#बरारी विधानसभा क्षेत्र
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जिले की सात विधानसभा सीटाें में से सबसे कम भागलपुर विधानसभा सीट पर वाेटिंग हुई। यहां केवल 48.25 प्रतिशत मतदान हुआ, लेकिन इस सीट पर नाथनगर व चंपानगर के इलाकाें के बूथाें पर सबसे अधिक वाेटिंग हुई। यहां के करीब डेढ़ दर्जन मतदान केंद्राें पर 50 से 65 फीसदी तक मतदान हुआ है।
इसके अलावा शहर के दक्षिणी क्षेत्र के अलीगंज-माेजाहिदपुर व मिरजानहाट के आधा दर्जन बूथाें पर भी अधिक वाेटिंग हुई है। बरारी-मायागंज और सराय-कंपनीबाग के क्षेत्राें के बूथाें पर भी वाेटिंग ठीक-ठाक हुई है। यानी करीब 30 बूथ ऐसे हैं, जहां 50 प्रतिशत से अधिक वाेटिंग हुई।
इन इलाकाें में हुई ज्यादा वाेटिंग का लाभ किस प्रत्याशी काे मिलेगा, यह ताे नतीजे से पता चलेगा। लेकिन यहां के सभी मुख्य प्रत्याशी डाले गए वाेटाें के जाेड़-घटाव में जुट गए हैं। महागठबंधन से कांग्रेस के उम्मीदवार अजीत शर्मा, एनडीए से भाजप�� प्रत्याशी राेहित पांडे और लाेजपा से राजेश वर्मा चुनाव लड़ रहे हैं।
ये सब अपने हिसाब से वाेटाें का हिसाब-किताब करने में जुट गए हैं। सब अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। हालांकि जनता किसे विधानसभा भेजती है और किसे हार का मुंह दिखाती है, यह ताे दस नवंबर काे मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा। 1.60 लाख मतदाताओं ने डाले वाेट भागलपुर विधानसभा क्षेत्र में 492 बूथ बनाए गए थे। यहां तीन लाख 33 हजार 212 वाेटर हैं। इनमें 90 हजार 184 पुरुष और 70 हजार 584 महिला मतदाताओं ने वाेट डाले। कुल एक लाख 60 हजार 777 वाेटर ने अपने मत का प्रयाेग किया। इनमें 18 थर्ड जेंडर के भी मतदान थे। इनमें से केवल दाे अन्य वाेटर ने अपने मत का प्रयाेग किया। इनमें से एक वाेट सकरुल्लाहचक हिन्दी पूर्वी भाग बूथ संख्या 303 (ए) और दूसरा सुदर्शन पब्लिक स्कूल भीखनपुर गुमटी नंबर-तीन दक्षिणी भाग के बूथ संख्या 205(ए) पर वाेट पड़ा। दावाें में काेई हार नहीं रहा, सबकाे भराेसा कि मिला है जनता का प्यार
भागलपुर विधानसभा सीट का चुनाव 3 नवंबर काे हाे गया और अब प्रत्याशियाें के साथ वाेटराें काे भी 10 नवंबर काे हाेने वाली काउंटिंग और नतीजे का इंतजार है। इस बीच वाेटाें के गुणा-भाग में जुटे प्रमुख दलाें के उम्मीदवार अपने-अपने तरीके से जीत का दावा कर रहे हैं। कम से कम दावाें में फिलहाल हार ताे काेई नहीं रहा है।
चुनाव के नतीजाें पर कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा ने कहा कि लड़ाई में काेई है ही नहीं। वह 30 से 50 हजार वाेटाें से जीत की उम्मीद कर रहे हैं। कहा कि गठबंधन के घटकदलाें की एकजुटता ने रंग दिखाया है। इसके साथ ही क्षेत्र में जाे काम किया वह जरूर जीत का आधार बनेगा।
उन्हाेंने कहा कि अब जनता का फैसला आने भर की देर है। भाजपा प्रत्याशी राेहित पांडेय काे भी उम्मीद है कि जनता का प्यार उन्हें मिला है और जीत उनकी ही हाेगी। वह यह दावा इसलिए कर रहे हैं क्याेंकि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी की लाेकप्रियता और राज्य में एनडीए की साझा सरकार द्वारा किए गए कार्याें पर भराेसा है।
उन्हाेंने कहा कि वाेटराें का उन्हें पूरा समर्थन मिला है। लाेजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा जीत और हार के दावे पर संयमित दिखे। उन्हाेंने इन दाेनाें शब्दाें का इस्तेमाल किए बिना कहा कि उन्हाेंने अपना काम किया है। क्षेत्र में विकास के जाे भी काम उन्हाेंने किए हैं, जनता ने उसे देखा है। वह काेई दावा नहीं कर रहे हैं और जनता का जाे फैसला हाेगा, उसे स्वीकार करेंगे।
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More waiting in Bhagalpur seat in Nathanagar area, 50 to 65% wattage on 15 parts
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कटिहार शहर का दिल है गांधी चौक। पिछली बारिश में यह पूरा इलाका और इसके आसपास के बाजार करीब एक महीने तक पानी में डूबे रहे। इसके अलावा शहर में तीन फ्लाईओवर (गोशाला, गांधी चौक, शरीफगंज) बनाने, जूट मिल चालू कराना, ड्रेनेज सिस्टम, बस स्टैंड शिफ्टिंग जैसे मुद्दे हवा में उड़ रहे हैं।
15 वर्ष से गोशाला फ्लाईओवर निर्माण को लेकर नेता वादे तो कर रहे हैं, लेकिन यह वादे तो मिट्टी के घरौंदे की तरह हर चुनाव में बनते हैं और बिखर जाते हैं। इस बार भी यह मुद्दे भी चुनाव में उछल रहे हैं। मनिहारी समेत कई सीटों पर बाढ़ से निजात, गंगा कटाव और विस्थापन चुनाव के मुद्दे को नेता उछाले जा रहे हैं, लेकिन लोगों के मिजाज बता रहा है कि इस बार के चुनाव में भी आखिरकार वोट जातिवाद और हिन्दू-मुस्लिम की बिसात पर डलेंगे।
हालांकि, वर्तमान सरकार के खिलाफ एंटी-इंकेंबसी फैक्टर भी बन रहा है। जिले की अन्य विधानसभा पर भी अपने-अपने मुद्दे और समीकरण बन रहे हैं। कहीं राजग और महागठबंधन में सीधा मुकाबला को लोजपा ने त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है तो कहीं स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा चुनाव को रोचक बना रहा है।
कटिहार: कटिहार विधानसभा क्षेत्र में राजग के भाजपा उम्मीदवार तारकिशोर प्रसाद एवं महागठबंधन उम्मीदवार डॉ. रामप्रकाश महतो के बीच सीधी टक्कर है। वर्तमान विधायक अपने 15 वर्ष के कार्यकाल का हवाला देकर आमलोगों से फिर से मौका देने की अपील कर रहे हैं तो महागठबंधन के उम्मीदवार अपने कार्यकाल के अधूरे विकास कार्य को पूरा करने का अवसर मांग रहे हैं।
प्राणपुर: यहां भाजपा उम्मीदवार दिवंगत मंत्री विनोद सिंह की पत्नी निशा सिंह और कांग्रेस के प्रत्याशी तौकिर आलम के बीच सीधी टक्कर होने के आसार पहले दिख रहे थे। लेकिन जब इशरत परवीन को कांग्रेस से टिकट नहीं मिली तो वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में है और मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। हालांकि, प्राणपुर में दिवंगत विनोद सिंह के नाम पर संवेदना मत भी उन्हें मिलने के आसार नजर आ रहे हैं।
मनिहारी: यहां अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीट है। यहां जदयू उम्मीदवार शंभू कुमार सुमन और निवर्तमान विधायक कांग्रेस प्रत्याशी मनोहर सिंह के बीच मुकाबला था। लोजपा ने राजग से अपना गठबंधन तोड़कर जदयू के खिलाफ लोजपा से अनिल उरांव को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारकर मुकाबला को त्रिकोणीय बना दिया है। यहां कटाव और विस्थापन बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है।
बरारी: बरारी विधानसभा में भी लोजपा से त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है। बरारी विधानसभा में राजद उम्मीदवार सह निवर्तमान विधायक नीरज यादव एवं जदयू उम्मीदवार विजय सिंह के बीच सीधी टक्कर थी, लेकिन भाजपा के बागी पूर्व विधायक विभाषचंद्र चौधरी ने लोजपा का दामन थाम लिया और मैदान में कूद पड़े और मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। माना यह भी जाता है कि लोजपा उम्मीदवार एवं राजद उम्मीदवार उसी विधानसभा के निवासी हैं, जबकि जदयू उम्मीदवार कटिहार शहर के निवासी हैं। चुनाव में स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा भी छाया है, जिस कारण मुकाबला अधिक रोचक हो गया है। बलरामपुर: बलरामपुर विधानसभा पूर्व से ही माले के लिए समर्पित माना जाता है। यही कारण है कि बलरामपुर विधानसभा के इतिहास में अब तक सबसे अधिक माले के प्रत्याशी ही विजयी रहे हैं। इसलिए इस बार भी ��लरामपुर विधानसभा में माले के नेता महबूब आलम और राजग गठबंधन की वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार वरूण झा में सीधा मुकाबला है। लेकिन वहां भी लोजपा ने अपना उम्मीदवार संगीता देवी को उतार कर मुकाबला को त्रिकोणीय बना दिया है।
कदवा: कदवा विधानसभा में निवर्तमान विधायक कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. शकील अहमद खान और जदयू उम्मीदवार सूरज प्रकाश राय के बीच मुकाबला माना जा रहा था। जब यहां भी लोजपा ने जदयू के खिलाफ उम्मीदवार के रूप में भाजपा के बागी डॉ. चंद्रभूषण ठाकुर को मैदान में उतार दिया तो त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है।
हालांकि, चंद्रभूषण ठाकुर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी थे, लेकिन सीट शेयरिंग में कदवा विधानसभा जदयू कोटे में चले जाने के कारण चंद्रभूषण ठाकुर भाजपा के बागी हो गए और लोजपा का दामन थाम लिया।
कोढ़ा: कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीट है। इसलिए यहां भी कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार के बीच सीधी टक्कर है। कांग्रेस से निवर्तमान विधायक पूनम पासवान एवं भाजपा के उम्मीदवार दिवंगत पूर्व विधायक महेश पासवान की पत्नी कविता देवी के बीच मुकाबला है।
हालांकि, यहां भी जन अधिकार पार्टी के उम्मीदवार वकील दास मुकाबले को रोचक बना सकते हैं, क्योंकि वकील दास प्रमुख के साथ साथ पंचायत प्रतिनिधि के रूप में भी कार्य कर चुके हैं जिसका लाभ इस चुनाव वे उठाना चाहेंगे।
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बरौनी-कटिहार रेल ट्रैक, जहां गोशाला फ्लाईओवर का निर्माण होना है।
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विधानसभा चुनाव को लेकर डीएम कंवल तनुज ने प्रेस वार्ता कर जिला प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जिले में तीसरे चरण में चुनाव होना है, जिसके लिए 13 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक नामांकन लिया गया��� 21 अक्टूबर को समीक्षा हुई �� 23 अक्टूबर को नाम वापसी के बाद सातों विस क्षेत्र से 101 प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। इनमें कटिहार विधानसभा क्षेत्र से 19 प्रत्याशी, कदवा से 18, बलरामपुर से 14, प्राणपुर से 13, मनिहारी से 11, बरारी से 14 और कोढ़ा से 12 प्रत्याशी मैदान में होंगे।
उन्होंने बताया कि कटिहार व कदवा विस में 19 व 18 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। मतदाताओं को मतदान में कोई परेशानी नहीं हो। इसके लिए दो-दो वैलेट यूनिट का उपयोग किया जाएगा। डीएम ने बताया कि जिले में 20 लाख 43 हजार 96 मतदाता हैं। 2891 मतदान केंद्र बने हैं। मतदान केंद्रों पर कोविड-19 से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग से जारी गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा।
संक्रमण से बचाव व सामाजिक व शारीरिक दूरी के लिए मतदान केंद्रों पर गोल घेरा बनाया जा रहा है। सभी स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से मतदाताओं के लिए हैंड ग्लव्स, सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। चुनाव के दौरान सार्वजनिक, रैलियों और खर्च से संबंधित घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए उड़नदस्ता, स्टैटिक निगरानी दल, सेक्टर ऑफिसर की भी प्रतिनियुक्ति की गई है।
चुनाव के लिए किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त के त्वरित निष्पादन के लिए सी वीजिल ऐप का संचालन किया गया है। इसके माध्यम से मतदाता चुनाव आयोग के निर्देश का उल्लंघन होने पर तत्काल कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। सूचनाओं की जानकारी शिकायत व सुझाव के लिए हेल्पलाइन नंबर 1950 भी जारी की गई है।
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Give information about violation of Election Commission directive, name will be kept secret
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चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है। बूथों की संख्या भी तय है। कोरोना के कारण इस बार राज्य में राज्य में बूथों की संख्या में 62.96% की वृद्धि हुई है। 2015 में 65,367 बूथ थे जो अब बढ़कर 1,06,526 हो है। कोरोना और बा�� को देखते हुए चुनाव आयोग ने भले ही 10 जिलों में चुनाव दो दिन या दो फेज में कराने का निर्णय लिया हो लेकिन इनमें बाढ़ की चपेट में आए 5 जिले ही शामिल हैं जबकि तबाही 16 जिलों में मची थी।
मौजूदा हालत यह है कि इन जिलों के 2000 से अधिक बूथों पर आज भी कमर तक पानी है। 1000 मतदाता पर इस बार बूथ बने हैं यानी समस्या 20 लाख वोटरों की है। बाढ़ग्रस्त जिलों में दूसरे व तीसरे फेज (3 व 7 नवंबर) को मतदान है। तीस दिन की अवधि में बूथों पर जमा पानी निकल भी गया तो कीचड़-कादो से निबटना जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी क्योंकि 20 जुलाई के बाद आई बाढ़ के बाद से ही यहां पानी ठहरा हुआ है।
बाढ़ प्रभावित 16 जिलों में 7 सीतामढ़ी,दरभंगा, मुजफ्फरपुर,पूर्वी व पश्चिमी चंपारण,समस्तीपुर,मधुबनी में दो फेज (दूसरे व तीसरे) में चुनाव होगा। शेष 9 जिलों में से शिवहर, ,गोपालगंज,खगड़िया, सारण व सिवान में दूसरे चरण में एक ही दिन और सुपौल, किशनगंज,,मधेपुरा और सहरसा में तीसरे चरण में एक दिन में चुनाव होगा।
खगड़िया जिले के तीन प्रखंडों के 84 मतदान केंद्र बाढ़ से प्रभावित हैं
जिले के तीन प्रखंडों के 84 मतदान केंद्र बाढ़ प्रभावित हैं। बकौल डीएम आलोक रंजन घोष अलौली में 27, बेलदौर में 53 और खगड़िया विधानसभा क्षेत्र के 4 बूथ पानी से घिरे हैं। यहां वोटरों को लाने और ले जाने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से सुनिश्चित की गई है। समय के हिसाब से पानी उतर सकता है। लेकिन अभी नदियों के जलस्तर में उतार चढ़ाव जारी है।
छपरा मकेर प्रखंड में दोबारा बाढ़ की नौबत छपरा जिले के पानापुर, तरैया, मशरक, अमनौर और मकेर प्रखंड में दोबारा बाढ़ की नौबत आ गई है। यह एरिया तरैया व अमनौर विस क्षेत्र में आता है। यहां के करीब 12 बूथों में पानी घुस गया है। करीब सवा लाख मतदाता बाढ़ से घिरे है। तरैया विधानसभा के पानापुर प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय बगडीहा तो तीसरी बार बाढ़ के पानी में डूब गया है।
अररिया यहां भी कई बूथों पर जलजमाव की स्थिति जिले में 7 नवंबर को मतदान होगा। तीन प्रखंडों सिकटी, पलासी, जोकीहाट के 70% बूथ अभी पानी से घिरे हैं। अररिया और फारबिसगंज के 20% बूथों पर पानी है। जिले के 200-250 बूथ आज भी पानी से घिरे हैं। पूर्णिया : महानंदा, कनकई और परमान में उफान से बायसी, बैसा और अमौर में जलजमाव की समस्या बनी हुई है।
सहरसा 211 बूथ कोसी तटबंध के अंदर हैं इस जिले के 211 बूथ बाढ़ प्रभावित कोसी तटबंध के अंदर हैं। जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि मतदान 7 नवंबर हो है। तब तक पानी उतर जाएगा लेकिन तटबंध के भीतर 70 ऐसे बूथ होंगे जहां पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ेगा। मधेपुरा : जिले के 13 प्रखंडों में 2 बाढ़ग्रस्त हैं। चौसा के 9 बूथ और आलमनगर के 14 बूथ पानी से घिरे हैं।
3 दर्जन से अधिक बूथ पानी से घिरे हैं बागमती और गंडक में ऊफान से औराई एवं साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र के करीब 3 दर्जन से अधिक मतदान केंद्र बाढ़ के पानी में घिर गए हैं। औराई विधानसभा क्षेत्र के 12 मतदान भवन में स्थित दो दर्जन बूथ बाढ़ के पानी में डूबे हैं। इसमें कटरा के 7 मतदान भवन के 15 बूथ और औराई के पांच मतदान भवन के 9 बूथ बाढ़ के पानी से घिरे हैं। साहेबगंज विस के भी 15 मतदान केंद्र बाढ़ के पानी से घिरे हैं। उप निर्वाचन पदाधिकारी संजय मिश्र का कहना है, चुनाव तब तक पानी उतर जाएगा।
लखीसराय यहां 55 बूथ बाढ़ग्रस्त हैं इस जिले के 55 बूथ बाढ़ग्रस्त हैं। पिपरिया प्रखंड के 37, सूर्यगढ़ा के 10 और लखीसराय टाल क्षेत्र के 8 बूथ आज भी डूब क्षेत्र में हैं। कीचड़ और जलजमाव है। यहां वोट पहले चरण में पड़ेंगे। प्रशासन का दावा है कि मतदान के दिन तक सब ठीक हो जाएगा। तब तक पानी भी उतर जाएगा। तैयारी पूरी कर ली जाएगी। इन जिलों में भी बूथ पानी से घिरे हैं कटिहार : इस जिले के 1320 बूथ बाढ़ प्रभावित हैं। कटिहार विधानसभा क्षेत्र में 50, कदवा के करीब 370, बलरामपुर के 200, प्राणपुर के 10, मनिहारी के 230, बरारी के 210 और कोढ़ा के 250 बूथों पर अभी भी पानी गहरा है। दरभंगा: जिले में 47 बूथ बाढ प्रभावित हैं । यह जानकारी जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी पुष्कर कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि इसमें से अधिकांश बूथ गौडाबौराम एवं कुशेश्वरस्थान विधान सभा क्षेत्र के हैं। हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र के 13 बूथ बाढ प्रभावित हैं।
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बिहार में कई बूथों पर कमर तक पानी भरा हुआ है। इन जगहों पर मतदान कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी।
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प्रखंड के ग्राम कचहरी सचिव की एक बैठक की गई। जिसमें सभी पंचायत के ग्राम कचहरी सचिव उपस्थित थे। बरारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक नीरज कुमार यादव को एक ज्ञापन सौंपा गया। ग्राम कचहरी सचिव की सभी समस्याओं से संबंधित मांग पत्र सौंपा जाएगा। जिससे 24 फरवरी से चलने वाले विधानसभा सत्र को सदन में विधायक द्वारा उठाया जा सके। वही कचहरी सचिव की मांगों को विधानसभा के सत्र में उठने का विधायक से आग्रह किया है। विधायक ने सचिवों को आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी समस्याओं को विधान सभा मे उठायेंगे। जिसमें सचिवों के मानदेय वृद्धि, स्थायी सेवा शर्त सहित अन्य मांगें शामिल है। मौके पर कचहरी सचिव के समेली अध्यक्ष विभूति रंजन ठाकुर, यशोदा कुमारी, सुधांशु कुमार, संजू कुमारी आदि थे। बरारी विधायक को ज्ञापन सौंपते समेली प्रखंड के ग्राम कचहरी सचिव।
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Barari News - the problem of court secretaries will arise in vis
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बरारी | बरारी के विधायक नीरज कुमार ने विधानसभा में आपदा प्रबंधन मंत्री से तारांकित प्रश्न के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बरारी, कुरसेला एवं समेली के हजारों गंगा, कोसी एवं बरंडी नदी के कटाव से विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी मुद्दे को उठाया। मंत्री ने जवाब में बताया कि जिला पदाधिकारी कटिहार के प्रतिवेदन के अनुसार कटिहार जिला के बरारी अंचल अंतर्गत बांध एवं सड़कों के किनारे रहने वाले विस्थापित कुल 126 परिवारों को सर्वेक्षण कर चिन्हित करने के उपरांत पुनर्वास हेतु कार्रवाई जारी है। कुरसेला अंतर्गत गंगा एवं कोसी नदी के कटाव से विस्थापित कुल 703 परिवारों में से 580 परिवारों को भूमि अर्जित कर पुनर्वासित कर दिया गया है और 98 परिवारों के पुनर्वास हेतु आवासीय भूमि के चयन के उपरांत सतत लीज नीति के तहत कार्रवाई प्रक्रिया अधीन है एवं अवशेष 25 विस्थापित परिवार स्वयं निजी भूमि कर वासोवास कर रहे हैं। समेली अंचल अंतर्गत अवस्थित बरंडी नदी के कटाव से कोई परिवार विस्थापित नहीं हुआ है। मंत्री ने अपने जवाब में यह भी बताया है कि प्रश्न कर्ता विधायक नीरज कुमार के द्वारा मई 2016, जुलाई 2017, दिसंबर 2018, एवं अगस्त 2019 में विस्थापित परिवारों के पुनर्वास हेतु अनुरोध किए जाने के आलोक में उक्त कार्रवाई की गई है।
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