#चैत्र नवरात्रि 2023
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लखनऊ, दिनांक 22 मार्च, 2023 | चैत्र या वासन्ती नवरात्र प्रारम्भ के पावन अवसर पर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सेक्टर-25, इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में, ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा ट्रस्ट की न्यासी श्रीमती (डॉ०) रूपल अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलन करके, दुर्गा माता के चित्र पर माल्यार्पण किया तथा पुष्प अर्पित करके, चैत्र नवरात्र का पर्व मनाया l
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी लोगों को नवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि, "हम सभी जानते हैं कि नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है । नवरात्रि एक महत्वपूर्ण पर्व है जो हिंदू धर्म में मां शक्ति की पूजा के रूप में मनाया जाता है । चैत्र में आने वाले नवरात्र में अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा का विशेष प्रावधान माना गया है । वैसे दोनों ही नवरात्र मनाए जाते हैं फिर भी इस नवरात्र को कुल देवी-देवताओं के पूजन की दृष्टि से विशेष मानते हैं । आज के भागमभाग के युग में अधिकाँश लोग अपने कुल देवी-देवताओं को भूलते जा रहे हैं । कुछ लोग समयाभाव के कारण भी पूजा-पाठ में कम ध्यान दे पाते हैं । जबकि इस ओर ध्यान देकर आने वाली अनजान मुसीबतों से बचा जा सकता है । ये कोई अन्धविश्वास नहीं बल्कि शाश्वत सत्य है । हमारी संस्था हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समाज में निःस्वार्थ सेवा करने के लिए समर्पित है । हम नवरात्रि के इस अवसर पर सभी लोगों को धार्मिक उत्साह से जुड़ने की अपील करते हैं । दैवीय शक्तियों में आस्था ही भारत की सबसे बड़ी शक्ति है और इसी आस्था की उपासना के लिए नवरात्रि मनाई जाती है I दुर्गा शब्द शक्ति और ऊर्जा का पर्यायवाची होता है यानी कि अपने नाम के अनुरूप ही दुर्गा पूजन का त्यौहार लोगों में एक नई ऊर्जा का संचार करता है और उन्हें अधर्म और बुराई के खिलाफ लड़ने की शक्ति प्रदान करता है । हमें प्रतिवर्ष सामूहिक रूप से संगठित होकर नवरात्रि का त्यौहार मनाना चाहिए और अपनी आस्था एवं विश्वास को और भी दृढ़ बनाना चाहिए क्योंकि यही आस्था और विश्वास हमें कुछ करने की शक्ति प्रदान करते हैं ।"
इस अवसर पर ट्रस्ट के स्वयंसेवकों क�� उपस्थिति रही l
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🐅 चैत्र नवरात्रि : पञ्चमी: माँ स्कन्दमाता [26 March 2023]
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ॥
जब देवी पार्वती भगवान स्कंद की माता बनीं, तब माता पार्वती को देवी स्कंदमाता के रूप में जाना गया। वह कमल के फूल पर विराजमान हैं, और इसी वजह से स्कंदमाता को देवी पद्मासना के नाम से भी जाना जाता हैं।
तिथि: चैत्र शुक्ल पञ्चमी अन्य नाम: देवी पद्मासना सवारी: उग्र शेर अत्र-शस्त्र: चार हाथ - कमल, कमल, बाल मुरुगन, अभय मुद्रा में है। मुद्रा: मातृत्व रूप ग्रह: बुद्ध शुभ रंग: गहरा नीला 📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/navratri
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🐅 जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी: आरती - Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri 📲 https://www.bhaktibharat.com/katha/gangaur-vrat-katha
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💥नवरात्रि विशेष 💥
कल रविवार 15 अक्टूबर से देवी दुर्गा का नौ दिवसीय पर्व नवरात्रि शुरू हो रहा है. कल रविवार को घट कलश स्थापना होगी. ये पर्व 23 अक्टूबर तक चलेगा. इस साल देवी दुर्गा का वाहन हाथी है. शास्त्रों की मान्यता है कि नवरात्रि में जब देवी हाथी पर सवार होकर आती हैं, तब ज्यादा बारिश के योग बनते हैं. आइए जानते हैं इस पर्व की संपूर्ण जानकारी-
🌞नवरात्रि पर योग🌞
👉 इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पूरे 9 दिनों का होगा और 30 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. शारदीय नवरात्रि पर बुधादित्य योग, शश राजयोग और भद्र राजयोग का निर्माण हो रहा है. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का आरंभ रविवार 15 अक्टूबर 2023 से हो रहा है।
👉देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि महालया के दिन जब पितृगण धरती से लौटते हैं तब मां दुर्गा अपने परिवार और गणों के साथ पृथ्वी पर आती हैं. जिस दिन नवरात्र का आरंभ होता है उस दिन के हिसाब से माता हर बार अलग-अलग वाहनों से आती हैं।
👉माता का अलग-अलग वाहनों से आना भविष्य के लिए स��केत भी होता है जिससे पता चलता है कि आने वाला साल कैसा रहेगा. वैसे तो देवी दुर्गा का वाहन सिंह है, लेकिन नवरात्रि की शुरुआत में वार के अनुसार देवी का वाहन बदल जाता है।
👉इस बार नवरात्रि रविवार से शुरू हो रही है, इस कारण देवी का वाहन हाथी रहेगा. देवी के इस वाहन का संदेश ये है कि आने वाले समय में देश को लाभ हो सकता है. लोगों को सुख-समृद्धि मिलेगी।
👉 हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. मां दुर्गा की उपासना का पर्व साल में चार बार आता है. जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो चैत्र व शारदीय नवरात्रि होती है।
👉शारदीय नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है. नवरात्रि की शुरुआत कल रविवार 15 अक्टूबर 2023 से होगी. 23 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि समाप्त होगी।
👉24 अक्टूबर विजयादशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।
👉धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं तो ये बेहद शुभ माना जाता है. हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा अपने साथ ढेर सारी खुशियां और सुख-समृद्धि लेकर आती हैं. मां का वा���न हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है. इससे देश में आर्थिक समृद्धि आयेगी. साथ ही ज्ञान की वृद्धि होगी. हाथी को शुभ का प्रतीक माना गया है. ऐसे में आने वाला यह साल बहुत ही शुभ कार्य होगा. लोगों के बिगड़े काम बनेंगे. माता रानी की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी.
🌞कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त🌞
👉पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 तक है. ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस साल 48 मिनट ही रहेगा।
💥शारदीय नवरात्रि की तिथियां💥
👉15 अक्टूबर 2023 मां शैलपुत्री पहला दिन प्रतिपदा तिथि
👉16 अक्टूबर 2023 मां ब्रह्मचारिणी दूसरा दिन द्वितीया तिथि
👉17 अक्टूबर 2023 मां चंद्रघंटा तीसरा दिन तृतीया तिथि
👉18 अक्टूबर 2023 मां कुष्मांडा चौथा दिन चतुर्थी तिथि
👉19 अक्टूबर 2023 मां स्कंदमाता पांचवा दिन पंचमी तिथि
👉20 अक्टूबर 2023 मां कात्यायनी छठा दिन षष्ठी तिथि
👉21 अक्टूबर 2023 मां कालरात्रि सातवां दिन सप्तमी तिथि
👉22 अक्टूबर 2023 मां महागौरी आठवां दिन दुर्गा अष्टमी
👉23 अक्टूबर 2023 महानवमी नौवां दिन शरद नवरात्र व्रत पारण
👉24 अक्टूबर 2023 दशहरा मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन
💥कलश स्थापना की सामग्री💥
👉मां दुर्गा को लाल रंग खास पसंद है इसलिए लाल रंग का ही आसन खरीदें. इसके अलावा कलश स्थापना के लिए मिट्टी का पात्र, जौ, मिट्टी, जल से भरा हुआ कलश, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और श्रृंगार पिटारी भी चाहिए।
💥कैस�� करें कलश स्थापना💥
👉नवरात्रि के पहले दिन ��ानी कि प्रतिपदा को सुबह स्नान कर लें. मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद सबसे पहले गणेश जी का नाम लें और फिर मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योत जलाएं. कलश स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं. अब एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं. लोटे के ऊपरी हिस्से में मौली बांधें.
👉अब इस लोटे में पानी भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं. फिर उसमें सवा रुपया, दूब, सुपारी, इत्र और अक्षत डालें. इसके बाद कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते लगाएं. अब एक नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर उसे मौली से बांध दें.
फिर नारियल को कलश के ऊपर रख दें. अब इस कलश को मिट्टी के उस पात्र के ठीक बीचों बीच रख दें जिसमें आपने जौ बोएं हैं. कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्प लिया जाता है. आप चाहें तो कलश स्थापना के साथ ही माता के नाम की अखंड ज्योति भी जला सकते हैं
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नवरात्रि कलश स्थापना का ये मुहूर्त है सबसे बेस्ट, नोट करें पूजन सामग्री
Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। मां दुर्गा की उपासना का पर्व साल में चार बार आता है। जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो चैत्र व शारदीय नवरात्रि होती है। शारदीय नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। शारदीय नवरात्रि का पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है, जो कि नवमी तिथि को समाप्त होंगी। इसके बाद दशहरा मनाया जाएगा।…
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(नवमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*नवमी तिथि मधुमास पुनीता।*
*शुक्लपक्ष अभिजित हरिप्रीता।।*
*मध्य दिवस अति शीत न घामा।*
*पावन काल लोक विश्रामा।।*
*हमारे प्रातः स्मरणीय परम आराध्य पुरुषोत्तम 🏹भगवान श्रीराम🚩 के प्राकट्य दिवस (रामनवमी) की आपको और आपके परिवार को ईष्ट मित्रो सहित अनन्त कोटि-कोटि शुभकामनाएं।*
*🙏🏻🌺सदैव आपका🌺🙏🏻*
*🚩🏹पङित रघुवीर सिंह गहलोत🏹🚩*
※══❖═══▩जयश्रीराम▩═══❖══※
🙏🏻 *सुख-समृद्धि के लिए करें मां सिद्धिदात्री की पूजा*
*चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।* मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र, जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां स्वत: ही भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह ��ाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
※══❖═══▩जयमातादी▩═══❖══※
दिनांक :-30-मार्च-2023
वार:--------गुरुवार
तिथी :-------09नवमी:-23:31
पक्ष :---------शुक्लपक्ष
माह:---------चैत्र
नक्षत्र :---------पुनर्वसु:-23:00
योग:----------अतिगंड:-25:01
करण:---------बालव:-09:17
चन्द्रमा:------मिथुन 16:16/कर्क
सुर्योदय:--------18:35
सुर्यास्त:---------18:50
दिशा शूल---------दक्षिण
निवारण उपाय:-----राई का सेवन
ऋतु :-------------------बंसत ऋतु
गुलीक काल:---09:32से 11:04
राहू काल:-------14:09से15:41
अभीजित-------12:00से12:56
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-06:35से08:05तक
चंचल:-11:04से12:37तक
लाभ:-12:37से14:09तक
अमृत:-14:09से15:41तक
शुभ:-17:13से18:45तक
🌗चोघङिया रात🌓
अमृत:-18:45से20:13तक
चंचल:-20:13से21:41तक
लाभ:-00:36से01:54तक
शुभ:-03:38से05:06तक
अमृत:-05:06से06:34तक
आज के विशेष योग
वर्ष का009वा दिन, श्री रामनवमी, श्री स्वामीनारायण जयंती चैत्रनवरात्र समाप्त, रवियोग अहोरात्र, सिद्बियोग सूर्योदय से 22:59, गुरुपुष्यामृत सिद्बियोग 22:59 से सूर्योदय, पंचरात्रव्रत
(पारणा), मातृका व्रत, मेला रामनवमी,मेला महावीर जी प्रारंभ,
🙏🪷वास्तु टिप्स🪷🙏
दक्षिण-पश्चिम की दिशा में निर्मित कमरे का प्रयोग पूजा-अर्चना के लिए ना करे।
*सुविचार*
बारी मथे बरु होय घ्रीत, सिकता ते बरु तेल।
बिनु हरी भजन न भव तरिय यह सिद्धान्त अपेल।।
अर्थात
समुद्र को मथ के भले ही कोई घी निकाल ले, बालू से भले ही कोई तेल निकाल ले पर बिना राम की भक्ति के कोई भव् सागर से पार नहीं हो सकता
💐💐 सियावर रामचंद्र की जय💐💐
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*९ नवम सिद्धिदात्री यानि शतावरी -*
नवदुर्गा का नवम रूप सिद्धिदात्री है, जिसे
नारायणी याशतावरी कहते हैं। शतावरी बुद्धि बल एवं वीर्य के लिए उत्तम औषधि है। यह रक्त विकार एवं वात पित्त शोध नाशक और हृदय को बल देने वाली महाऔषधि है। सिद्धिदात्री का जो मनुष्य
नियमपूर्वक सेवन करता है। उसके सभी कष्ट स्वयं ही दू�� हो जाते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को सिद्धिदात्री देवी की आराधना करना चाहिए।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐑 *मेष*
दूर से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। कलह-दुर्घटनादि से हानि के योग हैं। व्यापार, नौकरी, निवेश से लाभ होगा। आने वाले धन में विलंब होगा।
🐂 *वृष*
निवेशादि लाभ देंगे। परीक्षा-साक्षात्कार में सफलता के योग हैं। यात्रा लाभदायक होगी। मनोमालिन्य होगा। निर्णय लेने में दुविधा होगी।
👫 *मिथुन*
शारीरिक कष्ट हो सकता है। व्यय बढ़ने से कष्ट होगा। जोखिम वाले कार्य न करें। पारिवारिक चिंता प्रतिस्पर्धा से उत्तेजना बढ़ेगी। व्यापार धीमा चलेगा।
🦀 *कर्क*
रुका हुआ धन वापस आएगा। पराक्रम से निवेश, व्यापार, नौकरी, परीक्षा में सफलता मिलेगी। यात्रा होगी। ऋण लेना पड़ सकता है।
🦁 *सिंह*
नई योजनाएं लागू होंगी। पराक्रम वृद्धि होगी। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। जल्दबाजी नुकसानदायक रहेगी।
💁 *कन्या*
धार्मिक यात्रा हो सकती है। निवेश, नौकरी में सफलता मिलने से राजकार्य बनने से उत्साह बढ़ेगा। व्यापार में नई योजनाओं का प्रारंभ होगा।
⚖ *तुला*
विवाद से दूर रहें। वाहन-मशीनरी का प्रयोग सावधानी से करें। जोखिम न उठाएं। शत्रु सक्रिय रहेंगे, धीरज रखें। पूँजी निवेश में लाभ होगा।
🦂 *वृश्चिक*
प्रेम-प्रसंगों में सफलता मिलेगी। राजकीय कार्य एवं निवेशादि लाभ देंगे। शत्रु शांत रहेंगे। मान-सम्मान बढ़ेगा। रुके कार्य में सफलता मिलेगी।
🏹 *धनु*
संपत्ति के कार्य से लाभ होगा। निवेश, नौकरी में सफलता मिलेगी। परीक्षा, साक्षात्कार में सफलता के योग हैं। दुस्साहस हानिकारक हो सकता है।
🐊 *मकर*
पराक्रम से लाभ होगा। निवेशादि से लाभ होगा। बौद्धिक कार्य में सफलता होगी। मिष्ठान्नादि का सुख मिलेगा। सामाजिक कार्यों में सम्मान प्राप्त होगा।
🏺 *कुंभ*
विवाद, दुर्घटना से हानि हो सकती है। जोखिम वाले कार्य टालें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय धीमा चलेगा। कार्ययोजना पर अमल जरूरी है।
🐬 *मीन*
यात्रा लाभकारी हो सकती है। प्रतिष्ठा-पराक्रम में वृद्धि होगी। रुके हुए कार्यों में गति आएगी। धनागम होगा। नवीन अनुबंध के कारण लाभ में वृद्धि होगी।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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Chaitra Navratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि के साथ चैत्र नवरात्रि आरंभ होती है। नवरात्रि 22 मार्च से
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Chaitra Navratri 2023 अष्टमी को मां महागौरी की पूजा से होगी मनोकामना पूरी, जानें पूजन विधि!
Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में आज मां महागौरी की पूजा की जाती है। महागौरी नवदुर्गा का आठवां स्वरूप हैं। महागौरी की आराधना से अलौकिक सिध्दियों का वरदान प्राप्त होता है। मां महागौरी की पूजा से सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है। इन देवी का वाहन वृषभ है और चार भुजाओं वाली मां अपने हाथों में अलग-अलग चीजों को धारण करती हैं।
मां की पूजन विधि
नवरात्रि में महागौरी की पूजा पीले या सफेद वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां के सामने दीपक जलाना चाहिए। कलश स्थापित करें कलश के नीचे चावल या गेहूं रखें।
माता की पूजा करने के लिए दूध, पीले या लाल फूल, चावल, सिंदूर, श्री, धूप, अगरबत्ती, को सामग्री में लेना चाहिए। प्रसाद और पान चढ़ाना चाहिए। पूजन में मंत्रों का इस्तेमाल करना चाहिए। (Chaitra Navratri 2023)
फिर हवन और आरती करके प्रसाद का वितरण करना चाहिए। यदि पूजा को मध्य रात्रि में की जाए तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ माने जाते हैं। मां महागौरी को नारियल को प्रसाद लगाना चाहिए,इससे आपकी इच्छा जरूर पूरी होती है।
Also Read: Chaitra Navratri 2023 Maha Ashtami: आज अष्टमी का दिन बेहद खास है, जानें कन्या पूजन, विधि और मुहूर्त के बारे में
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चित्रकूट गौरव दिवस में 1.51 लाख दीपक जलाएंगे सदगुरु ट्रस्ट के कार्यकर्ता:डा बी के जैन
सतना।30 मार्च 2023 श्री चैत्र नवरात्रि उत्सव की समाप्ति पर एवं रामनवमी के दिन चित्रकूट गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा।इस दिन समग्र चित्रकूट के नगरवासी एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा मिलकर धर्मनगरी चित्रकूट में 11 लाख दीपक प्रज्ज्वलित करेंगे जिसमें 5 लाख उत्तर प्रदेश के परिक्षेत्र में और 6 लाख मध्य प्रदेश के परिक्षेत्र जलाए जायेंगें। जिसमे श्री सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के कार्यकर्ता 1.51 लाख…
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चैत्र नवरात्रि की पौराणिक कथा | Navratri 2023 | Hindi Kahani | Bhakti Ka...
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चैत्र नवरात्र के पहले दिन तय हुई गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि
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उत्तरकाशी। चैत्र नवरात्रि 2023 के मौके पर पहले दिन यानी आज गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि और समय तय किया गया। इसके तहत आगामी 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। इससे पहले 21 अप्रैल को मां गंगा की भोग मूर्ति गंगोत्री के लिए प्रस्थान करेगी। गंगोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा भी शुरू हो जाएगी। देश, दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा को…
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राम नवमी का महत्व क्या है? [गुरुवार, 30 मार्च 2023]What is the Significance of Ram Navami?
राम नवमी कब, कैसे और क्यों? ❀ राम नवमी ❀ चैत्र नवरात्रि
राम नवमी मंत्र: ❀ श्री राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ❀ श्री राम रक्षा स्तोत्रम् ❀ श्री राम नाम तारक ❀ नाम रामायणम ❀ दैनिक हवन-यज्ञ विधि
❀ राम नवमी शुभकामना संदेश
नामावली: ❀ मंत्र: श्री विष्णुसहस्रनाम पाठ ❀ श्री राम चालीसा
श्री राम की आरतियाँ: ❀ रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती ❀ श्री रामचन्द्र जी ❀ श्री जानकीनाथ जी की आरती
राम नवमी भजन: ❀ राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ❀ जन्म बधाई भजन: घर घर बधाई बाजे रे देखो ❀ कभी राम बनके, कभी श्याम बनके भजन ❀ जय जय सुरनायक जन सुखदायक ❀ सीता राम, सीता राम, सीताराम कहिये ❀ अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं ❀ भए प्रगट कृपाला दीनदयाला ❀ श्री राम भजन
श्री राम मंदिर: ❀ श्री राम जन्मभूमि❀ श्री कालाराम मंदिर, नासिक❀ श्री राम मंदिर, सोमनाथ❀ श्री राम मंदिर, विवेक विहार❀ श्री राम मंदिर, भीमाशंकर❀ श्री राम मंदिर, शिकोहाबाद❀ श्री राम कृष्ण मंदिर, अशोक विहार श्री राम प्रेरक कहानियाँ:❀ भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण से छूटे भगवान चित्रगुप्त❀ नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे❀ राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न भाइयों का प्यार❀ ��रे हुए में राम को स्थान कहाँ?❀ श्री राम नाम जाप महिमा❀ सिय राम मय सब जग जानी❀ महिमा राम नाम की
अगले उत्सव, पर्व, व्रत एवं पूजा: ❀ कामदा एकादशी ❀ हनुमान जयंती / श्री हनुमान जन्मोत्सव
आरती | मंत्र | चालीसा | भजन | कथाएँ | नामावली | मंदिर | ब्लॉग 👇 📲 https://www.bhaktibharat.com/blogs/what-is-the-significance-of-ram-navami
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#RamNavami #Ram #ShriRam #JaiShriRam #RamChandra #navratri #navratri2023
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रामनवमी महापर्व पर सिया राम भक्त मंडल भिलाई द्वारा महाभोग का आयोजन
भिलाई । चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर 30 मार्च 2023 को रामनवमी महापर्व पर सिया राम भक्त मंडल,भिलाई की ओर से महाभोग दोपहर 1:00 बजे से एवं संगीत संध्या 7:00 से 11:00 बजे तक का आयोजन रखा गया है । जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कलाकार सुनील सोनी जी जिन्होंने छत्तीसगढ़ के कई सुपरहिट फिल्म जैसे मोर छैया भुइयां,हंस जन पगली फस जावे जैसे अनेक सुपरहिट फिल्मों पर अपना आवाज देकर छत्तीसगढ़ी फिल्मों को एक नई…
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नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की पूजा, जानिए संपूर्ण विधि और मंत्र
चैत्र नवरात्रि 2023 चौथे दिन का मुहूर्त -
• शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ- 24 मार्च को शाम 5 बजे से शुरू
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त- 25 मार्च को शाम 4 बजकर 23 मिनट से शुरूत्रि
मां कूष्मांडा की पूजा विधि -
• नवरात्रि के चौथे दिन प्रातः स्नान आदि के बाद माता कूष्मांडा को नमन करें।
• मां कूष्मांडा को जल पुष्प अर्पित कर मां का ध्यान करें।
• पूजा के दौरान देवी को पूरे मन से ��ूल, धूप, गंध, भोग चढ़ाएं।
• इस दिन पूजा के बाद मां कुष्मांडा को मा��पुए का भोग लगाएं।
• आखिर में अपने से बड़ों को प्रणाम कर प्रसाद वितरित करें और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।
माता का मंत्र -
सुरासम्पूर्णकलश��� रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।
Pandit Gopal Shastri Ji
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नवरात्रि में 5 सपनों का होता है विशेष महत्व, शेर शुभ दिन या अशुभ? यह स्वप्न शास्त्र है
डोमेन्स सपनों के बारे में जानकारी रखते हुए आप सतर्क हो सकते हैं कुछ सपने प्रांप्त्य जीवन के सुखमय होने का संकेत देते हैं। चैत्र नवरात्रि 2023 ड्रीम इंटरप्रिटेशन : स्वप्न शास्त्र ज्योतिष शास्त्र की एक ऐसी ही शाखा है जिससे मनुष्य को स्वप्न के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है। कई सपने किसी व्यक्ति को आने वाले भविष्य के शुभ संकेत देते हैं तो कुछ सपने ऐसे भी होते हैं जो बड़ी घटनाओं की ओर इशारा…
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3rd Day Of Chaitra Navratri 2023:चैत्र नवरात्रि के तृतीय के दिन ऐसे करें देवी चंद्रघंटा की आराधना, जानें पूजा विधि, मंत्र, आरती और सब कुछ
3rd Day Of Chaitra Navratri 2023 चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का अनुसरण किया जा सकता है:
1.सबसे पहले, पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें और मां चंद्रघंटा के लिए आसन स्थापित करें।
2.अपने मन को शुद्ध करने के लिए ध्यान करें और दिव्य मंत्रों का उच्चारण करें।
3.मूर्ति या छवि के सामने अगरबत्ती और दीप जलाएं।
4.पूजा के लिए प्रार्थना करें और ध्यान करें।
5.मां चंद्रघंटा को फूल, चावल, मिश्री और दूध से भोग चढ़ाएं।
6.चंद्रघंटा की आरती करें और प्रसाद बांटें।
इस विधि के अलावा, आप अपनी भावनाओं के अनुसार और संगीत, धुप, फूल आदि का उपयोग करके भी मां चंद्रघंटा की पूजा कर सकते हैं।
3rd Day Of Chaitra Navratri 2023 माँ चंद्रघंटा के भोग के रूप में आमतौर पर दूध, मिश्री, चावल और फूल चढ़ाए जाते हैं।
आप उन्हें यहां दिए गए तरीके से तैयार कर सकते हैं:
1.दूध को उबालें और उसमें मिश्री डालें। चावल अलग से पकाएं।
2.एक प्याले में गुड़ और दूध मिलाकर पकोड़े तलें।
3.फूलों को अलग-अलग रखें और उन्हें सजाएं।
ये भोग माँ चंद्रघंटा को अर्पित करने के बाद पूजा समाप्ति के बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
माँ चंद्रघंटा का स्वरूप वही होता है जैसा कि पुराणों में बताया गया है।
माँ चंद्रघंटा के स्वरूप की विवरण इस प्रकार हैं:
1.माँ चंद्रघंटा के वर्णन में उनकी दो हाथ होते हैं जिनमें साथ-साथ शंख और त्रिशूल भी होते हैं।
2.उनका वाहन शेर होता है।
3.माँ चंद्रघंटा के मुख पर चंद्रमा के समान शोभा और काले बाल होते हैं।
4.उनकी पहनावे में सफेद वस्त्र होता है जिसमें नीले और लाल रंग की झालरी होती है।
5.माँ चंद्रघंटा का स्वरूप सुंदर और भव्य होता है जो भक्तों को भक्ति और शक्ति का एहसास दिलाता है।
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