#पंखे का प्लग
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Dear sir ..
Apologies for five days brack in text posting work but I were presented or registered my presence from heart ❤️ like on your canvas ..my phone was out work so I buy a new phone today ..
My phone was went out of work in Osiya Dham ..
That's story at here as a yaatra vritant ..in Hindi ..
मित्रों इन दो रोज में मैंने ओसियां धाम की श्री सच्चियाय माता जी के दर्शन लाभ की यात्रा की सड़क मार्ग से ! तो आप के साथ यात्रा वृतांत साझा कर रहा हूँ ! यात्रा दिनांक 2 /10 /2024 को आरम्भ की 11 नंबर हाईवे से फलोदी वाया ओसियां पहुंचा संध्या के समय ! पहले पहल श्री सच्चियाय माता जी के दर्शन किये जो बहुत ही सहज और सुलभ रूप से हुए जैसे की मैंने अनुमान लगाया था ! मंदिर की परिक्रमा का भी लाभ सुरक्षा गार्ड साहब की कृपा दृस्टि से मिल गया सो उन्हें हृदय से साधुवाद भी दिया आभार रूपी शब्दों में ! दर्शन लाभ के बाद मैंने चाय पी ओसियां धाम के मुख्य चोहराये पर जिसे चबुतरा चौक के सम्बोधित किया जाता है ! फिर उसी चौक से मैंने आरम्भ की रेखा चित्र की अभिव्यक्ति मेरी स्केच बुक में ! शुद्ध जैन भोजनालय में भोजन लेने से पहले रेखाचित्र और फिर भोजन के बाद कुछ और रेखा चित्र उकेरे !
विश्राम के लिए स्थान मिला इस अंतराष्ट्रीय चित्रकार को ओसियां धाम की अंतराष्ट्रीय सच्चियाय माता धर्मशाला में ! एक सामान्य सिंगल बेड वाला नॉन ऐसी रूम एक बिस्तर के साथ ! तो कुछ पल विश्राम करते हुए मैंने मोबाइल को चार्जर के साथ इलेक्ट्रिक प्लेट के साथ प्लग किया और मोबाइल को उसी दीवार से बहार उभरी हुई प्लेट पर रख दिया ! और थोड़ी देर के लिए खुली हवा में बैठने को निचे प्रांगण में आकर उसी अंतराष्ट्रीय धर्मशाला के और वहाँ हो र���ी मानवीय क्रीड़ा जिसमे पानी भरना , बच्चों द्वारा खेलना और यात्रियों द्वारा खुली हवा में गपशप करना के दृश्यों को उकेरा अपनी स्केच बुक में ! स्केच मैं बल्ब की शेड में बना रहा था जो लगा हुआ था ऑफिस के आगे उस अंतराष्ट्रीय श्री सच्चियाय माता धर्मशाला के ! वहां का स्टाफ भी मुझे स्केचिंग करते हुए देख कर अचंभित था तो एक दो स्टाफ कर्मी ने अपना स्केच ऑन डिमांड भी मुझसे बनवाया और उन स्केचेस के फोटो अपने मोबाइल से लिए ! शायद वो उनके लिए कला का पहला साक्षात् था इस तरह की लाइव स्केचिंग का !
वही मुझे बीकानेर के सु प्रसिद्ध दूध विक्रेता स्वर्गीय श्री रामा मोदी जी के पुत्र श्री हरिओम माखेचा जी ने देखा और सीधे अपने चित परिचित अंदाज में मुझसे पूछा पुरोहित आप अठे बिराजो हो क्या कद सुन थे अठे हो ! उन्होंने मेरे हाथ में पेंसिल और नोटबुक / स्केच बुक देखकर ये अनुमान लगाया की मैं अंतराष्ट्रीय धर्मशाला में कमरे बुक करने का कार्य कर रहा हूँ ! ऐसा इस लिए भी रहा होगा की वे मुझसे दूर थे और रौशनी भी कम थी और दूसरा उनके व्यवसाय में नोटबुक और पेंसिल का मतलब सीधे बुक करना ही है ! सो उनकी कोई गलती नहीं थी और उनकी विशेषता ये थी की उन्होंने उस कम रोशनी में भी मुझ बीकानेर वाले को जाती सम्बोधन के साथ जोर से पुकार कर उस अंतराष्ट्रीय श्री सच्चियाय माता धर्मशाला के स्टाफ मेंबर के जहन में मेरी साख स्वतः ही बना दी ! और श्री हरिओम जी ने बीकानेर के युवा के लिए एक माइत की भूमिका निभादि सो उन्हें बारम्बार प्रणाम !
उस प्रांगण में कुछ देर स्केचिंग करने और ठंडी हवा खाकर मैं सोने के लिए वापस रूम में आया तो पाया की मेरा फ़ोन जमींदोज हो रखा है ! यानी किसी गिलहरी /छिपकली ने मोबाइल को गिया दिया क्लेक्ट्रिक प्लेट से ! फ़ोन स्क्रीन में अनेको क्रेक्स आ गये थे और फ़ोन पर टेक्स्ट टाइप होने बंद पूरी स्क्रीन का कोई 10 प्रतिशत भाग ही कार्य करने में सक्षम था ! पर फ़ोन करने और फ़ोन सुन ने में फ़ोन कार्य कर रहा था सो घर पर माँ को ये जानकारी दी की मेरा फ़ोन आउट ऑफ़ वर्क हो रहा है अगले दो दिन बात न हो पाए तो आप लोग चिंता मत करना !
धर्मशाला के रूम पत्थर के बने है सो देर रात में जाकर कहीं रूम में पंखे की हवा ठंडी हुई और मन को शांत किया की अब तो नया फ़ोन लेना ही हैं ( जो खुश खबरि भी है मेरे साहित्यकार परिवार के लोगों के लिए ) तो मन को शांत किया ! उसी दौरान निचे चौक में एक रंगा परिवार के समूह ने ��जन संध्या आयोजित की जिसमे मित्र बलदेव रंगा ने परिवार को उत्साहित करते हुए सभी को अवसर देते हुए भजन गवाए और मैंने उनके भजन संध्या कार्यक्रम के स्केच भी बनाये !
किसी ने मच्छरों के अटैक पर काउंटर अटक करते हुए टृयूबलाइट ही बंद करदी और मेरे स्केच की दूकान भी ! पर स्केचिंग करते हुए मैंने भजन में तलीन हो ते हुए श्री हरिओम मखीचा जी का एक स्केच भी बनाया और उन्हें दिखा ते हुए कहा की ये आप है और अब आप इस स्केच पर अपने हस्ताक्षर कर दिजिये , उन्होंने मेरे आग्रह की रक्षा करते हुए दो हस्ताक्षर किये अपने ही स्केच पर जो मेरे लिए उस पल की सच्ची उपलब्धि थी आशीर्वाद स्वरुप में श्री हरिओम माखेच जी के हस्ताक्षर के साथ ! जिसे मैंने उनके द्वारा मुद्रित दूध दही के कूपन और उनकी खुद की प्लास्टिक टोकन मनी पर ही देखा था पर अब वो मेरे पास भी था उनके स्वयं के द्वारा दिया हुआ मेरी स्केच बुक पर ! फिर करीब रात्रि 1 बजे मुझे नींद आयी !
अगली सुबह यानी दिनांक 3 /10 /2024 को सुबह नित्य कर्म सम्पूर्ण करके मैंने पहली चाय अंतराष्ट्रीय धर्मशाला के सामने स्थित होटल से चाय ली और ठंडी हवा में उसका स्वाद लिया , सफारी जीप के आने जाने के उपक्रम के साथ जो की रेगिस्तान की सफारी करवाती है जात्रियों को !
चाय के बाद मैंने मेरी स्केच बुक ली और मंदिर की और रुख किया रास्ते में मुझे ऐतिहासिक 16 वीं शताब्दी के निर्मित मंदिरों के दो तीन भग्नावशेष दिखे तो मैंने उन्हें उकेरा आज कल वो पुरातत्व विभाग के संगरक्षण में है और उस स्थान पर पार्किंग प्लेस बना लिया गया है स्थानीय लोगो के द्वारा जो कितना उचित है ये सोचने का विषय है ?
वहाँ से आगे चला तो मैं फिर पहुंचा चबूतरा चौक जहाँ बस स्टेण्ड है पुराना और उस बस स्टेण्ड पर दो दुकाने है पुराणी एक चाय की और एक पकोड़े की ! पकोड़े बनाते किशनासार गांव के उपाध्याय जी और चाय बनाते है ओसियां धाम के ही राठौर जी ! बीकानेर श्री सच्चियाय माता पद यात्री संग के आप दोनों अति घनिष्ट और अति आदर भाव भी रखते है सो पिता जी की वजह से वे मुझे भी पहचानते है ! पर इस बार मैंने अपना परिचय अलग तरह से दिया उस बस स्टैंड पर बैठ कर वहाँ स्केच बनाकर जो उनके लिए सरप्राइस था ! मेरी कला अभिव्यक्ति के प्रति लाड दिखाते हुए उपाध्याय जी पकोड़े वालो ने मुझे चाय पिलाई अपने चित परिचित हास्य अंदाज में की ये चाय पियो सा आप कई ओरो सु ओबति चीज हो सा !वे वरिष्ठ थे सो उन्हें प्रणाम करते हुए उनकी उपहार स्वरुप चाय की मनवार को स्वीकारा और अपने आर्ट कॉलेज के चित्रकला ��िभाग के अध्यक्ष वरिष्ठ चित्रकार भारत डॉ, विद्या सागर उपाध्याय जी को याद किया की , योगेंद्र की परख सिर्फ उपाध्याय परिवार / समाज के गुणी जनो को ही है शायद ? या गुरु जी का आशीर्वाद की जहा भी जाएगा उपाध्याय परिवार को अपने साथ पायेगा एक संगरक्षक की भांति ! ॐ गुरूवेनमः !
अब चाय के उपहार स्वरुप रिटर्न गिफ्ट भी बनता है सो मैंने उनसे 50 रूपए के पकोड़े मांगे उन्होंने घर से ताज़ी मुंग की दाल ���ंगवाकर मेरे लिए स्वादिष्ट पकोड़े बनाये और उन्हें पैक करवाकर मैं धर्मशाला की और मुड़ा तो रस्ते में मुझे दो और मंदिर के भग्नावषेश दिखे जिसे मैं एक और टी स्टॉक की छत के निचे बैठकर उकेरने लगा ! चित्र बन रहा था और टी स्टाल का मालिक मेरे लिए कुलड़ टी बना रहा था ! मैंने मंदिर के साथ उसकी टी स्टाल और उसे भी अपने स्केच का विषय बनालिया और उसने कुलड़ टी की कीमत मे मेरे लिए 5 रूपए की छूट दी साथ ही स्केच की फोटो भी अपने मोबाइल में कैद की !
मैंने पकोड़े और चाय का लुत्फ़ उसकी टी स्टाल में ही लिया और उसने मेरी स्केच बुक में बने सभी स्केच का !
फिर मैंने खुद को कातन बावड़ी की और मोड़ा वहाँ से मैंने बावड़ी के भीतर से पुरे ओसियां माता जी के मंदिर को लैंडस्केप फॉर्म के ड्रा किया फॉर बावड़ी से बहार आकर उस बावड़ी के मुख्य द्वार का चित्र उकेरा ! बावड़ी को संग्रक्षित किया गया है ये अच्छी बात लगी मुझे , बहुत वर्षों पहले बावड़ी का मुख्य द्वार खंडित और असुरक्षित था !
कातन बावड़ी से आते समय मुझे रास्ते में एक बुजुर्ग मिले जो पुस्तकें बेच रहे थे ! मैंने उनसे पूछा की क्या है इन पुस्तकों में जिसे आप बेच रहे हो ? वे बोले ज्ञान है
लेलो ! तो मैंने उनसे ज्ञान के विषय पर काफी देर चर्चा की तो ज्ञात हुआ की आप कबीर पंथी और सर्वधर्म विचारधारा के ज्ञान के प्रचारक है ! तो उनसे हसी ठठोला करते हुए मैंने उन्हें एक पुराना किस्सा सुनाया , दिल्ली की बस में एक हरियाणवी बुजुर्ग एक पना 2 रूपए में बेच रहा था फोटो कॉपी , और जोर जोर से बोल रहा था 2 रूपए में ज्ञान जीवन का ज्ञान सफल होने का ज्ञान ! मैंने उस बुजुर्ग से कहा दादा ये ज्ञान इतना करगर है क्या ? तो बोले हां ! तो मैंने वापस कहा तो फिर खुद पर क्यों नहीं आजमाते ? क्यों ये 2 - 2 रूपए के लिए गले फाड़ रहे हो ? वो बुजुर्ग निरुत्तर था ! वैसे मैंने उन बुजुर्ग को पहले ही ये कह दिया था की आप मेरी इस बात को अन्यथा न लें ! मैंने उन्हें चाय के लिए भी निमंत्रण दिया पर वे स्वीकार नहीं पाए साथी कर्मचारी की वजह से या उनका ज्ञान उन्हें रोक रहा था ! फिर उन्होंने मुझे एक पुस्तक पकड़ाई की ये लो इसे पढ़ना ये फ्री है ! मैंने पुस्तक ली पढ़ी तो ��ाया की पूर्णरूप से कबीर पंथी संत की लेखनी थी साथ में संत के स्वयं के धर्म चिंतन का उल्लेख भी ! अगले दिन वही बुजुर्ग फिर टकराये संयोग से पुस्तक मेरे पास थी तो मैंने वापस उन बुजुर्ग को थमाई और बोला मैंने इसे पढ़ लिया है अब आप इस पुस्तक को किसी और को देना फ्री में मेरी और से ! गौर तलब बात ये भी है की मैंने उन बुजुर्ग के स्केच भी बनाये थे और उन्होंने अपने स्केच बनते हुए देखे थे मेरे द्वारा मेरी स्केच बुक में !
हमारी चर्चा धर्म पर भी हुई मैंने कहा धर्म दो प्रकार के है एक कर्म का धर्म और एक आस्था का धर्म ! उन्होंने भी धर्म के लिए कई उदाहरण दिए ! मैंने कहा धर्म प्रकृति हित में किया जाने वाला उपक्रम है ! और भक्ति भाव से है भक्ति में अभिव्यक्ति की कोई जगह नहीं , अभिव्यक्ति अभिनय को जन्मदेति है आडम्बर और अभिमान की और ले जाती है भाव पूर्ण भक्ति मौन में भी पूर्णता पाती है ! आदि आदि एक लघु शाश्त्रार्थ हुआ हमारे बिच और वे मुझे पुस्तक बेचना भूल गए ! या वे अपने धर्म के विषय में सोचने लगे थे शायद !
करीब 4 बजे मैंने खुद को जैन मंदिर की और मोड़ा वहाँ पहुंचा तो प्रवेश पाने से पहले ही एक सेवादार ने टोक दिया की आप सफ़ेद चादर अपनी काली टीशर्ट पर डालें फिर भीतर प्रवेश करे ! मैंने उन सझन से कहा की इसकी कोई आवश्यकता नहीं मैं बहार से ही प्रणाम कर लेता हूँ ! तो उन्होंने मेरी विनम्रता को देखते हुए कहा की आप आँगन तक जाकर बहार से ही दर्शन कर सकते है तो उनके आग्रह की रक्षा करते हुए मैंने भीतर आँगन तक जाकर मुख्य मंदिर के सामने से प्रतिमा को प्रणाम किया ! वहा के सफाई कर्मचारी ने कहा की आप केमेरा में हो और आप ने काले कपडे पहने है ये नियमावली के बहार है ! मैंने कहा मुझे विदित नहीं था वरना इस से पहले जब भी इस मंदिर में आया हूँ मेरे सफ़ेद पोषक ही रही है कुरता पझामा ! वो सफाई कर्मी भी मंदिर की सेंड स्टोन से झड़ी सेंड डस्ट की बुआरी करता हुआ मुस्कुराते हुए अपने कार्य में तलीन हो गया !
जैन मंदिर से वापसी की मैंने श्री सच्चियाय माता ओसियां मंदिर की ओर और वहाँ मंदिर की पेडियों के मध्य चप्पल खोलने वाले स्थान तक जाकर एक कुर्सी पर बैठकर उन चप्पल जमा करने वाले कार्यालय साथ ही वहाँ के सुरक्षा कर्मियों के और जात्रियों के कुछ स्केच बनाये और फिर मंदिर से निचे चौक में पंहुचा ! वहां एक दुकानदार से कुर्सी मांगी और फिर उस चौक की चहल कदमी को दुकानदारों को यात्रियों के स्केच बनाये ! एक दो व्यक्ति ने अपने सेल्फ स्केच बनवाये तो एक चाय की दूकान वाला अपने स्केच को देख कर अति हर्षित हुआ ! उसने आस पास वाले सभी पहचान वालों को इकठा कर लिए की देखो ऐ भा सा आपां ने मंडे है !
उस स्थान से स्केच करने के ��ाद संध्या कालीन भोजन जैन भोजन���लय में लिया और फिर इत्मीनान से श्री सच्चियाय माता जी के दर्शन करने को निज मंदिर तक गया ! ऊपर गार्ड साहब को अपनी स्केच बुक संभलाकर सुकून के साथ माता जी के दर्शन किये उसी समय पुजारी टीम के एक सदस्य ने जोर से साथी पुजारी से कहा भाउ काले इये भाउ ही महरो चितर मंडियों हो बारे ! दर्शन के बाद प्रसाद भी मिला और गुपत फेरी का लाभ भी ! बोलो सच्चियाय मात की जय ! ओसियों ऋ धनियोनि ने खोमा !
दर्शन लाभ के उपरांत मैं चबूतरा चौक बस स्टेण्ड आया और राठोड जी से कहा अब एक चाय पिलाओ आप , उन्होंने चाय पिलाई और मैंने स्केच का उपक्रम पुन्ह आरम्भ किया ! और कई स्केच बनाये ! देर रात तक स्केच बनाये और फिर बीकानेर धर्मशाला की और रुख किया वहां सच्चियाय माता पैदल संग और रंगा परिवार की और से राती जोगा ( रात्रिजागरण ) रखा गया था हर वर्ष की भांति बस इस बार स्थान अलग था पर भाव वही भक्ति वही ! तो राति जोगे की रीत को निभाते हुए मैंने भी मेहँदी से एक चंदा सीधे हाथ में एक बालक से मेहँदी मांग कर लगायी ! उस समय मुझे मेरे बचपन की एक घटना याद आयी ! मैं रातीजोगे वाली रात को ओसियां की धर्मशाला में सो रहा था और सुबह उठा तो मैंने देखा की मेरे हाथ में ये मेहँदी लगी है जो मैंने नहीं लगायी तो किसने लगाई ! किसी बालिका ने ही लगायी थी पर कौन थी ये आज तक गौण है ! माँ सच्चियाय ही जाने वो कौन थी !
कुछ समय यानी करीब 3 बजे तक जागरण में उपस्थिति देते हुए जब नींद ने आवाज देनी शुरू की तो मैं रूम पर आगया पर आते आते रास्ते में भी कुछ स्केच परिचितों के उकेरे ! फिर रूम में आकर सो गया ! ( इस बिच फ़ोन ने इतना सहयोग तो किया की मैं अपनी डेली आर्ट वर्क पोस्ट इमेज को तो पोस्ट कर पाया पर टेक्स्ट नहीं टाइप कर पाया ! ) .
अगली सुबह दिनांक 4 /10 /24 को नित्य कर्म सम्पन करके कुछ पल बांसुरी बजाई सुबह सुबह तो अनेकों बचे रूम के आगे आकर सुन ने लगे बांसुरी की धुन मेरी आँखें बंद थी और ध्यान धुन में मगन था ! जब बांसुरी बजाना रोका तो पता चला की कितने मन संगीत और सुर से एकाकार होने को व्याकुल है पर ये सुर साज उनके लिए निरंतर जारी रखे कौन ? ये प्रश्न ही है संस्कृति के पोशाकों से पालकों से !
बांसुरी के स्वर से अलग होकर मैं फिर निकला मेरे रूम से बहार और चाय की तलाश की नजदीक वाली होटल में उसे बोला की तुम 5 रूपए बति ले लेना पर चाय पूरी देना और देना स्टील की गिलास में ! सुबह की ठंडी हवा में गरम चाय पिते हुए आगे का प्ला�� सोचा तो मुझे वापस रूम के भीतर आने पर धर्मशाला के प्रांगण में ही सुबह सुबह की अनेको मानवीय क्रीड़ाएं देख��े और उकेरने को मिली और मैंने उन्हें उकेरा स्केच बुक में ! काफी बच्चे अपनी जिज्ञासा लेकर आये मेरे पास तो किसी ने स्केच बुक देखने की मांग की किसी ने अपना स्केच बनाने को कहा तो किसी ने अपने स्केच को मोबाइल में शूट भी किया वो मेरा लाइव इंटरेक्ट था आर्ट के लिए और आर्ट एजुकेशन के लिए लाइक ऐ ओपन आर्ट इंस्टिट्यूट इन अंतराष्ट्रीय श्री सच्चियाय माता धर्मशाला फ्रॉम ऐ अंतराष्ट्रीय आर्टिस्ट ऑफ़ बीकानेर। नाम योगेंद्र कुमार पुरोहित।
कुछ देर में मेरे माता जी और पिताजी भी ओसियां पहुँच गए और फिर हमने समूह में आयोजित होने वाले महा प्रसादी ( कड़ाई ) में अपने परिवार की उपस्थिति दर्ज करवाई , पिताजी संगी पदयात्रियों से संग सदस्यों से मिले पारिवारिक भेंट अर्पित की कलश में फिर प्रसादी ग्रहण की ( हलवा,चावल दाल ) ! प्रसादी से पूर्व दर्शन के लिए गए माता पिता जी के इन्तजार में मैंने कार ड्राइवर साब को पकोड़े और चाय का नाश्ता भी करवाया उसी चबूतरा चौक के बस स्टैंड पर नाश्ता होने के बाद और इन्तजार में मैंने कुछ और स्केच उकेरे उस पल एक बहुत भारी भरकम शरीर वाला युवा मेरे सामने आकर बोला मेरा भी बनाओ भा एक चित्र तो उसका स्केच बनाया ! उसके साथी ने मेरे स्केच करते हुए का वीडियो भी बनाया ! फिर दो बच्चे उत्सुकता से मेरे पास आये स्केच बनते देख कर वे उत्साहित हो रहे थे एक ने कहा मैं भी स्केच बनाता हूँ पर आप जैसे नहीं बना पाता ! तो मैंने कहा अभ्यास करते रहो मेरे से भी अच्छे बनलोगे एक दिन तुम भी स्केच ! फिर एक ने कहा हमारा भी बनाओ आप, तो उन दोनों का भी स्केच बनाया और उस स्केच को देखकर वे बच्चे जो अंतर मन से हसे वो अपने आप में मेरे लिए विशेष उपलब्धि रही इस धर्म यात्रा की वहाँ उन पलों में मेरा कला धर्म पूर्णता पा गया ! बच्चों ने स्केच किया हुआ पेज माँगा तो मैंने उन्हें कहा मोबाइल है तुम्हारे पास तो फोटो शूट कर लो ! बच्चों ने फोटो शूट किया और अपने पिता और माता को दिखाया तब तक मेरे माता पिता भी आगये और हम चल् दिए बीकानेर धर्मशाला की और महा प्रसादी ( कड़ाई प्रसाद ) के उपक्रम में शामिल होने को अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने को !
प्रसादी ग्रहण करने के बाद वापसी की बीकानेर को और अब यहाँ से लेपटॉप के माध्यम से ये यात्रा वृत्तांत मेरी धर्म यात्रा मेरी कर्म यात्रा का आप के लिए कुछ स्केचेस के फोटो इमेजेज के साथ .
Photo can't share at here now ..
You have a great sleep sir ..
Warm regards
Yogendra Kumar Purohit
Master of Fine Arts
Bikaner,India
DAY 6076
Jalsa, Mumbai Oct 6, 2024 Sun 11:11 Pm
Birthday - EF Ami Trivedi , Naresh Dhokia, Nileshkumar Bodawala Monday, 7 October ...
birthday greetings to all the Ef 👆🏼👆🏼 and wishes for a lovely day ..🌹🌹
Much though the mind wanders towards the thoughts of what is to be done , among the several pending .. one thought that ever remains is the time to be spent with Babuji and his mind and words and works ..
It is a lament .. and must needs be fulfilled ..
A letter response by Babuji draws attention and I spend an entire evening considering it and evaluating how simply a complex thought was put across ..
..." you need the meaning of getting close in a proper way to a poem ?
do you understand the right meaning of reaching close to a dish of food that is served to you ..?
understand that a poem is the food of the mind ..
the asamarthata असमर्थता , the helplessness of a poem ?? the helplessness of a chair is that it cannot do the work of a bed .. !!
a poem is the art of words .. the sound and rhythm are its soul .. when you give sound does the soul reverberate ..
let me compare TS Elliot and Tulsidas ..
the rendition of TS Elliot's 'The Wasteland' can only be experienced by an English speaking jaw ..
the joy of the rendition of a Tulsidas chaupayi चौपाई , will be different from the joy derived from the rendition of a film song ... "
the simplicity of words and thoughts .. yet reaching the very heart of a unique explanation ..
सुकून की बात मत करऐ गालिब,
बचपन वाला इतवार अब नहीं आता !!
my love and affection ..
Amitabh Bachchan
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2018-19 में छात्र सँख्या के आधार पर 12500₹ से लेकर 100000₹ प्रति विद्यालय तक की कंपोजिट स्कूल ग्रांट: ऐसे करें स्कूल ग्रांट का उपभोग
2018-19 में छात्र सँख्या के आधार पर 12500₹ से लेकर 100000₹ प्रति विद्यालय तक की कंपोजिट स्कूल ग्रांट: ऐसे करें स्कूल ग्रांट का उपभोग
2018-19 में छात्र सँख्या के आधार पर 12500₹ से लेकर 100000₹ प्रति विद्यालय तक की कंपोजिट स्कूल ग्रांट (1) 1-15 तक छात्रसँख्या पर 12500₹ (2) 16-100 तक छात्रसँख्या पर 25000₹ (3) 101-250 तक छात्रसँख्या पर 50000₹ (4) 251-1000 तक छात्रसँख्या पर 75000₹ (5) 1000 से अधिक छात्रसँख्या पर 100000₹
"कंपोजिट स्कूल ग्रांट" की धनराशि से विद्यालयों में क्रय की जाने वाली सामग्री विद्यालय में कराए जाने वाले कार्यों की सुझाव सूची/विवरण
रु.25000/- एवम रु.50000/- के अंतर्गत क्रय की जाने वाली सामग्री का विवरण★★★★★★★★★★★★★★1-स्वच्छता अभियान-हाथ धोने का साबुन- (विद्यालय में छात्र नामांकन के आधार पर आवश्यकतानुसार), फिनायल, (10 लीटर/20 लीटर), चुना (10 किलोग्राम) , बाल्टी(2), मग(2) , कूड़ादान(4) , टॉयलेट ब्रश( 2), टॉयलेट क्लीनर (10 लीटर/20 लीटर), नेल कटर (4/8)2-अनुरक्षण कार्य--विद्यालय में उपलब्ध मरम्मत योग्य सामग्री जैस-े कुर्सी , मेज, झूला , हैंडपंप, ब्लैक बोर्ड ,फर्श एवं दीवार के आंशिक प्लास्टर/पैच वर्क एवं अन्य समस्त प्रकार की छोटी मोटी मरम्मत एवं रखरखाव, स्मार्ट क्लास एवम टीचर रिसोर्स लैब( टी.आर.एल.) का रखरखाव ।3-रंगाई पुताई--विद्यालय की रंगाई पुताई, दरवाजे , खिड़कियों, ग्रिल, चहारदीवारी, गेट के पेंट ।4-पेंटिंग कार्य--लोगो-"सब पढ़ें सब बढ़ें , बाल अधिकार , विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के नाम एवं दूरभाष नंबर , विद्यालय के प्रधानाध्यापक का नाम (दूरभाष नंबर सहित) एवं समस्त अध्यापकों के नाम, अधिकारियों के नाम एवं मोबाइल नंबर , जिला अधिकारी , जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ,खंड शिक्षा अधिकारी, ग्राम प्रधान के नाम (दूरभाष न सहित), महत्वपूर्ण दूरभाष नंबर जैसे- पुलिस सेवा, फायर बिग्रेड, एंबुलेंस, किचन पर एमडीएम का मीनू , विद्यालय में बरामदा के ऊपर विद्यालय का यू डाइस कोड एवं नाम ,विकास खंड तथा जनपद का नाम ।5-फर्स्ट एंड बॉक्स--रुई ,मेडिकल टेप, क्रेप बैंडेज, मरहम पट्टी ,त्रिकोणीय बैंडेज, स्प्लिंट टूर्निक्वेट (tourniquet), थर्मामीटर , कैची , दस्ताने, एंटीसेप्टिक लिक्विड, पेन रिलीवर टेबलेट , पेरासिटामोल, पेट दर्द एवं गैस की दवा , बरनोल, ओआरएस पैकेट , आंख पर लगाने वाली पैड, गर्म पानी की बोतल ,ब्लेड, बर्फ की थैली , एंटीसेप्टिक क्रीम ।6-अग्निशमन यंत्र--रिफिलिंग , दो बाल्टी (बालू भरकर रखने हेतु)7-स्टेशनरी--कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, शिक्षक उपस्थिति पंजिका, आवागमन पंजिक��� , पत्र व्यवहार पंजिका , स्टॉक पंजिका, पुस्तकालय स्टॉकबुक , पुस्तक निर्गमन पंजिका, कीड़ा स्टॉक पंजिका , रजिस्टर ,चाक एवं डस्टर ।8-टाट पट्टी/चटाई/दरी--
पर्याप्त संख्या में टाट पट्टी/चटाईयां/दरी ( बच्चों के कक्षा कक्ष में बैठने हेतु )9-रेडियो प्रोग्राम (मीना मंच, जन पहल ,आओ अंग्रेजी सीखें )--रेडियो (केवल मरम्मत) एवं बैटरी क्रय ।10-इंटरनेट बिल--प्रीपेड बिल रिचार्�� के अनुसार ।11-विद्युत उपकरण ( क्रय/मरम्मत)--स्विच ,प्लग ,तार ,एल.ई.डी. बल्ब ,पंखे की मरम्मत ।12-सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु--माइक/एंपलीफायर, ढोलक , मजीरा ढपली , बांसुरी , स्टॉपवॉच ।13-सामान्य सामग्री--एक बुलेटिन बोर्ड , कुर्सी , मेज , घड़ा , लोटा , गिलास , शीशा , घंटा , मुंगरी , तोलिया , एयर पंप , दीवार घड़ी , महान पुरुष/स्वतंत्रता सेनानियों की फोटो ( फ्रेम सहित) ।14-बागवानी सामग्री--खुरपी , फ़ावड़ा , कुदाल , हसिया , कतरनी , हजारा , टोटी , प्लास्टिक पाइप (आधा इंच)15-शिक्षक सहायक सामग्री--ग्लोब , मानचित्र (विश्व , भारत , उत्तर प्रदेश) , विज्ञान /भूगोल/ इतिहास अन्य ज्ञानवर्धक चार्ट ।16-दिव्यांग छात्रों हेतु सामग्री--टी.एल.एम. एवं एम्बोसड ग्लोब एवं मानचित्र ।17-पुरस्कार वितरण हेतु सामग्री--विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्रों को प्रोत्साहन पुरस्कार जैसे- पेन/पेंसिल/लंचबॉक्स , कहानियां/पेंटिंग की किताब , मोमेंटो आदि ।नोट--1- क्रमांक 1 से 8 तक के सामग्री/कार्य आवश्यक रूप से क्रय/कराए जाने हैं।2- क्रमांक 9 से 17 तक के कार्य/सामग्री का कार्य/क्रय विद्यालय की आवश्यकता अनुसार किया जाना है।
Read full post at: http://www.cnnworldnews.info/2019/01/2018-19-12500-100000.html
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विद्युत करेंट की चपेट में आने से वृद्ध महिला की मौत।
विद्युत करेंट की चपेट में आने से वृद्ध महिला की मौत।
(डॉ अंशुमान सिंह गुड्डू/दालबहादुर पांडेय की रिपोर्ट)
अमानीगंज अयोध्या। खंडासा थाना क्षेत्र के भीखी का पूरा गांव में शुक्रवार / शनिवार की रात पंखे का प्लग बोर्ड में लगाते समय करंट की चपेट में आने से 70 वर्षीय वृद्ध महिला की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुमित्रा देवी पत्नी बाबूलाल (70) रात में…
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कंपोजिट स्कूल ग्रांट की धनराशि से विद्यालयों में क्रय की जाने वाली सामग्री विद्यालय में कराए जाने वाले कार्यों की सुझाव सूची/विवरण
कंपोजिट स्कूल ग्रांट की धनराशि से विद्यालयों में क्रय की जाने वाली सामग्री विद्यालय में कराए जाने वाले कार्यों की सुझाव सूची/विवरण
*कंपोजिट स्कूल ग्रांट की धनराशि से विद्यालयों में क्रय की जाने वाली सामग्री विद्यालय में कराए जाने वाले कार्यों की सुझाव सूची/विवरण*👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿*रु.25000/- एवम रु.50000/- के अंतर्गत क्रय की जाने वाली सामग्री का विवरण*★★★★★★★★★★★★★★★★★*1-स्वच्छता अभियान--*
*हाथ धोने का साबुन- (विद्यालय में छात्र नामांकन के आधार पर आवश्यकतानुसार) , फिनायल, (10 लीटर/20 लीटर), चुना(10 किलोग्राम) , बाल्टी(2)-, मग(2) , कूड़ादान(4) , टॉयलेट ब्रश( 2), टॉयलेट क्लीनर (10 लीटर/20 लीटर), नेल कटर (4/8)
*2-अनुरक्षण कार्य--*
विद्यालय में उपलब्ध मरम्मत योग्य सामग्री जैस-े कुर्सी ,मेज, झूला ,हैंडपंप, ब्लैक बोर्ड ,फर्श एवं दीवार के आंशिक प्लास्टर/पैच वर्क एवं अन्य समस्त प्रकार की छोटी मोटी मरम्मत एवं रखरखाव, स्मार्ट क्लास एवम टीचर रिसोर्स लैब( टी.आर.एल.) का रखरखाव
*3-रंगाई पुताई--*
विद्यालय की रंगाई पुताई , दरवाजे ,खिड़कियों ,ग्रिल, चहारदीवारी ,गेट के पेंट
*4-पेंटिंग कार्य--*
लोगो-"सब पढ़ें सब बढ़ें , बाल अधिकार , विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के नाम एवं दूरभाष नंबर , विद्यालय के प्रधानाध्यापक का नाम (दूरभाष नंबर सहित) एवं समस्त अध्यापकों के नाम, अधिकारियों के नाम एवं मोबाइल नंबर , जिला अधिकारी , जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ,खंड शिक्षा अधिकारी, ग्राम प्रधान के नाम (दूरभाष न सहित), महत्वपूर्ण दूरभाष नंबर जैसे- पुलिस सेवा, फायर बिग्रेड, एंबुलेंस, किचन पर एमडीएम का मीनू , विद्यालय में बरामदा के ऊपर विद्यालय का यू डाइस कोड एवं नाम ,विकास खंड तथा जनपद का नाम
*5-फर्स्ट एड बॉक्स--*
रुई ,मेडिकल टेप, क्रेप बैंडेज, मरहम पट्टी ,त्रिकोणीय बैंडेज, स्प्लिंट टूर्निक्वेट(tourniquet), थर्मामीटर , कैची , दस्ताने, एंटीसेप्टिक लिक्विड, पेन रिलीवर टेबलेट , पेरासिटामोल, पेट दर्द एवं गैस की दवा , बरनोल, ओआरएस पैकेट , आंख पर लगाने वाली पैड, गर्म पानी की बोतल ,ब्लेड, बर्फ की थैली , एंटीसेप्टिक क्रीम
*6-अग्निशमन यंत्र--*
रिफिलिंग , दो बाल्टी (बालू भरकर रखने हेतु)
*7-स्टेशनरी--*
कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, शिक्षक उपस्थिति पंजिका, आवागमन पंजिका , पत्र व्यवहार पंजिका , स्टॉक पंजिका, पुस्तकालय स्टॉकबुक , पुस्तक निर्गमन पंजिका, कीड़ा स्टॉक पंजिका , रजिस्टर ,चौक एवं डस्टर
*8-टाट पट्टी/चटाई/दरी--*
पर्याप्त संख्या में टाट पट्टी/चटाईयां/दरी( बच्चों के कक्षा कक्ष में बैठने हेतु
*9-रेडियो प्रोग्राम(मीना मंच, जन पहल ,आओ अंग्रेजी सीखें )--*
रेडियो(केवल मरम्मत) एवं बैटरी क्रय *10-इंटरनेट बिल--*
प्रीपेड बिल रिचार्ज के अनुसार
*11-विद्युत उपकरण( क्रय/मरम्मत)--*
स्विच ,प्लग ,तार ,एलईडी बल्ब ,पंखे की मरम्मत
*12-सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु--*
माइक /एंपलीफायर ढोलक , मजीरा ढपली , बांसुरी , स्टॉपवॉच
*13-सामान्य सामग्री--*
एक बुलेटिन बोर्ड , कुर्सी , मेज , घड़ा , लोटा , गिलास , शीशा , घंटा , मुंगरी , तोलिया , एयर पंप , दीवार घड़ी , महान पुरुष/स्वतंत्रता सेनानियों की फोटो( फ्रेम सहित)
*14-बागवानी सामग्री--*
खुरपी , फ़ावड़ा , कुदाल , हसिया , कतरनी , हजारा , टोटी , प्लास्टिक पाइप (आधा इंच)
*15-शिक्षक सहायक सामग्री--*
ग्लोब , मानचित्र (विश्व , भारत , उत्तर प्रदेश) , विज्ञान /भूगोल/ इतिहास अन्य ज्ञानवर्धक चार्ट
*16-दिव्यांग छात्रों हेतु सामग्री--*
टी.एल.एम. एवं एम्बोसड ग्लोब एवं मानचित्र
*17-पुरस्कार वितरण हेतु सामग्री--*
विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्रों को प्रोत्साहन पुरस्कार जैसे- पेन/पेंसिल/लंचबॉक्स , कहानियां/पेंटिंग की किताब , मोमेंटो आदि
*नोट--* *1-क्रमांक 1 से 8 तक के सामग्री/कार्य आवश्यक रूप से क्रय/कराए जाने हैं ।*
*2-क्रमांक 9 से 17 तक के कार्य/सामग्री का कार्य/क्रय विद्यालय की आवश्यकता अनुसार किया जाना है।*
Read full post at: http://www.cnnworldnews.info/2018/12/blog-post_96.html
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कंपोजिट स्कूल ग्रांट की धनराशि से विद्यालयों में क्रय की जाने वाली सामग्री विद्यालय में कराए जाने वाले कार्यों की सुझाव सूची/विवरण
कंपोजिट स्कूल ग्रांट की धनराशि से विद्यालयों में क्रय की जाने वाली सामग्री विद्यालय में कराए जाने वाले कार्यों की सुझाव सूची/विवरण
primary ka master: *कंपोजिट स्कूल ग्रांट की धनराशि से विद्यालयों में क्रय की जाने वाली सामग्री विद्यालय में कराए जाने वाले कार्यों की सुझाव सूची/विवरण*
*रु.25000/- एवम रु.50000/- के अंतर्गत क्रय की जाने वाली सामग्री का विवरण*★★★★★★★★★★★★★★★★★*1-स्वच्छता अभियान--*
*हाथ धोने का साबुन- (विद्यालय में छात्र नामांकन के आधार पर आवश्यकतानुसार) , फिनायल, (10 लीटर/20 लीटर), चुना(10 किलोग्राम) , बाल्टी(2)-, मग(2) , कूड़ादान(4) , टॉयलेट ब्रश( 2), टॉयलेट क्लीनर (10 लीटर/20 लीटर), नेल कटर (4/8)
*2-अनुरक्षण कार्य--*
विद्यालय में उपलब्ध मरम्मत योग्य सामग्री जैस-े कुर्सी ,मेज, झूला ,हैंडपंप, ब्लैक बोर्ड ,फर्श एवं दीवार के आंशिक प्लास्टर/पैच वर्क एवं अन्य समस्त प्रकार की छोटी मोटी मरम्मत एवं रखरखाव, स्मार्ट क्लास एवम टीचर रिसोर्स लैब( टी.आर.एल.) का रखरखाव
*3-रंगाई पुताई--*
विद्यालय की रंगाई पुताई , दरवाजे ,खिड़कियों ,ग्रिल, चहारदीवारी ,गेट के पेंट
*4-पेंटिंग कार्य--*
लोगो-"सब पढ़ें सब बढ़ें , बाल अधिकार , विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के नाम एवं दूरभाष नंबर , विद्यालय के प्रधानाध्यापक का नाम (दूरभाष नंबर सहित) एवं समस्त अध्यापकों के नाम, अधिकारियों के नाम एवं मोबाइल नंबर , जिला अधिकारी , जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ,खंड शिक्षा अधिकारी, ग्राम प्रधान के नाम (दूरभाष न सहित), महत्वपूर्ण दूरभाष नंबर जैसे- पुलिस सेवा, फायर बिग्रेड, एंबुलेंस, किचन पर एमडीएम का मीनू , विद्यालय में बरामदा के ऊपर विद्यालय का यू डाइस कोड एवं नाम ,विकास खंड तथा जनपद का नाम
*5-फर्स्ट एड बॉक्स--*
रुई ,मेडिकल टेप, क्रेप बैंडेज, मरहम पट्टी ,त्रिकोणीय बैंडेज, स्प्लिंट टूर्निक्वेट(tourniquet), थर्मामीटर , कैची , दस्ताने, एंटीसेप्टिक लिक्विड, पेन रिलीवर टेबलेट , पेरासिटामोल, पेट दर्द एवं गैस की दवा , बरनोल, ओआरएस पैकेट , आंख पर लगाने वाली पैड, गर्म पानी की बोतल ,ब्लेड, बर्फ की थैली , एंटीसेप्टिक क्रीम
*6-अग्निशमन यंत्र--*
रिफिलिंग , दो बाल्टी (बालू भरकर रखने हेतु)
*7-स्टेशनरी--*
कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, शिक्षक उपस्थिति पंजिका, आवागमन पंजिका , पत्र व्यवहार पंजिका , स्टॉक पंजिका, पुस्तकालय स्टॉकबुक , पुस्तक निर्गमन पंजिका, कीड़ा स्टॉक पंजिका , रजिस्टर ,चौक एवं डस्टर
*8-टाट पट्टी/चटाई/दरी--*
पर्याप्त संख्या में टाट पट्टी/चटाईयां/दरी( बच्चों के कक्षा कक्ष में बैठने हेतु
*9-रेडियो प्रोग्राम(मीना मंच, जन पहल ,आओ अंग्रेजी सीखें )--*
रेडियो(केवल मरम्मत) एवं बैटरी क्रय *10-इंटरनेट बिल--*
प्रीपेड बिल रिचार्ज के अनुसार
*11-विद्युत उपकरण( क्रय/मरम्मत)--*
स्विच ,प्लग ,तार ,एलईडी बल्ब ,पंखे की मरम्मत
*12-सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु--*
माइक /एंपलीफायर ढोलक , मजीरा ढपली , बांसुरी , स्टॉपवॉच
*13-सामान्य सामग्री--*
एक बुलेटिन बोर्ड , कुर्सी , मेज , घड़ा , लोटा , गिलास , शीशा , घंटा , मुंगरी , तोलिया , एयर पंप , दीवार घड़ी , महान पुरुष/स्वतंत्रता सेनानियों की फोटो( फ्रेम सहित)
*14-बागवानी सामग्री--*
खुरपी , फ़ावड़ा , कुदाल , हसिया , कतरनी , हजारा , टोटी , प्लास्टिक पाइप (आधा इंच)
*15-शिक्षक सहायक सामग्री--*
ग्लोब , मानचित्र (विश्व , भारत , उत्तर प्रदेश) , विज्ञान /भूगोल/ इतिहास अन्य ज्ञानवर्धक चार्ट
*16-दिव्यांग छात्रों हेतु सामग्री--*
टी.एल.एम. एवं एम्बोसड ग्लोब एवं मानचित्र
*17-पुरस्कार वितरण हेतु सामग्री--*
विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्रों को प्रोत्साहन पुरस्कार जैसे- पेन/पेंसिल/लंचबॉक्स , कहानियां/पेंटिंग की किताब , मोमेंटो आदि
*नोट--* *1-क्रमांक 1 से 8 तक के सामग्री/कार्य आवश्यक रूप से क्रय/कराए जाने हैं ।*
*2-क्रमांक 9 से 17 तक के कार्य/सामग्री का कार्य/क्रय विद्यालय की आवश्यकता अनुसार किया जाना है।*
Read full post at: http://www.cnnworldnews.info/2018/11/blog-post_358.html
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