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#कोल इंडिया झारखंड
sharpbharat · 9 months
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Bombay Stock Exchange New Chairman- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के नए अध्यक्ष बने प्रमोद अग्रवाल, झारखंड के रामगढ़ के प्रतिष्ठित व्यवसायिक परिवार से है संबंध
मुबंई/रांची : मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस व झारखंड के रामगढ़ निवासी प्रमोद अग्रवाल को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के चेयरमेन की जिम्मेदारी सौंप दी गई है. प्रमोद अग्रवाल का कार्यकाल 17 जनवरी 2024 से शुरू होगा. प्रमोद अग्रवाल 2020 में वीआरएस लेने के बाद कोल इंडिया कंपनी के सीएमडी बन गए थे. उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद आईआईटी दिल्ली से डिजाइन इंजीनियरिंग में एमटेक…
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countryinsidenews · 2 years
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CIN ब्यूरो /मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से मिले केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी
झारखण्ड हेड अजित सिंह /मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एवं केंद्रीय कोयला तथा खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी के गरिमामयी उपस्थिति में झारखंड सरकार एवं कोल इंडिया भारत सरकार की अनुषंगी कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) एवं ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के साथ दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर (एम.ओ.यू.) हुआ संपन्न।रांची विश्वविद्यालय परिसर मोरहाबादी रांची में सेंट्रल कोलफील्ड्स…
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lok-shakti · 3 years
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केंद्र के बकाया पर चर्चा के लिए नीति आयोग की टीम ने सोरेन से मुलाकात की
केंद्र के बकाया पर चर्चा के लिए नीति आयोग की टीम ने सोरेन से मुलाकात की
नीति आयोग की एक टीम ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और कई परियोजनाओं से केंद्र की बकाया राशि से संबंधित 22 बिंदुओं पर राज्य की शिकायतों पर चर्चा की। लगभग 31,886 करोड़ रुपये के इन बकाए में जीएसटी मुआवजा, कोल इंडिया लिमिटेड का भूमि अधिग्रहण मुआवजा और धुले कोयले पर रॉयल्टी का भुगतान न करना शामिल है। राज्य सरकार ने नीति आयोग के सदस्यों से यह भी शिकायत की कि…
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newskey21 · 2 years
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कोल इंडिया: भारत ने कोल इंडिया के अविश्वास की शिकायत के बाद इंजीनियरिंग फर्मों पर छापा मारा
कोल इंडिया: भारत ने कोल इंडिया के अविश्वास की शिकायत के बाद इंजीनियरिंग फर्मों पर छापा मारा
नई दिल्ली: प्रतियोगिता आयोग भारत (सीसीआई) ने दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनिक को सेवाएं देने के दौरान कीमतों में कथित रूप से मिलीभगत के आरोप में शुक्रवार को कई छोटी खनन सेवा कंपनियों पर छापेमारी की। कोल इंडियाचार सूत्रों ने रायटर को बताया। सीसीआई के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल राज्य के कोलकाता और पूर्वी राज्य झारखंड के रांची और धनबाद में कंपनियों पर छापा मारा, दो सूत्रों ने कहा, जिनमें से सभी ने…
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parichaytimes · 3 years
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बंद दाढ़ी: झारखंड में फंसे चार खनिकों ने 65 घंटे बाद रास्ता निकाला | समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
बंद दाढ़ी: झारखंड में फंसे चार खनिकों ने 65 घंटे बाद रास्ता निकाला | समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
29 नवंबर, 2021, 06:26 PM ISTस्रोत: TOI.in झारखंड में खाली पड़ी कोयला खदान में शुक्रवार दोपहर धंसने के बाद चार खनिक फंस गए. हालांकि तीन दिन बाद सोमवार तड़के वे सकुशल बाहर आ गए। घटना भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की एक बंद खदान में अवैध खनन के दौरान हुई। यह चंदनक्यारी के अंतर्गत परबतपुर ब्लॉक में स्थित है। बचे हुए लोगों के लिए अंतिम 64 घंटे सबसे कठिन थे क्योंकि उ��्होंने बिना भोजन के अपने जीवन…
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indianewsstream · 3 years
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sharpbharat · 3 years
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jharkhand-cm-sail-chairperson-meeting-झारखंड के मुख्यमंत्री से मिली सेल की चेयरपर्सन, मुख्यमंत्री बोले-सेल में लोकल लोगों को दे 1 करोड़ का टेंडर, बोकारो को एजुकेशन हब बनाने के लिए मांगी मदद
jharkhand-cm-sail-chairperson-meeting-झारखंड के मुख्यमंत्री से मिली सेल की चेयरपर्सन, मुख्यमंत्री बोले-सेल में लोकल लोगों को दे 1 करोड़ का टेंडर, बोकारो को एजुकेशन हब बनाने के लिए मांगी मदद
रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से भारतीय इस्पात प्राधिकरण (स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड) की चेयरपर्सन सोमा मण्डल ने मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल इंडिया की तर्ज पर सेल प्रबंधन भी स्थानीय विस्थापितों को एक करोड़ रुपये तक की निविदा में प्राथमिकता दे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बोकारो को एजुकेशन हब बनाना चाहती है. ऐसे में सेल पुराने स्कूल की आधारभूत संरचनाओं को राज्य सरकार को…
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lok-shakti · 3 years
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केंद्र ने झारखंड को गरीब रखा : मंत्री
केंद्र ने झारखंड को गरीब रखा : मंत्री
लंबित भुगतानों का हवाला देते हुए, झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने मंगलवार को कहा कि केंद्र ने झारखंड को “गरीब” रखा है। ओरांव ने संवाददाताओं से कहा कि कोल इंडिया और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों पर झारखंड पर भूमि अधिग्रहण और जल शुल्क समेत अन्य का 65,000 करोड़ रुपये बकाया है। “मुझे यह नहीं कहना चाहिए, लेकिन मैं आपको बता दूं कि केंद्र ने झारखंड को गरीब रखा है। केंद्र ने जो 53,000 एकड़ जमीन ली,…
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jharkhandtv · 3 years
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धनबाद;CCL कोल् इंडिया का तौफा;केदारनाथ ट्रस्ट के साथ समझौता करके उत्तराखंड में चीन सीमा पर भारत के आखिरी गाँव तक सड़क का निर्माण ...
धनबाद;CCL कोल् इंडिया का तौफा;केदारनाथ ट्रस्ट के साथ समझौता करके उत्तराखंड में चीन सीमा पर भारत के आखिरी गाँव तक सड़क का निर्माण …
धनबाद;CCL कोल् इंडिया का तौफा;केदारनाथ ट्रस्ट के साथ समझौता करके उत्तराखंड में चीन सीमा पर भारत के आखिरी गाँव तक सड़क का निर्माण करेगा कोल इंडिया CM FILE PHOTO सूरज की तपिश से झारखंड में गर्मी का रिकॉर्ड टूटा, जमशेदपुर में पारा 42.9 डिग्री तक पहुंच गया.. धनबाद; कोल इंडिया लिमिटेड और श्री केदारनाथ उत्तम चैरिटेबल ट्रस्ट और बद्रीनाथ के बीच मंगलवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।…
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abhay121996-blog · 4 years
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#Divyasandesh
कोल इंडिया की इकाई ने किराये पर लिए 859 करोड़ रुपये के उपकरण, संसदीय समिति ने जवाब मांगा
नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) संसद की एक समिति ने कोल इंडिया की इकाई सेंट्रल कोलफील्ड्स लि. (सीसीएल) द्वारा झारखंड में एक साल में 859 करोड़ रुपये की मशीनरी किराये पर लेने को लेकर आपत्ति जताई है। समिति ने कंपनी से पूछा है कि जबकि सीसीएल के खुद के उपकरणों का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाया, तो मशीनें किराये पर लेने की क्या जरूरत थी। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता वाली 22 सदस्यीय समिति ने सार्वजनिक उपक्रमों पर अपनी ताजा रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि यदि सीसीएल ने अपनी मशीनरी का राजस्व के लिए इस्तेमाल नहीं किया है, तो वह इन्हें किराये पर दे सकती है। समिति ने कहा कि सीसीएल ने 2018-19 के दौरान संयंत्र और मशीनरी किराये पर लेने के लिए 859 करोड़ रुपये खर्च किए। यह आकलन करने के लिए कोई स्वतंत्र अध्ययन नहीं किया गया कि भारी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) को किराये पर लेना अधिक लागत दक्ष होगा या इन्हें खरीदना। रिपोर्ट कहती है, ‘‘यह देखते हुए कि सीसीएल ने संयंत्र और मशीनरी को किराये पर लेने के लिए 859 करोड़ रुपये की बड़ी राशि खर्च की है, जबकि उसके खुद के स्वामित्व वाले उपकरणों का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाया है। 2018-19 में तय नियमों के तहत सभी एचईएमएम का इस्तेमाल 50 प्रतिशत से कम हुआ है।’’ ऐसे में समिति ने कंपनी से यह स्पष्ट करने को कहा है कि जबकि उसके खुद के उपकरण बिना इस्तेमाल किये पड़े हैं, तो उसे मशीनरी किराये पर लेने की क्यों जरूरत पड़ी। इसके साथ समिति ने कोयला उत्पादक कंपनी से एचईएमएम के स्वामित्व और उसे किराये पर लेने की तुलनात्मक लागत पर नोट भी मांगा है।
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wm7news-blog · 7 years
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कोल इंडिया का कार्यालय कोलकाता से हटाकर झारखंड में स्थापित करे: विजय हांसदा
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साहेबगंज (झारखंड):राजमहल लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय हांसदा ने लोकसभा के सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कोल इंडिया लिमिटेड का कार्यालय कोलकाता से हटाकर झारखंड राज्य के कोयला उत्पादन वाले किसी जिले में स्थापित करने की मांग की है। सदन में सांसद विजय हांसदा ने कहा कि देश के 38 प्रतिशत कोयले का उत्पादन झारखंड राज्य में होता है। झारखंड राज्य के 24 में से 18 जिलों में कोयले का उत्पादन होता है। उड़ीसा,…
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examtak · 6 years
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उद्योग-सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम तथा भारत में प्रमुख उद्योग, इतिहास तथा भविष्य[Full Detail]
उद्योग-सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम तथा भारत में प्रमुख उद्योग, इतिहास तथा भविष्य !
नमस्कार दोस्तों आज हम लोग “उद्योग” के बारे में चर्चा करने वाले हैं |  यह एक छोटा अक्षर है, परंतु किसी भी देश में उद्योगों का विशेष महत्व होता है | नई आवश्यकताओं के लिए  नए प्रकार के उत्पाद एवं सेवाएं अर्थव्यवस्था में लाते हैं | देश की राष्ट्रीय आय में वृद्धि के लिए औद्योगिकीकरण अत्यधिक आवश्यक होता है | प्राथमिक उत्पादों को विनिर्माण उत्पादों में रूपांतरित करने वाली गतिविधियों को औद्योगिकीकरण कहां जाता है |
औद्योगिक लाइसेंसिंग
वर्ष 1991 को नई औद्योगिक नीति लागू होने के पश्चात औद्योगिक क्षेत्र में विभिन्न नियंत्रण की समाप्ति हेतु व्यापक कार्यक्रम प्रारंभ किया गया  |वर्तमान में सुरक्षा, सामरिक व पर्यावरण की दृष्टि से मात्र 5 उद्योग अनिवार्य लाइसेंस के अंतर्गत शामिल हैं, जो इस प्रकार हैं-
एल्कोहल  पेय पदार्थों का  आसवन,
तंबाकू निर्मित  सिगरेट तथा विनिर्मित तंबाकू उत्पाद |
इलेक्ट्रॉनिक, एयरोस्पेस और सभी प्रकार के रक्षा उपकरण |
डेटोनेटिंग सेल्यूलोस, सुरक्षा फ्यूजिंग, बारूद, नाइट्रोसैलूलोज और दियासलाई सहित औद्योगिक विस्फोटक |
भारत के प्रमुख उद्योग
लोह इस्पात उद्योग
लोह इस्पात उद्योग के विकास के संबंध में पहली पंचवर्षीय योजना पर विचार किया गया, परंतु उसका काम दूसरी पंचवर्षीय योजना में ही प्रारंभ हो सका |
द्वितीय पंचवर्षीय योजना में भिलाई, छत्तीसगढ़( सोवियत संघ के सहयोग से), दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल( ब्रिटेन के सहयोग से) और राउकरेला, उड़ीसा( पश्चिम जर्मनी के सहयोग से) मे लोहा इस्पात कारखानों की स्थापना की गई |
तीसरी पंचवर्षीय योजना में सोवियत संघ के सहयोग से बोकारो( झारखंड) में एक और इस्पात कारखाने की स्थापना की गई | चौथी पंचवर्षीय योजना में  सलेम(तमिलनाडु), विजय नगर( कर्नाटक) और  विशाखापट्टनम( आंध्र प्रदेश) में नए  इस्पात कारखाने स्थापित करके इस्पात की उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने का लक्ष्य निश्चित किया गया | निजी क्षेत्र के प्रमुख इस्पात संयंत्र TISCO स्थापना वर्ष 1907 में जमशेदपुर में की गई | वर्ष 1974 में सरकार ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया(SAIL) की स्थापना की तथा इस्पात उद्योग के विकास की जिम्मेदारी  दी गई |TISCO का विलय स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया(SAIL) में हो गया | संदर्भित विलय  1 अप्रैल 2005 से प्रभावी माना जाता है |
वस्त्र उद्योग
भारतीय अर्थव्यवस्था में वस्त्र उद्योग,  कृषि के पश्चात सर्वाधिक रोजगार प्रदाता उद्योग हैं | यह 3.5 करोड़ व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है |देश के पहले सिले सिलाए वस्तुओं के निर्यात संवर्धन के लिए वस्त्र पार्क की स्थापना तमिलनाडु में तिरुपुर में की गई | भारतीय कपड़ा उद्योग देश के निर्यात में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है | वर्तमान में देश के कुल निर्यात में कपड़े के निर्यात( हस्तशिल्प, पटसन और नारियल रेशा मिलाकर) 20% योगदान है |
पेट्रो रसायन उद्योग
पेट्रो रसायन उद्योग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र  हैं | इस उद्योग में मुख्यतः सिंथेटिक फाइबर, पॉलीमर, परफॉर्मेंस प्लास्टिक, सिंथेटिक डिटर्जेंट, आदि आते हैं| पेट्रो रसायन उद्योग के लिए फीड स्टॉक तथा इंजन का मुख्य स्रोत प्राकृतिक तथा Naphtha है | पहनावा, मकान, निर्माण, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल, घरेलू आवश्यकताएं, खिलौने, कृषि, बागवानी, सिंचाई, पैकिंग, चिकित्सा आदि में पेट्रो रसायन के उत्पादों का प्रयोग होता है |
तेल एवं गैस उद्योग
भारत के 6 आधारभूत उद्योगों में से एक तेल एवं गैस उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति में काफी अहम भूमिका अदा करता है | पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र, जिन में पेट्रोलियम उत्पादों का गैस का परिवहन, रिफायनिंग और मार्केटिंग शामिल हैं, देश के सकल घरेलू उत्पाद(GDP) में 15% से अधिक हिस्सेदारी रखता है |
पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात का देश के निर्यात में लगभग 18% हिस्सा है  और विदेशी मुद्रा कमाने में यह और उद्योगों से आगे हैं |
भारत को खनिज तेल का सब��े बड़ा आपूर्तिकर्ता देश सऊदी अरब हैं, वहीं ईरान को विस्थापित कर इराक, दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है | ताजा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत के खनिज तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश सऊदी अरब, इराक कुवैत, ईरान तथा नाइजीरिया है |
भारत में सार्वजनिक उद्यम
भारत सरकार ने लाभ कमा रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को वाणिज्य एवं प्रबंधन की स्वायत्तता देने के लिए नवरत्न तथा मिनी रत्ना योजना की संकल्पना वर्ष 1997 में, जबकि महारत्न की शुरुआत वर्ष 2009 में से की गई | यह योजनाएं निम्नलिखित हैं-
महारत्न योजना
इस योजना की शुरुआत वर्ष 2009 से की गई | इसका उद्देश्य बड़े आकार के नवरत्नों उपक्रमों के बोर्ड को अधिक  स्वायत्तता प्रदान करना है, जिससे उपक्रमों का संचालन घरेलू बाजार के साथ ही वैश्विक बाजार में भी हो सके |
किसी भी नवरत्न कंपनी को महारत्न का दर्जा प्रदान करने के लिए निम्नलिखित मानदंड को आधार बनाया जाता है-
कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो
पिछले 3 वर्षों में कंपनी का औसत कारोबार 20000 करोड रुपए रहा हो |
इस दौरान कंपनी ने 25 करोड रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया हो |
3 वर्षों में कंपनी का निवल मूल्य औसतन ₹15000 करोड़ रहा हो |
कंपनी के पास नवरत्न का दर्जा हो |
कंपनी का विदेश में भी कारोबार हो |
भारत की महारत्न कंपनियां
भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड(SAIL)
तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम(ONGC)
भारतीय तेल निगम(IOC)
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम(NTPC)
कोल इंडिया लिमिटेड(CIL)
भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड(BHEL)
भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड(GAIL)
नवरत्न योजना
नवरत्न सार्वजनिक उपक्रमों का एक विशिष्ट वर्ग हैं, इसमें सरकार ग्लोबल कंपनी होने की संभाव्यता देखती हैं | सरकार ने नवरत्नों योजना का प्रारंभ वर्ष 1997 में किया था | नवरत्न का दर्जा प्राप्त  कंपनियों को अधिक प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वायत्तता मिलती हैं | यह कंपनियां घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार पूंजी एकत्रित कर सकती हैं, यह कंपनियां सरकार की अनुमति के बिना भी निवेश कर सकती हैं एवं देश-विदेश में उद्यम लगा सकती हैं | इन कंपनियों के निर्देशकों को बोर्ड की अधिग्रहण तथा विलय संबंधी निर्णय लेने का अधिकार होता है |
नवरत्न कंपनियां
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड(BPCL)
भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड(BCL)
हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड(HPCL)
महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड(MTNL)
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(HAL)
पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(PGCIL)
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड(NMDCL)
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड(REL)
नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड(NACL)
 राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड(RINL)
पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड(PFL)
शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(SCOIL)
ऑयल इंडिया लिमिटेड(OIL)
नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड(NLCL)
कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया(CONCOR)
इंजिनियर्स इंडिया लिमिटेड(EIL)
राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड(NBCCL)
मिनीरत्न योजना
सरकार ने वर्ष 1997 में मिनीरत्न योजना की शुरुआत की थी | सरकार ने नवरत्न के अलावा मुनाफा कमा रहे अन्य  उद्यमों को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ शर्तों के साथ इन्हें वित्तीय,संचालन एवं प्रबंधन संबंधी स्वायत्तता प्रदान  की है | वर्तमान में इसकी संख्या 61 है |
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग को मुख्यतः निवेश के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है | इनका वर्गीकरण निम्न प्रकार है-
उद्योग
निर्माण उद्योग
सेवा उद्योग
सूक्ष्म
2500000 रुपए तक
₹1000000 तक
लघु
2500000 से 5 करोड़ रुपए
1000000 से दो करोड़ रुपए तक
मध्यम
5से 10 करोड़ रुपए
2 से ₹5 करोड  तक
देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में MSMEs(सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग), का योगदान 45% हैं, जबकि देश के कुल निर्यात में 40% का योगदान है | देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान होने के बाद भी यह  क्षेत्र कई समस्याओं से ग्रसित हैं | ऋण उपलब्ध नहीं, तकनीकी समस्याएं, अवसंरचना से जुड़ी समस्याएं तथा घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा  भी मुख्य है |
खादी और ग्रामोद्योग आयोग की स्थापना अधिनियम निर्माण द्वारा वर्ष 1956 में की गई थी | यह  आयोग खादी और ग्रामीण उद्योगों के संवर्धन में संलग्न है |
तो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह पोस्ट बहुत ही अच्छी लगी होगी अगर अच्छी लगी है, हैं अपने  मित्रों के साथ शेयर जरूर कीजिए |
धन्यवाद !
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googlesamachar · 8 years
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हाइकोर्ट: डीजीएमएस का पक्ष सुनने के बाद निर्देश, ललमटिया खदान हादसे की जांच दो माह में पूरी करें - प्रभात खबर
प्रभात खबर हाइकोर्ट: डीजीएमएस का पक्ष सुनने के बाद निर्देश, ललमटिया खदान हादसे की जांच दो माह में पूरी करें प्रभात खबर रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को इसीएल की राजमहल कोल परियोजना के ललमटिया खदान हादसे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. डायरेक्टर जनरल माइंस शेफ्टी (डीजीएमएस) को दो माह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया. जांच रिपोर्ट को कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा गया. कोर्ट ने डीजीएमएस व प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद उक्त निर्देश दिया. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ मार्च की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व डीजीएमएस की अोर से पूर्व में दिये गये जवाब को दाेहराया गया. गोड्डा खदान हादसा मामले में हाईकोर्ट का निर्देश, 8 मार्च तक सीलबंद जांच रिपोर्ट दें डीजीएमएसNews18 इंडिया गोड्‌डा खदान हादसा, डीजीएमएस 8 मार्च तक सीलबंद जांच रिपोर्ट दें: हाईकोर्टदैनिक भास्कर ललमटिया खदान हादसे की दो माह में जांच पूरी करने का निर्देशLive हिन्दुस्तान सभी ५ समाचार लेख » http://dlvr.it/NBvjrl
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