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Roadways Buses : आज से फिर दिल्ली रूट पर दौड़ेंगी 221 रोडवेज बसें, हटाई गईं पाबंदियां
Roadways Buses : दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-4 की पॉलिसी लागू होने के बाद से बंद उत्तराखंड परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 बसों का संचालन शुक्रवार से फिर शुरू हो जाएगा। बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर दिल्ली सरकार ने बसों के संचालन पर लगाई गईं पाबंदियां हटा दी है। Rajya Sabha : राज्यसभा में नोटों की गड्डी मिलने पर जमकर हंगामा; जांच की मांग 14 नवंबर को दिल्ली सरकार ने ग्रैप-4…
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अब घर बैठे कर सकते हैं गाड़ी परमिट के लिए अप्लाई | How To Pay State Perm...
#youtube#(परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदन करें परमिट एक राज्य या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा जारी किया#permint#vahan#parivahan#mparivahan#techgurusaurabh#vahan citizen#online permit
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बिहार राज्य खाद्य निगम के परिवहन अभिकर्ता के चयन पर सवालिया निशान, डीएम ने दिए जांच के आदेश
किशनगंज। बिहार राज्य खाद्य निगम के जिला मुख्य परिवहन अभिकर्ता के कार्य को लेकर निकाली गई निविदा का मामला तुल पकड़ रहा है। दरअसल अवैध रूप से संविदा आवंटन के आरोप है। निविदा में अनियमितता को लेकर डीएम कार्यालय में एक शिकायतकर्ता अभिषेक कुमार सिंह ने आवेदन दिया है। इस पर डीएम ने आरोपो की जांच का आदेश दे दिया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि संविदा लेने में प्रयुक्त कागजात फर्जी और त्रुटिपूर्ण है।…
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'23 में यात्रा: देखने के लिए रुझान
’23 में यात्रा: देखने के लिए रुझान
यात्रियों के लिए, वर्ष 2022 कुछ बहुत जरूरी राहत लेकर आया क्योंकि दुनिया एक लंबे महामारी-प्रेरित अंतराल के बाद खुल गई। जबकि पिछला वर्ष यात्रा परिदृश्य में बदले और पुनरुद्धार के बारे में था, 2023 में पर्यटकों को इन अनुभवों में गहराई से देखने की उम्मीद है। जैसा कि हम वर्ष के लिए अपनी बकेट लिस्ट तैयार करते हैं, उद्योग विशेषज्ञ हमें उन यात्रा रुझानों के माध्यम से ले जाते हैं जिनके बड़े और बेहतर होने…
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#अंतरराष्ट्रीय परिवहन#बदला यात्रा#भारत यात्रा#यात्रा के रुझान#यात्रा के रुझान 2023#यात्रा परिदृश्य#यात्रा भारत
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Our Vision is to Empower the People of India’s Villages: Col Rajyavardhan Rathore
हमारा विजन है भारत के गांव के लोग सशक्त बनें: कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
भारत गांवों का देश है, जहां देश की आत्मा बसती है। कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, एक ओलंपिक विज���ता, सेना के पूर्व अधिकारी और एक कुशल राजनेता, ने हमेशा भारत के गांवों को सशक्त बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया है। उनका सपना है कि हर गांव आत्मनिर्भर बने और देश की प्रगति में बराबरी से भागीदार बने।
गांवों को सशक्त बनाने का विजन
1. गांव क्यों हैं महत्वपूर्ण?
गांवों में देश की 65% आबादी निवास करती है। कर्नल राठौड़ मानते हैं कि:
गांवों का विकास, देश का विकास है।
आत्मनिर्भर गांव, देश को आर्थिक और सामाजिक मजबूती प्रदान करते हैं।
2. गांवों के सशक्तिकरण के प्रमुख क्षेत्र
a. शिक्षा और कौशल विकास
कर्नल राठौड़ का लक्ष्य है कि हर ग्रामीण बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल विकास का लाभ उठा सके।
गांवों में स्कूल और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना।
डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना।
b. आधारभूत ढांचे का विकास
गांवों की प्रगति के लिए सुदृढ़ आधारभूत ढांचा अनिवार्य है।
सड़कों, परिवहन और संचार नेटवर्क का विकास।
हर घर में बिजली और स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
c. आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
गांवों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए:
सूक्ष्म और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना।
किसानों को तकनीक, बाजार और ऋण की सुविधाएं प्रदान करना।
कर्नल राठौड़ के प्रमुख प्रयास
1. डिजिटल गांवों का निर्माण
ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना।
ई-गवर्नेंस सेवाओं को सुलभ और पारदर्शी बनाना।
2. कृषि को सशक्त बनाना
आधुनिक और टिकाऊ खेती के लिए नई तकनीकों का प्रचार।
फसल बीमा और सब्सिडी जैसी योजनाओं से किसानों को सहारा।
3. महिलाओं का सशक्तिकरण
कर्नल राठौड़ का मानना है कि महिलाओं के उत्थान से गांवों का विकास संभव है।
स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा।
स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्यमशीलता पर जागरूकता अभियान।
चुनौतियां और समाधान
गांवों के सशक्तिकरण के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है:
सांस्कृतिक और तकनीकी अंतर को पाटना।
गरीबी और बेरोजगारी को कम करना।
��ागरूकता अभियानों के माध्यम से बदलाव को अपनाने के लिए प्रेरित करना।
सशक्त गांवों का प्रभाव
गांवों को सशक्त बनाने से:
ग्रामीण अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर बनेगी।
शहरों की ओर पलायन कम होगा।
जीवन स्तर में सुधार और शहरी-ग्रामीण असमानता में कमी आएगी।
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का विजन भारत को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का है। उनके प्रयास शिक्षा, आधारभूत ढांचे और रोजगार के माध्यम से गांवों को मजबूत बनाने पर केंद्रित हैं। जब गांव सशक्त होंगे, तो भारत सही मायनों में वैश्विक शक्ति बन सकेगा।
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बेमिसाल एक साल: झोटवाड़ा विकास कार्य में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का योगदान
झोटवाड़ा विकास: एक साल की झलक
कर्नल राठौड़ की प्राथमिकता झोटवाड़ा के हर वर्ग के विकास पर केंद्रित रही है। उनके नेतृत्व में, क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता तक हर पहलू पर ध्यान दिया गया है।
1. बुनियादी ढांचे का कायाकल्प
झोटवाड़ा के विकास में सबसे बड़ा योगदान बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना रहा है।
सड़क निर्माण: क्षेत्र में 200 किमी से अधिक सड़कों का निर्माण और मरम्मत कार्य।
पेयजल सुविधाएं: जल वितरण नेटवर्क का आधुनिकीकरण और पानी की आपूर्ति में सुधार।
परिवहन सुविधाएं: नई बस सेवाओं और सार्वजनिक परिवहन के बेहतर प्रबंधन की शुरुआत।
2. शिक्षा में सुधार और डिजिटल युग की शुरुआत
कर्नल राठौड़ के प्रयासों ने शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और समावेशी बनाने में मदद की।
डिजिटल क्लासरूम: सरकारी स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं की शुरुआत।
नई लाइब्रेरी: छात्रों के लिए डिजिटल और पारंपरिक पुस्तकालयों की स्थापना।
वित्तीय सहायता: गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और मुफ्त कोचिंग सुविधाएं।
3. स्वास्थ्य सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कर्नल राठौड़ ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
नए अस्पताल: झोटवाड़ा में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण।
स्वास्थ्य शिविर: मुफ्त चिकित्सा शिविरों और स्वास्थ्य जांच अभियान का आयोजन।
कोविड प्रबंधन: टीकाकरण अभियान को प्रभावी तरीके से चलाना और ��रूरतमंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना।
4. स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण
झोटवाड़ा में स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रयास किए गए हैं।
कचरा प्रबंधन प्रणाली: आधुनिक कचरा निपटान और पुनर्चक्रण इकाइयों की स्थापना।
पौधारोपण अभियान: हजारों पौधे लगाकर हरित क्षेत्र में वृद्धि।
साफ-सफाई अभियान: स्वच्छ भारत अभियान के तहत झोटवाड़ा को स्वच्छ और सुंदर बनाने के प्रयास।
5. युवा और खेल विकास
कर्नल राठौड़ के खेल प्रेम ने झोटवाड़ा में खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया है।
खेल मैदानों का विकास: नए खेल प��िसर और सुविधाओं का निर्माण।
युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: खेलों में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर।
खेल उपकरण वितरण: स्कूलों और समुदायों में खेल उपकरणों का वितरण।
झोटवाड़ा के नागरिकों की राय
कर्नल राठौड़ के प्रयासों का झोटवाड़ा के नागरिकों ने खुले दिल से स्वागत किया है।
नवीन कुमार (व्यापारी): “कर्नल राठौड़ के आने से झोटवाड़ा में विकास को नई दिशा मिली है।”
सुमन देवी (गृहिणी): “हमारे क्षेत्र की सड़कें और पानी की समस्याएं अब दूर हो गई हैं।”
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का दृष्टिकोण
कर्नल राठौड़ का मानना है कि झोटवाड़ा का विकास समग्र और समावेशी होना चाहिए। उनके शब्दों में: “मेरा सपना है कि झोटवाड़ा विकास का प्रतीक बने। हर नागरिक को बेहतर सुविधाएं मिले और क्षेत्र आत्मनिर्भर बने।”
आगे की राह: झोटवाड़ा का भविष्य
कर्नल राठौड़ की योजना झोटवाड़ा को एक स्मार्ट और सतत विकासशील क्षेत्र में बदलने की है।
आने वाले प्रोजेक्ट्स:
स्मार्ट शहर सुविधाएं: डिजिटल सेवाओं और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग।
आधुनिक कृषि पहल: किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों और बाजार तक पहुंच में सुधार।
शिक्षा और कौशल विकास केंद्र: युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर।
झोटवाड़ा का बेमिसाल साल
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की मेहनत और समर्पण ने झोटवाड़ा को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। ₹1112 करोड़ के निवेश और निरंतर प्रयासों ने क्षेत्र को एक नई पहचान दी है। यह न केवल झोटवाड़ा के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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Cycle ka Avishkar Kisne Kiya | साइकिल का आविष्कार किसने किया
इस पोस्ट में आप जानेंगे कि Cycle ka Avishkar Kisne Kiya। पहले के जमाने में दुनिया की सारी आबादी साइकिल का इस्तेमाल करती थी। एक साइकिल परिवहन का एक किफायती, स्वच्छ रूप है। साइकिल का उपयोग करने के लिए किसी पेट्रोल की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, आधुनिक युग में बहुत कम लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। बाइक, कार और अन्य वाहनों के नए मॉडल हाल ही में बाजार में आए हैं, लेकिन पहला आधुनिक वाहन साइकिल था। क्योंकि आधुनिक ऑटोमोबाइल ईंधन और डीजल पर चल��े हैं, जो हवा को प्रदूषित करते हैं, पूरी दुनिया अब वायु प्रदूषण से जूझ रही है। हालाँकि, साइकिल परिवहन का एक रूप है जो पर्यावरण को नष्ट नहीं करता है और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। दूसरी ओर, इलेक्ट्रॉनिक वाहन, हाल ही में विकसित किए गए हैं और किसी भी वायु प्रदूषण में योगदान नहीं करते हैं। आपने कभी न कभी बाइक के पैडल जरूर मारे होंगे। आप सोच रहे होंगे कि इस समय साइकिल का आविष्कार किसने किया था। हमारे लिए साइकिल का आविष्कार किसने किया का वर्णन करें।
साइकिल का आविष्कार किसने किया था
साइकिल बनाने का श्रेय जर्मन वन अधिकारी कार्ल वॉन ड्रैस को जाता है। करीब 200 साल पहले 1817 में इतिहास की पहली साइकिल बनाई गई थी। साइकिल के अलावा, कार्ल वॉन ड्रैस यूरोप के बिडेर्मियर युग के एक प्रसिद्ध आविष्कारक थे जिन्होंने कई अन्य वस्तुओं का भी निर्माण किया। कीबोर्ड के साथ पहला टाइपराइटर, सामान ले जाने के लिए साइकिल, 16-कैरेक्टर स्टेनोग्राफ मशीन, दुनिया की पहली मांस की चक्की, और 1812 में कागज पर पियानो संगीत लिखने के लिए एक उपकरण। कार्ल वॉन ड्रेस भी मान्यता के पात्र हैं।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मैनहेम और रेनौ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किमी का सफर तय कर सकती है।
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Bulb ka Avishkar Kisne Kiya ThaTrain ka Avishkar Kisne Kiya Radio ka Avishkar Kisne Kiya
साइकिल का आविष्कार कैसे और कब हुआ
इंडोनेशिया में माउंट टैम्बोरा ज्वालामुखी ने वर्ष 1815 में एक विशाल विस्फोट देखा, जिसका उत्तरी गोलार्ध के राष्ट्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। नतीजतन, दुनिया भर के तापमान में महत्वपूर्ण गिरावट आई, उत्तरी गोलार्ध में फसलों पर सबसे खराब प्रभाव पड़ा। अकाल जैसी स्थितियों के उद्भव के परिणामस्वरूप कई पालतू जानवरों की मृत्यु हो गई, क्योंकि उस समय उनका उपयोग लोगों और वस्तुओं के परिवहन के लिए किया जाता था। उनके आसन्न निधन के कारण, साइकिल को पालतू जानवरों का सामान ले जाने के विकल्प के रूप में बनाया गया था।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मैनहेम और राइनाउ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंट�� में यह साइकिल करीब 7 किलोमीटर का सफर तय कर सकती थी।
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प्रखर राजनीतिज्ञ, विनम्र व कर्मठ व्यक्तित्व के धनी, सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रीय राज मार्गों का जाल बिछाने वाले, भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भारत सरकार में मा0 केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी जी, आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
प्रभु श्री राम जी से प्रार्थना है कि आप दीर्घायु हों और सदैव स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें ।
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Car Project: मुंबई में केबल कार प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
Mumbai Cable Car project: महाराष्ट्र राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर केबल कार प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की। इसके बाद प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई। (Cable Car Project Approval for cable car project in Mumbai) नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)मुंबई- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई महानगरीय क्षेत्र में रोपवे के माध्यम से केबल कार…
#BJP Government#Breaking news#cable car#cable car in Maharashtra#cable car in Mumbai#Cable Car Project#Cable Car Project Approval#cable car project in Mumbai#Cable Car Project: मुंबई में केबल कार प्रोजेक्ट#Central government#central minister#Fasttrack#fasttrack news#Hindi news#Indian Fasttrack#Indian Fasttrack News#Latest hindi news#Latest News#Maharashtra big news#Maharashtra government#Maharashtra Political News#Mumbai Cable Car project#News#News in Hindi#Nitin gadkari#political news#pratap sarnaik#केबल कार#केबल कार परियोजना#केबल कार प्रोजेक्ट
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देश में ड्राइविंग ट्रेनिंग पॉलिसी लॉन्च, नितिन गडकरी बोले- ट्रेंड ड्राइवर के साथ 40 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर में ड्राइविंग ट्रेनिंग पॉलिसी लॉन्च कर दी है. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस पॉलिसी के तहत करीब 1250 नए ट्रेनिंग सेंटर और फिटनेस खोले जाएंगे. इसमें मंत्रालय की ओर से करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया जाएगा. इसमें करीब 25 लाख नए ड्राइवर ट्रेनिंग लेकर लाइसेंस के साथ निकलेंगे और उनको रोजगार मिलेगा. और करीब 15 लाख लोगों को इन सब…
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 07 January 2025
Time 18.10 to 18.20
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक – ०७ जानेवारी २०२५ सायंकाळी ६.१०
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एचएमपीव्ही संसर्गाबाबत घाबरू नये; मात्र खबरदारी घेण्याबाबत राज्यशासनाचं आवाहन
राज्यातील चार चाकी वाहन धारकांना एक एप्रिल पासून फास्ट टॅग अनिवार्य
भंडारा जिल्ह्यात वाघाच्या शिकार प्रकर���ी तीन जणांना अटक
यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठाचे कुसुमाग्रज राष्ट्रीय पुरस्कार जाहीर
आणि
तुळजाभवानी देवीच्या शाकंभरी नवरात्र महोत्सवाला घटस्थापनेनं प्रारंभ
****
एचएमपीव्ही संसर्गाबाबत घाबरण्याचं कारण नाही, मात्र खबरदारी घेण्याचं आवाहन राज्यशासनानं केलं आहे. राज्याचे आरोग्यमंत्री प्रकाश आबिटकर तसंच वैद्यकीय शिक्षणमंत्री हसन मुश्रीफ यांनी आज पत्रकार परिषदेत ही माहिती दिली. हा नवीन आजार नाही, गेल्या वर्षभरात देशात या आजाराचे रुग्ण आढळले होते, ते सर्व रुग्णालयात दाखल न होता बरे झाल्याचं आबिटकर यांनी सांगितलं. ते म्हणाले –
आय सी एम आरनं ज्या वेळेला भारतामध्ये फेब्रुवारी २०२४ ते डिसेंबर २०२४ मध्ये संभाव्य एच एन पी व्ही च्या विषाणूची आठ हजार बावन नमुन्यांच्या चाचण्या केल्या होत्या. या सगळ्या चाचण्यांच्या मध्ये एकूण १७२ पॉझिटीव्ह अशा पद्धतीच्या चाचण्या निघाल्या आहेत. फेब्रुवारी २०२४ ते डिसेंबर २०२४ मध्ये ही सर्व प्रकरणं सौम्य होती. आणि त्याप्रमाणे या कुठल्याही पेशंटला ॲडमिट न करता सुद्धा यातला कुठलाही पेशंट न दगावता सुद्धा अत्यंत चांगल्या पद्धतीनं ते बरे झालेत.
या आजाराबाबत अनावश्यक भीती बाळगू नये, असं सांगताना, माध्यमांनी यासंदर्भातली वस्तुस्थिती जनतेसमोर ठेवण्याचं आवाहन आबिटकर यांनी केलं.
हा आजार नवीन नाहीये. किंवा याच्यामुळे फार मोठा धोका होतोय अशातला भाग नाही. फक्त काळजी घेणं आणि सुरक्षित पद्धतीनं त्याच्यावरती उपचार करणं आणि आपण सगळ्यांनी सुद्धा, माझी मिडीयाला सुद्धा विनंती आहे की, आपण सगळ्यांनी याबाबतची वस्तुस्थिती लोकांना सांगू या. केंद्र शासानाचे जे निर्देश येतील ते निर्देश आणि आपल्या आरोग्य विभागाची आणि वैद्यकीय शिक्षण विभागाची टीम अत्यंत चांगल्या पद्धतीनं काम करतोय. खूप चांगली टीम आपल्याकडची तयार आहे. त्या सगळ्या टीमचा आपण उपयोग करू या. आणि या एकूण आजाराची जी काही अनावश्यक भीती आपण बाळगतोय ती अनावश्यक भीती न बाळगता जे पेशंटस् असतील त्यांना आपण राईटली ट्रीट करण्यासाठी आपण सगळे जण काम करू या.
वैद्यकीय शिक्षण मंत्री हसन मुश्रीफ यांनी यावेळी बोलतांना, राज्यात आतापर्यंत या संसर्गाचा एकही रुग्ण आढळलेला नाही, असं स्पष्ट केलं आहे. तरीही सर्व वैद्यकीय महाविद्याल��ांनी औषधांसह ऑक्सिजन आणि आवश्यकता वाटल्यास विलगीकरण व्यवस्थेच्या तयारीत राहावं, आणि वैद्यकीय महाविद्यालयांचे अधिकारी तसंच कर्मचाऱ्यांच्या रजा रद्द कराव्यात अशा सूचना मुश्रीफ यांनी दिल्या.
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छत्रपती संभाजीनगर इथं शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय रुग्णालय-घाटीमध्ये सर्व व्यवस्था उपलब्ध असून, कोविड व्यवस्थापनाचा अनुभव असल्यानं, कोणतीही भीती बाळगण्याची गरज नसल्याचं, रुग्णालयाचे अधिष्ठाता डॉ शिवाजी सुक्रे यांनी म्हटलं आहे.
सद्याच्या स्थितीमध्ये हा आजार जो आहे, इतका जास्त धोकादायक नाही. यासाठीची संपूर्ण व्यवस्था छत्रपती संभाजीनगर येथील घाटीमध्ये उपलब्ध आहे. कुठल्याही प्रकारची भीती सध्याच्या स्थितीमध्ये नाहीये. आणि भविष्यामध्येही येणार नाही. आपण कोविडचा चांगल्या प्रकारे मुकाबला केला आहे. गरज ��ासली तर रूग्णालयात येऊ उपचार घ्यावेत. कुणी स्वत:च्या मनाने यासाठी औषध उपचार घेऊ नये.
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हिंगोली जिल्हा शासकीय रुग्णालयात खबरदारी म्हणून, २४ खाटांचा अतिदक्षता विभाग सज्ज करण्यात आला असून, उपजिल्हा रुग्णालय तसंच ग्रामीण रुग्णालयातूनही काही खाटा राखीव ठेवण्यात आल्या आहेत. नागरिकांनी घाबरून जाऊ नये असं आवाहन जिल्हाधिकारी अभिनव गोयल यांनी केलं आहे.
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मुंबई महानगर क्षेत्रामध्ये भविष्यात केबल कार प्रकल्प राबवण्यास केंद्रीय वाहतूक आणि महामार्ग मंत्री नितीन गडकरी यांनी तत्वतः मान्यता दिली आहे. राज्याचे परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक यांनी ही माहिती दिली. लवकरच या प्रकल्पाचं सर्वेक्षण करून विकास आराखडा तयार करण्याचे निर्देश गडकरी यांनी या विभागाच्या सचिवांना दिल्याचं सरनाईक यांनी सांगितलं.
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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी आज राज्यातील सर्व अधिकाऱ्यांसाठी सात कलमी कृती कार्यक्रम जाहीर केला. प्रशासनाला येत्या शंभर दिवसांत प्राधान्याने करण्याच्या कामांबाबत त्यांनी सविस्तर सूचना केल्या. यासंदर्भात काय कार्यवाही केली याबाबत १५ एप्रिल २०२५ रोजी आढावा घेतला जाईल, असंही मुख्यमंत्र्यांनी सांगितलं.
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राज्यातील चार चाकी वाहन धारकांना एक एप्रिल पासून फास्ट टॅग अनिवार्य करण्यात आला आहे. राज्य मंत्रिमंडळ बैठकीनंतर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी ही माहिती दिली. येत्या १ एप्रिलपासून या निर्णयाची अंमलबजावणी होईल. वाहनावर फास्ट टॅग कार्यरत नसेल तर वाहन धारकाला कोणत्याही माध्यमातून दुप्पट पथकर भरावा लागेल. राज्यात एमएसआरडीसीचे ५० पथकर नाके तर सार्वजनिक बांधकाम विभागाचे २३ पथकर नाके आहेत.
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भंडारा जिल्ह्यात एका वाघाची शिकार केल्या प्रकरणी आज तीन जणांना पोलिसांनी अटक केल��. तुमसर वनविभागाचे कर्मचारी काल झंझेरिया बिटमध्ये गस्त घालत असताना एका तलावाजवळ एका मादी वाघाची मान, धडाचे दोन तुकडे, शेपटीचा एक भाग असे चार तुकडे कापलेल्या अवस्थेत सापडले होते. त्या प्रकरणी आज ही कारवाई करण्यात आली.
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केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक आणि माहिती तंत्रज्ञान मंत्रालयानं खासगी डेटा सुरक्षा नियमावलीचा मसूदा जाहीर केला आहे. सर्वसामान्य नागरिकांना पुढच्या महिन्याच्या १८ तारखेपर्यंत माय गोव्ह च्या माध्यमातून या मसुद्यावर प्रतिक्रिया देता येणार आहेत.
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यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठातर्फे दरवर्षी दिल्या जाणाऱ्या कुसुमाग्रज राष्ट्रीय पुरस्कारांची आज घोषणा करण्यात आली. २०२२ या वर्षासाठी प्रसिद्ध बंगाली कवी अमिताभ गुप्ता यांना आणि २०२३ या वर्षाचा पुरस्कार आसामी कवी नीलम कुमार यांना जाहीर झाला आहे. एक लाख रुपये, मानपत्र आणि सन्मानचिन्ह असं या पुरस्काराचं स्वरूप आहे.
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अमेरिकन मेरिट कौन्सिलने प्रदान केलेला गौरव अहिल्यानगर जिल्ह्यासाठी निश्चितच भूषणावह असल्याचं, निवडणूक आयोगाचे आयुक्त सुखविंदर संधू यांनी केलं आहे. ते आज शिर्डी इथं बोलत होते. जिल्हाधिकारी सिद्धाराम सालीमठ यांनी संधू यांच्या हस्ते कौन्सिलचं गौरवपत्र स्वीकारलं. स्वीप - मतदार जनजागृती उपक्रमांतर्गत राबवलेल्या विविध नावीन्यपूर्ण संकल्पनांमुळे मतदानाची टक्केवारी वाढल्याचं जिल्हाधिकारी सालीमठ यांनी सांगितलं.
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श्री तुळजाभवानी देवीच्या शाकंभरी नवरात्र महोत्सवाला आज घटस्थापनेनं प्रारंभ झाला. संबळाचा कडकडाट, तुतारीचा निनाद आणि आई राजा उदोच्या गजरात विधिवत घटस्थापना करण्यात आली. तत्पूर्वी, आज पहाटे देवीची सिंहासनावर प्रतिष्ठापना करण्यात आली. या नवरात्रोत्सवात प्रमुख मानली जाणारी जलकुंभ यात्रा ११ जानेवारीला काढण्यात येणार असून, शाकंभरी नवरात्र महोत्सवाच्या काळात तुळजाभवानी देवीच्या विविध अलंकार महापूजा मांडण्यात येणार आहेत.
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अंबाजोगाई इथल्या योगेश्वरी शिक्षण संस्थेच्या स्वामी रामानंद तीर्थ महाविद्यालयात परवा नऊ जानेवारीला प्राचार्य बी. के. सबनीस राज्यस्तरीय वक्तृत्व स्पर्धेचं आयोजन करण्यात आलं आहे. ज्येष्ठ विचारवंत जयदेव डोळे यांच्या हस्ते या स्पर्धेचं उद्घाटन होणार आहे. प्रथम, द्वितीय, तृतीय आणि उत्तेजनार्थ क्रमाकांना रोख रक्कम आणि ढाल असं पुरस्काराचं स्वरूप असलेल्या या स्पर्धेत राज्यातल्या वरिष्ठ महाविद्यालयीन विद्यार्थ्यांनी सहभाग घेण्याचं आवाहन सं��ोजकांनी केलं आहे.
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लातूर इथं येत्या १०, ११ आणि १२ जानेवारी दरम्यान तीन दिवसीय मराठवाडा शैक्षणिक महासंमेलन आणि प्रदर्शन भरवण्यात येणार आहे. संयोजन समितीचे अध्यक्ष ओमप्रकाश झुरळे यांनी आज लातूर इथं ही माहिती दिली. या महासंमेलनात विविध क्षेत्रातील तज्ज्ञ आणि प्रशासकीय अधिकाऱ्यांच्या प्रेरणादायी मुलाखती आणि तज्ज्ञांच्या व्याख्यानांसह, नाविन्यपूर्ण, अद्ययावत, शैक्षणिक साधनांचे १०० पेक्षा अधिक स्टॉल्स पाहता येणार आहेत.
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नांदेड इथ भरवण्यात आलेल्या महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवन्नोन्नती अभियानाच्या मिनी सरस विक्री प्रदर्शनाला नागरिकांचा प्रतिसाद मिळत आहे. या प्रदर्शनात हस्तनिर्मित वस्त्रे, खाद्यपदार्थ, हस्तकला वस्तू, मसाले, सजावटीच्या वस्तू अशा विविध प्रकारच्या उत्पादनाची दालनं लावण्यात आली आहे. येत्या १० जानेवारीपर्यंत हे प्रदर्शन सर्व नागरिकांसाठी खुलं राहणार आहे.
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सरपंच संतोष देशमुख हत्या प्रकरणाच्या पार्श्वभूमीवर बीड जिल्ह्यात जातीय तणाव निर्माण करणाऱ्यांविरोधात शासनाने कारवाई करावी, अशी मागणी बहुजन विकास मोर्चाचे नेते बाबुराव पोटभरे यांनी केली आहे. ते आज बीड इथं पत्रकार परिषदेत बोलत होते. सरपंच हत्या प्रकरणातील दोषींना फाशीची शिक्षा झाली पाहिजे, अशी मागणी त्यांनी केली.
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रस्ते सुरक्षेबाबत मुलांनीच आपल्या पालकांना शिक्षण देण्याची आवश्यकता वाटत असल्याचं, बीडचे जिल्हाधिकारी अविनाश पाठक यांनी म्हटलं आहे. आज रस्ता सुरक्षा अभियानाचं उद्घाटन करतांना ते बोलत होते. गेवराई इथं लालबहादूर शास्त्री चौकात या अभियानाची आज सुरुवात करण्यात आली, यावेळी शालेय विद्यार्थ्यांनी जनजागृती फेरी काढली.
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पूर्णा जालना आणि जालना नांदेड या गाड्यांच्या क्रमांकात तसेच जालना नांदेड या गाडीच्या वेळेत बदल करण्यात आला आहे. हे सर्व बदल आजपासून लागू झाले. प्रवाशांनी याची नोंद घेण्याचं आवाहन रेल्वे व्यवस्थापनानं केलं आहे.
दरम्यान, दक्षिण मध्य रेल्वेच्या नांदेड विभागात रोटेगाव आणि परसोडा स्थानकादरम्यान रेल्वे मार्गाची देखभाल - दुरुस्ती करण्यासाठी उद्यापासून १७ जानेवारीपर्यंत लाईन ब्लॉक घेण्यात येणार आहे. या काळात धर्माबाद-मनमाड मराठवाडा एक्सप्रेस धर्माबाद ते नांदेड दरम्यान तर नगरसोल-नरसापुर एक्सप्रेस नगरसोल ते लासुर दरम्यान अंशतः रद्द करण्यात आली आहे. दरम्यान, याच काळात मुंबई -नांदेड तपोवन एक्सप्रेस दोन तास उशिरा धावणार आहे, असं दक्षिण मध्य रेल्वेच्या जनसंपर्क कार्यालयाने कळवलं आहे.
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सड़क सुरक्षा माह के तहत विशेष अभियान
गाजीपुर। परिवहन विभाग द्वारा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह (1 जनवरी से 31 जनवरी 2025) के अंतर्गत विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान में शहर के विभिन्न स्थानों और जंगीपुर मंडी में यातायात पुलिस और मंडी समिति के सहयोग से सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉली, ऑटो रिक्शा, टेम्पो सहित अन्य वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाए गए। इस पहल का उद्देश्य वाहनों की दृश्यता बढ़ाकर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है, विशेषकर कोहरे और कम…
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सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत वाहन चालकों को दी यातायात नियमों की जानकारी
DP NEWS MEDIA कृपया हेलमेट लगाएं, आपके पीछे आपका परिवार इंतजार कर रहा हैबालोतरा। सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत जिला परिवहन एवं पुलिस विभाग द्वारा सोमवार को समदड़ी में वाहन चालकों यातायात नियमों की जानकारी प्रदान की गई।जिला परिवहन अधिकारी मीनाक्षी कैथरीन ने बताया कि परिवहन विभाग से परिवहन निरीक्षक सुनील इनकीया द्वारा वाहन चालकों को यातायात नियमों की जानकारी देते हुए समझाया गया कि कृपया हेलमेट लगाएं,…
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करेंगे मुकेश अग्निहोत्री, जानें किस मुद्दे पर होगी चर्चा
Himachal News: केंद्र सरकार देशभर में स्क्रैप पालिसी पर राज्य सरकारों की ��्रतिक्रिया लेगी। केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार को दिल्ली में आयोजित होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। अलग-अलग राज्यों के परिवहन मंत्री इस मीटिंग में हिस्सा लेंगे। स्क्रैप पालिसी पर हिमाचल का पक्ष रखने के लिए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री दिल्ली पहुंच गए हैं। वे इस मीटिंग में हिस्सा लेकर अपनी…
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सख्ती: नाबालिगों ने चलाई गाड़ी, तो 25 साल की उम्र तक नहीं बनेगा लाइसेंस
लगातार ब��़ रहे सड़क हादसों को देखते हुए पुलिस और परिवहन विभाग ने जांच अभियान चलाने का निर्णय लिया है। चलाते पकड़े जाने वाले नाबालिगों की प्रोफाइल तैयार कर संबंधित पुलिस थाना और परिवहन विभाग के सारथी पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इसके बाद उनका लाइसेंस 25 साल की उम्र के पहले नहीं बन सकेगा।By Shashank Shekhar Bajpai Publish Date: Mon, 06 Jan 2025 02:56:56 PM (IST)Updated Date: Mon, 06 Jan 2025 02:56:56…
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अपनों संग संवाद: कर्नल राज्यवर्धन राठौर का जन संवाद कार्यक्रम
“अपनों संग संवाद” कर्नल राज्यवर्धन राठौर के द्वारा शुरू किया गया एक विशेष जन संवाद कार्यक्रम है, जो आम जनता से सीधा संवाद स्थापित करने और उनके सुझावों, समस्याओं और विचारों को समझने का एक प्रयास है। यह पहल न केवल एक सांसद के रूप में उनकी सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि जनता से जुड़ने और उनकी आवाज़ बनने की उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
“अपनों संग संवाद” का उद्देश्य
कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने इस कार्यक्रम को इसलिए शुरू किया है ताकि वे अपने क्षेत्र की जनता के साथ सीधे जुड़ सकें और जमीनी समस्याओं का सही आकलन कर सकें।
मुख्य उद्देश्य:
जनता की समस्याओं को सुनना: आम लोगों की दैनिक समस्याओं, शिकायतों और सुझावों को समझना।
समाधान के लिए पहल करना: लोगों की शिकायतों को सुलझाने के लिए त्वरित कदम उठाना।
सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना: समाज के सभी वर्गों को विकास प्रक्रिया में शामिल करना।
कर्नल राज्यवर्धन राठौर का दृष्टिकोण
संवाद का महत्व:
भरोसा कायम करना: जनता और नेतृत्व के बीच विश्वास बढ़ाना।
समस्याओं का समाधान: नीतियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में मदद करना।
जन भागीदारी को बढ़ावा: समाज के सभी वर्गों को विकास में श���मिल करना।
“अपनों संग संवाद” की कार्यशैली
यह कार्यक्रम कई चरणों में संचालित किया जाता है, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई जा सके।
मुख्य चरण:
सीधा संवाद सत्र: पंचायतों, कस्बों और शहरों में सभाओं के माध्यम से जनता से मुलाकात।
डिजिटल प्लेटफॉर्म: सोशल मीडिया और मोबाइल एप के माध्यम से सुझाव और शिकायतें प्राप्त करना।
स्थानीय अधिकारियों की भागीदारी: विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों को शामिल करना।
जनता के लिए लाभ
“अपनों संग संवाद” कार्यक्रम जनता को सीधे अपने प्रतिनिधि से जुड़ने और अपनी समस्याओं को रखने का एक मंच प्रदान करता है।
मुख्य लाभ:
समस्याओं का त्वरित समाधान: शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाता है।
जनता की भागीदारी: लोग अपनी समस्याओं और सुझावों को सीधे साझा कर सकते हैं।
न्यायपूर्ण विकास: सभी वर्गों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाता है।
“अपनों संग संवाद” के प्रमुख विषय
इस कार्यक्रम के दौरान कई विषयों पर चर्चा होती है, जो क्षेत्र के विकास और सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं।
चर्चा के प्रमुख मुद्दे:
शिक्षा और रोजगार: युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाना।
स्वास्थ्य सुविधाएं: अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति में सुधार।
सड़क और परिवहन: बेहतर सड़कें और परिवहन सुविधाओं का विकास।
कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों की समस्याओं को सुलझाना और गांवों में बुनियादी ढांचे का विकास।
कर्नल राज्यवर्धन राठौर की अपील
कर्नल राठौर ने जनता से अपील की है कि वे इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने सुझाव व शिकायतें साझा करें। उनका मानना है कि जब तक हर नागरिक विकास प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेगा, तब तक सही मायने में बदलाव संभव नहीं होगा।
उनके शब्दों में:
“जनता की सहभागिता ही सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। आप सभी इस संवाद का हिस्सा बनें और एक साथ मिलकर क्षेत्र का विकास करें।”
निष्कर्ष: संवाद से ही समाधान
“अपनों संग संवाद” कार्यक्रम लोकतंत्र की शक्ति और जनता की आवाज़ को प्राथमिकता देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। कर्नल राज्यवर्धन राठौर का यह प्रयास समाज के सभी वर्गों को एकजुट कर एक समृद्ध और समावेशी भविष्य की ओर ले जाने का लक्ष्य रखता है।
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