#दशक
Explore tagged Tumblr posts
Text
#Mysterious_Prophecies
#Great_Prophecies_2024
अमेरिका के “श्री एण्डरसन” के अनुसार, “20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक में विश्व में असभ्यता का नंगा तांडव होगा। इस बीच भारत के एक देहात का एक धार्मिक व्यक्ति, एक मानव, एक भाषा और एक झंडा की रूपरेखा का संविधान
#Mysterious_PropheciesGreat_Prophecies_2024अमेरिका के “श्री एण्डरसन” के अनुसार#“20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक मे
0 notes
Text
0 notes
Text
#saviroftheworldsantrampalji#अमेरिका के ‘‘श्री एण्डरसन’’ के अनुसार 20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21वीं सदी के प्रथम दशक में विश्
0 notes
Text
#GodNightMonday
#Mysterious_Prophecies
#Great_Prophecies_2024
20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर युद्ध के कारण कई देशों का अस्तित्व ही मिट जावेगा। परन्तु भारत का एक महापुरूष सम्पूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा व हिंसा, फूट-दुराचार, कपट आदि संसार से सदा के लिए मिटा देगा।
16 notes
·
View notes
Text
#Mysterious_Prophecies
#Great_Prophecies_2024
20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर युद्ध के कारण कई देशों का अस्तित्व ही मिट जावेगा। परन्तु भारत का एक महापुरूष सम्पूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा व हिंसा, फूट-दुराचार, कपट आदि संसार से सदा के लिए मिटा देगा।
#Sant_rampal_ji_maharaj"
11 notes
·
View notes
Text
चाहिए थोड़ा दुख
खबरें देखता रहता हूं दिन भर और
कुछ नहीं लिखता मैं
देखता हूं रील, तस्वीर और वीडियो
दूसरों का नाच गाना सोना नहाना
सब कुछ पर बेमन
सीने में जाने किसका है वजन
जो काटे नहीं कटता वक्त की तरह
गोकि मैं हूं बहुत बहुत व्यस्त और
ऐसा सिर्फ दिखाने के लिए नहीं है चूंकि
मैं फोन नहीं उठाता किसी का
मैं वाकई व्यस्त हूं, और ��ाने
किन खयालों में ��स्त हूं कि अब
कुछ भी छू कर नहीं जाता
निकल लेता है ऊपर से या नीचे से
या दाएं से और बाएं से
सर्र से पर मेरी रूह को तो छोड़ दें
त्वचा तक को कष्ट नहीं होता।
ये जो वजन है
यही दुख का सहन है
वैसे कारण कम नहीं हैं दुखी होने के
दूसरी सहस्राब्दि के तीसरे दशक में, लेकिन
दुख की कमी अखरती है रोज-ब-रोज
जबकि समृद्धि इतनी भी नहीं आई
कि खा पी लें दो चार पुश्तें
या फिर कम से कम जी जाएं विशुद्ध
हरामखोर बन के ही बेटा बेटी
या अकेले मैं ही।
मैंने सिकोड़ लिया खुद को बेहद
तितली से लार्वा बनने के बाद भी
फोन आ जाते हैं दिन में दो चार
और सभी उड़ते हुए से करते हैं बात
चुनाव आ गया बॉस, क्या प्लान है
मेरा मन तो कतई म्लान है यह कह देना
हास्यास्पद बन जाने की हद तक
संन्यस्त हो जाने की उलाहना को आमंत्रित करता
बेकल आदमी का एकल गान है।
एक कल्पना है
जिसका ठोस प्रारूप कागज पर उतारना
इतना कठिन है कि महीनों हो गए
और इतना आसान, कि लगता है
एक रोज बैठूंगा और लिख दूंगा
रोज आता है वह एक रोज
और बीत जाता है रोज
अब उसकी भी तीव्रता चुक रही है
तारीख करीब आ रही है और धौंकनी
धुक धुक रही है
कि क्या 4 जून के बाद भी करते रहना होगा
वही सब चूतियापा
जिसके सहारे काट दिए दस साल
अत्यंत सुरक्षित, सुविधाजनक
बिना खोए एक क्षण भी आपा
बदले में उपजा लिए कुछ रोग जिन्हें
डॉक्टर साहब जीवनशैली जनित कहते हैं
जबकि इस बीच न जीवन ही खास रहा
न कोई शैली, सिवाय खुद को
बचाने की एक अदद थैली
आदमी से बन गए कंगारू
स्वस्थ से हो गए बीमारू
कीड़े पनपते रहे भीतर ही भीतर
बाहर चिल्लाते रहे फासीवाद और
भरता रहा मन में दुचित्तेपन का
गंदा पीला मवाद।
यार, ऐसे तो नहीं जीना था
सिवाय इस राहत के कि
जीने की भौतिक परिस्थितियां ही
गढ़ती हैं मनुष्य को
यह दलील चाहे जितना डिस्काउंट दे दे
लेकिन मन तो जानता है (न) कि
दुनिया के सामने आदमी कितनी फानता है
और घर के भीतर चादर कितनी तानता है।
अगर ये सरकार बदल भी जाए तो क्या होगा मेरा
यही सोच सोच कर हलकान हुआ जाता हूं
जबकि सभी दोस्त ठीक उलटा सोच रहे हैं
जरूरी नहीं कि दोस्त एक जैसा सोचें
बिलकुल इसी लोकतांत्रिक आस्था ने दोस्त
कम कर दिए हैं और जो बच रहे हैं
वे फोन करते हैं और मानकर चलते हैं
मैं उनके जैसी बात कहूंगा हुंकारी भरूंगा
मैं तो अब किसी को फोन नहीं करता
न बाहर जाता हूं मिलने
बहुत जिच की किसी ने तो घर
बुला लेता हूं और जानता हूं कि
दस में से दो आ जाएं तो बहुत
इस तरह कटता है मेरा क्लेश और
बच जाता है वक्त
चूंकि मैं हूं बहुत बहुत व्यस्त
बचे हुए वक्त में मैं कुछ नहीं करता
यह जानते हुए भी लगातार लोगों से बचता
फिरता हूं क्योंकि वे जब मिलते हैं तो
ऐसा लगता है कि बेहतर होता कुछ न करते
घर पर ही रहते और ऐसा
तकरीबन हर बार होता है
हर दिन बस यही संतोष
मुझे बचा ले जाता है
कि मेरा खाली समय कोई बददिमाग
पॉलिटिकली करेक्ट
बुनियादी रूप से मूर्ख और अतिमहत्वाकांक्षी
लेकिन अनिवार्यत: मुझे जानने वाला मनुष्य
नहीं खाता है।
लोगों को ना करते दुख होता है
ना नहीं करने के अपने दुख हैं
आखिर कितनों की इच्छाओं, महत्वाकांक्षाओं
और मूर्खतापूर्ण लिप्साओं की आत्यंन्तिक रूप से
मौद्रिक परियोजनाओं में
आदमी कंसल्टेंट बन सकता है एक साथ?
आपके बगैर तो ये नहीं होगा
आपका होना तो जरूरी है
रोज दो चार लोग ऐसी बातें कह के मुझे
फुलाते रहते हैं और घंटे भर की ऊर्जा
उनके निजी स्वार्थों की भेंट चढ़ जाती है
इतने में दस आदमी कांग्रेस से भाजपा में और
चार आदमी भाजपा से कांग्रेस में चले जाते हैं
हेडलाइन बदल जाती है
किसी के यहां छापा पड़ जाता है
तो किसी को जेल हो जाती है
फिर अचानक कोई ऐसा नाम ट्रेंड करने लगता है
जिसे जानने में बची हुई ऊर्जा खप जाती है।
मुझे वाकई ये बातें जानने का शौक नहीं
ज्यादा जरूरी यह सोचना है कि अगले टाइम
क्या छौंकना है लौकी, करेला या भिंडी
और किस विधि से उन्हें बनना है
यह और भी अहम है पर संतों के कहे
ये दुनिया एक वहम है और मैं
इस वहम का अनिवार्य नागरिक हूं
और औसत लोगों से दस ग्राम ज्यादा
जागरिक हूं और यह विशिष्टता 2014 के बाद
अर्जित की हुई नहीं है क्योंकि उससे पहले भी
मैं जग रहा था जब सौ करोड़ हिंदू
सो रहा था इस देश का जो आज मुझसे
कहीं ज्यादा जाग चुका है और
मेरे जैसा आदमी बाजार से भाग चुका है
भागा हुआ आदमी घर में दुबक कर
खबरें ही देख सकता है और गाहे-बगाहे सजने वाली
महफिलों में अपने प्रासंगिक होने के सुबूत
उछाल के फेंक सकता है।
दरअसल मैं इसी की तैयारी करता हूं
इसीलिए खबरें देखता रहता हूं
पर लिखता कुछ नहीं
बस देखता हूं दूसरों का नाच गाना
सोना नहाना सब कुछ
नियमित लेकिन बेमन।
कब आ जाए परीक्षा की घड़ी
खींच लिया जाए सरेबाजार और
पूछ दिया जाए बताओ क्या है खबर
और कह सकूं बेधड़क मैं कि सरकार बहादुर
गरीबों में बांटने वाले हैं ईडी के पास आया धन।
छुपा ले जाऊं वो बात जो पता है
सारे जमाने को लेकिन कहने की है मनाही
कि एक स्वतंत्र देश का लोकतांत्रिक ढंग से
चुना गया प्रधानमंत्री कर रहा था सात साल से
धनकुबेरों से हजारों करोड़ रुपये की उगाही
खुलवाकर कुछ लाख गरीबों का खाता जनधन।
सच बोलने और प्रिय बोलने के द्वंद्व का समाधान
मैंने इस तरह किया है
बीते बरसों में जमकर झूठ को जिया है
स्वांग किया है, अभिनय किया है
जहां गाली देनी थी वहां जय-जय किया है
और सीने पर रख लिया है एक पत्थर
विशालकाय
अकेले बैठा पीटता रहता हूं छाती हाय हाय
कि कुछ तो दुख मने, एकाध कविता बने
लगे हाथ कम से कम भ्रम ही हो कि वही हैं हम
जो हुआ करते थे पहले और अकसर सोचा करते थे
किसके बाप में है दम जो साला हमको बदले।
ये तैंतालीस की उम्र का लफड़ा है या जमाने की हवा
छूछी देह ही बरामद हुई हर बार जब-जब
खुद को छुवा
हर सुबह चेहरे पर उग आती है फुंसी गोया
दुख का निशान देह पर उभर आता हो
मिटाने में जिसे आधा दिन गुजर जाता हो
दुख हो या न हो, दिखना नहीं चाहिए
ऐसी मॉडेस्टी ने हमें किसी का नहीं छोड़ा
भरता गया मवाद बढ़ता गया फोड़ा
अल्ला से मेघ पानी छाया कुछ न मांगिए
बस थोड़ा सा जेनुइन दुख जिसे हम भी
गा सकें, बजा सकें और हताशाओं के
अपने मिट्टी के गमले में सजा सकें
और उसे साक्षी मानकर आवाहन करें
प्रकृति का कि लौट आओ ओ आत्मा
कम से कम कुछ तो दो करुणा कि
स्पर्श कर सकें वे लोग, वे जगहें, वे हादसे
जिनकी खबरें देखता रहता हूं मैं
दिन भर और कुछ भी नहीं लिख पाता।
4 notes
·
View notes
Text
#Mysterious_Prophecies
श्री चार्ल्स क्लार्क की भविष्यवाणी
भारत से उठी धार्मिक क्रांति 21 वीं सदी के प्रथम दशक में पूरे विश्व को प्रभावित करके सबको आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।
संत रामपाल जी महाराज जी ही है जो भारत को विश्व गुरु बना सकते हैं।
#SantRampalJi
#Great_Prophecies_2024
#bengaluru#kabirisrealgod#supreme god kabir#mumbai#saintrampaljimaharaj#trueguru#bhandara#chennai#delhi#sat kabir ki daya#hinduism#hindu gods#hare krishna#lord shiva#lord ganesh#lordkrishna
3 notes
·
View notes
Text
Shraddha TV Satsang 03-01-2024 || Episode: 2430 || Sant Rampal Ji Mahara...
#MustListenSatsang
चार्ल्स क्लार्क की भविष्यवाणी
भारत से उठी धार्मिक क्रांति 21 वीं सदी के प्रथम दशक में पूरे विश्व को प्रभावित करके सबको आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।
🏷️ अधिक जानकारी के लिए "ज्ञान गंगा" पुस्तक फ्री में ऑर्डर करे ⤵️
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSc2SCilCt8isyNVt97-LUUrIBX_JgG_fbAoMOoXgWMacEBqTg/viewform?usp=sf_link
☑️ पुस्तक और डिलीवरी चार्ज बिल्कुल निःशुल्क (फ्री) है।
अपना नाम ,पूरा पता, पिनकोड ,मोबाइल नंबर हमें Whatsapp करें +91 7496801825
➡️ आध्यात्मिक जानकारी के लिए PlayStore से Install करें App :-
"Sant Rampal Ji Maharaj"
➡️ सुनिए जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन :-
➜पापुलर टीवी 📺 पर शाम 7:30 से 8:30
➜ श्रद्धा टीवी 📺 दोपहर - 2:00 से 3:00
अधिक जानकारी के लिए Satlok Ashram Youtube Channel Visit करें।
2 notes
·
View notes
Text
#Mysterious_Prophecies
श्री चार्ल्स क्लार्क की भविष्यवाणी
भारत से उठी धार्मिक क्रांति 21 वीं सदी के प्रथम दशक में पूरे विश्व को प्रभावित करके सबको आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।
तारणहार संत रामपाल जी महाराज के विषय में चौकाने वाली भविष्यवाणी
#Great_Prophecies_2024 .
2 notes
·
View notes
Text
Yamaha R3 vs KTM RC 390 जानें फीचर्स में कौन जादा बेहतर
यामाहा मोटर इंडिया ने आखिरकार बहुप्रतीक्षित R3 लॉन्च कर दिया है, जिसकी कीमत ₹4.65 लाख (एक्स-शोरूम, दिल्ली) है। नई यामाहा आर3 पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (सीबीयू) के रूप में भारत में आती है और लगभग आधे दशक पहले देश में बेची गई आखिरी बार से इसमें पूर्ण पीढ़ीगत बदलाव आया है। हालाँकि, हाल के वर्षों में फुली-फेयर्ड सब-500 सीसी सेगमेंट में भी वृद्धि देखी गई है और कैसे। कावासाकी निंजा 400, केटीएम आरसी…
View On WordPress
#Aprilia RS 457#Kawasaki Ninja 400#KTM RC 390#Ninja 400#R3#RC 390#Yamaha#Yamaha Motor India#Yamaha R3#Yamaha R3 vs Aprilia RS 457#Yamaha R3 vs Kawasaki Ninja 400#Yamaha R3 vs KTM RC 390
2 notes
·
View notes
Text
0 notes
Text
🦋हरि आये हरियाणे नू🦋
राजस्थान के प्रसिद्ध संत बाबा रामदेव पीर के अनुसार जगत के कल्याण के लिए भारतवर्ष में उत्पन्न मसीह जाट वर्ण से होगा और वह कबीर प्रभु के गुण गाएगा। उनकी यह भविष्यवाणी जाट वर्ण में उत्पन्न हरियाणा के संत रामपाल जी पर खरी उतरती है। जिनका 8 सितंबर को जन्म दिवस है।
8 सितंबर को उस महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म हुआ, जिनके विषय में अमेरिका के भविष्वक्ता ‘‘श्री चार्ल्स क्लार्क’’ के अनुसार 20 वीं सदी के अन्त से पहले एक देश विज्ञान की उन्नति में सब देशों को पछाड़ देगा परन्तु भारत की प्रतिष्ठा विशेषकर इसके धर्म और दर्शन से होगी, जिसे पूरा विश्व अपना लेगा, यह धार्मिक क्रांति 21 वीं सदी के प्रथम दशक में सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित करेगी और मानव को आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।
देश विदेश के अनेकों महापुरुषों ने धरती पर अवतार संत रामपाल जी महाराज जी के बारे में अपने लेखों में वर्णन किया है कि वो मानव इतिहास का सबसे महा��तम व्यक्ति बनेगा व जनता का अपार समर्थन प्राप्त करेगा। उसके विचारों का बोलबाला पूरे विश्व मे होगा व सभी लोग उसके बताए मार्ग पर चलने के लिए बाध्य होंगे।
युग परिवर्तन प्रकृति का अटल सिद्धांत है। वैदिक दर्शन के अनुसार चार युगों - सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलयुग की व्यवस्था है। जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर मानव रूप में प्रकट होता है।
भगवान 8 सितंबर 1951 को धरती पर अवतरित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज के रूप में।
जगत का तारणहार
गरीब दास जी की वाणी है कि:-
"साहेब कबीर तख्त खवासा, दिल्ली मण्डल लीजै वासा।।"
परमेश्वर का नुमाइंदा संत दिल्ली मण्डल में उत्पन्न होगा। उस संत द्वारा बताया हुआ तत्वज्ञान पूरे विश्व को स्वीकृत होगा। यह भविष्यवाणी नास्त्रेदमस ने भी की है। वह जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज हैं जिनका जन्म 8 सितम्बर 1951 को भारत के धनाना गांव में हुआ जो पहले दिल्ली क्षेत्र में पड़ता था।
सुखी होगा हर इंसान, धरती बनेगी स्वर्ग समान
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दी गई शास्त्र अनुकूल भक्ति करने से हर इंसान सुखी होगा और पृथ्वी स्वर्ग समान बनेगी।
जयगुरुदेव पंथ के प्रवर्तक संत तुलसीदास जी ने 7 सितम्बर 1971 को भविष्यवाणी की थी कि वह अवतार जो पूरे विश्व में शांति स्थापित करेगा, भारत को विश्व गुरु बनायेगा, उसकी एक भाषा, एक झंडा होगा। वह 20 वर्ष का हो गया है। संत रामपाल जी ही वह अवतार हैं जिनका जन्म 8 सितम्बर 1951को हुआ था जोकि 7 सितम्बर 1971 को पूरे 20 वर्ष के थे।
#PropheciesAboutSantRampalJi
#SantRampalJi_AvataranDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#trending
#viralpost
अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj" App Play Store से डाउनलोड करें और "Sant Rampal Ji Maharaj" YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
अधिक जानकारी के लिए अवश्य download करें
पवित्र पुस्तक "धरती पर अवतार"
https://bit.ly/DhartiParAvtar16.5.2000
2 notes
·
View notes
Text
परसों तक मुझे एहसास नही था कि ऐसा हो जाएगा , 20 वर्षों में तैयार की गई बगिया उजाड़ दी जाएगी जिसमें औशधीय, इंग्लिश देसी पुष्प, करी पत्ता अमरबेल , नाग चंपा, आदि ,जिसमे ठेकेदार से जी हजूरी कर तीन पौधों को छोड़ने की बात कह रहा है करी पत्ता, अमरूद व मालती । ये कैसा विकास है हर दशक में 1 से 2℃ की वृद्धि हो चुकी है। ये मेरे साथ ही नही कॉलोनी में रह रहे प्रकृति प्रेमी के साथ घटने वाली दुखद घटना है । जीव विज्ञान इसे पूर्ण रूप से खारिज करता है । परंतु राजनीति अव्वल निकल गई ।😔😔
2 notes
·
View notes
Text
ROGUE 1950.
🇬🇧 Today it’s back to the ‘50s for some DevLISH style!
🇪🇸 Hoy volvemos a los años 50 para disfrutar del estilo DevLISH.
🇨🇵 Aujourd'hui, nous retournons dans les années 50 pour un style DevLISH !
🇵🇹 Hoje voltamos aos anos 50 para um estilo DevLISH!
🇯🇵今日は50年代に戻ってデブリッシュ・スタイルを!
🇮🇳आज यह कुछ देवलिश शैली के लिए '50 के दशक में वापस आ गया है!
#artwork#digital art#daily art#artedigital#50s fashion#50s style#1950s vintage#1950s style#1950s fashion#50s vintage#french style#french magazine#arte#original content#art of the day#art of the rogue#vintage fashion#vintage style
2 notes
·
View notes