#प्राथमिकी दर्ज
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पूर्व डीजीपी और एसपी समेत 10 पुलिसकर्मियों पर नहीं बनता एससी एसटी एक्ट का मामला; हिमाचल पुलिस
Himachal News: कांस्टेबल धर्म सुख नेगी का कथित्तौर पर उत्पीडऩ कर नौकरी से निकालने के मामले में आरोपी बनाए गए प्रार्थी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता। प्रार्थी पुलिस अधीक्षक अंजुम आरा व दो अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका के जवाब में पुलिस विभाग ने यह बात कही। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट को सौंपे जवाब में पुलिस…
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Jamshedpur theft - आजादनगर में महिला के घर से लाखों के जेवरात व नगदी की चोरी, बेटी, दामाद के खिलाफ शिकायत दर्ज
जमशेदपुर : जमशेदपुर के आजादनगर थाना क्षेत्र के ज़ाकिर नगर के अब्दुल कलाम रोड से 26 जुलाई को 10 तोला सोना और 12 लाख रुपए नगद की चोरी हो गयी. इस केस की प्राथमिकी 2 नवम्बर को दर्ज करायी गयी है. मामले में एफआईआर मदीना खातून ने दर्ज करायी है. उसका आरोप हे कि 26 जुलाई को दोपहर करीब 12 बजे उसके घर उनकी बेटी, दामाद, उनके बच्चे और एक लड़की आरफा आयी. सभी उसके घर में रुके. रात में उन लोगों ने उनके साथ भोजन…
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आपत्तिजनक वीडियो मामले में कांग्रेस नेता Yunus Chaudhary के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
बागपत में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे यूनुस चौधरी का कथित तौर पर एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक होने के मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। वीडियो सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस ने बागपत जिला अध्यक्ष पद से चौधरी को पद से हटा दिया है। इसे भी पढ़ें: Viral Video । महिला के साथ अश्लील हरकतें करते हुए Yunus Chaudhary का वीडियो वायरल,…
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डीईओ सह डीसी के निर्देश पर डीएमओ ने पेटरवार में छापेमारी अभियान कर 32 टन कोयला खनिज को किया जब्त, प्राथमिकी दर्ज
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बेलसंड में बवाल:11 गिरफ्तार,74 नामजद,डेढ़ सौ अज्ञात पर केस
बेलसंड : बेलसंड नगर पंचायत में मूर्ति विसर्जन के दौरान निकले जुलूस पर रविवार तड़के पथराव और उसके बाद दो स्थानों पर आगजनी करके माहौल बिगाडऩे की कोशिशों में पुलिस ने दोनों पक्षों से 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें महिला एवं पुरुष भी शामिल हैं। घटना के संबंध में बेलसंड थानाध्यक्ष नवलेश आजाद ने खुद के बयान पर दोनों पक्षों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है। जिसमें 74 लोगों को नामजद किया गया है तथा…
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वे युक्तियाँ जिनके माध्यम से प्राथमिकी दर्ज कराया जाना सुलभ है।
अन्य सरकारी सेवाप्रदायी संस्थानों जैसे अस्पताल, पोस्टऑफिस, बिजली ऑफिस की तरह ही थाना भी एक सेवा प्रदायी संस्था है। यह संस्था भी लोगों की सेवा एवं सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा बनाई गई है। जिस प्रकार कोई व्यक्ति पोस्ट ऑफिस जाकर कोई पत्र रजिस्ट्री कराना चाहे और पोस्ट मास्टर रजिस्ट्री के लिए इनकार नहीं कर सकता, उसी तरह थाना भी है, जहां कोई पीड़ित/सूचक अपनी व्यथा/शिकायत लेकर जाता है तो थानाध्यक्ष उसे सुनने एवं आवश्यक कारवाई करने से इंकार नहीं कर सकता है।
आज पुलिस विभाग में वरीय स्तर से इसे लागू करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन आज भी कुछ थानाध्यक्ष इसे शतप्रतिशत लागू करने में आनाकानी कर रहे है। हालांकि नए कानून आने के बाद कोई थानांध्यक्ष इस प्रकार का रवैया अपनाता है तो उसको विभागीय दंड का भागी भी होना पड़ेगा। फिर भी कुछ थानेदार अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे है। आज इस आलेख के माध्यम से यही समझने का प्रयास करेंगे कि कोई थानेदार अपनी मनमानी रवैया अपनाता है, और एफआईआर लिखने/दर्ज करने से मना करता है, या टालमटोल करता है, तो उस स्थिति में एफआईआर लिखने/दर्ज कराने का कौन सा युक्ति सुलभ होगा उसकी बिन्दुवार चर्चा की जा रही है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173(1) में एफआइआर दर्ज कराने की प्रक्रिया का प्रावधान दिया गया है, जहां एफआइआर दो तरीकों से दर्ज कराया जा सकता है। पहला लिखित या मौखिक रूप से थाना पर उपस्थित होकर दूसरा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम जैसे �� मेल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से।
अक्सर यह देखने को मिलता है कि जो भी शिकायते पीड़ित द्वारा थाना पर उपस्थित होकर लिखित या मौखिक रूप से दी जाती है, थाना द्वारा उसकी प्राप्ति प्रति नहीं दी जाती है या कारवाई नहीं की जाती हैं। उस स्थिति में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में प्रावधानित इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्राथमिकी दर्ज कराने का वैकल्पिक सुलभ तरीका उपलब्ध हो गया है।
वैसे थानेदार जो शिकायत की प्राप्ति नहीं देते, या करवाई करना नहीं चाहते, उनके लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में प्रावधानित इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शिकायत करने का तरीक़ा बढ़िया उपाय है। आपको ऐसे किसी थाने में शिकायत करनी हो तो सबसे पहले आप अपनी शिकायत संबंधित थाने के व्हाट्स नंबर पर अग्रिम भेज दे। नए प्रावधान के अनुसार आपको तीन दिनों के अंदर उस आवेदन पर हस्ताक्षर बनाना है, आप दो घंटे बाद ही थाना जाकर अपना हस्ताक्षर बना दे। चुकी आपने इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अपना आवेदन भेजा है, यहां आपको प्राप्ति की पहले जैसी आवश्यकता नहीं होगी। आपका मेसेज ही अपने आप में एक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के रूप में एक रिकॉर्ड है। आपकी शिकायत को विधिक एफ आई आर का स्वरूप देने में थाना द्वारा जांच के नाम पर ज़्यादा से ज़्यादा 14 दिनों तक लंबित रखा जा सकता है अगर शिकायत पत्र में वर्णित घटना किसी भी दृष्टिकोण से संदिग्ध प्रतीत होता है तो। परंतु यहाँ भी जाँच के लिए सर्वप्रथम थानाध्यक्ष को कम से कम पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
14 दिनों के बाद भी आपका एफ आई आर दर्ज नही किया जाता तो थानेदार को कारण बताना होगा किन परिस्थितियों में आपका एफ आई आर दर्ज नहीं किया गया। 14 दिनों के बाद आपको कारण भी नहीं बताया जा रहा है, और एफ आई आर की कॉपी भी नही दी जा रही है तब आप संबंधित थाने की शिकायत संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक से कर सकते है। पुलिस अधीक्षक को थाना में प्राप्ति साक्ष्य के रूप में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड व्हाट्सएप मैसेज दिखा सकते है। पुलिस अधीक्षक इसकी जांच कराकर आवश्यक कारवाई का निर्देश देंगे।
पुलिस अधीक्षक के स्तर से भी समाधान नहीं हुआ या आप पुलिस अधीक्षक के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं तब आप न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 175 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत आवेदन कर सकते हैं। न्यायायिक दंडाधिकारी संबंधित थाना को मामले की जांच करने और एफआईआर दर्ज करने का निर्देश जारी कर सकता हैं।
इसके अतिरिक्त आप अपने अधिकारों की रक्षा के लिए माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर कर सकते हैं।
लोकायुक्त या मानवाधिकार आयोग में शिकायत - आप लोकायुक्त या राज्य मानवाधिकार आयोग में भी थानेदार के विरुद्ध शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
इसे उदाहरण के माध्यम से ऐसे समझते है-
यदि A नाम के व्यक्ति के साथ कोई अपराध घटित होता है और पुलिस उसकी शिकायत दर्ज नहीं कर रही है, तो A निम्नलिखित कदम उठा सकता हैं:
1. पहले, वह पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत करेगा और उनसे एफआईआर दर्ज कराने का अनुरोध करेगा।
2. अगर पुलिस अधीक्षक भी कोई कार्रवाई नहीं करते, तो A न्यायायिक दंडाधिकारी के पास अपनी शिकायत उपस्थापित करेगा तदनुसार न्यायायिक दंडाधिकारी धारा 175 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहित के तहत उक्त शिकायत पत्र को संबंधित थाना को जांच/प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आदेशित करेंगे।
3. इसके अलावा, A माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर कर सकता है, जिसमें वह पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने का अनुरोध करेगा।
4. A अपनी शिकायत लेकर लोकायुक्त / राज्य मानवाधिकार आयोग के पास भी जा सकता है।
इन प्रक्रियाओं के माध्यम से, कोई व्यक्ति थाना को प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने के लिए बाध्य कर सकता हैं और न्याय प्राप्त कर सकता हैं। लोक कल्याणकारी राज्य में जनता की हितों एवं सुरक्षा को सर्वोपरि माना गया है। सिर्फ जागरूक होने या जागरूकता की उत्प्रेरणा समाज को देने की आवश्यकता है।
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इंसाफ दिलाने से अधिक अपराध को..'; कांग्रेस MP बोले- न्याय अधिकार है, नागरिक मर्जी के मोहताज नहीं
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपराध पीड़ित बेटियों को इंसाफ दिलाने के मामले में सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र से सामने आए मामलों का जिक्र करते हुए सवाल किया कि क्या अब प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए भी आंदोलन करने पड़ेंगे। राहुल ने कहा कि पुलिस के पास पीड़ित पक्ष की शिकायत और एफआईआर दर्ज न होना हतोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि न्याय दिलाने…
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अयोध्या के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल करने वालों पर सपा ने की कार्यवाई की मांग, अयोध्या में BJP के हार का भी बताया कारण
लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग उत्तर प्रदेश खास कर अयोध्या को लेकर उल्टे सीधे बातें बोल रहे है। जिसको लेकर अब एक्शन लेने की मांग की जा रही है। दरअसल लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद लोग अयोध्या को धोखेबाज़ से लेकर कई उलटे सीधे शब्दों का प्रयोग कर रहे है। जिसको लेकर अब समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक एवं राज्य सरकार के पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय ने सरकार से इसपर एक्शन लेने की मांग की है।
दरअसल लोकसभा चुनाव के परिणाम में अयोध्या के फैजाबाद लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद लोगो के मन में अयोध्या और उत्तर प्रदेश के लिए गुस्सा भर गया है। वो अपना गुस्सा सोशल मीडिया के माध्यम से अयोध्या वासियों को लेकर उल्टा सीधा मीम बनाकर निकाल कर रहे है। जिसको लेकर अब मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
दरअसल बीते शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने अयोध्या वासियों को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे लोगो पर एक्शन के साथ साथ BJP के हार के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, "अयोध्या के लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों की पहचान की जाए और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके सख्त कार्रवाई की जाए।" इसके अलावा उन्होंने BJP को टारगेट करते हुए कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन ने लोगों को डराने-धमकाने, मनमानी करने और लूटपाट करने का काम किया, पीड़ित जनता शिकायत लेकर आई लेकिन किसी ने नहीं सुनी। जब जनता को लोकसभा चुनाव में मौका मिला, तो उन्होंने BJP को हराकर समाजवादी पार्टी को चुना है।
जानकारी के लिए बता दें, फैजाबाद लोकसभा सीट से मौजूदा BJP सांसद लल्लू सिंह को सपा के अवधेश प्रसाद ने चुनाव में हरा दिया है। इस हार को लेकर BJP को बहुत बड़ा सदमा लगा है। जिसको लेकर तेज नारायण पांडेय ने कहा, "अयोध्या में भाजपा के अहंकार को यहां की जनता ने तोड़ दिया, जिसके कारण आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से ज्यादा चर्चा अयोध्या में भाजपा के हारने की हो रही है और इसी कारण भाजपा के एजेंट सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियां कर रहे हैं।"
सोशल मीडिया पर इन टिप्पड़ियों को लेकर कार्यवाई करने की मांग की गयी है। हालांकि अब देखना होगा कि क्या सरकार इसपर कोई एक्शन लेता है या नहीं। तो वहीं गौरतलब हो आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ लेंगे। जिसको लेकर तैयारियां जोरो शोरो से हो रही है।
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अमित शाह फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस के सामने पेश नहीं हुए राजेश ठाकुर, झारखंड कांग्रेस के 'X' हैंडल पर लगी रोक
रांचीः कांग्रेस की झारखंड इकाई के अध्यक्ष को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने दो मई गुरुवार को तलब किया है। राजेश ठाकुर ने बताया कि उन्हें दिल्ली पुलिस के ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस’ (आईएफएसओ) कार्यालय में जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। दिल्ली पुलिस से मंगलवार को मुझे नोटिस मिला। लेकिन यह मेरी समझ से परे है कि मुझे नोटिस क्यों दिया गया है। यह अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है। चुनाव प्रचार चरम पर, व्यस्तता को समझा जा सकता है राजेश ठाकुर ने कहा-‘यदि कोई शिकायत थी तो उन्हें सबसे पहले सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर मेरे अकाउंट पर उपलब्ध सामग्री को सत्यापित करना चाहिए था। चुनाव प्रचार अपने चरम पर है और चुनाव अभियान में मेरी व्यस्तता को समझा जा सकता है। इस स्थिति में, उन्होंने मेरा लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान मांगे हैं। चीजों को सत्यापित किये बिना समन जारी करना उचित नहीं है।’ ठाकुर ने कहा कि वह इस मामले में विधिक राय ले रहे हैं। झारखंड कांग्रेस के ‘एक्स’ हैंडल पर लगी रोक इसी बीच, कांग्रेस की झारखंड इकाई के ‘एक्स’ हैंडल पर कहा गया है कि एक विधिक मांग पर अकाउंट पर रोक लग��� दी गई है। इस संबंध में राजेश ठाकुर ने कहा, ‘हमारे ‘एक्स’ हैंडल पर कितनी जल्दी रोक लगा दी गई है, वह भी ऐसे समय में जब चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। ऐसा लगता है कि विरोध की आवाज को दबाने के लिए यह एक सोची-समझी रणनीति है।’ फर्जी वीडियो को लेकर 28 अप्रैल को एफआईआर दर्ज दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने शाह के फर्जी वीडियो को लेकर ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर’ (आई4सी) की शिकायत पर रविवार को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले आई4सी की शिकायत में कहा गया है कि वीडियो में शाह का बयान धार्मिक आधार पर मुस्लिमों का कोटा खत्म करने की प्रतिबद्धता की तरफ इंगित करता है, जबकि इस वीडियो में छेड़छाड़ करके प्रसारित किये गये फर्जी वीडियो को देखकर लगता है कि शाह सभी तरह का आरक्षण खत्म करने की वकालत कर रहे थे। झारखंड में भी दो लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज झारखंड भाजपा की तरफ से भी मंगलवार को शाह का फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। इन दोनों आरोपियों के नाम शैलेंद्र हाजरा और रूपेश रजक हैं। भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा कि दोनों ने छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो प्रसारित किया। http://dlvr.it/T6Jt9Q
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अनुसूचित जाति की महिला को दी जान से मारने की धमकी, जातिसूचक शब्द भी कहे; मामला दर्ज
Mandi News: उपमंडल सुंदरनगर में एक अनुसूचित जाति ki महिला को जान से मारने की धमकी व जातिसूचक टिप्पणी करने का मामला सामने आया है। पुलिस थाना सुंदरनगर ने आरोपी महिला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 351(2) व एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता किन्नौरी देवी पत्नी स्वर्गीय सुआरू राम, गांव भरजवानू, डाकघर जुगाहण, तहसील सुंदरनगर ने…
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jharkhand election : चुनाव को लेकर झारखंड में 13,634 लाइसेंसी आर्म्स जमा हुए, 140 करोड़ की अवैध सामग्री और नकदी जब्त
रांची : झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा है कि राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक कुल 135.70 करोड़ की अवैध सामग्री और नकदी जब्त की गयी हैं. वहीं आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में अब तक कुल 24 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं. उन पर नियमानुसार कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। वह शनिवार को निर्वाचन सदन, धुर्वा में पत्रकार वार्ता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि…
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आपत्तिजनक वीडियो मामले में कांग्रेस नेता Yunus Chaudhary के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
बागपत में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे यूनुस चौधरी का कथित तौर पर एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक होने के मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। वीडियो सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस ने बागपत जिला अध्यक्ष पद से चौधरी को पद से हटा दिया है। इसे भी पढ़ें: Viral Video । महिला के साथ अश्लील हरकतें करते हुए Yunus Chaudhary का वीडियो वायरल,…
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खनन विभाग ने पेक नारायणपुर के आर्या फ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड में छापामारी कर भारी मात्रा में भंडारित कोयला को जप्त कर, की प्राथमिकी दर्ज
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महाराष्ट्र : शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर ठेकेदार और एक अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
मुंबई: 27 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में पुलिस ने ठेकेदार और एक अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में पुलिस ने ठेकेदार और एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पिछले साल नौसेना दिवस (4 दिसंबर) पर…
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जालना में नकली कीटनाशक दवाओं की कंपनी का भंडाफोड़ हुआ। Fake pesticide company busted in Jalna.
* ७१ हजार ४०० रुपए का माल जब्त * सदर बाजार पुलिस थाने में मामला दर्ज जालना: जालना में नकली कीटनाशक दवाओं की बिक्री करने वाली एक कंपनी का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने कंपनी के सहायक प्रबंधक से 71,400 रुपये मूल्य का माल जब्त किया है। इस मामले में राहुल झोमन की शिकायत पर सदर बाजार पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। टू बड़ी कंसल्टिंग प्रा.लि. कंपनी, दिल्ली-नोएडा के अ��िस्टेंट मैनेजर राहुल…
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प्राथमिकी दर्ज करने से पहले सरकारी राय जरूरी नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया आदेश पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने पुलिस को जारी आदेश में कहा था कि अगर किसी मामले में धोखाधड़ी, ठगी या आपराधिक विश्वासघात की प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करनी हो और वह मामला नागरिक विवाद का लग रहा हो, तो पहले सरकार की कानूनी राय ली जाए। जस्टिस सी.टी. रविकुमार और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर यह आदेश दिया। पीठ ने हाईकोर्ट के…
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