#खाद्य एवं औषधि प्रशासन
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trendingwatch · 2 years ago
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सन फार्मा को भारतीय संयंत्र के लिए एफडीए आयात चेतावनी मिली, शेयरों में गिरावट
सन फार्मा को भारतीय संयंत्र के लिए एफडीए आयात चेतावनी मिली, शेयरों में गिरावट
दवा निर्माता ने गुरुवार को कहा कि सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के गुजरात संयंत्र से दवा के शिपमेंट को उसके प्रमुख अमेरिकी बाजार में प्रवेश से मना किया जा सकता है क्योंकि दवा नियामक ने सुविधा पर आयात अलर्ट जारी किया है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के आयात अलर्ट का मतलब है कि हलोल, गुजरात में संयंत्र में बने उत्पादों के सभी भविष्य के शिपमेंट को अमेरिकी बाजार में प्रवेश से मना किया…
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indlivebulletin · 14 days ago
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जिले के खाद्य परिसरों का किया गया निरीक्षण, दिए निर्देश
धमतरी, 30 अक्टूबर (हि.स.)। दीपावली त्योहार को दृष्टिगत रखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा 30 अक्टूबर को जिले के अंतर्गत खाद्य परिसरों का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। निरीक्ष के दौरान किराना दुकानों में बिना बैच नंबर, ऐसे खाद्य पदार्थों जिसमें निर्माण तिथि एवं अवसान तिथि अं��ित नहीं हो विक्रय नहीं करने की सलाह दी गई। विभाग की टीम ने वीरम स्टोर्स नगरी, जायका जहान धमतरी, जेसी…
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latestnewsandjokes · 21 days ago
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ई. कोली का प्रकोप: मैकडॉनल्ड्स ई. कोली का प्रकोप: प्रभावित राज्यों की सूची, नवीनतम अपडेट
अब तक 10 राज्यों ने ई. कोली के प्रकोप की सूचना दी है घातक के बीच ई. कोलाई का प्रकोप जिससे 10 राज्यों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम 49 लोग बीमार हो गए, मैकडॉनल्ड्स ने कहा कि ग्राहकों को उसके आउटलेट्स से ऑर्डर करने में आत्मविश्वास महसूस होना चाहिए। यह प्रकोप मैकडॉनल्ड्स क्वार्टर पाउंडर हैमबर्गर से जुड़ा था और अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की प्रारंभिक जांच में कहा गया था कि उन पर ताजा…
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dainikuk · 22 days ago
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मिलावटखोरी के खिलाफ चलेगा सघन अभियान, 4 जिलों पर रहेगा विशेष फोकस, टीमों के गठन के मंत्री ने दिए निर्देश
देहरादून। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग त्यौहारी सीजन के दृष्टिगत प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ सघन अभियान चलायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को टीमें गठित करने के निर्देश दे दिये गये हैं। विशेषकर देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर तथा नैनीताल जनपद में खाद्य पदार्थों की अधिक से अधिक सैम्पलिंग करने को कहा गया है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों एवं दुग्ध उत्पदों की गुणवत्ता को लेकर व्यापक…
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sarhadkasakshi · 22 days ago
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मिलावटखोरी के खिलाफ चलेगा सघन अभियानः डॉ. धन सिंह रावत
मिलावटखोरी के खिलाफ चलेगा सघन अभियानः डॉ. धन सिंह रावत देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व नैनीताल जिलों पर रहेगा विशेष फोकस  विभागीय अधिकारियों को दिये जनपद स्तर पर टीमों के गठन के निर्देश देहरादून, 22 अक्टूबर 2024: खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग त्यौहारी सीजन के दृष्टिगत प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ सघन अभियान चलायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को टीमें गठित करने के निर्देश दे दिये…
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100newsup · 1 month ago
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खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग हरदोई ने विभिन्न प्रतिष्ठानों का किया निरीक्षण
Hardoi News: सहायक आ��ुक्त खाद्य कुमार गुंजन ने बताया है कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार नवरात्रि पर्व पर जनमानस को सुरक्षित खाद्य पदार्थ विशेष कर फलाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने हेतु खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने अब तक 15 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर कुल 03 नमूने (मूंगफली दाना, कुटू आटा, सिघाड़ा आटा) संग्रहित कर जांच हेतु खाद्य प्रयोगशाला को प्रेषित किया गया। केला पकाने वाले…
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eradioindia · 2 months ago
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UP News: यूपी में लहसुन की बिक्री पर हाईकोर्ट ने योगी सरकार पर लिया एक्शन
UP News: उत्तर प्रदेश स्थित लखनऊ में अधिवक्ता मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रतिबंध के बावजूद चीन से आने वाले खतर��ाक लहसुन और अन्य चीजों की देश में धड़ल्ले से बिक्री पर सरकार से जवाब मांगा है. साथ ही उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सक्षम अधिकारी को भी आज कोर्ट में तलब किया है. इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राजन रॉय और…
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fitnessclasses · 2 months ago
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Mpox Vaccines भेजने के लिए तैयार हैं, लेकिन भेजी नहीं जा रही हैं। क्यों?
Mpox Vaccines अफ़्रीकी लोगों तक क्यों नहीं पहुंच रहे हैं, जिन्हें इसकी सख्त ज़रूरत है
दवा निर्माताओं के पास ऐसी आपूर्ति तैयार है जो संभावित महामारी को रोकने के लिए आवश्यक है। लेकिन WHO के नियमों ने Mpox vaccines की supply को धीमा कर दिया है।
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पिछले महीने पेरिस के एक मेडिकल सेंटर में एक स्वास्थ्यकर्मी ने mpox vaccine की एक खुराक तैयार की। यह वैक्सीन पश्चिमी देशों में व्यापक रूप से उपलब्ध है, लेकिन अफ्रीका में नहीं। क्रेडिट...एलेन जोकार्ड/पूल, रॉयटर्स के माध्यम से   पिछले सप्ताह घोषित वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के केंद्र, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में Mpox के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, भले ही देश ने दो साल पहले पहली बार टीकों की मांग की थी और निर्माताओं का कहना है कि उनके पास आपूर्ति है।   कांगो के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सैमुअल-रोजर काम्बा ने कहा, "इस समय हमें जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह है टीके।" तो टीके कहां हैं? वे विश्व स्वास्थ्य संगठन/World Health Organization में एक जटिल दवा विनियामक प्रक्रिया में फंस गए हैं। दुनिया भर में पिछले एमपॉक्स प्रकोप के तीन साल बाद भी, डब्ल्यूएचओ ने अभी तक न तो आधिकारिक तौर पर टीकों को मंजूरी द�� है - हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप ने दी है - और न ही इसने आपातकालीन उपयोग लाइसेंस जारी किया है जो पहुंच को गति देगा। इन दो अनुमोदनों में से एक अनुमोदन यूनिसेफ(UNICEF) और गावी के लिए आवश्यक है, जो विकासशील देशों में टीकाकरण को सुविधाजनक बनाने में मदद करने वाले संगठन हैं, ताकि वे कांगो जैसे कम आय वाले देशों में एमपीओएक्स टीकों की खरीद और वितरण कर सकें। जबकि उच्च आय वाले देश अपने स्वयं के औषधि विनियामकों पर निर्भर करते हैं, जैसे कि संयुक्त राज्य अम��रिका में खाद्य एवं औषधि प्रशासन, कई निम्न और मध्यम आय वाले देश यह निर्णय लेने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन पर निर्भर करते हैं कि कौन से टीके और उपचार सुरक्षित और प्रभावी हैं, इस प्रक्रिया को प्रीक्वालिफिकेशन कहा जाता है। लेकिन संगठन जोखिम से बहुत अधिक बचने वाला है, अपनी विश्वसनीयता की रक्षा करने की आवश्यकता से चिंतित है, तथा आपातकालीन स्थितियों में तेजी से कार्य करने के लिए तैयार नहीं है, ऐसा कहना है ब्लेयर हैनवाल/Blair Hanewall का, जो एक वैश्विक स्वास्थ्य सलाहकार हैं तथा जिन्होंने एक दशक से अधिक समय तक प्रमुख वित्तपोषक बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन/Bill & Melinda Gates Foundation के उप निदेशक के रूप में विश्व स्वास्थ्य संगठन(W.H.O.) के अनुमोदन पोर्टफोलियो का प्रबंधन किया है।   How to Get Relief from Body Pain Through Yoga: Effective Yoga Poses इस साल कांगो में एमपॉक्स के 15,000 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और कम से कम 550 मौतें हुई हैं, हालांकि कई मामलों का निदान या उपचार नहीं किया गया है। इनमें से ज़्यादातर मौतें बच्चों में हुई हैं, जिनमें से कुछ भूख से मर रहे हैं क्योंकि उनके मुंह और गले में दर्दनाक घाव होने की वजह से वे खाना नहीं खा पा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस असाधारण उपाय के पहले तक वह नियमों से बंधा हुआ था: उसके पास जिनेओस के अनुमोदन के लिए पूर्ण समीक्षा करने हेतु आवश्यक डेटा नहीं था, तथा आपातकालीन लाइसेंस प्रक्रिया केवल अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (जिसे P.H.E.I.C. के रूप में जाना जाता है) घोषित होने के बाद ही की जा सकती है, जो अभी-अभी हुआ है।   विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य उत्पाद नीति एवं मानकों के निदेशक देउसेदित मुबांगीजी/Deusdedit Mubangizi ने कहा कि संगठन के विशेषज्ञों का समूह प्रस्तुत आंक��़ों पर विचार करने के लिए 16 सितम्बर के सप्ताह में बैठक करेगा, तथा यदि वे संतुष्ट होंगे तो उसी सप्ताह लाइसेंस जारी कर सकते हैं। हाल के सप्ताहों में, महामारी प्रतिक्रिया में प्रमुख खिलाड़ी अफ्रीका में टीके पहुंचाने के प्रयास को अनावश्यक रूप से धीमा करने के लिए डब्ल्यूएचओ की आलोचना करने लगे हैं। यह एक “टूटी हुई प्रणाली” है जो “आपात स्थितियों के लिए नहीं बनी है”, एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा जो डब्ल्यूएचओ के सलाहकार पैनल में बैठता है लेकिन उसे सार्वजनिक रूप से बोलने का अधिकार नहीं है। आलोचक सवाल करते हैं कि डब्ल्यूएचओ ने Mpox vaccines को मंजूरी देने के लिए पहले से कार्रवाई क्यों नहीं की, जबकि कांगो में वायरस का प्रसार कभी बंद नहीं हुआ। और वे पूछते हैं कि जिनेओस वैक्सीन के अमेरिकी और यूरोपीय प्राधिकरणों के आधार पर शॉट्स को आपातकालीन लाइसेंस देना क्यों संभव नहीं हुआ। यह टीका चेचक की रोकथाम के लिए बनाया गया था और बीमारी के उन्मूलन के बाद इसे जैव सुरक्षा भंडार में रखा गया था। चूँकि चेचक की तरह ही एमपॉक्स भी ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार का हिस्सा है, इसलिए शोधकर्ताओं ने सोचा कि चेचक के टीके एमपॉक्स को रोकने में कारगर हो सकते हैं। जानवरों पर किए गए छोटे अध्ययनों से पता चला कि यह कारगर था।
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Dr. Morepen health products लेकिन श्री मुबांगीजी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ उस समय टीकों को मंजूरी नहीं दे सकता था। उन्होंने कहा, "हम उन्हें पूर्व-योग्य नहीं बना सकते थे, क्योंकि ��मपॉक्स के खिलाफ उनकी प्रभावशीलता का समर्थन करने के लिए कोई डेटा नहीं था।" और डब्ल्यूएचओ ने उस समय आपातकालीन लाइसेंस जारी नहीं करने का फैसला किया क्योंकि वह यह सुनिश्चित करना चाहता था कि शोध डेटा उत्पन्न हो, उन्होंने कहा। व्यापक उपयोग को अधिकृत करने से शोधकर्ताओं को वह आवश्यक अवसर खोना पड़ता।                                केएम बायोलॉजिक्स/KM Biologics, एक जापानी दवा कंपनी जो LC16 नामक Mpox वैक्सीन बनाती है, ने शुक्रवार को अपना डोजियर प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि बवेरियन नॉर्डिक ने डब्ल्यूएचओ द्वारा "उपयोग के लिए कार्यक्रम संबंधी उपयुक्तता" कहे जाने वाले विषय पर अतिरिक्त जानकारी पेश की। यह वैक्सीन के उन पहलुओं को संदर्भित करता है जो इस बात को प्रभावित कर सकते हैं कि इसे विभिन्न सेटिंग्स में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, जिनेओस वैक्सीन को माइनस 20 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर करने की आवश्यकता होती है, लेकिन कांगो जैसे देश के सभी स्वास्थ्य केंद्र इसकी शीशियों को इतना ठंडा नहीं रख पाएंगे। उच्च आय वाले देशों में नियामक आमतौर पर इस तरह के विचारों के साथ वैक्सीन का मूल्यांकन नहीं करते हैं। जिनेओस वैक्सीन पर एकत्र किए गए अधिकांश डेटा ने इसे क्लेड 2 एमपॉक्स वायरस पर उपयोग के लिए मूल्यांकन किया, जो एक कम घातक संस्करण है जिसने 2022 के वैश्विक प्रकोप का कारण बना। हालाँकि क्लेड 1 वायरस कांगो और पूरे पूर्वी अफ्रीका में फैल रहा है, और वैक्सीन का इसके खिलाफ परीक्षण नहीं किया गया है।                          श्री मुबांगीजी ने कहा, "हमें यकीन नहीं है कि क्लेड 2 की प्रभावकारिता क्लेड 1 में स्थानांतरित की जा सकती है - किसी के पास यह जानकारी नहीं है।" कांगो के दवा नियामक ने 27 जून को जिनेओस और एलसी16 वैक्सीन को मंजूरी दे दी - नाइजीरिया के बहुत बाद में, जिसमें 2022 के प्रकोप में कई एमपॉक्स मामले थे, ने अपनी मंजूरी दी। यूरोपीय संघ द्वारा 175,000 खुराकें दान की गई हैं, और बवेरियन नॉर्डिक द्वारा 40,000 और खुराकें दान की गई हैं। अमेरिकी सरकार ने अपने राष्ट्रीय भंडार से 50,000 जिनेओस खुराकें दान करने का वचन दिया है। कांगो आसानी से एमपॉक्स टीके खरीद सकता है। लेकिन जापानी वैक्सीन को वितरित करना जटिल है - एक दुर्लभ विशेष सुई की आवश्यकता होती है - और डेनिश वैक्सीन महंगी है। 2022 में, बवेरियन नॉर्डिक इसे लगभग $110 प्रति खुराक पर बेच रहा था। पूर्ण टीकाकरण के लिए दो खुराक की आवश्यकता होती है।   निम्न आय वाला देश होने के नाते, कांगो गावी (GAVI)से सहायता पाने का पात्र है, जिसके पास ऐसी स्थितियों के लिए 500 मिलियन डॉलर का महामारी आपातकालीन प्रतिक्रिय�� कोष है। लेकिन गावी (GAVI) प्रक्रिया शुरू करने के लिए डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन प्राधिकरण का इंतजार कर रहा है। टीका बाजार और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए गावी के प्रबंध निदेशक डॉ. डेरिक सिम ने कहा, "पहली प्राथमिकता उन दान किए गए टीकों को प्राप्त करना है जि��के बारे में हमें पता है कि वे देशों में उपलब्ध हैं।"   Read the full article
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narmadanchal · 3 months ago
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संदेह के आधार पर इन मिठाई दुकानों से खाद्य विभाग ने सेंपल उठाए
इटारसी। खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों ने आज जिला प्रशासन के निर्देशानुसार विभिन्न मिठाई, खोवा, नमकीन के प्रतिष्ठानों की नियमित जांच की। आज खाद्य सुरक्षा अधिकारी कमलेश एस दियावार एवं जितेंद्र सिंह राणा ने इटारसी के प्रतिष्ठानों से संदेह के आधार पर मिठाई एवं नमकीन के नमूने लिए। राजस्थान मिष्ठान से कलाकंद बर्फी एवं मथुरा पेड़ा के नमूने, नावेल्टी सेलिब्रेशन से केसर बर्फी एवं चॉकलेट टिक्की, विमल…
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prakhar-pravakta · 8 months ago
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खाद्य एवं औषधि प्रशासन के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने मारा छापा
सतना। मिलावट से मुक्ति अभियान एवं होली त्यौहार के मद्देनजर कलेक्टर सतना द्वारा दिए गए निर्देशानुसार खाद्य एवं औषधि प्रशासन के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम द्वारा सतना जिले में लगातार कार्यवाही की जा रही है ।आज सर्वप्रथम कोठी कस्बे में स्थित ऋद्धि स्वीट्स,प्रिंस स्वीट्स शिवम स्वीट्स में जांच कर नमूने लिए गए हैं। तत्पश्चात बिरसिंहपुर में छप्पन भोग स्वीट्स बस स्टैंड ,केशरवानी स्वीट्स बस स्टैंड…
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dainiksamachar · 11 months ago
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हेयर स्ट्रैटेनिंग का शौक है तो सावधान! छोटी बीमारियों से लेकर कैंसर तक का खतरा, स्टडी रिपोर्ट पढ़ लीजिए
नई दिल्ली: देश में एक बड़ा वर्ग 'फैशन के लिए कुछ भी करेगा' के मूड में जीता है। उसे कोई परवाह नहीं कि शरीर पर कितने खतरनाक असर हो रहे हैं, बस नए-नए प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करता रहना उसका शगल है। उन पर चेतावनियों का भी असर नहीं होता। लेकिन ताजा रिपोर्ट यूं नजरअंदाज नहीं की जा सकती है। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने चेतावनी दी है कि बालों को सीधा करने वाले उत्पादों में रसायनों के बार-बार इस्तेमाल से बढ़ सकता है। भारत के डॉक्टर भी ऐसे उत्पादों में फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मल्डिहाइड छोड़ने वाले अन्य रसायनों पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं। दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में क्लिनिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. प्रज्ञा शुक्ला ने बताया किफॉर्मल्डिहाइडको इंटरनैशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) और ��ैशनल टॉक्सिकॉलजी प्रोग्राम ने मानव कार्सिनोजेन के रूप में क्लासीफाइड किया है। यह नासोफेरींजल और साइनोनेजल कैंसर के साथ-साथ ल्यूकेमिया के हाई रिस्क से जुड़ा है। समझिए बाल सीधे करने के चक्कर में कैसे कैंसर को बुला रहे हैं आप डॉ. शुक्ला ने बताया कि भारत में बालों को सीधा करने वाले रसायनों मेंफॉर्मल्डिहाइडका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान निकलने वाला धुआं सांस के जरिए अंदर जा सकता है और ऐसा बार-बार होने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल हॉस्पिटल) में एक त्वचा विशेषज्ञ डॉ. कबीर सरदाना ने बताया कि हेयर रिलेक्सेसर से गर्भाशय और स्तन कैंसर हो सकता है, इसके पर्याप्त सबूत हैं। इन प्रॉडक्ट्स का 15 साल से ज्यादा साल तक और साल में कम से कम पांच बार के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. सरदाना ने जोर देकर कहा कि भारत में ये बिल्कुल फालतू प्रक्रिया हैं। इनसे बचें तो कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। हेयर स्ट्रैटेनिंग का क्या-क्या खतरा, जान लीजिए बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के एक वरिष्ठ निदेशक डॉ. सज्जन राजपुरोहित नेफॉर्मल्डिहाइडके संपर्क के तत्काल और दीर्घकालिक प्रभावों पर प्रकाश डाला। अल्पकालिक प्रभावों में सेंसिटाइजेशन रिएक्शंस, आंखों में जलन, नाक और गले में परेशानी और सांस लेने में समस्याएं शामिल हैं। वहीं, लंबे समय तक संपर्क में रहने से स्तन और गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। डॉ. राजपुरोहित ने इन जोखिमों को कम करने के लिए तुरंत नियम बनाकर इनके इस्तेमाल पर रोक लगाने पर जोर दिया। डॉक्टर की सलाह- ऐसे प्रॉडक्ट्स पर तो बैन लगना चाहिए उधर, दिल्ली के ही धर्मशीला नारायणा सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के एक वरिष्ठ सलाहकार डॉ. रजीत चनाना ने रोजमर्रा के उत्पादों में कार्सिनोजेनिक एजेंटों को पहचानकर उससे निपटने की जरूरत बताई। वो कहते हैं कि जैसे अमेरिकी एजेंसी एफडीए खतरे पहचानकर प्रॉडक्ट्स पर बैन लगाती है, वैसी ही व्यवस्था भारत में भी होनी चाहिए क्योंकि कड़े नियम कैंसर के रिस्क को कम करने और पब्लिक हेल्थ को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजधानी के शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग की निदेशक डॉ. अर्पणा जैन ने हेयर प्रॉडक्ट्स का चयन करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है। खोपड़ी पर रासायनिक संपर्क विशेष रूप से ��तरनाक होता है क्योंकि शरीर रसायन को ज्यादा आसानी से सोख लेता है। स्टडी के ये डेटा तो डरा रहे हैं NIEHS पर्यावरण और कैंसर महामारी विज्ञान समूह के प्रमुख एलेक्जेंड्रा वाइट के नेतृत्व में एक अध्ययन से पता चलता है कि बालों को सीधा करने वालों का बार-बार इस्तेमाल करने से गर्भाशय के कैंसर का खतरा अधिक होता है। वहीं, 70 वर्ष की आयु तक बालों को सीधा करने वालों का इस्तेमाल कभी नहीं करने वाली केवल 1.6% महिलाओं को गर्भाशय का कैंसर होता है जबकि बार-बार इस्तेमाल करने वालों के लिए यह जोखिम 4.1% तक बढ़ जाता है। बालों को सीधा करने वाले उत्पादों के इस्तेमाल से जुड़े कैंसर के संभावित खतरे को कम करने के लिए इन निष्कर्षों पर विचार करना और निवारक उपाय करना महत्वपूर्ण है। http://dlvr.it/T0rbqY
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trendingwatch · 2 years ago
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महाराष्ट्र एफडीए ने अधिकारियों से मरीज की मौत के बाद ओरोफर इंजेक्शन का इस्तेमाल बंद करने को कहा है
महाराष्ट्र एफडीए ने अधिकारियों से मरीज की मौत के बाद ओरोफर इंजेक्शन का इस्तेमाल बंद करने को कहा है
द्वारा पीटीआई पुणे: महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने मुंबई के एक अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद देश के सभी ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटीज को ओरोफर एफसीएम इंजेक्शन के एक विशेष बैच के इस्तेमाल को रोकने के लिए कहा है। एफडीए के पुणे डिवीजन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मुंबई के सैफी अस्पताल में दवा की संदिग्ध प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (एडीआर) के कारण एक व्यक्ति की मौत हो…
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indlivebulletin · 2 months ago
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राम जन्मभूमि मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किए जा रहे इलायची दाने को जांच के लिये भेजा गया
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किए जा रहे इलायची दाने के नमूने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एकत्र किए हैं और उन्हें जांच के लिए झांसी की एक सरकारी प्रयोगशाला में भेजा है। सहायक खाद्य आयुक्त ने यह जानकारी दी। राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि औसतन, प्रतिदिन पवित्र प्रसाद के रूप में इलायची दाने के 80,000 पैकेट वितरित किए जाते…
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nbs-hindi-news · 1 year ago
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Syrup: दो फार्मा कंपनियों के सिरप में मिले जहरीले रसायन, दोनों दवाएं अब भी ऑनलाइन फॉर्मेसी पर उपलब्ध
दो फार्मा कंपनियों के सिरप में मिले जहरीले रसायन, दोनों दवाएं अब भी ऑनलाइन फॉर्मेसी पर उपलब्ध
नई दिल्ली। गुजरात की एक फार्मा कंपनी के कफ सिरप और एंटी एलर्जी सिरप में जहरीले रासायनिक तत्व मिले हैं। यह खुलासा एक सरकारी रिपोर्ट में हुआ है। गुजरात के खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन के आयुक्त एचजी कोशिया ने बताया कि बीते माह कंपनी की फैक्टरी में निरीक्षण के दौरान दवाएं जहरीली पाई गई।  उन्होंने कहा, कंपनी अच्छी विनिर्माण प्रथाओं के अनुपालन मानकों पर बुरी तरह विफल रही। वहां पर्याप्त पानी की…
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dainikuk · 26 days ago
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मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एसओपी का सख्ती से पालन कराने के लिए खाद्य करोबोेरियों के यहां बड़े स्तर पर छापेमारी, फूड कारोबारियों पर कार्यवाही की होगी डेली मॉनीटरिंग, अभियान में लगी टीमों कों मुख्यालय को भेजनी होगी डेली रिपोर्ट- डॉ आर राजेश कुमार
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देशों के बाद राज्य में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीमों ने बृहदस्तर पर ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य सचिव और आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि खाद्य पदार्थों में मानव अपशिष्ट एवं अन्य गन्दगी/अखाद्य/ गन्दी चीजों की मिलावट को लेकर विशेष अभियान शुरू कर दिया…
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sarhadkasakshi · 3 months ago
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क्लाउड किचन आपरेटरों पर कसा शिकंजा, 15 सितम्बर तक करना होगा पंजीकरण अन्यथा होगी कार्रवाई
क्लाउड किचन आपरेटरों पर कसा शिकंजा, 15 सितम्बर तक करना होगा पंजीकरण अन्यथा होगी कार्रवाई उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ मंजूर नहीं: डा. आर. राजेश कुमार, आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन देहरादून। खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन ने प्रदेश भर में अनधिकृत तौर पर चल रहे क्लाउड किचन आपरेटरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके तहत अब क्लाउड किचन के लिए भार��ीय खाद्य सुरक्षा और मानक…
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