#नौकरी 2020
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अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने सीनेट में ‘टाई-ब्रेकिंग’ वोट के साथ रचा इतिहास
हैरिस ने 2020 में अमेरिका की पहली महिला एवं प्रथम अश्वेत उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा था।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने सीनेट में एक मतदान में दोनों पक्षों के समान वोट पड़ने की स्थिति में अपना मत (टाई-ब्रेकिंग वोट) डालकर अमेरिका के इतिहास में एक और नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।
खबर में आगे पढ़ें....
कमला हैरिस ने रचा इतिहास, 2020 में किया था कुछ ऐसा ही
उपराष्ट्रपति के रूप में डाले गए ऐसे वोटों की कुल संख्या 31 हो गई।
मेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स के पास 51 सीटें और रिपब्लिकन के पास 49 सीटें ��ैं
हैरिस ने रचा एक नया इतिहास
हैरिस ने उपराष्ट्रपति के रूप में "टाई-ब्रेकिंग वोट" डालने के 191 साल पुराने रिकार्ड की बराबरी की और संघीय एजेंसी की सदस्य के रुप में भारतीय मूल की कल्पना कोटागल के नामांकन का समर्थन किया। हैरिस ने इस तरह सीनेटर जॉन सी कैलहॉन के रिकॉर्ड की बराबरी की है। कैलहॉन ने 1825 से 1832 तक पूर्व राष्ट्रपति जॉन क्विंसी एडम्स और एंड्रयू जैक्सन के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था।
2020 में भी रचा था हैरिस ने इतिहास
इससे पहले हैरिस ने 2020 में अमेरिका की पहली महिला एवं प्रथम अश्वेत उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा था। हैरिस (58) ने बुधवार को 'समान रोजगार अवसर आयोग' के सदस्य के रूप में सेवा करने के लिए विविधता, समानता और समावेशन विशेषज्ञ, कोटागल के नामांकन के लिए अपना वोट डाला।
'समान रोजगार अवसर आयोग' संघीय कानूनों को लागू करने के लिए जिम्मेदार संस्था है। यह आयोग किसी नौकरी आवेदक या कर्मचारी के खिलाफ उसकी जाति, रंग, धर्म, लिंग, राष्ट्रीयता, उम्र (40 या अधिक), दिव्यांगता या आनुवांशिक जानकारी के आधार पर भेदभाव को रोकने के लिए काम करता है।
उपराष्ट्रपति के रूप में डाले गए ऐसे वोटों की कुल संख्या 31 हो गई।
कोटागल के नामांकन पर सीनेट में हुए मतदान में हैरिस ने 50-50 के अनुपाम में पड़े वोटों से हुए टाई को समाप्त कर दिया, जिससे उनके पद संभालने के बाद से उपराष्ट्रपति के रूप में डाले गए ऐसे वोटों की कुल संख्या 31 हो गई।
मौजूदा 118वीं अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स के पास 51 सीटें और रिपब्लिकन के पास 49 सीटें हैं।सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने बुधवार शाम को सदन में हैरिस की उपलब्धि की सराहना की। हिल अखबार ने उनके हवाले से कहा, "मैं यह उल्लेख करना चाहता हूं कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।"
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भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी को ट्रूडो सरकार ने दी सरकारी नौकरी, कनाडा ने माना
भारत-कनाडा संघर्ष: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पूरी दुनिया में छाती पीट रहे हैं. उसका आरोप है कि इस घोटाले में भारत का हाथ है. हालाँकि, ये बात अब तक साबित नहीं हो पाई है. साथ ही, कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी (सीबीएसए) ने मान लिया कि 2020 के भारतीय शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या का मास्टरमाइंड दीप सिंह सिद्धू उर्फ सनी टोरंटो…
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बीते चार साल में अनुसूचित जाति आयोग में दर्ज हुईं 47 हजार शिकायतें, जातीय शोषण, जमीन विवाद मुख्य मुद्दे
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बीते चार साल में उन्हें 47 हजार से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। इनमें जातीय अत्याचार, भूमि विवाद और सरकारी नौकरी से संबंधित विवाद ही मुख्य मुद्दे हैं। आरटीआई के जवाब में यह जानकारी मिली है। एनसीएससी के आंकड़ों के अनुसार, साल 2020-21 में उन्हें 11,917 शिकायतें मिलीं। वहीं 2021-22 में 13,964, और 2022-23 में 12,402 और इस साल यानी 2024 में 9,550…
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती पर दिया बड़ा फैसला, फिर से बनेगी मेरिट लिस्ट; हजारों टीचरों की जा सकती है नौकरी
2019 Assistant Teacher Recruitment Exam: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 की 1 जून 2020 को जारी चयन सूची व 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने इस सम्बंध में 13 मार्च 2023 के एकल पीठ के आदेश…
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Google Kormo Jobs App क्या है और कैसे प्रयोग करें?
लॉक डाउन के बीच Google ने अपनी जॉब-लिस्टिंग ऐप Kormo Jobs का विस्तार भारत में किया है। जैसा की आपको पता होगा देशव्यापी लॉक डाउन में बहुत सारे लोगों की नौकरी चली गई है। बहुत से कारणों की वजह से लोग अपनी जॉब भी बदलना चाह रहे हैं। ऐसे में इस संकट के समय में Google Kormo Jobs App भारत में लांच कर दिया गया है।
इस पोस्ट में आप Google Kormo Jobs App क्या है? कैसे इसका प्रयोग करना है। ये सभी जानकारी हम इस पोस्ट में आपको देने वाले हैं। तो अगर आपको भी एक नई जॉब की तलाश है तो इस पोस्ट को जरूर पढ़ें।
इस ऐप को सबसे पहले साल 2018 में बांग्लादेश में लॉन्च किया गया था और फिर साल 2019 में इसका विस्तार ��ंडोनेशिया में किया गया था।
Table of Contents
Google Kormo Jobs App क्या है?
गूगल कोरमो जॉब्स एप्प का प्रयोग कैसे करें?
Google Kormo Jobs App क्या है?
Kormo Jobs ऐप विभिन्न नौकरियों को लिस्ट करता है, इसके अलावा हर कोई इस प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत रूप से अपना डिज़िटल CV भी बना सकता है। गूगल की यह नई पहल लाखों लोगों को नौकरियां दिलाने में मदद करेगी।
अगर सब सही रहा तो जो कि यकीनन Microsoft के LinkedIn और इंडिया बेस्ड जॉब सर्च पोर्टल्स जैसे Naukri.com और TimesJobs को टक्कर दे सकता है।
Kormo Jobs ऐप की मदद से आप अपनी प्रोफाइल के आधार पर नौकरी की खोज कर सकते हैं। इसके अलावा इस ऐप में कुछ ऐसे टूल्स भी दिए गए हैं, जो कि आपकी प्रोफाइल में आपके करियर और नई स्किल को अपग्रेड कर सकेंगे। साथ ही ऐप में अपनी जानकरी देकर डिजिटल सीवी भी तैयार कर सकते हैं। जिसे ऐप के माध्यम से शेयर व प्रिंट किया जा सकता है।
यंहा एक Learn New Skill का भी ऑप्शन है। जंहा से आप अपने जॉब में काम आने वाले स्किल्स को सिख सकते हैं।
फिलहाल अभी मुझे इसमें कंटेंट की कमी लगी। उम्मीद है धीरे धीरे स्किल सेक्शन को और इम्प्रूव किया जाएगा।
गूगल कोरमो जॉब्स एप्प का प्रयोग कैसे करें?
Kormo Jobs App का प्रयोग करना बहुत ही आसान है।
सबसे पहले तो आप इस एप्प को प्लेस्टोर से अपने फ़ोन में डाउनलोड कर लें। अपनी पर्सनल जीमेल से इसको लॉगिन कर लें।
लॉगिन होने के बाद गूगल अकाउंट से आपकी बेसिक डिटेल्स यंहा आ जाती है। आप आपको “Your Profile” में जाकर सभी जानकरियों को अच्छे से दर्ज करना है।
https://www.nitishverma.com/wp-content/uploads/2020/08/Google-Kormo-Jobs-App-Interface-413x570.html
अब आपने जॉब का इंट्रेस्ट और लोकेशन चुन सकते हैं। इसके बाद आपको आपकी योग्यता के अनुसार जॉब की लिस्ट दिखाई देने लगेगी।आप अपने पसंद और सुविधा के अनुसार इन जॉब्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
Kormo Jobs App क्या ख़ास है?
Google का कोर्मो जॉब्स ऐप आपको जॉब इंटरव्यू के माध्यम से निर्देशित अनुभव के साथ प्र��ेश-स्तर की नौकरियों को खोजने में मदद करता है।
आप अपने इंट्रेस्ट, क्वालिफिकेशन और स्थान के आधार पर verified employers नियोक्ताओं से व्यक्तिगत नौकरी की सिफारिशें प्राप्त कर सकते हैं।
आप एक मुफ्त डिजिटल रिज्यूमे / सीवी बना और डाउनलोड कर सकते हैं।आप सीधे आवेदन कर सकते हैं और बस कुछ ही समय में एप्लीकेशन पूरा हो जाता है। आपको अपनी प्रोफ़ाइल को शुरू करने में केवल कुछ मिनट लगते हैं।
एक बार साइन अप करने के बाद, आपके पास असीमित पहुंच है:
verified employers से नई नौकरियां
वास्तविक समय ट्रैकिंग और जॉब एप्लीकेशन पर जल्दी अपडेट
ऐप के माध्यम से सीधे साक्षात्कार
मुफ्त डिजिटल रिज्यूमे जो आपके शेयर या CV के रूप में डाउनलोड करने के लिए है
आपको सीखने और अधिक कमाने में मदद करने के लिए नई स्किल कंटेंट भी उपलब्ध है
कोरमो जॉब्स रिटेल, लॉजिस्टिक्स, हॉस्पिटैलिटी एंड सर्विसेज में माहिर हैं और रिटेल सेल्स एसोसिएट, डिलीवरी और वेयरहाउस ऑपरेशंस और कस्टमर सर्विस रिप्रेजेंटेटिव जैसे जॉब ऑफर करते हैं।
Google Pay Jobs Spot Section
आपको बता दें पिछले साल गूगल ने Google Pay में Jobs Spot सेक्शन जोड़कर Kormo Jobs का शुरुआती अनुभव प्रदान किया था। कंपनी का दावा है कि गूगल पे इंटीग्रेशन के जरिए Dunzo और Zomato जैसी कंपनियों ने 20 लाख से भी ज्यादा वेरिफाई जॉब्स पोस्ट की थी। हालांकि, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कितने लोगों को इस लिस्टिंग के जरिए जॉब्स प्राप्त हुई।
खैर! अब गूगल ने गूगल पे पर मौजूद Jobs Spot को Kormo Jobs के रूप में रीब्रांड कर दिया है, जो कि यूज़र्स को वैसा ही अनुभव प्रदान करने वाला है। अब यूजर सीधा kormo Jobs app की मदद से जॉब्स ढूंढ पाएंगे।
आपको बता दें, गूगल काफी समय से अपनी सर्च रिजल्ट्स में भी जॉब्स को ख़ास जगह दे रहा है। और आपने भी कई बार सर्च करते हुए इसका अनुभव किया होगा।
गूगल पे पर मौजूद जॉब स्पॉट को खासतौपर एंट्री-लेवल पॉजिशन के लिए डिज़ाइन किया गया था। लेकिन Kormo Jobs ऐप एंट्री-लेवल पॉजिशन से आगे बढ़ते हुए LinkedIn व भारतीय जॉब पोर्टल जैसे Naukri, Shine.com और TimesJobs को टक्कर देगा।
गौरतलब है कि अप्रैल 2018 में गूगल ने भारत में अपने सर्च इंजन पर जॉब लिस्टिंग लाने के लिए Aasaanjobs, Freshersworld, Headhonchos, IBM Talent Management Solutions, LinkedIn, Quezx और Shine जैसे जॉब पोर्टल्स के साथ साझेदारी की।
उम्मीद है Google Kormo Jobs App आपकी जॉब ढूंढने में आपकी मदद करेगा।
अगर Kormo Jobs App के जुड़ा आपका कोई भी सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट में बताएं। पोस्ट को शेयर कीजिये जिससे दूसरों को भी ये जानकारी मिल सके।
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किसानों की 10 मांगें क्या है ?
ट्रैक्टरों का काफिला दिल्ली कूच के लिए रफ्तार पकड़ चुका है , किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस, लाठी डंडे, नुकीली तारे और बॉडीगार्ड किट के साथ फोर्स तैनात है। एक और किसानों का जत्था है तो दूसरी ओर पुलिस का पूरा दलबल दोनों के बीच जबरजब्त सर्घष देखने को मिल रहा है । कटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस कीले बंदूके और सड़कों पर सीमेंट वाली, बैरिकेड्स सब कुछ इं��जाम कर दिया गया है और इंतजाम इसलिए ताकि किसानों का कोई भी जत्था देश की राजधानी में एंट्री ना ले सके। सिर्फ लोहे और सीमेंट की ही बेरिकेटिंग नहीं की गई है बल्कि कंक्रीट की दीवारों को रातोंरात खड़ा कर दिया है, इसका मकसद सिर्फ यही है की किसान किसी तरह दिल्ली ना पहुँच सके। पुलिस जितनी तैयारी का दम भर रही है, किसान भी उतनी ही दमदारी से आगे बढ़ रहे। किसानों ने इस बार आंदोलन को चलो दिल्ली मार्च का नाम दिया है। लेकिन इस बार किसान आंदोलन टू पॉइंट जीरों यानी दूसरा आंदोलन भी कहा जा रहा है किसानों का इस बार का आंदोलन 2020 - 21 में हुए किसान आंदोलन से कितना अलग है ? और इस बार किसानों की मांग क्या हैं ? असल में ये किसान आ क्यों रहे हैं? आइयें इन सभी सवालो का जबाब जानते हैं । किसानों की 10 मांगें क्या है ? देश में जब भी इस तरह का आंदोलन होता हैं तो कुछ लोग इसके विरोध में खड़ा होते है। तो कुछ लोग इसका समर्थन करते हैं। हमारा कहना है की आप एक बार किसानों की मांगो को जान लीजिए, उसके बाद विरोध करना है या असमर्थन अपना फैसला आप खुद कीजिए। पिछला किसान आंदोलन कृषि कानूनों के खिलाफ़ था लेकिन इस बार अब ऐसा कोई कानून ही नहीं बना फिर भी किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं । 2024 आखिर फिर किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं? पॉइंट वाइज किसानों की 10 मांगें क्या है ?
2024 आखिर फिर किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं?
पीछले बार किसान जीते थे और सरकार झुकीं थी किसानों की वजह से नरेंद्र मोदी सरकार को अपने तीनो कृषि कानून वापस लेनेपड़े थे। किसानों का अब आरोप है कि पिछले आंदोलन के समय सरकार ने एमएसपी पर जो गारंटी देने का वादा किया था उस वादे को सरकार ने पूरा नहीं किया । एमएसपी के साथ बाकी मु्द्दे को भी पूरा नहीं किया , इसलिए किसान फिर से आंदोलन कर रहे हैं। पिछली बार ये किसानों ने अपने आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा के तले ये आंदोलन किया था। लेकिन इस बार आंदोलन अलग अलग किसान संगठन एक साथ आकर कर रहे थे। वैसे आपको बता दें पिछले आंदोलन से सीखते हुए इस बार किसान अपने साथ ट्रैक्टर ट्रॉली और राशन साथ लेकर आ रहे हैं। यानी पिछली बार की तरह इस बार भी किसानों का प्लान लंबे समय तक दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर धरना देने वाले हैं ।
पॉइंट वाइज किसानों की 10 मांगें क्या है ?
किसानों की जो सबसे अहम है न्यूनतम समर्थन मूल्य हैं यानी Msp के लिए कानून बने । स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू किया जायें । दिल्ली आंदोलन के दौरान जान गवाने वाले किसानों और उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जायें । किसानों और 58 साल से अधिक उम्र की खेतिहर मज़दूरों के लिए प्रतिमा पेंशन। आंदोलन में शामिल किसान कृषि ऋण माफ़ ��रने की मांग कर रहे हैं । लखीमपुर खीरी हिंसा के जो पीड़ित हैं उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिले। कृषि वस्तुओं दुग्ध उत्पादों फल, सब्जियों और मांस के आयात शुल्क को कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए। नकली बीज कीटनाशकों और उर्वरक बेचने वाली कंपनी पर सख्त कार्रवाई हो । मिर्च , हल्दी और बाकी के सुगंधित फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना । • विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 को रद्द किया जाए। Read the full article
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झारखंड शिक्षक के ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) चोरी ?
झारखंड (jharkhand) के शिक्षक (jharkhand teacher) डॉ सपन कुमार (sapan kumar) का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुका है। उनके द्वारा विकसित ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) की चोरी की गई है, जब बंगाल के एक शिक्षक ने इस मॉडल का नकल करके वर्की फाउंडेशन के द्वारा आयोजित ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए नामांकन किया है। डॉ सपन कुमार ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस मामले से अवगत कराया और मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
झारखंड के शिक्षक डॉ सपन कुमार (sapan kumar) के ब्लैक बोर्ड मॉडल की चोरी
झारखंड के प्रमुख शिक्षक (jharkhand teacher), डॉ सपन कुमार (sapan kumar), ने अपने ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) के चोरी हो जाने के मामले के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर सुचना दिया। यह मामला बंगाल के एक शिक्षक द्वारा उनके ब्लैक बोर्ड मॉडल की नकल करके वर्की फाउंडेशन की ओर से आयोजित ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए नामांकन किये जाने के बाद उठा है।
डॉ सपन कुमार (sapan kumar) और ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model)
jharkhand teacher डॉ सपन कुमार ने 2020 में कोरोना काल में अपने गांव में बच्चों को पढ़ाने के लिए अनोखे तरीके से मिट्टी के दीवारों पर ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) बनाया था। इस मॉडल को यूनेस्को और वर्की फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जाने वाले ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए नामांकित किया गया था। यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिया जाता है और इसका इनाम एक मिलियन डॉलर है।
चोरी का मामल���
बंगाल के एक शिक्षक ने डॉ सपन कुमार के ब्लैक बोर्ड मॉडल को नकल करके वर्की फाउंडेशन के ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए अपना नामांकन किया है। डॉ सपन कुमार ने इस मामले को उठाया और मुख्यमंत्री से मिलकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुखमंत्री की कार्रवाई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध में संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को मामले की जांच और कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
झारखंड के ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) का महत्व
डॉ सपन कुमार ने 2020 में कोरोना काल में झारखंड के आदिवासी क्षेत्र में अपने ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) की शुरुआत की थी। इस मॉडल की मदद से उन्होंने अपने गांव के बच्चों को पढ़ाने का काम किया और विद्या का प्रसार किया।
डॉ सपन कुमार (sapan kumar) का आपत्ति
डॉ सपन कुमार ने इस मामले में अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि उनके द्वारा शुरुआत की गई इस मॉडल का अनुकरण बंगाल के शिक्षक द्वारा किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके मॉडल को ज्यादा प्रमुखता दी जानी चाहिए क्योंकि वर्की फाउंडेशन द्वारा ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए उनका नामांकन पहले हुआ था।
आदिवासी समुदाय की प्रतिक्रिया
आदिवासी समुदाय के लोगों और विद्यालय के विद्यार्थियों ने भी इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराते हुए चोरी करने वाले शिक्षक पर कार्रवाई करने की मांग की है।
निष्कर्ष
इस मामले में डॉ सपन कुमार (sapan kumar) की मेहनत और उनके ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) की महत्वपूर्ण भूमिका है, और यह मामला उनके और उनके गांव के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है और इसके निष्कर्ष का इंतजार है।
ये भी पढ़ें: jharkhand rojgar mela: हेमंत सोरेन द्वारा 5132 युवक को नौकरी
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Spice Farming: मसालों की खेती कर रहे किसानों के लिए पुरुषोत्तम झामाजी भुडे ने गाँव में ही खड़ा कर दिया बाज़ार
अब किसानों को वाजिब दाम के लिए नहीं भटकना पड़ता बाहर
महाराष्ट्र के नागपुर के पुरुषोत्तम झामाजी भुडे ने किसान ऑफ़ इंडिया को बताया कि वो अक्सर देखते थे कि कैसे दूर-दराज के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए मीलों दूर जाना पड़ता था। उसके बावजूद भी उन्हें सही दाम नहीं मिल पाता था। उन्होंने शुरुआत में मसालों की खेती (Spice Farming) कर रहे अपने क्षेत्र के किसानों से संपर्क किया और फिर कारवां बनता चला गया।
मसालों की खेती (Spice Farming): किसानों को अक्सर अपनी उपज का सही दाम न मिलने की समस्या से दो-चार होन��� पड़ता है। दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में बाज़ार की उपलब्धता न के बराबर होती है। ऐसी स्थिति में किसानों को अपनी उपज के असल मूल्य के साथ समझौता करना पड़ता है। कई राज्यों में कृषि उपज मंडियों का अभाव भी है।
ऐसे में किसानों को व्यापारियों पर निर्भर होना पड़ता है, जिससे फसलों के उचित दाम मिलने की उम्मीद बेमानी सी लगती है। अपने क्षेत्र के किसानों की इन्हीं परेशानियों का हल महाराष्ट्र के नागपुर शहर के रहने वाले पुरुषोत्तम झामाजी भुडे ने खोजा। किसान ऑफ़ इंडिया से ख़ास बातचीत में पुरुषोत्तम झामाजी भुडे ने अपने अनुभव हमसे साझा किए।
पुरुषोत्तम झामाजी भुडे कहते हैं कि वो अपने क्षेत्र में कई ऐसे युवाओं को देखते हैं जिनका खेती से लगाव नहीं है। ऐसी परिस्थिति तब है जब वो खुद खेती-किसानी परिवार से आते हैं। वो काम की तलाश में बड़े शहरों का रूख कर, 8 से 10 हज़ार की नौकरी करते हैं, जबकि उनके पास विकल्प है कि वो अपने गाँव में ही रहकर रोज़गार के अवसर पैदा कर सकते हैं।
2017 में अपने क्षेत्र के किसानों के लिए लगवाई प्रोसेसिंग यूनिट
पुरुषोत्तम भुडे ज़ामाजी ने कहा कि वो 2017 से इस दिशा पर काम कर रहे हैं। प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने से पहले उन्होंने बाकायदा एग्री-क्लिनिक और एग्री-बिजिनेस सेंटर (AC&ABC) योजना के तहत कृष्णा वैली एडवांस्ड एग्रीकल्चर फाउंडेशन से ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने देखा कि स्वदेशी तकनीकों के इस्तेमाल से ही गुणवत्ता और पोषक तत्वों को बिना हानी पहुंचाए मसालों को प्रोसेस किया जा सकता है।
करीबन 250 से ऊपर किसानों से खरीद���े हैं सीधे उपज
पुरुषोत्तम भुडे ने 2017 में अपने घर के पिछले आंगन में मसालों की प्रोसेसिंग यूनिट (Processing Unit) लगवाई। फिर मसाला उत्पादक किसानों (Spice Farmers) से सीधा उपज खरीदने लगे। ऐसा करते-करते कई गाँवों के किसान उनसे जुड़ते चले गए और कारवां बनता गया। आज उनके साथ करीबन 250 किसान जुड़े हुए हैं, जिनसे वो सीधा उपज खरीदते हैं।
पुरुषोत्तम भुडे बताते हैं कि शुरुआत मसालों से की थी, अब वो गेहूं, चावल और दालें भी किसानों से ही खरीदते हैं। इससे किसानों को अब अपनी उपज बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ता और उन्हें उसका वाजिब दाम मिलता है।
Saavi Natural Farming के नाम से उनकी ये प्रोसेसिंग यूनिट है। इसमें वो मिर्च, हल्दी, लहसुन, लौंग, मेथी, धनिया, जीरा जैसे कई मसालों को प्रोसेस कर उसकी ब्रांडिंग और पैकेजिंग करते हैं। कभी ज़्यादा मांग होने पर दूसरे राज्यों के किसानों से भी मसालों की उपज खरीदते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में 2020-21 में लगभग 82 हज़ार हेक्टेयर में करीब 4.24 लाख टन मसालों का उत्पादन हुआ।
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Vijay Devarakonda Biography in Hindi
विजय देवरकोंडा एक भारतीय फिल्म अभिनेता हैं जो मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा मे��� काम करते हैं | विजय देवरकोंडा साउथ इंडस्ट्री के जाने — माने अभिनेता हैं | विजय देवरकोंडा एक ऐसे सुपरस्टार है , जिन्हें लड़कियां बहुत ज्यादा पसंद करती हैं ।
साल 2019 में गूगल की रिपोर्ट के अ��ुसार 2019 में गूगल पर सबसे ��्यादा विजय देवराकोंडा को सर्च किया गया था । विजय देवरकोंडा टोलीवूड फिल्म इंड्रस्ट्री के सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेताओं में से एक हैं | विजय देवरकोंडा ने आज साउथ इंड्रस्ट्री को एक अलग ही पहचान दी हैं |
विजय देवरकोंडा ने अपने करिअर की शुरुआत 2011 में फिल्म “ नुविला “ से करी थी | इस फिल्म में विजय ने एक क्रिकेटर की भूमिका निभाई थी |
विजय देवरकोंडा का जन्म
विजय देवरकोंडा का जन्म 9 मई 1989 को तेलंगाना राज्य के अचमपेट नामक गांव में हुआ था।विजय देवरकोंडा साउथ इंडस्ट्री के जाने — माने अभिनेता हैं |
विजय देवरकोंडा का परिवार
विजय देवरकोंडा का जन्म तेलंगाना राज्य के अचमपेट नामक गांव में 9 मई 1989 को एक हिन्दू परिवार में हुआ था | इनके पिता जी का नाम देवरकोंडा गोवर्धन राव है, जो एक टेलीविजन अभिनेता है। इनकी माँ का नाम माधवी देवरकोंडा हैं | विजय का एक छोटा भाई भी हैं जिसका नाम आनंद देवरकोंडा हैं । आनंद देवरकोंडा भी एक फिल्म अभिनेता हैं |
विजय देवरकोंडा की शिक्षा
विजय देवरकोंडा एक भारतीय अभिनेता और निर्माता हैं जो मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा में काम करते हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में श्री सत्य साईं हायर सेकेंडरी स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। अपनी हाई स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने हैदराबाद, तेलंगाना में बद्रुका कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स से बैचलर ऑफ़ कॉमर्स की डिग्री हासिल की।
विजय देवरकोंडा की प्रेमिका
अभिनेता को हमेशा अपनी सह-कलाकार रश्��िका मंदाना के साथ रोमांटिक रूप से शामिल माना जाता था।
साल 2018 में, उन्होंने बेल्जियम की एक लड़की वर्जिनी के साथ कुछ अंतरंग तस्वीरें पोस्ट कीं। वह एक लोकप्रिय टीवी शो में देखी गई थी और पेली चोपुलु में एक दृश्य में भी दिखाई दी थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में पता चला कि लड़की न केवल अभिनेता बल्कि उसके परिवार के भी करीब थी।
लेकिन अंत में काफी पड़ताल के बाद वह एक अफवाह वाली प्रेमिका निकली। अभिनेता ने खुलासा किया है कि वह अभी तक सिंगल हैं।
विजय देवरकोंडा का करिअर
1. विजय देवरकोंडा ने अपने करिअर की शुरुआत 2011 में फिल्म “ नुविला “ से करी थी | इस फिल्म में विजय ने एक क्रिकेटर की भूमिका निभाई थी |
2. विजय देवरकोंडा ने 2012 में फिल्म “ Life is Beautiful “ में मुख्य भूमिका निभाई थी |
3. 2015 में विजय ने फिल्म “ Yevade Subramanyam “ में मुख्य भूमिका निभाई थी | फिल्म में नानी, मालविका नायर और विजय देवरकोंडा मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस फिल्म की कहानी सुब्रमण्यम (नानी) की है, जो एक कॉर्पोरेट व्यक्ति है, वह अपने जीवन और नौकरी से निराश होता है।
4. विजय देवरकोंडा ने 2017 में फिल्म “ Arjun Reddy “ में मुख्य भूमिका निभाई थी | विजय की यह फिल्म हिट हुई थी | फिल्म में विजय देवरकोंडा और शालिनी पांडे मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म की अर्जुन रेड्डी (विजय देवरकोंडा) के बारे में है, जो एक सफल मेडिकल छात्र है, जिसे बहुत ज्यादा क्रोध आने और पीने की समस्या होती है।
5. 2020 में विजय देवरकोंडा ने फिल्म “ World Famous Lover “ में मुख्य भूमिका निभाई हैं | यह फिल्म बहुत ज्यादा हिट हुई थी | फिल्म में विजय देवरकोंडा, राशी खन्ना, ऐश्वर्या राजेश, कैथरीन ट्रेसा और इजाबेल लेइट मुख्य भूमिकाओं में हैं।
More information - https://hindifilmyduniya.in/
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आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना कोविड रिकवरी चरण के दौरान, औपचारिक क्षेत्र के रोजगार को बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत नई नौकरी की संभावनाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए "आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना" शुरू की जा रही है। यह योजना 2020 से 2023 तक प्रभावी रहेगी। इस योजना के लाभ योजना के लाभार्थी (नए कार्यकर्ता) प्रति माह 15000 / -रुपये से कम कमाने वाला कर्मचारी जो EPFO-registered प्रतिष्ठान में काम नहीं कर रहे थे और जिनके पास 1 अक्टूबर, 2020 से पहले यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) नहीं था, Read complete and update information at https://sarkarinaukritraining.com/blog/details/%E0%A4%86%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AD%E0%A4%B0-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE
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ये कैसी हालत! 38 लाख बेरोजगारों ने कराया रजिस्ट्रेशन, सिर्फ 21 को मिली नौकरी
भोपाल: मध्य प्रदेश में बेरोजगारी की हालत क्या है, इसका अंदाजा सरकार के ही एक आंकड़े से लग सकता है। रा���्य में पिछले लगभग तीन साल में रोजगार कार्यालयों में 37.8 लाख शिक्षित व्यक्तियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इनमें से केवल 21 लोगों को सरकारी और अर्ध सरकारी संस्थाओं में नौकरी मिली। 2.51 लाख लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरी के प्रस्ताव मिले हैं। राज्य विधानसभा में कांग्रेस के विधायक मेवाराम जाटव के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया गया कि प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में अपने रोजगार कार्यालयों पर 1,674 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में खेल एवं युवा मामलों की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने जाटव के प्रश्न के उत्तर में बताया कि अप्रैल 2020 से जनवरी-फरवरी 2023 के बीच 37,80,679 शिक्षित और 1,12,470 अशिक्षित व्यक्ति एमपी के रोजगार पोर्टल पर रजिस्टर्ड थे। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान सरकारी और अर्धसरकारी कार्यालयों में 21 लोगों को नौकरी दी गई। इसके अलावा 2,51,577 लोगों को रोजगार मेलों में निजी संगठनों से प्रस्ताव पत्र मिले।मंत्री ने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान रोजगार कार्यालयों पर 1,674.73 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ये हालत तब है जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले कुछ महीनों में ही कई बार ये घोषणा कर चुके हैं कि एक साल में एक लाख सरकारी भर्तियां की जाएंगी। बुधवार को विधानसभा में पेश 2023-24 के बजट में भी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि इस साल एक लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी। http://dlvr.it/SkDCbR
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तीन अवैध प्रवासियों को काम पर रखना भारतवंशी रेस्तरां मालिक को पड़ा महंगा, सात साल का लगा बैन
पूर्वी इंग्लैंड में एक भारतवंशी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि किसी को नौकरी पर रखना इतना महंगा पड़ेगा। दरअसल, शख्स ने हर्टफोर्डशायर स्थित अपने रेस्तरां में तीन बांग्लादेशी प्रवासियों को काम पर रखा था, जिसके कारण उस पर अब सात साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है। 2020 की छापेमारी में सामने आया51 वर्षीय इकबाल हुसैन ने हर्टफोर्डशायर के स्टैनस्टेड एबॉट्स क्षेत्र में स्थित ‘टेस्ट ऑफ राज’ में श्रमिकों को…
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शिक्षा ऐसी हो जो युवाओं को नौकरी देने वाला बनाये - कलराज मिश्र
कोटा विश्वविद्यालय के नवम दीक्षांत समारोह में 57 विद्यार्थियों को मिले स्वर्णपदक, कुल 72,347 उपाधियों का अनुमोदन न्यूजवेव @ कोटा राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने मंगलवार को कोटा विश्वविद्यालय के नवम् दीक्षान्त समारोह में वर्ष 2020 में विभिन्न संकायों के यूजी एवं पीजी मेरिट धारकों को स्वर्णपदक एवं मेरिट प्रमाणपत्र प्रदान किये। इनमें साइंस में 18, कॉमर्स, आर्ट्स, शिक्षा व समाजशास्त्र में 9-9 व लॉ में 3 विद्यार्थियों सहित कुल 57 को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। पीएचडी में पाचं संकायों के कुल 37 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधियां प्रदान की गई। जिसमें सर्वाधिक 15 शोधार्थी आर्ट्स संकाय से रहे।
यू.आई.टी. सभागार में आयोजित समारोह में कैंसर अस्पताल एवं शोध केन्द्र ग्वालियर के संस्थापक निदेशक प्रो.बी.आर. श्रीवास्तव मुख्य अतिथि रहे। खास बात यह रही कि दीक्षांत समारोह में सभी अतिथी भारतीय वेशभूषा पहनकर रहे। दीक्षांत समारोह में 6 वर्षो में विधि संकाय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले वसीम राजा एवं विज्ञान संकाय में यूजी विद्यार्थी नमिता मालव को कुलाधिपति पदक व प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। इस समारोह में 6 संकायों के कुल 72,347 विद्यार्थियों की यूजी व पीजी उपाधियों का अनुमोदन किया गया। इनमें सर्वाधिक 43,917 उपाधियां ऑटर्स संकाय की हैं। साइंस में 7092 ने डिग्री ली। जबकि लॉ में सबसे कम 295 विद्यार्थियों ने ही डिग्री प्राप्त की। उच्च शिक्षा में बेटियों ने मारी बाजी कोटा विवि से 2020 में उपाधियां लेने वाले विद्यार्थियों में 6 संकायों में कुल 57 स्वर्णपदक में से 42 पदक छात्राओं को मिले, जबकि 15 छात्र ही स्वर्णपदक प्राप्त कर सके। इसी तरह, पीएचडी में भी कुल 37 में से 25 पर छात्राओं को शोध उपाधि मिली जबकि छात्र 12 ही रहे। साइंस में 15 छात्राओं ने स्वर्णपदक जीते, जबकि 3 छात्रों ने स्वर्णपदक प्राप्त किये। नौकरी ��रने वाले नहीं, नौकरी देने वाले युवा बनें कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि आज ’राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ है। आधुनिक विज्ञान के जनक डॉ.चंद्रशेखर वेंकटरमन ने आज के दिन ‘रमन प्रभाव’ खोज की घोषणा की थी। इस खोज के लिए 1930 में उन्हें पहले एशियाई व्यक्ति के रूप में भौतिक विज्ञान का नोबल पुरस्कार मिला था। हमारे विद्यार्थी उनसे प्रेरणा लेकर भारत को वैज्ञानिक शोध और अनुसंधान में अग्रणी बनायें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों से अपेक्षा है कि कौषल विकास के साथ रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों के साथ युवाओं को नौकरी करने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वालों के रूप में हम तैयार करे। विवि ऐसे कोर्सेस तैयार करे जिससे स्थानीय ज्ञान-विज्ञान के साथ विद्यार्थी विकसित भारत में सहयोग कर सके। दीक्षांत अतिथी प्रो. बी.आर. श्रीवास्तव ने कहा कि हम नई शिक्षा नीति के साथ एक नये युग में कदम रख रहे हैं। हम स्किल डेवलपमेंट के साथ उद्यमिता एवं नवाचार का विकास भी करें। आज 229 कॉलेजों में 3 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत कुलपति प्रो नीलिमा सिंह ने कहा कि 20 वर्ष स्थापित कोटा यूनिवर्सिटी को यूजीसी द्वारा 12-बी का दर्जा प्राप्त है। 2016 में नॉक द्वारा इसे बी ग्रेड प्रदान की गई है। रूसा योजना में विवि को 20 करोड़ का अनुदान स्वीकृत है। विवि की स्थापना के समय 6 जिलों कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड, सवाईमाधोपुर व करौली के 34 संबद्ध कॉलेजों में 81, 725 विद्यार्थी अध्ययनरत थे, जिनकी संख्या आज बढ़कर 229 कॉलेजों में 3 लाख विद्यार्थियों तक पहुंच गई है। कुलसचिव, डॉ. आर.के. उपाध्याय ने धन्यवाद ज्ञापित किया। दीक्षान्त समारोह में कला, समाज विज्ञान, विज्ञान, वाणिज्य, शिक्षा व विधि संकाय के अधिष्ठाता उपस्थित रहे। Read the full article
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चम्बा hrtc डिपू का कर्मचारी टर्मिनेट
चम्बा प्रदेश सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त हो गई है। सरकार ने एचआरटीसी में लगभग 15 लाख रुपए की गड़बड़ी करने पर एक कर्मचारी को टर्मिनेट कर दिया है। कर्मचारी पर आरोप थे कि वह एचआरटीसी के ड्राइवरों व कंडक्टरों की बकाया राशि के साथ गड़बड़ी करता था और आधी राशि अपने खाते में डाल लिया करता था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला एचआरटीसी के चम्बा ���िपो का है। चम्बा डिपो में तैनात सीनियर ऑडिटर पर लगे आरोपों की जांच के बाद एचआरटीसी प्रबंधन ने उसे तुरंत टर्मिनेट कर दिया है। निगम प्रबंधन के पास 2020 में यह मामला आया था। जिस पर प्रारंभिक जांच में कर्मचारी को पहले निलंबित किया गया था और फिर रोहड़ू में बहाल कर दिया था अब जांच पूरी होने के बाद नौकरी से बर्खास्त किया है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने मामले की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि एचआरटीसी कंडक्टरों के नाइट ओवरटाइम व अन्य बकाया राशि के बिल इसी व्यक्ति से होकर अप्रूव होते थे। यह कर्मचारी सभी कंडक्टरों जो जारी होने वाली कुल राशि में से कुछ हिस्सा अपने खाते में डाल दिया करता था। इस तरह से आरोपी ने कुल 15 लाख रुपए की राशि जो कंडक्टरों को मिलनी थी, अपने खाते में डाल दी। मामले की सूचना मिलते ही एचआरटीसी प्रबंधन ने इस व्यक्ति के खिलाफ जांच बिठाई है। एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से बिठाई गई जांच में आरोपी दोषी पाया गया है। इसके बाद एचआरटीसी प्रबंधन ने आरोपी को नौकरी से टर्मिनेट कर दिया है। इससे पहले भी एचआरटीसी में इस तरह की घोटाले होते रहे हैं। इससे पहले देहरा और पालमपुर डिपो में भी इस तरह के घोटालों की शिकायतें सामने आई थी। Read the full article
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना क्या है
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना
कोरोना जैसे महमारी में सभी देशो को बहुत बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। कोरोना वायरस की वजह से बहुत से लोगो नौकरी जा चुकी है। लेकिन मजदूर और श्रमिकों को ज्यादा क्षति हुई है जो बाहर दूसरे राज्य में रहकर काम करते थे। उनके पास रोजगार का कोई साधन उपलब्ध नहीं है कोरोना वायरस लॉक डाउन की वजह से प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के अवसर लगभग बंद हो चुके हैं। इस समस्याओं को देखते हुए देश की वित् मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा देश के प्रवासी मजदूरों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के ���िए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की गई। इस योजना की शुरुआत देश के 6 राज्यों में और 116 जिलों में शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत अभियान 25 दिनों तक चलाया जाएगा। जिसमें 25 तरीके के काम प्रवासी मजदूरों को दिए जाएंगे । यदि आप योजना से जुडी संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना का उद्देश्य
इन्ही सभी परेशानियों को देखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना का मुख्य उदेश्य है देश के ग्रामीण क्षेत्रो के प्रवासी मजदूरों को रोजगार प्रदान करवाना। प्रधानमंत्री ��रेंद्र मोदी द्वारा 20 जून 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान में 6 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा को शामिल किया जाएगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को बिहार के खगड़िया जिले के एक गांव से शुरुआत की गई। इस योजना के अंतर्गत लगभग 50 हज़ार करोड़ रूपये का खर्च सरकार द्वारा किया जायेगा। योजना के अंतर्गत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रो के विकास के मकसद से 25 विकास कार्य जैसे आंगनवाड़ी केंद्र , सामुदायिक केंद्र, कृषि, सड़क, आवास, बागवानी जल संरक्षण आदि पर जोर दिया जायेगा। जिस जगह पंचयात भवन नहीं है वहां पर पंचायत भवन बनाया जायेगा। कोरोनावायरस की वजह से इन प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के अवसर बंद हो चुके हैं और उनके पास रोजगार का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। उन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना और उनकी आजीविका को सुधारना है।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान 2023 का लाभ
- इस योजना से प्रवासी श्रमिकों काे आर्थिक विकास में सुधार होगा। - राज्य में बेरोजगारी कम होगी और लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। - इस योजना का लाभ देश सभी प्रवासी मजदूरों को प्रदान किया जायेगा। - इस अभियान से आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत क्षेत्रीय उद्योगों को स्थापित करने को बढ़ावा दिया जा रहा है - केंद्र सरकार द्वारा गरीब कल्याण रोजगार अभियान का बजट लगभग 50 हजार करोड़ रुपये रखा गया है। - इस योजना लिए 12 मंत्रालय एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। इसमें ग्रामीण विकास,पंचायती राज,सड़क परिवहन आदि भी शामिल है। - PM गरीब कल्याण योजना में किसी भी मजदूर को उसकी कार्य कुशलता के आधार पर ही काम दिया जायेगा। - इस योजना के अंतर्गत गरीब प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जायेंगे।
गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आय प्रमाण पत्र - मोबाइल नंबर - पासपोर्ट फोटो - राशन कार्ड - मूल निवास प्रमाण पत्र - बैंक अकाउंट पासबुक - आधार कार्ड
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना में शामिल राज्यों के नाम
- बिहार - उत्तर प्रदेश - मध्य प्रदेश - राजस्थान - ओडिशा - झारखण्ड
योजना के अंतर्गत शामिल विभागों के नाम
- ग्रामीण विकास मंत्रालय - पंचायती राज मंत्रालय - सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय - खान मंत्रालय - पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय - पर्यावरण मंत्रालय - रेलवे मंत्रालय - पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय - नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय - सीमा सड़क विभाग - दूरसंचार विभाग - कृषि मंत्रालय
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना में शामिल किये गए कार्य की लिस्ट
- रेलवे - पीएम कुसुम - भारत नेट - बागवानी - CAMPA का वृक्षारोपण - पीएम उर्जा गंगा प्रोजेक्ट - कुओं का निर्माण - वृक्षारोपण का काम - खेत तालाबों का निर्माण - पशु शेड का निर्माण - पोल्ट्री शेड का निर्माण - बकरी शेड का निर्माण - ग्राम पंचायत भवन का निर्माण - राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यों का निर्माण - जल संरक्षण और कटाई का काम - आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण - ग्रामीण आवास कार्यों का निर्माण - ग्रामीण कनेक्टिविटी का काम - वर्मी-कम्पोस्ट संरचनाओं का निर्माण - लाइवलीहुड के लिए केवीके प्रशिक्षण - जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट काम - सामुदायिक स्वच्छता केंद्र का निर्माण - ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य
bihar chhatrawas yojana
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार के अंतर्गत आने वाली योजनाओं की सूची
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अभियान के अंतर्गत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली 25 योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। यह काम 125 दिन के अंदर अंदर किया जाएगा। शामिल की गई योजनाएं कुछ इस प्रकार है - कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग प्रशिक्षण aकौशल विकास - रक्षा मंत्रालय सीमावर्ती सड़कें - दूरसंचार विभाग भारत नेट - नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग - Pm कुसुम - पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना - पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय -सी ए ए एम पी ए निधियां - पेयजल और स्वच्छता विभाग-स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण - रेलवे मंत्रालय-रेलवे कार्य - खान मंत्रालय-जिला खनिज निधि - सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय-भारतमाला और अन्य योजनाएं - पंचायती राज मंत्रालय-वित्त आयोग अनुदान - ग्रामीण विकास विभाग-श्याम प्रसाद मुखर्जी रूब्रन मिशन - ग्रामीण विकास विभाग-महात्मा गांधी नरेगा - ग्रामीण विकास विभाग-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना - ग्रामीण विकास विभाग- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण
गरीब कल्याण रोजगार योजना रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आवेदक अपने जिले के क्षेत्रीय श्रमिक विभाग में जाना होगा। - अब वहा से आपको प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान का आवेदन फॉर्म लेना होगा। आपको आवेदन फॉर्म को भरना होगा। - अब आपको सभी दस्तावेजों को आवेदन फॉर्म से अटैच करना होगा। - अब आपको आवेदन फॉर्म श्रमिक विभाग में जमा करना होगा। - अब आपको एक रेफरेंस नंबर प्राप्त होगा। - अब आपको इस रेफरेंस नंबर को संभाल कर रखना होगा। - इस रेफरेंस नंबर के माध्यम से आप अपना ���प्लीकेशन स्टेटस देख सकते हैं। rojgar panjiyan Madhya Pradesh online | रोजगार पंजीयन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म 2023 Kisan Vikas Patra Yojana | किसान विकास पत्र योजना 2023 Read the full article
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