#भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत
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UP News : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक बड़ी खबर आ रही है। खबर किसानों के नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत से जुड़ी है। दरअसल, मुजफ्फरनगर के किसान नेता दिवंगत चौधरी जगबीर सिंह की हत्या के मामले में फैसला आ गया है। कोर्ट ने इस मामले में आरोपी नरेश टिकैत को दोषमुक्त कर दिया है।
क्या था पूरा मामला ?
किसान नेता जगबीर सिंह की 6 सितंबर 2003 को भौराकलां थाना क्षेत्र के अलावलपुर माजरा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पूर्व मंत्री एवं रालोद नेता योगराज सिंह ने मामले में अलावलपुर गांव के राजीव उर्फ बिट्टू और प्रवीण के अलावा सिसौली निवासी भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया था। मुकदमे के विचारण के दौरान प्रवीण और बिट्टू की मौत हो चुकी है। जांच में पुलिस और CBCID ने चौधरी नरेश टिकैत को क्लीन चिट दे दी थी। मगर, सत्र परीक्षण शुरू होने पर वादी के बयान अंतर्गत धारा 319 के तहत अदालत ने उन्हें आरोपी के रूप में तलब किया था।
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नरेश टिकैत से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान
नरेश टिकैत से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में केंद्रीय पशुपालन मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान ने सिसौली पहुंचकर भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत का हाल जाना। पिछले दिनों चौधरी नरेश के कंधे का ऑपरेशन हुआ है। लंबे किसान आंदोलन के बाद केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान पहली बार सिसौली पहुंचे हैं। इस दौरान भाकियू और भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत पिछले सप्ताह नहाने के दौरान बाथरूम में…
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Farmers Protest: Rakesh Tikait पर हमले की घटना के बाद आज गाजीपुर बॉर्डर पर बुलाई गई किसान महापंचायत
Farmers Protest: Rakesh Tikait पर हमले की घटना के बाद आज गाजीपुर बॉर्डर पर बुलाई गई किसान महापंचायत
राजस्थान में कथित तौर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर हुए हमले को लेकर आज गाजीपुर बॉर्डर पर महापंचायत बुलाई गई है. जिसका नेतृत्व खुद राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत करेंगे. उनके साथ इस महापंचायत में कई खाप चौधरी भी मौजूद रहेंगे. राजस्थान में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पर हमले की घटना के बाद भाकियू (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष…
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मुज़फ्फरनगर में हुई महापंचायत के बाद बोले भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत।*
मुज़फ्फरनगर में हुई महापंचायत के बाद बोले भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत।*
*मुज़फ्फरनगर में हुई महापंचायत के बाद बोले भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत।* *मुज़फ्फरनगर ब्रेकिंग:-* सरकार हठधर्मिता छोड़े किसानों का मुकाबला नही कर पायेगी सरकार नरेश टिकैत ने केंद्र सरकार को दी सलाह जब तक केंद्र में भाजपा की है सरकार तब तक बिल को ना करे लागू – टिकैत भाकियू के साथ आये राजनैतिक लोगो का टिकैत ने किया स्वागत बिल के विरोध में कम किसानों के सम्मान में ज्यादा…
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सरकार ने हठधर्मिता नहीं छोड़ी, तो 26 जनवरी को राजपथ पर होगा किसानों का कब्जा : नरेश टिकैत
सरकार ने हठधर्मिता नहीं छोड़ी, तो 26 जनवरी को राजपथ पर होगा किसानों का कब्जा : नरेश टिकैत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बागपत Updated Thu, 07 Jan 2021 09:50 PM IST भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत – फोटो : अमर उजाला पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी। *Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP! सार भाकियू अध्यक्ष बोले, जो कानून किसानों को मंजूर नहीं, वह थोपने पर क्योें अड़ी सरकार विस्तार भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार…
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RLD की कमान मिली पर आसान नहीं जयंत चौधरी की राह, यूपी चुनाव समेत जानें क्या हैं चुनौतियां Divya Sandesh
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RLD की कमान मिली पर आसान नहीं जयंत चौधरी की राह, यूपी चुनाव समेत जानें क्या हैं चुनौतियां
लखनऊराष्ट्रीय लोकदल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने मंगलवार को जयंत चौधरी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया। पार्टी के 34 सदस्यों ने वर्चुअल बैठक में सर्वसम्मति से आरएलडी के नए मुख��या के तौर पर जयंत के नाम पर मोहर लगा दी। दादा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पिता चौधरी अजित सिंह की तरह ही किसानों की राजनीति समझने वाले जयंत चौधरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद 26 को प्रस्तावित किसानों के आंदोलन को अपनी पार्टी के समर्थन का ऐलान किया।
नई दिल्ली में हुई बैठक में छह मई को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के आकस्मिक निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया गया। पार्टी महासचिव त्रिलोक त्यागी ने उपाध्यक्ष जयंत चौधरी नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया। दूसरे राष्ट्रीय महासचिव मुंशीराम पाल ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया, जिसका राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया।
चुनौतियों से भरी है जयंत की राह जयंत चौधरी पिता चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया तो चुन लिए गए। लेकिन, उनकी यह राह चुनौतियों से भरी है। उनके आगे सबसे बड़ी चुनौती रालोद को पश्चिमी यूपी की राजनीति में धुरी बनाए रखने की है। आगामी 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव उनके लिए बड़ी परीक्षा है। उनके लिए चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन की बड़ी चुनौती होगी। इस बदले दौर में दादा और पिता की विरासत को संभालते हुए संगठन को मजबूती देना आसान न होगा।
संगठन को मजबूती देने की चुनौती जयंत चौधरी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कमजोर होती पार्टी को फिर से मजबूती से खड़ा करना है। 2014 के बाद या यूं कहें कि मोदी की सक्रियता के बाद रालोद का प्रतिनिधित्व न लोकसभा में है और न उत्तर प्रदेश की विधानसभा में। हालांकि, 2019 के विधान सभा चुनाव में रालोद छपरौली से एक विधानसभा सीट जीता था। लेकिन, वह विधायक भी दल बदल कर भाजपा के साथ चला गया। और तो और मोदी लहर में अजित सिंह और जयंत चौधरी खुद लगातार दो चुनावों में विजयश्री के दर्शन नहीं कर सके। संभावना है कि संगठन की कमान संभालने के बाद जयंत अपनी राष्ट्रीय टीम का जल्द विस्तार करेंगे। साथ ही प्रदेश और क्षेत्रीय कमिटी व प्रकोष्ठों को कसा जा सकता है।
जाटों की राजनीति और आरएलडी पश्चिमी यूपी की राजनीति जाट, मुस्लिम और किसानों के आस-पास ही घुमती है। यह तीनों चौधरी चरण सिंह को अपना मसीहा मानते थे। चौधरी चरण सिंह के बाद यह गठबंधन लंबे समय तक चौधरी अजित सिंह के साथ रहा। लेकिन मुजफ्फरनगर दंगे के बाद यह समीकरण टूट गया। इस बीच भाजपा भी सतपाल सिंह और संजीव बालियान जैसे जाट नेताओं को स्थापित करने में सफल रही। इसका असर यह रहा कि मुजफ्फरनगर क्षेत्र में संजीव बालियान ने संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी बने अजित सिंह क�� हरा दिया था। जयंत को अब जहां अपने बाबा के इस वोट बैंक को फिर से एकजुट करना होगा। वहीं जाटों में पैठ बनाकर यह संदेश देना होगा कि उनके सर्वमान्य नेता दादा चौधरी चरण सिंह की तरह वह ही हैं।
किसान आंदोलन ने आसान की राह कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर चल रहा किसान आंदोलन रालोद के लिए किसी राजनैतिक संजीवनी से कम नहीं साबित हो रहा। किसान आंदोलन का समर्थन जयंत चौधरी की राह काफी हद तक आसान भी करेगा। 29 जनवरी को किसान नेता नरेश टिकैत द्वारा जयंत को मंच देना और मंच से यह कहना कि चौधरी अजित सिंह को हराना हमारी गलती थी। इसी घटनाक्रम से पश्चिमी यूपी में रालोद के लिए सियासी समीकरण बनते दिख रहे हैं। महापंचायतों में भाकियू और रालोद की दोस्ती का परिणाम हालिया पंचायत चुनावों में रालोद को मिली उत्साहजनक जीत के रूप में सामने है।
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पूर्वांचल में बस्ती से शुरू होगी कृषि कानून विरोधी चिंगारी, किसान महापंचायत से रालोद भरेगी हुंकार Divya Sandesh
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पूर्वांचल में बस्ती से शुरू होगी कृषि कानून विरोधी चिंगारी, किसान महापंचायत से रालोद भरेगी हुंकार
बस्ती को लेकर अब राजनीतिक पार्टियां भी मैदान में उतर आई हैं। पश्चिमी यूपी के बाद पूर्वांचल से भी कृषि कानून के विरोध में चिंगारी उठने लगी है। राष्ट्रीय लोक दल 23 फरवरी को पूर्वांचल के बस्ती जिले में कर कृषि बिलों के विरोध में हुंकार भरेगी।
शीर्ष नेतृत्व ने दावा किया है कि बस्ती की धरती से पूर्वांचल के किसानों तक अपनी बात पहुंचाएंगे। बताएंगे कि किस तरह से केंद्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि कानून एक काला कानून है और इसे वापस लेने की आवाज को बुलंद करना होगा।
बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलेगी रालोद रालोद राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी रुधौली विधानसभा क्षेत्र में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि पूर्वांचल के कई जिलों के किसान यहां इकट्ठे होंगे और बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
किसानों को समझाएगी रालोद रालोद प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद ने बताया कि अगर बीजेपी के नेता मंत्री किसानों को कृषि बिल को लेकर भ्रमित करने के लिए मैदान में उतर रहें हैं तो उनकी टीम भी उसके जवाब में किसानों को समझाएगी कि किस तरह से कृषि बिल किसान के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि रालोद ने पूर्वांचल में किसान महापंचायत का आयोजन इसलिए किया है, ताकि पूर्वांचल के किसान भी यह समझ सके कि आने वाले समय में कृषि कानून किस तरीके से उनकी फसल का व्यापारी करण कर देगा।
‘किसान बिल के खिलाफ डट कर खड़े रहेंगे’ बस्ती के राजा और राष्ट्रीय लोक दल नेता ऐश्वर्या राज सिंह ने कहा कि हम किसानों को समझाने के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं और किसान बिल के खिलाफ डट कर खड़े रहेंगे। जब तक यह कानून सरकार वापस नहीं ले लेती। किसान महापंचायत के लिए भारतीय किसान यूनियन ने भी बस्ती को ही चुना है।
25 फरवरी को नरेश टिकैत मुंडेरवा क्षेत्र में 25 फरवरी को भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत किसान महापंचायत में हिस्सा लेंगे। वैसे भी भाकियू मुंडेरवा पूर्वांचल में चीनी मिल आंदोलन को लेकर पूर्व में सुर्खियों में रहा है। पूर्वांचल में साख जमाने मे भाकियू के लिए यह धरती ��ाफी मुफीद रही है। बाम दलों ने भी किसानों को जागरूक करने और किसान आंदोलन को पूर्वांचल में धार देने के लिए बस्ती जिले पर ही फोकस किया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में बस्ती किसान आंदोलन में पूर्वांचल में निर्णयक भूमिका निभाएगा।
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नए कृषि कानूनों का विरोध: आज होगी किसानों की महापंचायत, इसके बाद करेंगे दिल्ली कूच
गाजियाबाद। नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को धार देने के लिए गांव-गांव जाकर खापें अपनी पंचायतें कर रही हैं। इन पंचायतों में आंदोलन की रणनीति पर चर्��ा के अलावा आंदोलन में सहयोग की तैयारी भी की जा रही है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने शनिवार को बताया कि आज यानि रविवार को बड़ौत में महा पंचायत होगी। इस पंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत मौजूद रहेंगे। साथ ही नरेश टिकैत ने बड़ौत की पंचायत के बाद दिल्ली कूच का ऐलान किया है।
धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि सोमवार को आंदोलन को धार देने के लिए दो बड़ी पंचायतें होंगी। पहली किसान महा पंचायत हरियाणा के जींद में होगी और दूसरी यूपी के बिजनौर में। बिजनौर में होने वाली महापंचायत में भी नरेश टिकैत मौजूद रहेंगे। इन पंचायतों के लिए खाप तैयारी में जुटी हैं और लाखों लोगों के पंचायत में जुटने की संभावना है।
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रातों-रात फिर गुलजार होने लगा गाजीपुर बॉर्डर
नई दिल्ली। गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार की शाम को जिला प्रशासन के अधिकारी जब भारी पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स के साथ पहुंचे तो लगा कि यह इस आंदोलन की आखिरी रात है। गाजियाबाद प्रशासन ने किसान नेताओं को आधी रात तक धरना खत्म करने का अल्टिमेटम दिया था। तमाम प्रदर्शनकारी किसान अपना बोरिया बिस्तर समेटने लगे थे लेकिन राकेश टिकैत के आंसुओं ने माहौल को एकदम से बदल दिय��। इसके बाद टिकैत के आह्वान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ जिलों से किसानों के गुट गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने लगे। इसका नतीजा यह हुआ कि शाम तक लगभग खाली हो चुका धरनास्थल रातों-रात फिर से गुलजार होने लगा है।
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर गाजियाबाद प्रशासन के अधिकारी शाम को धरनास्थल पर पहुंचे और किसान नेताओं को आधी रात तक धरना खत्म करने का अल्टिमेटम दिया। मौके पर पहुंचे भारी पुलिस बल को देखकर लगा कि रात में ही गाजीपुर बॉर्डर खाली करा लिया जाएगा। किसी भी अनहोनी की आशंका में प्रदर्शनकारी किसान भी अपना बोरिया बिस्तर समेटने लगे थे लेकिन बाद में मीडिया से वार्ता के दौरान राकेश टिकैत के आंसुओं ने माहौल को एकदम से बदल दिया।
गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी गई और पानी के टैंकर दिल्ली सरकार ने भेज दिए। गाजीपुर बॉर्डर पर शाम को तैनात किए गए अतिरिक्त सुरक्षाबल देर रात वापस लौटने लगे। पूछने पर बताया कि ड्यूटी की शिफ्ट बदल रही है। धीरे-धीरे गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार से ही बड़ी तादाद में तैनात यूपी पुलिस और पीएसी के जवान देर रात तक धरनास्थल से चले गए।
उधर, मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत के भाई और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किसानों की महापंचायत की इसमें उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों से फिर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने का आह्वान किया जबकि गुरुवार को दिन में वह आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर चुके थे। उनके आह्वान के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों से बड़ी संख्या में किसानों का गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने लगे जो आधी रात के बाद भी लगातार जारी है। राकेश टिकैत के आह्वान पर बिजनौर और मुजफ्फरनगर से किसानों के नए समूह रात में ही गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गए हैं। इस तरह शाम तक लगभग खाली हो चुका धरना स्थल रातों-रात फिर से गुलजार होने लगा है।
रात एक बजे हिन्दुस्थान समाचार ने मौके का जायजा लिया औऱ वहां पहुंचे तमाम किसानों औऱ उनके परिवारों से बात की। इस भीषण ठंड में प्रदर्शनकारियों मेंं बड़ी संख्या महिलाएं एवं बच्चे भी मौजूद हैं। इसी दौरान भारतीय यूनियन किसान के नेता राकेश टिकैत से पूछा गया कि अब आपकी आगे की क्या योजना है तो वे बोले, ‘सम्मान के साथ विदाई चाहते हैं हम”। पूछा गया कि क्या आपके पास अब भी कोई प्रस्ताव है? तो जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार से बातचीत करेंगे और समाधान का रास्ता निकालेंगे।
उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि कि मेरे पास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी संदेश आया था पर ये मामला केंद्र का है। हालांकि हम उनसे भी इस बावत बातचीत करेंगे क्योंकि अभी रास्ते बंद नहीं हुए हैं। उधर, कल दोपहर को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर में किसान संगठनों द्वारा खाप पंचायत बुलाई गई है। जहां निर्णय होने के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।
भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने रात एक बजे ट्वीट करके कहा ‘पुलिस रोके, सरकार रोके या कोई और… न रुकना है और न झुकना है और न टूटना है। बाबा टिकैत का एक-एक सिपाही दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। कल नई सुबह होगी, नया सूरज निकलेगा।’ चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और मेरे छोटे भाई राकेश टिकैत के आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। हरियाणा के गांव-गांव से किसान भाई ग़ाज़ीपुर बॉर्डर की तरफ चल पड़े हैं, सुबह तक पहुंच जाएंगे। सुबह महापंचायत होगी और अब हम इस आंदोलन को निर्णायक स्थिति तक पहुंचा कर ही दम लेंगे।
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नरेश टिकैत का बड़ा बयान, कहा- गाजीपुर बाॅर्डर से नहीं हटेगा धरना, किसानों के लिए देंगे कुर्बानी, महापंचायत आज
नरेश टिकैत का बड़ा बयान, कहा- गाजीपुर बाॅर्डर से नहीं हटेगा धरना, किसानों के लिए देंगे कुर्बानी, महापंचायत आज
गाजीपुर बॉर्डर पर हुए घटनाक्रम के बाद भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि हम धरना उठाना चाहते थे, मगर हमारे निर्णय को सरकार ने पलटवा दिया
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राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर अड़े, धरना स्थल छावनी में तब्दील
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद से सरकार और प्रशासन एक्शन मोड म��ं है। दिल्ली सीमा से सटे बॉर्डरों को प्रशासन किसानों से खाली करवाने में जुटा है। आधी रात तक सबसे ज्यादा गरम माहौल गाजीपुर बॉर्डर पर है जहां गाजियाबाद जिला प्रशासन की चेतावनी के बाद भी भाकियू के नेता राकेश टिकैत धरनास्थल से हटने को तैयार नहीं हैं। धरना स्थल से कुछ ही दूरी पर स्थानीय लोग भी किसानों के इस प्रदर्शन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर पुलिस बल के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स (आरपीएफ) और भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात करके गाजीपुर बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
बुधवार को आन्दोलन के बाद राकेश टिकैत समेत अन्य किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। गाजियाबाद जिला प्रशासन ने आज शाम को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को नोटिस थामकर उनसे तीन दिन के अन्दर जवाब मांगा कि तय रूट से अलग ट्रैक्टर रैली निकालने और परेड के दौरान हिंसा भड़कने की वजह से उन पर कार्रवाई क्यों न की जाए। प्रशासन के अधिकारी जब धरनास्थल पर नोटिस देने पहुंचे तो टिकैत ने मंच से धरना खत्म न करने का ऐलान करते हुए खुद अनशन पर बैठ गए। इसके बाद दिल्ली-उत्तर प्रदेश से लगे गाजीपुर बॉर्डर पर हलचलें तेज हो गई। किसी भी तरह की गड़बड़ न हो, इसलिए सरकार ने पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है। रैपिड एक्शन फोर्स ने इस दौरान बॉर्डर पर मार्च भी किया। a
किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से वार्ता में आत्महत्या की धमकी देते हुए कहा कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा और हमें कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि मैं किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा।
उधर,आरएलडी नेता अजित सिंह ने राकेश टिकैत से बात की और कहा कि आप चिंता मत करिए, सब आपके साथ हैं। अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी ने कहा कि चौधरी अजित सिंह ने भारतीय किसान यूनियन बीकेयू के अध्यक्ष और प्रवक्ता नरेश टिकैत और राकेश टिकैत से बात की है। अजित सिंह ने संदेश दिया है कि चिंता मत करिए, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, ��ाथ रहना है। उधर राकेश टिकैत के गांव में उनके भाई नरेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुला ली जहां आसपास के लोगों ने इकट्ठा होकर टिकैत बंधुओं के समर्थन में नारेबाजी की जिसके मद्देनजर माना जा रहा है कि आज रात में पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी और कल का माहौल देखने के बाद ही सरकार कोई कदम उठाएगी। .
आरएएफ की चार कंपनियों की तैनाती 4 फरवरी तक बढ़ी केंद्र सरकार ने किसानों के विरोध के मद्देनजर गाजियाबाद में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की चार कंपनियों की तैनाती की अवधि 4 फरवरी तक बढ़ा दी है। उनकी तैनाती 28 जनवरी तक थी।
दो और संगठनों ने खत्म किया आंदोलन दिल्ली हिंसा के बाद किसानों का आंदोलन दम तोड़ता दिख रहा है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के बाद दो और किसान संगठनों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया। इनमें भारतीय किसान यूनियन (एकता) और भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) शामिल हैं।
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26 जनवरी को किसानो द्वारा होने वाली ट्रैक्टर रैली को दिल्ली पुलिस ने दिखाई हरी झंडी, शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे मार्च
26 जनवरी को किसानो द्वारा होने वाली ट्रैक्टर रैली को दिल्ली पुलिस ने दिखाई हरी झंडी, शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे मार्च
26 जनवरी को होने वाली किसानों की ट्रैक्टर रैली को पुलिस ने शनिवार को मंजूरी दे दी है. किसान नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि किसान दिल्ली में प्रवेश करेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से मार्च करेंगे. परेड का रूट आज फाइनल किया जाएगा.शनिवार को किसान नेताओं और पुलिस के बीच बैठक हुई थी. इसकी जानकारी मिलते ही भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने रविवार को बताया कि किसानों को ट्रैक्टरों में…
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