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#चाय पर चर्चा
sharpbharat · 4 days
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Jamshedpur bjp leader initiative : भाजपा नेता शिव शंकर सिंह ने की चाय पर चर्चा, पूछे लोगों के हाल
जमशेदपुर : जमशेदपुर के वरिष्ठ भाजपा नेता सह सामाजिक कार्यकर्ता शिव शंकर सिंह ने जमशेदपुर के भालूबासा शीतला मंदिर के समीप चाय की चुस्कियों के साथ स्थानीय गणमान्य नागरिकों से विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक विषयों पर विस्तृत चर्चा की. चर्चा के क्रम में लोगों ने स्थानीय समस्याओं से भाजपा नेता को अवगत कराया. लगातार सामाजिक कार्यों को अंजाम देते हुए अभी हाल में शिव शंकर सिंह ने जनसंपर्क के कार्यक्रमों…
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"गर्मी में लिवर की देखभाल: डिहाइड्रेशन से बचाव और स्वस्थ जीवनशैली के उपाय"

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गर्मी के मौसम में लिवर से जुड़ी समस्याओं का बढ़ना एक सामान्य बात है। लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो 500 से अधिक कार्य करता है। गर्मी में बढ़ते तापमान और बदलते खान-पान के कारण लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और लिवर फिट (best liver supplements) नहीं रह पाता।
पिछले लेख (5 liver problems during summer) में हमने गर्मी में लिवर सम्बन्धी समस्याओं के बढ़ने के कारणों पर विस्तृत चर्चा की थी। आइये इस लेख में हम जानेंगे कि गर्मी में लिवर सम्बन्धी समस्याओं की रोकथाम कैसे की जा सकती है और अपने लिवर और शरीर को कैसे फिट रखा जा सकता है।
डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण)
डिहाइड्रेशन के कारण लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो लिवर को विषाक्त पदार्थों को निकालने में कठिनाई होती है।
समाधान
1. पर्याप्त पानी पिएं: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। उदाहरण के लिए, हर घंटे एक गिलास पानी पीने की आदत डालें। पानी पीने से शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बना रहता है, जिससे लिवर को विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद मिलती है।
2. फलों का रस और नारियल पानी: ये शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, सुबह के नाश्ते में एक गिलास नारियल पानी पी सकते हैं। फलों का रस और नारियल पानी में विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
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3. इलेक्ट्रोलाइट्स: इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय पदार्थों का सेवन करें। जैसे कि ओआरएस (ORS) या स्पोर्ट्स ड्रिंक्स। इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में नमक और मिनरल्स का संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे लिवर की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
अस्वास्थ्यकर खान-पान (Unhealthy Food)
ये खाद्य पदार्थ उच्च मात्रा में वसा और शर्करा से भरपूर होते हैं, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकते है��। ऐसे खान-पान से बचना चाहिए और संतुलित और प्रोटीन युक्त आहार खाना चाहिए।
समाधान
1. ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज का सेवन करें: ये खाद्य पदार्थ विटामिन, खनिज, और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, अपने भोजन में सलाद और फल शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ लिवर को विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं और लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। साथ ही मल्टीविटामिन टेबलेट्स (Multivitamins Tablets) भी प्रयोग कर सकते हैं।
2. प्रोटीन का स्रोत (मछली, चिकन और दालें आदि) खाएं: प्रोटीन लिवर के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, दोपहर के भोजन में दाल और सब्जी का सेवन करें। प्रोटीन युक्त आहार लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है और लिवर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है। शरीर की डेली प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए डेली प्रोटीन पाउडर (Daily Protein Powder) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
3. फास्ट फूड से बचें: उदाहरण के लिए, बर्गर और पिज्जा की जगह घर का बना खाना खाएं। फास्ट फूड से बचने से लिवर पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
अल्कोहल का सेवन
अल्कोहल के सेवन से लिवर की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है और उसकी कार्यक्षमता में कमी आ सकती है। इसके अलावा, अल्कोहल के सेवन से लिवर में सूजन और संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
समाधान
1. अल्कोहल का सेवन कम करें: अल्कोहल लिवर के लिए विषाक्त होता है और इसके अधिक सेवन से लिवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, जितना कम हो सके, अल्कोहल का सेवन उतना करिये। इससे लिवर को खुद को डिटॉक्स (Liver Detox) करने का समय मिलता है और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
2. अल्कोहल के बजाय ताजे फलों का रस या हर्बल चाय पिएं: ये पेय पदार्थ लिवर के लिए फायदेमंद होते हैं और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं।
संक्रमण और विषाणु
गर्मी में संक्रमण और विषाणु का खतरा बढ़ जाता है। गर्मी में तापमान बढ़ने के कारण खाने-पीने की चीजों में बैक्टीरिया और विषाणु तेजी से बढ़ते हैं। दूषित पानी या भोजन के सेवन से हेपेटाइटिस ए और ई जैसे लिवर संक्रमण हो सकते हैं।
समाधान
1. हाथों को नियमित रूप से धोएं और स्वच्छता का ध्यान रखें: यह लिवर को संक्रमण और विषाणुओं से बचाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, खाने से पहले और बाद में हाथ धोएं। स्वच्छता का पालन करने से लिवर पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
2. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए पौष्टिक आहार लें: यह लिवर को संक्रमण और विषाणुओं से लड़ने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, विटामिन सी युक्त फल जैसे संतरा और नींबू खाएं। पौष्टिक आहार लिवर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है और लिवर की कार्यक्षमता को बनाए रखता है।
तनाव और थकान
गर्मी में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे तनाव और थकान बढ़ जाती है। थकान के कारण लिवर को आवश्यक ऊर्जा और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
समाधान
नियमित योग और ध्यान करें: यह लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, सुबह के समय 15-20 मिनट योग करें। योग और ध्यान से तनाव कम होता है और लिवर की कार्यक्षमता बढ़ती है।
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पर्याप्त नींद (रोजाना 7-8 घंटे) नींद लें: यह लिवर को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, रात 10 बजे सोने की आदत डालें। पर्याप्त नींद से लिवर की कोशिकाएं पुनर्जीवित होती हैं और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
नियमित व्यायाम करें: यह लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, शाम को 30 मिनट की सैर करें। व्यायाम से लिवर की कोशिकाएं सक्रिय रहती हैं और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
निष्कर्ष 
गर्मी के मौसम में लिवर की समस्याओं से बचने के लिए हमें अपने खान-पान, पानी की मात्रा, स्वच्छता, और जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, और नियमित व्यायाम से लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है। योग और ध्यान से तनाव कम होता है और लिवर की कार्यक्षमता बढ़ती है।
ध्यान दें कि यह जानकारी केवल सामान्य दर्शनीय उद्देश्यों के लिए है, अगर आपकी लिवर की समस्या गंभीर है और सुधार नहीं हो रहा है, तो किसी चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
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letsdiskuss-blog · 2 months
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राहुल गांधी ने ED के कार्रवाई के बारे में क्या कहा
राहुल गांधी ने हाल ही में एक बयान में दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके खिलाफ एक छापेमारी की योजना बना रहा है। यह दावा उन्होंने अपने 'चक्रव्यूह' भाषण के बाद किया, जो उन्होंने हाल ही में लोकसभा में दिया था। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें ईडी के अंदरूनी सूत्रों से जानकारी मिली है कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "लगता है कि 2 इन 1 (केंद्र सरकार) को मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया। ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया कि एक छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। मैं ईडी अधिकारियों का स्वागत 'खुले हाथों' से करूंगा, चाय और बिस्कुट मेरे तरफ से।"
राहुल गांधी ने अपने भाषण में महाभारत के चक्रव्यूह का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मारा गया था, उसी तरह आज की सरकार भी देश के युवाओं, किसानों और छोटे व्यवसायों को फंसा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एक नया चक्रव्यूह बन गया है, जिसमें छह प्रमुख लोग केंद्र में हैं, जिनमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अन्य शामिल हैं।यह बयान उस समय आया है जब राहुल गांधी ने बजट 2024 पर चर्चा करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की थी, यह कहते हुए कि देश में भय का माहौल है और यह चक्रव्यूह जल्द ही टूटेगा। Read more on Letsdiskuss.com
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paisekagyan1 · 7 months
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45 कम बजट वाले बिजनेस आइडियाज 2024 में अधिक लाभ
Low Budget Business Ideas in Hindi - कम बजट वाले बिजनेस आइडिया हिंदी मेंभारत में प्रतिभाशाली दिमाग वाले कई डाइनामिक युवा व्यक्ति हैं जो अपना खुद का व्यवसाय या स्टार्टअप शुरू करके बड़ी कमाई करना चाहते हैं और आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं। स्‍टैंडर्ड 9-5 काम के घंटे हर किसी के लिए चाय का प्याला नहीं है। जब आप अपना खुद का व्यवसाय शुरू करते हैं, तो आप खरोंच से कुछ शुरू करते हैं, भले ही वह कम बजट वाला छोटा व्यवसाय हो। भारत में स्टार्टअप की लहर 2014 में शुरू हुई थी, और तब से, स्टार्टअप इकोसिस्टम फलफूल रहा है और हर रोज हमारे सामने कई नए बिजनेस आइडिया आते हैं जो बड़ी समस्याओं को हल करने पर भी काम कर रहे हैं। इन नवोदित भविष्य के उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना और स्टैंड अप इंडिया योजना शुरू की है। यदि कोई भारत में सर्वश्रेष्ठ व्यवसायों की परिभाषा की तलाश करता है, तो प्रश्न का उत्तर व्यक्तिपरक है, जिसका अर्थ है कि यह बाजार, मांग, व्यक्तिगत हित और लोकतंत्र जैसे अंतर्निहित कारकों पर निर्भर करता है। आइए कुछ सबसे सफल छोटे कम बजट वाले बिजनेस आइडियाज पर चर्चा करें जो भारत में एक शुरुआत के लिए सबसे उपयुक्त हैं। Low Budget Business Ideas in Hindi - कम बजट वाले बिजनेस आइडिया हिंदी में Read the full article
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angrezzzz · 9 months
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Top 10 Hill Stations of Himachal Pradesh
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Hill Stations of Himachal Pradesh, भारत का एक राज्य, अपनी प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता, और शिमला, मनाली जैसे दर्शनीय हिल स्टेशन्स के लिए प्रसिद्ध है। यहां के हिल स्टेशन दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, और इस लेख में हम जानेंगे कि पूरी दुनिया में प्रमुख हिमाचल प्रदेश के 10 विशेष हिल स्टेशन कौन-कौन से हैं।
Dharamshala — The Serene Abode
धर्मशाला वह स्थान है जहां प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का सही मेल होता है। यहां की शानदार तस्वीरों का आनंद लेने के लिए दर्शनीय स्थलों का वर्णन किया जा सकता है, साथ ही धर्मशाला के सांस्कृतिक आकर्षणों की चर्चा की जा सकती है।
Shimla — Queen of Hills
शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी और हिल स्टेशनों की रानी, इतिहास से भरी हुई है। यहां पर्यटकों को ऐतिहासिक स्थलों का आनंद लेने का विशेष अवसर है, साथ ही यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी आनंद लिया जा सकता है।
Manali — A Gateway to Adventure
मनाली, स्वभाव से ही एक एडवेंचर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ स्थान है। यहां प्राकृतिक सौंदर्य और एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा लेने के लिए अनेक सुविधाएं हैं, साथ ही स्थानीय भोजन और बाजारों का भी वर्णन किया जा सकता है।
Kullu — The Valley of Gods
कुल्लू, भगवानों की उपासना के लिए प्रसिद्ध है और यहां कई प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। कुल्लू में मनाए जाने वाले पर्व और त्योहारों का विवरण भी इस लेख में शामिल किया जा सकता है।
Chamba — Ancient Charm
चंबा, अपने ऐतिहासिक विरासत और सौंदर्य से परिपूर्ण है। यहां की शानदार सांस्कृतिक विरासत और चंबा की अद्वितीय वास्तुकला की चर्चा भी की जा सकती है।
Dalhousie — Mini Switzerland of India
डलहौजी, भारत का मिनी स्विट्जरलैंड कहलाने वाला स्थान है, जिसमें उपनगर वास्तुकला, सुरम्य दृश्य और ट्रेकिंग के ऑप्शन्स शामिल हैं। इसके बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए पढ़ते रहें।
Palampur — Tea Gardens and Tranquility
पालमपुर, इसके चाय बाग़ों और शांति से भरे माहौल के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम चाय के बाग़ों के इतिहास और इसके पर्यटकों के लिए राहतगीत गतिविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
Kasauli — Quaint and Quiet Retreat
कसौली, एक छोटा और शांत स्थान, अपनी शांति और कम-बसी चर्म से प्रसिद्ध है। इसमें विशेष रूप से दर्शनीय स्थलों का वर्णन और कसौली के आवश्यक स्थानों का सुझाव दिया जा सकता है।
Solan — The Mushroom City
सोलन, जिसे “मशरूम नगरी” भी कहा जाता है, अपनी अनूठी कृषि प्रथाओं के लिए प्रसिद्ध है। इसमें स्थानीय व्यापारों और बाजारों का विवरण भी शामिल किया जा सकता है।
Kangra — History and Nature Blend
कांगड़ा, अपने ऐतिहासिक किले और प्राकृतिक सौंदर्य के संघम में है। इसके ऐतिहासिक महत्व और कांगड़ा की प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में विवरण दिया जा सकता है।
Bir Billing — Paragliding Hub
बीर बिलिंग, पैराग्लाइडिंग का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां पराग्लाइडिंग के साथ-साथ बौद्ध मठों और स्थानीय सांस्कृतिक के बारे में भी बताया जा सकता है।
Mandi — Temple Town
मंडी, जिसे “मंदिर नगर” भी कहा जाता है, वहां के प्रमुख मंदिरों का वर्णन कर सकते हैं। इसके अद्वितीय पर्व और त्योहारों की चर्चा भी इस लेख में की जा सकती है।
Narkanda — Winter Wonderland
नारकंडा, यहां की बर्फबारी और शीतकालीन खेलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के स्नोफॉल और शीतक कालीन खेलों का वर्णन किया जा सकता है, साथ ही यहां की सेब के बागों और स्थानीय ��त्पाद के बारे में भी जानकारी प्रदान की जा सकती है।
Conclusion
इस लेख में, हिमाचल प्रदेश के शीर्ष 10 हिल स्टेशनों की यात्रा पर चर्चा की गई है, जो प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर, और रोमांटिक माहौल के साथ अपने आप में एक साहसिक अनुभव प्रदान करते हैं। पढ़ने वालों से निवेदन है कि इन हिल स्टेशनों का आनंद लें और हिमाचल प्रदेश के सौंदर्य में डूबें।
FAQs (Frequently Asked Questions)
क्या हिमाचल प्रदेश में पूरे साल भर किसी भी समय यात्रा की जा सकती है?
हाँ, हिमाचल प्रदेश पूरे साल भर सुरक्षित और यात्रा के लिए उपयुक्त है। हर सीजन में यहां का अपना महत्वपूर्ण चार्म है।
क्या हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशनों में एडवेंचर स्पोर्ट्स की सुविधा है?
हाँ, हिमाचल के हिल स्टेशनों में एडवेंचर स्पोर्ट्स की अनेक सुविधाएं हैं, जैसे कि पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग, और शिक्षुता यात्राएँ।
क्या हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशनों के लिए पूरे परिवार के साथ यात्रा करना सुरक्षित है?
जी हाँ, हिमाचल प्रदेश में हिल स्टेशन्स परिवार के साथ यात्रा करने के लिए सुरक्षित हैं, और यहां अनेक सुविधाएं व्यावसायिक और व्यावसायिक यात्रीयों के लिए हैं।
कौन-कौन से हिल स्टेशन गर्मी के मौसम के लिए प्रसिद्ध हैं?
शिमला, मनाली, और नारकंडा जैसे स्थानें हिमाचल प्रदेश में गर्मी के मौसम के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। यहां मौसम ठंडा रहता है और प्राकृतिक सौंदर्य आनंद का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।
कैसे पहुंचा जा सकता है हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशनों तक?
हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशन्स ट्रेन, बस, और वाहन से आसानी से पहुंचे जा सकते हैं। नजदीकी हवाईअड्ड़े से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
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malavijhani786 · 9 months
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अयोध्या में उज्ज्वला योजना की 10 करोड़वीं लाभार्थी बहन मीरा जी के घर पर उनके परिवार वालों से ‘चाय पे चर्चा’ हुई। इस दौरान यह जानकर मन को बहुत संतोष हुआ कि कैसे सरकारी योजनाओं से पूरे परिवार का जीवन आसान हुआ है।
https://cdn.narendramodi.in/userpost/23101703954894_video.mp4
via MyNt
Jai Shree Ram ♈
JAI JAI SHREE RAM ♈♈♈♈♈♈♈
GREAT SALUTE 🫡 TO OUR HONOURABLE PRIME MINISTER OF BHARAT SHRI NARENDRA MODIJI!
JAI HIND JAI BHARAT!!
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कार्यकर्ता न मिलने के कारण संभावित प्रत्याशी ने वोट बढ़वाने को दिया पैसों का ऑफर
बदायूं लोकसभा क्षेत्र से एक संभावित प्रत्याशी को कार्यकर्ता खोजे से नहीं मिल रहे हैं, सो उन्होंने वोट बढ़वाने के लिए रूपये देने का ऑफर दिया है, जिसकी जमकर चर्चा की जा रही है। बेरोजगार युवा ऑफर का लाभ ले सकते हैं। हालात इतने खराब हैं कि संभावित प्रत्याशी को कोई गांवों में अपने घर पर चाय तक पिलाने को तैयार नहीं है। प्रत्येक चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग अभियान चला कर मतदाता सूची को अपडेट कराता…
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abhinews1 · 1 year
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कार्यकर्ताओं को मिलकर जिले में खिलाना है कमल - विधायक वसावा
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कार्यकर्ताओं को मिलकर जिले में खिलाना है कमल - विधायक वसावा
गुजरात भारतीय जनता पार्टी विधायक शाजापुर जिले के सात दिवसीय संगठनात्मक प्रवास पर आए हुए हैं। वे जिले की शाजापुर, शुजालपुर एवं कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों से चाय पर चर्चा कर क्षेत्र के मुद्दों को समझने का प्रयास कर रहे है। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी विजय जोशी नेे बताया केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार देश के विभिन्न राज्यों के पार्टी विधायक मध्यप्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में सात दिवसीय प्रवास पर है। शाजापुर जिले में गुजरात राज्य के विधायक प्रवास कर रहे हैं। जिसमे शाजापुर विधानसभा में विधायक एवं पूर्व मंत्री गणपत भाई वसावा, शुजालपुर विधानसभा में विधायक जयंतीभाई राठवा, कालापीपल विधानसभा में विधायक राजेंद्र सिंह राठवा, क्षेेत्र में प्रवास कर रहे हैं। मंगलवार को गुजरात के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक गणपत भाई बसावा ने शाजापुर नगर का प्रवास किया जिसमे जिला पदाधिकारियों मोर्चा पदाधिकारियों नगर मंडल पदाधिकारी एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में भाग लिया एवं संबोधित करते हुए कहा कि आगामी 2023 के होने वाले विधानसभा चुनाव सेमी फाइनल है और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव फाइनल है इसके लिए सभी कार्यकर्ता पूरी तरह तैयार हो जाएं जिससे कि हम सेमीफाइनल और फाइनल दोनों चुनाव ऐतिहासिक मतों से विजय हो सके। उन्होंने कहा कि 2003 के पहले का मध्य प्रदेश और 2014 के पहले का भारत कैसा था हम सब जानते हैं सरकार ने जो विकास और विभिन्न कार्य किए हैं उन्हीं को लेकर हमें आम जनों के बीच में जाना है और भारतीय जनता पार्टी की सरकार मध्यप्रदेश में भी बने और केंद्र में भी बने इसके लिए कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ इस चुनावी कार्य में लग जाएं। हम सभी कार्यकर्ताओं को मिलकर शाजापुर जिले की तीनों विधानसभा में कमल का फूल खिलाना है। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक नायक ने कहा कि मध्यप्रदेश की 230 विधानसभाओं में अलग-अलग प्रदेशों के विधायक गण प्रवास पर हैं और इसी कड़ी में शाजापुर जिले की तीनों विधानसभाओं में गुजरात प्रांत के विधायक प्रवास पर आए है,जो की सभी कार्यकर्ताओ के बीच पहुंचेंगे। कार्यक्रम में जिला महामंत्री एवं विधायक प्रवास कार्यक्रम के जिला प्रभारी संतोष बराड़ा ने सात दिवस के विधायक प्रवास कार्यक्रम की रूपरेखा से सभी को अवगत कराया। इस अवसर पर प्रदेश मंत्री क्षितिज भट्ट, जिला महामंत्री दिनेश शर्मा, पूर्व विधायक पुरषोत्तम चंद्रवंशी, अरुण भीमावद, कार्यक्रम के विधानसभा प्रभारी अर्जुन पाटीदार, विधानसभा विस्तारक गौरव तोमर विधानसभा संयोजक प्रदीप चंद्रवशी, मंडल अध्यक्ष नवीन राठौर सहित जिला पदाधिकारी, मोर्चा जिलाध्यक्ष, मंडल पदाधिकारी सहित वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे। प्रवास में शामिल कार्यक्रम प्रवासी विधायकों के कार्यक्रम में विधानसभा कोर कमेटी की बैठक, मंडल स्तरीय मूल्यांकन बैठक, मंडल स्तरीय सत्यापन बैठक, मोर्चा एवं प्रकोष्ठ के नेताओं के साथ बैठक, भाजपा के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा, संपर्क से समर्थन अंतर्गत प्रभावशाली और महत्वपूर्ण मतदाताओं से संपर्क, घर-घर संपर्क अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों के पत्रक लेकर घर-घर संपर्क, समूूह बैठक, केंद्र एवं प्रदेश सरकार के लाभार्थियों के साथ बातचीत, वरिष्ठ कार्यकर्ता बैठक, विचार परिवार समन्वय बैठक आदि शामिल हैं।
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hindistoryok01 · 1 year
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Ghum Hai Kisi Ke Pyaar Mein 5th August 2023 Hindi Written Episode Update
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Ghum hai written update 5th August 2023, Ghkkpm 5th August 2023 written update, Ghkkpm written update, written update of Ghkkpm, Ghum hai written update 5th August 2023
इस एपिसोड की शुरुवात ईशा से होती है - ईशा सावी से मिस्टर ईशान भोसले से सवाल करने के लिए कहती है कि इंटरव्यू पास करने के बाद भी उन्होंने उसे प्रवेश क्यों नहीं दिया। वह खुद सवाल करती है कि उसने इतने सारे टेस्ट क्यों दिए और फिर भी प्रवेश क्यों नहीं दिया।
निशिकांत का कहना है कि सावी ने अभी तक कॉलेज की फीस नहीं भरी है। ईशा कहती है कि सावी ने अपनी काबिलियत से इस कॉलेज की स्कॉलरशिप जीती, क्या उसे फीस भरने के लिए एक दिन का समय नहीं मिल सकता।
यशवंत को तानाशाही पसंद है।
वह यशवंत से पूछती है कि क्या उनके कॉलेज में पैसे की कमी है जो उन्होंने एक लड़की को फीस के लिए धमकी दी, क्या वे अपने कॉलेज में मानवता नहीं सिखाते।
यशवन्त का कहना है कि वह उन्हें नहीं सिखाती कि उन्हें क्या पढ़ाना है। ईशा का कहना है कि यशवंत को तानाशाही पसंद है। शांतनु ईशा से कहता है कि यह सब बात करने का कोई फायदा नहीं है, वह सवि का प्रवेश ले सकती है और यहां से जा सकती है, वह फीस का भुगतान करेगा।
ईशा कहती है कि वह सावी की फीस भर देगी क्योंकि सावी उसकी जिम्मेदारी है; वह सिर्फ उनके अत्याचारों पर सवाल उठाना चाहती थी। ईशान ने उसे नाम से बुलाया और कहा कि सावी ने सुबह 11 बजे तक टीसी और फीस जमा नहीं की है,
इसलिए उसे प्रवेश नहीं मिल सकता। ईशा पूछती है कि ऑफिस टाइमिंग क्या है। क्लर्क का कहना है सुबह 9:30 बजे से शाम 5 बजे तक। ईशा पूछती है कि सावी के लिए सुबह 11 बजे की समय सीमा क्यों है।
ईशान का कहना है कि सावी झूठी है
शांतनु ने क्लर्क से सावी के प्रवेश की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा और ईशा से इसे जाने देने के लिए कहा। ईशा का कहना है कि उन्होंने अब तक दूसरों की गलतियों पर पर्दा डालना बंद नहीं किया है। ईशान का कहना है कि सावी झूठी है,
वह अपनी शादी से भाग गई और अपनी बहन की चूड़ियाँ चुरा ली। सावी का कहना है कि उन्होंने उससे सवाल किए बिना आसानी से फैसला दे दिया; उसे अपनी शादी से भागना पड़ा क्योंकि उसे एक शराबी और महिलावादी से शादी करने के लिए मजबूर किया जा रहा था,
उसने आगे पढ़ाई करने और अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने का फैसला किया। वह हरिनी को फोन करती है और पूछती है कि क्या उसने उसके गहने चुराए हैं। हरिनी कहती है
किरण ने हंगामा खड़ा कर दिया।
कि उसने किरण को बताया कि उसकी आजी ने उसे गहने उपहार में दिए थे और उसने उसे अपनी जरूरतमंद बहन को दे दिए, लेकिन किरण जबरदस्ती गहने की दुकान में गई और हंगामा खड़ा कर दिया।
सावी ने हरिनी को धन्यवाद दिया और अपनी बेगुनाही साबित की। ईशा ने सावी से अपना प्रवेश पूरा करने के लिए कहा, तब तक वह प्रतीक्षा करती रही, यशवंत का स्वागत किया और प्रतीक्षा क्षेत्र में चली गई। यशवंत गुस्से में है और सोचता है कि ईशा ने यहां आकर गलत किया है।
ईशान गुस्से में अपने केबिन में चला जाता है। शांतनु उसे सांत्वना देने के लिए उसके पीछे चलता है। निशांत अंदर आता है और शांतनु से ईशान को शांत करने के लिए कहता है। शांतनु चला जाता है.
अश्विनी की मदद से प्रिंसिपल से टीसी मिली
सावी ने प्रवेश की औपचारिकताएं पूरी कीं और खुशी से गले लगाकर ईशा को धन्यवाद दिया। वह पूछती है कि वह खुद टीसी देने क्यों आई। ईशा कहती है कि उसे लगा कि भोसले उसे परेशान करेगा और इसलिए यहां आई।
वह बताती है कि कैसे उसे अश्विनी की मदद से प्रिंसिपल से टीसी मिली और कहती है कि उसकी अश्विनी आजी उसके लिए किसी से भी लड़ सकती है। सावी कहती है
 कि बड़ी आजी को अगर पता चलेगा कि बड़ी आजी के खिलाफ अश्विनी ने उसकी मदद की तो वह तांडव नृत्य शुरू कर देगी। वह अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए ईशा की प्रशंसा करती है और कहती है
शांतनु ने ईशा को एक चाय की दुकान पर देखा
कि वह अपनी छात्रा के रूप में ईशा के वंश को आगे बढ़ाएगी। ईशा का कहना है कि उनका स्टूडेंट इतना बड़ा हो गया है। वे भावुक होकर बातें करते रहते हैं. ईशा चली जाती है.
शांतनु ने ईशा को एक चाय की दुकान पर देखा और उसके पास चला गया। वह कहता है कि उसने सोचा था कि वह उसके केबिन में आएगी और उससे बात करेगी। ईशा कहती है कि उसे लगा कि वह उससे मिलना नहीं चाहता।
शांतनु बताते हैं कि वह उनसे मिलने के लिए कितने उत्सुक हैं। वह आगे ईशान के जीवन में हुए हालिया मुद्दों के बारे में चर्चा करते हैं और कहते हैं कि अगर वह ईशान के साथ होती तो उसे सांत्वना देती।
ईशा कहती है कि अगर उन्होंने ईशान को उसके साथ जाने दिया होता तो उसके बेटे को यह सब नहीं झेलना पड़ता। वह उससे अपने बेटे के पास रहने और उसे अपने प्यार से सांत्वना देने के लिए कहती है।
वह उससे सावी का ख्याल रखने के लिए भी कहती है और उसे अलविदा कहती है। वह कहता है कि उसे कहना चाहिए कि वह जल्द ही आएगी।
आगे क्या देखने को मिलेगा: अन्वी, दूर्वा और उसके दोस्त सावी को धमकाते हैं और उसे एक कमरे में बंद कर देते हैं।
उम्मीद करता हूँ आपको यह एपिसोड बहुत अच्छा लगा होगा दिल से धन्यवाद् आपका हमारी वेबसाइट पर आने के लिए , अपनों के साथ भी यह एपिसोड शेयर करे
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yourvloger · 1 year
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श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और ज्योतिर्लिंग दर्शन पथ एवं सम्पूर्ण जानकारी | Bhakti Saar
परिचयः:
ज्ञानं ओंकारेश्वरम् : दर्शनं और भक्तिसारः - इस ब्लॉग में हम ज्ञानं ओंकारेश्वरम् के बारे में चर्चा करेंगे। उसके अलावा, हम दर्शनं और भक्तिसारः के महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा, हम यह भी देखेंगे कि ज्ञानं ओंकारेश्वरम् से प्राप्त होने वाले मानसिक और शारीरिक लाभ क्या हैं। चलिए, अब हम विस्तार से इस परिचय को शुरू करते हैं।
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ज्ञानं ओंकारेश्वरम्
परमात्मा, ईश्वर, भगवान, ओंकारेश्वरम्। जैसे नाम, वैसी बातें। इन सब का अर्थ एक ही है - सर्व सकल का आदिपुरुष, आत्मा का परमात्मा। ओंकारेश्वरम्, जो कि ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद के माध्यम से प्रकट हुए हैं।
इतिहास के पहले पन्ने से बजी हुई गाँधार ताल की धमकी के बावजूद, भारतीय संस्कृति में ओंकारेश्वरम् का स्थान सदैव अपरिहार्य रहा है। विवादों के बावजूद, इसके अर्थ से जुड़ी मान्यताओं और पूजा के रूप में यह हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
ओंकारेश्वरम्, जो सभी देवी-देवता, ऋषि-मुनियों, आदि लोक जनों के प्रणव रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। यह शक्ति का सच्चा प्रतीक है जो हमें अनन्त सृष्टि की ओर ले जाता है।
इससे हमें अद्वैत भाव का अनुभव होता है - हम सब ब्रह्म का हिस्सा हैं, हम सब में ओंकारेश्वरम् निवास करता है। तो फिर चिंता और संकोच से क्यों भरे हैं? दर्शन करें, मन को बहार करें और आत्म-सात की अनुभूति करें।।
दर्शनं और भक्तिसारः
दर्शनं का अर्थ उसे सही तरीके से देखना है। इस दर्शनं के अंतर्गत हम ब्रह्म से जुड़ सकते हैं। यह एक शक्ति है जिसके माध्यम से हम आपत्तियों के पीछे छिपे वास्तविकताओं को देख सकते हैं। ठीक है, ठीक है, दर्शनं एक नेत्री है जो आपको दिखाती है कि ताजमहल वास्तव में इतना सुंदर है या नहीं, जो आपको ग्यारहवीं दिन की रात को एक फिल्म के साथ भरपूर तारों की तस्वीरें दिखाती है। अब इस दर्शनं के प्रकार की बात करते हैं।
दर्शनं के प्रकार विविध होते हैं। पहले हमारे पास राजस्थानी दर्शनं हैं, जो हमें उद्धेश्यों की आपूर्ति करते हैं, वहां हम सोने की अक्षरमणी और पीले घास की तालाबें देख सकते हैं। फिर हमें उत्साही दर्शनं भी हैं, जो हमें अपने स्वप्नों की पूर्ति करते हैं, जैसे कि हम शनिवार की शाम को स्थानीय खेल मैदान पर दिखाई देते हैं। उन लोगों के लिए भी एक दर्शनं है जो केवल वातावरण में रमते हैं, जल्दी निभाने, अस्था के अंधकार को हाथ लगाने में अनवश्यक अधिक कुशल हाथी होते हैं।
और इसके बाद यहां हम पहुंचते हैं भक्तिसारः पर, जो हमारे जीवन की उज्ज्वलता है। भक्तिसारः का अर्थ होता है इतना भगवान का चितान करना कि उन के सामीप्य में हमें आनंद मिलता है। भक्तिसारः के फायदे बहुत हैं। यह हमें संतोष और समय की लालसा से मुक्त करता है और हमें अद्वैत की अनुभूति कराता है।
बच्चा लोग की तरह नहीं सोचिए, ये दर्शनं और भक्तिसारः आपके जीवन में खासा मज़ा लाएंगे। आह, ध्यान दें! अपनी उत्सुकता को नियंत्रित रखें और अपने अस्तित्व के आनंद का ठिकाना चुनें। समर्पण के साथ यह यात्रा अटहल रहेगी।
मानसिक लाभ
मानसिक लाभ पाने के लिए, हमें अपने मन को शांत करना होगा। मानो या ना मानो, दुनिया भर के लोग शांति के लिए छह महीने तक हिमालय जा रहे हैं। वेल, हम नहीं!
मानसिक शांति केवल एक छोटा सा टास्क है, ना? तो यह आसान है! आप प्रारंभिक बाधाओं के बावजूद अपने मन के उच्चतम स्थान ��र पहुँचने के लिए घंटों तक ध्यान का अभ्यास करेंगे। हां, शांति के इस पथ पर चलना आसान है जैसे कि बैंक की ATM कार्ड का पिन याद रखना! ज्यादा आदत दालने के बजाय, प्रायः तो दिनभर शांत बैठे रहते हैं, ताकि विश्रांति के लिए अपने मन को एक इकाई में चित्ताकर्षण कर सकें और धियान में संपूर्णता में पूर्ण हों।।
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फिर तो, उठने से पहले अपने मन को नशा में डूबा दीजिए सो सकते हैं। अब कौन कहता है मन का नियंत्रण असंभव है? हमारे मन में ऐसी विलक्षण शक्ति है कि हमें पूर्ण विश्रांति मिलती है जब हमारे मंजर पर सिट-इन बाथटब की तरह आदते होती हैं। अगर हमारा मन पसंद नहीं कर रहा होता है, तो उसे लगातार घुमाते रहें और अपने वश में करें। हमें ध्यान देना चाहिए कि रूस के अधिकांश ढेरों गुरुवे पहले इसी को प्रायोगिक तरीके से सैनिटाइज करने के लिए क्रिस्टैल फील्ड का उपयोग करते थे। वो बताते कह एक टिनकरी खम्भा की ओर अपनी गाड़ी को खिंच ले पर हम उसे नहीं! इतने मन मारो कि मन का नियंत्रण खो जाए।
विचारशक्ति के बारे में बात करें तो ये एक थोड़ी भी आवश्यक नहीं है। कॉफी पीने वालों के मुकाबले तो हम बेहद स्नान करने वाले हरी चाय के बाद काम करते हैं। अपनी योग्यता और सक्षमता को नापने के लिए छात्रों को हमेशा एक साथ खड़े होना चाहिए। विचारों के खेल को खेलें और जानें कि आपके मन कितना जल्दी शांत हो सकता है। यह तो मुर्गे की रगड़ कर बैच पकाने वाले जितना आसान है।
आप तो जानते ही हैं कि हमारे मन कब कहीं घुमा जाता है, बस हमें उसे वापस लाना है। तो, अपने मन को नीचे के मानसिक लाभ खोजने में जुटाएं और विचारशक्ति, धियानावस्था और स्थितप्रज्ञता का एकदिवसीय श्रृंगार करें। आपके मन को साथ लेकर बोलें, "काश तुम मेरे ब्रेन से बात कर सकते!" और देखें यह नौकरी कैसे आपकी शांति की डिमांड पर पूरी उतर आएगी।।
शारीरिक लाभ:
जब बात आती है ज्ञानं ओंकारेश्वरम् के शारीरिक लाभ की, तो यकीनन आपका मन बहुत उत्साहित होता है। इतने आसान ही हो जाता है ये ज्ञान सबसे अच्छा हो जाता है इस वजह से इसे इतना पसंद करने लगते हैं लोग। अब चलिए देखते हैं, इसके शारीरिक लाभों की कुछ विस्तार से जानकारी।
सबसे पहले, स्वास्थ्य लाभ की बात करेंगे। ये एक ऐसा ज्ञान है जो आपकी शरीर को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है। यहाँ तक की इसमें मधुमेह के नियंत्रण में भी असाधारण प्रभाव होता है। आपकी हृदय सुरक्षित रहती है और आपके शरीर की ताकत भी बढ़ती है। इसके साथ ही आपकी नींद में सुधार भी होता है, जो बहुत ही आवश्यक है आपके सेहत के लिए।
तो ये थे ज्ञानं ओ��कारेश्वरम् के शारीरिक लाभ। अब चलिए देखते हैं कि इसके पीछे का यह कैसा रहस्य हो सकता है। थोड़ा रोमांचकारी नहीं है क्या, वो भी जान तो सही? इस रहस्य को जानकर इस ज्ञान का अधिक मजा आएगा।
चलिए, अगली बार दर्शनं और भक्तिसारः की बात करते हैं। क्योंकि इसके लाभ ही नहीं, इनमें तो और खूबसूरत रिश्ते हैं भी। अब से थोड़ा उम्मीद से ज्यादा ध्यान रखिएगा, ताकि किसी लाभ का नुकसान ना हो। वरना हो सकता है सबकी सेहत पर भारी पड़े, और वो तो कोई चाहता नहीं है। तो जान लें इन रिश्तों के सारे राज़, और हमें देंगे अपनी इस उम्मीदीवारी पर एक्सेप्टेशन। Let's go!
निराकार स्वरूप
निराकार स्वरूप में आत्मा का ब्रह्म से सम्बन्ध होता है। यह ब्रह्म ही हमारी अंतिम उद्दिश्य होता है, जबकि हमारी आत्मा ब्रह्म का हिस्सा होती है। यह एक बहुत ही रोचक बात है कि हम और ब्रह्म में एकता होने के कारण हम अस्तित्व में रहते हैं।
और ब्रह्म के गुणों की बारे में बात करें, यहां परमात्मा की बात है, जिनमें नित्यता, सत्यता, ज्ञान और आनंद के गुण शामिल होते हैं। ये गुण हमें एक उच्चतम स्थिति के प्रति प्रेरित करते हैं और हमें सच्चे शुद्ध और परिपूर्ण अस्तित्व की ओर ले जाते हैं।
जगत् में आत्मनिष्ठा होना आत्मस्वरूप का ही विभाग है। यह मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक स्तर पर हो सकता है। जब हम अपने आप को आत्मा में स्थित करते हैं, तो हम ईश्वरीय और व्याकुलता मुक्त हो जाते हैं। ऐसा महसूस करने के लिए यह आवश्यक है कि हम ध्यानपूर्वक मेधावी बनें और अपने उद्दियमय अस्तित्व को अनुसरण करें।
इस प्रकार, निराकार स्वरूप पर आत्मा के ब्रह्म से सम्बन्ध, आत्मस्वरूप के गुण और जगत् में आत्मनिष्ठा संबंधी कुछ महत्वपूर्ण तत्व हैं। जब हम इन तत्वों को गहराते हैं, तो हम अपने मन को अपने लक्ष्य के प्रति संकेत करते हैं और अस्तित्व में एकता को अनुभव करते हैं।
Sarcasm - वाह! क्या बात है! इस ब्रह्मगयान से हम सचमुच सस्य के बीज तक की सम्पूर्ण विश्वव्यापकता जान सकते हैं। ये ग्यानी भगवान वालों को ही ब्रह्मा बनने की इजाजत है, हम साधारण लोग तो ये छोटी-मोटी जगह में भटखते ही रहेंगे।
समापनम्
इस प्रकरण में, विचारशक्ति, धियानावस्था और स्थितप्रज्ञता जैसे मानसिक लाभ ओंकारेश्वरम् के साथ जुड़ते हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य लाभ, हृदय की सुरक्षा, ताकतवर शरीर और नींद में सुधार जैसे शारीरिक लाभ भी हैं। इसे पढ़कर आपको होगा खुशी का एहसास कि ओंकारेश्वरम् असल में बहुत मजेदार है! छोटी खुशी की जगह बहुत सी छोटी खुशियाँ हैं।
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sharpbharat · 2 months
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Jamshedpur rural chai pe charcha : पोटका में शुरू हुई चाय की चुस्की के साथ चुनावी चर्चा, भाजपा नेता उपेंद्र नाथ सरदार ने टटोली जनता की नब्ज
जादूगोड़ा : आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पोटका में चाय की ज़ुस्की के साथ चुनाव पर चर्चा का शुभारभ हो गया. इसी क्रम में सोमवार को भाजपा नेता उपेंद्र नाथ सरदार ने जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की. उपेंद्रनाथ सरदार सुबह पोटका विधानसभा क्षेत्र के हल्दीपोखर पूर्वी पंचायत पहुंचे व लोगों के बीच चाय पर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने मौजूदा स्थानीय समस्याओं व क्षेत्र में विकास को…
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dainiksamachar · 2 months
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ईडी छापेमारी की कर रही तैयारी, चक्रव्यूह भाषण से खुश नहीं... राहुल गांधी का बड़ा दावा
नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि ईडी उनके खिलाफ रेड करने की तैयारी कर रही है। राहुल ने दावा किया कि संसद में उनके 'चक्रव्यूह' वाले भाषण के बाद उनके खिलाफ साजिश की जा रही है। उनका दावा है कि ईडी के अंदरुनी सूत्र ने उन्हें छापेमारी के बारे में जानकारी दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, 'जाहिर है, 2 इन 1 को मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया। ईडी के ‘अंदरूनी सूत्र’ मुझे बताते हैं कि छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। मैंबाहें खोलकर इंतज़ार कर रहा हूं, ईडी को चाय और बिस्किट मेरी तरफ से।'राहुल गांधी का क्या था 'चक्रव्यूह' वाला बयानबता दें कि 29 जुलाई को संसद में रा��ुल गांधी ने सरकार पर जमकर हमला बोला था उन्होंने कहा था कि 21वीं सदी में एक चक्रव्यूह तैयार हुआ है। चक्रव्यूह कमल के आकार का होता है और उसका जिन मोदी ने सीने पर लगा रखा है। राहुल ने बजट से पहले वित्त मंत्रालय की हलवा सेरेमनी पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि उसमें कोई दलित या पिछड़े वर्ग का अधिकारी नहीं था। हलवा पर राहुल के बयान पर सीतारमण ने माथे पर हाथ रखकर उस कथन को हास्यास्पद जताने की कोशिश की थी। बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी ने नेहरू से लेकर राजीव गांधी और यूपीए सरकार तक का जिक्र कर आरोप लगाया कि चार पीढ़ियों पर हलवा खाया और दलितों-पिछड़ों को बलवा दिया।अनुराग ठाकुर ने किया था पलटवारबीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें यह पता होना चाहिए कि ‘एलओपी’ (विपक्ष के नेता) का मतलब ‘लीडर ऑफ प्रोपेगैंडा’ (दुष्प्रचार के नेता) नहीं होता है।उन्होंने बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि राहुल गांधी को ‘रील का नेता’ नहीं बनना चाहिए और यह समझना चाहिए कि ‘रीयल नेता’ बनने के लिए सच बोलना पड़ता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि जो ‘‘एक्सीडेंटल हिंदू’’ हैं, उनका महाभारत का ज्ञान भी ‘‘एक्सीडेंटल’’ है। उन्होंने कहा , ‘‘ एक नेता ने ‘कमल’ पर कटाक्ष किया। न जाने क्या दिक्कत है। कमल को बुरा दिखाने का प्रयास किया गया। जनता ने हमें लगातार तीसरी बार सत्ता में बैठाने का काम किया है।’’ कमल भाजपा का चुनाव चिह्न है। ठाकुर ने आरोप लगाया, ‘‘आप (राहुल) कमल का अपमान नहीं कर रहे हैं, आप भगवान शिव, बुद्ध का अपमान कर रहे हैं।’’ उन्होंने कटाक्ष किया, ‘‘केवल रील के नेता मत बनिए, रीयल नेता बनने के लिए सच बोलना पड़ता है।’’ http://dlvr.it/TBNXKq
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prakhar-pravakta · 1 year
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स्मार्ट सिटी मिशन की आठवीं वर्षगांठ पर कलेक्टर ने की स्टार्टअप के प्रोडक्ट की लांचिंग
सतना। इनक्यूबेशन सेंटर सतना में स्मार्ट सिटी मिशन की आठवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में रविवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा एवं ईडी राजेश शाही ने वूमेन सेल निर्मात्री का शुभारंभ, 3 स्टार्टअप के प्रोडक्ट की लांचिंग तथा स्टार्टअप के साथ चाय पर चर्चा की। इस अवसर पर कलेक्टर श्री वर्मा ने सभी के विचारों को जाना एवं आवश्यक सुझाव दिए। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे कार्यक्रम को प्रतिमाह करने का आश्वासन दिया जिस पर…
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iobnewsnetwork · 1 year
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ताकि कोई मां बाप खुद को बदनसीब ना समझे....!
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जयपुर। सुख दुख हर किसी के जीवन में आताजाताहै मगर यह बात अलग है कि कोई सक्स प्लानिंग के साथ दुखभरे दिनों से संघर्ष करता है और फिर अपने आप को संकट के इस दौर से बाहर निकल लेता है । मगर इसके विपरीत कुछ लोग दुख को अंत हीन मान कर डिप्रेशन जैसे दुख भरा कायरतापूर्ण का कदम उठा कर सुसाइड कर लेता है। संघर्ष में हारे व्यक्ति को क्या कुछ हासिल होता हो, मगर उसकी जिम्मेदारियों के साथ क्या कुछ गुजरता होगा, इसकी कल्पना करना मुश्किल है। यह सत्य कथा एक गरीब परिवार की है। पीड़ित का नाम हरभजन सिंह है। 1947 में जन्मे इस सक्स ने शायद ही कभी सुख भोगा हो, मगर है व्यक्त दुख के कड़ा व सुलगता रहा। हरभजन के गांव के पास पड़ोसी कहते है की उनके इस मित्र के पिता बचपन में ही मर गए थे। तब उसकी उम्र केवल आठ साल की थी। इकलोती संतान होने पर उसका स्कूल छूट गया। कमाई का कोई साधन न होने पर गांव के बस अड्डे पर कल्लू हलवाई की दुकान पर काम करने लगा। नन्हे बच्चे की ड्यूटी बड़ी सख्त थी। सुबह सात बजे ही वह दुकान के लिए घर से निकल पड़ता था। नाश्ते में एक प्याला चाय और रात की बची रोटी को गोल करके,चाय के कप में डूबो कर बड़े सकून से खा कर पैदल ही घर से निकल पड़ता था। उसकी पोशाक बहुत ही साधारण हुआ करती थी। पिता की मौत के कोई एक माह पहले उन्ही ने स्कूल यूनिफार्म के तौर पर सिलवाया था। तब यूनिफार्म का कपड़ा सरकार की ओर से मिला करता था। स्कूल के अलावा परिवार या फिर अन्य कोई सामाजिक समारोहमें इसे धुलवाया करता था। फिर बिस्तर के सिराने लगा कर सपनों की दुनियां में खो जाता था। बीस साल की उम्र में उसकी शादी कलवंती कौर से हो गई। शरीर में कमजोर होने पर अक्सर वह बीमार रहा करती थी। फिर भी उसने पांच बेटियों को जन्म देकरवह मर गई। शायद कोई बीमारी हो गई थी। उसका उपचार भी करवाया। मगर पूरा खर्च नहीं उठा सका। घरवाली की मौत होने परहरभजन सिंह पर बड़ी जम्मेदारी आ गई थी। देखो तो एक बेटी को पालना ही मुश्किल होता है। मगर जाने कैसे हाड़ मांस का बना था यह सक्स।पुत्रियों को कोई भी कष्ट नहीं होने दिया सभी की शादियां करदी। मगर समधियो में एक भी ढंग का नही निकला। दहेज के लोभी निकले। आए दिन,इनके घर आ जाते। बेशर्म से कोई ना कोई डिमांड करने लग जाते। मांग पूरी ना होने का मतलब एक ही था। पैसा दो या फिर बेटी को रखो अपने घर। इसी के चलते दो बेटियों का तलाक हो गया। बाकी तीन,अपनी मां की तरह बीमारियों की शिकार होकर मर गई। इनमें बीस साल की बेटी रणवीर कौर शादी के कुछ दिनों के बाद से ही अपने पिता के पास रह रही थी। एक के बाद एक दुखो को झेलते हरभजन बहुत कमजोर हो गया था। आंखों की रोशनी चली गई। गांव में अक्सर जब भी कभी हरभजन को चर्चा होती थी तो एक ही बात कही जाती थी, यही की घर में छोरा होता तो बुढ़ापा आराम से कट जाता। मगर वाह गुरु का खेल कौन जानता था,जो हर पल कोई ना कोई परीक्षा लेता रहता था। हरभजन के पास कितनी सी प्रॉपर्टी थी,फिर भी इसका दुरुपयोग ना होंजाय, ऐसे में डेढ़ बीघा जमीन और टूटा फूटा मकान भी बेटियो के नाम कर दिया।हरभजन बताया करता था की संघर्ष और दुख भरे दिनों में परिवार या रिश्तेदार, इनमे किसी ने भी उसका साथ नहीं दिया। आंखों की बीमारी का जहां तक सवाल था गांव की पंचायत ने ही उसका इलाज करवाया। हर भजन एक ही इच्छा थी कि उसके जीते जी अपनी मौत की तमाम रस्में उसकी आंखो के सामने ही जाए। 27 फरवरी को ये सभी रस्में भी पूरी हो गई।बरसी का समारोह भी गांव में ही करवाया। सभी परिचितों,रिश्तेदारों और पूरे गांव को भोजन कराया।गांव के एक बुजुर्ग कहते है की आज कल सामाजिक हालत ही इस तरह के हो गए है कि लोगों में प्यार तो खत्म ही हो गया। हालांकि समाज इतना भी नही गिरा कि किसी का अंतिम संस्कार भी ना हो। लेकिन हर भजन की जो इच्छा थी, जो उन्ही ने पूरी की। Read the full article
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joyfulwombatpaper · 1 year
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आपके अंतिम संस्कार के बाद क्या होगा❓
कुछ ही घंटों में रोने की आवाज पूरी तरह से बंद हो जाएगी
रिश्तेदारों के लिए खाना बनवाने या मंगवाने में जुटे जायेगा परिवार,
कुछ पुरुष सोने से पहले चाय की दुकान पर टहलने निकल जाएंगे।
कोई रिश्तेदार आपके बेटे या बेटी से फोन पर बात करेगा कि आपात स्थिति के कारण वह व्यक्तिगत रूप से नहीं आ पा रहा है।
और तो और इधर आपका मृत शरीर चिता पर जल रहा होगा, उधर आपको अंतिम विदाई देने आए लोगों में से कोई फोन पर किसी से बतिया रहा होगा, कोई वाट्स एप, फेसबुक पर व्यस्त होगा तो दूर झुंड बनाकर बैठे कुछ लोग घर परिवार, व्यवसाय, खेल आदि अन्य विषयों पर चर्चा कर रहे होंगे।
अगले दिन रात के खाने के बाद, कुछ रिश्तेदार कम हो जाएंगे, और कुछ लोग सब्जी में पर्याप्त नमक नहीं होने की शिकायत करते होंगे।
भीड़ धीरे धीरे छंटने लगेगी ,
आपका कार्यालय या आपकी दुकान आपकी जगह लेने के लिए किसी ओर को ढूंढने में जल्दबाजी करेगा।
महीने के अंत तक आपका जीवनसाथी कोई कॉमेडी शो देख कर हंसने लगेगा।
सबका जीवन सामान्य हो जाएगा। आपको इस दुनिया में आश्चर्यजनक गति से भुला दिया जाएगा। इस बीच आपकी प्रथम वर्ष पुण्यतिथि भव्य तरीके से मनाई जाएगी। पलक झपकते ही साल बीत गए और आपके बारे में बात करने वाला कोई नहीं है।
एक दिन बस पुरानी तस्वीरों को देखकर आपका कोई बेहद करीबी आपको याद कर सकता है।
लोग आपको आसानी से भूलने का इंतजार कर रहे हैं, फिर आप किसके लिए दौड़ रहे हो? और आप किसके लिए चिंतित हैं?
क्या आप अपने घर, परिवार, रिश्तेदार को संतुष्ट करने के लिए जीवन जी रहे हैं?
जिंदगी एक बार ही होती है, बस इसे जी भर के जी लो… और जितना हो सके इसके परम उद्देश्य के जितना निकट पहुंच सको, पहुंचने का कोशिश करें ।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया .... 🌹
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत् ....🌹
Yogesh Rajput
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prabudhajanata · 2 years
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रायपुर । विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गुरुवार को क्लब के लिए लाइसेंस लेकर बार संचालन के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक गुलाब कमरो ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा Lakhma को घेरा। इस मुद्दे पर बीजेपी के विधायक भी कूद पड़े। सत्ता पक्ष और विपक्ष से सवालों के बौछार देखकर विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि आबकारी मंत्री कवासी लखमा को दाद के देने के बजाय आप लोग उलझाइए मत। पहली बार अकेले जवाब देने की हिम्मत किए हैं। बता दें कि इससे पहले लखमा के स्थान पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर जवाब देते थे। इसे लेकर विपक्ष की ओर से लगातार आपत्ति की जाती थी। मातृशोक के कारण अकबर मौजूद नहीं थे, इसलिए लखमा जवाब देने के लिए खड़े हुए। स्पीकर के कहने पर भाजपा विधायकों ने उन्हें दाद दी। इससे पहले विधायक कमरो ने मंत्री से सवाल किया कि मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में कितने क्लब संचालित हैं। मंत्री ने बताया कि एक क्लब संचालित है। विधायक ने पूछा कि क्या क्लब के विरुद्ध शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई है। मंत्री ने बताया कि क्लब के खिलाफ तीन शिकायतें मिली हैं। इनमें एक शिकायत सही पाई गई है। आबकारी लाइसेंस शर्त का उल्लंघन पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया है। विधायक कमरो ने कहा कि एनएच से लगकर बार का संचालन किया जा रहा है। दो साल से संचालन हो रहा है। क्लब के नाम से लाइसेंस लेकर दो साल से बार का संचालन किया जा रहा था। क्या आबकारी विभाग सो रहा था। कमरो ने कहा कि वे दारू नहीं पीते। उनका क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र है। वहां क्लब की जरूरत नहीं है। कमरो ने पूछा कि क्लब के लाइसेंस को कब निरस्त करेंगे? लखमा ने कहा कि यह आपसी लड़ाई है। मैं एक महीने के अंदर कार्रवाई करुंगा। इस पर अजय चंद्राकर ने आपत्ति की। उन्होंने कहा कि यह आपसी लड़ाई है, ऐसा नहीं कहना चाहिए। विधायक ने कहा कि यह आपसी लड़ाई नहीं है। एक व्यक्ति शराब लेकर कलेक्टर के ऑफिस में बैठ गया। लखमा ने कहा कि जल्दी कार्रवाई करेंगे, जरूरत पड़ेगी तो निरस्त करेंगे। विधायक विनय जायसवाल ने आरोप लगाया कि लगातार होटल-ढाबे में शराब बिक रही है। मध्यप्रदेश से अवैध शराब आ रही है। सुचित्रा दास नाम की महिला ढाबा चलाती है। उसका वीडियो वायरल हुआ है। उसमें कह रही है कि दूसरे बंद कर देंगे तो वह भी बंद कर देगी। इस बीच मध्यप्रदेश के सीएम का उल्लेख होने पर भाजपा के सदस्यों ने आपत्ति की और उसे विलोपित करने कहा। इस बात को लेकर पक्ष विपक्ष में हंगामा होने लगा। स्पीकर ने किया हस्तक्षेप… दोनों पक्षों को इस तरह हंगामा करते देखकर स्पीकर ने कहा कि पहली बार मंत्री जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं तो उन्हें आराम से जवाब देने दीजिए। विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा कि तीन शिकायतों में से जो एक शिकायत सही पाई गई है, वह शिकायत क्या थी और नाम क्या है। मंत्री ने बताया कि क्लब का नाम ग्रीन पार्क है। इसका लाइसेंस शशिधर जायसवाल को दिया गया है। इस पर विनय जायसवाल ने भाजपा के दो नेताओं का नाम लेकर कहा कि उन्हीं के घर पर चाय पीने गए थे। इस बात पर फिर से हंगामा होने लगा। शिवरतन ने आरोप लगाया कि बार के कारण मनेंद्रगढ़ में कांग्रेस के नेताओं में गैंगवार की स्थिति बन गई है। हंगामे के बीच स्पीकर ने कहा कि शराब के मामले में चर्चा हो रही है तो सभी लोग एक साथ न झूमें।
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