#न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)
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पंजाब-हरियाणा बॉर्डर खनौरी में 4 जनवरी को किसान महापंचायत, एमएसपी की मांग पर जोर देंगे किसान
पंजाब-हरियाणा सीमा पर चल रहे विरोध के बीच, किसानों ने घोषणा की है कि वे 4 जनवरी को खनौरी में “किसान महापंचायत” आयोजित करेंगे। किसान संगठनों, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और के नेताओं द्वारा एक सर्वसम्मत निर्णय लिया गया। किसान मजदूर मोर्चा, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अपनी मांगों के साथ, केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूप में महापंचायत आयोजित करेगा।'' 4 जनवरी को लाखों…
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शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए निकला 101 किसानों का जत्था, अंबाला में मोबाइल इंटरनेट बंद; जानें कैसे है ताजा हालात
Punjab Haryana News; पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का एक जत्था शुक्रवार को दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू कर दिया। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित कुछ मांगों को ल���कर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं। हरियाणा की सीमा पर ��ारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। इस बीच हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को…
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गेहूं की बुवाई में तेजी: एमएसपी बढ़ने के बाद किसानों में उत्साह, जानिए कब और कितनी करनी चाहिए सिंचाई
नई दिल्ली। देशभर में रबी सीजन के दौरान गेहूं की बुवाई तेजी पकड़ रही है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में ₹150 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के बाद किसानों में उत्साह देखा जा रहा है। कुछ क्षेत्रों में तो गेहूं के बीज अंकुरित होने भी लगे हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश कृषि विभाग और विशेषज्ञों ने गेहूं की फसल में उचित सिंचाई के महत्व पर जोर देते हुए किसानों को सही समय और मात्रा में पानी देने की…
#MSP wheat price increase#Rabi crop irrigation schedule#Wheat farming tips for farmers#Wheat irrigation management#Wheat production target 2024
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PM Modi Ki Nitiyon Se Aam Aadami Ko Fayada Nahi: Priyanka Gandhi
वायनाड। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को वायनाड के एंगपुझा में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने वायनाड के लोगों की सराहना करते हुए कहा कि यहां के लोगों का इतिहास बहुत समृद्ध है, आपने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।
प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में हमने लोगों के प्रति पूरी तरह से उपेक्षा देखी है। मोदी की नीतियों से सिर्फ बड़े कारोबारी मित्रों को फायदा होता है, आम नागरिकों को नहीं। किसानों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है, जिन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें कभी नहीं मिला। देश भर में आदिवासी लोगों पर हमले हो रहे हैं, उनकी जमीनें बड़े व्यापारियों को सौंप दी जा रही हैं। बेरोजगारी चरम पर है और वादों के बावजूद मेडिकल कॉलेज का कोई नामोनिशान नहीं है। जीएसटी व्यवस्था भी छोटे व्यवसायों को नुकसान पहुंचा रही है।
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MP : मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि के लिए माना प्रधानमंत्री का आभार
गेहूँ का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2275 रुपये से बढ़ाकर 2425 रुपये भोपाल, 16 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रबी विपणन सीजन 2025-26 के लिए छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि के लिए आभार माना है। उन्होंने कहा है कि अन्नदाता को प्राथमिकता मोदी सरकार का संकल्प है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्री-मंडल की…
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MSP Hike: खुशखबरी, मोदी सरकार ने गेहूं सरसों चना समेत इन 6 फसलों की बढ़ाई MSP
MSP Hike News : केंद्र की मोदी सरकार ने आज यानी बुधवार, 16 अक्टूबर 2024 को रबी की 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है । इससे देश के करोड़ों किसानों को लाभ मिलेगा। सरकार द्वारा आज सबसे ज्यादा बढ़ोतरी ��रसों की एमएसपी में की है जो की 300 रुपए प्रति क्विंटल है । जबकि मसूर की एमएसपी में 275 रुपये का इजाफ़ा किया है। वहीं चना 210 रुपए प्रति क्विंटल और गेहूं की एमएसपी में…
#Crops Minimum Support Price#kisan alert#MSP#msp of mustard#Rabi Crops MSP#Rabi MSP LIST#Rabi MSP List 2025#किसान कृषि समाचार#न्यूनतम समर्थन मूल्य
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दिवाली पर किसानों को गिफ्ट, मोदी सरकार ने गेहूं चना समेत 6 रबी फसलों पर MSP बढ़ाई
NEW DELHI:किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ��र्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 2025-26 मार्केटिंग वर्ष के लिए सभी प्रमुख रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की घोषणा की। एएनआई की खबर के अनुसार, सरकार ने किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी…
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यूपी में मक्का, ज्वार, बाजरा उपज का न्यूनतम मूल्य तय
28 जिलों में एग्रीज योजना होगी लागू दिनेश प्रताप सिंह टेलीग्राम संवाद, लखनऊ। योगी आदित्यनाथा सरकार ने यूपी में मक्का, बाजरा और ज्वार की एमएसपी तय कर दिया है। सरकार मोटे अनाज नई दरों पर खरीदेगी। मंगलवार सुबह हुई कैबिनेट बैठक में लाए गए 25 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। जिसमें कई अहम प्रस्ताव भी शामिल हैं। जानकारी देते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि मक्का, बाजरा और ज्वार समर्थन मूल्य…
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एमएसपी ने बदल दी हरियाणा प्रदेश की राजनीति
IEP Chandigarh हरियाणा में अब 24 फसलों की खरीद एमएसपी ( न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर होगी। ऐसा करने वाला वह देश का पहला राज्य बन गया है। यह फैसला भाजपा सरकार के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। जिसका असर तीन महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में साफ तौर से नजर आएगा। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 4 अगस्त को कुरुक्षेत्र में आयोजित विजय शंखनाद रैली में इसका एलान किया तो विपक्ष अपनी भाषण की स्क्रिप्ट…
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हरियाणा: विधानसभा चुनाव से पहले उप सरकार का बड़ा दांव, सभी फसलों को MSP पर खरीदने का ऐलान
हरियाणा के किसानों के लिए राज्य सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। विधानसभा चुनाव से पहले सीएम ने एक रैली में घोषणा की है कि अब उनकी सरकार किसानों से सभी फसलें एमएसपी पर खरीदेगी। कुरुक्षेत्र: हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खबर आ रही है, यहां की राज्य सरकार ने घोषणा की है कि राज्य में सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीदा जाएगा। यह घोषणा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने…
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जगजीत सिंह दल्लेवाल: किसान आंदोलन 2.0 को पुनर्जीवित करने वाले किसान नेता
70 साल के जगजीत सिंह दल्लेवाल किसान आंदोलन 2.0 का चेहरा बनकर उभरे हैं। बीमार नेता के नाजुक स्वास्थ्य ने सरकार, विपक्ष और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट का भी ध्यान खींचा है। हजारों किसानों और भारी सुरक्षा उपस्थिति से घिरा दल्लेवाल इस आंदोलन की जीवन रेखा बनकर उभरा है। उन्होंने न केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि वह आमरण अनशन…
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भारत का विरोध करना पड़ा भारी, थाईलैंड के राजदूत की WTO मीटिंग से क्यों हुई वापसी, जानें इनसाइड स्टोरी
नई दिल्ली : में भारत की चावल खरीद लेकर टिप्पणी करने वाली थाईलैंड की राजदूत पिमचानोक वॉनकोर्पोन पिटफील्ड को आखिरकार भारी पड़ गया। थाईलैंड ने पिटफील्ड को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी-13) से हटाकर वापस थाईलैंड आने के लिए कहा है। अब इस बैठक में थाईलैंड के विदेश सचिव ने उनका स्थान लिया है। विश्व व्यापार सगंठन की यह मंत्रिस्तरीय वार्ता पांचवें दिन प्रवेश कर गई। थाईलैंड की राजदूत ने कहा था कि भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चावल खरीद का कार्यक्रम लोगों के लिए नहीं, बल्कि निर्यात बाजार पर कब्जा करने के लिए है। भारत ने इस मुद्दे पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद ही पिटफील्ड को वापस बुलाया गया। ऐसे तैयार हुई वापसी की भूमिका इस पूरे मामले में भारतीय अधिका���ियों ने थाई प्रतिनिधि की मौजूदगी वाली मंत्रिस्तरीय बैठक का बहिष्कार किया था। साथ ही सरकार ने इस मामले को थाईलैंड के साथ भी उठाया था। वाणिज���य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अमेरिकी और यूरोपीय संघ के समकक्षों के साथ-साथ संयुक्त अरब अमीरात के व्यापार मंत्री थानी बिन अहमद अल जायौदी और डब्ल्यूटीओ प्रमुख न्गोजी ओकोन्जो-इवेला के साथ मीटिंग के दौरान इस मुद्दे पर बात की थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल कृषि व्यापार में सुधार, विशेष रूप से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए खाद्यान्न की खरीद के लिए सरकार को लचीलापन प्रदान करने पर एक बंद दरवाजे की बैठक की। इस मीटिंग के दौरान भारत पिटफील्ड के हस्तक्षेप वाले आक्रामक स्वर से नाराज था। इसके अलावा, अमीर देशों के कुछ प्रतिनिधियों ने थाई राजदूत के बयान की सराहना की। भारत ने इसे अधिकारियों ने तथ्यात्मक रूप से गलत बताया। एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने सरकार पर पीडीएस के लिए खरीदे गए चावल का 40% निर्यात करने का आरोप लगाया था। विकसित देशों ने मिलकर रचा मामला? एक अन्य अधिकारी ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि पूरा मामला कुछ विकसित देशों के साथ मिलकर रचा गया है। जिनेवा में डब्ल्यूटीओ की बैठकों के दौरान कुछ देशों ने इसी तरह का शोर मचाया था, सरकार ने भी इसे एक कहानी बनाने के प्रयास के रूप में देखा। इसके अनुसार भारत की तरफ से वैश्विक बाजारों में सब्सिडी वाले चावल की बाढ़ ला दी गई है, जो वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप नहीं है। सरकारी अधिकारी के अनुसार हकीकत यह है कि उनके तथ्य गलत थे, क्योंकि सरकार खाद्य सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए धान की उपज का केवल 40 प्रतिशत ही खरीदती है। उन्होंने बताया कि बाकी हिस्से को सरकारी स्वामित्व वाली एजेंसियां नहीं खरीदती हैं। इसे भारत से बाजार कीमतों पर निर्यात किया जाता है। चावल का बड़ा निर्यातक है भारत सरकार ने हाल ही में घरेलू कीमतों को कम करने के लिए गैर-बासमती चावल के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है। भारत सब्सिडी सीमा के मुद्दे का समाधान तलाश रहा है, जिसकी गणना 1986-88 के स्तर पर तय कीमतों पर की गई है। इसमें 10% की सीमा का उल्लंघन किया है। भारत की तरह थाईलैंड भी एक प्रमुख चावल एक्सपोर्ट करने वाला देश है। विभिन्न मंचों पर कुछ विकसित और विकासशील देशों ने आरोप लगाया है कि भारत की तरफ से चावल जैसी जिंसों का सार्वजनिक भंडारण वैश्विक बाजार में रेट खराब कर देता है। भारत 2018 से 2022 तक दुनिया का सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्ट करने वाला देश था। उसके बाद थाईलैंड और वियतनाम का स्थान था। http://dlvr.it/T3Vnjz
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#FarmersProtest2024 किसान नेताओं ने केंद्र के एमएसपी प्रस्ताव को खारिज कर दिया, बुधवार से ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिर से शुरू होगा!
#RakeshTikaitBKU #OfficialBKU #PMOIndia #icnewsnetwork #MSP #bhartiyakisanunioun
#PMShri #BKU
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किसानों का दिल्ली कूच आज, पुलिस ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
किसान आंदोलन-2 का आज 6 मार्च को 23वां दिन है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी पर कानून बनाने की मांग को लेकर पंजाब के किसान एक बार फिर से दिल्ली कूच की तैयारी में हैं।
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MP : एमएसपी पर सोयाबीन खरीदी के लिए आज से शुरू होंगे किसानों के पंजीयन
भोपाल, 25 सितंबर (हि.स.)। मध्यप्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोयाबीन की खरीदी के लिए आज (बुधवार) से पंजीयन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। प्रदेश के किसान अपनी उपज बेचने के लिए 15 अक्टूबर 2024 तक पंजीयन करा सकेंगे। इसके बाद 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2024 तक राज्यभर में खरीदी प्रक्रिया चलेगी। यह खरीदी राज्य के विभिन्न जिलों में स्थापित किए गए केंद्रों पर होगी, जहां नेफेड और एनसीसीएफ…
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खुशखबरी! धान पर किसानों को मिलेगा 100 रुपये क्विंटल का बोनस
किसानों के लिए खुशखबरी! धान (Paddy) उत्पादक किसानों (Farmers) को अब एमएसपी के अलावा 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस (Bonus) राशि दी जाएगी। जी हाँ झारखंड राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों को इस शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 में धान के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP के अलावा 100 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का ऐलान किया है । मीडिया रिपोर्ट्स के…
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