#प्रशांत भूषण ट्वीट
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jaksnews · 4 years ago
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प्रशांत भूषण को CJI के 21 अक्टूबर के ट्वीट में 'त्रुटि' का पछतावा है
प्रशांत भूषण को CJI के 21 अक्टूबर के ट्वीट में ‘त्रुटि’ का पछतावा है
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द्वारा: PTI | नई दिल्ली | 6 नवंबर, 2020 9:17:32 बजे
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शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त को भूषण के खिलाफ उनके खिलाफ अवमानना ​​मामले में सजा के रूप में एक रुपये का टोकन जुर्माना लगाया था। (फाइल / पीटीआई)
एक्टिविस्ट-वकील प्रशांत भूषण ने 21 अक्टूबर के अपने ट्वीट में “त्रुटि” पर खेद जताया है जिसमें वह भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एस ए बोबड़े के आलोचक…
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smarthulchal · 4 years ago
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वकील प्रशांत भूषण के दो ट्वीट को लेकर अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (फाइल फोटो). नई दिल्ली: वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) के दो ट्वीट के आधार पर अदालत की अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रखा है.
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praveenpradhan254121 · 3 years ago
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टीकों पर प्रशांत भूषण के ट्वीट को ट्विटर पर मिला गुमराह करने वाला झंडा
टीकों पर प्रशांत भूषण के ट्वीट को ट्विटर पर मिला गुमराह करने वाला झंडा
प्रशांत भूषण ने कहा कि उन्हें युवा और स्वस्थ लोगों को COVID-19 के टीके मिलने पर संदेह है। नई दिल्ली: टीकों के बारे में कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण के एक ट्वीट को ट्विटर द्वारा “भ्रामक” के रूप में चिह्नित किया गया है, जिससे 64 वर्षीय ने “अंधाधुंध” टीकाकरण के खिलाफ अपने रुख को दोगुना करने के लिए प्रेरित किया। एक मामले के बारे में एक समाचार लेख संलग्न करते हुए, जहां एक COVID-19 वैक्सीन प्राप्त…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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'अंत की शुरुआत...दीवार पर इबारत साफ', अयोध्या, काशी, मथुरा में BJP की हार पर ट्विटर हुआ ट्रेंड Divya Sandesh
#Divyasandesh
'अंत की शुरुआत...दीवार पर इबारत साफ', अयोध्या, काशी, मथुरा में BJP की हार पर ट्विटर हुआ ट्रेंड
लखनऊ उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरे जोर-शोर से उतरी थी। संगठन से लेकर विधायक, सांसद और मंत्रियों ने चुनाव में ताकत झोंकी। लेकिन नतीजों में बीजेपी को करारा झटका लगा है। बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तीन जगहों पर हार रही। पिछले चार दशकों के दौरान ये ऐसे प्रतीक हैं, जिन्हें पार्टी के बढ़ते ग्राफ से जोड़कर देखा जाता रहा है। हम बात कर रहे हैं अयोध्या, काशी और मथुरा की। लेकिन जिला पंचायत चुनाव के नतीजों में बीजेपी को इन तीनों जिलों में मात मिली है। बीजेपी की हार के बाद ट्विटर पर बहस छिड़ी है और कई यूजर्स पार्टी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
अयोध्या जिला पंचायत की 40 में से 24 सीटों पर मुख्य विपक्षी पार्टी सपा जीती है। वहीं वाराणसी में भी 15 सीटों पर सपा समर्थित जीते हैं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बीजेपी की अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जिला पंचायत में भारी हार हुई है। अयोध्या की 40 में से 8, वाराणसी की 40 में से 7 और मथुरा की 33 में से 8 सीटों पर बीजेपी जीती है। ये शहर बीजेपी के सांप्रदायिक एजेंडे के केंद्र में हैं। दीवार पर लिखी इबारत साफ है। योगी और बीजेपी की 2022 के चुनाव में करारी शिकस्त मिलेगी।’
सतीश कुमार नाम के ट्विटर यूजर ने एनबीटी ऑनलाइन के आर्टिकल को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बीजेपी अयोध्या, मथुरा और वाराणसी में हार गई है। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगने वाला है। कंगना को खास तौर से धन्यवाद। देश और यूपी के हिंदू अब सच में जाग चुके हैं।’
ट्विटर यूजर अनु वर्गीज ने लिखा, ‘क्या यह एक अंत की शुरुआत है? क्या यूपी ��दलेगा? बीजेपी अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में पंचायत चुनाव हार गई है। विपक्ष को यूपी में जीतने के लिए बीजेपी से बेहतर विलेन बनना होगा।’
समीर नाम के ट्विटर यूजर ने कॉमेंट किया, ‘तीन पवित्र शहरों वाराणसी, अयोध्या और मथुरा के पंचायत चुनाव में बीजेपी बड़े अंतर से हारी है। उत्तर प्रदेश के लोग धीरे-धीरे महसूस कर रहे हैं कि धार्मिक गुंडागर्दी शासन चलाने का विकल्प नहीं है। आप हर संकट की घड़ी में अपने तरीके से संपत्ति जब्त नहीं कर सकते।’
बताते चलें कि यूपी में जिला पंचायतों की कुल 3050 सीटों के नतीजों में मुख्य विपक्षी सपा ने बीजेपी को काफी पीछे छोड़ दिया है। एक निजी चैनल के आंकड़ों के मुताबिक सपा समर्थित प्रत्याशियों ने 779 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं बीजेपी को सिर्फ 579 सीटों पर ही जीत मिल सकी है। निर्दलीय और अन्य को सबसे ज्यादा 1272 सीटों पर सफलता मिली है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को 361 सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस सिर्फ 59 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है।
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jaksnews · 4 years ago
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एससी को प्रशांत भूषण: उन ट्वीट्स के लिए माफी माँगने के लिए अनिच्छुक होंगे, जिन्होंने f मेरे विश्वास को व्यक्त किया था ’
एससी को प्रशांत भूषण: उन ट्वीट्स के लिए माफी माँगने के लिए अनिच्छुक होंगे, जिन्होंने f मेरे विश्वास को व्यक्त किया था ’
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द्वारा: एक्सप्रेस वेब डेस्क | नई दिल्ली | Updated: 20 अगस्त, 2020 6:03:52 अपराह्न
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सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रशांत भूषण (फाइल)
यह व्यक्त करते हुए कि उन्हें “अत्यधिक गलत समझा” पर “पीड़ा” हुई थी, अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनके ट्वीट्स, जो अदालत द्वारा अवमानना ​​किए गए थे, “अनुपस्थिति मानसिकता” में नहीं कि���…
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crimeflashlucknow · 4 years ago
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अनुमप खेर ने प्रशांत भूषण पर साधा निशाना, कहा ‘एक रुपया दाम लगाया सुप्रीम कोर्ट ने बंदे का’
अनुमप खेर ने प्रशांत भूषण पर साधा निशाना, कहा ‘एक रुपया दाम लगाया सुप्रीम कोर्ट ने बंदे का’
एडवोकेट प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट पर अपमानजनक ट्वीट कर कोर्ट की अवमानना की थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए प्रशांत को एक रूपये का जुर्माना लगा दिया है। जिस पर बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है और प्रशांत पर निशाना साधा है।अनुपम का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग इस पर खूब केमेंट भी कर रहे हैं।
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अनुपम ने ट्वीट करते हुए लिखा-”एक रुपया…
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tslwindia · 4 years ago
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प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा - खुशी-खुशी भरूंगा 1 रुपये का जुर्माना, लेकिन कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर चुनौती जरूर दूंगा
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डिजिटल डेस्क। आपराधिक अवमानना के लिये दोषी ठहराये गये सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने एक रुपए का सांकेतिक जुर्माना भरने के लिए कहा है। कोर्ट के इस आदेश के बाद प्रशांत भूषण ने कहा, मैं फैसला मान रहा हूं लेकिन अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए चुनौती जरूर दूंगा। उन्होंने कहा, मैं खुशी-खुशी जुर्माना भरने के लिए तैयार हूं, एक जिम्मेदार नागरिक की तरह जुर्माना भरूंगा। भूषण ने कहा कि मेरे हृदय में सुप्रीम कोर्ट के लिए पूरा सम्मान है। क्या कहा प्रशांत भूषण ने? प्रशांत भूषण ने कहा, मेरे ट्वीट्स का मकसद सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करना नहीं था। ये मुद्दा मेरे या सुप्रीम कोर्ट और किसी जज के खिलाफ नहीं था। उन्होंने कहा कि इस दौरान जिन लोगों ने मुझे समर्थन दिया, मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने कहा, इस मामले के कारण एक बार फिर लोगों का ध्यान फ्रीडम ऑफ स्पीच की ओर गया है। इससे पहले उन्होंने ट्विटर पर दो तस्वीरें पोस्ट की थी। जिसमें वह अपने वकील राजीव धवन से एक रुपए लेते दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, 'मेरे वकील और वरिष्ठ साथी राजीव धवन ने आज अवमानना केस पर फैसला आते ही मुझे ���क रुपया दिया जिसे मैंने कृतज्ञता के साथ स्वीकार कर लिया।' My lawyer & senior colleague Rajiv Dhavan contributed 1 Re immediately after the contempt judgement today which I gratefully accepted pic.twitter.com/vVXmzPe4ss — #Hindinews #hindinewslive #hindinewstoday #latesthindinews #NewsinHindi #PrashantBhushancontemptcase #PrashantBhushancontemptofcourtcase #PrashantBhushanpc #PrashantBhushanpressconference Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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जेल जाने से बचे प्रशांत भूषण, अवमानना केस में भरा 1 रुपए का जुर्माना
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पर सोमवार को कोर्ट और जजों की अवमानना के मामले में 1 रुपए का जुर्माना लगाया था। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि भूषण ने 15 सितंबर तक फाइन नहीं भरा तो उन्हें 3 महीने की जेल होगी और 3 साल के लिए प्रैक्टिस पर रोक लगा दी जाएगी। इसके बाद प्रशांत भूषण ने कहा, 'मैंने आभार के साथ फैसला मंजूर कर लिया। अदालत के आदेश के तुरंत बाद मेरे साथी राजीव धवन ने कोर्ट की रजिस्ट्री में 1 रुपया जमा करवा दिया।' प्रशांत भूषण ने माफी मांगने से इनकार किया था कोर्ट और चीफ जस्टिस पर कमेंट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को भूषण को अवमानना का दोषी ठहराया था। कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही भूषण को बिना शर्त माफी मांगने की मौका भी दिया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। भूषण ने कहा था कि माफी मांगी तो यह अंतरात्मा और कोर्ट की अवमानना होगी। My lawyer & senior colleague Rajiv Dhavan contributed 1 Re immediately after the contempt judgement today which I gratefully accepted pic.twitter.com/vVXmzPe4ss — Prashant Bhushan (@pbhushan1) August 31, 2020 क्या है पूरा मामला 22 जून को वरिष्ठ वकील ने कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे और चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद 27 जून के ट्वीट में प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के छह साल के कामकाज को लेकर टिप्पणी की थी। इन ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। भूषण के इन 2 ट्वीट को कोर्ट ने अवमानना माना पहला ट्वीट: 27 जून- जब इतिहासकार भारत के बीते 6 सालों को देखते हैं तो पाते हैं कि कैसे बिना इमरजेंसी के देश में लोकतंत्र खत्म किया गया। वे (इतिहासकार) सुप्रीम कोर्ट खासकर 4 पूर्व सीजेआई की भूमिका पर सवाल उठाएंगे। दूसरा ट्वीट: 29 जून- इसमें वरिष्ठ वकील ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की हार्ले डेविडसन बाइक के साथ फोटो शेयर की। फोटो में सीजेआई बिना हेलमेट और मास्क के नजर आ रहे थे। भूषण ने लिखा था कि सीजेआई ने लॉकडाउन में अदालतों को बंद कर लोगों को इंसाफ देने से इनकार कर दिया। अवमानना के एक केस में भूषण पहले ही अफसोस जता चुके 2009 में तहलका मैगजीन को दिए इंटरव्यू में भूषण ने 16 पूर्व चीफ जस्टिस (सीजेआई) को भ्रष्ट बताया था। बाद में भूषण ने कोर्ट में अफसोस जताते हुए कहा कि भ्रष्ट शब्द आर्थिक भ्रष्टाचार के लिए नहीं, बल्कि शिष्टाचार की कमी के मायनों में इस्तेमाल किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह पता करना चाहता है कि क्या मौजूदा और पूर्व जजों के खिलाफ इस तरह भ्रष्टाचार के आरोप लगाना सही है? Read the full article
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abhay121996-blog · 4 years ago
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'अंत की शुरुआत...दीवार पर इबारत साफ', अयोध्या, काशी, मथुरा में BJP की हार पर ट्विटर हुआ ट्रेंड Divya Sandesh
#Divyasandesh
'अंत की शुरुआत...दीवार पर इबारत साफ', अयोध्या, काशी, मथुरा में BJP की हार पर ट्विटर हुआ ट्रेंड
लखनऊ उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरे जोर-शोर से उतरी थी। संगठन से लेकर विधायक, सांसद और मंत्रियों ने चुनाव में ताकत झोंकी। लेकिन नतीजों में बीजेपी को करारा झटका लगा है। बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तीन जगहों पर हार रही। पिछले चार दशकों के दौरान ये ऐसे प्रतीक हैं, जिन्हें पार्टी के बढ़ते ग्राफ से जोड़कर देखा जाता रहा है। हम बात कर रहे हैं अयोध्या, काशी और मथुरा की। लेकिन जिला पंचायत चुनाव के नतीजों में बीजेपी को इन तीनों जिलों में मात मिली है। बीजेपी की हार के बाद ट्विटर पर बहस छिड़ी है और कई यूजर्स पार्टी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
अयोध्या जिला पंचायत की 40 में से 24 सीटों पर मुख्य विपक्षी पार्टी सपा जीती है। वहीं वाराणसी में भी 15 सीटों पर सपा समर्थित जीते हैं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बीजेपी की अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जिला पंचायत में भारी हार हुई है। अयोध्या की 40 में से 8, वाराणसी की 40 में से 7 और मथुरा की 33 में से 8 सीटों पर बीजेपी जीती है। ये शहर बीजेपी के सांप्रदायिक एजेंडे के केंद्र में हैं। दीवार पर लिखी इबारत साफ है। योगी और बीजेपी की 2022 के चुनाव में करारी शिकस्त मिलेगी।’
सतीश कुमार नाम के ट्विटर यूजर ने एनबीटी ऑनलाइन के आर्टिकल को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बीजेपी अयोध्या, मथुरा और वाराणसी में हार गई है। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगने वाला है। कंगना को खास तौर से धन्यवाद। देश और यूपी के हिंदू अब सच में जाग चुके हैं।’
ट्विटर यूजर अनु वर्गीज ने लिखा, ‘क्या यह एक अंत की शुरुआत है? क्या यूपी बदलेगा? बीजेपी अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में पंचायत चुनाव हार गई है। विपक्ष को यूपी में जीतने के लिए बीजेपी से बेहतर विलेन बनना होगा।’
समीर नाम के ट्विटर यूजर ने कॉमेंट किया, ‘तीन पवित्र शहरों वाराणसी, अयोध्या और मथुरा के पंचायत चुनाव में बीजेपी बड़े अंतर से हारी है। उत्तर प्रदेश के लोग धीरे-धीरे महसूस कर रहे हैं कि धार्मिक गुंडागर्दी शासन चलाने का विकल्प नहीं है। आप हर संकट की घड़ी में अपने तरीके से संपत्ति जब्त नहीं कर सकते।’
बताते चलें कि यूपी में जिला पंचायतों की कुल 3050 सीटों के नतीजों में मुख्य विपक्षी सपा ने बीजेपी को काफी पीछे छोड़ दिया है। एक निजी चैनल के आंकड़ों के मुताबिक सपा समर्थित प्रत्याशियों ने 779 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं बीजेपी को सिर्फ 579 सीटों पर ही जीत मिल सकी है। निर्दलीय और अन्य को सबसे ज्यादा 1272 सीटों पर सफलता मिली है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को 361 सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस सिर्फ 59 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है।
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kisansatta · 4 years ago
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प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना ,नहीं भरने पर तीन साल प्रैक्टिस पर रोक
नई दिल्ली : न्यायपालिका के खिलाफ विवादित ट्वीट करने के लेकर न्यायलय में दोषी ठहराए गए वकील प्रशांत भूषण को सजा के तौर पर उनपर 1 एक रुपये का जुर्मानालगाया गया है | बता दें किअदालत न्र ये भी कहा है कि यदि प्रशांत भूषण यह जुर्माना नहीं भरते है तो उनपर तीन महीने की सजा हो सकती है और उनकी प्रैक्टिस पर तीन साल की रोक लगायी जा सकती है | अदालत की अवमानना के मामले में दोषी पाए जाने पर वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने सजा सुनाई है, सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अवमानना के लिए सिर्फ 1 रुपए का जुर्माना भरने की सजा दी है और 15 सितंबर तक अगर प्रशांत भूषण इसे नहीं भरते हैं तो उन्हें 3 महीने की सजा हो सकती है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में सजा सुनाई।
प्रणव मुख़र्जी की तबियत हुई और भी नासाज ,सेप्टिक शॉक से हुए ग्रसित
सुप्रीम कोर्ट ने भूषण को 15 सितंबर तक 1 रुपये का जुर्माना जमा कराने को कहा है। जुर्माना नहीं देने पर उन्हें तीन महीने की सजा होगी और 3 साल तक के लिए वकालत पर रोक लग जाएगी। बता दें कि 63 वर्षीय प्रशांत भूषण ने यह कहते हुए पीछे हटने या माफी मांगने से इनकार कर दिया कि यह उनकी अंतरात्मा और न्यायालय की अवमानना होगी. उनके वकील ने तर्क दिया है कि अदालत को प्रशांत भूषण की अत्यधिक आलोचना झेलनी चाहिए क्योंकि अदालत के “कंधे इस बोझ को उठाने के लिए काफी हैं |
क्या कोरोना के चलते भुखमरी की कगार पर पहुंचा चीन ?
बता दें कि 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को शीर्ष अदालत और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे की आलोचना करते हुए दो ट्वीट करने के लिए दोषी पाया था। यह मामला 9 जुलाई को दर्ज किया गया था और इस मामले में पहली सुनवाई 22 जुलाई को हुई थी। मामले को अपनी पहली सुनवाई की तारीख से किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में 40 दिन लग गए।
https://kisansatta.com/prashant-bhushan-fined-rs-1-practice-for-three-years-for-not-filling/ #PracticeForThreeYearsForNotFilling, #PrashantBhushanFinedRs1 practice for three years for not filling, Prashant Bhushan fined Rs 1 National, Top, Trending #National, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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career-world · 4 years ago
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Prashant Bhushan Contempt Cases: वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। न्यायपालिका के खिलाफ अपने दो ट्वीट को लेकर न्यायालय की अवमानना के... from Live Hindustan Rss feedhttps://https://ift.tt/3biCUz2
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jaksnews · 4 years ago
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बिना किसी माफी के प्रशांत भूषण फर्म; SC का कहना है कि आलोचना करें, लेकिन विशेषता के इरादे नहीं हैं
बिना किसी माफी के प्रशांत भूषण फर्म; SC का कहना है कि आलोचना करें, लेकिन विशेषता के इरादे नहीं हैं
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द्वारा लिखित अनंतकृष्णन जी | नई दिल्ली | अपडेट किया गया: 26 अगस्त, 2020 5:29:12 बजे
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पीठ ने प्रशांत भूषण को सजा की मात्रा पर अपना आदेश सुरक्षित रखा।
अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इस ट्वीट को जून में पोस्ट किए गए दो ट्वीट्स पर अदालत की आपराधिक अवमानना ​​का दोषी ठहराते हुए, माफी मांगने से इनकार करते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने…
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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SC holds Prashant Bhushan guilty of contempt| Twitter facts | Amazing Twitter facts | 6000 tweets per second on Twitter | दो ट्वीट पर प्रशांत भूषण अवमानना के दोषी हो गए; हर सेकंड होते हैं 6000 ट्वीट्स; ट्विटर की दुनिया के कुछ अमेजिंग फैक्ट्स 5 घंटे पहले कॉपी लिंक सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के दो ट्वीट्स को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना है। इस मुद्दे पर कानून के विशेषज्ञ अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं। लेकिन बात यह भी है कि ट्विटर पर हर दिन 50 करोड़ ट्वीट होते हैं। यानी हर सेकंड 6000 से ज्यादा ट्वीट। यह तो सिर्फ बानगी है।
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iloudlyclearbouquetworld · 4 years ago
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SC holds Prashant Bhushan guilty of contempt| Twitter facts | Amazing Twitter facts | 6000 tweets per second on Twitter | दो ट्वीट पर प्रशांत भूषण अवमानना के दोषी हो गए; हर सेकंड होते हैं 6000 ट्वीट्स; ट्विटर की दुनिया के कुछ अमेजिंग फैक्ट्स 2 घंटे पहले कॉपी लिंक सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के दो ट्वीट्स को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना है। इस मुद्दे पर कानून के विशेषज्ञ अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं। लेकिन बात यह भी है कि ट्विटर पर हर दिन 50 करोड़ ट्वीट होते हैं। यानी हर सेकंड 6000 से ज्यादा ट्वीट। यह तो सिर्फ बानगी है।
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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अवमानना मामला: SC ने प्रशांत भूषण पर लगाया 1 रुपए का जुर्माना, नहीं भरने पर होगी तीन महीने की जेल
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उनपर एक रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि वह जुर्माने को 15 सितंबर तक जमा नहीं करते हैं तो उन्हें तीन महीने की जेल और तीन साल तक प्रैक्टिस करने से रोक दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनाया। Supreme Court imposes a fine of Re 1 fine on Prashant Bhushan. In case of default, he will be barred from practising for 3 years & will be imprisoned of 3 months https://t.co/0lMbqiizBb — ANI (@ANI) August 31, 2020 25 अगस्त को अदालत ने सुरक्षित रख लिया था फैसला  बता दें कोर्ट ने इस��े पहले 25 अगस्त को भूषण की सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्हें सजा सुनाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से राय मांगी थी। इस पर वेणुगोपाल ने कहा था कि प्रशांत भूषण को चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए। गौरतलब है कि, प्रशांत भूषण ने न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक दो ट्वीट के लिए सर्वोच्च न्यायालय से माफी मांगने से इनकार कर दिया था। 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट प्रशांत भूषण से उनके द्वारा उच्चतम न्यायालय और न्यायाधीशों के बारे में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों पर माफी मंगवाने में सफल नहीं हो सका था। जिसके बाद मंगलवार को कोर्ट ने अवमानना में दोषी ठहराए गए भूषण की सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए अफसोस जताया कि जजों की निंदा की जाती है। उनके परिवारवालों को अपमानित किया जाता है और वह बोल तक नहीं सकते। क्या है पूरा मामला 22 जून को वरिष्ठ वकील ने कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे और चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद 27 जून के ट्वीट में प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के छह साल के कामकाज को लेकर टिप्पणी की थी। इन ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। Read the full article
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abhay121996-blog · 4 years ago
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'अंत की शुरुआत...दीवार पर इबारत साफ', अयोध्या, काशी, मथुरा में BJP की हार पर ट्विटर हुआ ट्रेंड Divya Sandesh
#Divyasandesh
'अंत की शुरुआत...दीवार पर इबारत साफ', अयोध्या, काशी, मथुरा में BJP की हार पर ट्विटर हुआ ट्रेंड
लखनऊ उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरे जोर-शोर से उतरी थी। संगठन से लेकर विधायक, सांसद और मंत्रियों ने चुनाव में ताकत झोंकी। लेकिन नतीजों में बीजेपी को करारा झटका लगा है। बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तीन जगहों पर हार रही। पिछले चार दशकों के दौरान ये ऐसे प्रतीक हैं, जिन्हें पार्टी के बढ़ते ग्राफ से जोड़कर देखा जाता रहा है। हम बात कर रहे हैं अयोध्या, काशी और मथुरा की। लेकिन जिला पंचायत चुनाव के नतीजों में बीजेपी को इन तीनों जिलों में मात मिली है। बीजेपी की हार के बाद ट्विटर पर बहस छिड़ी है और कई यूजर्स पार्टी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
अयोध्या जिला पंचायत की 40 में से 24 सीटों पर मुख्य विपक्षी पार्टी सपा जीती है। वहीं वाराणसी में भी 15 सीटों पर सपा समर्थित जीते हैं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बीजेपी की अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जिला पंचायत में भारी हार हुई है। अयोध्या की 40 में से 8, वाराणसी की 40 में से 7 और मथुरा की 33 में से 8 सीटों पर बीजेपी जीती है। ये शहर बीजेपी के सांप्रदायिक एजेंडे के केंद्र में हैं। दीवार पर लिखी इबारत साफ है। योगी और बीजेपी की 2022 के चुनाव में करारी शिकस्त मिलेगी।’
सतीश कुमार नाम के ट्विटर यूजर ने एनबीटी ऑनलाइन के आर्टिकल को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बीजेपी अयोध्या, मथुरा और वाराणसी में हार गई है। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगने वाला है। कंगना को खास तौर से धन्यवाद। देश और यूपी के हिंदू अब सच में जाग चुके हैं।’
ट्विटर यूजर अनु वर्गीज ने लिखा, ‘क्या यह एक अंत की शुरुआत है? क्या यूपी बदलेगा? बीजेपी अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में पंचायत चुनाव हार गई है। विपक्ष को यूपी में जीतने के लिए बीजेपी से बेहतर विलेन बनना होगा।’
समीर नाम के ट्विटर यूजर ने कॉमेंट किया, ‘तीन पवित्र शहरों वाराणसी, अयोध्या और मथुरा के पंचायत चुनाव में बीजेपी बड़े अंतर से हारी है। उत्तर प्रदेश के लोग धीरे-धीरे महसूस कर रहे हैं कि धार्मिक गुंडागर्दी शासन चलाने का विकल्प नहीं है। आप हर संकट की घड़ी में अपने तरीके से संपत्ति जब्त नहीं कर सकते।’
बताते चलें कि यूपी में जिला पंचायतों की कुल 3050 सीटों के नतीजों में मुख्य विपक्षी सपा ने बीजेपी को काफी पीछे छोड़ दिया है। एक निजी चैनल के आंकड़ों के मुताबिक सपा समर्थित प्रत्याशियों ने 779 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं बीजेपी को सिर्फ 579 सीटों पर ही जीत मिल सकी है। निर्दलीय और अन्य को सबसे ज्यादा 1272 सीटों पर सफलता मिली है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को 361 सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस सिर्फ 59 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है।
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