन में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा, “हिन्दी अनुवाद की नहीं, बल्कि संवाद की भाषा है। हिन्दी मौलिक सोच की भाषा है। आज सरकार के कर्मचारियों और नागरिकों को मौलिक पुस्तक लेखन के लिए पुरस्कार मिलना मेरे लिए एक बड़ी खुशी है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सभी देशवासियों को “हिन्दी दिवस” के अवसर पर बधाई दी। इस मौके पर राजभाषा विभाग ने सी डैक के सहयोग से तैयार किए गए लर्निंग इंडियन लैंग्वेज विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (लीला) के मोबाइल ऐप का लोकार्पण किया। इस ऐप के माध्यम से देशभर में विभिन्न भाषाओं के माध्यम से लोगों को हिंदी सीखने में सुविधा होगी और हिंदी भाषा को समझना, सीखना और कार्य करना सरल होगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके लिए राजभाषा विभाग को सराहना की, ‘लीला मोबाइल ऐप‘ के जरिये हिन्दी सीखने की ऑनलाइन सुविधा लोगों तक पहुँचाने के लिए मैं राजभाषा विभाग की प्रशंसा करता हूँ।’
हिंदी दिवस के अवसर पर सरकारी विभागों में हिंदी की प्रतिय��गिताएं आयोजित की जाती हैं और हिंदी प्रोत्साहन सप्ताह का आयोजन भी होता है। सरकार ने हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कई पुरस्कार योजनाएं शुरू की हैं। "राजभाषा कीर्ति पुरस्कार योजना" के अंतर्गत विभिन्न विभागों को हिंदी में उत्कृष्ट कार्य के लिए शील्ड प्रदान की जाती है। हिंदी में लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार की भी ��्यवस्था है। सरकार द्वारा आधुनिक ज्ञान ��र विज्ञान में हिंदी में पुस्तक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए भी पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। इन प्रोत्साहन योजनाओं से हिंदी के विकास में बढ़ोतरी हो रही है।
केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के राजभाषा विभाग ने कदम उठाए हैं। कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करना अब और भी आसान हो गया है जिसका परिणामस्वरूप राजभाषा विभाग द्वारा विकसित की गई वेब आधारित सूचना प्रबंधन प्रणाली है। इससे भारत सरकार के सभी कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग से संबंधित तिमाही प्रगति रिपोर्ट तथा अन्य रिपोर्टें राजभाषा विभाग को त्वरित गति से भेजी जा सकती हैं। सभी मंत्रालयों और विभागों ने अपनी वेबसाइटें हिंदी में तैयार कर ली हैं।
देश की स्वतंत्रता से लेकर हिन्दी ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की हैं। भारत सरकार द्वारा विकास योजनाओं तथा नागरिक सेवाएं प्रदान करने में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। हिंदी तथा प्रांतीय भाषाओं के माध्यम से हम बेहतर जन सुविधाएं लोगों तक पहुंचा सकते हैं। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय द्वारा ‘‘विश्व हिंदी सम्मेलन’’ और अन्य अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के माध्यम से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा ‘‘प्रवासी भारतीय दिवस’’ मनाया जाता है जिसमें विश्व भर में रहने वाले प्रवासी भारतीय भाग लेते हैं। विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम से भारतीय मूल्यों का विश्व में और अधिक विस्तार हो रहा है। विश्वभर में करोड़ों की संख्या में भारतीय समुदाय के लोग एक संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी को एक नई पहचान मिली है। यूनेस्को की सात भाषाओं में हिंदी को भी मान्यता मिली है।
भारतीय विचार और संस्कृति का वाहक होने का श्रेय हिन्दी को ही जाता है। आज संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं में भी हिंदी की गूंज सुनाई देने लगी है। पिछले वर्ष सितंबर माह में हमारे प्रधानमंत्री द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में ही अभिभाषण दिया गया था। विश्व हिंदी सचिवालय विदेशों में हिंदी का प्रचार-प्रसार करने और संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए कार्यरत है। उम्मीद है कि हिंदी को शीघ्र ही संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा भी प्राप्त हो सकेगा।
हिंदी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। सभी भारतीय भाषाओं की बड़ी बहन होने के नाते हिंदी विभिन्न भाषाओं के उपयोगी और प्रचलित शब्दों को अपने में समाहित करके सही मायनों में भारत की संपर्क भाषा होने की भूमिका निभा रही है। हिंदी जन-आंदोलनों की भी भाषा रही है। हिंदी के महत्त्व को गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगो�� ने बड़े सुंदर रूप में प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा था, ‘भारतीय भाषाएं नदियां हैं और हिंदी महानदी’। हिंदी के इसी महत्व को देखते हुए तकनीकी कंपनियां इस भाषा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही हैं। यह खुशी की बात है कि सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। आज वैश्वीकरण के दौर में, हिंदी विश्व स्तर पर एक प्रभावशाली भाषा बनकर उभरी है। आज पूरी दुनिया में 175 से अधिक विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा पढ़ाई जा रही है। ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकें बड़े पैमाने पर हिंदी में लिखी जा रही है। सोशल मीडिया और संचार माध्यमों में हिंदी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है।
भाषा का विकास उसके साहित्य पर निर्भर करता है। आज के तकनीकी युग में विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी हिंदी में काम को बढ़ावा देना चाहिए ताकि देश की प्रगति में ग्रामीण जनसंख्या सहित सभीकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। इसके लिए यह अनिवार्य है कि हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में तकनीकी ज्ञान से संबंधित साहित्य का सरल अनुवाद किया जाए। इसके लिए राजभाषा विभाग ने सरल हिंदी शब्दावली भी तैयार की है। राजभाषा विभाग द्वारा राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन योजना के द्वारा हिंदी में ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकों के लेखन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे हमारे विद्यार्थियों को ज्ञान-विज्ञान संबंधी पुस्तकें हिंदी में उपलब्ध होंगी। हिन्दी भाषा के माध्यम से शिक्षित युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हो सकें, इस दिशा में निरंतर प्रयास भी जरूरी है।
भाषा वही जीवित रहती है जिसका प्रयोग जनता करती है। भारत में लोगों के बीच संवाद का सबसे बेहतर माध्यम हिन्दी है। इसलिए इसको एक-दूसरे में प्रचारित करना चाहिए। इस कारण हिन्दी दिवस के दिन उन सभी से निवेदन किया जाता है कि वे अपने बोलचाल की भाषा में भी हिंदी का ही उपयोग करें। हिंदी भाषा के प्रसार से पूरे देश में एकता की भावना और मजबूत होगी।
हिन्दी भाषा का इतिहास:
हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। सामान्यतः प्राकृत की अन्तिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिन्दी साहित्य का आविर्भाव स्वीकार किया जाता है। उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे और उनमें सातवीं-आठवीं शताब्दी से ही 'पद्य' रचना प्रारम्भ हो गयी थी। हिन्दी भाषा व साहित्य के जानकार अपभ्रंश की अंतिम अवस्था 'अवहट्ट' से हिन्दी का उद्भव स्वीकार करते हैं।[1] चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' ने इसी अवहट्ट को 'पुरानी हिन्दी' नाम दिया।
साहित्य की दृष्टि से पद्यबद्ध जो रचनाएँ मिलती हैं वे दोहा रूप में ही हैं और उनके विषय, धर्म, नीति, उपदेश आदि प्रमुख हैं। राजाश्रित कवि और चारण नीति, श��ंगार, शौर्य, पराक्रम आदि के वर्णन से अपनी साहित्य-रुचि का परिचय दिया करते थे। यह रचना-परम्परा आगे चलकर शौरसेनी अपभ्रंश या प्राकृताभास हिन्दी में कई वर्षों तक चलती रही। पुरानी अपभ्रंश भाषा और बोलचाल की देशी भाषा का प्रयोग निरन्तर बढ़ता गया। इस भाषा को विद्यापति ने 'देसी भाषा' कहा है, किन्तु यह निर्णय करना सरल नहीं है कि 'हिन्दी' शब्द का प्रयोग इस भाषा के लिए कब और किस देश में प्रारम्भ हुआ। हाँ, इतना अवश्य कहा जा सकता है कि प्रारम्भ में 'हिन्दी' शब्द का प्रयोग विदेशी मुसलमानों ने किया था। इस शब्द से उनका तात्पर्य 'भारतीय भाषा' का था।
हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य (roop):
हिंदी पट्टी के रूप में भी जाना जाता है, उत्तरी, मध्य, पूर्वी और पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों को शामिल करने वाला एक भाषाई क्षेत्र है जहां विभिन्न केंद्रीय हिन्द-आर्य भाषाओं को 'हिंदी' शब्द के तहत सम्मिलित किया जाता है (उदाहरण के लिए, भारतीय जनगणना द्वारा) बोली जाने।हिंदी बेल्ट का उपयोग कभी-कभी नौ भारतीय राज्यों को संदर्भित करने के लिए भी किया जाता है, जिनकी आधिकारिक भाषा हिंदी है, अर्थात् बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का क्षेत्र।
1. बम्बइया हिन्दी:
बंबई हिन्दी या बम्बइया हिन्दी का ही एक प्रकार है जो मुम्बई में बोली जाती है। "बॉम्बे हिन्दी " को बोलचाल की भाषारूप में देशी वक्ताओं की युवा पीढ़ी उपयोग करती है।[1] इस बोली में भारत की अन्य भाषाओं: मराठी, हिन्दी, गुजराती ,अंग्रेज़ी तथा अन्य भाषाओं के अंशों व उच्चारणों को भी शामिल किया गया है।
इस तरह की कई स्थानीय बोलियों को दुनिया भर के महानगरीय शहरों ने विकसित किया है, वहीं बंबई हिंदी व्यापक रूप से बॉलीवुड फिल्मों में अपने लगातार उपयोग के परिणाम स्वरुप भारत में काफी जानी जाती है। प्रारंभ में, इस बोली को फिल्मों में बदमाश और गंवार वर्णों का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक सोमा ए चट्टर्जी के शब्दों में "भारतीय फिल्मों की विशेषता है कि इसमें पत्रों द्वारा बोले जाने वाली भाषा, उनकी सामाजिक स्थिति, उनकी जाति, सांप्रदायिकता, व्यवसाय, वित्तीय स्थिति आदि के अनुसार ही होती है।"
2. कलकतिया हिन्दी:
यह हिन्दी कलकत्ते की है।इसका मूल आधार तो मानक हिन्दी है किंतु स्वभावत: इस पर बँगला का प्रभाव काफ़ी है।हिन्दी क्षेत्र के भोजपुर प्रदेश के काफ़ी लोग कलकत्ते में बस गए हैं, इसीलिए उनका भी प्रभाव इस पर है।यह भी किसी की मातृबोली न होकर मात्र सामान्य बोलचाल की भाषा है।कलकत्ते में बँगला के बाद इसी का प्रयोग सर्वाधिक होता है।उपर्युक्त बोलियों की तरह ही भारत के अन्य बड़े नगरों जैसे अहमदाबाद, कटक आदि में भी उपर्युक्त प्रकार की स्थानीय प्रभावों से युक्त टूटी-फूटी हिन्दी बोली और समझी जाती है।
3. हैदराबादी:
हैदराबाद शहर हिंदू , मुस्लिम , आंध्र और तेलंगाना संस्कृतियों के मिश्रण के रूप में भारत में एक अद्वितीय स्थान रखता है । जाहिर है, "हैदराबादी हिंदी" उर्दू , हिंदी और तेलुगु के मिश्रण से अपना अनूठा स्वाद प्राप्त करती है । हैदराबादी होने का सबसे अच्छा हिस्सा जीवन भर प्रफुल्लित करने वाली हिंदी बातचीत का अनुभव करना है। पिछले कुछ वर्षों में, भाषा ने इतना महत्व प्राप्त कर लिया है कि इसके बिना किसी स्थान से जुड़ना मुश्किल हो जाता है। हमारे यहाँ अपना जॉनी है, जिसे 'हौला' (गूंगा-सिर या मूर्ख) कहा जाता है। जो कोई भी बातचीत में इस 'हौला' भाग को प्रतिबिंबित करता है, उसे 'हौलापन' से पीड़ित माना जाता है! “हौलेपने की बातें मत करो यारों!” (मूर्ख मत बनो या मूर्खतापूर्ण बात मत करो)। ध्यान दें, 'यारों' को एकवचन और बहुवचन दोनों में लगाया जा सकता है!
हैदराबाद में एकवचन-बहुवचन की अवधारणा बिल्कुल अलग है । यहाँ शब्द को बहुवचन बनाने के लिए उसके अंत में 's' प्रत्यय लगाने की आवश्यकता नहीं है। पारंपरिक 'एस' को 'आन' से बदल दिया गया है, उदाहरण के लिए - बोतलान, फ़ोनान या लोगान। “ऊनो पानी के बोतलां लेके आरा!” विडंबना यह है कि एक बार जब आप कुछ दिनों के लिए यहां रुकते हैं, तो यदि आपको बहुवचनों को 'एस' के साथ संदर्भित करना पड़ता है, तो आप असहज महसूस करते हैं, खासकर जब आप हिंदी में बात कर रहे हों।
सम्पर्क भाषा के रूप में हिंदी:
भारत एक बहुभाषी देश है और बहुभाषा-भाषी देश में सम्पर्क भाषा का विशेष महत्त्व है। अनेकता में एकता हमारी अनुपम परम्परा रही है। वास्तव में सांस्कृतिक दृष्टि से सारा भारत सदैव एक ही रहा है। हमारे इस विशाल देश में जहाँ अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न भाषाएँ बोली जाती हैं और जहाँ लोगों के रीति-रीवाजों, खान-पान, पहनावे और रहन-सहन तक में भिन्नता हो वहाँ सम्पर्क भाषा ही एक ऐसी कडी है जो एक छोर से दूसरे छोर के लोगों को जोड़ने और उन्हें एक दूसरे के समीप लाने का काम करती हैडॉ. भोलानाथ तिवारी ने सम्पर्क भाषा के प्रयोग क्षेत्र को तीन स्तरों पर विभाजित किया है : एक तो वह भाषा जो एक राज्य (जैसे महाराष्ट्र या असम) से दूसरे राज्य (जैसे बंगाल या असम) के राजकीय पत्र-व्यवहार में काम आएदूसरे वह भाषा जो केन्द्र और राज्यों के बीच पत्र-व्यवहारों का माध्यम होऔर तीसरे वह भाषा जिसका प्रयोग एक क्षेत्र/प्रदेश का व्यक्ति दूसरे क्षेत्र/प्रदेश के व्यक्ति से अपने निजी कामों में करें।
सम्पर्क भाषा के रूप में Hindi :
भारत एक बहुभाषी देश है और बहुभाषा-भाषी देश में सम्पर्क भाषा का विशेष महत्त्व है। अनेकता में एकता हमारी अनुपम परम्परा रही है। वास्तव में सांस्कृतिक दृष्टि से सारा भारत सदैव एक ही रहा है। हमारे इस विशाल देश में जहाँ अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न भाषाएँ बोली जाती हैं और जहाँ लोगों के रीति-रीवाजों, खान-पान, पहनावे और रहन-सहन तक में भिन्नता हो वहाँ सम्पर्क भाषा ही एक ऐसी कडी है जो एक छोर से दूसरे छोर के लोगों को जोड़ने और उन्हें एक दूसरे के समीप लाने का काम करती हैडॉ. भोलानाथ तिवारी ने सम्पर्क भाषा के प्रयोग क्षेत्र को तीन स्तरों पर विभाजित किया है : एक तो वह भाषा जो एक राज्य (जैसे महाराष्ट्र या असम) से दूसरे राज्य (जैसे बंगाल या असम) के राजकीय पत्र-व्यवहार में काम आएदूसरे वह भाषा जो केन्द्र और राज्यों के बीच पत्र-व्यवहारों का माध्यम होऔर तीसरे वह भाषा जिसका प्रयोग एक क्षेत्र/प्रदेश का व्यक्ति दूसरे क्षेत्र/प्रदेश के व्यक्ति से अपने निजी कामों में करें।
आजादी की लड़ाई लड़ते समय हमारी यह कामना थी कि स्वतंत्र राष्ट्र की अपनी एक राष्ट्रभाषा होगी जिससे देश एकता के सूत्र में सदा के लिए जुड़ा रहेगामहात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आदि सभी महापुरुषों ने एक मत से इसका समर्थन किया, क्योंकि हिन्दी हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक आन्दोलनों की ही नहीं अपितु राष्ट्रीय चेतना एवं स्वाधीनता आन्दोलन की अभिव्यक्ति की भाषा भी रही है।
भारत में हिन्दी बहुत पहले सम्पर्क भाषा के रूप में रही है और इसीलिए यह बहुत पहले से 'राष्ट्रभाषा' कहलाती है क्योंकि हिन्दी की सार्वदेशिकता सम्पूर्ण भारत के सामाजिक स्वरूप का प्रतिफल है। भारत की विशालता के अनुरूप ही ��ाष्ट्रभाषा विकसित हुई है जिससे उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम कहीं भी होने वाले मेलों- चाहे वह प्रयाग में कुंभ हो अथवा अजमेर शरीफ की दरगाह हो या विभिन्न प्रदेशों की हमार�� सांस्कृतिक एकता के आधार स्तंभ तीर्थस्थल हों- सभी स्थानों पर आदान-प्रदान की भाषा के रूप में हिन्दी का ही अधिकतर प्रयोग होता है। इस प्रकार इन सांस्कृतिक परम्पराओं से हिन्दी ही सार्वदेशिक भाषा के रूप में लोकप्रिय है विशेषकर दक्षिण और उत्तर के सांस्कृतिक सम्बन्धों की दृढ़ शृंखला के रूप में हिन्दी ही सशक्त भाषा बनीं। हिन्दी का क्षेत्र विस्तृत है।
सम्पर्क भाषा हिन्दी का आयाम, जनभाषा हिन्दी, सबसे व्यापक और लोकप्रिय है जिसका प्रसार क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर से बढ़कर भारतीय उपमहाद्वीप तक है। शिक्षित, अर्धशिक्षित, अशिक्षित, तीनों वर्गों के लोग परस्पर बातचीत आदि के लिए और इस प्रकार मौखिक माध्यम में जनभाषा हिन्दी का व्यवहार करते हैं। भारत की लिंग्वे फ्रांका, लैंग्विज आव वाइडर कम्युनिकेशन, पैन इंडियन लैंग्विज, अन्तर प्रादेशिक भाषा, लोकभाषा, भारत-व्यापी भाषा, अखिल भारतीय भाषा- ये नाम 'जनभाषा हिन्दी के लिए प्रयुक्त होते हैं। हमारे देश की बहुभाषिकता के ढाँचे में हिन्दी की विभिन्न भौगोलिक और सामाजिक क्षेत्रों के अतिरिक्त भाषा-व्यवहार के क्षेत्रों में भी सम्पर्क सिद्धि का ऐसा प्रकार्य निष्पादित कर रही है जिसका, न केवल कोई विकल्प नहीं, अपितु जो हिन्दी की विविध भूमिकाओं को समग्रता के साथ निरूपित करने में भी समर्थ है।
निष्कर्ष
वास्तव में भाषा सम्पर्क की स्थिति ही किसी सम्पर्क भाषा के उद्भव और विकास को प्रेरित करती है या एक सुप्रतिष्ठित भाषा के सम्पर्क प्रकार्य को संपुष्ट करती है। हिन्दी के साथ दोनों स्थितियों का सम्बन्ध है। आन्तरिक स्तर पर हिन्दी अपनी बोलियों के व्यवहारकर्ताओं के बीच सम्पर्क की स्थापना करती रही है और अब भी कर रही है, तथा बाह्य स्तर पर वह अन्य भारतीय भाषा भाषी समुदायों के मध्य एकमात्र सम्पर्क भाषा के रूप में उभर आई है जिसके अब विविध आयाम विकसित हो चुके हैंकुल मिलाकर हिन्दी का वर्तमान गौरवपूर्ण हैउसकी भूमिका आज भी सामान्य-जन को जोड़ने में सभी भाषाओं की अपेक्षा सबसे अधिक कारगर है।
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"SSC Combined Graduate Level (CGL) Tier-I" by GKP Audiobook- Audicate
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शीर्षक: "GKP द्वारा 'SSC संयुक्त स्नातक स्तर (CGL) टियर-I' के साथ SSC CGL Tier-I को पार करें"
परिचय
कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त स्नातक स्तर (SSC CGL) Tier-I परीक्षा भारत में सरकारी नौकरियों के प्रतिष्ठित द्वार खोलती है, जो एक उच्च प्रतिस्पर्धी परीक्षा है। इस परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए, आपको व्यापक और विश्वसनीय अध्ययन सामग्री की आवश्यकता है। "GKP (Guha's Publication) द्वारा 'SSC संयुक्त स्नातक स्तर (CGL) टियर-I'" एक शीर्षक संसाधित स्रोत है, जो आपकी मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। और बेहतर बात यह है कि इस महत्वपूर्ण पुस्तक का ऑडियोबुक्स संस्करण Audicate ऐप पर उपलब्ध है, जिससे आपकी SSC CGL Tier-I परीक्षा की तैयारी को और भी पहुँचने और सुविधाजनक बना दिया जाता है।
GKP (Guha's Publication) के बारे में
GKP, जिसे गुहा की प्रकाशन के रूप में जाना जाता है, प्रतिस्पर्धी परीक्षा की तैयारी के क्षेत्र में एक भरोसेमंद नाम है। उनकी किताबें अपनी सटीकता, व्यापक कवरेज, और प्रभाव से प्रसिद्ध हैं, जो उम्मीदवारों को सफलता की ओर उनकी यात्रा में मदद करने में मदद करती हैं।
"SSC संयुक्त स्नातक स्तर (CGL) टियर-I" की मुख्य विशेषताएँ
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ा रणनीति**: पुस्तक में परीक्षा रणनीति, समय प्रबंधन, और प्रभावी प्रश्न-समाधान तकनीकों के मूल्यवान दर्शन शामिल हैं।
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Facebook Twitter Instagram Ban| क्या ये Facebook Twitter Instagram भारत में कल से हो जाएंगे बंद?
अगर आप सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं। तो आपने Facebook Twitter Instagram Ban होने जैसी कुछ न्यूज़ पढ़ी या सुनी होगी। इस पोस्ट में मैं आपको इसी के बारे पूरी जानकारी देने जा रहा हूँ।
फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया दिग्गजों को भारत में प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है यदि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए मध्यस्थ दिशानिर्देशों (intermediary guidelines) का पालन करने में विफल रहते हैं। इन दिशानिर्देशों को स्वीकार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITy) द्वारा दी गई तीन महीने की समय सीमा आज यानी 25 मई को समाप्त हो रही है। लेकिन अभी तक किसी भी दिग्गज ने नए नियमों को स्वीकार नहीं किया है। इन कंपनियों द्वारा अपने कार्यान्वयन में कुल छह महीने की देरी की मांग के बावजूद नियम कल से प्रभावी होंगे।
घरेलू सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू, जो कि ट्विटर का भारतीय संस्करण है, एकमात्र ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसने अब तक केंद्र के intermediary guidelines को स्वीकार किया है।यहाँ समझिये Online News और social media regulation पर भारत सरकार के दिशा-निर्देश क्या हैं?
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि नियमों का पालन नहीं करने पर सरकार उनके खिलाफ देश के कानून के मुताबिक कार्रवाई भी कर सकती है.
इस बीच, फेसबुक ने संकेत दिया है कि वह आईटी नियमों का पालन करेगा। “हमारा उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है और कुछ ऐसे मुद्दों पर चर्चा करना जारी रखना है जिनके लिए सरकार के साथ अधिक जुड़ाव की आवश्यकता है। आईटी नियमों के अनुसार, हम परिचालन प्रक्रियाओं को लागू करने और दक्षता में सुधार करने के लिए काम कर रहे हैं। फेसबुक प्रतिबद्ध है लोगों की स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से हमारे मंच पर खुद को व्यक्त करने की क्षमता, “कंपनी के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा।
फरवरी में नए नियमों की घोषणा की गई थी, जिसमें मुख्य अनुपालन ��धिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और निवासी शिकायत अधिकारी की नियुक्ति सहित अतिरिक्त उचित परिश्रम का पालन करने के लिए ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की आवश्यकता होती है।
अधिकारियों का सुझाव है कि शिकायतों के लिए सार्वजनिक संपर्क के महत्व और अनुरोधों के लिए एक acknowledgement system की आवश्यकता को देखते हुए, नियमों के लागू होने के पहले दिन से एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण आवश्यकता होगी।
25 फरवरी को, सरकार ने सोशल मीडिया फर्मों के लिए कड़े नियमों की घोषणा की थी, जिसमें उन्हें 36 घंटे के भीतर अधिकारियों द्वारा किसी भी फ्लैग्ड सामग्री को हटाने और देश में स्थित एक अधिकारी के साथ एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता थी।
सरकार ने ‘significant social media intermediary’ को परिभाषित करने के लिए 50 लाख पंजीकृत उपयोगकर्ताओं को सीमा के रूप में निर्धारित किया था, जिसका अर्थ है कि ट्विटर, फेसबुक और Google जैसे बड़े खिलाड़ियों को अतिरिक्त मानदंडों का पालन करना होगा। फरवरी में दिशानिर्देशों की घोषणा करते हुए, सरकार कहा था कि नए नियम तुरंत प्रभावी होते हैं, जबकि महत्वपूर्ण सोशल मीडिया प्रदाताओं (उपयोगकर्ताओं की संख्या के आधार पर) को अनुपालन शुरू करने से पहले तीन महीने का समय मिलेगा।
महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनियों को एक मासिक अनुपालन रिपोर्ट भी प्रकाशित करनी होगी जिसमें प्राप्त शिकायतों और की गई कार्रवाई के विवरण के साथ-साथ सक्रिय रूप से हटाई गई सामग्री का विवरण भी होगा। उन्हें भारत में एक भौतिक संपर्क पता अपनी वेबसाइट या मोबाइल ऐप, या दोनों पर प्रकाशित करने की भी आवश्यकता होगी।
सरकार द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत में 53 करोड़ व्हाट्सएप उपयोगकर्ता, 44.8 करोड़ YouTube उपयोगकर्ता, 41 करोड़ फेसबुक ग्राहक, 21 करोड़ इंस्टाग्राम ग्राहक हैं, जबकि 1.75 करोड़ खाताधारक माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर हैं। कू के करीब 60 लाख उपयोगकर्ता हैं, जिसने नए दिशानिर्देशों के तहत एक प्रमुख social media intermediary बनाया है।
Congress toolkit विवाद क्या है?
Congress toolkit विवाद में, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ट्विटर इंडिया के स्थानीय कार्यालयों का दौरा किया, जब ट्विटर ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को “हेरफेर मीडिया” के रूप में चिह्नित किया।
ट्विटर के अनुमानित फैसले ने देश भर में भारतीय उपयोगकर्ताओं के बीच व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है।
सूत्रों ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जिन्हें मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता थी कि कितनी शिकायतें दर्ज की गईं और सुलझाई गईं, ऐसा करने में विफल रही हैं। सूत्रों ने कहा कि कुछ प्लेटफार्मों ने अनुपालन प्रस्तुत करने के लिए छह महीने तक का और समय मांगा है।
भारत ��ैसे लोकतंत्रों में अपने विशाल उपयोगकर्ता आधार और लाभदायक राजस्व के कारण, यूएस-आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बहुत बड़े हो गए हैं। हालांकि, किसी भी प्लेटफॉर्म ने भारत के घरेलू कानूनों का पालन करने के लिए कोई झुकाव नहीं दिखाया है।
इसके बजाय, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने अपने fact-checking mechanism और ट्वीट्स को लेबल करने के उनके मानदंडों के बारे में पारदर्शी होने से इनकार कर दिया है।
फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बनाने के लिए नए नियम पेश किए गए थे – जिन्होंने भारत में पिछले कुछ वर्षों में उपयोग में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है – अपने प्लेटफॉर्म पर होस्ट की गई सामग्री के लिए अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार।
सोशल मीडिया कंपनियों को शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर नग्नता या मॉर्फ्ड फोटो दिखाने वाले पोस्ट को हटाना होगा।
नियम यह भी कहते हैं कि जो उपयोगकर्ता स्वेच्छा से अपने खातों को सत्यापित करना चाहते हैं, उन्हें ऐसा करने के लिए एक उपयुक्त तंत्र दिया जाना चाहिए, और visible mark of verification दिया जाना चाहिए।
जब कोई महत्वपूर्ण social media intermediary स्वयं सामग्री को हटाता है, तो उपयोगकर्ताओं को पूर्व सूचना और स्पष्टीकरण प्रदान करना होगा। ऐसे मामलों में, उपयोगकर्ताओं को मध्यस्थ द्वारा की गई कार्रवाई पर विवाद करने के लिए पर्याप्त और उचित अवसर प्रदान करना होगा।
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What is Digi Locker?
Digi Locker : जैसा कि पूरी दुनिया धीरे-धीरे एक डिजिटल और पेपरलेस प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रही है, पेपरलेस गवर्नेंस के विचार को लक्षित करते हुए भारत सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई है। जैसा कि नाम से पता चलता है, Digi Locker आपके सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को स्टोर करने के लिए एक डिजिटल लॉकर है। यह आपके ड्राइविंग लाइसेंस, शैक्षिक प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के नुकसान या क्षति के जोखिम को भी कम करेगा।
आइए हम Digi Locker की कार्यक्षमता के बारे में गहराई से जानें ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह कैसे काम करेगा और उपयोगकर्ताओं को लाभ पहुंचाएगा।
डिजिलॉकर क्या है? (What is Digi Locker)
डिजिलॉकर डिजिटल इंडिया के तहत भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक क्लाउड आधारित दस्तावेज़ प्रणाली है। यह फिजिकल दस्तावेजों के उपयोग को समाप्त करता है। आप डिजिलॉकर मोबाइल ऐप के दवारा सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज ले जा सक���े हैं। E-copies को फिजिकल दस्तावेजों की तरह वैलिड माना जायेगा। Digi Locker में रजिस्टर्ड सभी Organizations और सरकारी अथॉरिटी डाक्यूमेंट्स की कॉपी को वेरीफाई कर सकते है। आप अपनी वोटर आईडी, आधार कार्ड, पैन कार्ड, शैक्षिक प्रमाण पत्र, जीवन बीमा पॉलिसी के दस्तावेजों को इसमें सुरक्षित तरीके से स्टोर कर सकते है
यह कैसे काम करता है?
नागरिक दस्तावेजों को डिजिटल रूप से स्कैन और स्टोर कर सकते हैं। प्रत्येक नागरिक को 1 जीबी (गीगाबाइट) क्लाउड स्टोरेज दिया जाएगा। आप ई-हस्ताक्षर सुविधा का उपयोग करके दस्तावेज़ों की हस्ताक्षरित प्रतियाँ भी संग्रहीत कर सकते हैं। Digi Locker के लिए साइन अप करना आसान और सीधा है। अपने मोबाइल फोन पर ऐप डाउनलोड करें। आपका मोबाइल नंबर या आधार नंबर एक ओटीपी द्वारा प्रमाणित किया जाएगा जो आपको प्राप्त होगा। सुरक्षा के उद्देश्य से आपको अपना पिन सेट करना होगा। एक बार साइन अप पूरा हो जाने के बाद, आप जारीकर्ता से दस्तावेज़ प्राप्त कर सकते हैं या इसे अपने डिजिटल लॉकर में स्टोर कर सकते हैं।
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प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना 2023
प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना, प्रधानमंत्री 10,000 लोन योजना pm svanidhi 20,000 loan pm svanidhi loan 50,000 स्वनिधी योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन List pm svanidhi 20,000 loan apply online स्वनिधी योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन Status
प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना क्या है
इस साल कोरोना वायरस के कारण आम जनता और निचले स्तर के कारोबारीयों को व्यवसाय में बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। उनकी इस समस्या को देखते हुए 1 जून 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा स्वनिधि योजना शुरू की गई। इस योजना का पूरा नाम प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना है। इस योजना में नाई,मोची,पान की दूकानें,वेंडर,हॉकर,ठेले वाले,रेहड़ी वाले,फलवाले,कपड़े की दूकानें और अन्य छोटे छोटे दुकानदारों को लोन उपलब्ध कराया जायेगा। यह लोन बहुत कम ब्याज दर पर प्रदान किया जायेगा और यह लोन बहुत ही सस्ता पड़ेगा। इस आर्टिकल में आपको PM स्वनिधि योजना जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना आत्मनिर्भर निधि योजना 2023 का नया अपडेट
इस योजना में देशभर में फैले 3.8 लाख सीएससी केन्द्रों के जरिये रेहड़ी, छोटे कारोबारी को 10000 रुपये तक का कर्ज प्रदान किया जायेगा। सरकार की डिजिटल ई- गवर्नेंस सेवा इकाई सीएससी ई- गवर्नेंस सविर्सिज इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि इस योजना के अंतर्गत कुल 4118397 आवेदन आए हैं। उनमें से 2387276 आवेदनों को मंजूरी दी गई है। 2006147 आवेदनों को 10000 रुपये का कर्ज जारी किया जा चुका है। इस योजना के तहत कर्ज लेने वाले इन उद्यमियों को कर्ज का नियमित रूप से भुगतान करने के लिए प्रोत्साहन किया जायेगा और डिजिटल लेनदेन पर पुरस्कार भी दिया जायेगा।
प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना Mobile App के बारे में
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में देश के स्ट्रीट वेंडर के लिए 17 जुलाई 2020 को पीएम स्वनिधि ऐप लॉन्च किया गया है। अब देश के विक्रेता डायरेक्ट लिंक के माध्यम से पीएम Svanidhi Mobile App को अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड कर सकते हैं और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए इस योजना के अंतर्गत आसानी से आवेदन कर सकते है। इस नये ऐप का डेवलेपमेंट स्ट्रीट वेंडर्स के लोन एप्लिकेशन की सोर्सिंग और प्रोसेसिंग के लिए किया गया है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि ऐप की विशेषताएं
- विक्रेता की खोज करना - आवेदकों की ई-केवाईसी होना - ऋण आवेदनों का स्टेटस जानना - निगरानी करना
प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना के क्या-क्या लाभ है
इस सरकारी योजना में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले वे व्यक्ति जो सड़क के किनारे माल बेचते हैं,वे इस योजना में वे इस योजना का लाभ ले सकते है।स्ट्रीट वेंडर लोन योजना पीएम स्वनिधी योजना में देश के स्ट्रीट वेंडर 10000 रुपए तक का लोन ले सकते हैं। जिसे वह साल भर में आसान किस्तों में चुका सकते हैं। इस शासकीय योजना में देश के लगभग 50 लाख से भी अधिक लोगों को लाभ पहुंचाया जाएगा। इस गवर्नमेंट योजना में लोन लेने वाला व्यक्ति यदि लोन को समय से पहले चुका देता है तो सरकार के द्वारा सात प्रतिशत का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के रूप में उनके बैंक एकाउंट में जमा किया जाएगा। लोन लेने वाले लोगों को डिजिटल पेमेंट प्रक्रिया अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें मोनेटरी रिवार्ड्ज के माध्यम से पुरस्कार भी प्रदान किये जायेंगे।
प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना जो व्यापारी इस पीएम योजना का लाभ लेना चाहता है। वह योजना के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन और बैंक के माध्यम से ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते है। इस योजना से देश की डगमगाती हुई अर्थव्यवस्था सुधार करने के साथ कोरोना संकट में कारोबारी को आई समस्याओ को समाप्त करने और कारोबार को नए सिरे से शुरू करने में काफी मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री स्वानिधी योजना का लाभ कौन-कौन ले सकता है
- नाई की दुकान वाले - जूता बनाने वाले (मोची) - पान की दुकान - सड़क के किनारे सब्जी बेचने वाले - कपड़े धोने वाले की दुकान (धोबी) - फल सब्जी बेचने वाले - चाय का ठेल��� लगाने वाले - स्ट्रीट फूड विक्रेता - फेरी वाला जो वस्त्र इत्यादि बेचता है - चाऊमीन,ब्रेड पकोड़ा,चाऊमीन,अंडे बेचने वाले विक्रेता - सड़क के किनारे स्टेशनरी लगाने वाले - सभी प्रकार के छोटे -मोटे कारोबारी स्वनिधी योजना Online Apply करने पर व्यापारियों को लोन कौन देगा - अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक - स्मॉल फाइनेंस बैंक - सहकारी बैंक - नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां - माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूंशंस और एसएचजी बैंक
प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आवेदक भारत ���ा स्थाई निवासी होना चाहिए। - आधार कार्ड - वोटर आईडी कार्ड - बैंक अकाउंट पासबुक - मोबाइल नंबर - पासपोर्ट साइज फोटो
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में आवेदन कैसे करें
सबसे पहले आपको योजना की ऑफिसियल वेबसाइट https://pmsvanidhi.gov.in/ पर जाना होगा। ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुल जायेगा। Home Page पर आपको Planning To Apply For Loan का एक ऑप्शन दिखाई देगा। इस ऑप्शन के नीचे आपको View More का एक बटन दिखाई देगा। इस View More पर आप क्लिक करें। जैसे ही आप View More के बटन पर क्लिक करोगे। तो आपके सामने एक नया पेज खुल कर आ जाएगा। जिसमें आपको 3 Step दिखाई देगें। Understand the loan application requirements के ऑप्शन में आपको सबसे नीचे View Download form का एक ऑप्शन दिखाई देगा। View Download Form के ऑप्शन पर क्लिक करते ही आपके सामने स्वनिधि योजना के फॉर्म का पीडीएफ खुल जायेगा। इसी पीडीऍफ़ में Pm स्वानिधि योजना एप्लीकेशन Form दिया गया है। आपको इस एप्लीकेशन फॉर्म में पूछी गयी सभी जानकारी भरनी होगी। इसके बाद आपको एप्लीकेशन के साथ अपने सभी जरुरी डॉक्यूमेंट को अटैच करना होगा। एप्लीकेशन फॉर्म तैयार हो जाने पर बैंक या संस्थानों में जाकर जमा करना होगा।
स्वानिधी योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करते है
प्रधानमंत्री स्वानिधी योजना ऑनलाइन आवेदन की पूरी प्रक्रिया
- सबसे पहले प्रधानमंत्री स्वानिधी योजना पोर्टल http://pmsvanidhi.gov.in/ पर जाएँ। - इस पर दिये हुये Apply for Loan पर क्लिक करें। - इस बटन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक लॉगिन फॉर्म खुल जाएगा। जिसमें अपना मोबाइल नंबर डालें और I m Not a robot पर क्लिक करें। इसके बाद Request OTP पर क्लिक करें। - आपके द्वारा दर्ज किए गए मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा। इस OTP को डाल कर आप सबमिट करें। - आगे वेंडर कैटेगरी का पेज ओपन होगा इस वेंडर कैटेगरी के पेज में आपको अपने व्यवसाय से सम्बंधित वेंडर कैटेगरी को चुनना है। - वेंडर कैटेगरी को चुनने के बाद आपके सामने वेंडर डिटेल्स का एक पेज खुलेगा। यदि आपने A या B में से किसी एक कैटेगरी को चुना है तो आपको अपना Survey Reference Number डालना पड़ेगा। अपना SRN नंबर पता करने के ��िए वेंडर सर्वे सर्च https://pmsvanidhi.gov.in/Schemes/SearchVendor के पेज पर विजिट करें। - यदि आपने C या D कैटेगरी में से किसी एक का चुनाव किया है तो आपको अगले पेज पर दिए गए आप्शन में से किसी एक को चुनना है। इसके बाद NEXT पर क्लिक करना है। - अगले पेज पर आपके सामने एक नया पेज खुलेगा। जहाँ आपको अपना आधार नंबर भरना होगा। इसके बाद I’m not a robot के पर क्लिक करके वेरीफाई पर क्लिक करना होगा। - आप के आधार कार्ड में जो मोबाइल नंबर लिंक है उस पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। इस ओटीपी को डाल कर वेरीफाई पर क्लिक करें। इस प्रकार आपका आधार नम्बर Verify हो जायेगा। - आधार वेरीफाई होने के बाद प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना का Online Form खुल जाएगा। इस फॉर्म में अपनी संपूर्ण जानकारी भरनी होगी और डाक्यूमेंट्स अपलोड करने के लिए अगले स्टेप पर जाएँ। - अब आपको अपने ओरिजनल डाक्यूमेंट्स स्कैन करके अपलोड करने होंगे। जिन्हें अपलोड करने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा। जिसमें आवेदन में आपके द्वारा दी हुई सभी जानकारी आपको दिखेगी। इस जानकारी को चेक करके फाइनल सबमिट करें। - अब प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है। लोन के बारे में जानकारी आपके मोबाइल नंबर पर प्राप्त हो जाएगी। हरियाणा चिराग योजना 2023 कैसे करे आवेदन Haryana Vridha Pension Yojana 2023 Read the full article
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युवा दिवस पर राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं एनएचएम के तत्वाधान में गोष्ठी व रैली आयोजित
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युवा दिवस पर राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं एनएचएम के तत्वाधान में गोष्ठी व रैली आयोजित
देहरादून, 12 जनवरी 2022 /आज युवा दिवस पर राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं एनएचएम के तत्वाधान में गोष्ठी व रैली आयोजित एक रैली में सूबे के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि स्वस्थ मन व स्वस्थ तन से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण संभव है, इसके लिये युवाओं को नशे की प्रवृत्ति सहित तमाम समाजिक बुराईयों से दूर रहकर अपने जीवन को सार्थक बनाना होगा। जिसके लिये स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है तभी युवा पीढ़ी स्वयं के विकास के साथ ही राष्ट्र के निर्माण में भी अहम भूमिका निभा सकती है।
इस अवसर पर डॉ0 रावत ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण में वहां के युवाओं का अहम योगादान होता है, युवा शक्ति के ही बल पर राष्ट्र विभिन्न क्षेत्रों में नये आयाम स्थापित कर सकता है। इसके लिये युवाओं को स्वयं के विकास के साथ ही समाज में बढ़ती बुराईयों के खिलाफ आगे आना होगा। उन्होंने युवाओं के मध्य बढ़ती नशा की प्रवृत्ति पर चिंता जाहिर करते हुये कहा कि युवाओं को स्वयं नशे की प्रवृत्ति से दूर रहने तथा औरों को इससे दूर रहने के लिये प्रेरित करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को स्वस्थ रहने की सलाह देते हुये कहा कि स्वस्थ तन और स्वस्थ मन से ही स्वस्थ व समृद्धि राष्ट्र का निर्माण होता है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय युवा दिवस पर पूरे प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया है जिसमें युवा रक्तदान करने के साथ ही रक्तदान के लिये पंजीकरण भी करा सकते हैं। इसके अलावा ई-रक्त कोष, अरोग्य सेतु ऐप आदि अन्य विभा��ीय वेबसाइटों से भी रक्तदान के लिये पंजीकरण कर सकते हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि हाल ही में प्रदेशभर में एक लाख 21 हजार लोग रक्तदान कर चुके हैं तथा एक लाख 41 हजार लोगों ने रक्तदान हेतु अपना पंजीकरण कराया, जो कि पूरे देश में एक नया रिकॉर्ड बना है। उन्होंने कहा कि आगामी 23 जनवरी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती तक प्रदेशभर में रक्तदान के लिये पंजीकरण अभियान चलेगा। इसके उपरांत रक्तदान के लिये शिविरों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आये युवाओं से आह्वान किया कि वह भी अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान के लिये पंजीकरण कराये और अन्य को भी इसके लिये प्रेरित करें। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के शत-प्रतिशत लोगों की डिजीटल हेल्थ आईडी बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अभी तक लगभग 29 लाख से अधिक लोगों की हेल्थ आईडी बन चुकी हैं।
गोष्ठि में देहरादून के मेयर सुनिल उनियाल गामा ने कहा कि युवाओं को स्वयं को नशाखोरी से दूर रखने के साथ ही औरों को भी बचाना है तथा जो लोग इस गर्त में जा चुके हैं उनसे किसी भेदभाव किये बिना उन्हें नशे की लत से उभारने के लिये भी प्रेरित करना चाहिये। ऐसे युवाओं के लिये राज्य सरकार ने प्रत्येक जिलों में नशा मुक्ति केन्द्र व सरकारी अस्पतालों में काउंसलिंग की व्यवस्था की है। कार्यक्रम में एक क्वीज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें जीआरडी कॉलेज की अनुश्री सैम्यूल प्रथम, पीजी कॉलेज पिथौरागढ़ के सौरभ पुनेरा द्वितीय तथा गर्ल्स पीजी कॉलेज रूड़की की विदूषी त्यागी तृतीय स्थान पर रही। विजेताओं को स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर हंसा नृत्य नाटिका ग्रुप ने नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर कटाक्ष करते हुये नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया, गोष्ठी के दौरान रक्तदान शिविर का भी आयोजन किय गया जिसमें दर्जनों युवाओं ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। कार्यक्रम का संचालन अनिल वर्मा ने किया। इससे पहले विभिन्न संस्थानों से आये छात्र-छात्राओं ने गांधी पार्क में एकत्रित होकर एचआईवी-एड्स एवं ईट राइट इंडिया कैंपेन को लेकर नगर के मुख्य मार्गों पर जनजागरूकता रैली निकाली, जिसे स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। रैली में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं के साथ ही नर्सिंग कॉलेज, भारत स्काउट एंड गाइड, एनएसएस, यूथ रेडक्रास समिति के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
गोष्ठी में मेजर प्रेमलता वर्मा, रविन्द्र पडियार, गगन लूथरा, अपर परियोजना निदेशक एनएचएम डॉ0 अजय नगरकर, अनिल वर्मा के साथ ही विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आये शिक्षक-शिक्षिका��ं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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✒ अमेरिका ने भी तैयारी की चीन पर शिकंजा कसने की.
✒ अमेरिका ने भी तैयारी की चीन पर शिकंजा कसने की.
लोकतंत्र उद्घोष : दीपक शाह नई दिल्ली भारत के बाद अब अमेरिका भी चीनी शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक पर सख्ती बरतता जा रहा है. टिकटॉक को लेकर हाई रिस्क सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए इसे पूरे अमेरिका में सभी संघीय सरकारी डिवाइस पर प्रतिबंधित कर दिया गया है. हालांकि, इसमें एकमात्र अपवाद कानून प्रवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां रहेंगी, जो सिक्योरिटी रिसर्च के उद्देश्यों के लिए विशेष मामलों में इस ऐप का…
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भारत का Truecaller ऐप अब अपने उप��ोगकर्ताओं को सरकारी अधिकारियों के सत्यापित संपर्क प्रदान करेगा
भारत का Truecaller ऐप अब अपने उपयोगकर्ताओं को सरकारी अधिकारियों के सत्यापित संपर्क प्रदान करेगा
Truecaller, दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय कॉलर आईडी ऐप्स में से एक, ने आज सरकारी अधिकारियों के हजारों सत्यापित संपर्कों तक आसान पहुंच प्रदान करके लोगों और सरकार के बीच सहज संचार बढ़ाने के लिए एक इन-ऐप डिजिटल गवर्नमेंट डायरेक्टरी लॉन्च करने की घोषणा की। यह उपयोगकर्ताओं को किसी भी घोटाले, धोखाधड़ी और स्पैम से बचाकर नागरिक सेवाओं में विश्वास जगाने के लिए किया गया है। डिजिटल सरकारी निर्देशिका डिजिटल…
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यदि आपका खाता पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया या इंडियन बैंक में है तो यह खबर आपके लिए खुश कर देने वाली साबित हो सकती है। इन बैंक के खाता धारकों और क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की ओर से एक बड़ा ऐलान किया है। अभी हाल ही में ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में आरबीआई गवर्नर ने रूपए क्रेडिट कार्ड (Rupee Credit Card) को UPI नेटवर्क प�� लॉन्च कर दिया है। जिसके बाद से क्रेडिट कार्ड होल्डर्स की मौज हो जाएगी
सभी सरकारी बैकों के द्वारा सभी डेबिट कार्ड धारकों को उनके अकाउंट से यूपीआई (UPI) को लिंक कराने की सुविधा दी जा रही है आरबीआई ने पहले यह सुविधा पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) और इंडियन बैंक (Indian Bank) के ग्राहकों को देने की घोषणा की है। इसके बाद से निजी बैकों को भी यह सुविधा प्रदान की जाएगी।
UPI को डेवलप करने वाली नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया कि इस एप का उपयोग करने से अब ग्राहक और मर्चेंट, दोनों को फायदा होगा। यदि आप अब किसी किराना स्टोर से कोई भी समान लेना चाहेगे तो इसके लिए यूपीआई क्यूआर कोड (UPI QR Code) को स्कैन कर क्रेडिट कार्ड से भी आप इसका भुगतान कर सकेंगे। अभी तक यूपीआई ऐप से बैंक अकाउंट लिंक कर पेमेंट की करने की सुविधा थी। लेकिन रूपे क्रेडिट कार्ड (Rupee Credit Card) को यूपीआई से लिंक करने उपभोक्ताओँ के काफी बड़ी सुविधा मिलेगी जिससे क्रेडिट इकोसिस्टम का दायरा बढ़ जाएगा। रूपे क्रेडिट कार्ड को वर्चुअल पेमेंट ऐड्रस से लिंक किया जाएगा, जो कि पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।
रूपे क्रेडिट कार्ड के अलावा यूपीआई लाइट (UPILite) को भी लॉन्च किया गया। कम कीमत वाले जितने भी ट्रांजैक्शन आप करना चाहते है उनके लिए यह ऑन-डिवाइस वॉलेट काफी मददगार साबित होगा। बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) के तहत क्रॉस बॉर्डर ट्रांजेक्शन की सुविधा भी शुरू की गई है. UPI Lite के जरिए आप इंटरनेट के बिना ही पेमेंट कर सकेंगे। इसका उपयोग आप मात्र 200 रूपए के भुगतान के लिए कर सकते है। क्रॉस बॉर्डर बिल पेमेंट सिस्टम से विदेश में रहते हुए भारत में बिल का भुगतान कर सकेंगे।
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भारत सरकार ने शुरू की आधार कार्ड से जुड़ी ये 5 सर्विस, नहीं लगेगा कोई चार्ज, जाने डिटेल्स : India
भारत सरकार ने शुरू की आधार कार्ड से जुड़ी ये 5 सर्विस, नहीं लगेगा कोई चार्ज, जाने डिटेल्स : India
UMANG App : भारत सरकार (Government Of India) ने लोगों तक सरकारी सुवि���ाओं को आसान बनाने के लिए UMANG ऐप लॉन्च किया था, जिसे आप अपने Smartphone में आसानी से Install कर सकते हैं। ________________________बिहार की सभी लेटेस्ट रोजगार समाचार और स्कॉलरशिप से अपडेटेड रहने के लिए इस ग्रुप में अभी जुड़े. (अगर आप टेलिग्राम नहीं चलाते हैं तो फेसबुक को फॉलो करें, ताकि बिहार की कोई नौकरी नोटिफिकेशन न छूटे) आपको…
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Sandes App : संदेश ऐप क्या है भारतीय संदेश ऐप, डाउनलोड करें संदेश ऐप
Sandes App : संदेश ऐप क्या है भारतीय संदेश ऐप, डाउनलोड करें संदेश ऐप
संदेश ऐप ( Sandes App ) मोदी सरकार ने हाल ही में एक ऐप लॉन्च किया है संदेश ऐप है यह एक इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप है, जिसका इस्तेमाल कुछ समय बाद पूरे भारत में किया जाएगा। ऐप पर ट्रायल रन होने के कारण आम आदमी ऐप का उपयोग नहीं कर सकता है, वर्तमान में केवल कुछ सरकारी कर्मचारियों को ऐप का उपयोग करने की अनुमति है। इस ऐप को व्हाट्सएप की तरह इस्तेमाल किया जाएगा। Sandes App संदेश ऐप डाउनलोड सरकार द्वारा करने…
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BGMI भारत में प्रतिबंधित? PUBG मोबाइल का भारतीय संस्करण ऐप स्टोर से गायब है
BGMI भारत में प्रतिबंधित? PUBG मोबाइल का भारतीय संस्करण ऐप स्टोर से गायब है
नई दिल्ली: Google और Apple ने गुरुवार को एक सरकारी आदेश के बाद लोकप्रिय बैटल रॉयल गेम बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया (BGMI) को अपने-अपने ऐप स्टोर से हटा लिया। बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया (बीजीएमआई) PUBG मोबाइल का भारतीय संस्करण है, जो विशेष रूप से क्राफ्टन द्वारा विकसित और प्रकाशित देश के खिलाड़ियों के लिए है। यह गेम 2 जुलाई, 2021 को Android उपकरणों के लिए और 18 अगस्त, 2021 को जारी किया गया था सरकार…
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YouTube ने भारत में नई स्वास्थ्य सुविधाओं को हाइलाइट करने, सत्यापित स्रोतों से वीडियो की पहचान करने के लिए रोल आउट किया
YouTube ने भारत में नई स्वास्थ्य सुविधाओं को हाइलाइट करने, सत्यापित स्रोतों से वीडियो की पहचान करने के लिए रोल आउट किया
YouTube भारत में अपने प्लेटफॉर्म पर स्वास्थ्य जानकारी की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए दो नई स्वास्थ्य-केंद्रित सुविधाएँ ला रहा है। Google के स्वामित्व वाले वीडियो-शेयरिंग ऐप ने नए स्वास्थ्य स्रोत सूचना पैनल का अनावरण किया है जो विश्वसनीय स्वास्थ्य संगठनों और सरकारी संस्थाओं के वीडियो को लेबल करेगा। इससे उपयोगकर्ता सत्यापित स्रोतों से डेटा की पहचान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, YouTube…
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#youtube स्वास्थ्य स्रोत सूचना पैनल सामग्री शेल्फ सुविधाएँ अद्यतन भारत youtube अद्यतन#यूट्यूब#यूट्यूब इंडिया#यूट्यूब विशेषताएं#यूट्यूब स���वास्थ्य
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YouTube इंडिया को सत्यापित स्रोतों से वीडियो लेबल करने के लिए नई स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं
YouTube इंडिया को सत्यापित स्रोतों से वीडियो लेबल करने के लिए नई स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं
YouTube भारत में अपने प्लेटफॉर्म पर स्वास्थ्य जानकारी की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए दो नई स्वास्थ्य-केंद्रित सुविधाएँ ला रहा है। Google के स्वामित्व वाले वीडियो-शेयरिंग ऐप ने नए स्वास्थ्य स्रोत सूचना पैनल का अनावरण किया है जो विश्वसनीय स्वास्थ्य संगठनों और सरकारी संस्थाओं के वीडियो को लेबल करेगा। इससे उपयोगकर्ता सत्यापित स्रोतों से डेटा की पहचान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, YouTube…
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#youtube स्वास्थ्य स्रोत सूचना पैनल सामग्री शेल्फ सुविधाएँ अद्यतन भारत youtube अद्यतन#यूट्यूब#यूट्यूब इंडिया#यूट्यूब विशेषताएं#यूट्यूब स्वास्थ्य
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