Top Ten IPL100 Runs List क्रिस गेल - 175 * (66) 2013 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर बनाम पुणे वारियर्स इंडिया के लिए। ब्रेंडन मैकुलम - 158 * (73) 2008 में कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए। एबी डिविलियर्स - 133 * (59) 2015 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर बनाम मुंबई इंडियंस के लिए। 2012 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर बनाम दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए क्रिस गेल - 128 * (62)। ऋषभ पंत - 128 * (63) 2021 में दिल्ली की राजधानियों बनाम सनराइजर्स हैदराबाद के लिए।
क्रिस गेल गाते हैं और सिगार काटते हुए नाचते हैं क्योंकि वह नए साल की शुभकामनाएं देते हैं। देखो | क्रिकेट खबर
क्रिस गेल गाते हैं और सिगार काटते हुए नाचते हैं क्योंकि वह नए साल की शुभकामनाएं देते हैं। देखो | क्रिकेट खबर
क्रिस गेल ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो के जरिए अपने प्रशंसकों को बधाई दी
वेस्ट इंडीज महान क्रिस गेल मैदान से बाहर जश्न मनाने और पार्टी करने के अपने रंगीन तरीकों के लिए जाने जाते हैं। ‘यूनिवर्स बॉस’, जैसा कि वह खुद को बुलाना पसंद करते हैं, ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो डाला है जिसमें वह अपने प्रशंसकों और अनुयायियों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए गाते और नाचते देखे जा सकते हैं। गेल को…
गेल इंडिया के गड्ढे में डूब कर पशु चिकित्सक की मौत, सड़क जाम
गेल इंडिया के गड्ढे में डूब कर पशु चिकित्सक की मौत, सड़क जाम
बेगूसराय। गेल इंडिया का गैस पाइपलाइन बिछाने वाली कंपनी के लापरवाही के कारण पानी भरे गड्ढे में डूबकर शुक्रवार की रात एक मवेशी चिकित्सक की मौत हो गई। घटना रिफाइनरी सहायक थाना क्षेत्र के गुप्ता-लखमीनिया बांध के सबौरा के नजदीक की है। मृतक चिकित्सक की पहचान चकबल्ली निवासी रामनिवास सिंह के पुत्र विकास कुमारके रुप में की गई हैं।
घटना से आक्रोशित लोगों ने शनिवार को सुबह चकबल्ली काली स्थान के समीप…
जो जन मेरी शरण है, ताका हूँ मैं दास । गेल-गेल लाग्या फिरूँ, जब तक धरती आकाश ।। गोता मारूँ स्वर्ग में, जा पैयूँ पाताल । गरीबदास खोजत फिरूँ, अपने हीरे मोती लाल ।।
भावार्थ:- परमात्मा कबीर जी ने बताया है कि यदि कोई जीव किसी युग में मेरी दीक्षा ले लेता है। यदि वह पार नहीं हो पाता है तो उसको किसी मानुष जन्म में ज्ञान सुनाकर शरण में लूँगा। उसके साथ-साथ रहूँगा। मेरी कोशिश रहती है कि किसी प्रकार यह काल जाल से छूटकर सुखसागर सत्यलोक में जाकर सुखी हो जाए। मेरा प्रयत्न तब तक रहता है जब तक धरती और आकाश नष्ट नहीं होते यानि प्रलय नहीं होती।
📲अधिक जानकारी के लिए Download our official App "Saint Rampal Ji Maharaj " In Googal Playstore से।
🧩गुरु-शिष्य परंपरा बनाए रखने के लिए कबीर साहेब ने रामानन्द जी को गुरू धारण किया
ऋषि रामानंद जी का जीव सतयुग में विद्याधर ब्राह्मण था जिसे परमेश्वर सतसुकृत नाम से मिले थे। त्रेता युग में रामानन्द जी का जीव वेदविज्ञ नामक ऋषि था जिसको परमेश्वर मुनींद्र ऋषि के रूप में मिले थे। दोनों जन्मों में यह नि:संतान थे। परमात्मा इनको शिशु रूप में मिले, उस समय इन्होंने परमेश्वर को पुत्रवत पाला तथा प्यार किया था। उसी पुण्य के कारण यह आत्मा परमात्मा को चाहने वाली थी।
कलयुग में भी इनका परमेश्वर के प्रति अटूट विश्वास था।
स्वामी रामानंद जी अपने समय के सुप्रसिद्ध की विद्वान कहे जाते थे। वह द्रविड़ से काशी नगर में वेद व गीता ज्ञान के प्रचार हेतु आए थे।
स्वामी रामानंद जी ने 1400 ऋषि शिष्य बना रखे थे। परमेश्वर कबीर जी ने अपने नियमानुसार रामानंद स्वामी को शरण में लेना था।
गरीब- जो जन हमरी शरण है, उसका हूँ मैं दास।
गेल-गेल लाग्या फिरू, जब तक धरती आकाश।।
गोता मारू स्वर्ग में, जा बैठू पाताल।
गरीबदास ढूंढत फिरु अपने हीरे मोती लाल।।
रामानन्द जी प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व गंगा नदी के तट पर बने पंचगंगा घाट पर स्नान करने जाते थे। 5 वर्षीय कबीर परमेश्वर ने ढाई वर्ष के बच्चे का रूप धारण किया व लीला करके रामानन्द को गुरू बनाकर उनका उद्धार किया।
गरीब- ज्यों बच्छा गऊ की नजर में, यूं साई कूं संत।
भक्तों के पीछे फिरे, भक्त वच्छल भगवंत।।
जब कबीर परमेश्वर ने स्वामी रामानंद जी को सतलोक के दर्शन कराए थे तब स्वामी रामानंद की आत्मा को आंखों देखकर दृढ़ विश्वास हुआ कि कबीर ही परमात्मा है। जिसका चित्रार्थ गरीब दास जी महाराज जी ने अपनी वाणी किया है–
बोलत रामानंद जी सुन कबीर करतार।
गरीबदास सब रूप में, तुमही बोलनहार॥
दोहु ठोर है एक तू, भया एक से दोय।
गरीबदास हम कारणें, उतरे हो मग जोय॥
तुम साहेब तुम संत हो, तुम सतगुरु तुम हंस। गरीबदास तुम रूप बिन और न दूजा अंस॥
तुम स्वामी मैं बाल बुद्धि, भर्म-कर्म किये नाश। गरीबदास निज ब्रह्म तुम, हमरे दृढ़ विश्वास॥
कबीर परमेश्वर ने स्वामी रामानंद जी को गुरु बना कर न केवल उनका उद्धार किया बल्कि उनकी जातिवादी सोच का भी नाश किया क्योंकि किसी भी प्रकार के जाति धर्म, ऊंच नीच का भेदभाव रखने वाला व्यक्ति सतलोक नहीं जा सकता।
साथ ही कबीर साहेब ने गुरु शिष्य परम्परा का निर्वाह इसलिए किया कि कलयुग कोई पाखण्डी गुरु यह नहीं कह सके कि गुरु बनाने की कोई आवश्यकता नहीं, कबीर साहेब ने कौनसा गुरु बनाया था।
इसलिए कबीर साहेब ने गुरु बनाया तथा यह बताया कि:-
गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान। गुरु बिन दोनों निष्फल है, चाहे पूछो वेद पुराण।।
राम कृष्ण से कौन बड़ा, उन्हों भी गुरु कीन्ह। तीन लोक के वे धणी, गुरु आगे आधीन।।
गुरु बड़े गोविंद से, मन में देख विचार। हरि सुमरे सो रह गए, गुरु सुमरे होय पार।।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज पूर्ण गुरु/तत्वदर्शी संत हैं तथा कबीर साहेब के अवतार हैं। उनसे नाम दीक्षा लेकर अपने जीव का कल्याण कराये।
#KabirPrakatDiwas
#SantRampalJiMaharaj
अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj" App Play Store से डाउनलोड करें और "Sant Rampal Ji Maharaj" YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।