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उत्तराखंड के जिलिंग में मिला स्वर्ग का शिखर, एक गुमनाम हिल स्टेशन
एक्सप्रेस न्यूज सर्विस एक गोल, नुकीला, नीयन हरा फल जो रसीले दक्षिण पूर्व एशियाई रामबूटन जैसा दिखता है, उत्तराखंड के एक अनजान हिल स्टेशन, जिलिंग की संकरी पगडंडियों की आकृति को दर्शाता है। दया दानी, नंदा स्टोन कॉटेज की देखभाल करने वाली, पर्यटकों के लिए एक निजी रिट्रीट, इसे उठाती है, इसे जमीन पर रखती है और इसे अपने जूते के नीचे कुचल देती है, जो बाहरी रूप से दरार को खोलने के लिए काफी मजबूत और बीज को…
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19.10.2024, लखनऊ | लखनऊ का प्रतिष्ठित वन-स्टॉप शॉपिंग डेस्टिनेशन, फन रिपब्लिक मॉल, अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है। दीपावली के शुभ अवसर पर मॉल में 24 कैरेट गोल्ड प्लेटेड, 20 फीट ऊंची और लगभग 500 किलो वजन की भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की भव्य मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में मान्यता मिली है। इस ऐतिहासिक क्षण में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम भी मॉल में उपस्थित रही। यह लखनऊ के लिए एक बड़ा सम्मान है कि फन रिपब्लिक मॉल ने एक बार फिर शहर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ��ुर्खियों में ला दिया है ।
भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है, जो किसी भी शुभ कार्य के प्रारंभ में मस्त विघ्नों को दूर कर मार्ग प्रशस्त करते हैं। माता लक्ष्मी को धन, समृद्धि और वैभव की देवी माना जाता है, जिनकी कृपा से सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस दिव्य मूर्ति की स्थापना से फन रिपब्लिक मॉल ने न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल तैयार किया है, बल्कि इस भव्य मूर्ति के माध्यम से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी सहेजने का कार्य किया है ।
इस खास अवसर पर उत्तर प्रदेश के माननीय उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी, ने मूर्ति का अनावरण किया। अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, "फन रिपब्लिक मॉल का यह अद्वितीय कार्य अत्यंत सराहनीय है और लखनऊ के लिए गौरव का विषयहै। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की यह भव्य मूर्ति न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करती है। मैं आशा करता हूँ कि फन रिपब्लिक मॉल भविष्य में भी इसी प्रकार के सराहनीय कार्य करता रहेगा।" इस विशेष अवसर पर श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, भी उपस्थित रहे ।
फन रिपब्लिक मॉल की मार्केटिंग मैनेजर, श्रीमती प्रीति पांडे ने कहा, "यह हमारे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है। हमारी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज इस ऐतिहासिक मूर्ति के अनावरण को संभव बनाया है।" उन्होंने यह भी बताया कि मॉल में 'फन उत्सव' की शुरुआत 12 अक्टूबर से हो चुकी है, जो 31 अक्टूबर तक चलेगा। इस उत्सव में 12 से 26 अक्टूबर तक 'शॉप एंड विन' प्रतियोगिता के तहत, तीन हजार या उससे अधिक की खरीदारी करने वाले पांच टॉप शॉपर्स को प्रतिदिन निश्चित उपहार दिया जाएगा। 27 से 31 अक्टूबर के बीच, एक मेगा विजेता को प्रतिदिन एक ग्राम सोने का सिक्का दिया जाएगा। अब तक 30 से अधिक लोग इस उत्सव में उपहार जीत चुके हैं ।
इस दिव्य और ऐतिहासिक क्षण के साथ, फन रिपब्लिक मॉल ने न केवल लखनऊ को गौरवान्वित किया है, बल्कि भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की इस अनूठी मूर्ति क�� माध्यम से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आस्था और समृद्धि का संदेश भी दिया है। इस भव्य आयोजन में श्री प्रमिल द्विवेदी, श्रीमती प्रीति पांडे, श्री सुमित कुमार, श्री रोहित मिश्रा, श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे ।
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नालंदा विश्वविद्यालय: 700 साल का ज्ञान और उसका विनाश
नालंदा विश्वविद्यालय, प्राचीन भारत का एक अद्वितीय शिक्षा का केंद्र, जिसने शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए थे। यह विश्वविद्यालय 5वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था और यह अपने समय का सबसे बड़ा और सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान था। इस विश्वविद्यालय ने लगभग 700 वर्षों तक ज्ञान का प्रसार किया और पूरे विश्व से छात्र यहां अध्ययन करने आते थे।
नालंदा विश्वविद्यालय का परिसर बहुत विशाल था, जिसमें दस बड़े मठ और कई छोटे-छोटे मंदिर थे। यहां पर लाइब्रेरी भी थी, जिसे 'धर्मगंज' कहा जाता था, जिसमें हजारों पांडुलिपियाँ और ग्रंथ संग्रहीत थे। यह लाइब्रेरी तीन भवनों में विभाजित थी - रत्नसागर, रत्नोदधि और रत्नरंजक। यह विश्वविद्यालय न केवल बौद्ध धर्म के अध्ययन का केंद्र था, बल्कि यहां अन्य विषयों जैसे गणित, खगोलशास्त्र, चिकित्सा, तर्कशास्त्र और कला का भी अध्ययन होता था।
नालंदा विश्वविद्यालय में प्रवेश पाना बहुत कठिन था। यहां के विद्वान शिक्षक अपने समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्तित्व थे। ह्वेनसांग, जो एक चीनी तीर्थयात्री थे, उन्होंने नालंदा में 17 साल तक अध्ययन किया और अपनी यात्रा वृतांत में इस विश्वविद्यालय की महानता का विस्तार से वर्णन किया है।
12वीं शताब्दी में बख्तियार खिलजी के आक्रमण के बाद नालंदा विश्वविद्यालय को जला दिया गया। कहा जाता है कि यहां की लाइब्रेरी में इतनी पुस्तकें थीं कि उन्हें जलने में कई महीने लगे। यह एक ऐसा आघात था जिससे भारतीय शिक्षा प्रणाली कभी उबर नहीं पाई।
नालंदा विश्वविद्यालय का विनाश भारतीय उपमहाद्वीप के सांस्कृतिक और शैक्षिक धरोहर पर एक गहरा आघात था। लेकिन इसके बावजूद, नालंदा का इतिहास आज भी हमें प्रेरित करता है और हमें यह याद दिलाता है कि भारत में शिक्षा और ज्ञान का कितना समृद्ध इतिहास रहा है।
आज नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष बिहार के नालंदा जिले में स्थित हैं, जो पर्यटकों और इतिहासकारों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं। 2014 में, नालंदा विश्वविद्यालय को पुनःस्थापित किया गया और यह नए युग के छात्रों को शिक्षा का प्रकाश प्रदान कर रहा है।
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समस्त देश व प्रदेश वासियों को अलग-अलग देशों की संस्कृति व सभ्यता की विशेषता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाए जाने वाले विश्व पर्यटन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
पर्यटन दुनिया भर के लोगों को और अधिक एकीकृत रूप से जोड़ने में मदद करता है। सभी पर्यटकों से आग्रह है कि तीर्थाटन, अध्यात्म, भक्ति एवं योग दर्शन की असीम अनुभूति के लिए उत्तर प्रदेश में पधारें !
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फिर मिली आगरा में ताजमहल को उड़ाने की धमकी, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
ताजमहल को उड़ाने की ईमेल से मिली धमकी के बाद मंगलवार सुबह से ही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), जो ताजमहल की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है, ने स्मारक और उसके आसपास के इलाकों की पूरी तरह जांच की। हालांकि, किसी भी प्रकार की भगदड़ से बचने के लिए स्मारक को खाली कराने का आदेश नहीं दिया गया। 1984 के बाद फिर गूंजा धमकी का साया प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब ताजमहल को उड़ाने की धमकी दी गई है। पहली बार ��सी धमकी 1984 में खालिस्तानी आतंकवाद के चरम पर मिली थी, जिसके कारण स्मारक को रात के समय बंद करने का फैसला लिया गया था। हालांकि, अब केवल महीने में पांच दिन पूर्णिमा के दौरान रात में ताजमहल का दीदार संभव है। सुरक्षा जांच के बाद पर्यटकों ने खुद छोड़ा परिसर जैसे ही पुलिस, सीआईएसएफ और बम निरोधक दस्ते ने ताजमहल पर पहुंचकर जांच शुरू की, पर्यटक खुद ही धीरे-धीरे परिसर छोड़ने लगे। लेकिन कोई भगदड़ जैसी स्थिति नहीं हुई। सुरक्षा जांच में स्निफर डॉग्स का भी उपयोग किया गया, जिससे बम की धमकी को गलत साबित किया गया। ईमेल की जांच जारी आगरा के डीसीपी सूरज कुमार राय ने बताया कि धमकी भरे ईमेल का आईपी एड्रेस ट्रेस किया जा रहा है और भेजने वाले की पहचान की जा रही है। ताजमहल की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और इस ईमेल को गंभीरता से लिया जा रहा है।
रात्रि दर्शन पर फिर से संकट आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर के सचिव विशाल शर्मा ने कहा कि हाल ही में आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल ने ताजमहल को रात में खुलवाने की योजना पर सुप्रीम कोर्ट और सरकार से चर्चा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन इस बम धमकी की वजह से यह संभावना फिर से टल गई है क्योंकि ताजमहल की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि जब-जब ताजमहल के रात्रि दर्शन की योजनाएं बनती हैं, तब-तब इस तरह की धमकियां सामने आती हैं, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने की योजनाएं रुक जाती हैं। उन्होंने दावा किया कि ताजमहल की सुरक्षा में तैनात बल हर महीने पूर्णिमा की पांच रातों को शानदार सुरक्षा प्रदान करते हैं, तो इसे हर रात के लिए खोलने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। धमकी निकली झूठी पुलिस के अनुसार, यह ईमेल उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के क्ष���त्रीय कार्यालय को भेजा गया था, जिसे तत्काल आगरा पुलिस और एएसआई को कार्रवाई के लिए अग्रेषित किया गया। एसीपी सैयद अरीब अहमद ने कहा, "ताजगंज थाने में मामला दर्ज किया जा रहा है। आगे की जांच जारी है।" यह धमकी झूठी साबित हुई, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इसे लेकर पूरी तरह सतर्क बनी हुई हैं। Read the full article
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Uber Shikara Booking: अब डल झील में ऑनलाइन बुक कर सकेंगे ‘शिकारा’, ऐसे करें बुक
Uber Shikara Rolls Out: आपने उबर टैक्सी बुक करके यात्रा का लुत्फ़ तो उठाया ही होगा, लेकिन अगर आप कश्मीर घूमने जा रहे हैं तो अब आप श्रीनगर की डल झील में अपने लिए टैक्सी ही नहीं बल्कि शिकारा भी बुक कर सकते हैं और सवारी का लुत्फ़ उठा सकते हैं। ऐप आधारित टैक्सी सेवा उबर ने भारत में जल परिवहन सेवा शुरू की है। कंपनी के मुताबिक, श्रीनगर आने वाले पर्यटकों को एक नया और आरामदायक अनुभव देने के लिए इसे शुरू…
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वन एव वन्य जीव हमारी राष्ट्रीय धरोहर इनकी सुरक्षा व संरक्षण हम सभी का परम कर्तव्य: सुबोध उनियाल
वन एव वन्य जीव हमारी राष्ट्रीय धरोहर इनकी सुरक्षा व संरक्षण हम सभी का परम कर्तव्य: सुबोध उनियाल देहरादून, डा.शोभा राम उनियाल। वन मंत्री उत्तराखंड सरकार सुबोध उनियाल ने आज देहरादून जू मालसी में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए विधिवत पूजा अर्चना के साथ टाईगर बाड़े का उद्घाटन एवं पर्यटकों के Sight हेतु बाघ प्रवास बाड़े में अवलोकन के लिए रखा गया। इस दौरान विधायक रामनगर दिवान सिंह बिष्ट एवं…
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ताज महल भारत की 2036 ओलंपिक दावेदारी का केंद्र हो सकता है | अधिक खेल समाचार
आगरा के ताज महल पर पर्यटकों की भीड़. (पीटीआई) नई दिल्ली: न तो मुंबई और न ही अहमदाबाद बल्कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आगरा – का घर ताज महल – 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत अग्रणी विकल्प हो सकता है, ऐसा होना चाहिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) उन्हें आगे बढ़ने दें।बाद 2036 ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत की रुचि की अभिव्यक्तिइस प्रक्रिया…
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Prayagraj Mahakumbh Mein Roadways Buson Se Aane Wale Shradhaluon or Paryatkon Ko Good Feel Karaegi Roadways Kuli Sewa
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को भव्य और दिव्य स्वरूप देने के संकल्पित है। इसके लिए सभी प्रशासनिक विभागों की तरफ से युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन विभाग भी महाकुंभ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए कई अभियान चला रहा है ताकि आगंतुकों को किसी तरफ की दिक्कत का सामना न करना पड़े। रोडवेज कुलियों को महाकुंभ के लिए तैयार करना इसी कड़ी का हिस्सा है।
आस्था के जन समागम प्रयागराज में इस बार 41 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के कुंभ नगरी पहुंचने का प्रशासन का अनुमान है। इन आगंतुकों में सबसे अधिक बस सेवा से प्रयागराज पहुंचेंगे। रोडवेज की यह अपेक्षा है कि कुंभ नगरी पहुंचने वाले इन श्रद्धालुओं को बस स्टेशन पहुंचने पर कोई असुविधा न हो। आगंतुक अच्छा अनुभव यहां से लेकर जाएं इसके लिए राज्य सड़क परिवहन विभाग की तरफ से रोडवेज के कुलियों को भी तैयार किया जा रहा है।
Click to read more: https://www.deshbandhu.co.in/states/roadways-porter-service-will-make-the-devotees-and-tourists-coming-to-prayagraj-maha-kumbh-by-roadways-buses-feel-good-512960-1
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237 साल में बना वो किला, जिसे कोई आक्रमणकारी भेद नहीं पाया
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित दौलताबाद किला भारत के ऐतिहासिक किलों में सबसे अभेद्य और अद्वितीय किलों में से एक माना जाता है। इस किले को अब तक कोई आक्रमणकारी भेद नहीं पाया, चाहे वह किसी भी साम्राज्य का सेनापति क्यों न हो। किले के इतिहास और संरचना से जुड़ी कई अनोखी बातें हैं, जो आज भी पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों को चौंका देती हैं। दौलताबाद किला लगभग 237 वर्षों में तैयार हुआ था, और इसकी…
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यूरोपीय पर्यटकों के बीच राजस्थान की बढ़ती रुचि
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सिंगापुर क्रूज: शहर और उसके आसपास का पता लगाने का सही तरीका
सिंगापुर क्रूज: शहर और उसके आसपास का पता लगाने का सही तरीका
सिंगापुर सबसे लोकप्रिय में से एक ��ै पर्यटक दुनिया में गंतव्य। यह समृद्ध इतिहास, संस्कृति और भोजन के ��ाथ एक जीवंत शहर-राज्य है। एक अद्वितीय और यादगार अनुभव की तलाश करने वालों के लिए, सिंगापुर समुद्र में यात्रा करना शहर और उसके आसपास का पता लगाने का सही तरीका है। सिंगापुर क्रूज शहर के कई आकर्षणों का अनुभव करने का एक शानदार तरीका है। शॉपिंग मॉल से लेकर सांस्कृतिक आकर्षणों तक, हर किसी के आनंद लेने के…
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समस्त देश व प्रदेश वासियों को अलग-अलग देशों की संस्कृति व सभ्यता की विशेषता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाए जाने वाले विश्व पर्यटन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
पर्यटन दुनिया भर के लोगों को और अधिक एकीकृत रूप से जोड़ने में मदद करता है। सभी पर्यटकों से आग्रह है कि तीर्थाटन, अध्यात्म, भक्ति एवं योग दर्शन की असीम अनुभूति के लिए उत्तर प्रदेश में पधारें !
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यह है अंडमान जाने ��ा सबसे सस्ता तरीका https://www.abplive.com/web-stories/travel/this-is-the-cheapest-way-to-go-to-andaman-2811175
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'रशियन माल चाही' रीलबाज के खिलाफ उठी कार्यवाही की मांग; इंडिया गेट पर विदेशी महिलाओं के साथ की थी बदसलूकी
Delhi News: राजधानी दिल्ली में विदेशी महिला पर्यटकों के साथ बदसलूकी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए रीलबाज के खिलाफ ऐक्शन की मांग कर रहे हैं। विदेशी पर्यटकों को असहज करते हुए बनाए गए रील पर भोजपुरी का एक गाना लगाया गया है। 31 सेकेंड के वायरल वीडियो में दिख रहा है कि इंडिया गेट पर दो विदेशी महिला पर्यटक बांसुरी खरीद रही हैं। इस बीच वहां दो रीलबाज…
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आय 91 करोड़, संरक्षण पर केवल 9 करोड़: ताजमहल पर बदहाल व्यवस्थाओं से पर्यटन पर संकट
आगरा का ताजमहल, जो दुनियाभर में भारतीय धरोहर और स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण है, हर दिन हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। लेकिन हालिया आंकड़ों ने इसके संरक्षण और देखरेख में गंभीर खामियों को उजागर किया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से माँगी गई सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में ताजमहल से 91.23 करोड़ रुपये की आय हुई है, जबकि इसके रखरखाव पर ��ात्र 9.41 करोड़ रुपये खर्च किए गए। RTI से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 के ��ौरान ताजमहल से टिकट बिक्री के माध्यम से ASI को भारी राजस्व मिला। 2020-21: 5.11 करोड़ रुपये 2021-22: 29.16 करो�� रुपये 2022-23: 56.95 करोड़ रुपये इसी अवधि में संरक्षण पर खर्च की गई राशि बेहद कम रही: 2020-21: 33.95 लाख रुपये 2021-22: 2.84 करोड़ रुपये 2022-23: 3.17 करोड़ रुपये इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि कमाई के मुकाबले संरक्षण पर खर्च 10% से भी कम रहा। पर्यटकों की बढ़ती संख्या और गिरती व्यवस्थाएं कोविड-19 के बाद ताजमहल पर पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। लेकिन, बुनियादी सुविधाओं की कमी से पर्यटक असंतुष्ट हैं। लंबी कतारें, पानी और स्वच्छता की समस्या, टिकट प्राप्त करने में दिक्कत, और स्मारक के अंदर गंदगी जैसे मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं। आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर के सचिव विशाल शर्मा ने बताया कि कोविड-पूर्व 34.27 करोड़ रुपये की कमाई के मुकाबले संरक्षण पर 12.37 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लेकिन अब कमाई बढ़ने के बावजूद खर्च में भारी गिरावट आई है। विशेषज्ञों की राय आगरा अप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमशुद्दीन ने कहा, "ताजमहल के संरक्षण के साथ बुनियादी जरूरतों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। ASI की अनदेखी से पर्यटकों का अनुभव खराब हो रहा है।" होटल एसोसिएशन के प्रमुख राकेश चौहान ने कहा, "ताजमहल की व्यवस्थाएं पर्यटकों की संख्या के अनुरूप नहीं हैं। कमाई के मुताबिक व्यवस्थाओं पर खर्च किया जाना चाहिए।" बदहाल संरक्षण की बानगी सामाजिक कार्यकर्ता विजय उपाध्याय ने ताजमहल की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की। दो महीने पहले ताजमहल के गुंबद पर उगे पेड़ों ने रखरखाव की पोल खोल दी थी। शाही मस्जिद, मेहमानखाना और चमेली फर्श की छतरियों के पत्थर दरक रहे हैं। रॉयल गेट की पच्चीकारी खराब हो चुकी है और यमुना किनारे की दीवारों पर कीड़ों के निशान से इसकी छवि प्रभावित हो रही है। यमुना की स्थिति और कीड़ों का प्रकोप ताजमहल के समीप बहने वाली यमुना नदी में गिरते सीवर नालों ने समस्याएं और बढ़ा दी हैं। आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर के अध्यक्ष प्रह्लाद अग्रवाल ने बताया, "सीवर नालों को यमुना में गिरने से रोका जाए तो ताजमहल की दीवारों पर कीड़ों के निशान नहीं पड़ेंगे। पर्यटक यमुना से उठने वाली बदबू से परेशान हैं। यह ताजमहल की गरिमा के विपरीत है।" सरकार और समाज की जिम्मेदारी विशाल शर्मा ने कहा कि ताजमहल भारत की पहचान है। इसकी बदतर स्थिति न केवल आगरा या उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की छवि को विश्व पटल पर नुकसान पहुंचा सकती है। ASI, राज्य और केंद्र सरकार के साथ सामाजिक संस्थ��ओं को ताजमहल के संरक्षण और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। ताजमहल से होने वाली भारी कमाई के बावजूद इसके संरक्षण पर ध्यान न देना चिंताजनक है। अगर यही हाल रहा तो न केवल ताजमहल की स्थिति खराब होगी बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर के प्रति वैश्विक धारणा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। Read the full article
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