#गर्मी का पेय
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"गर्मी में लिवर की देखभाल: डिहाइड्रेशन से बचाव और स्वस्थ जीवनशैली के उपाय"
गर्मी के मौसम में लिवर से जुड़ी समस्याओं का बढ़ना एक सामान्य बात है। लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो 500 से अधिक कार्य करता है। गर्मी में बढ़ते तापमान और बदलते खान-पान के कारण लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और लिवर फिट (best liver supplements) नहीं रह पाता।
पिछले लेख (5 liver problems during summer) में हमने गर्मी में लिवर सम्बन्धी समस्याओं के बढ़ने के कारणों पर विस्तृत चर्चा की थी। आइये इस लेख में हम जानेंगे कि गर्मी में लिवर सम्बन्धी समस्याओं की रोकथाम कैसे की जा सकती है और अपने लिवर और शरीर को कैसे फिट रखा जा सकता है।
डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण)
डिहाइड्रेशन के कारण लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो लिवर को विषाक्त पदार्थों को निकालने में कठिनाई होती है।
समाधान
1. पर्याप्त पानी पिएं: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। उदाहरण के लिए, हर घंटे एक गिलास पानी पीने की आदत डालें। पानी पीने से शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बना रहता है, जिससे लिवर को विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद मिलती है।
2. फलों का रस और नारियल पानी: ये शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, सुबह के नाश्ते में एक गिलास नारियल पानी पी सकते हैं। फलों का रस और नारियल पानी में विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
3. इलेक्ट्रोलाइट्स: इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय पदार्थों का सेवन करें। जैसे कि ओआरएस (ORS) या स्पोर्ट्स ड्रिंक्स। इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में नमक और मिनरल्स का संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे लिवर की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
अस्वास्थ्यकर खान-पान (Unhealthy Food)
ये खाद्य पदार्थ उच्च मात्रा में वसा और शर्करा से भरपूर होते हैं, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे खान-पान से बचना चाहिए और संतुलित और प्रोटीन युक्त आहार खाना चाहिए।
समाधान
1. ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज का सेवन करें: ये खाद्य पदार्थ विटामिन, खनिज, और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, अपने भोजन में सलाद और फल शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ लिवर को विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं और लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। साथ ही मल्टीविटामिन टेबलेट्स (Multivitamins Tablets) भी प्रयोग कर सकते हैं।
2. प्रोटीन का स्रोत (मछली, चिकन और दालें आदि) खाएं: प्रोटीन लिवर के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, दोपहर के भोजन में दाल और सब्जी का सेवन करें। प्रोटीन युक्त आहार लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है और लिवर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है। शरीर की डेली प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए डेली प्रोटीन पाउडर (Daily Protein Powder) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
3. फास्ट फूड से बचें: उदाहरण के लिए, बर्गर और पिज्जा की जगह घर का बना खाना खाएं। फास्ट फूड से बचने से लिवर पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
अल्कोहल का सेवन
अल्कोहल के सेवन से लिवर की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है और उसकी कार्यक्षमता में कमी आ सकती है। इसके अलावा, अल्कोहल के सेवन से लिवर में सूजन और संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
समाधान
1. अल्कोहल का सेवन कम करें: अल्कोहल लिवर के लिए विषाक्त होता है और इसके अधिक सेवन से लिवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, जितना कम हो सके, अल्कोहल का सेवन उतना करिये। इससे लिवर को खुद को डिटॉक्स (Liver Detox) करने का समय मिलता है और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
2. अल्कोहल के बजाय ताजे फलों का रस या हर्बल चाय पिएं: ये पेय पदार्थ लिवर के लिए फायदेमंद होते हैं और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं।
संक्रमण और विष��णु
गर्मी में संक्रमण और विषाणु का खतरा बढ़ जाता है। गर्मी में तापमान बढ़ने के कारण खाने-पीने की चीजों में बैक्टीरिया और विषाणु तेजी से बढ़ते हैं। दूषित पानी या भोजन के सेवन से हेपेटाइटिस ए और ई जैसे लिवर संक्रमण हो सकते हैं।
समाधान
1. हाथों को नियमित रूप से धोएं और स्वच्छता का ध्यान रखें: यह लिवर को संक्रमण और विषाणुओं से बचाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, खाने से पहले और बाद में हाथ धोएं। स्वच्छता का पालन करने से लिवर पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
2. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए पौष्टिक आहार लें: यह लिवर को संक्रमण और विषाणुओं से लड़ने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, विटामिन सी युक्त फल जैसे संतरा और नींबू खाएं। पौष्टिक आहार लिवर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है और लिवर की कार्यक्षमता को ��नाए रखता है।
तनाव और थकान
गर्मी में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे तनाव और थकान बढ़ जाती है। थकान के कारण लिवर को आवश्यक ऊर्जा और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
समाधान
नियमित योग और ध्यान करें: यह लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, सुबह के समय 15-20 मिनट योग करें। योग और ध्यान से तनाव कम होता है और लिवर की कार्यक्षमता बढ़ती है।
पर्याप्त नींद (रोजाना 7-8 घंटे) नींद लें: यह लिवर को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, रात 10 बजे सोने की आदत डालें। पर्याप्त नींद से लिवर की कोशिकाएं पुनर्जीवित होती हैं और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
नियमित व्यायाम करें: यह लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, शाम को 30 मिनट की सैर करें। व्यायाम से लिवर की कोशिकाएं सक्रिय रहती हैं और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
निष्कर्ष
गर्मी के मौसम में लिवर की समस्याओं से बचने के लिए हमें अपने खान-पान, पानी की मात्रा, स्वच्छता, और जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, और नियमित व्यायाम से लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है। योग और ध्यान से तनाव कम होता है और लिवर की कार्यक्षमता बढ़ती है।
ध्यान दें कि यह जानकारी केवल सामान्य दर्शनीय उद्देश्यों के लिए है, अगर आपकी लिवर की समस्या गंभीर है और सुधार नहीं हो रहा है, तो किसी चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
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*निर्जला एकादशी छोटी काशी में दान पुण्य -सेवादार लगे रहे छबील सेवा में...*
बीकानेर निर्जला एकादशी की पावन पर्व पर छोटी काशी बीकानेर में जहां एक तरफ भक्तों की भक्ति थी वही सेवादारों की सेवा में भी कोई कमी नहीं थी! बीकानेर की मुख्य मार्गों पर हर 50 – 100 फीट पर सेवादार इस भीषण गर्मी में रहागीरों के लिए ठंडा जल शरबत आम का रस ठंडाई गन्ने का रस और भी बहुत से प���य पदार्थ की सेवा में तत्पर रहे! .पुगल रोड सब्जी मंडी के पास ��माज सेविका व अध्यापिका श्रीमती तारा स्वामी द्वारा शीतल…
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प्रचंड तापमान ने जेईई-एडवांस्ड परीक्षार्थियों की ली दोहरी परीक्षा
जेईई-एडवांस्ड, 2024: देश के 222 शहरों व राजस्थान में कोटा सहित 10 शहरों के परीक्षा केंद्रों पर दो शिफ्ट में हुये दोनों पेपर। 23 आईआईटी की 17,385 सीटों पर हुई परीक्षा, जेईई-मेन से क्वालिफाई 2.50 लाख में से करीब 1.90 लाख ने दी जेईई-एडवांस्ड परीक्षा न्यूजवेव@कोटा आईआईटी, मद्रास द्वारा आयोजित जेईई-एडवांस्ड,2024 परीक्षा रविवार को देश के 222 शहरों के 709 परीक्षा केंद्रों पर कम्प्यूटर बेस्ड मोड में हुई। राजस्थान में कोटा सहित 10 शहरों में यह परीक्षा हुई। इसमें सफल अभ्यार्थियों को देश की 23 आईआईटी की 17,385 सीटों पर प्रवेश दिया जायेगा। आईआईटी में गर्ल्स को 20 प्रतिशत सुपर न्यूमरेरी आरक्षण होने से उनमें उत्साह देखा गया। इसका रिजल्ट 9 जून रविवार को घोषित होगा। परीक्षा में पेपर-1 सुबह 9 से 12 बजे तक एवं पेपर-2 दोपहर 2ः30 बजे से शाम 5ः30 बजे तक हुआ। रविवार को प्रचंड गर्मी में 47 डिग्री तापमान ने परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों की दोहरी परीक्षा ली। इस वर्ष जेईई-मेन से क्वालिफाई 2.50 लाख में से 1,91,283 ने पंजीयन कराया था, जिसमें से करीब 1.90 लाख परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल हुये हैं।
इस वर्ष आईआईटी ने पेपर पेटर्न में कोई बदलाव नहीं किया। कुल 360 अंकों की परीक्षा में पेपर-1 व पेपर-2 के प्रत्येक पेपर में 180 अंकों के 51 बहुवैकल्पिक प्रश्न पूछे गये। जिसमें तीनो विषयों से 17-17 प्रश्न पूछे गये। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रत्येक विषय में न्यूनतम प्राप्तांक 10 व कुल 35 लाने होंगे जबकि ओबीसी-एनसीएल वर्ग में प्रत्येक विषय में न्यूनतम 9 अंक व कुल 31.5 प्राप्तांक अनिवार्य है। इसी तरह, एससी, एसटी व दिव्यांग वर्ग के लिये प्रत्येक विषय में प्राप्तांक 5 व कुल 17.5 अंक होना आवश्यक है। गत वर्ष जेईई-एडवांस्ड में 1.89,487 पंजीकृत में से 1.80,372 ने परीक्षा दी थी, जिसमंे से कुल 43,769 क्वालिफाई घोषित किये गये थे। इस वर्ष 10 हजार परीक्षार्थी अधिक होने से क्वालिफाई की संख्या भी अधिक रहेगी। फाइनल ‘आंसर की’ 2 जून को जेईई-एडवांस्ड वेबसाइट के अनुसार, परीक्षा में दोनों पेपर के जवाबों की कॉपी 24 मई शाम 5 बजे जारी कर दी जायेगी। जिससे परीक्षार्थी अपने स्कोर का आकलन कर सकेंगे। अधिकृत फाइनल ‘आंसर की’ 2 जून प्रातः 10 बजे जारी कर दी जायेगी। परीक्षार्थियों ने बताया कि इस वर्ष पेपर-1 में मैथ्स एवं केमिस्ट्री के प्रश्न मॉडरेट लेवल के रहे जबकि फिजिक्स के प्रश्नों का स्तर कठिन रहा। जबकि पेपर-2 में मैथ्स के प्रश्न कठिन रहे। कोटा में प्रमुख कोचिग संस्थानों के विशेषज्ञ पेपर में तीनों विषयों के प्रश्नों को हल कर सही उत्तर का विश्लेषण करते रहे। जिससे परीक्षार्थियों को अपने संभावित स्कोर का आंकलन करने में मदद मिलेगी। 12वीं बोर्ड में 75 प्रतिशत अंक अनिवार्य जेईई-एडवांस्ड 2024 से आईआईटी संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने के लिये सामान्य वर्ग के क्वालिफाई परीक्षार्थियों का 12वीं बोर्ड परीक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंकों से पास होना आवश्यक है। एससी, एसटी व पीडब्ल्यूडी अभ्यर्थियों के लिये 12वीं में न्यूनतम 62 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं। साथ ही, क्वालिफाई अभ्यर्थी न्यूनतम 5 विषयों में उत्तीर्ण हो और श्रेणीवार शीर्ष 20 प्रतिशत सफल परीक्षार्थियों में भी होना चाहिये। कोटा में 2 परीक्षा केंद्रों पर बेटियों को मौका जेईई-एडवांस्ड परीक्षा सीबीटी मोड में होने से कोटा में दो परीक्षा केंद्र रहे। पहला सुभाष नगर प्रथम में वायबेल सॉल्यूशन, तथा दूसरा, इंद्रप्रस्थ इंडस्ट्रियल एरिया में डिजिटल डेस्क केेंद्र पर शांतिपूर्वक पेपर हुये। सभी अभ्यर्थियों को कडी सुरक्षा जांच के बाद प्रवेश दिया गया। अभिभावक परीक्षा केंद्रों के बाहर प्र��ंड तापमान में छाते लगाकर खडे़ रहे। दोनों पेपर के बीच ब्रेक में परीक्षार्थियों को पानी, जूस व ठंडे पेय पदार्थ पिलाकर राहत प्रदान की। Read the full article
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आहार के नियम भारतीय 12 महीनों अनुसार
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#चैत्र ( मार्च-अप्रैल) – इस महीने में गुड का सेवन करे क्योकि गुड आपके रक्त संचार और रक्त को शुद्ध करता है एवं कई बीमारियों से भी बचाता है। चैत्र के महीने में नित्य नीम की 4 – 5 कोमल पतियों का उपयोग भी करना चाहिए इससे आप इस महीने के सभी दोषों से बच सकते है। नीम की पतियों को चबाने से शरीर में स्थित दोष शरीर से हटते है।
#वैशाख (अप्रैल – मई)- वैशाख महीने में गर्मी की शुरुआत हो जाती है। बेल पत्र का इस्तेमाल इस महीने में अवश्य करना चाहिए जो आपको स्वस्थ रखेगा। वैशाख के महीने में तेल का उपयोग बिल्कुल न करे क्योकि इससे आपका शरीर अस्वस्थ हो सकता है।
#ज्येष्ठ (मई-जून) – भारत में इस महीने में सबसे अधिक गर्मी होती है। ज्येष्ठ के महीने में दोपहर में सोना स्वास्थ्य वर्द्धक होता है , ठंडी छाछ , लस्सी, ज्यूस और अधिक से अधिक पानी का सेवन करें। बासी खाना, गरिष्ठ भोजन एवं गर्म चीजो का सेवन न करे। इनके प्रयोग से आपका शरीर रोग ग्रस्त हो सकता है।
#अषाढ़ (जून-जुलाई) – आषाढ़ के महीने में आम , पुराने गेंहू, सत्तु , जौ, भात, खीर, ठन्डे पदार्थ , ककड़ी, पलवल, करेला, बथुआ आदि का उपयोग करे व आषाढ़ के महीने में भी गर्म प्रकृति की चीजों का प्रयोग करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
#श्रावण (जूलाई-अगस्त) – श्रावण के महीने में हरड का इस्तेमाल करना चाहिए। श्रावण में हरी सब्जियों का त्याग करे एव दूध का इस्तेमाल भी कम करे। भोजन की मात्रा भी कम ले – पुराने चावल, पुराने गेंहू, खिचड़ी, दही एवं हलके सुपाच्य भोजन को अपनाएं।
#भाद्रपद (अगस्त-सितम्बर) – इस महीने में हलके सुपाच्य भोजन का इस्तेमाल कर वर्षा का मौसम् होने के कारण आपकी जठराग्नि भी मंद होती है इसलिए भोजन सुपाच्य ग्रहण करे। इस महीने में चिता औषधि का सेवन करना चाहिए।
#आश्विन (सितम्बर-अक्टूबर) – इस महीने में दूध , घी, गुड़ , नारियल, मुन्नका, गोभी आदि का सेवन कर सकते है। ये गरिष्ठ भोजन है लेकिन फिर भी इस महीने में पच जाते है क्योकि इस महीने में हमारी जठराग्नि तेज होती है।
#कार्तिक (अक्टूबर-नवम्बर) – कार्तिक महीने में गरम दूध, गुड, घी, शक्कर, मुली आदि का उपयोग करे। ठंडे पेय पदार्थो का प्रयोग छोड़ दे। छाछ, लस्सी, ठंडा दही, ठंडा फ्रूट ज्यूस आदि का सेवन न करे , इनसे आपके स्वास्थ्य को हानि हो सकती है।
#अगहन (नवम्बर-दिसम्बर) – इस महीने में ठंडी और अधिक गरम वस्तुओ का प्रयोग न करे।
#पौष (दिसम्बर-जनवरी) – इस ऋतू में दूध, खोया एवं खोये से बने पदार्थ, गौंद के लाडू, गुड़, तिल, घी, आलू, आंवला आदि का प्रयोग करे, ये पदार्थ आपके शरीर को स्वास्थ्य देंगे। ठन्डे पदार्थ, पुराना अन्न, मोठ, कटु और रुक्ष भोजन का उपयोग न करे।
#माघ (जनवरी-फ़रवरी) – इस महीने में भी आप गरम और गरिष्ठ भोजन का इस्तेमाल कर सकते है। घी, नए अन्न, गौंद के लड्डू आदि का प्रयोग कर सकते है।
#फाल्गुन (फरवरी-मार्च) – इस महीने में गुड का उपयोग करे। सुबह के समय योग एवं स्नान का नियम बना ले। चने का उपयोग न करे।
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इस बदलते मौसम कैसे अपना ख्याल कैसे रखें,
मौसम बदलने के साथ ही हमारी सेहत पर भी इसका असर पड़ता है। चाहे गर्मी हो, सर्दी हो या फिर बारिश, हर मौसम के साथ कुछ खास स्वास्थ्य चुनौतियाँ आती हैं। डॉ. राहुल माथुर, जो स्वास्थ्या क्लिनिक्स, जयपुर में एक प्रमुख जनरल फिजिशियन हैं, हमें बदलते मौसम में अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव देते हैं।
मौसम बदलने से होने वाले स्वास्थ्य प्रभाव:
मौसम बदलने के साथ ही कई स्वास्थ्य समस्याएँ सामने आ सकती हैं, जैसे:
गर्मी: हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, और सनबर्न।
सर्दी: ठंड लगना, फ्लू, और जोड़ों का दर्द।
बरसात: संक्रमण, त्वचा की समस्याएँ, और पानी से फैलने वाली बीमारियाँ।
डॉ. राहुल माथुर(Best General Physician In Jaipur) के सुझाव:
गर्मी में स्वास्थ्य का ध्यान:
पर्याप्त पानी पिएं: गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खूब पानी पिएं।
धूप से बचें: सूरज की तेज धूप से बचने के लिए टोपी और सनस्क्रीन का उपयोग करें।
हल्का भोजन करें: हल्का और संतुलित आहार लें जिससे पाचन सही रहे।
सर्दी में स्वास्थ्य का ध्यान:
गरम कपड़े पहनें: ठंड से बचने के लिए गरम कपड़े पहनें।
गर्म पेय पिएं: अदरक की चाय और सूप जैसे गर्म पेय पिएं।
व्यायाम करें: नियमित व्यायाम से शरीर गरम रहता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
बरसात में स्वास्थ्य का ध्यान:
स्वच्छता बनाए रखें: पानी से होने वाले संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखें।
विटामिन सी का सेवन बढ़ाएं: इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए विटामिन सी का सेवन करें।
सूखे कपड़े पहनें: बरसात में भीगने से बचें और सूखे कपड़े पहनें।
निष्कर्ष:
मौसम के बदलाव के साथ ही हमारी सेहत पर भी इसका असर होता है, लेकिन डॉ. राहुल माथुर के सुझावों का पालन करके हम इन बदलावों से होने वाले नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं। स्वास्थ्या क्लिनिक्स, जयपुर में डॉ. राहुल माथुर की देखरेख में, हम अपने स्वास्थ्य का बेहतर ख्याल रख सकते हैं और हर मौसम का आनंद ले सकते हैं।
अपनी सेहत का ध्यान रखें और किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए स्वास्थ्या क्लिनिक्स, जयपुर में डॉ. राहुल माथुर से परामर्श लें।
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#FreeHealthCamp by Mewar University Hospital at Village Khuntiya.
गतदिवस दिनांक 15.05.2024 बुधवार को गांव खूंटिया में मेवाड़ यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की तरफ से नि:शुल्क चिकित्सा एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया जिसमें हॉस्पिटल के जनरल मेडिसिन विभाग, स्त्री रोग विभाग, दंत रोग विभाग, फिजियोथेरेपी विभाग, ने अपनी सेवाएं दी, शिविर में 200 से ज्यादा मरीजों ने लाभ उठाया, शिविर में मरीजों की आवशयक जांच व नि:शुल्क दवाइयां भी दी गई शिविर में अधिकतर मरीज खांसी जुकाम, चर्म रोग, आंखों में जलन, नजर का कमजोर होना, घुटनो में तकलीफ, कमर दर्द, दांतों में सड़न, दांत में कीड़े का लगना इत्यादि तरह के मरीज थे साथ ही महिलाओं में अनियमित महावारी, खून की कमी, सफेद पानी का जाना को परामर्श दिया गया।
मेवाड़ यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर ने मरीजों को इस गर्मी में ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पेय का सेवन करने और धूप से बचाव करने की सलाह भी दी। साथ ही मेवाड़ यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की तरफ से होने वाली 19 मई 2024 रविवार को गांव गंगरार में भी कैंप का आयोजन किया जाएगा
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गर्मी से बेहाल मुंबई वाले पेट संक्रमण से हो रहे बीमार, रोज 30 से ज्यादा मरीज हो रहे भर्ती
मुंबई: मौसम की मार से बेहाल हो चु���े मुंबईकर इन दिनों पेट के इंफेक्शन से परेशान हैं। बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में औसतन प्रति दिन 31 लोग गैस्ट्रो के कारण अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। शहर के सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी पेट के संक्रमण से परेशान मरीजों की संख्या बढ़ी है। जेजे में 300 मरीजों की जांच जेजे अस्पताल में मेडिसिन विभाग के यूनिट हेड मधुकर गायकवाड ने बताया कि अप्रैल में लगभग 300 गैस्ट्रो के मरीजों की जांच की गई। दस्त, उल्टी और डिहाइड्रेशन से पस्त हो चुके मरीजों को ऐडमिट किया गया। हालांकि 4 से 5 दिन में मरीज रिकवर हो जाता है। ओपीडी बेसिस पर दो दिन में ही रिकवरी हो जाती है। पेट की समस्या का प्रमुख कारण जंक फूड मुंबई में फास्ट या जंक फूड लोग बड़े ही चाव से खाते हैं। मुंबईकर सड़क किनारे ठेला लगानेवालों से वड़ा पाव, समोसे, चाइनीज भेल, पानी पूरी, कटे फ्रूट्स लेकर खाते हैं, लेकिन वे ��स बात पर गौर नहीं करते कि उस खाद्य या पेय पदार्थों को कितनी सफाई से बनाया जाता है, किस तेल का इस्तमाल किया जाता है। खाद्य पदार्थों को ढंक कर रखा जा रहा है या नहीं, इसका भी ध्यान नहीं रखते। रोड साइड स्टॉल्स पर खाद्य व पेय पदार्थ खुले में ही बेचे जाते हैं। ऐसे में गाड़ियों से निकलेवाला प्रदूषण, सड़क की धूल, गंदगी में बैठनेवाली मक्खियां इन खाद्य पदार्थों को लगभग जहर बना देती हैं। दूषित खानपान से पेट में इंफेक्शन होना लाज़िमी है।स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में 916 लोग गैस्ट्रो से प्रभावित हुए, जबकि मार्च में यह आंकड़ा 637 था। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुंबई में गैस्ट्रो के केसेस में इजाफा हुआ है। इसका प्रमुख कारण है दूषित पानी या अस्वास्थ्यकर आहार। कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ जाता है। 4 महीने में 71 फीसदी बढ़े मामले गैस्ट्रो के मरीजों की संख्या हर महीने बढ़ रही है। जनवरी की तुलना में अप्रैल में गैस्ट्रो के मामले 71 फीसदी रिपोर्ट हुए हैं। जनवरी में 536 मामले सामने आए थे, जबकि अप्रैल में 916 लोग गैस्ट्रो से पीड़ित थे। महीना गैस्ट्रो के मरीज जनवरी 536फरवरी 612मार्च 637अप्रैल 916 लक्षण -जी मचलना और उल्टी होना-दस्त के साथ पेट में ऐंठन और दर्द-पहले दो दिन में बुखार क्या करें -पर्सनल हाइजीन बेहद जरूरी-खाना अच्छे से पका कर खाएं, बाहर के खाने से परहेज करें-उबला व गुनगुना पानी पिएं-खाने की चीजों को अच्छे से ढंके क्या न करें सेल्फ मेडिकेशन से बचेंफास्ट फूड और जंक फूड अवॉइड करेंकट फ्रूट और बर्फ युक्त जूस का सेवन न करेंबासी खाना न खाएं http://dlvr.it/T6Hx6f
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Day☛1279✍️+91/CG10☛In Home☛27/04/24 (Sat) ☛ 22:24
जब आप सफल नहीं होते हैं तो उनकी जिम्मेदार किसे मानते हैं....
खुद को
समय को
भगवान को
किस्मत को
अपने काम को
जमाना को
इसमें से कोई एक तो जरूर होगा, अकारण कुछ भी नही होता है। सही कारण का पता लगाकर उसे ठीक किया जा सकता है और सफल भी हो सकते हैं। जो अपने मंजिल की रास्ते में बाधा बनते हैं उसके बारे में जानकर उसका निराकरण कर आगे बढ़ने का प्रयास करता है वह एक दिन सफल जरूर होता है। मुझे उपरोक्त सवाल का जवाब अभी तक मेरे जीवन में नही मिला है। जिस दिन मिल गया उस दिन सफल जरूर.......
ऑफिस तो आज भी नहीं गया था, जिस इंसान के इन्तजार में बैठा था वह आज भी मिला नही, आज आऊंगा कल आऊंगा ऐसा बोलकर शायद टाल मटोल कर रहा है। विश्वास के अलावा कोई चारा भी तो नहीं है.....
गांव में यज्ञ हो रहा है जहां जाना अनिवार्य है, यज्ञ 5 साल बाद होता है, एक दो दिन बाद शायद चले जाएंगे, अभी नही जायेंगे तो शायद 5 साल तक इंतज़ार करना पड़ेगा।
गर्मी बढ़ रही है या यूं कहा जाए तो बढ़ गई है, ऐसे में सीतल पेय पदार्थों की मांग बढ़ जाती है, घर में हमारे पत्नी जी ने खुद से ��िर्मित ice cream बनाई है,pic में देखे.....
😋😋😋
Okay good night
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West singhbhum - चाईबासा में भीषण गर्मी को देखते हुए पेयजल सेवा का हुआ शुभारंभ
रामगोपाल जेना / चाईबासा : जिला के सदर चाईबासा के बादुड़ी एवं झींकपानी प्रखण्ड के जोड़ा पोखर पंचायत भवन के प्रांगण में झारखण्ड राज्य प्रज्ञा केंद्र संचालक यूनियन जिला इकाई पश्चिम सिंहभूम के सौजन्य से संघ का जिला कमिटी के पदाधिकारियों, प्रदेश उप सचिव पंचायत के मुखिया एवं पर्व पंचायत समिति सदस्य ने संयुक्त रूप से पेय जल सेवा का उदघाटन किया. इस अवसर पर आम जनों के बीच नींबू शरबत का भी वितरण किया…
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मसाला छाछ बनाने की विधि
मसाला छाछ एक प्रसिद्ध और प्रचलित भारतीय शीतल व्यंजन है जो गर्मी के दिनों में ठंडा करने के लिए उत्तम है। यह एक स्वादिष्ट, ताजा और पौष्टिक पेय है जो आमतौर पर मसाले से भरी होती है। मसाला छाछ बनाने की विधि आसान है और इसमें दही, पानी, हरे धनिये, पुदीना, नमक, काली मिर्च और अन्य मसाले का उपयोग होता है। इस विशेष व्यंजन को तैयार करके आप अपने भोजन क��� न केवल स्वादिष्टता से लेकिन उत्तेजना से भर सकते हैं। पूरी जानकारी के लिए विजिट करें: https://vegkhanakhazana.in/masala-chach/
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Akbar Birbal ki motivational story hindi
बुद्धिमान मूर्ख
Akbar Birbal ki motivational story: एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा, "बीरबल, क्या तुम कोई ऐसा व्यक्ति ढूंढ सकते हो जो तुमसे भी अधिक मूर्ख हो?" बीरबल ने उत्तर दिया, "निश्चित रूप से, महाराज। मैं ऐसा व्यक्ति ढूंढ सकता हूं, लेकिन मुझे कुछ समय की आवश्यकता होगी।" उत्सुकतावश अकबर ने उसे खोज करने की अनुमति दे दी। कुछ दिनों के बाद बीरबल एक आदमी के साथ वापस आये। उसने कहा, "महाराज, मुझे एक ऐसा आदमी मिला जो मुझसे भी अधिक मूर्ख है। उसने मुझ पर विश्वास किया जब मैंने उससे कहा कि मैं उसे केवल एक नई उपाधि देकर दुनिया का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति बना सकता हूँ।" अकबर ने प्रसन्न होकर पूछा, "बीरबल, तुमने उसे क्या उपाधि दी?" बीरबल ने उत्तर दिया, "मैंने उसे 'राज्य में सबसे बुद्धिमान मूर्ख' की उपाधि दी, और वह इससे बहुत खुश हुआ!" अकबर बीरबल की बुद्धि और हास्य की सराहना करते हुए खूब हँसे। व ह व्यक्ति, अपनी नई पदवी से संतुष्ट होकर, शाही दरबार में नियमित अतिथि बन गया।
नींबू - Akbar Birbal motivational story
एक गर्मी के दिन, बादशाह अकबर और बीरबल महल के बगीचों में टहल रहे थे। अकबर, गर्म महसूस करते हुए, बीरबल की ओर मुड़े और बोले, "बीरबल, काश मैं अभी एक ठंडा, ताज़ा पेय पी लेता।" बीरबल, हमेशा की तरह तेज़-तर्रार, पास के पेड़ से एक छोटा नींबू तोड़ लाया। उसने उसे दो हिस्सों में काटा और एक अकबर को देते हुए कहा, "महाराज, यहाँ एक नींबू है। इसे अपने मुँह में निचोड़ लो। इसकी खटास से तुम्हें ठंडक मिलेगी।" Birbal के जवाब से खुश होकर अकबर ने उसकी सलाह मानी और नींबू को अपने मुँह में दबा लिया। उसे यह खट्टा लेकिन ताज़ा लगा। बीरबल की चतुराई से प्रभावित होकर अकबर ने कहा, "बीरबल, तुम साधारण समस्याओं के लिए भी अपने चतुर समाधानों से मुझे आश्चर्यचकित करना नहीं छोड़ते।" Birbal ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, "महाराज, मेरा मानना है कि समाधान हमेशा जटिल नहीं होते; कभी-कभी, सरलता सबसे ताज़ा समस्याओं को भी हल करने की कुंजी हो सकती है।" अकबर ने बीरबल की बुद्धिमत्ता की सराहना करते हुए सिर हिलाया।
बीरबल की परीक्षा | Akbar Birbal ki motivational short story hindi
एक दिन, बादशाह अकबर ने बीरबल की बुद्धि की परीक्षा लेने का फैसला किया। उन्होंने बीरबल से पूछा, "क्या आप रानी के प्रति मेरे प्यार को मापने का कोई उपाय ढूंढ सकते हैं?" बीरबल ने एक पल के लिए सोचा और फिर उत्तर दिया, "हां, महाराज, एक रास्ता है। हम रानी के कक्ष को भरने के लिए आवश्यक सोने की मात्रा को मापकर आपके प्यार का वजन कर सकते हैं।" अकबर हैरान था लेकिन उत्सुक भी था। वह योजना से सहमत हो गया और रानी के कक्ष में सोना डालने का आदेश दिया। जैसे ही कक्ष में सोना भर गया, यह जल्द ही स्पष्ट हो गया कि इसे पूरी तरह से भरने में भारी मात्रा में सोना लगेगा। अकबर को एहसास हुआ कि रानी के लिए उसका प्यार बेशुमार था, बिल्कुल सोने की तरह। बीरबल की चतुराईपूर्ण प्रतिक्रिया से प्रभावित होकर अकबर ने कहा, "बीरबल, तुमने एक बार फिर अपनी बुद्धिमत्ता साबित कर दी है। प्यार को भौतिक धन से नहीं मापा जा सकता।" बीरबल की बुद्धिमत्ता और बुद्धिमानी से बादशाह को सम्मान और प्रशंसा मिलती रही।
हैरान करने वाला सवाल
एक शाम, बादशाह अकबर ने अपने दरबारियों से एक हैरान करने वाला सवाल पूछा, "क्या आप मुझे कोई ऐसा तरीका बता सकते हैं जिससे कोई व्यक्ति दुखी हो तो उसे खुश कर सके और जब वह खुश हो तो दुखी हो?" दरबारी पहेली से भ्रमित हो गए, लेकिन बीरबल समाधान लेकर आगे बढ़े। उन्होंने कहा, "महाराज, जब कोई व्यक्ति दुखी हो तो उसे खुश करने के लिए उसे एक आईना दिखा दीजिए। जब वह अपना प्रतिबिंब देखेगा तो वह मुस्कुरा देगा। और जब कोई व्यक्ति खुश हो तो उसे दुखी करने के लिए उसे एक आईना दिखा दीजिए।" वे आनंदित महसूस कर रहे हैं; यह उन्हें उनकी क्षणिक ख़ुशी की याद दिलाएगा।" बीरबल के उत्तर से अकबर आश्चर्यचकित और प्रभावित दोनों हुए। उन्हें अपने सलाहकार के समाधान की चतुराई का एहसास हुआ और उन्होंने बीरबल की असाधारण बुद्धि को स्वीकार किया। इस कहानी ने एक बार फिर अकबर की चुनौतियों का अद्वितीय और विचारोत्तेजक समाधान प्रदान करने की बीरबल की क्षमता को प्रदर्शित किया।
बीरबल को चुनौती | Akbar Birbal ki motivational short story hindi
एक दिन, अकबर ने बीरबल को एक ऐसे व्यक्ति को खोजने की चुनौती दी जो न तो किसी का दोस्त हो और न ही दुश्मन। बीरबल ने चुनौती स्वीकार कर ली। राज्य की खोज करने के बाद, बीरबल को एक विनम्र किसान मिला और उसे दरबार में पेश किया। उन्होंने समझाया, "महाराज, मुझे एक ऐसा व्यक्ति मिल गया है जो आपकी चुनौती के लिए उपयुक्त है। यह किसान अपने तक ही सीमित रहता है, किसी से बातचीत नहीं करता है, और इस प्रकार, वह न तो किसी का दोस्त है और न ही दुश्मन है।" अकबर को आश्चर्य हुआ और उसने किसान को बुलाया। उन्होंने पूछा, "क्या यह सच है?" किसान ने उत्तर दिया, "हां, महाराज। मैं अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना पसंद करता हूं और दोस्ती या दुश्मनी में शामिल नहीं होता।" अकबर बीरबल के चतुराईपूर्ण समाधान से प्रसन्न हुए और किसान को पुरस्कृत किया। उन्होंने महसूस किया कि कभी-कभी, बिना गठबंधन या विवाद वाला एक साधारण जीवन वास्तव में किसी को दूसरों का न तो दोस्त बना सकता है और न ही दुश्मन। अनोखे उत्तर खोजने की बीरबल की प्रतिभा ने बादशाह को प्रभावित करना जारी रखा।
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