#नंबर प्लेट
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votermood · 5 months ago
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High Security number plate online apply This guide explains how to obtain high security registration number plates. Ensure your vehicle complies with safety regulations by following these instructions.
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bharatlivenewsmedia · 2 years ago
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वाहनांच्या वाढत्या गर्दीत ‘हिरव्या नंबर प्लेट’ सुखकारक
वाहनांच्या वाढत्या गर्दीत ‘हिरव्या नंबर प्लेट’ सुखकारक
वाहनांच्या वाढत्या गर्दीत ‘हिरव्या नंबर प्लेट’ सुखकारक पुणे -इंधनाचे दर आवाक्‍याबाहेर जात असल्याने सहाजिक सर्वसामान्यांच्या खिशाला कात्री लागत आहे, त्यातच प्रदूषण वाढल्याने अन्य समस्यादेखील निर्माण होत आहेत. या पार्श्‍वभूमीवर लोकांचा इलेक्‍ट्रिक वाहन वापराकडे कल वाढला आहे. सरकारदेखील इलेक्‍ट्रिक वाहनं वापरासाठी प्रोत्साहन देत आहे. सध्या, बाजारात विविध कंपन्यांच्या इलेक्‍ट्रिक स्कूटर उपलब्ध…
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rightnewshindi · 4 days ago
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हिमाचल में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकोग्रेशन कैमरे काटेंगे चालान, टेस्टिंग का काम हुआ पूरा; टैक्स चोरी पर भी कसेगा शिकंजा
Himachal News: परिवहन विभाग के सभी बैरियरों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकोग्रेशन कैमरे स्थापित कर द��ए हैं। अब नियम तोडऩे वाले सभी वाहनों का पूरा ब्यौरा इन कैमरों के जरिए कैद हो जाएगा और वाहन मालिकों को खुद ब खुद चालान आ जाएगा। परिवहन विभाग ने इस तरह की व्यवस्था को शुरू करने की तैयारी कर ली है क्योंकि कैमरों की टेस्टिंग का काम पूरा हो गया है। इसके साथ इन बैरियरों में सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए हैं।…
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jobskolkata · 11 days ago
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आयरन स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनी || मार्केटिंग जॉब || B2B मार्केटिंग || बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर || हावड़ा || कोलकाता || पश्चिम बंगाल
आयरन स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की नौकरियों में सुनहरे अवसर।
कोई अंडर कॉन्ट्रैक्टर पे रोल नहीं।
अपने सपनों की नौकरी अनलॉक करें!
इस जॉब पोस्ट में, हम "आदर्श करियर ज़ोन" में गोता लगाते हैं, जो आपके लिए सही पेशा खोजने के रहस्यों को उजागर करता है!
चाहे आप #नौकरी की तलाश कर रहे हों, #नौकरी की तलाश कर रहे हों, या नए #चकरी विकल्पों की खोज कर रहे हों, हम आपको विशेषज्ञ युक्तियों और करियर सलाह के साथ कवर करते हैं। अपने जुनून को समझने से लेकर नौकरी की खोज में महारत हासिल करने और साक्षात्कार में सफल होने तक, हम आपको आत्मविश्वास के साथ प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए सशक्त बनाते हैं!
हमारे साथ जुड़ें और आज ही अपने करियर की यात्रा को आगे बढ़ाने का तरीका जानें!
कंपनी के बारे में: गतिशील "लौह इस्पात विनिर्माण उद्योग" में हमारे गहन गोता में आपका स्वागत है!
कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत में वर्ष 1965 में स्थापित, कंपनी सी.आई. कास्टिंग्स की एक विस्तृत श्रृंखला के प्रमुख निर्माताओं और व्यापारियों में से एक है, जैसे कि सी.आई. बॉटम प्लेट के साथ सर्कुलर पैन, सी.आई. स्लैग पॉट, सी.आई. लेडल, सी.आई. आयताकार प्लेट, सी.आई. सिंटर बेकिंग पैन, आदि, साथ ही रोलिंग मिल आइटम। वे स्टील प्लांट्स, रोलिंग मिल्स और अन्य उद्योगों में 50 से अधिक वर्षों की सेवा से प्राप्त अनुभव का लाभ उठा सकते हैं।
उनके पास मशीनिंग, परीक्षण, परिष्करण, पेंटिंग के लिए घर के अंदर अपनी खुद की फाउंड्री है, जिससे पूरी प्रक्रिया पर सख्त नियंत्रण सुनिश्चित होता है, जिसके परिणामस्वरूप इसके उत्पाद न केवल भारत के सभी हिस्सों में बल्कि मध्य पूर्व, यूके, अफ्रीकी और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में भी पहुँच गए हैं।
पद: मार्केटिंग मैनेजर. भूमिका और जिम्मेदारियाँ:
• नया व्यवसाय विकास
• तकनीकी और वाणिज्यिक प्रस्ताव की तैयारी, बातचीत और अंतिम रूप देना
• लागत अनुमान और मूल्य प्रस्ताव की तैयारी
• ग्राहक संबंध प्रबंधन, मुख्य खाता प्रबंधन
• बाजार अध्ययन, प्रतिस्पर्धा काउंटर सेलिंग रणनीतियों की तैयारी
• विक्रेता विकास
• प्रीऑर्डर और पोस्ट ऑर्डर गतिविधियों के लिए सभी अंतर विभागों के साथ समन्वय
• टीम प्रबंधन, बिक्री रिपोर्ट की तैयारी और समीक्षा
पसंदीदा उम्मीदवार प्रोफ़ाइल:
• खनिज प्रसंस्करण और इस्पात उद्योग के साथ बिक्री और विपणन में अनुभव
• लौह और इस्पात बनाने की प्रक्रिया के बारे में ज्ञान
• भारत और विदेशों में खनिकों, प्राथमिक और द्वितीयक इस्पात निर्माताओं के बारे में ज्ञान
• खनिज प्रसंस्करण, लौह और इस्पात बनाने के उपकरणों का निर्माण
• एक टीम प्रबंधक, एक टीम खिलाड़ी के रूप में काम करने का अनुभव
• स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के बारे में ज्ञान
• नए व्यवसाय विकास, टाई-अप में कुछ अनुभव
विशिष्ट कौशल:
• वर्ड, एक्सेल, पावर प्वाइंट प्रोफ़ाइल को पूरक करने वाला कोई अन्य विशिष्ट सॉफ्ट स्किल एक अतिरिक्त है लाभ पर
• अनुबंध, सहयोग समझौतों, गैर-प्रकटीकरण समझौतों के वाणिज्यिक नियमों और शर्तों के बारे में ज्ञान एक अतिरिक्त है
• सार्वजनिक बोलने, प्रस्तुतियों में अनुभव, भारत और विदेशों में प्रासंगिक सम्मेलनों और प्रदर्शनियों में भाग लिया है
रोजगार का प्रकार: पूर्णकालिक, स्थायी
भूमिका श्रेणी: बीडी / प्री सेल्स
पुरुष उम्मीदवार इस नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस नौकरी के लिए सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक का समय है।
पूरक वेतन: वार्षिक बोनस
योग्यता: इस नौकरी के लिए स्नातक (या) डिप्लोमा, डिग्री।
इच्छुक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं या हमसे संपर्क कर सकते हैं:-
एचआर: 9 3 3 1 2 0 5 1 3 3
 टिप्पणी:-
यह वीडियो बांग्ला और अंग्रेजी भाषा में भी उपलब्ध है। आप इसे अंग्रेजी और बंगाली आवाज़ में किसी दूसरे वीडियो में सर्च करके देख सकते हैं।
और भी बहुत से अवसर उपलब्ध हैं बस गूगल में सर्च करें "आइडियल करियर जोन" कोलकाता।
आप व��भिन्न कंपनियों में विभिन्न पोस्ट में कई और नौकरी विवरण पा सकते हैं।
आप हमें सुबह 9 बजे से रात 8 बजे के बीच कॉल कर सकते हैं
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या आप हमारे कार्यालय का दौरा कर सकते हैं।
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इस जॉब के वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद। अधिक जॉब की जानकारी के लिए कृपया हमारे चैनल को लाइक और सब्सक्राइब करें। फिर से आप सवी को दिल से धन्यवाद।
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sharpbharat · 12 days ago
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adityapur police action- आदित्यपुर थाना प्रभारी की गम्हरिया प्रखंड कार्यालय परिसर में दबिश, अवैध बोलेरो जब्त
आदित्यपुर: आदित्यपुर थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने गुप्त सूचना के आधार पर गम्हरिया प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में दबिश देते हुए एक बोलेरो वाहन को जब्त किया है. एवं पुलिस की देखरेख में आदित्यपुर थाना भेज दिया है. मिली जानकारी के अनुसार जब्त किए गए बोलेरो का रजिस्ट्रेशन संख्या जो नंबर प्लेट पर लिखा था, उसे रजिस्ट्रेशन संख्या पर रजिस्टर्ड वाहन का इंजन चेसिस नंबर गाड़ी के इंजन चेसिस नंबर से…
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dainikuk · 13 days ago
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दोषपूर्ण, अपूर्ण और बिना नंबर प्लेट के वाहनो के विरुद्ध दून पुलिस का विशेष अभियान, 250 से अधिक वाहनों के किये चालान, 60 को किया सीज
देहरादून: एसएसपी देहरादून के निर्देशों पर आज दिनांक 17/11/2024 को जनपद के नगर व देहात के सभी थाना क्षेत्रो में पुलिस द्वारा बिना नंबर प्लेट/दोषपूर्ण अथवा अपूर्ण नंबर प्लेट के साथ वाहन संचालित करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान पुलिस द्वारा सभी थाना क्षेत्रो में सघन चेकिंग करते हुए बिना नंबर, दोषपूर्ण तथा अपूर्ण नंबर प्लेट के साथ वाहन संचालित करने वाले 250 से…
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narmadanchal · 2 months ago
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कल वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ की प्लेटफार्म 1 पर विरोध सभा
– लाइन बाक्स बंद करने के विरोध में गार्ड, लोको पायलट शामिल होंगे इटारसी। पश्चिम मध्य रेलवे मजदूर संघ मुख्य शाखा द्वारा कल 27 सितंबर 24 को दोपहर 12 से 1 बजे तक स्टेशन प्रबंधक कार्यालय इटारसी के सामने प्लेट फार्म नंबर 1 पर लाइन बॉक्स बंद करने के विरोध में समस्त गार्ड, लोको पायलट एवं रनिंग लाइन के साथियों द्वारा विरोध सभा, गेट मीटिंग रखी गई है। इस अवसर पर संयुक्त महामंत्री आरके शर्मा, मंडल…
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subkuz · 3 months ago
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नेपाल के पोखरा से काठमांडू जा रही एक बस शुक्रवार (२३ अगस्त 2024) को नदी में गिर गई।
 नेपाल पुलिस ने पुष्टि की है कि यह बस तनाहुन जिले की मार्स्यांगडी नदी में गिर गई है। जिला पुलिस कार्यालय तनाहुन के डीएसपी दीप कुमार राया ने बताया, "यूपी एफटी 7623 नंबर प्लेट वाली बस नदी में गिर गई है और यह नदी के किनारे पड़ी हुई हैं।
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#NationalSpaceDay#ModiInUkraine#BesideSUGA#YoongiNeverWalksAlone#ArmysTRUSTUMinYoongi#SugaStays#ItsGonnaBeAlright#ULTIMAHORA#Vaazhai#Kalki2898AD#YESUNG#Release_Tre3Anskey_Result#HONORMa
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drpratikdhabaliaraipur · 4 months ago
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हड्डी टूटने के लक्षण और कारण
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परिचय
हड्डी टूटना (Bone Fracture) एक गंभीर समस्या है जो किसी भी उम्र में हो सकती है। यह न केवल दर्दनाक होता है बल्कि आपके दैनिक जीवन में भी बाधा ड��ल सकता है। हड्डी टूटने के कारण और लक्षणों की सही पहचान और उपचार आवश्यक है। आइए, इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हड्डी टूटने के लक्षण (Symptoms of Bone Fracture)
हड्डी टूटने के कई लक्षण होते हैं जो इस प्रकार हैं:
1. दर्द (Pain):  हड्डी टूटने के तुरंत बाद तेज दर्द होता है। यह दर्द समय के साथ बढ़ सकता है और हड्डी के चारों ओर सूजन बढ़ जाती है।
2. सूजन (Swelling):  चोटिल क्षेत्र में सूजन आम है। यह सूजन हड्डी टूटने के कुछ समय बाद शुरू होती है और धीरे-धीरे बढ़ती है।
3. नील पड़ना (Bruising):   हड्डी टूटने के बाद त्वचा के नीचे रक्तस्राव होने के कारण नील पड़ जाता है।
4.  विकृति (Deformity):  हड्डी के आकार में असामान्यता या विकृति दिखाई देती है। यह विशेष रूप से उन मामलों में स्पष्ट होता है जहां हड्डी पूरी तरह से टूट गई होती है।
5. अंग का उपयोग न कर पाना (Inability to use the limb):  चोटिल अंग का सही ��े उपयोग नहीं कर पाना। यदि पैर की हड्डी टूटी है, तो चलने में समस्या होगी और यदि हाथ की हड्डी टूटी है, तो उस हाथ का उपयोग कठिन हो जाएगा।
 हड्डी टूटने के कारण (Causes of Bone Fracture)
हड्डी टूटने के कई कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
1. तनाव (Stress): लंबे समय तक एक ही स्थान पर अत्यधिक दबाव डालने से हड्डी में दरार आ सकती है। यह स्थिति आमतौर पर उन लोगों में देखी जाती है जो बार-बार एक ही प्रकार की गतिविधि करते हैं, जैसे कि दौड़ने वाले एथलीट्स।
2. दुर्घटना (Trauma):  खेलकूद के दौरान चोट, वाहन दुर्घटना, या गिरने जैसी घटनाएं हड्डी टूटने का कारण बन सकती हैं। यह हड्डी टूटने का सबसे आम कारण है और अक्सर तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
3. स्वास्थ्य स्थिति (Conditions): ऑस्टियोपोरोसिस और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी स्थितियाँ हड्डियों को कमजोर बना देती हैं, जिससे वे आसानी से टूट सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस विशेष रूप से बुजुर्ग महिलाओं में आम है और हड्डियों को अत्यधिक नाजुक बना देता है।
हड्डी टूटने की जटिलताएं (Complications of Bone Fracture)
हड्डी टूटने के साथ कई जटिलताएं भी हो सकती हैं, जैसे:
1. संक्रमण (Infection): खुली फ्रैक्चर में संक्रमण का खतरा अधिक होता है क्योंकि बैक्टीरिया सीधे हड्डी तक पहुंच सकते हैं।
2. दीर्घकालिक दर्द (Chronic Pain): कुछ मामलों में, हड्डी ठीक होने के बाद भी दर्द बना रह सकता है।
3.  बोन हीलिंग प्रॉब्लम्स (Bone Healing Problems): हड्डी सही से नहीं जुड़ने या ठीक नहीं होने की समस्या हो सकती है।
 उपचार और प्रबंधन (Treatment and Management)
हड्डी टूटने का इलाज करना आवश्यक है ताकि हड्डी सही से जुड़ सके और किसी भी प्रकार की जटिलता से बचा जा सके। उपचार के सामान्य तरीके इस प्रकार हैं:
1. अस्थायी स्थिरीकरण (Immobilization):  टूटे हुए हिस्से को स्थिर करने के लिए प्लास्टर या स्प्लिंट का उपयोग किया जाता है।
2. दवा (Medication):  दर्द और सूजन को नियंत्रित करने के लिए दर्द निवारक और सूजन कम करने वाली दवाओं का उपयोग किया जाता है।
3. सर्जरी (Surgery):  गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें धातु की प्लेट, पिन, या स्क्रू का उपयोग करके हड्डी को सही स्थिति में रखा जाता है।
4. फिजिकल थेरेपी (Physical Therapy):  हड्डी ठीक होने के बाद, मांसपेशियों की ताकत और लचीलेपन को बहाल ��रने के लिए फिजिकल थेरेपी की आवश्यकता होती है।
विशेषज्ञ से परामर्श (Consultation with Specialist)
यदि आपको हड्डी टूटने का कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें। Dr. Pratik Dhabalia, M.S. ORTHO (Mumbai), एक अनुभवी जॉइंट रिप्लेसमेंट और ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं।
संपर्क करें:
फ़ोन नंबर:   7000248269
व्हाट्सएप नंबर:  https://wa.me/7000248269
ईमेल:   [email protected]
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पता:
  - Beside Balgopal Hospital, In Front Of Ashirwad Bhavan, Byron Bazar, Raipur, Chhattisgarh 492001
  - Ramkrishna Care Hospitals, Pachpedi Naka, Dhamtari Road, Raipur, Chhattisgarh 492001
 निष्कर्ष (Conclusion)
हड्डी टूटने की स्थिति में सही समय पर उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है। लक्षणों को पहचानकर और विशेषज्ञ से संपर्क करके आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और किसी भी प्रकार की चोट को अनदेखा न करें। सही समय पर इलाज कराने से आप अपने दैनिक जीवन में वापस आ सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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tophindinews · 5 months ago
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नंबर प्लेट, कार और हुलिया सब चेंज... हैरान कर देगी कावेरी को बोनट पर घसीटने वाले नेता पुत्र मिहिर की खौफनाक करतूत - Aaj Tak
http://dlvr.it/T9Q58T
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cgnews24 · 5 months ago
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IAS Pooja Khedkar : कौन है ये नखरेबाज ट्रेनी IAS अफसर…लाल बत्ती वाली ऑडी कार, VIP नंबर प्लेट, अलग चैंबर जैसी VIP मांगों से अधिकारी भी हुए परेशान, Chief Secretary ने लिया एक्शन  IAS Pooja Khedkar 2023 UPSC Topper: आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) जैसी कठिन परीक्षा पास करने वाले ज्यादातर लोग देश सेवा का सपना देखते हैं। मगर कुछ कैंडिडेट्स पैसे, पावर और पोजिशन की लालच में ये रास्ता चुनते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है पुणे की IAS अधिकारी
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dainiksamachar · 5 months ago
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हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने में छूट बढ़ी लेकिन फिर भुगतना पड़ेगा भारी जुर्माना
जयपुर: सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि सभी तरह के वाहनों पर लगाना अनिवार्य है। पहले 31 दिसंबर 2023 तक वाहनों के हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के निर्देश थे। चूंकि वाहनों की संख्या हर राज्य में लाखों में है। 31 दिसंबर तक सभी वाहनों के नंबर प्लेट लगाना आसान नहीं था। ऐसे में इस अवधि को 6 महीने बढ़ा दिया गया था। 30 जून 2024 तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य किया गया। कई राज्यों ने यह टारगेट पूरा किया लेकिन राजस्थान इस मामले में फिसड्डी रहा। प्रदेश में करीब 32 लाख से ज्यादा वाहन हैं। अभी तक करीब 3 लाख वाहनों के ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लग पाई है। अपनी लापरवाही को छिपाते हुए परिवहन विभाग ने राजस्थान में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की अवधि एक महीना और बढ़ा दी है। अब 31 जुलाई तक नई नंबर प्लेट लगाना जरूरी है। 28 लाख वाहन मालिकों ने आवेदन ही नहीं किया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 1 अप्रैल 2019 से पहले के सभी वाहनों जिनमें दुपहिया और तिपहिया वाहन भी शामिल है, के हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है। बाद में खरीदे गए वाहनों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ही दी जा रही है। भारी जुर्माने को देखते हुए प��छले महीने 1.24 लाख लोगों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। आवेदन के बावजूद इन वाहन स्वामियों को अभी तक नंबर प्लेट नहीं मिली है। हैरानी की बात यह है कि करीब 28 वाहन मालिक तो ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए आवेदन ही नहीं किया। लोगों को जागरूक नहीं कर पाया परिवहन विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खबरें तो कई बार प्रकाशित हुई लेकिन परिवहन विभाग की ओर से कोई बड़ा अभियान नहीं चलाया गया। जन जागरण अभियान और प्रचार प्रसार के अभाव में लोगों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के प्रति रुचि नहीं दिखाई। अगर परिवहन विभाग प्रचार प्रसार करता और लोगों को बताया कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने से कितना भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। ऐसा होता तो लोग आगे आते और अन्य राज्यों की तरह नई नंबर प्लेट लेते। ऐसा नहीं होने से एक महीने बाद भी वाहन चालकों को भारी जुर्माना झेलना पड़ सकता है। जानिए कितना भारी है जुर्माना वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने पर वाहन मालिकों को भारी जुर्माना चुकाना पड़ेगा। अगर कोई दोपहिया वाहन कृषि कार्य के वाहन को पहली बार पकड़ा गया तो दो हजार रुपए का जुर्माना है। दूसरी बार पकड़े जाने पर जुर्माना पांच हजार रुपए का है। चौपहिया और भारी वाहन अगर बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के पहली बार पकड़े गए तो पांच हजार रुपए जुर्माना भुगतना पड़ेगा। दूसरी बार पकड़े गए तो जुर्माना 10 हजार रुपए वसूला जाएगा। ऑनलाइन बुक कराएं, शुल्क यहां देखें हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के परिवहन विभाग ने अलग अलग श्रेणी के वाहनों के लिए अलग अलग दरें तय कर रखी है। दोपहिया वाहनों के लिए 425 रुपए, तिपहिया वाहनों के लिए 470 रुपए, कार के लिए 695 रुपए, मध्यम और भारी मोटर यान के लिए 730 रुपए, ट्रैक्टर और कृषि कार्यों से जुड़े अन्य वाहनों के लिए 495 रुपए की शुल्क निर्धारित है। ऑनलाइन आवेदन करके नंबर प्लेट बुक कराई जा सकती है। http://dlvr.it/T93MNS
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rightnewshindi · 14 days ago
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ढली थाना क्षेत्र से चोरी की कार, फर्जी नंबर प्लेट लगाकर घूमता रहा आरोपी; जानें पुलिस ने कैसे किया गिरफ्तार
Shimla News: शहर में चोरी की गाड़ी पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर घूमने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मामला उस समय सामने आया जब ट्रैफिक पुलिस ने चालक को रुकने का इशारा किया लेकिन वह नहीं रूका। पुलिस ने इसके बाद पुराना बस स्टैंड के पास गाड़ी को रुकवाया। चालक से वाहन के दस्तावेज मांगे तो वह प्रस्तुत नहीं कर पाया। पुलिस ने शक होने पर ऑनलाइन वाहन के नंबर की जांच की तो पता चला कि यह नंबर सेंटरों…
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jyotis-things · 7 months ago
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( #Muktibodh_Part280 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part281
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 534-535
◆ यदि पिता अपनी सन्तान को भी दर्शन नहीं देता तो उसमें कोई त्रुटि है जिस कारण से छुपा है तथा सुविधाएं भी प्रदान कर रहा है। काल (ब्रह्म) को शापवश एक लाख मानव शरीर धारी प्राणियों का आहार करना पड़ता है तथा 25 प्रतिशत प्रतिदिन जो ज्यादा उत्पन्न होते हैं उन्हें ठिकाने लगाने के लिए तथा कर्म भोग का दण्ड देने के लिए चौरासी लाख योनियों की रचना की हुई है। यदि सबके सामने बैठ कर किसी की पुत्र, किसी की पत्नी,
किसी के पुत्री, माता-पिता को खा गए तो सर्व को ब्रह्म से घृणा हो जाए तथा जब भी कभी पूर्ण परमात्मा कविरग्नि (कबीर परमेश्वर) स्वयं आए या अपना कोई संदेशवाहक (दूत) भेंजे तो सर्व प्राणी सत्यभक्ति करके काल के जाल से निकल जाएं।
इसलिए धोखा देकर रखता है तथा पवित्रा गीता अध्याय 7 श्लोक 18,24,25 में अपनी साधना से होने वाली मुक्ति (गति) को भी (अनुत्तमाम्) अति अश्रेष्ठ कहा है तथा अपने
विधान (नियम)को भी (अनुत्तम) अश्रेष्ठ कहा है।
प्रत्येक ब्रह्माण्ड ��ें बने ब्रह्मलोक में एक महास्वर्ग बनाया है। महास्वर्ग में एक स्थान पर नकली सतलोक - नकली अलख लोक - नकली अगम लोक तथा नकली अनामी लोक की रचना प्राणियों को धोखा देने के लिए प्रकृति (दुर्गा/आदि माया) द्वारा करवा रखी है।
कबीर साहेब का एक शब्द है ‘कर नैनों दीदार महल में प्यारा है‘ में वाणी है कि ‘काया भेद किया निरवारा, यह सब रचना पिण्ड मंझारा है। माया अविगत जाल पसारा, सो कारीगर भारा है। आदि माया किन्ही चतुराई, झूठी बाजी पिण्ड दिखाई, अविगत रचना रचि अण्ड माहि वाका प्रतिबिम्ब डारा है।‘
एक ब्रह्माण्ड में अन्य लोकों की भी रचना है, जैसे श्री ब्रह्मा जी का लोक, श्री विष्णु जी का लोक, श्री शिव जी का लोक। जहाँ पर बैठकर तीनों प्रभु नीचे के तीन लोकों (स्वर्गलोक अर्थात् इन्द्र का लोक - पृथ्वी लोक तथा पाताल लोक) पर एक - एक विभाग
के मालिक बन कर प्रभुता करते हैं तथा अपने पिता काल के खाने के लिए प्राणियों की उत्पत्ति, स्थिति तथा संहार का कार्यभार संभालते हैं। तीनों प्रभुओं की भी जन्म व मृत्यु होती है। तब काल इन्हें भी खाता है। इसी ब्रह्माण्ड {इसे अण्ड भी कहते हैं क्योंकि ब्रह्माण्ड की
बनावट अण्डाकार है, इसे पिण्ड भी कहते हैं क्योंकि शरीर (पिण्ड) में एक ब्रह्माण्ड की रचना कमलों में टी.वी. की तरह देखी जाती है} में एक मानसरोवर तथा धर्मराय (न्यायधीश) का भी लोक है तथा एक गुप्त स्थान पर पूर्ण परमात्मा अन्य रूप धारण करके रहता है जैसे प्रत्येक देश का राजदूत भवन होता है। वहाँ पर कोई नहीं जा सकता। वहाँ पर वे आत्माएँ रहती हैं जिनकी सत्यलोक की भक्ति अधूरी रहती है। जब भक्ति युग आता है तो उस समय परमेश्वर कबीर जी अपना प्रतिनिधि पूर्ण संत सतगुरु भेजते हैं। इन पुण्यात्माओं को पृथ्वी पर उस समय मानव शरीर प्राप्त होता है तथा ये शीघ्र ही सत भक्ति पर लग जाते हैं तथा सतगुरु से दीक्षा प्राप्त करके पूर्ण मोक्ष प्राप्त कर जाते हैं। उस स्थान पर रहने वाले हंस आत्माओं की निजी भक्ति कमाई खर्च नहीं होती। परमात्मा के भण्डार से सर्व सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। ब्रह्म (काल) के उपासकों की भक्ति कमाई स्वर्ग-महा स्वर्ग में समाप्त हो जाती है क्योंकि इस काल लोक (ब्रह्म लोक) तथा परब्रह्म लोक में प्राणियों को अपना किया कर्मफल ही मिलता है।
क्षर पुरुष (ब्रह्म) ने अपने 20 ब्रह्माण्डों को चार महाब्रह्माण्डों में विभाजित किया है।
एक महाब्रह्माण्ड में पाँच ब्रह्माण्डों का समूह बनाया है तथा चारों ओर से ��ण्डाकार गोलाई (परिधि) में रोका है तथा चारों महा ब्रह्माण्डों को भी फिर अण्डाकार गोलाई (परिधि) में रोका
है। इक्कीसवें ब्रह्माण्ड की रचना एक महाब्रह्माण्ड जितना स्थान लेकर की है। इक्कीसवें ब्रह्माण्ड में प्रवेश होते ही तीन रास्ते बनाए हैं। इक्कीसवें ब्रह्माण्ड में भी बायीं तरफ नकली सतलोक, नकली अलख लोक, नकली अगम लोक, नकली अनामी लोक की रचना प्राणियों को धोखे में रखने के लिए आदि माया (दुर्गा) से करवाई है तथा दायीं तरफ बारह सर्व श्रेष्ठ ब्रह्म साधकों (भक्तों) को रखता है। फिर प्रत्येक युग में उन्हें अपने संदेश वाहक (सन्त सतगुरू) बनाकर पृथ्वी पर भेजता है, जो शास्त्र विधि रहित साधना व ज्ञान बताते हैं तथा
स्वयं भी भक्तिहीन हो जाते हैं तथा अनुयाइयों को भी काल जाल में फंसा जाते हैं। फिर वे गुरु जी तथा अनुयाई दोनों ही नरक में जाते हैं। फिर सामने एक ताला (कुलुफ) लगा रखा है। वह रास्ता काल (ब्रह्म) के निज लोक में जाता है। जहाँ पर यह ब्रह्म (काल) अपने वास्तविक मानव सदृश काल रूप में रहता है। इसी स्थान पर एक पत्थर की टुकड़ी तवे के आकार की (चपाती पकाने की लोहे की गोल प्लेट सी होती है) स्वतः गर्म रहती है। जिस
पर एक लाख मानव शरीर धारी प्राणियों के सूक्ष्म शरीर को भूनकर उनमें से गंदगी निकाल कर खाता है। उस समय सर्व प्राणी बहुत पीड़ा अनुभव करते हैं तथा हाहाकार मच जाती है। फिर कुछ समय उपरान्त वे बेहोश हो जाते हैं। जीव मरता नहीं। फिर धर्मराय के लोक में जाकर कर्माधार से अन्य जन्म प्राप्त करते हैं तथा जन्म-मृत्यु का चक्कर बना रहता है।
उपरोक्त सामने लगा ताला ब्रह्म (काल) केवल अपने आहार वाले प्राणियों के लिए कुछ क्षण के लिए खोलता है। पूर्ण परमात्मा के सत्यनाम व सारनाम से यह ताला स्वयं खुल जाता है। ऐसे काल का जाल पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर साहेब) ने स्वयं ही अपने निजी भक्त धर्मदास जी को समझाया|
क्रमशः_____
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sharpbharat · 2 months ago
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Jamshedpur transporter demands : जमशेदपुर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के लोग मिले डीटीओ से, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर रखी यह बातें
जमशेदपुर : जमशेदपुर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव के नेतृत्व में जमशेदपुर डीटीओ (जिला परिवहन पदाधिकारी) से उनके कार्यालय में मुलाकात की. माल वाहक वाहनों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट जारी करने की मांग को लेकर एक ज्ञापन एसोसिएशन की ओर से दिया गया. बताया कि झारखंड सरकार के आदेशानुसार विगत 2 वर्षों में जिन मालवाहक वाहनों का रजिस्ट्रेशन दूसरे राज्य में हुआ…
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pradeepdasblog · 7 months ago
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( #Muktibodh_Part280 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part281
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 534-535
◆ यदि पिता अपनी सन्तान को भी दर्शन नहीं देता तो उसमें कोई त्रुटि है जिस कारण से छुपा है तथा सुविधाएं भी प्रदान कर रहा है। काल (ब्रह्म) को शापवश एक लाख मानव शरीर धारी प्राणियों का आहार करना पड़ता है तथा 25 प्रतिशत प्रतिदिन जो ज्यादा उत्पन्न होते हैं उन्हें ठिकाने लगाने के लिए तथा कर्म भोग का दण्ड देने के लिए चौरासी लाख योनियों की रचना की हुई है। यदि सबके सामने बैठ कर किसी की पुत्र, किसी की पत्नी,
किसी के पुत्री, माता-पिता को खा गए तो सर्व को ब्रह्म से घृणा हो जाए तथा जब भी कभी पूर्ण परमात्मा कविरग्नि (कबीर परमेश्वर) स्वयं आए या अपना कोई संदेशवाहक (दूत) भेंजे तो सर्व प्राणी सत्यभक्ति करके काल के जाल से निकल जाएं।
इसलिए धोखा देकर रखता है तथा पवित्रा गीता अध्याय 7 श्लोक 18,24,25 में ��पनी साधना से होने वाली मुक्ति (गति) को भी (अनुत्तमाम्) अति अश्रेष्ठ कहा है तथा अपने
विधान (नियम)को भी (अनुत्तम) अश्रेष्ठ कहा है।
प्रत्येक ब्रह्माण्ड में बने ब्रह्मलोक में एक महास्वर्ग बनाया है। महास्वर्ग में एक स्थान पर नकली सतलोक - नकली अलख लोक - नकली अगम लोक तथा नकली अनामी लोक की रचना प्राणियों को धोखा देने के लिए प्रकृति (दुर्गा/आदि माया) द्वारा करवा रखी है।
कबीर साहेब का एक शब्द है ‘कर नैनों दीदार महल में प्यारा है‘ में वाणी है कि ‘काया भेद किया निरवारा, यह सब रचना पिण्ड मंझारा है। माया अविगत जाल पसारा, सो कारीगर भारा है। आदि माया किन्ही चतुराई, झूठी बाजी पिण्ड दिखाई, अविगत रचना रचि अण्ड माहि वाका प्रतिबिम्ब डारा है।‘
एक ब्रह्माण्ड में अन्य लोकों की भी रचना है, जैसे श्री ब्रह्मा जी का लोक, श्री विष्णु जी का लोक, श्री शिव जी का लोक। जहाँ पर बैठकर तीनों प्रभु नीचे के तीन लोकों (स्वर्गलोक अर्थात् इन्द्र का लोक - पृथ्वी लोक तथा पाताल लोक) पर एक - एक विभाग
के मालिक बन कर प्रभुता करते हैं तथा अपने पिता काल के खाने के लिए प्राणियों की उत्पत्ति, स्थिति तथा संहार का कार्यभार संभालते हैं। तीनों प्रभुओं की भी जन्म व मृत्यु होती है। तब काल इन्हें भी खाता है। इसी ब्रह्माण्ड {इसे अण्ड भी कहते हैं क्योंकि ब्रह्माण्ड की
बनावट अण्डाकार है, इसे पिण्ड भी कहते हैं क्योंकि शरीर (पिण्ड) में एक ब्रह्माण्ड की रचना कमलों में टी.वी. की तरह देखी जाती है} में एक मानसरोवर तथा धर्मराय (न्यायधीश) का भी लोक है तथा एक गुप्त स्थान पर पूर्ण परमात्मा अन्य रूप धारण करके रहता है जैसे प्रत्येक देश का राजदूत भवन होता है। वहाँ पर कोई नहीं जा सकता। वहाँ पर वे आत्माएँ रहती हैं जिनकी सत्यलोक की भक्ति अधूरी रहती है। जब भक्ति युग आता है तो उस समय परमेश्वर कबीर जी अपना प्रतिनिधि पूर्ण संत सतगुरु भेजते हैं। इन पुण्यात्माओं को पृथ्वी पर उस समय मानव शरीर प्राप्त होता है तथा ये शीघ्र ही सत भक्ति पर लग जाते हैं तथा सतगुरु से दीक्षा प्राप्त करके पूर्ण मोक्ष प्राप्त कर जाते हैं। उस स्थान पर रहने वाले हंस आत्माओं की निजी भक्ति कमाई खर्च नहीं होती। परमात्मा के भण्डार से सर्व सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। ब्रह्म (काल) के उपासकों की भक्ति कमाई स्वर्ग-महा स्वर्ग में समाप्त हो जाती है क्योंकि इस काल लोक (ब्रह्म लोक) तथा परब्रह्म लोक में प्राणियों को अपना किया कर्मफल ही मिलता है।
क्षर पुरुष (ब्रह्म) ने अपने 20 ब्रह्माण्डों को चार महाब्रह्माण्डों में विभाजित किया है।
एक महाब्रह्माण्ड में पाँच ब्रह्माण्डों का समूह बनाया है तथा चारों ओर से अण्डाकार गोलाई (परिधि) में रोका है तथा चारों महा ब्रह्माण्डों को भी फिर अण्डाकार गोलाई (परिधि) में रोका
है। इक्कीसवें ब्रह्माण्ड की रचना एक महाब्रह्माण्ड जितना स्थान लेकर की है। इक्कीसवें ब्रह्माण्ड में प्रवेश होते ही तीन रास्ते बनाए हैं। इक्कीसवें ब्रह्माण्ड में भी बायीं तरफ नकली सतलोक, नकली अलख लोक, नकली अगम लोक, नकली अनामी लोक की रचना प्राणियों को धोखे में रखने के लिए आदि माया (दुर्गा) से करवाई है तथा दायीं तरफ बारह सर्व श्रेष्ठ ब्रह्म साधकों (भक्तों) को रखता है। फिर प्रत्येक युग में उन्हें अपने संदेश वाहक (सन्त सतगुरू) बनाकर पृथ्वी पर भेजता है, जो शास्त्र विधि रहित साधना व ज्ञान बताते हैं तथा
स्वयं भी भक्तिहीन हो जाते हैं तथा अनुयाइयों को भी काल जाल में फंसा जाते हैं। फिर वे गुरु जी तथा अनुयाई दोनों ही नरक में जाते हैं। फिर सामने एक ताला (कुलुफ) लगा रखा है। वह रास्ता काल (ब्रह्म) के निज लोक में जाता है। जहाँ पर यह ब्रह्म (काल) अपने वास्तविक मानव सदृश काल रूप में रहता है। इसी स्थान पर एक पत्थर की टुकड़ी तवे के आकार की (चपाती पकाने की लोहे की गोल प्लेट सी होती है) स्वतः गर्म रहती है। जिस
पर एक लाख मानव शरीर धारी प्राणियों के सूक्ष्म शरीर को भूनकर उनमें से गंदगी निकाल कर खाता है। उस समय सर्व प्राणी बहुत पीड़ा अनुभव करते हैं तथा हाहाकार मच जाती है। फिर कुछ समय उपरान्त वे बेहोश हो जाते हैं। जीव मरता नहीं। फिर धर्मराय के लोक में जाकर कर्माधार से अन्य जन्म प्राप्त करते हैं तथा जन्म-मृत्यु का चक्कर बना रहता है।
उपरोक्त सामने लगा ताला ब्रह्म (काल) केवल अपने आहार वाले प्राणियों के लिए कुछ क्षण के लिए खोलता है। पूर्ण परमात्मा के सत्यनाम व सारनाम से यह ताला स्वयं खुल जाता है। ऐसे काल का जाल पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर साहेब) ने स्वयं ही अपने निजी भक्त धर्मदास जी को समझाया|
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