#फोकस
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India Faces Suicide Crisis: How Collective Action and Awareness Can Save Lives
As World Suicide Prevention Day approaches, it is crucial to tackle the stigma and promote proactive strategies to address India’s rising suicide crisis. India reports over 150,000 suicides annually, with Jharkhand’s rate of 5.6 per lakh lower than the national average. Despite this, the number of suicide attempts far exceeds reported deaths. On World Suicide Prevention Day, we must shift the…
#फोक��#economic stress and suicide#family support and suicide#focus#Jharkhand suicide rate#Mental Health Awareness#reducing suicide attempts#stigma around suicide#suicide prevention in India#suicide prevention strategies#suicide risk factors#World Suicide Prevention Day
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मिलावटखोरी के खिलाफ चलेगा सघन अभियानः डॉ. धन सिंह रावत
मिलावटखोरी के खिलाफ चलेगा सघन अभियानः डॉ. धन सिंह रावत देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व नैनीताल जिलों पर रहेगा विशेष फोकस विभागीय अधिकारियों को दिये जनपद स्तर पर टीमों के गठन के निर्देश देहरादून, 22 अक्टूबर 2024: खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग त्यौहारी सीजन के दृष्टिगत प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ सघन अभियान चलायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को टीमें गठित करने के निर्देश दे दिये…
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Buzzing Stocks: SBI, HDFC Bank, JSW Steel, Thermax, Jindal Stainless & others in news today
18 मई को नतीजे: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईटीसी, गेल (इंडिया), इंटरग्लोब एविएशन, अरविंद, बाटा इंडिया, क्लीन साइंस एंड टेक्नोलॉजी, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, ग्लैंड फार्मा, गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, गल्फ ऑयल लुब्रिकेंट्स इंडिया, कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल विज्ञान, पीटीसी इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज, पीआई इंडस्ट्रीज, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, राइट्स, शाल्बी, टाटा एलएक्ससी, उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेज, यूनाइटेड स्पिरिट्स और ज़ाइडस लाइफसाइंसेस 18 मई को तिमाही आय से पहले फोकस में होंगे। READ MORE
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आप फोकस से कभी ना हटे, जय श्री राम 🙏
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10 वीं एवं 12 वीं का रिजल्ट 80 प्रतिशत से कम न हो सभी प्राचार्य इस पर विशेष फोकस करें
कलेक्टर ने बैठक में कहा, शिक्षा विभाग सुशासन ऑफ द मंथ लागू कराए बोर्ड परीक्षा परिणाम में वृद्धि करने प्राचार्य रेमेडियल कक्षाओं का संचालन करें नर्मदापुरम। कलेक्टर सोनिया मीना ने सभी हाई स्कूल एवं हायर सैकंड्री स्कूल के प्राचार्यों को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके स्कूलों का कक्षा 10 वीं एवं कक्षा 12 वीं का रिजल्ट 80 प्रतिशत से कम न हो। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिन स्कूलों का…
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Google पर 2025 में आएंगे AI से जुड़े 10 बड़े अपडेट, सुंदर पिचाई ने बताया प्लान
नए साल की शुरुआत के साथ बड़े-बड़े धमाके करने की तैयारी में है. इस साल आपको गूगल पर एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट और प्रोग्राम देखने को मिलेंगे. इनसे गूगल सर्विस यूजर्स के लिए पहले से बेहतर हो जाएगी. अल्फाबेट और गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने गूगल के एंप्लॉयज को एक मेल में इसकी जानकारी शेयर की है. पिचाई ने मेल में उन चीजों का जिक्र किया है जो इस साल कंपनी के फोकस में रहने वाले हैं. इसमें इनोवेशन और…
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चैंपियंस ट्रॉफी से पहले विकेटकीपरों पर फोकस | क��रिकेट समाचार
अंदर या बाहर? केएल राहुल और ऋषभ पंत. (पॉल केन/गेटी इमेजेज द्वारा फोटो) पंत और सैमसन के बीच राहुल की विकेटकीपिंग फिटनेस सवालों के घेरे में; स्पिन आक्रमण, बुमराह और शमी की फिटनेस पर भी नजरेंनई दिल्ली: जब राष्ट्रीय चयनकर्ता और भारतीय टीम प्रबंधन आगामी आईसीसी के लिए टीम पर चर्चा करने के लिए सप्ताहांत में एक साथ मिलते हैं चैंपियंस ट्रॉफी अगले महीने, स्पिन आक्रमण को संतुलित करने, दो विकेटकीपरों को…
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छिछोरे फिल्म रिव्यु
छिछोरे फिल्म में मुख्य स्टार कास्ट प्लॉट: यह फिल्म 7 दोस्तों के इंजीनियरिंग हॉस्टल लाइफ, हार जीत, जज्बात, मस्ती, प्यार, क्रोध और लड़ाई की कहानी पर बनाई गई है हॉस्टल के जनरल चैंपियनशिप के कंपटीशन में वह सब हार के भी जीत जाते हैं शुरुआत में एक ऐसी घटना होती है जो सबको हैरान कर देती है इस एक घटना से फिल्म शुरू होती है उसी घटना पर अंत भी हो जाता है वह क्या घटना है ? उस घटना से सभी दोस्तों की ज़िन्दगी जुडी हुई है यार सिर्फ किसी एक की ? जानने के ��िए फिल्म देखे| टोन और थीम: यह फिल्म एक इमोशनल कॉमेडी ड्रामा टोन पर आधारित है इसकी थीम हार और जीत पर है इसको बनाने का मकसद मनोरंजन के साथ साथ यह संदेश देना भी है कि सब कुछ जीत नहीं होती, हार और असफलता से भी बहुत कुछ सीख सकते है और ज़िन्दगी में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए| एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: एनी के रोल में सुशांत सिंह राजपूत ने अच्छा अभिनय किया है उन्होंने एक तरह से जवान और बुजुर्ग दोनों तरह के रोल को निभाने के लिए बहुत मेहनत की है और काफी हद तक वह उसमें सफल भी रहे| उनकी पत्नी और कॉलेज टाइम की गर्लफ्रेंड के रोल में माया यानी श्रद्धा कपूर ने भी अच्छा अभिनय किया है उनके लिए ज्यादा कुछ खास लंबा रोल नहीं था फिर भी जितना भी था उन्होंने अच्छे से निभाया| एनी के दोस्तों में (सेक्सा)वरुण शर्मा, (डेरेक)ताहिरराज भसीन, (एसिड)नवीन पॉलिशेट्टी, (मम्मी)तुषार पांडे, (बेवड़ा)सहर्ष कुमार ��ुक्ला| सबने अपने अपने रोल को अलग तरह से निभाने की पूरी कोशिश करी और काफी हद तक वह सभी इसमें सफल भी रहे| यह फिल्म किसी एक अभिनेता की नहीं है सभी की है रेग्गी के रोल में प्रतीक बब्बर ने नेगेटिव रोल निभाया है और उनका अभिनय भी अच्छा है राघव के रोल में मोहम्मद समद जो कि एनी का पुत्र है उनका अभिनय औसत दर्ज़े का है| डायरेक्शन: इस फिल्म को नितेश तिवारी ने निर्देशित किया है उनके निर्देशन में यह फिल्म बहुत अच्छी बन पड़ी है नितेश तिवारी कोई परिचय के मोहताज नहीं है इससे पहले वह चिल्लर पार्टी(2011), भूतनाथ रिटर्न्स(2014 ) दंगल(2016) का निर्देशन कर चुके है और निल बट्टे सन्नाटा(2016) बरेली की बर्फी(2017) जैसी फिल्मों की कहानी-पटकथा-डायलॉग्स लिख चुके है यह सभी फिल्में उनकी या तो कमर्शियल सफल है या फिर critically aclaimed है वह बहुत ही मंजे हुए निर्देशक है इस विषय पर एक अच्छी फिल्म नितेश तिवारी से ही एक्सपेक्ट की जा सकती है और उनकी हर डिपार्टमेंट में मजबूत पकड़ है कहानी-पटकथा-डायलॉग्स: नितेश तिवारी, निखिल मेहरोत्रा, पीयूष गुप्ता ने लिखे हैं कहानी में बहुत दम है पटकथा भी बहुत मजबूत है डायलॉग भी बहुत अच्छे से लिखे गए हैं और फिल्म की USP है | साउंड डिज़ाइन:शाजीथ कोयरी, सविता नंबराथ का साउंड डिज़ाइन ठीक है| कास्टूम डिज़ाइन: रोहित चतुर्वेदी ने सभी कलाकारों के कस्टूमएस ने अलग तरह से डिज़ाइन किये है प्रोडक्शन डिज़ाइन: लक्ष्मी कलुस्कर का प्रोडक्शन डिज़ाइन भी बढ़िया है | कोरियोग्राफी: बॉसको सीजर की कोरियोग्राफी सभी गीतों की बढ़िया है| म्यूजिक: प्रीतम संगीत भी ठीक-ठाक है कुछ गीत अच्छे बन पड़े हैं जैसे कैफियत लिरिक्स: अमिताभ भट्टाचार्य के लिखे हुए सभी गीतों में कुछ न कुछ नयापन है| बैकग्राउंड स्कोर: समीरउद्दीन का बैकग्राउंड स्कोर ठीक ठाक है| सिनेमैटोग्राफी: अमलेंदु चौधरी ने सिनेमेटोग्राफी भी अच्छे से की है एडिटिंग: चारु श्री राय की एडिटिंग की गति धीमी है और लंबाई थोड़ी सी कम हो सकती थी फिल्म कही कही पर बोर भी करती है एक्शन: सुनील रोड्रिगुएस के एक्शन कुछ खास नहीं है| क्लाइमेक्स: फिल्म का क्लाइमेक्स अच्छा बन सकता था जो की नहीं बना| ओपिनियन: युवा लोग इसको देख सकते है और अपनी कॉलेज की पुरानी यादों को इस फिल्म को जरिये ��ाज़ा कर सकते है| Flaws: एनी और माया का तलाक़ कैसे और क्यों हुआ इसके बारे में नहीं बताया, क्लियर नहीं है, बुजुर्गों के मेकअप में सुशांत सिंह राजपूत बिल्कुल भी बुजुर्ग नहीं दिखे मेकअप थोड़ा और अच्छे से हो सकता था, सभी कलाकारों के जो बुजुर्गों के मेकअप में है अच्छे से नहीं किये गए| 10 से 15 मिनट की फिल्म छोटी हो सकती थी पर फिर भी इसको ignore किया जा सकता है फिल्म में Study classes पर बिल्कुल भी फोकस नहीं किया गया है| सोशल मैसेज: यह फिल्म हमें एक सामाजिक मैसेज भी देती है की हार या असफल होना ही सब कुछ नहीं है कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती| परीक्षा में नंबर और रैंक लाना ही सब कुछ नहीं होता| रिश्ते नाते प्यार भी कुछ होता है बच्चों से प्यार करना भी जरूरी है मां बाप को बच्चों पर कभी भी दबाव नहीं डालना चाहिए कि एग्जाम्स में टॉप करो अच्छी रैंक लाओ, इसके अलावा भी जिंदगी में बहुत कुछ करने के लिए है| CBFC-U/A Movietime: 2h25m Genre: Comedy Emotional Drama Release: 6 September 2023 फिल्मकास्ट: सुशांत सिंह राजपूत, श्रद्धा कपूर, वरुण शर्मा, प्रतीक बब्बर, ताहिर राज भसीन नवीन पॉलिशेट्टी, तुषार पांडे, सहर्ष कुमार शुक्ला, मोहम्मद समद नेशनल अवार्ड: फिल्म को बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म का अवार्ड मिला है 65th फिल्मफेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: फिल्म को 5 नॉमिनेशंस मिले थे, बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एडिटिंग, बेस्ट स्टोरी, और बेस्ट डायलाग और एक भी अवार्ड जीतने में कामयाब नहीं रही| प्रोडूसर: साजिद नाडियाडवाला, डायरेक्टर: नितेश तिवारी, म्यूजिक: प्रीतम, लिरिक्स: अमिताभ भट्टाचार्य साउंड डिज़ाइन: शाजीथ कोयरी, सविता नंबराथ, बैकग्राउंड स्कोर: समीरउद्दीन, एडिटर: चारु श्री राय कास्टूम डिज़ाइन: रोहित चतुर्वेदी, प्रोडक्शन डिज़ाइन: लक्ष्मी कलुस्कर, सिनेमेटोग्राफी: अमलेंदु चौधरी कोरियोग्राफी: बॉसको सीजर, स्टोरी-स्क्रीनप्ले-डायलॉग्स: नितेश तिवारी, निखिल मेहरोत्रा, पीयूष गुप्ता एक्शन: सुनील रोड्रिगुएस, कास्टिंग डायरेक्टर: मुकेश छाबड़ा Read the full article
#कॉमेडी#कॉमेडीड्रामा#छिछोरे#छिछोरेफिल्म#छिछोरेमूवी#ड्रामा#ताहिरराजभसीन#नितेशतिवारी#वरुणशर्मा#श्रद्धाकपूर#साजिदनादियाडवाला#सुशांतसिंहराजपूत
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झारखंड: हेमंत सोरेन ने 'अबुआ बजट' पोर्टल लॉन्च किया, राज्य के बजट पर सुझाव आमंत्रित किए
��ारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य के बजट के लिए जनता और विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित करते हुए 'अबुआ बजट' पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस पहल का उद्देश्य बजट को अधिक समावेशी और झारखंड के लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने वाला बनाना है। लॉन्च कार्यक्रम में बोलते हुए, हेमंत सोरेन ने संतुलित और सतत विकास पर सरकार के फोकस पर जोर दिया।…
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Jamshedpur Sees Significant Decline in Suicide Cases
Suicide prevention efforts in Jamshedpur are showing positive results, with a marked reduction in cases. Key Points: – Suicide cases in Jamshedpur dropped significantly from 2021 to 2024. – Student suicides fell from 23 in 2021 to 9 by August 2024. – Over 700 lives saved by Jeevan since its 2006 inception. JAMSHEDPUR – Jamshedpur has witnessed a substantial decrease in suicide cases over recent…
#फोकस#JAMIPOL#Jamshedpur#Jeevan#Jharkhand#Mental Health#spotlight#suicide prevention#suicide rates#Tata Steel
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Gen-Z जेनरेशन और आने वाला समाज
हम सभी को संभवतः आज महसूस होने लगा होगा, विशेषतः जब जब हम Gen-Z की बात करें तो यह लगभग लगभग सिद्ध हो गया है, की हमारी जीवनशैली, हमारे आहार-विहार, हमारे विचारों का स्तर, मुख्यतः हमारी सोच, हमारा व्यवहार, मुख्य रूप से हमारी मनोवृति, हमारी संतानों परिलक्षित होगी ही । बीच का कालखंड मानवता के दौर में ऐसा बीता जब भारत में यूरोपीय जीवनशैली का अंधानुकरण करने की होड लगी थी, भारतीयों को अपनी जीवन शैली, अपना रहन-सहन, हमारे सामाजिक मूल्य, हमारी संस्कृति, हमारा आहार-विहार सब पुराण पंथी लगता था, लोग भारतीय जीवन शैली को छोड़ने में अपनी शान समझने लगे, एकल परिवारों का प्रचलन बढ़ने लगा, संयुक्त परिवारों का विघटन, आपसी भाईचारे का आभाव, आदर्श सामाजिक मूल्यों में गिरावट, यह सब नब्बे के दशक में खूब देखने को मिलीं और अब तो हम सूचना प्रौधयोगिकी के युग में हैं जहां मनुष्य के औजार बनकर रह गया है । ऐसे में हम उस समय हुए बदलावों के परिणाम के रूप में सामने आ रही है Gen-Z जेनरेशन, जिसमें न किसी प्रकार की संवेदनाएं हैं, न किसी के प्रति भाव और न ही जिम्मेदारी का भान हो, शून्य संवेदनाओं का संसार समेटे यह Gen-Z वर्ग के बारे में समझें तो ध्यान में आता है ?
सर्वप्रथम हम इनके सकारात्मक पक्ष को समझें तो बेहतर होगा, इसलिए सामान्यतः हम वर्ष 1997 से 2012 के बीच जन्में लोगों की जेनरेशन को जेन-जी के रूप में जानते हैं. इस जनरेशन को लेकर कहा जा रहा है, इस वर्ग में घूमने-फिरने के साथ-साथ गेमिंग की प्रवृति अत्यधिक पाई जाती है. ये लोग क्रिएटिविटी पर फोकस करते हैं एवं नई चीजों को बहुत जल्दी सीख जाते हैं. मल्टीटास्किंग होने के साथ अपनी मेंटल और फिजिकल हेल्थ को लेकर भी बहुत अवेयर रहते हैं। Gen Z के पास बहुत स्किल है लेकिन हम शायद वो कौशल समझ नहीं पा रहे हैं. जेन-जी के पास मिलेनियल के मुकाबले सोशल मीडिया की बेहतर समझ है वो इंटरनेट कनेक्टेड हैं, जबकि मिलेनियम के पास इन सबकी बहुत ज्यादा जानकारी शायद नहीं है । (ज्ञातव्य हो : मिलेनियल जनरेशन,यानि जिनका जन्म 1981 से 1996 के मध्य हुआ हो)
मिलेनियम जेनरेशन के बच्चों में सहनशक्ति अधिक होती थी एवं एडजस्ट करने की भी शक्ति अधिक होती थी. जबकि उनके अवसर एवं किसी भी चीज के लिए ज्यादा ऑप्शन भी नहीं होते थे, ऐसे में वो मेहनत भी बहुत ज्यादा किया करते थे । वर्तमान में दुनियाभर के बच्चों में कई प्रकार के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसके कई कारण हैं, जैसे कि आजकल के बच्चों का डिजिटल वर्ल्ड में बहुत अधिक रहना । क्योंकि अब बच्चों को सभी चीज एक क्लिक पर मिलने लगी है, जिसकी वजह से उनका पेशेंस लेवल खोने लगे हैं, सभी के साथ एडजस्मेंट नहीं हो पा रहे हैं,अतः उनमें सोशल स्किल भी बहुत कम होने लगी है । आज के समय में बच्चों को सोशल स्किल और किसी भी चीज को डील करने का तरीका सीखने की जरुरत है । Gen Z जेनरेशन में कॉमन सेंस का अत्यंत आभाव है । आजकल के बच्चों एवं युवाओं को वर्क एथिक्स के साथ ऑफिस वर्क कल्चर के बारे में सिखाया जाना बहुत जरूरी है ।
Gen-Z जेनरेशन फीडबैक नहीं लेना चाहती, इनको लगता है कि हम जो कुछ भी क��� रहे हैं, उससे अच्छा कुछ भी नहीं किया जा सकता है. अपने सीनियर्स एवं परिवार के बड़ों के बारे में उन्हें लगता है, कि इनको इतना कुछ नहीं पता है, जितना हमें पता है. उनमें सीखने की ललक के साथ हार्ड वर्क करने की भी इतनी क्षमता भी नहीं होती है। यह जेनरेशन सब कुछ बहुत जल्दी और आसानी से कर लेना चाहती हैं. किसी भी चीज में बिना एफर्ट डालें, वो उस चीज को वहीं छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं, इस जनरेशन में मूव ऑन की प्रवृति होती है। अतः इनके मन को समझना बहुत मुश्किल है। कुछ नहीं समझ आया, कुछ असंभव सा लगा तो उसके बारे में जानना, उसके बारे में समझने जिज्ञासा नहीं है इसे युवाओं में, बल्कि उसे छोड़कर आगे बढ़ जाना चाहते हैं, इस बात की परवाह किए बगैर कि उनके लिए, उनके अनुसार किसी ने क्या-क्या व्यवस्थाएं कीं हैं एवं कितना इनवेस्टमेंट किया है । उनको इस बात से कोई मतलब नहीं । चाहे परिवार में उनके बड़े हों चाहे नौकरी में उनके वरिष्ठ हों, चाहे उनके पद की जिम्मेदारी का मामला हो, उन्हें कोई बात नहीं जमी तो वह दूसरे ऑपसन पर ध्यान केंद्रित कर देते हैं, उन्हे किसी के प्रति कोई संवेदना नहीं एवं उनसे क्या आशा एवं अपेक्षा की गई इस बात की परवाह किए बगैर Gen Z के होनहार मुंह फेर का आगे बढ़ने में तनिक में देर नहीं लगाते हैं । डिजिटल वर्ल्ड की जानकारी रखने एवं वहाँ की उपलब्धताओं पर फोकस जीवन शैली के आधीन आज कल के युवाओं में सहनशीलता का आभाव, अपनी अलग जिज्ञासाएं, निरंकुश जीवन, एकल रहन-सहन, रोक-टोक से परे, पारिवारिक संस्कारों से अलग, सामाजिक जिम्मेदारियों से मुक्त, औजारिया जीवन की ओर बढ़ता समाज ही है Gen-Z.
सरकारों ने विकास की बात तो बहुत की, सड़क मार्ग, हवाई मार्ग, ऊंचे ऊंचे भवन, फ्लाई ओवर, पहाड़ तोड़ तोड़कर लंबी लंबी सुरंग तो बहुत बनाईं, युद्ध के समान तो और औजार तो बहुत अत्याधुनिक बनाए, किन्तु सामाजिक मूल्यों के विकास, अपने समाज की दशा-दिशा पर काम करने से विमुखता व्यक्त की, परिणाम आप सभी के समक्ष हैं। सरकार सामाजिक अधिकारिता के नाम पर वर्ग वार आर्थिक पहलू पर तो लीपा पोती करती रही, लेकिन समाज में हो रहे बदलावों पर कोई ध्यान नहीं दिया, इसी का परिणाम है, देश की सरकारी द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से लोगों का जुड़ाव ही नहीं हो पाता है, और न ही सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों में सामाजिक भागीदारी देखने को मिलती है । बेरोजगारी पर बहस चल रही है, सरकार कहती है, निरंतर बढ़त��� जनसंख्या के अनुपात में सरकार नौकरी कैसे दे ? वैसे तो भारत को युवाओं का देश कहा जाता है, किन्तु जो हो भी कहते हैं, उन्हें समझना पड़ेगा कि युवाओं को रोजगार भी देना होगा, जब रोजगार की बात आती है, और सरकार की अक्षमता देखने को मिलती है तो एकमात्र सहारा निजी क्षेत्र ही बचता है । अब समझना होगा कि निजी क्षेत्र भी Gen-Z जेनरेशन को लेकर कोई बहुत उत्साहित नहीं है क्योंकि देखा गया है ?
सोशल रिफॉर्म्स एण्ड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 60% भारत एवं अमेरिकी कंपनियों का अध्ययन करें तो जेन-जी जेनरेशन के कर्मियों को नौकरी से निकलना पड़ता है. वहीं, 75% निजी कंपनियां का मानना हैं, कि उनके यहाँ जेन-जी कर्मचारियों में से कुछ ही कर्मी सही से काम करते हैं अर्थात उन्हें जो काम सही से दिया जाता है, उसे करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में 25% कंपनियां Gen-Z को नौकरी देना चाहती हैं और 17% कंपनियां Gen-Z को नौकरी देने से बचती हैं, या अधिकतर तो सीधा मना ही कर देती हैं. 21% प्रबंधकों का मानना है कि Gen-Z जेनरेशन ऑफिस की समस्याओं की चैलेंज से निपटने के लिए ही तैयार नहीं होते, तो इन्हें रखकर क्या करेंगे । क्योंकि इनमें कम्युनिकेशन स्किल की कमी, ऑफिस कल्चर में एरजेस्ट नहीं हो पाते, यह सोशल मीडिया से अत्यधिक प्रभावित होते हैं, एवं सबसे बड़ी बात यह जल्दी ही छोटी-छोटी बातों से नाराज हो जाते है, लगातार फोन बने रहने का स्वभाव भी कंपनियों के लिए परेशानी का बहुत बड़ा कारण बना हुआ है ।
अब बात यहाँ मात्र नौकरियों या ऑफिस कल्चर तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि यह समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, यहाँ बात युवक-युवतियों दोनों की हो रही है । इसलिए आज इस बात पर बहस होनी चाहिए कि हम समाज में कैसे सामाजिक, नैतिक मूल्यों को बचाएं एवं इनको जीवन का हिस्सा बनाएं, अगर इसी तरह यह सामाजिक गिरावट आती रही तो समाज की दशा दिशा क्या होगी, हम कैसे समाज की ओर बढ़ रहे हैं, इसे समझना होगा ।
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वास्तु शास्त्र आपके जीवन को कैसे प्रभावित कर सकते हैं: वास्तु कंसल्टेंसी के विशेषज्ञों से जानें
वास्तु शास्त्र का परिचय
वास्तु शास्त्र, एक प्रसिद्ध भारतीय वास्तुकला विज्ञान, ने सदियों से संतुलित जीवन और कार्यस्थलों को डिजाइन करने में मानवता का मार्गदर्शन किया है। यह संरेखण और संतुलन की अवधारणाओं पर आधारित है। इस प्राचीन प्रथा में स्वास्थ्य, समृद्धि और समग्र कल्याण सहित हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने की क्षमता है। यह लेख वास्तु शास्त्र की परिवर्तनकारी क्षमता का पता लगाता है और इसके अनुप्रयोग आपके जीवन को कैसे बेहतर बना सकते हैं।
समृद्धि में वास्तु शास्त्र की भूमिका
एक संतुलित और स्वस्थ वातावरण व्यक्ति की वित्तीय स्थिरता और समृद्धि पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। समृद्धि के लिए वास्तु शास्त्र निम्नलिखित पर केंद्रित है:
मुख्य प्रवेश द्वार का उचित स्थान प्रवेश द्वार को ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना जाता है। वास्तु दिशानिर्देशों के अनुसार, सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और अवसर लाने के लिए प्राथमिक प्रवेश द्वार को पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व जैसी अनुकूल दिशाओं का सामना करना चाहिए।
अपने वित्तीय क्षेत्र का अनुकूलन आपके घर या कार्यालय के दक्षिण-पश्चिम कोने को "धन का क्षेत्र" कहा जाता है। इसे साफ रखना आवश्यक है। इस क्षेत्र में धन का प्रतीक वस्तुएं, जैसे निवेश तिजोरी या नकदी संयंत्र रखने से आपके वित्त की स्थिरता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
जल तत्व को संतुलित करना उत्तर-पूर्व में रखे गए फव्��ारे और एक्वैरियम जैसे जल तत्व स्थिर, आनंदमय और प्रचुर प्रवाह बनाए रखने में मदद करेंगे।
रोजमर्रा की जिंदगी के लिए व्यावहारिक वास्तु शास्त्र उपाय
यदि आपका घर या कार्यस्थल वास्तु दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं बनाया गया है, तो कुछ सरल सुधार ऊर्जा में असंतुलन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं:
अव्यवस्था दूर करें: अनावश्यक वस्तुओं से छुटकारा पाएं ताकि सकारात्मक ऊर्जा निर्बाध रूप से प्रवाहित हो सके।
प्राकृतिक प्रकाश: ऊर्जावान वातावरण बनाए रखने के लिए उचित सूर्य के प्रकाश का उपयोग करें।
दर्पण का उपयोग समझदारी से करें: मुख्य दरवाजे या बिस्तर के ठीक सामने दर्पण लगाने से बचें क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का प्रतिबिंब हो सकता है।
वास्तु रंग शामिल करें: प्रत्येक कमरे के कार्य के अनुरूप विशेष रंगों का उपयोग करें। उदाहरण के लिए, अध्ययन स्थलों में नीला रंग सीखने और विकास में सहायता करता है, जबकि शयनकक्ष में यह शांति और विश्राम को प्रोत्साहित करता है।
संतुलित जीवन के लिए वास्तु शास्त्र युक्तियाँ
स्वास्थ्य, खुशी और सफलता के साथ जीवन जीने के लिए, निम्नलिखित व्यावहारिक वास्तु शास्त्र युक्तियों का पालन करें:
बिस्तर का सही स्थान: अपने बिस्तर को कमरे के उत्तर-पश्चिम कोने में रखें। आरामदायक नींद सुनिश्चित करने के लिए दक्षिण दिशा की ओर सिर करके लेटें।
रसोई की ऊर्जा में सुधार: रसोईघर को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें और इसे मुख्य द्वार के पास न रखें।
कार्यस्थल को संतुलित करें: फोकस और उत्पादकता बढ़ाने के लिए, आपका कार्य क्षेत्र उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए।
इंडोर पौधे लगाएं: तुलसी और बांस जैसे पौधे सकारात्मक ऊर्जा और स्वच्छ हवा प्रदान करते हैं।
वास्तु कंसल्टेंसी के लाभ
जबकि सामान्य वास्तु दिशानिर्देश सहायक हो सकते हैं, एक अनुभवी वास्तु सलाहकार आपके अद्वितीय मुद्दों और इच्छाओं के लिए समाधान प्रदान कर सकता है। दशकों के अनुभव और ज्ञान के साथ, एक प्रमाणित वास्तु सलाहकार आपके घर का मूल्यांकन करेगा और ऊर्जा को अधिकतम करने के लिए विशिष्ट समाधान पेश करेगा।
वास्तु शास्त्र केवल भौतिक परिवर्तनों के बारे में नहीं है; यह आपके वातावरण को अधिक सामंजस्यपूर्ण और व्यक्तिगत बनाने का एक समग्र दृष्टिकोण है। विशेषज्ञ मार्गदर्शन कठिनाइयों को दूर करने, रिश्तों को सुधारने और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में सहायक हो सकता है।
निष्कर्ष
वास्तु शास्त्र के मूल तत्व प्राकृतिक दुनिया और मानव कल्याण से जुड़े हुए हैं। इसके ज्ञान को अपने जीवन में शामिल करने से समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशी के नए अवसर खुलते हैं।
यदि आप अपने घर या ऑफिस की अधिकतम क्षमता का एहसास करना चाहते हैं, तो आचार्य सुनील मेहतानी से संपर्क करें। वास्तु विज्ञान के क्षेत्र में 17+ वर्षों के अनुभव के साथ, वह आपको अपने लक्ष्यों और जीवन को संतुलन में लाने में मदद करेंगे।
Suggested Links:- https://www.askacharya.com
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हिमाचल में बनेंगे छह राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल, छात्रों को मिलेगी आधुनिक सुविधाएं; जानें कहां-कहां होगा निर्माण
Himachal Pradesh News: शिक्षा के स्तर पर हिमाचल प्रदेश भारत में 21वें स्थान पर आ पहुंचा है. ऐसे में सुक्खू सरकार का फोकस शिक्षा का स्तर सुधारने और मजबूत करने पर है. राज्य सरकार का प्रयास है कि बच्चों को आधुनिक सुविधाओं के साथ स्कूलों में शिक्षा दिलाई जाए. राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल भी है. राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल में बच्चों को आधुनिक सुविधाओं का फायदा…
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फोकस और शांति अनलॉक करें: मानसिक स्पष्टता और आंतरिक शांति के लिए NLP के ...
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10 January ka Tula Tarot Card: तुला राशि वाले भावुक फैसलों से बचें, सही वक़्त का इंतजार करें
Today Tarot Card Reading: तुला राशि के लिए टेन ऑफ़ वांड्स का कार्ड इस प्रकार के संकेत दे रहा है कि आज आप क्षमता से अधिक दबाव की स्थिति में बने रह सकते हैं. धैर्य धर्म के साथ लक्ष्य साधने के प्रयासों को बनाए रखें. आवश्यक कार्य के पूरे होने तक आराम की न सोचें. करीबियों पर विश्वास को बनाकर रखें. विविध मामलों पर फोकस बढ़ाएं. कर्मठता और कौशल से अपनी जगह बनाए रखेंगे. सजगता का भाव बना रहेगा. स्पष्ट…
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