#बकरीद पर कुर्बानी
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Eid ul adha - जमशेदपुर में बकरीद पर मस्जिदों में अदा की गयी नमाज, गले लगकर एक दूसरे को दी मुबारकबाद
जमशेदपुर : मुसलमानों के पवित्र त्यौहारों में से एक बकरीद आज शहर में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. सोमवार को निर्धारित समय के तहत शहर के ईदगाह और मस्जिदों में सामुदायिक रूप से नमाज अदा की गई और लोगों ने एक दूसरे को बकरीद की शुभकामनाएं दी. बता दे कि ईद के 70 दिन बाद ईद- उल- अजहा यानी बकरीद मनाया जाता है. (नीचे भी पढ़ें) इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है. मुस्लिम समाज के लोगों के लिए बकरीद…
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#FridayMotivation
बकरीद पर हत्या अर्थात कुर्बानी करने से हमको पाप लगता है या पुण्य मिलता है इस्लाम धर्म के महत्व को जानने के लिए मंगवा कर पढ़ें पुस्तक "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान को कुरान" ।
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ईद-उल-फितर के ठीक ढाई महीने बाद ईद-उल-अजहा आती है, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन कुर्बानी देने का दिन होता है, लेकिन पाक कुरआन मे कुर्बानी देना अल्लाह का आदेश नहीं, हज़रत मुहम्मद जी ने कभी जीव हत्या नहीं कि क्योंकि जीव हत्या करना अल्लाह का आदेश नहीं है।
#अल्लाह_का_इल्म_बाखबर_से_पूछो
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*इस्लाम धर्म का त्यौहार बकरीद है। इसी से सम्बंधित* मांस खाना अल्लाह का आदेश नहीं है, मांस खाना महापाप है। मांस खाने का आदेश शैतान/काल ब्रह्म का है।*
⚡परमात्मा ने हम ��नुष्यों के खाने के लिए फलदार वृक्ष तथा बी��दार पौधे दिए हैं, मांस खाने का आदेश नहीं दिया।
⚡ कबीर, तिलभर मछली खायके, कोटि गऊ दे दान। काशी करौंत ले मरे, तो भी नरक निदान।।
तिल के समान भी मछली खाने वाले चाहे करोड़ो गाय दान कर लें, चाहे काशी कारोंत में सिर कटा ले वे नरक में अवश्य जाएंगे।
⚡अगर मांस खाने से परमात्मा प्राप्ति होती, तो सबसे पहले मांसाहारी जानवरों को होती, जो केवल मांस ही खाते हैं।
मांस खाकर आप परमात्मा के बनाए विधान को तोड़कर परमात्मा के दोषी बन रहे हो। ऐसा करने वाले को नर्क में डाला जाता है।
⚡झोटे बकरे मुरगे ताई। लेखा सब ही लेत गुसाईं।।
मग मोर मारे महमंता। अचरा चर हैं जीव अनंता।।
किसी भी प्राणी की हत्या करो वह परमात्मा सब का हिसाब लेता है।
⚡गरीब, जीव हिंसा जो करते हैं, या आगे क्या पाप। कंटक जुनी जिहान में, सिंह भेड़िया और सांप।।
जो जीव हिंसा करते हैं उससे बड़ा पाप नहीं है। जीव हत्या करने वाले वे करोड़ो जन्म शेर, भेड़िया और साँप के पाते हैं।
⚡एक तरफ तो आप भक्ति करते हो, और दूसरी तरफ आप बेजुबान निर्दोष जानवरों की हत्या कर उनका मांस खाते हो। सभी जीव परमात्मा की प्यारी आत्मा है, तो फिर मांस खाने से परमात्मा प्राप्ति कैसे होगी?
⚡कबीर परमात्मा ने कहा है कि अच्छा शाकाहार खाना खाओ। बासमती चावल पकाओ। उसमें घी तथा खांड (मीठा) डालकर खाओ और भक्ति करो। (कूड़े काम) बुरे (पाप) कर्म त्याग दो। मिट्टी मांस न पकाओ।
⚡कबीर परमात्मा ने कहा कि दोनों धर्म, दया भाव रखो। मेरा वचन मानो कि सूअर तथा गाय में एक ही बोलनहार है यानि एक ही जीव है। न गाय खाओ, न सूअर खाओ।
दोनूं दीन दया करौ, मानौं बचन हमार। गरीबदास गऊ सूर में, एकै बोलन हार।।
⚡बकरी, मुर्गी (कुकड़ी), गाय, गधा, सूअर को खाते हैं। भक्ति की (रीस) नकल भी करते हैं। ऐसे पाप करने वालों से परमात्मा दूर है। जीव हत्या करने वाले नरक के भागी।
⚡मांस खाने वाले शैतान
कबीर, मांस खाय ते ढेड़ सब, मद पीवे सो नीच।
कुल की दुर्मति पर हरै, राम कहे सो ऊंच।।
कबीर परमेश्वर ने मांस खाने वाले को ढेड़ एवं शराब का सेवन करने वाले को नीच कहकर सम्बोधित किया है। तथा राम/परमात्मा की इ��ादत करने वाले को श्रेष्ठ बताया है। चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का व्यक्ति हो।
⚡कबीर परमात्मा सर्व का पिता है। उसके प्राणियों को मारने वाले से वह कभी खुश नहीं होता।
कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि।
ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।।
⚡मांस खाना महापाप
कबीर, मांस मछलिया खात हैं, सुरापान से हेत।
ते नर नरकै जाहिंगे, माता पिता समेत।
परमात्मा कबीर जी कहते हैं जो मनुष्य मांस, मछली खाते हैं वह नरक में माता पिता के साथ जाते हैं। मांस खाना महापाप है। यह हमारे किसी भी धर्म की पवित्र पुस्तक में नही लिखा है।
⚡जो गल काटै और का, अपना रहै कटाय।
साईं के दरबार में बदला कहीं न जाय॥
जो व्यक्ति किसी जीव का गला काटता है उसे आगे चलकर अपना गला कटवाना पड़ेगा। परमात्मा के दरबार में करनी का फल अवश्य मिलता है।
⚡मांस खाना हराम
नबी मुहम्मद नमस्कार है, राम रसूल कहाया,
1लाख 80 को सौगंध जिन नहीं करद चलाया।
अरस कुरस पर अल्लह तख्त है खालिक बिन नहीं खाली,
वे पैगंबर पाक़ पुरुष थे, साहिब के अब्दाली।।
गरीबदासजी बताते हैं कि नबी मुहम्मद जी परमात्मा की बहुत नेक आत्मा थी। उन्होंने कभी मांस नहीं खाया, न अपने 1,80,000 शिष्यों को खाने को कहा।
⚡जीव हत्या महापाप
काटा कूटी जो करै, ते पाखंड को भेष।
निश्चय राम न जानहीं, कहैं कबीर संदेस।।
कबीर परमेश्वर ने कहा है कि जो पशु को मारकर उसकी देह काटा करते हैं वह सब पाखंडी हैं। परमात्मा के विधान को नहीं जानते- यही मेरा संदेश है।
⚡ पवित्र बाइबल में उत्पत्ति 1:30 पर परमेश्वर ने कहा - और जितने पृथ्वी के पशु, और आकाश के पक्षी, और पृथ्वी पर रेंगने वाले जन्तु हैं, जिन में जीवन के प्राण हैं, उन सब के खाने के लिये मैं ने सब हरे हरे छोटे पेड़ दिए हैं; और वैसा ही हो गया।
⚡ पवित्र बाइबल में उत्पत्ति 1:29 पर फिर परमेश्वर ने कहा सुनो जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर है और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं वे सब मेंने तुम को दिए हैं वह तुम्हारे भोजन के लिए हैं।
आज़ का मानव समाज मांस खाकर महापाप का भागी बन रहा है।
⚡Romans 14:21
माँस नहीं खाना श्रेष्ठ है, शराब नहीं पीना अच्छा है और कुछ भी ऐसा नहीं करना उत्तम है जो तेरे भाई को पाप में ढकेलता हो।
⚡ जीव हनै हिंसा करे, प्रकट पाप सिर होय।
निगम पुनि ऐसे पाप ते, भिस्त गया ना कोय।
परमात्मा कबीर जी कहते हैं कि जींस हिंसा करने से पाप ही लगता है। ऐसा महापाप करक�� भिस्त (स्वर्ग) कोई नहीं गया। तो फिर हे भोले मानव फिर ऐसा महापाप क्यों करता है।
⚡भगवान ने मनुष्य को शाकाहारी भोजन खाने के आदेश दिये हैं - पवित्र बाइबल
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#ProphetMuhammad_NeverAteMeat
बकरीद का त्योहार रमजान का महीने खत्म होने के 70 दिन के बाद मनाया जाता है। आइए जानें बकरीद पर कुर्बानी के लिए अल्लाह के आदेश।
Allah Kabir
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#ProphetMuhammad_NeverAteMeat
बकरीद का त्योहार रमजान का महीने खत्म होने के 70 दिन के बाद मनाया जाता है। आइए जानें बकरीद पर कुर्बानी के लिए अल्लाह के आदेश।
Allah Kabir
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#MessageOfAllahOnEid
ईद-उल-फितर के ठीक ढाई महीने बाद ईद-उल-अजहा आती है, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कुर्बानी देने का दिन होता है, लेकिन पाक क़ुरआन मे कुर्बानी देना अल्लाह का आदेश नहीं, हज़रत मुहम्मद जी ने कभी जीव हत्या नहीं कि क्योंकि जीव हत्या करना अल्लाह का आदेश नहीं है।
अधिक जानकारी (मालूमात) के लिए पढ़ें पाक किताब 'मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन
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"Sant Rampal Ji Maharaj"
📺 ➡️ सुनिए जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन :-
🏵️ Nepal 1 टी.वी. पर सुबह 6:00 से 7:00 तक
🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00 से 3:00 तक
🏵️ साधना टी. वी. पर शाम 7:30 से 8:30 तक
🏵️ पॉपकॉर्न मूवीज पर रात 7:30 से 8:30 तक
#SaintRampalJi
#KabirisGod
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#MessageOfAllahOnEid
#SantRampalJiMaharaj
बाख़बर संत रामपाल जी महाराज
ईद-उल-फितर के ठीक ढाई महीने बाद ईद-उल-अजहा आती है, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कुर्बानी देने का दिन होता है, लेकिन पाक कुरआन मे कुर्बानी देना अल्लाह का आदेश नहीं, हज़रत मुहम्मद जी ने कभी जीव हत्या नहीं कि क्योंकि जीव हत्या करना अल्लाह का आदेश नहीं।
मुस्लिम लोगों की पवित्र पुस्तक कुरान शरीफ है और सभी मुस्लिम यह मानते हैं कि पवित्र कुरान शरीफ में जो ज्ञान है इससे ऊपर कोई ज्ञान नहीं है। हजरत मोहम्मद जी उनके लिए खुदा के भेजे हुए नबी हैं। जब हजरत मोहम्मद जी ने कभी मांस नहीं खाया तो यह मुस्लिम समाज में एक झूठ फैलाया गया है कि मास खाना चाहिए। सोचने की बात तो यह है कि हम सब एक मालिक (परमात्मा) के बच्चे हैं, परमात्मा कैसे अपने बच्चों को एक-दूसरे को मारने का संदेश दे सकता है।
मास खाने का संदेश हजरत मोहम्मद जी का नहीं है और न ही अल्लाह हु अकबर का
जैसे कि ऊपर स्प्ष्ट कर दिया गया है कि मांस खाने का संदेश परमात्मा का नहीं तो फिर क्यों मुस्लिम मांस खाते हैं? मुस्लिम हजरत मोहम्मद जी के नाम पर मांस खाते हैं जबकि जीव हत्या पाप है, अब सोचने की बात यह है कि जिस महापुरुष (हजरत मोहम्मद जी) ने गाय को जीवित कर दिया लेकिन उसका मांस नहीं खाया क्या वो मांस खाने का संदेश दे सकते हैं?
अधिक जानकारी (मालूमात) के लिए पढ़ें पाक किताब 'मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन '..!
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#True_Allah_Kabir
बकरीद का त्योहार रमजान का महीने खत्म होने के 70 दिन के बाद मनाया जाता है। आइए जानें बकरीद (Bakrid 2021) पर कुर्बानी के लिए अल्लाह के आदेश।
Baakhabar Sant Rampal Ji
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Jamshedpur bakra bazar : बकरीद पर साकची आमबगान में सजा बकरा बाजार, 20 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक के बकरे आये बिकने
जमशेदपुर : कुर्बानी का पर्व बकरीद सोमवार, 18 जून को मनाया जाएगा. इसको लेकर जमशेदपुर के ऐतिहासिक आम बागान मैदान में रविवार को बकरा बाजार लगा. बकरा बाजार में एक से बढ़कर एक बकरे बिक्री के लिए लेकर व्यापारी पहुंचे हैं. इनमें 20 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये कीमत तक के बकरे बिक्री के लिए लाये गये हैं, जिनकी खरीददारी के लिए लोग मोल-तोल करते दिखे. (नीचे भी पढ़ें) बता दें कि बकरीद के मौके पर साकची आम…
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#True_Allah_Kabir
बकरीद का त्योहार रमजान का महीने खत्म होने के 70 दिन के बाद मनाया जाता है। आइए जानें बकरीद (Bakrid 2021) पर कुर्बानी के लिए अल्लाह के आदेश।
Baakhabar Sant Rampal Ji
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ईद-उल-फितर के ठीक ढाई महीने बाद ईद-उल-अजहा आती है, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन कुर्बानी देने का दिन होता है, लेकिन पाक कुरआन मे कुर्बानी देना अल्लाह का आदेश नहीं, हज़रत मुहम्मद जी ने कभी जीव हत्या नहीं कि क्योंकि जीव हत्या करना अल्लाह का आदेश नहीं है।
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हैदराबाद: बकरीद के दिन 130 किलो की भेड़ की कुर्बानी देगा परिवार, कोरोना से मुक्ति की उम्मीद
हैदराबाद: बकरीद के दिन 130 किलो की भेड़ की कुर्बानी देगा परिवार, कोरोना से मुक्ति की उम्मीद
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न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, तेलंगाना Updated Fri, 31 Jul 2020 09:41 AM IST
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ईद-उल-अजहा के मौके पर हैदराबाद के एक परिवार अपनी डेढ़ लाख की भेड़ की कुर्बानी देगा। भेड़ के मालिक का मानना है कि इसकी कुर्बानी से अल्लाह दुनिया को कोरोना वायरस से निजात…
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बकरीद का त्योहार रमजान का महीने खत्म होने के 70 दिन के बाद मनाया जाता है। आइए जानें बकरीद (Bakrid 2021) पर कुर्बानी के लिए अल्लाह के आदेश।
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बकरीद का त्योहार रमजान का महीने खत्म होने के 70 दिन के बाद मनाया जाता है। आइए जानें बकरीद (Bakrid 2021) पर कुर्बानी के लिए अल्लाह के आदेश।
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Eid al-Adha : ईद उल-अज़हा कब है, जानिए इतिहास और क्यों मनाते हैं यह त्योहार
Eid al-Adha : ईद उल-अज़हा कब है, जानिए इतिहास और क्यों मनाते हैं यह त्योहार
Eid al Adha 2022 इस्लाम धर्म के खास त्योहारों में से एक त्योहार को ईद-उल-अजहा (Eid al-Adha) कहा जाता है। चांद की दसवीं तारीख को ईद-उल-अजहा या बकरीद का त्योहार मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2022 में ईद उल अजहा का पर्व 10 जुलाई 2022, रविवार को मनाया ���ा रहा है। बकरीद क्यों? (bakra eid 2022)– ईद-उल-अजहा पर कुर्बानी दी जाती है। यह एक जरिया है जिससे बंदा अल्लाह की रजा हासिल करता…
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