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सकट चौथ 2025: तिथि, पूजा का समय, व्रत कथा, विधि और क्या करें और क्या न करें

सकट चौथ, जिसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है, भगवान गणेश और देवी संकटहर्ता को समर्पित एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। मुख्य रूप से हिंदू भक्तों द्वारा मनाया जाने वाला यह दिन बाधाओं को दूर करने और भक्तों के जीवन में समृद्धि लाने में विश्वास रखता है। 2025 में, सकट चौथ उनके लिए विशेष महत्व रखता है जो अपने परिवार के कल्याण के लिए दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।
सकट चौथ 2025 तिथि और पूजा का समय
पवित्र सकट चौथ 2025 को शुक्रवार, 17 जनवरी, 2025 को मनाया जाएगा। विस्तृत समय इस प्रकार है:
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 17 जनवरी 2025 को सुबह 6:14 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 18 जनवरी 2025 को सुबह 4:58 बजे
चंद्रोदय का समय: रात 8:47 बजे
भक्तों को शाम के समय पूजा करनी चाहिए और चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत तोड़ना चाहिए।
सकट चौथ व्रत कथा
सकट चौथ व्रत कथा गहन आध्यात्मिक महत्व रखती है और भक्ति और विश्वास का महत्व सिखाती है। पूरी कथा इस प्रकार है:
प्राचीन समय में, एक समृद्ध राज्य पर एक धर्मपरायण राजा शासन करता था। राज्य की रानी गहरी भक्त थीं और नियमित रूप से अपने परिवार के कल्याण के लिए अनुष्ठान करती थीं। लेकिन राजकुमार, उनका इकलौता पुत्र, गंभीर रूप से बीमार पड़ गया। सबसे अच्छे चिकित्सकों की सलाह और अनगिनत अनुष्ठानों के बावजूद, उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
एक दिन, एक ज्ञानी साधु महल में आए। राजकुमार की स्थिति सुनने के बाद, साधु ने सकट चौथ व्रत रखने और भगवान गणेश और देवी संकटहर्ता को समर्पित एक विशेष पूजा करने का सुझाव दिया। साधु ने बताया कि देवी संकटहर्ता इस दिन विशेष रूप से कृपालु होती हैं और जो लोग भक्ति के साथ व्रत रखते हैं उन्हें कठिनाइयों से राहत प्रदान करती हैं।
रानी ने साधु की सलाह मानने का निर्णय लिया। सकट चौथ के दिन, उन्होंने निर्जला व्रत (बिना पानी के व्रत) रखा, पूरी श्रद्धा के साथ अनुष्ठान किए और व्रत कथा सुनी। उन्होंने भगवान गणेश और देवी संकटहर्ता से प्रार्थना की कि वे उनके पुत्र का जीवन बचाएं। चंद्रमा के उदय के समय, उन्होंने चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत तोड़ा।
चमत्कारिक रूप से, उसी रात से राजकुमार की तबीयत में सुधार होने लगा। कुछ ही दिनों में, वह पूरी तरह से ठीक हो गया, जिससे शाही परिवार में आनंद और राहत फैल गई। तब से, सकट चौथ व्रत रखने की परंपरा जारी है, और भक्तों का मानना है कि यह उनके बच्चों की रक्षा कर सकता है और उनके जीवन से बाधाओं को दूर कर सकता है।
सकट चौथ व्रत की दूसरी कथा
एक गांव में एक गरीब लेकिन भक्त महिला रहती थी। उसका इकलौता पुत्र था, जिसे उसने अपनी कठिनाइयों के बावजूद बहुत प्यार और देखभाल से पाला। महिला की भगवान गणेश में गहरी आस्था थी, और वह नियमित रूप से उनके व्रत और पूजा करती थी।
एक बार, गांव में भयंकर अकाल पड़ा, और महिला को भोजन जुटाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। एक दिन, उसने सकट चौथ का महत्व सुना और व्रत रखने का निर्णय लिया। उसने निर्जला व्रत किया और पूरी श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा की। पूजा के दौरान उसने व्रत कथा सुनी और अपनी संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
उसके बेटे को एक दिन अचानक जंगल में एक बड़े खतरे का सामना करना पड़ा। एक विशाल सांप ने उसे काटने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही वह सांप उसके करीब आया, भगवान गणेश प्रकट हुए और अपने दिव्य प्रभाव से सांप को वहां से भगा दिया।
जब महिला को इस घटना के बारे में पता चला, तो उसने भगवान गणेश का धन्यवाद किया और समझ गई कि सकट चौथ व्रत ने उसके बेटे की जान बचाई। तभी से यह परंपरा प्रचलित हो गई कि इस दिन व्रत रखने से बच्चों की रक्षा होती है और परिवार पर आने वाले संकट दूर हो जाते हैं।
सकट चौथ की एक और प्रसिद्ध कथा
प्राचीन समय में, एक गांव में एक साहूकार (व्यापारी) रहता था। उसके सात बेटे और सात बहुएं थीं। साहूकार की सबसे छोटी बहू बहुत भक्त थी और भगवान गणेश में गहरी आस्था रखती थी। जब भी कोई पर्व या व्रत आता, वह श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए पूजा-अर्चना करती।
एक बार सकट चौथ का दिन आया। साहूकार की छोटी बहू ने व्रत रखने का संकल्प लिया। पूरे दिन उसने निर्जला व्रत किया और शाम को पूजा की तैयारी करने लगी। लेकिन साहूकार और उसकी अन्य बहुओं ने उसका मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, "तुम्हारे इस उपवास और पूजा का कोई अर्थ नहीं है। इससे किसी को कोई लाभ नहीं होगा।"
छोटी बहू ने उनकी बातों को अनसुना किया और अपने व्रत और पूजा में ध्यान केंद्रित किया। उसने भगवान गणेश की पूजा करते हुए दुर्वा, मोदक, और लाल फूल अर्पित किए और चंद्रमा को अर्घ्य देने के ब��द व्रत खोला।
उस रात, साहूकार के परिवार में एक अनहोनी घटित हुई। साहूकार और उसकी छह बहुएं गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं। घर में अशांति फैल गई। परिवार के लोग इस विपदा का कारण समझने में असमर्थ थे। परेशान होकर उन्होंने गांव के एक संत से परामर्श लिया।
संत ने कहा, "आपने सकट चौथ व्रत और पूजा का अपमान किया है। भगवान गणेश ने आपको यह सजा दी है। इस संकट से बचने के लिए पूरे परिवार को गणेश जी से क्षमा मांगनी होगी और व्रत को श्रद्धा के साथ करना होगा।"
साहूकार और उसकी बहुएं बहुत पछताईं। ��न्होंने अगले दिन गणेश जी की विधिवत पूजा की और भगवान गणेश से क्षमा मांगी। उनकी प्रार्थनाओं के बाद, परिवार के सभी सदस्य ठीक हो गए।
तब से, यह कथा प्रचलित हो गई और सकट चौथ व्रत का महत्व हर घर में बताया जाने लगा। यह व्रत सिखाता है कि भक्ति, श्रद्धा, और विश्वास से भगवान गणेश सभी संकटों को हर लेते हैं और परिवार में सुख-शांति लाते हैं।
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इस कथा का महत्व
यह कहानी सिखाती है कि भक्ति और विश्वास के साथ व्रत रखने से भगवान गणेश और देवी संकटहर्ता की कृपा प्राप्त होती है। संकटों से मुक्ति पाने और संतान के कल्याण के लिए यह व्रत विशेष रूप से प्रभावशाली माना जाता है।
सकट चौथ पूजा विधि
1. सुबह की तैयारी:
सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
पूजा स्थल को साफ करें और वहां भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
2. संकल्प:
व्रत को श्रद्धा से रखने का संकल्प लें और अपने परिवार के कल्याण और बाधाओं को दूर करने के लिए प्रार्थना करें।
3. पूजा विधि:
एक दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
दुर्वा, लाल फूल, फल और मोदक जैसे मिठाई भगवान गणेश को अर्पित करें।
गणेश मंत्र जैसे “ॐ गं गणपतये नमः” का जाप करें।
4. शाम की पूजा:
भगवान गणेश के लिए भोग तैयार करें।
सकट चौथ व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
आरती करें और सभी बाधाओं को दूर करने के लिए प्रार्थना करें।
5. व्रत तोड़ना :
चंद्रमा के दर्शन के बाद, चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करके व्रत तोड़ें।
क्या करें (Dos) सकट चौथ पर
• निर्जला व्रत रखें: यह व्रत का सबसे शुभ तरीका माना जाता है। जो लोग निर्जला व्रत नहीं रख सकते, वे आंशिक व्रत रख सकते हैं।
• मोदक और दुर्वा चढ़ाएं: यह भगवान गणेश की प्रिय भेंट मानी जाती है।
• गणेश मंत्र का जाप करें: भगवान गणेश को समर्पित मंत्रों का जाप व्रत के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाता है।
• व्रत कथा सुनें: पूजा के दौरान सकट चौथ कथा अवश्य सुनें या पढ़ें।
क्या न करें (Don’ts) सकट चौथ पर
• मांसाहारी भोजन से बचें: इस पवित्र दिन पर मांसाहारी भोजन और शराब से दूर रहें।
• चंद्रोदय अनुष्ठान को न छोड़ें: व्रत चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित किए बिना अधूरा माना जाता है।
• लहसुन और प्याज का उपयोग न करें: भोग और अपने भोजन (यदि आंशिक व्रत) के लिए सात्विक भोजन तैयार करें।
• नकारात्मक विचार न रखें: पूरे दिन सकारात्मक और भक्ति से भरा दृष्टिकोण बनाए रखें। सकट चौथ का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष के अनुसार, सकट चौथ मनाने से राहु और केतु जैसे अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम क���ने में मदद मिलती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है ज�� अपने कुंडली में प्रतिकूल ग्रहों की महादशा या अंतरदशा के कठिन समय से गुजर रहे हैं। इस शुभ दिन के लाभों को अपनी अनूठी ग्रह स्थिति के आधार पर अधिकतम करने के लिए डॉ. विनय बजरंगी जैसे अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करें।
निष्कर्ष
सकट चौथ 2025 भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने और जीवन की चुनौतियों को दूर करने का एक शक्तिशाली दिन है। व्रत को श्रद्धा से रखकर, पूजा को भक्ति से करके, और क्या करें और क्या न करें का पालन करके, भक्त आध्यात्मिक और भौतिक लाभों का अनुभव कर सकते हैं। इस दिन का आपके जीवन पर कैसे प्रभाव पड़ सकता है, इस पर व्यक्तिगत ज्योतिषीय मार्गदर्शन के लिए डॉ. विनय बजरंगी से परामर्श करें।
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YouTube : https://youtu.be/tsE8xZKqExs?si=PlhyleM2vgX17QJU
लखनऊ, 12.11.2023 दीपावली के शुभ अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इन्दिरा नगर स्थित कार्यालय में "लक्ष्मी गणेश पूजा" का आयोजन किया गया । पूजा के क्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल और स्वयंसेवकों ने लक्ष्मी गणेश जी की विधिवत पूजा की, प्रसाद वितरित किया तथा देश की समृद्धि और खुशहाली के लिए लक्ष्मी गणेश जी से प्रार्थना की। पंडित दिग्विजय नाथ तिवारी ने पूरे विधि-विधान से पूजा करायी और सभी को आशीर्वाद दिया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी देशवासियों को दीपावली के शुभ अवसर की बधाई दी व कहा कि "दीपावली खुशियों एवं रोशनी का प्रतीक है | आज के ही दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी लंका पर विजय प्राप्त कर अ��ोध्या वापस आए थे, इसी खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीए जलाए थे | हमारे माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी ने रामराज्य की आधारशिला को मजबूत किया है और उनके नेतृत्व में अयोध्या में प्रतिवर्ष मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी के आगमन दिवस को अत्यंत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है जिसमे श्रीराम की पावन जन्मस्थली पर भव्य एवं दिव्य दीपोत्सव का आयोजन, प्रभु श्रीराम, माता सीता जी एवं श्री लक्ष्मण जी के स्वरूपों का पूजन, आरती एवं प्रतीकात्मक राज्याभिषेक, श्री अयोध्या धाम में सरयू जी की आरती अलौकिक है | यह हम भारतवासियों के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि जल्द ही अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण संपूर्ण हो जाएगा और हम सभी उस ऐतिहासिक पल के साक्षी होंगे | माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना को साकार किया है | श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को आस्था, उल्लास एवं प्रकाश के महापर्व दीपावली की पुनः हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी तथा दीपावली के पावन पर्व पर मां लक्ष्मी जी और श्री गणेश जी से प्रार्थना कर सभी के जीवन में सुख, समृद्धि व शांति की कामना की ।
|| जय श्री राम ||
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🪔🔱🌹🔥विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत (Vikata Sankashti Chaturthi Vrat) 2025: तिथि, पूजन विधि और महत्व, जिससे ��ूरी होगी आप की मनोकामना!
🪔✍👉- श्री चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर प्रतिदिन के कर्मों से निवृ होकर स्नान करें। 🪔✍👉- फिर एक पटिए पर लाल कपड़ा बिछाकर गणपति की स्थापना के बाद इस तरह पूजन करें- 🪔✍👉- सबसे पहले घी का दीपक जलाएं। इसके बाद पूजा का संकल्प लें। 🪔✍👉- फिर गणेश जी का ध्यान करने के बाद उनका आह्वान करें। 🪔✍👉- इसके बाद गणेश को स्नान कराएं। सबसे पहले जल से, फिर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) और पुन: शुद्ध जल से स्नान कराएं। 🪔✍👉- गणेश के मंत्र व चालीसा और स्तोत्र आदि का वाचन करें। 🪔✍👉- अब गणेश जी को वस्त्र चढ़ाएं। अगर वस्त्र नहीं हैं तो आप उन्हें एक नाड़ा भी अर्पित कर सकते हैं। 🪔✍👉- इसके बाद गणपति की प्रतिमा पर सिंदूर, चंदन, फूल और फूलों की माला अर्पित करें। 🪔✍👉- अब बप्पा को मनमोहक सुगंध वाली धूप दिखाएं। 🪔✍👉- अब एक दूसरा दीपक जलाकर गणपति की प्रतिमा को दिखाकर हाथ धो लें। 🪔✍👉- हाथ पोंछने के लिए नए कपड़े का इस्तेमाल करें। 🪔✍👉- नैवेद्य चढ़ाएं। नैवेद्य में मोदक, मिठाई, गुड़ और फल शामिल करें। 🪔✍👉- इसके बाद गणपति को नारियल और दक्षिण प्रदान करें। 🪔✍👉 - सकंष्टी/ विकट चतुर्थी की कथा श्रवण करें अथवा पढ़ें। 🪔✍👉- अब अपने परिवार के साथ गणपति की आरती करें। गणेश जी की आरती कपूर के साथ घी में डूबी हुई एक या तीन या इससे अधिक बत्तियां बनाकर की जाती है। 🪔✍👉- इसके बाद हाथों में फूल लेकर गणपति के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करें। 🪔✍👉- अब गणपति की परिक्रमा करें। ध्यान रहे कि गणपति की परिक्रमा एक बार ही की जाती है। 🪔✍👉- इसके बाद गणपति से किसी भी तरह की भूल-चूक के लिए माफी मांगें। 🪔✍👉- पूजा के अंत में साष्टांग प्रणाम करें। 🪔✍👉- रात को चंद्रमा की पूजा और दर्शन करने के बाद व्रत खोलना चाहिए। {इस चतुर्थी पर चंद्रोदय रात्रि 10.02 मिनट पर होगा।} 🪔✍👉- मंत्र- 'श्री गणेशाय नम:', 'ॐ गं गणपतये नम:', वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा। आदि का अधिक से अधिक जाप करें।
🪔🔱🌹🔥कथा (Vikata Sankashti Chaturthi Vrat Katha) - एक समय की बात है कि विष्णु भगवान का विवाह लक्ष्मीजी के साथ निश्चित हो गया। विवाह की तैयारी होने लगी। सभी देवताओं को निमंत्रण भेजे गए, परंतु गणेशजी को निमंत्रण नहीं दिया, कारण जो भी रहा हो।
अब भगवान विष्णु की बारात जाने का समय आ गया। सभी देवता अपनी पत्नियों के साथ विवाह समारोह में आए। उन सबने देखा कि गण���शजी कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। तब वे आपस में चर्चा करने लगे कि क्या गणेशजी को नहीं न्योता है? या स्वयं गणेशजी ही नहीं आए हैं? सभी को इस बात पर आश्चर्य होने लगा। तभी सबने विचार किया कि विष्णु भगवान से ही इसका कारण पूछा जाए।
🪔🔱🌹🔥विष्णु भगवान से पूछने पर उन्होंने कहा कि हमने गणेशजी के पिता भोलेनाथ महादेव को न्योता भेजा है। यदि गणेशजी अपने पिता के साथ आना चाहते तो आ जाते, अलग से न्योता देने की कोई आवश्यकता भी नहीं थीं। दूसरी बात यह है कि उनको सवा मन मूंग, सवा मन चावल, सवा मन घी और सवा मन लड्डू का भोजन दिनभर में चाहिए। यदि गणेशजी नहीं आएंगे तो कोई बात नहीं। दूसरे के घर जाकर इतना सारा खाना-पीना अच्छा भी नहीं लगता।
इतनी वार्ता कर ही रहे थे कि किसी एक ने सुझाव दिया- यदि गणेशजी आ भी जाएं तो उनको द्वारपाल बनाकर बैठा देंगे कि आप घर की याद रखना। आप तो चूहे पर बैठकर धीरे-धीरे चलोगे तो बारात से बहुत पीछे रह जाओगे। यह सुझाव भी सबको पसंद आ गया, तो विष्णु भगवान ने भी अपनी सहमति दे दी।
होना क्या था कि इतने में गणेशजी वहां आ पहुंचे और उन्हें समझा-बुझाकर घर की रखवाली करने बैठा दिया। बारात चल दी, तब नारदजी ने देखा कि गणेशजी तो दरवाजे पर ही बैठे हुए हैं, तो वे गणेशजी के पास गए और रुकने का कारण पूछा। गणेशजी कहने लगे कि विष्णु भगवान ने मेरा बहुत अपमान किया है। नारदजी ने कहा कि आप अपनी मूषक सेना को आगे भेज दें, तो वह रास्ता खोद देगी जिससे उनके वाहन धरती में धंस जाएंगे, तब आपको सम्मानपूर्वक बुलाना पड़ेगा।
🪔🔱🌹🔥अब तो गणेशजी ने अपनी मूषक सेना जल्दी से आगे भेज दी और सेना ने जमीन पोली कर दी। जब बारात वहां से नि��ली तो रथों के पहिए धरती में धंस गए। लाख कोशिश करें, परंतु पहिए नहीं निकले। सभी ने अपने-अपने उपाय किए, परंतु पहिए तो नहीं निकले, बल्कि जगह-जगह से टूट गए। किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाए।
तब तो नारदजी ने कहा- आप लोगों ने गणेशजी का अपमान करके अच्छा नहीं किया। यदि उन्हें मनाकर लाया जाए तो आपका कार्य सिद्ध हो सकता है और यह संकट टल सकता है। शंकर भगवान ने अपने दूत नंदी को भेजा और वे गणेशजी को लेकर आए। गणेशजी का आदर-सम्मान के साथ पूजन किया, तब कहीं रथ के पहिए निकले। अब रथ के पहिए निकल को गए, परंतु वे टूट-फूट गए, तो उन्हें सुधारे कौन?
पास के खेत में खाती काम कर रहा था, उसे बुलाया गया। खाती अपना कार्य करने के पहले 'श्री गणेशाय नम:' कहकर गणेशजी की वंदना मन ही मन करने लगा। देखते ही देखते खाती ने सभी पहियों को ठीक कर दिया।
तब खाती कहने लगा कि हे देवताओं! आपने सर्वप्रथम गणेशजी को नहीं मनाया होगा और न ही उनकी पूजन की होगी इसीलिए तो आपके साथ यह संकट आया है। हम तो मूरख अज्ञानी हैं, फिर भी पहले गणेशजी को पूजते हैं, उनका ध्यान करते हैं। आप लोग तो देवतागण हैं, फिर भी आप गणेशजी को कैसे भूल गए? अब आप लोग भगवान श्री गणेशजी की जय बोलकर जाएं, तो आपके सब काम बन जाएंगे और कोई संकट भी नहीं आएगा।
ऐसा कहते हुए बारात वहां से चल दी और विष्णु भगवान का लक्ष्मीजी के साथ विवाह संपन्न कराके सभी सकुशल घर लौट आए। हे गणेशजी महाराज! आपने विष्णु को जैसो कारज सारियो, ऐसो कारज सबको सिद्ध करजो।
🪔🔱🌹🔥बोलो गजानन भगवान की जय
⚜📌✍𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 𝗨𝘀 📌𝗔𝘀𝘁𝗿𝗼𝗹𝗼𝗴𝘆, 𝗩𝗮𝘀𝘁𝘂𝗦𝗵𝗮𝘀𝘁𝗿𝗮 𝗮𝗻𝗱 𝗡𝘂𝗺𝗲𝗿𝗼𝗹𝗼𝗴𝘆 और सनातन धर्म की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी पहले पाने के लिए अभी 𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 करे "𝗔𝘀𝘁𝗿𝗼𝗩𝗮𝘀𝘁𝘂𝗞𝗼𝘀𝗵" को 📌𝗔𝗸𝘀𝗵𝗮𝘆 𝗝𝗮𝗺𝗱𝗮𝗴𝗻𝗶 📌𝟵𝟴𝟯𝟳𝟯𝟳𝟲𝟴𝟯𝟵
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सीएम धामी ने खटीमा में 213 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना के लिए किया भूमि पूजन
खटीमा : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कंजाबाग तिराहे, खटीमा में स्थापित किए जा रहे 213 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज का भूमि पूजन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज देश की एकता, अखंडता और शौर्य का प्रतीक है। जो हर नागरिक को देशभक्ति की भावना से प्रेरित करता है। आने वाले समय में यह ध्वज पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा,…
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अनंत अंबानी ने द्वारका में गुरु पूजन, गणेश पूजन और वेदोक्त मंत्रों से श्रीकृष्ण के दर्शन और आशीर्वाद कर पूर्ण की पदयात्रा #AnantAmbani #NitaAmbani #RadhikaMerchant #Sanatani #SanataniSoul #Dwarkadhish #JaiShriKrishna
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अनंत अंबानी की पूर्ण हुई पदयात्रा द्वारका में गुरु पूजन, गणेश पूजन कर वेदोक्त विधि से मंत्रोच्चार से हुआ श्रीकृष्ण पूजन
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शुभ दीपावली : श्री लक्ष्मी गणेश पूजन | Happy Diwali : Shri Laxmi Ganesh Puja
श्री गणेशाय नमः | ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः | ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः | ॐ कुबेराय नमः
लखनऊ l 25.10.2022, दीपावली के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के 25/2G सेक्टर 25, इंदिरा नगर कार्यालय में श्री गणेश लक्ष्मी पूजन का आयोजन किया गया l पूजा में संपूर्ण विधि विधान से भगवान गणेश व माता लक्ष्मी की पूजा की गई l पूजा में पधारे पंडित जी ने मंत्र उच्चारण कर संपूर्ण वातावरण को भक्तिमय बना दिया l पूजन समाप्ति पर श्री गणेश और लक्ष्मी जी की आरती कर प्रसाद वितरण किया गया तथा भगवान से विश्व में शांति व सौहार्द स्थापित करने की प्रार्थना की गई l
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने महाकवि पद्म भूषण गोपाल दास नीरज की कविता “जलाओ दीये पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए से सबको पावन दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दी | श्री अग्रवाल कहा कि हमारी भगवान श्री राम जी से प्रार्थना है कि सबका जीवन सुख, समृद्धि एवं वैभव से परिपूर्ण हो और पावन दीपावली हर किसी के जीवन में खुशियां और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए |
पूजा आयोजन में ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयं सेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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शुभ दीपावली : श्री लक्ष्मी गणेश पूजन | Happy Diwali : Shri Laxmi Ganesh Puja
श्री गणेशाय नमः | ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः | ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः | ॐ कुबेराय नमः
लखनऊ l 25.10.2022, दीपावली के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के 25/2G सेक्टर 25, इंदिरा नगर कार्यालय में श्री गणेश लक्ष्मी पूजन का आयोजन किया गया l पूजा में संपूर्ण विधि विधान से भगवान गणेश व माता लक्ष्मी की पूजा की गई l पूजा में पधारे पंडित जी ने मंत्र उच्चारण कर संपूर्ण वातावरण को भक्तिमय बना दिया l पूजन समाप्ति पर श्री गणेश और लक्ष्मी जी की आरती कर प्रसाद वितरण किया गया तथा भगवान से विश्व में शांति व सौहार्द स्थापित करने की प्रार्थना की गई l
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने महाकवि पद्म भूषण गोपाल दास नीरज की कविता “जलाओ दीये पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए से सबको पावन दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दी | श्री अग्रवाल कहा कि हमारी भगवान श्री राम जी से प्रार्थना है कि सबका जीवन सुख, समृद्धि एवं वैभव से परिपूर्ण हो और पावन दीपावली हर किसी के जीवन में खुशियां और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए |
पूजा आयोजन में ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयं सेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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शुभ दीपावली : श्री लक्ष्मी गणेश पूजन | Happy Diwali : Shri Laxmi Ganesh Puja
श्री गणेशाय नमः | ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः | ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः | ॐ कुबेराय नमः
लखनऊ l 25.10.2022, दीपावली के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के 25/2G सेक्टर 25, इंदिरा नगर कार्यालय में श्री गणेश लक्ष्मी पूजन का आयोजन किया गया l पूजा में संपूर्ण विधि विधान से भगवान गणेश व माता लक्ष्मी की पूजा की गई l पूजा में पधारे पंडित जी ने मंत्र उच्चारण कर संपूर्ण वातावरण को भक्तिमय बना दिया l पूजन समाप्ति पर श्री गणेश और लक्ष्मी जी की आरती कर प्रसाद वितरण किया गया तथा भगवान से विश्व में शांति व सौहार्द स्थापित करने की प्रार्थना की गई l
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने महाकवि पद्म भूषण गोपाल दास नीरज की कविता “जलाओ दीये पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए से सबको पावन दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दी | श्री अग्रवाल कहा कि हमारी भगवान श्री राम जी से प्रार्थना है कि सबका जीवन सुख, समृद्धि एवं वैभव से परिपूर्ण हो और पावन दीपावली हर किसी के जीवन में खुशियां और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए |
पूजा आयोजन में ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयं सेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 126
ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 126 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ (उत्तरार्द्ध) एक सौ छब्बीसवाँ अध्याय राधा और श्रीकृष्ण का पुनः मिलाप, राधा के पूछने पर श्रीकृष्ण द्वारा अपना तथा राधा का रहस्योद्घाटन श्रीनारायण कहते हैं — नारद! इस प्रकार माधव ने यादवों, देवों, मुनियों तथा अन्यान्य व्यक्तियों और देवियों के साथ गणेश-पूजन का कार्य सम्पन्न किया। तत्पश्चात् वे अपने एक…

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गृह कलेश निवारण पूजा: शांति और सौहार्द का माध्यम
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में परिवार में कलह और तनाव की समस्या आम होती जा रही है। गृह कलेश न केवल मानसिक शांति को भंग करता है, बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच दूरी और गलतफहमियां भी पैदा करता है। ऐसे में गृह कलेश निवारण पूजा एक प्राचीन और प्रभावी उपाय है, जो घर में सुख, शांति, और समृद्धि लाने में मदद करती है। आइए जानते हैं इस पूजा के महत्व, विधि और लाभों के बारे में।
गृह कलेश निवारण पूजा का महत्व
गृह कलेश निवारण पूजा भारतीय परंपरा में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह पूजा परिवार के सदस्य��ं के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द को बढ़ाती है। इसके अलावा, यह पूजा घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मकता का संचार करती है।
गृह कलेश के प्रमुख कारण
अशुभ ग्रहों की स्थिति: कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति परिवार में विवाद का कारण बन सकती है।
वास्तु दोष: घर में वास्तु दोष होने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
गलतफहमियां और संवादहीनता: परिवार के सदस्यों के बीच संवाद की कमी अक्सर विवाद का कारण बनती है।
आर्थिक समस्याएं: आर्थिक तंगी और धन से जुड़ी समस्याएं गृह कलेश को जन्म देती हैं।
ईर्ष्या और असहमति: ��रिवार के सदस्यों के बीच ईर्ष्या और असहमति भी कलह का बड़ा कारण बनती है।
गृह कलेश निवारण पूजा की विधि
गृह कलेश निवारण पूजा को सही विधि और श्रद्धा से करने पर इसके परिणाम अधिक प्रभावी होते हैं।
1. शुभ मुहूर्त का चयन करें
गृह कलेश निवारण पूजा के लिए शुभ दिन और समय का चयन करें। अमावस्या, पूर्णिमा, या सोमवार का दिन इस पूजा के लिए उत्तम माना जाता है।
2. पूजा स्थल की तैयारी करें
पूजा के लिए एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनें। पूजा स्थल पर एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं।
3. आवश्यक सामग्री
गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर
कुमकुम, हल्दी, और अक्षत
गाय का घी और दीपक
तुलसी और दूर्वा
हवन सामग्री
मौसमी फल और मिठाई
4. पूजा विधि
गणपति पूजन: पूजा की शुरुआत गणेश जी की आराधना से करें। गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है।
मंत्र जाप: गृह कलेश निवारण के लिए निम्न मंत्रों का जाप करें:
“ॐ शांति: शांति: शांति:”
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
हवन: पूजा के अंत में हवन करें। हवन सामग्री में कपूर, घी, और चंदन का उपयोग करें। हवन से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त होने के बाद सभी परिवारजनों को प्रसाद बांटें।
गृह कलेश निवारण के अन्य उपाय
यदि पूजा के बाद भी समस्या बनी रहती है, तो आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:
1. वास्तु दोष निवारण
घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।
नियमित रूप से घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
घर में तुलसी का पौधा लगाएं और नियमित रूप से दीप जलाएं।
2. मंत्र जाप और ध्यान
परिवार के सदस्य नियमित रूप से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
सुबह और ��ाम ध्यान करने से मानसिक शांति और सकारात्मकता आती है।
3. सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें
घर को साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखें।
हर शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा करें।
4. आर्थिक स्थिरता के उपाय
कुबेर यंत्र की स्थापना करें।
दान-पुण्य करें, जिससे घर में धन और सुख-शांति बनी रहे।
गृह कलेश निवारण पूजा के लाभ
मानसिक शांति: पूजा से मानसिक तनाव दूर होता है और मन शांत रहता है।
रिश्तों में सुधार: परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम और समझ बढ़ती है।
सुख-समृद्धि: घर में धन-धान्य और समृद्धि का आगमन होता है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: पूजा से घर में मौजूद नकारात्मक शक्तियां समाप्त होती हैं।
गृह कलेश निवारण पूजा करते समय सावधानियां
पूजा विधि को सही तरीके से करें।
मन में शुद्धता और श्रद्धा बनाए रखें।
यदि संभव हो, तो किसी अनुभवी पंडित की सहायता लें।
पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र रखें।
निष्कर्ष
गृह कलेश निवारण पूजा एक ऐसा उपाय है जो परिवार में शांति और सौहार्द लाने में मदद करता है। यह पूजा न केवल धार्मिक प्रक्रिया है, बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच सकारात्मकता और प्रेम बढ़ाने का एक माध्यम भी है। यदि आपके घर में भी कलह और तनाव का वातावरण है, तो इस पूजा को अपनाएं और अपने परिवार को खुशहाल और समृद्ध बनाएं।
“गृह कलेश से मुक्ति पाएं और अपने परिवार को शांति और प्रेम से भर दें।”
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🛕⚜️🌹🦚🍁Anang Trayodashi: अनंग त्रयोदशी की पौराणिक कथा और इसका महत्व, पूजा विधि, मुहूर्त, कथा और महत्व!
⚜️🌹👉यह दिन शुभ कार्यों के लिए अतिश्रेष्ठ माने जाने के कारण यह तिथि शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस व्रत के दिन कामदेव और रति तथा भगवान शिव-पार्वती का पूजन किया जाता है।
⚜️🌹👉त्रयोदशी के स्वामी कामदेव होने के कारण प्रेमियों के लिए यह तिथि बेहद खास होती है, क्योंकि इस दिन प्रेमी जोड़े व्रत रखकर अपनी लव लाइफ बेहतर कर सकते हैं तथा यह दिन संतान पाने का वरदान देने वाला भी माना गया है। साल में 2 बार किया जाने वाला यह व्रत पहला चैत्र और दूसरा मार्गशीर्ष/ अगहन महीने में पड़ता है। इस दिन अनंग त्रयोदशी के साथ ही प्रदोष व्रत भी रखा जा रहा है। इस दिन शिव पूजन करने से वे भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।
⚜️🌹👉अनंग त्रयोदशी (Anang Trayodashi) व्रत की पूजा विधि : अनंग त्रयोदशी के दिन पानी में गंगा जल डालकर सुबह के समय स्नान करें। सफेद रंग के वस्त्र धारण करके सबसे पहले श्री गणेश फिर शिव-पार्वती तथा कामदेव-रति का पूजन सफेद पुष्प से करें। पूजन के पश्चात 13 ��िक्के चढ़ाएं। तथा प्रसाद में केला, लड्डू और पंचामृत चढ़ाकर व्रत पूर्ण करें। पूरे दिन व्रत रखकर सायं पूजन के बाद एक समय भोजन ग्रहण करें। अनंग त्रयोदशी के दिन मंत्र- ॐ नम: शिवाय, ॐ कामदेवाय नम: का जाप करना ना भूलें।
⚜️🌹👉अनंग त्रयोदशी पूजन के शुभ मुहूर्त : 10 अप्रैल को पूजन का समय -
⚜️🌹👉चैत्र शुक्ल त्रयोदशी का आरम्भ: 10अप्रैल 09:20 से 11 अप्रैल 01:11 तक त्रयोदशी का समापन हो जायेगा
⚜️🌹👉अनंग त्रयोदशी(Anang Trayodashi) व्रत की कथा, महत्व इस व्रत की कथा, महत्व और मान्यता के अनुसार एक बार जब भोलेनाथ सती वियोग से दुखी होकर ध्यान मग्न हो गए थे और तीनों लोकों में राक्षस तारकासुर का अत्याचार चरम पर था, तब देवताओं ने कामदेव और रति की मदद से शिव जी का ध्यान भंग किया था। और इसके कारण शिव जी ने नाराज होकर अपने तीसरे नेत्र की अग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया।
तब देवताओं ने शिव जी को सारा वृतांत कह सुनाया, और रति के बेहद विलाप करते देख जब शिव जी का क्रोध थोड़ा कम हुआ तो उन्होंने रति से कहा कि कामदेव इस समय अनंग हैं अर्थात् 'वे बिना अंगों वाले और बिना शरीर के हैं'। यानि अंग रहित को अनंग कहा जाता है, जो निराकार रूप वाले होते हैं। इसीलिए भगवान कामदेव को अनंग के नाम से जाना जाता है। तत्पश्चात द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के घर कामदेव ने उनके पुत्र 'प्रद्युम्न' के रूप में जन्म लिया और पुन: अपना शरीर पाया था।
⚜️🌹👉ऐसी मान्यता है कि तभी से इस घटना के बाद से ही अनंग त्रयोदशी मनाई जाने लगी और इस दिन शिव-पार्वती तथा कामदेव-रति की पूजा होने लगी। इस व्रत के संबंध में मान्यता के अनुसार संतान प्राप्ति की चाह रखने वाले पति-पत्नी को अनंग त्रयोदशी व्रत रखकर कामदेव की कृपा से संतान पाने का सपना सत्य में बदल सकते हैं।
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🌹🌹भागवत गीता अध्याय 9,श्लोक 25 जिस जिस देव पूजन करें उसी को प्राप्त होगा...
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गॉड कबीर कृष्णा राम शंकर गणेश
संत रामपाल जी महाराज यूट्यूब चैनल पर
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Jamshedpur kalash yatra : मानगो वसुंधरा एस्टेट से निकली भव्य कलश यात्रा, लगे हर-हर महादेव के जयकारे, झांकियों ने मोहा सबका मन, गुरुवार से शुरू होगी शिव महापुराण कथा
जमशेदपुर : मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा एस्टेट में बुधवार को कलश यात्रा एवं ब्यास पूजन के साथ श्री शिव महापुराण कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ की शुरुआत हुई. वृन्दावन से पधारे स्वामी वृजनंदन शास्त्री ने श्री गणेश पूजन, मातृका पूजन, नवगृह पूजन, कलश स्थापना आदि अनुष्ठान विधिवत् संपन्न कराने के पश्चात शोभा ��ात्रा आगे बढ़ी और एनएच 33 स्थित राधा-कृष्ण मंदिर तक गई. मंदिर में पुनः ब्यास एवं राधा-कृष्ण की पूजा कर…
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शुभ दीपावली : गणेश-लक्ष्मी पूजन | Auspicious Diwali : Ganesh-Lakshmi Worship
लखनऊ, 12.11.2023 दीपावली के शुभ अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इन्दिरा नगर स्थित कार्यालय में "लक्ष्मी गणेश पूजा" का आयोजन किया गया । पूजा के क्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल और स्वयंसेवकों ने लक्ष्मी गणेश जी की विधिवत पूजा की, प्रसाद वितरित किया ��था देश की समृद्धि और खुशहाली के लिए लक्ष्मी गणेश जी से प्रार्थना की। पंडित दिग्विजय नाथ तिवारी ने पूरे विधि-विधान से पूजा करायी और सभी को आशीर्वाद दिया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी देशवासियों को दीपावली के शुभ अवसर की बधाई दी व कहा कि "दीपावली खुशियों एवं रोशनी का प्रतीक है | आज के ही दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापस आए थे, इसी खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीए जलाए थे | हमारे माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी ने रामराज्य की आधारशिला को मजबूत किया है और उनके नेतृत्व में अयोध्या में प्रतिवर्ष मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी के आगमन दिवस को अत्यंत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है जिसमे श्रीराम की पावन जन्मस्थली पर भव्य एवं दिव्य दीपोत्सव का आयोजन, प्रभु श्रीराम, माता सीता जी एवं श्री लक्ष्मण जी के स्वरूपों का पूजन, आरती एवं प्रतीकात्मक राज्याभिषेक, श्री अयोध्या धाम में सरयू जी की आरती अलौकिक है | यह हम भारतवासियों के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि जल्द ही अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण संपूर्ण हो जाएगा और हम सभी उस ऐतिहासिक पल के साक्षी होंगे | माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना को साकार किया है | श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को आस्था, उल्लास एवं प्रकाश के महापर्व दीपावली की पुनः हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी तथा दीपावली के पावन पर्व पर मां लक्ष्मी जी और श्री गणेश जी से प्रार्थना कर सभी के जीवन में सुख, समृद्धि व शांति की कामना की ।
|| जय श्री राम ||
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शुभ दीपावली : गणेश-लक्ष्मी पूजन | Auspicious Diwali : Ganesh-Lakshmi Worship
लखनऊ, 12.11.2023 दीपावली के शुभ अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इन्दिरा न���र स्थित कार्यालय में "लक्ष्मी गणेश पूजा" का आयोजन किया गया । पूजा के क्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल और स्वयंसेवकों ने लक्ष्मी गणेश जी की विधिवत पूजा की, प्रसाद वितरित किया तथा देश की समृद्धि और खुशहाली के लिए लक्ष्मी गणेश जी से प्रार्थना की। पंडित दिग्विजय नाथ तिवारी ने पूरे विधि-विधान से पूजा करायी और सभी को आशीर्वाद दिया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी देशवासियों को दीपावली के शुभ अवसर की बधाई दी व कहा कि "दीपावली खुशियों एवं रोशनी का प्रतीक है | आज के ही दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापस आए थे, इसी खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीए जलाए थे | हमारे माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी ने रामराज्य की आधारशिला को मजबूत किया है और उनके नेतृत्व में अयोध्या में प्रतिवर्ष मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी के आगमन दिवस को अत्यंत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है जिसमे श्रीराम की पावन जन्मस्थली पर भव्य एवं दिव्य दीपोत्सव का आयोजन, प्रभु श्रीराम, माता सीता जी एवं श्री लक्ष्मण जी के स्वरूपों का पूजन, आरती एवं प्रतीकात्मक राज्याभिषेक, श्री अयोध्या धाम में सरयू जी की आरती अलौकिक है | यह हम भारतवासियों के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि जल्द ही अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण संपूर्ण हो जाएगा और हम सभी उस ऐतिहासिक पल के साक्षी होंगे | माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना को साकार किया है | श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को आस्था, उल्लास एवं प्रकाश के महापर्व दीपावली की पुनः हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी तथा दीपावली के पावन पर्व पर मां लक्ष्मी जी और श्री गणेश जी से प्रार्थना कर सभी के जीवन में सुख, समृद्धि व शांति की कामना की ।
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