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AUS vs ENG : टेस्ट क्रिकेट के 150 साल, मेलबर्न में होगा ऐतिहासिक डे-नाइट मुकाबला
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मैं टीम इंडिया
क्यों एक अभिशापित कर्ण हूँ मैं!
क्या मैं भी एक अभिशापित कर्ण ही हूँ!
क्या श्रापित हूँ मैं भी उसकी ही तरह?
मैं भी उसकी ही भाँति उच्च योद्धा जाना जाऊँ
मैं भी किसी अर्जुन से कहाँ कम आँका जाऊँ!
मैंने हर योद्धा को रण में कई बार परास्त किया है
मगर भाग्य का दोष कहूँ या विधि का विधान इसे
वक्त के क्रूर हाथों ने देखो मेरा क्या हश्र किया है!
महाभारत रूपी महासंग्राम वर्ल्ड कप की रणभूमि में
जब जब मैं अपनी विजय पताका फैहराने आता हूँ
उस अश्वमेध यज्ञ में मैं कई शौर्य गाथाएँ लिखकर भी
हर बार अंतिम क्षणों में बस वीरगति पा जाता हूँ
विजय नाद बजाने से पहले मैं पराजित हो जाता हूँ!
क्यों उस पराक्रमी योद्धा कर्ण की भाँति ही
महा रण के महत्वपूर्ण अंतिम चरण में खड़ा मैं
स्वयं को असहाय पाता हूँ जीता संग्राम मैं हार जाता हूँ!
रणभूमि में जिनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है
मेरे अभेद्य अलौकिक कहलाये जाने वाले सैनिक
और सभी अस्तर शस्त्र भी तो कोई काम नहीं आते हैं
सब नीतियाँ वहीं की वहीं बस धरी ही रह जाती हैं
मेरा रण कौशल मुख्य क्षणों में शिथिल पड़ जात��� है
तरकश से निकला कोई भी बाण लक्ष्य भेद नहीं पाता है!
विजय पथ पर रथ का पहिया गड्ढे में धँस जाता है
और मैं असहाय खड़ा एक मूक दर्शक बन जाता हूँ
बस अंतिम क्षणों में मैं पराजय द्वार पहुँच जाता हूँ!
हर बार ही चाहे हो वो विश्व एक दिवसीय चैंपियनशिप
या फिर पाँच दिवसीय टेस्ट मैच विश्व प्रतियोगिता
कभी न्यूज़ीलैंड तो कभी आस्ट्रेलिया सा सामने आता है
वो कोई अर्जुन सा बन मुझे बस धराशायी कर जाता है!
अंतर्द्वंद में हूँ घिरा असमंजस में पड़ा हूँ मैं सोच रहा
हे नीलवर्ण कृष्ण क्यों रूठे हो अबतक भी मुझसे
अर्जुनों को छोड़ कभी मेरे पक्ष से भी क्यों नहीं लड़ते
सारथी बन मेरा हाथ भी थाम लो हे गिरधर
मेरी भी तो पीड़ाएँ हरो प्रभु अपना आशीष देकर!
देखो मैंने भी तो कब से नीलांबर वस्त्र धारण किये हैं
अब तो मैंने भगवा टोपी टी-शर्ट निकर भी पहन लिये हैं
तुम तो स्पष्ट समझते ही हो इसके क्या सही मायने हैं
बताओ प्रभु मैंने अभी कितने और कटाक्ष उपहास सहने हैं!
कब तक मेरे अव���चलित प्रयास निरर्थक होते रह जाएँगे
कब पराजय के नागपाश से प्रभु मेरे भाग्य मुक्ति पायेंगे
कर्ण समान श्रापित मुझको श्राप से कब मुक्ति दिलाओगे
कब मुझे अपना आशीर्वाद देकर हर श्राप मेरा हर जाओगे
कब सारथी बन आप मेरी नौका भी हे प्रभु पार लगाओगे!
आशाओं की डोरी थामे अडिग खड़ा हूँ मैं जाने कब से
घायल अवस्था में भी चिरकाल से मैं भिड़ रहा हूँ सबसे
जो लाज रखो मेरी योग्यता की तभी वो अप्रतिम बनेगी
प्रभु जो आशीर्वाद मिले तुम्हारा मेरी भी धाक जमेगी!
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भारतीय टीम की वेस्ट इंडीज दौरे के लिए टेस्ट् और एकदिवसीये टीमों की घोषणा
बीसीसीआई ने 23 जून 2023 को अगले महीने वेस्टइंडीज दौरे पर होने वाली दो मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम की टेस्ट टीम की घोषणा की। भारत कैरेबियन के दो महीने के प्रवास पर तीन वनडे और पांच टी20 मैच भी खेलेगा। पहला टेस्ट 12 जुलाई से डोमिनिका में खेला जाएगा और दूसरा टेस्ट 20 जुलाई से त्रिनिदाद में शुरू होगा। तीन वनडे मैच 27 जुलाई, 29 जुलाई को बारबाडोस और 1 अगस्त को त्रिनिदाद के तरौबा में खेले जाएंगे।…

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पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड ने आमिर जमाल पर लगाया 4.35 लाख का जुर्माना, जानें किस गलती की मिली सजा
Aamir Jamal: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा अपने एक ऑलराउंडर पर बड़ा जुर्माना लगाने की रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस ऑलराउंडर का नाम है आमिर जमाल। आरोप है कि आमिर जमाल ने टेस्ट मैच के दौरान अपने हैट पर इमरान खान की जेल का नंबर लिख रखा था। जमाल के ऊपर 4,35,820 पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बताया जाता है कि आमिर ने यह इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला के…
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Cricketers with the Most Test Centuries: Who Dominates the Leaderboard?

Introduction
Most Centuries in Test Cricket : टेस्ट क्रिकेट का इतिहास काफी पुराना है. पहला टेस्ट मुकाबला इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 15 मार्च, 1877 में खेल गया था और कंगारु टीम ने इंग्लैंड को करीब 45 रनों से हरा दिया था. हारने के बाद भी इंग्लैंड क्रिकेट टीम विश्व में सबसे ज्यादा मैच खेलने वाली टीम है और इसने 1082 मुकाबले में 5 लाख रनों का ��ंकड़ा छूने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है. वहीं, टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली टीम की बात करें तो इसमें ऑस्ट्रेलिया का नाम दूसरे नंबर पर आता है जिसने करीब 4,28,16 रन बनाए हैं. इसी कड़ी में हम उन खिलाड़ियों की बात कर रहे हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतकीय पारी खेली हैं और इस फॉर्मेट में अनूठी छाप छोड़ने का काम किया है. इस लिस्ट में टॉप पर क्रिकेट के भगवान कहलाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम आता है. उन्होंने अपने इंटरनेशनल करियर में 200 टेस्ट मुकाबले खेले हैं और इस दौरान 51 शतक जड़कर विश्व क्रिकेट को नई दिशा देने का काम किया है. क्रिकेट जगत में योगदान देने के लिए मास्टर ब्लास्टर को भारत सरकार ने साल 2014 में भारत रत्न से सम्मानित भी किया था.
Table Of Content
सचिन तेंदुलकर
जैक कैलिस
रिकी पोंटिंग
कुमार संगकारा
जो रूट
राहुल द्रविड़
स्टीव स्मिथ
यूनुस खान
सुनील गावस्कर
ब्रायन लारा
सचिन देश के किसी की भी कोने में जाते हैं उनको सम्मान की निगाहों से देखा जाता है और लोग उनके साथ एक सेल्फी लेने के लिए तरस्ते हैं. सचिन तेंदुलकर ने साल 1989 से लेकर 2013 तक टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेला है और अपना अंतिम मुकाबला उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. इसी कड़ी में सचिन के बाद ऐसे भी क्रिकेटर रहे हैं जिन्होंने टेस्ट में एक नई पहचान बनाने का काम किया. इसी क्रम में हम उन 10 बल्लेबाजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने शतकों का महारिकॉर्ड बनाने का काम किया…
सचिन तेंदुलकर
जैक कैलिस
यह भी पढ़ें- ‘दिल में एक ही नाम आता है…’ ‘बाबर आजम’ को पसंद करती हैं यह एक्ट्रेस; एक शो में बताई पूरी बात
रिकी पोंटिंग
यह भी पढ़ें- ‘मेरे रोंगटे खड़े हो गए’, राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद बोले सचिन तेंदुलकर- ‘इस चीज को मैं फिर से जीना चाहता हूं’
कुमार संगकारा
जो रूट
यह भी पढ़ें- Sachin Tendulkar: युवाओं को खेलों के प्रति मास्टर ब्लास्टर ने क्या दी हिदायत? देखें तस्वीरें
राहुल द्रविड़
यह भी पढ़ें- इंग्लैंड के खिलाफ श्रेयस अय्यर की पारी ने लूटा फैंस का दिल; बल्लेबाजी का वीडियो हुआ वायरल; देखें चौके-छक्के की बारिश
स्टीव स्मिथ
यूनुस खान
यह भी पढ़ें- Champions Trophy: चैंपियंस ट्रॉफी का ऑफिशियल गाना हुआ रिलीज, आतिफ असलम ने दी आवाज; देखें वीडियो
सुनील गावस्कर
ब्रायन लारा
Conclusion
‘रिकॉर्ड बनते ही हैं बनने के लिए’ वाली कहावत क्रिकेट की दुनिया में फिट बैठती है क्योंकि एक समय कहा जाता था कि एकदिवसीय फॉर्मेट में सचिन तेंदुलकर की तरफ 49 शतकों का रिकॉर्ड शायद ही कोई खिलाड़ी तोड़ पाए. लेकिन विराट कोहली ने उस कहावत को सार्थक साबित करते हुए क्रिकेट के भगवान का शतकों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए एकदिवसीय फॉर्मेट में 50 शतक बनाने का काम किया. वहीं, टेस्ट क्रिकेट में अभी ऐसे कई रिकॉर्ड हैं जिनको तोड़ना आज भी युवा खिलाड़ियों के लिए काफी मुश्किल भरा रहा है. जैसे कि टेस्ट क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर (51) और जैक कैलिस (45) का रिकॉर्ड कायम है. इसी बीच हमने आपको बस यही बताने की कोशिश की है कि टेस्ट क्रिकेट में क्रमबद्ध तरीके किस खिलाड़ी के अभी तक सबसे ज्यादा शतक हैं और यह वर्षों से बने हुए हैं.
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Champions Trophy: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के लिए इंग्लैंड ने प्लेइंग इलेवन का किया एलान, धाकड़ बल्लेबाज की हुई वापसी
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के अपने पहले मैच के लिए अपनी प्लेइंग इलेवन की घोषणा कर दी है। 22 फरवरी को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला खेला जाएगा। टीम में जेमी स्मिथ की वापसी हुई है और फिल साल्ट की जगह विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे। स्मिथ ने भारत दौरे पर सीमित ओवरों के दौरे के दौरान विकेटकीपिंग की थी।

Source of News:- Mudraknews.com
टी20 सीरीज के दौरान लगी चोट के कारण स्मिथ भारत में वनडे सीरीज में नहीं खेले थे। हालांकि, उन्हें ��िट घोषित कर दिया गया है और वे टूर्नामेंट के पहले मैच में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी भी करेंगे। सितंबर 2023 में ही अपना वनडे डेब्यू करने वाले स्मिथ इस फॉर्मेट में सिर्फ सात मैच खेले हैं और 133 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 49 का रहा है।
तीसरे नंबर पर करेंगे बल्लेबाजी
जेमी स्मिथ ने यह स्कोर पिछले साल लीड्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था। हालांकि, उन्होंने अभी तक तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी नहीं की है और उन्होंने ऐसा सिर्फ पांचवें और छठे नंबर पर किया है। 24 साल के जेमी स्मिथ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे, जबकि जो रूट चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे।
इंग्लैंड के पूर्व टेस्ट कप्तान ने भरत के खिलाफ वनडे सीरीज में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की थी, लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। कटक में दूसरे वनडे में उन्होंने 69 रन की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली।बता दें कि पिछले साल इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू मैदान पर पांच मैचों की वनडे सीरीज 3-2 से हार गई थी।
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Mohammad Azharuddin Birthday : Wishes From Pradip Madgaonkar
100 टेस्ट खेलने से महज एक मैच से चूक गए थे मोहम्मद अजहरुद्दीन, तीन वर्ल्ड कप में कर चुके कप्तानी
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Mohammad Azharuddin Birthday : Wishes From Bandya Mama
100 टेस्ट खेलने से महज एक मैच से चूक गए थे मोहम्मद अजहरुद्दीन, तीन वर्ल्ड कप में कर चुके कप्तानी
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कोनस्टास ने टेस्ट मैच से बाहर होने पर दिखाई धैर्य #cricket #cricketnews
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Rohit Sharma In Ranji Trophy 2025 : रणजी ट्रॉफी में रोहित शर्मा फेल, 9 साल बाद उतरे हिटमैन नहीं दिखा पाए दम: यशस्वी जायसवाल भी हुए फेल।
Rohit Sharma In Ranji Trophy 2025 : भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान रोहित शर्मा 9 साल बाद उतरे रणजी में: नहीं दिखा पाए कमाल।

Rohit Sharma In Ranji Trophy 2025 : रणजी ट्रॉफी में (23 जनवरी) को जम्मू कश्मीर और मुंबई के बीच मुकाबला शुरू हुआ इस मुकाबले में रोहित शर्मा और यशस्वी जयसवाल दोनों ही फ्ल���प रहे: 9 साल बाद रोहित शर्मा रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए उतरे थे लेकिन उन्होंने कुछ खास नहीं किया रोहित शर्मा ने तीन रन बनाकर अपना विकेट पारस डोगरा के हाथों उमर नजीर की गेंद पर आउट हुए।
भारतीय स्टेट और वनडे टीम के कप्तान रोहित शर्मा लगभग एक दशक के अंतराल के बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी की मुंबई की टीम आज गुरुवार से मुंबई के बीकेसी मैदान पर जम्मू कश्मीर से खेलने उतरी इस दौरान सभी की निगाहें रोहित शर्मा और यशस्वी जयसवाल पर थी बुधवार की रात कोलकाता T20 में धमाकेदार प्रदर्शन से जहां फैंस उत्साहित दिखे वहीं अगली सुबह यानी गुरुवार को उन्हें निराशा हाथ लगी दरअसल घरेलू क्रिकेट में हाथ आजमाने उतरे टीम इंडिया के वनडे और टेस्ट टीम के कप्तान रोहित शर्मा का फेल होने का सिलसिला जारी रहा।
रणजी ट्रॉफी में मुंबई और जम्मू कश्मीर के बीच आज 23 जनवरी से शुरू हुए मुकाबले में टॉस अजिंक्य रहाणे ने जीता उन्होंने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया मैच में रोहित शर्मा और यशस्वी जयसवाल दोनों ही फ्लॉप रहे यशस्वी जायसवाल 4 रन बनाकर आकीब नबी की गेंद पर एलपीडब्ल्यू आउट हुए वहीं रोहित शर्मा भी 3 रन बनाकर पारस डोगरा के हाथों उमर नजीर की गेंद पर लपके गए रोहित शर्मा 9 साल 3 महीने बाद रणजी में खेलने उतरे थे।
पिछली कई पारी रोहित शर्मा के लिए रही बुरी:
पिछले कुछ महीनो से 37 साल के रोहित शर्मा बड़ी पारी नहीं खेल पा रहे हैं वह घरेलू सरजमीं पर न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में मिली करारी शिकस्त के बाद आलोचना का सामना कर रहे हैं रोहित शर्मा पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे में तीन टेस्ट की पांच पारियों में महज 31 रन बना पाए थे।
जम्मू कश्मीर के खिलाफ यह मैच इस सत्र में रोहित शर्मा के लिए एकमात्र मुकाबला हो सकता है रोहित शर्मा इंग्लैंड के खिलाफ 6 फरवरी से शुरू होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज और उसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की कप्तानी करेंगे।
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टखने के फ्रैक्चर के इलाज के लिए सईम अयूब लंदन जाएंगे | क्रिकेट समाचार
नई दिल्ली: के साथ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी बस एक महीने से अधिक दूर, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड भेजने का निर्णय लिया है सईम अय्यूब उनके दाहिने टखने में फ्रैक्चर के बाद इलाज के लिए लंदन ले जाया गया। सलामी बल्लेबाज को केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन चोट लगी थी।अयूब की चोट के कारण वह कम से कम छह सप्ताह तक मैदान से दूर रहेंगे, जिससे आगामी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए उनकी उपलब्धता…

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ऑस्ट्रे्लिया के ख़िलाफ़ पांचवें टेस्ट में 185 रनों पर सिमटी भारत की पहली पारी
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सिडनी में बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी के लिए खेले जा रहे टेस्ट मैच में भारतीय टीम की पहली पारी 185 रनों पर सिमट गई है. पहले दिन 72.2 ओवर में ही भारत के सभी बल्लेबाज आउट हो गए. मोहम्मद सिराज को छोड़ बाकी सभी खिलाड़ी आउट हो गए. इस सिरीज़ में अब तक कुल चार मैच खेले जा चुके हैं. इनमें से दो मैच ऑस्ट्रेलिया ने ज���ते हैं. और वो सिरीज में 2-1 से आगे है. भारत ने पहला मैच जीता था.…
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कप्तान रोहित शर्मा के बाहर होने से खुला बड़ा राज, जानें हेड कोच गौतम गंभीर के साथ क्या हुई थी चर्चा
Cricket News: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज का पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच नहीं खेल रहे हैं. इस टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह क��्तानी कर रहे हैं जिन्होंने सीरीज पहले टेस्ट में भी टीम इंडिया की कमान संभाली थी. सिडनी में टॉस पहले रोहित को हेड कोच गौतम गंभीर के साथ लंबे समय तक बातचीत करते हुए देखा गया. कोच और कप्तान के बीच बातचीत को जसप्रीत बुमराह भी बड़े गौर से…
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Surrogacy Trends: Answers To All Your Questions About The Process

Introduction
सरोगेसी एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके तहत एक महिला किसी अन्य व्यक्ति या परिवार के लिए गर्भधारण करती है और बच्चे को जन्म देती है. जन्म के बाद बच्चे को कानूनी रूप से अपनाया जाता है. लोग कई वजहों से सरोगेसी का सहारा लेते हैं, जैसे कि बांझपन, गर्भावस्था में खतरा या गर्भधारण ना कर पाना. इसके बाद किसी ऐसी महिला को चुना जाता है जो उनके बच्चे को जन्म दे सके. बच्चे को जन्म देने वाली महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है. बच्चे की कस्टडी लेने वाले व्यक्ति को कमीशनिंग माता-पिता कहा जाता है. सरोगेट माताओं को आमतौर पर एजेंसियों के जरिए बच्चे की इच्छा रखने वाले माता-पिता से मिलवाया जाता है. सेरोगेट मदर के मिल जाने से लेकर बच्चा होने तक की सभी प्रक्रियाओं में ये कपल पूरी तरह से शामिल होता है.
Table Of Content
कई वजह से लोग अपनाते हैं सरोगेसी
क्या है सरोगेसी ?
कितने तरीके की होती है सरोगेसी ?
वेबएमडी की रिपोर्ट ने किया खुलासा
जेस्टेशनल सरोगेसी की प्रक्रिया है कठिन
कौन सी महिला बन सकती है सरोगेट मां
सरोगेसी की प्रक्रिया
क्या भीरत में लीगल है सरोगेसी?
क्या है भारत में सरोगेसी के अधिनियम ?
सरोगेसी बिल 2019
सरोगेसी की अनुमति कब दी जाती है?
क्या है सरोगेट बनने के लिए योग्यता?
सरोगेसी कानून की कुछ अन्य बारीकियां
कितना होता है खर्च?
बॉलीवुड के इन कपल्स ने उठाई सरोगेसी की सुविधा
सरोगेसी पर बॉलीवुड में बनी हैं कई फिल्में
कई वजह से लोग अपनाते हैं सरोगेसी
सरोगेसी व्यवस्था में पैसों का मुआवजा भी शामिल हो सकता है और नहीं भी. व्यवस्था के लिए पैसे प्राप्त करना कमर्शियल सरोगेसी कहलाती है. आपको बता दें कि हमारे देश में भी कई जानी-��ानी हस्तियों ने सरोगेसी के जरिए अपना माता-पिता बनने का सपना पूरा किया है.
क्या है सरोगेसी ?
पिछले कुछ सालों में सरोगेसी शब्द महिलाओं और आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है या कहें कि खूब सुनने को मिल रहा है. इस कड़ी में साल 2022 में इस शब्द को सबसे ज्यादा गूगल भी किया गया. देश में कुछ लोगों को सरोगेसी के बारे में जानकारी है, लेकिन अब भी ज्यादाकर लोग इस शब्द से अनजान हैं. सरोगेसी शब्द अचानक उस समय लोकप्रिय हो गया जब एक के बाद एक बॉलीवुड के कई सितारे इसके जरिए मां-बाप बने. सरोगेसी के जरिए प्रियंका चोपड़ा, शाहरुख खान, आमिर खान, करण जोहर, शिल्पा शेट्टी, प्रीति जिंटा जैसे कई बड़े स्टार्स माता-पिता बन चुके हैं. सरल शब्दों में अगर इसे समझाएं तो अपनी पत्नी के अलावा किसी दूसरी महिला की कोख में अपने बच्चे को पालना सरोगेसी कहलाता है.
कितने तरीके की होती है सरोगेसी ?
आमतौर पर सरोगेसी दो प्रकार की होती है. इसमें ट्रेडिशनल सरोगेसी और जेस्टेशनल सरोगेसी शामिल है. आइए जानतें हैं दोनों के बीच में क्या अंतर हैं.
ट्रेडिशनल सरोगेसी: ट्रेडिशनल सरोगेसी में डोनर या पिता के शुक्राणु को सेरोगेट मदर के अंडाणु से मैच कराया जाता है. इसके बाद डॉक्टर कृत्रिम तरीके से सरोगेट महिला के कर्विक्स, फैलोपियन ट्यूब्स या यूटेरस में स्पर्म को सीधे प्रवेश कराते हैं. इससे प्रक्रिया के दौरान स्पर्म बिना किसी परेशानी के महिला के यूटेरस में पहुंच जाता है. इस प्रक्रिया में बच्चे की बायोलॉजिकल मदर सरोगेट मदर ही होती है. यानी जिसकी कोख किराए पर ली गई है. अगर होने वाले पिता का स्पर्म इस्तेमाल नहीं किया जाता तो किसी डोनर के स्पर्म का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इस स्थिति में पिता का बच्चे के साथ जेनेटिकली रिलेशन नहीं होता है. इस टर्म को ट्रेडिशनल या पारंपरिक सरोगेसी कहा जाता है.
जेस्टेशनल सरोगेसी: भारत में जेस्टेशनल सरोगेसी ज्यादा प्रचलन में है. इसमें माता-पिता के शुक्राणु और अंडाणु को मिलाकर सेरोगेट मदर की कोख में रखा जाता है. इस प्रक्रिया में सरोगेट मदर केवल बच्चे को जन्म देती है, उसका बच्चे से जेनेटिकली रिलेशन नहीं होता है. बच्चे की मां सरोगेसी कराने वाली महिला ही होती है. बता दें कि इसमें पिता के स्पर्म और माता के एग्स का मेल डोनर के स्पर्म और एग्स का मेल टेस्ट ट्यूब कराने के बाद इसे सरोगेट मदर के यूटेरस में ट्रांसप्लांट किया जाता है.
वेबएमडी की रिपोर्ट ने किया खुलासा
अमेरिका में स्थापित वेबएमडी के मुताबिक जेस्टेशनल सरोगेसी कानूनी रूप से कम कठिन है, क्योंकि इसमे माता-पिता दोनों के बच्चे के साथ जेनेटिकली रिलेशन होते हैं. पारंपरिक सरोगेसी की तुलना में जेस्टेशनल सरोगेसी अधिक आम हो गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह है जेनेटिकली रिलेशन. जेस्टेशनल सरोगेसी का उपयोग करके अमेरिका में हर साल करीब 750 बच्चे पैदा होते हैं.
जेस्टेशनल सरोगेसी की प्रक्रिया है कठिन
यहां बता दें कि जेस्टेशनल सरोगेसी की मेडिकल प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती है. इसमें आईवीएफ का तरीका अपनाकर भ्रूण बनाया जाता है और फिर उसे सरोगेट महिला में ट्रांसफर किया जाता है. हालांकि, आईवीएफ का यूज ट्रेडिशनल सरोगेसी में भी हो सकता है लेकिन ज्यादातर मामलों में आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन ही अपनाया जाता है. इस प्रक्रिया में ज्यादा परेशानी नहीं होती. इसमें सरोगेट महिला को अलग-अलग तरहों की जांच से छुटकारा मिल जाता है और ट्रीटमेंट भी नहीं कराना पड़ता.
कौन सी महिला बन सकती है सरोगेट मां
सरोगेसी में रुचि रखने वाले अधिकांश कपल प्रक्रिया और इलाज की लागत पर चर्चा करने के लिए सरोगेसी एजेंसी से मिलते हैं. एजेंसी उन्हें जेस्टेशनल कैरियर से मिलाने में मदद करती है. होने वाले माता-पिता और कैरियर के बीच कानूनी समझौते स्थापित करने में भी मदद करती हैं. कुछ कपल अपनी जनरेशन को आगे बढ़ाने के लिए अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को कैरियर के रूप में चुनते हैं. सरोगेट मदर वह महिला बन सकती है जो विवाहित हो या तलाकशुदा हो. कुंवारी महिलाओं इसके लिए वैध्य नहीं हैं. इसके साथ ही चुनी गई महिला का कम से कम एक बच्चा पहले से ही हो. भारतीय अधिनियमों के तहत सरोगेट मदर बनने वाली महिला भारत की नागरिक होनी चाहिए और उस महिला की उम्र 25 से 35 वर्ष के अंदर होनी चाहिए. इसके साथ ही डॉक्टरों ने उस महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बताया हो.
सरोगेसी की प्रक्रिया
सरोगेसी की प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती है. इस प्रक्रिया से गुजरने के लिए सबसे पहले लीगल एग्रीमेंट से गुजरना होता है. सबसे पहले सरोगेट चाइल्ड की इच्छा रखने वाले माता-पिता और सरोगेट मदर के बीच एक लीगल एग्रीमेंट बनवाया जाता है. इसमें सरोगेसी से जुड़ी सारी शर्तें लिखी जाती हैं, जैसे कि सरोगेट मदर सिर्फ बच्चे को अपने गर्भ में रखेगी और उसके जन्म के बाद उसे उनके लीगल पेरेंट को सौंपना होगा. इस एग्रीमेंट में सरोगेट मदर की फीस भी लिखी होती है.
एंब्रियो ट्रांसफर
इस चरण में अंडे और स्पर्म को साथ लेकर फर्टिलाइज कराया जाता है. जब वह एंब्रियो में परिवर्तित हो जाता है, तो उसे सरोगेट मदर के गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
गर्भावस्था और प्रसव
एंब्रियो ट्रांसफर के कुछ समय के बाद महिलाएं गर्भ धारण कर लेती हैं और इसके कुछ समय के बाद वह प्राकृतिक रूप से एक बच्चे को जन्म भी देती है. बच्चे की इच्छा रखने वाले माता-पिता हमेशा एक स्वस्थ सरोगेट मदर की खोज में होते हैं, क्योंकि वह स्वस्थ संतान की इच्छा रखते हैं.
पेरेंट को बच्चे को सौंपना
एग्रीमेंट की तर्ज पर बच्चे के जन्म के बाद उसे इंटेंडेड पेरेंट को सौंप दिया जाता है और उसी दौरान सरोगेट मदर की पूरी फीस भी दे दी जाती है.
क्या भीरत में लीगल है सरोगेसी?
गौरतलब है कि कई देशों में सरोगेसी को अवैध माना जाता है. हालांकि, भारत की बात करें तो, यहां सरोगेसी मान्य है. लेकिन इसे लेकर कुछ नियम कानून भी हैं, जिनका ��ालन करना बेहद जरूरी है. इसे लेकर नियम कानून हाल ही में लाए गए हैं, वो भी इसलिए क्योंकि सरोगेसी को लोग व्यवसायिक रूप न दे सकें और इसका यूज जरूरतमंद कपल ही उठा सकें. भारत सरकार ने सरोगेसी के नियम कानून में बदलाव किए और इसे सख्त बनाया.
क्या है भारत में सरोगेसी के अधिनियम ?
सरोगेसी बिल 2019
सरोगेसी को अवैध रूप से रोकने के लिए सरोगेसी बिल का प्रस्ताव साल 2019 में रखा गया था. उस दौरान लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन न��� इस बिल को पेश किया था. इस बिल में नेशनल सरोगेसी बोर्ड, स्टेट सरोगेसी बोर्ड के गठन की बात कही गई है. वहीं, इस बिल में सरोगेसी की निगरानी करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने का भी प्रावधान है. सरोगेसी की अनुमति सिर्फ उन कपल्स को दी जाती है जो विवाहित हैं. इन सुविधाओं को लेने के लिए कई शर्तें पूरी करनी होती है. जैसे जो महिला सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार होगी, उसकी सेहत और सुरक्षा का ध्यान सरोगेसी की सुविधा लेने वाले को रखना होगा. सरोगेसी बिल 2019 व्यावसायिक सरोगेसी पर रोक लगाता है, लेकिन स्वार्थहीन सरोगेसी की अनुमति देता है. निस्वार्थ सरोगेसी में गर्भावस्था के दौरान चिकित्सा में खर्चे और बीमा कवरेज के अलावा सरोगेट मां को किसी तरह का पैसा या मुआवजा नहीं दिया जाता. वहीं, कमर्शियल सरोगेसी में, चिकित्सा पर आए खर्च और बीमा कवरेज के साथ पैसा या फिर दूसरी तरह की सुविधाएं दी जाती.
सरोगेसी की अनुमति कब दी जाती है?
सरोगेसी की अनुमति उन कपल्स को दी जाती है जो जो इन्फर्टिलिटी से जूझ रहे हों. इसके अलावा जिन कपल्स का इससे कोई स्वार्थ न जुड़ा हो. इसके अलावा बच्चों को बेचने, देह व्यापार या अन्य प्रकार के शोषण के लिए सरोगेसी न की जा रही हो और जब कोई किसी गंभीर बीमारी से गुजर रहा हो, जिसकी वजह से गर्भधारण करना मुश्किल हो रहा हो.
क्या है सरोगेट बनने के लिए योग्यता?
सरोगेट बनने के लिए एलिजिबल होती है. इसके लिए महिला की उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए. वह शादीशुदा होनी चाहिए और उसके पास अपने खुद के बच्चे भी होने चाहिए. इसके अलावा वो पहली बार सरोगेट होनी चाहिए. भारत में सरोगेट बस एक बार ही बन सकती है. इन सबके के अलावा महिला मानसिक रूप से फिट होनी चाहिए. एक बार दंपति और सरोगेट ने अपना प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया, तो वे भ्रूण स्थानांतरण के लिए सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी केंद्र से संपर्क कर सकते हैं. कानून की मानें तो सरोगेट मां और दंपति को अपने आधार कार्ड को लिंक करना होता है. यह व्यवस्था में शामिल व्यक्तियों के बायोमेट्रिक्स का पता लगाने में मदद करेगा, जिससे धोखाधड़ी की गुंजाइश कम हो जाएगी.
सरोगेसी कानून की कुछ अन्य बारीकियां
भारतीय विवाह अधिनियम गे कपल्स की शादी क�� मान्यता नहीं देता है. इसलिए, समलैंगिक जोड़े बच्चे पैदा करने के लिए सरोगेसी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. एक बार कॉन्ट्रैक्ट होने के बाद महिला इससे इन्कार नहीं कर सकती है और न ही अपनी मर्जी से गर्भ को खत्म कर सकती है. कानून कहता है कि सरोगेसी प्रोसेस में भ्रूण से मां बाप का रिश्ता होना जरूरी है, या तो पिता से हो मां से हो या फिर दोनों से.
यहां बता दें कि अगर भारतीय कपल्स देश के बाहर सरोगेसी की सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो, इससे पैदा होने वाले बच्चे को भारतीय नागरिक के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी.
सरोगेसी से जन्मे बच्चे 18 वर्ष के होने पर यह जानने के अधिकार का दावा कर सकते हैं कि वे सरोगेसी से पैदा हुए हैं. वे सरोगेट मां की पहचान का पता लगाने का भी अधिकार रखते हैं.
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कितना होता है खर्च?
सरोगेसी करवाने का कोई फिक्स अमाउंट नहीं होता. कपल अपने बच्चे को जितना स्वस्थ चाहते हैं उस हिसाब से वह सरोगेट मदर की अच्छी देखभाल और रेगुलर चेकअप पर होने वाले खर्चे के हिसाब से इस प्रक्रिया पर खर्चा होता है. सरोगेट मदर के खानपान, रेगुलर चेकअप से लेकर बच्चे के पैदा होने तक जो भी खर्चा आता है वो सब इस प्रक्रिया में शामिल होता है. इसमे सरोगेसी मदर को भी पैसा दिया जाता है. सरोगेसी के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खर्चे से संबंधित सभी बातें लिखी हुई होती हैं.
बॉलीवुड के इन कपल्स ने उठाई सरोगेसी की सुविधा
एक्ट्रेस सनी ल्योनी तीन बच्चों की मां हैं. उन्होंने सबसे पहले एक बच्ची को गोद लिया था, जिसे अक्सर सनी के साथ देखा जाता है. इसके अलावा सनी सेरोगेसी की मदद से दो जुड़ावा बच्चों की मां बनी हैं, जिनके नाम अशर सिंह वेबर और नोहा सिंह वेवर हैं. सनी और उनके पति डेनियल साल 2018 में इन बच्चों के पेरेंट्स बने थे.
बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान भी 3 बच्चों के पिता हैं. उनके बड़े बेटे का नाम आर्यन है और बेटी का नाम सुहाना. बता दें कि शाहरुख के तीसरे बेटे अबराम का जन्म सरोगेसी के जरिए हुआ है. साल 2013 में शाहरुख अबराम के पिता बने थे.
बालाजी प्रोड्क्शन की मालकिन एकता कपूर भी सेरोगेसी की मदद से मां बनीं. एकता एक सिंगल पेरेंट हैं. एकता के बच्चे का नाम रवि है.
आमिर खान और उनकी पत्नि किरण राव साल 2011 में सेरेगेसी की मदद से एक बच्चे के माता-पिता बने. आमिर ने अपने छोटे बेटे का नाम आजाद राव खान रखा है.
इस लिस्ट में प्रीति जिंटा का नाम भी शामिल है. प्रीति सेरेगेसी की मदद से जुड़वा बच्चों की मां बन चुकी हैं. उन्होंने दोनों बच्चों के नाम जय और जिया रखे हैं.
बॉलीवुड की देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा ह���ंदी सिनेमा के साथ हॉलीवुड में भी अपने अभिनय से खूब नाम कमा रही हैं. यहां बता दें कि प्रियंका चोपड़ा और उनके पति निक जोनस सरोगेसी की मदद से पेरेंट्स बने हैं. अभिनेत्री ने 21 जनवरी, 2022 को सोशल मीडिया पर इस बात की आधिकारिक घोषणा की थी.
सरोगेसी पर बॉलीवुड में बनी हैं कई फिल्में
सरोगेसी एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर चर्चा होती है. सरोगेसी पर बॉलीवुड में कई फिल्में बनी हैं. इनमें साल 1983 में आई ‘दूसरी दुल्हन’ से लेकर कृति सेनन की फिल्म ‘मिमी’ तक का नाम शामिल है. इन फिल्मों ने मनोरंज के साथ-साथ समाज को हमेशा एक नई सोच देने की कोशिश की है. बदलते समाज में सरोगेसी एक ऐसी जरूरत बन गई है, जिसे लेकर सरकार ने भी कई कदम उठाए हैं.
‘दूसरी दुल्हन’
‘दूसरी दुल्हन’ साल 1983 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में विक्टर बनर्जी और शर्मिला टैगोर मुख्य भूमिका में थे. फिल्म में शबाना आजमी ने कमाठीपुरा की एक वेश्या का किरदार निभाया था. इस फिल्म में शबाना आजमी सरोगेट मां का किरदार निभाया था.
‘चोरी चोरी चुपके चुपके’
फिल्म ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’ में सलमान खान और रानी मुखर्जी एक कपल के रूप में नजर आए थे. इस फिल्म में प्रीति जिंटा ने सरोगेट मां का किरदार निभाया है. इस फिल्म का डायरेक्शन अब्बास-मुस्तान ने किया था. फिल्म 9 मार्च, 2001 को रिलीज हुई थी.
‘फिलहाल’
साल 2002 में रिलीज हुई फिल्म ‘फिलहाल’ भी सरोगेसी पर आधारित है. इस फिल्म में सुष्मिता सेन ने सरोगेट मां का किरदार निभाया है.
‘गुड न्यूज’
करीना कपूर, अक्षय कुमार, कियारा आडवाणी, दिलजीत दोसांझ की फिल्म ‘गुड न्यूज’ वैसे तो आईवीएफ पर है, लेकिन कहानी में हालात ऐसे बनते हैं कि दोनों महिलाएं सेरोगेट मदर बन जाती हैं.
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‘मिमी’
बॉलिवुड एक्ट्रेस कृति सेनन की फिल्म ‘मिमी’ भी सरोगेट मदर की कहानी दिखाती है. फिल्म में कृति के साथ पंकज त्रिपाठी भी अहम भूमिका में हैं.
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