#कोरोना वायरस क्या है
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Healthy Life Wellhealthorganic : आप अपने जीवन को और स्वस्थ बना सकते है, फॉलो करे ये गाइड लाइन लाइन
एक हेल्थी लाइफस्टाइल होती है जिस��ें उठना और सोने का समय खाने का समय कसरत का समय स्वस्थ वज�� बनाए रखना और तनाव से मुक्त रहना शामिल होता है। Healthy Life Wellhealthorganic एक अच्छी लाइफस्टाइल बनाने से आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे।
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1 Healthy Life Wellhealthorganic : Healthy Life Style
1.1 सुबह जल्दी उठे
1.2 व्यायाम
1.3 सुबह का ब्रेकफास्ट
1.4 घर का बना खाना ही खाये
1.5 रात का भोजन समय से करें
1.6 समय से सोये और अच्छी नींद लें
1.6.1 निष्कर्ष
Healthy Life Wellhealthorganic : Healthy Life Style
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स्वास्थ जीवनशैली जिना उन सभी के लिए महत्वपूर्ण है जो उम्र बढ़ने के साथ -साथ खुद को बेहतर महसूस करना और स्वास्थ रहना चाहते है हालाँकि हर दिन हमे इतनी सलाह दी जाती है की स्वास्थ के बारे मे अच्छा क्या है। Healthy Life Wellhealthorganic आइए जानते है अच्छी लाइफ स्टाईल के कुछ टिप्स ।
हर व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता है स्वस्थ और फिट रहने के लिए अच्छा खान-पान और हेल्दी लाइफ़स्टाइल जरूरी है। हमारी लाइफ स्टाइल ही यह तय करती है कि हमारा स्वास्थ्य कैसा रहेगा। अगर आप भी खुशहाल और तनाव मुक्त जिंदगी जीना चाहते हैं. Healthy Life Wellhealthorganic तो इसके लिए एक अच्छी दिनचर्या अपनाना बहुत जरूरी होता है। जब से कोरोना वायरस महामारी आई है तब से लोग पहले के मुकाबले सेहत को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं। डाइट से लेकर कसरत तक, लोग वह सभी काम कर रहे हैं जिससे वह सेहतमंद रहे और बीमारियां उनसे दूर रहे।
सुबह जल्दी उठे
सुबह उठने से आपको कई तरह के फायदे होता है। सुबह उठने से लोग पूरा दिन एक्टिव महसूस करते हैं और इससे सेहत को भी कई तरह के फायदे होते हैं। साथी कोई तरह के पेंडिंग काम भी आसानी से हो जाते हैं। Healthy Life Wellhealthorganic सुबह वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो सूरज उगने के बाद कम होने लगती है। इसीलिए अगर आप सुबह जल्दी उठेंगे तो तरोताजा महसूस करेंगे।
व्यायाम
हर रोज फिट और हेल्दी रहने के लिए एक्सरसाइज जरूर करें बॉडी से ज़ब पसीना निकलता है। तो इससे टोक्सिस बाहर निकलते हैं और ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है। और आप मानसिक तौर पर भी स्वस्थ और मजबूत रह सकते हैं। सुबह की एक्सरसाइज से आप कई बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। जैसे में पुरानी बीमारियों की जो दिन को कम करना, बेटिंग डिप्रेशन, वजन कम करना, अपनी सहनशक्ति को बढ़ाना, अपना रक्तचाप कम करना।
सुबह का ब्रेकफास्ट
सुबह का हेल्दी नस्ता आपको दिन भर काम करने का भरपूर एनर्जी देता है। वर्किंग लोगों के लिए और भी जरूरी होता है क्योंकि काम करने के लिए आपको ऊर्जा की जरूरत होती है चाहे वह डेक्स वर्क हो या फील्ड वर्क को बिना नास्ते के निकलेंगे तो नहीं आप अपने काम में फोकस कर पाएंगे और नहीं कुछ क्रिएटिव कर पाएंगे इसलिए सुबह नाश्ते में जो कुछ आप के टेबल पर उसे खाकर निकलना चाहिए।
घर का बना खाना ही खाये
होटल और रेस्टोरेंट में बना लजीज और चटपटा खाना हम सबको पसंद होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि अक्सर बाहर का खाना हमारी बड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। ऐसे में आप जितना हो सके घर का ही खाना ही खाये।
रात का भोजन समय से करें
देर रात को किया भोजन ना तो सही से पच पता है और ना ही सेहत को इसकी भरपूर फायदा मिल पाता है। अगर आपको भी देर रात भोजन करने की आदत है तो मुमकिन है कि आप पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं से अक्सर परेशान रहते हो इसलिए अगर गैस एसिडिटी और अपच नहीं चाहते हैं तो समय से भोजन के बाद थोड़ा सा टहल लें।
समय से सोये और अच्छी नींद लें
नींद की कमी आपके स्वास्थ्य और कामकाजी जिंदगी को प्रभावित कर सकती है कभी-कभी लोग सोच लेते हैं कि जितनी नहीं दो ले रहे हैं वह पर्याप्त है लेकिन यह समझना जरूरी है कि पर्याप्त नींद लेने के साथ उसे नियमित रूप से पूरा करना जरूरी होता है। AIIMS के डॉ. के एम नाधीर के अनुसार, ‘ यदि कोई लंबे समय से पर्याप्त नींद नहीं ले रहा है तो उसे थकान, दिन में नींद आना, बेचैनी, याददाश्त की कमी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
इस लेख Healthy Life Wellhealthorganic में उल्लिखित सलाह और ��ुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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Corona Alert: दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक कोरोना वायरस एक बार फिर लौट आया है. भारत समेत दुनिया के कई देशों में इन दिनों कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यही नहीं भारत में भी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. मरीजों में वही जुकाम, सर्दी, खांसी, बदन दर्द बुखार से जैसे सामान्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं. लेकिन इस बार ये मामला गंभीर है क्योंकि चिकित्सक भी इसे समझ नहीं पा…
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ताऊ की मर्जी के आगे बनी बाल वधू, पेपर से ठीक पहले हुआ बच्चा... दिल छू लेगी डॉक्टर रूपा यादव की कहानी
नई दिल्ली: आठ साल... हां यही उम्र थी रूपा की, जब परिवार के लोगों ने उसकी शादी कर दी। उस वक्त तो शायद उसे शादी शब्द के मायने भी ना पता होंगे। वो उम्र तो उसके लिए खेलने की थी। अपने बचपन को जीने की थी लेकिन उसके ताऊजी ने उसके ससुर से बहुत पहले ही वादा कर दिया था कि रूपा और उसकी बड़ी बहन रुक्मा की शादी उनके दोनों बेटों से ही होगी। पिता तो रूपा को अभी पढ़ाना चाहते थे लेकिन अपने बड़े भाई के वादे के सामने मजबूर थे। और आखिरकार उस छोटी सी उम्र में ही रूपा की शादी कर दी गई। अब रूपा केवल गौना होने तक अपने मायके में रह सकती थी।ये कहानी है राजस्थान में करीरी गांव की रहने वाली रूपा यादव की। उस रूपा की, जिसे कभी बाल वधू कहकर पुकारा गया। वो रूपा, जिसके दिल में अरमान थे कि वो एक एमबीबीएस डॉक्टर बने, लेकिन परीक्षाओं के दिनों में ही वो गर्भवती हो गई। जिसकी पढ़ाई-लिखाई के लिए परिवार को कर्ज तक लेना पड़ गया। और एक दिन यही रूपा अपने गांव में डॉक्टर बनकर लौटी। उन सभी तानों को उसने अपनी सफलता से जवाब दे दिया, जिनमें कहा जाता था कि लड़की है, इसे इतना पढ़ाना ठीक नहीं। 12वीं हो गई, बस काफी है, अब घर बिठाओ। 10वीं में आए इतने नंबर, गांव में मच गया हल्ला हालांकि, एक छोटे से गांव की बाल वधू से डॉक्टर बिटिया बनने तक की उसकी राह भारी मुश्किलों से भरी थी। उनके पिता मालीराम यादव को अपनी बेटी पर शुरुआत से ही नाज था और चाहते थे कि अभी वो बस पढ़ने-लिखने पर ध्यान दे। लेकिन जब सुना कि उनके बड़े भाई ने रूपा की शादी का वादा कर दिया है, तो कुछ ना कह सके। हालांकि, मायके में रहते हुए रूपा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 86 फीसदी नंबरों के साथ 10वीं की परीक्षा पास कर ली। रूपा की इस सफलता पर पूरा गांव हैरान था। इससे पहले लड़की तो छोड़िए, कोई लड़का भी इतने अच्छे नंबर लेकर नहीं आया था। जीजा ने किया वादा, रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी अलग-अलग संस्थाओं ने रूपा को सम्मानित किया। स्कूल से भी उन्हें पुरस्कार मिले और टीचरों ने सलाह दी कि इस बच्ची को खूब पढ़ाइए। लेकिन उसी दौरान उनके ताऊजी के वादे के मुताबिक, रूपा के गौने का समय आ गया। उसके पिता नहीं चाहते थे कि रूपा अभी से ससुराल चली जाए, लेकिन उसकी बड़ी बहन रुक्मा के पति ने वादा कर दिया कि चाहे जो हो जाए, ससुराल में रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी। रूपा ससुराल पहुंची, तो उसके जीजा ने अपना वादा निभाया और दो साल बाद ही शानदार नंबरों के साथ उसने 12वीं की परीक्षा भी पास कर ली। परिवार ने लिया कर्ज और आगे बढ़ने लगी रूपा रूपा की सफलता पर उसके स्कूल टीचरों ने ससुराल के लोगों को बुलाया और कहा कि उसे डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए नीट की तैयारी करनी चाहिए। ससुराल के लोग मान गए। रूपा की काबिलियत को देखकर कोचिंग सेंटर ने भी उसे नीट की तैयारी बिना फीस कराने का ऑफर दे दिया। बस फिर क्या था, रूपा ने बीएससी में एडमिशन लिया और साथ ही नीट की तैयारी में ��ुट गई। अपने पहले प्रयास में रूपा को 22000वीं रैंक मिली। परिवार ने फैसला किया कि उसे अब कोचिंग के लिए कोटा भेजना चाहिए। घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी लेकिन परिवार ने कर्ज लेकर रूपा को कोचिंग कराई। रूपा का सपना और परिवार का सपोर्ट हालांकि, इस बीच उन्हें ताने भी सुनने पड़े। लोगों ने कहा कि एक लड़की को इतनी ऊंची पढ़ाई के लिए घर से बाहर नहीं भेजना चाहिए था। लेकिन उनके और जीजा ने रूपा को खूब सपोर्ट किया। यहां तक कि ज्यादा घंटों तक काम भी किया, ताकि रूपा की पढ़ाई में कोई आर्थिक दिक्कत ना आए। उनके परिवार को सपोर्ट रंग लाया और तीन साल की मेहनत के बाद रूपा को साल 2017 में बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया। एमबीबीएस की पढ़ाई के शुरुआती दो साल ठीक से बीते, लेकिन तीसरे साल में कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन लग गया और रूपा को घर लौटना पड़ा। आधे टाइम में पूरा किया 3 घंटे का पेपर इस बीच प्री-फाइनल परीक्षा से पहले रूपा गर्भवती हो गईं। अब रूपा के सामने दो विकल्प थे - या तो वो मां बनें या अपने करियर को चुनें। रूपा ने फैसला लिया कि वो अपनी इन दोनों जिम्मेदारियों को निभाएगी। रूपा की बेटी महज 25 दिन की थी, जब उसे प्री-फाइनल परीक्षा देनी थी। इस मोड़ पर उसकी बहन और सास ने रूपा की नन्हीं बेटी की देखभाल की और रूपा फिर से बढ़िया नंबर लाने में सफल रही। रूपा बताती हैं कि उनका फाइनल पेपर ठीक उस दिन पड़ा, जिस दिन उनकी बेटी का पहला जन्मदिन था। उन्होंने 3 घंटे का पेपर आधे वक्त में पूरा किया, बस से घर पहुंची और अपनी बेटी का जन्मदिन मनाया।28 अप्रैल 2022 को उनका रिजल्ट घोषित हुआ और गांव की रूपा अब बन गईं। रूपा चाहती हैं कि वो अपने उसी गांव में एक अस्पताल खोलें, जहां उन्होंने डॉक्टर बनने के सपने को साकार किया। उनके इसे सपने को पूरा करने के लिए ससुराल वाले भी पूरी तरह साथ… http://dlvr.it/T92WGw
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लिलिथियंस
कुछ अजीब सा नाम है न? समझना भी मुश्किल है कि इसका क्या मतलब हो सकता है और उस मतलब का इस कहानी से क्या ताल्लुक हो सकता है। चलिये, कहानी शुरु करने से पहले इस नाम को और इसके संदर्भ को समझ लेते हैं, ताकि आगे कहानी समझने में आसानी हो। इसके लिये हमें अब्राहमिक धर्मों के मूल कांसेप्ट में जा कर एक किरदार को जानना ह���गा, जिसका नाम लिलिथ है।
हममें से अधिकांश लोग शायद लिलिथ नाम के उस कैरेक्टर से परिचित न हों, जो मूल बाईबिल के हिसाब से आदम के साथ बनाई गई संसार की पहली नारी थी, लेकिन जो मर्द के नीचे नहीं, बल्कि ऊपर रहना चाहती थी और बजाय मर्द के अपना डॉमिनेंस चाहती थी। उसे एडम के डॉमिनेंस में रहना मंजूर नहीं था, और वह एडम को स्वर्ग में छोड़ पृथ्वी पर भाग आती है— जिसके बाद यहुवा एडम की पसली से ही ईव का सृजन करता है ताकि प्रतीकात्मक रूप से यह स्थापित हो सके कि नारी, नर से बनी है और नर के लिये बनी है, जिससे आगे चल कर मर्द की सत्ता को स्वीकारने में उसे कोई बाधा न आये। सारा संसार इस ईव को बाईबिल के हिसाब से ही पहली औरत मानता है।
लेकिन जैसा कि रिवाज़ है कि इस संसार में जहां हर तरह के लोग हैं— तो उस लिलिथ में विश्वास रखने वाले भी लोग हैं, फिर भले लिलिथ को ऐविल पॉवर या शैतान की संज्ञा क्यों न दी गई हो। जब दुनिया में सीधे शैतान को पूजने वाले समुदाय हो सकते हैं तो लिलिथ के वे उपासक भी हो सकते हैं, जो मानते हैं कि एक दिन लिलिथ अंधेरों से निकल कर आयेगी और सारे संसार पर हुकूमत करेगी। ऐसी ही मान्यता में विश्वास रखने वाले, और उसे देवी की तरह पूजने वाले एक कल्ट का नाम है "लिलिथियंस", जो इस कहानी के केंद्र में है। इस कल्ट के लोग एक मिशन पर हैं और पूरी कहानी उसी मिशन से जुड़े संघर्ष को उकेरती है।
इन लिलिथियंस की कमान संसार के कुछ ऐसे ताक़तवर लोगों के हाथ में है, जिन्हें सामान्यतः इलुमिनाती से जोड़ा जाता है और वे दुनिया के लगभग हर बड़े फैसले में शामिल रहते हैं। उनकी इस दुनिया और इस सृष्टि को लेकर अपनी ही एक अलग थ्योरी है, जिसके अकार्डिंग वे एक ऐसे समझौते से बंधे हैं, जिसके चलते उन्हें पूरी दुनिया के माहौल में किसी न किसी तरह उथल-पुथल मचाये रखनी है, जिससे उस हायर बीईंग को एनर्जी मिलती है, जो फीड करती है लोगों के लालच, डर, नफरत, क्रोध, खून-खराबे और मौतों से— और बदले में इस वर्ग को नवाज़ती है बेशुमार पैसे और ताक़त से। इस थ्योरी के हिसाब से हमारी औकात एक बैक्टीरिया भर की है और हम उस हायर बीईंग के शरीर में वैसे ही वास करते हैं, ज���से हमारे ख़ुद के शरीर में बैक्टीरिया और वायरस अपना जीवन चक्र पूरा करते हैं।
उस हायर बीईंग के साथ हुए उस समझौते के अनुसार उन्हें हर कुछ सालों में ऐसा कुछ करना है, जिसके चलते पूरी दुनिया प्रभावित हो, बड़े पैमाने पर केआस फैले, खास कर योरप के उन इलाकों में, जहां लोगों को अमूमन किसी तरह के संघर्ष से नहीं जूझना पड़ता है, बल्कि हैप्पीनेस इंडेक्स में जो अग्रणी रहते हैं और उस हायर बीईंग के हिसाब से वे उसके लिये सबसे ज्यादा यूज़लेस देश और लोग हैं। युद्ध या कोई बड़ा संक्रमण, कुछ भी उन्हें इस इलाके में चाहिये ही चाहिये और यह सब एक के बाद एक होता है और इसी कोशिश में एक संक्रमण कोरोना की तरह ही बेलगाम हो कर पूरे योरप को निगलना शुरु कर देता है— अब सवाल यह भी है कि पूरी तरह फैल कर भी यह बस योरप तक ही सीमित रहेगा या कोरोना की तरह ही पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लेगा?
इस कहानी के केंद्र में सिर्फ लिलिथियंस ही नहीं हैं, बल्कि भारत के एक अमीर घराने में जन्मे दो भारतीय युवक आरव और अहान भी हैं, जो अनजाने में ही इस जानलेवा चक्कर में उलझते चले जाते हैं। वे दोनों भाई थे और जहां आरव पढ़ाई-लिखाई, खेल-कूद और पर्सनैलिटी के हिसाब से एक स्टार किड था, वहीं आरव एक कलात्मक रूचि वाला एवरेज शख़्स, जो अपने भाई की स्टार पर्सनैलिटी के हिसाब के नीचे दब के कहीं खो कर रह गया था और इस चीज़ ने उसमें एक हीनता पैदा कर दी थी, जिसकी वजह से उसके व्यक्तित्व में आई नकारात्मकता ने उसे घर वालों से और दूर कर दिया था।
आरव के लिये तो सबकुछ मयस्सर था, एक बढ़िया नौकरी के सिलसिले में वह स्वीडन जाता है और स्वीडन से ही उसकी ज़िंदगी में उथल-पुथल शुरु हो जाती है, जो उसे फिनलैंड ले जाती है, जहां आखिरकार वह ग़ायब हो जाता है और जब अरसे तक उसकी कोई ख़बर नहीं मिलती और उसकी वजह से माँ-बाप हलकान हो जाते हैं, तब न चाहते हुए भी अहान अपने भाई को वापस लाने की ज़िम्मेदारी अपने सर लेता है और निकल पड़ता है अपने उस भाई की खोज में, जिसने स्वीडन से फिनलैंड तक अपने पीछे ढेरों निशान छोड़े थे— जिन्हें ट्रेस करते अहान को धीरे-धीरे, टुकड़ों में पता चलता है कि उसके भाई के साथ क्या हुआ था और वह कहाँ-कहाँ से गुज़रा था।
इस खोज में जो उसके साथ होते हैं, वह उन्हें नहीं जानता, लेकिन उनकी मदद उसे बराबर मिलती रहती है— हालांकि वह यह ठीक से समझ भी नहीं पाता कि वे दोस्तों में थे या दुश्मनों में… और धीरे-धीरे चलते उसकी खोज के इस सफ़र का जहां अंत ��ोता है— वहां से एक नये काल की शुरुआत हो रही थी, जो आगे पूरी दुनिया को हदसाने वाला था। अब सवाल यह है कि आरव के साथ आखिर क्या हुआ था, और वह कहां खो गया था? अहान उसकी तलाश में निकला तो था, लेकिन क्या वह उसके जीतेजी उससे मिल भी पाता है? क्या अंत होता है उसकी खोज का और कैसी शुरुआत थी उस अंत से जुड़ी जो आगे पूरी दुनिया के लिये आफत बनने वाली थी?
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वैश्विक मह���मारी कोरोना ने साल 2019 में अपना भयानक रूप दिखाकर कई परिवारों को खत्म कर दिया था। कोरोना संक्रमण ने जहां कई बुजुर्ग माता-पिता से उनके बु़ढ़ापे की लाठी का सहारा यानी की उनके बच्चे को ही छीन लिया। तो कई घर ऐसे से जिनके छोटे बच्चे अनाथ हो गए। जिनपर बीती है वो लोग आज भी करोना नाम से खौफ खाते हैं। लेकिन ऐसे में राहत की खबर भी सामने आ रही है। जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने शुक्रवार की देर शाम कोविड-19 और वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों पर बातचीत करते हुए मीडिया ब्रीफिंग के दौरान घोषणा करते हुए कहा कि- “मैं बड़ी आशा के साथ कोविड-19 के विश्व से खत्म होने की घोषणा करता हूं. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं होगा कि विश्व पर कोविड-19 का खतरा ��िल्कुल नहीं होगा।”
30 जनवरी को आपातकाल घोषित कि गई थी वैश्विक महामारी
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस के मुताबिक हम सब जानते हैं, दुनिया भर में हजारों आज भी इस महामारी के कारण जिंदगी से जुझ रहे हैं। लाखों लोग कोविड-19 के बाद की स्थिति के प्रभावों के साथ जी रहे हैं। गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा ही साल 2020 की जनवरी में Covid-19 को वैश्विक आपातकाल घोषित किया था। टेड्रोस ने कहा, 30 जनवरी 2020 को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत अहम बैठक बुलाई थी, जिसमें आपातकालीन समिति की सलाह पर के आओधार पर ही मैंने कोविड-19 के वैश्विक प्रकोप हुए आपातकाल को घोषणा करा था। बीते 3 सालों में कोविड-19 ने हमारी दुनिया को पूरी तरह से पलट कर रख दिया है। डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट की माने तो दुनिया में मौतों का आंकड़ा इतना ज्यादा रहा की अंतीम संस्कार और दफनाने के लिए भी जगह नहीं मिली।
सार्वजनिक आपातकाल है अभी भी
दरअसल शुक्रवार को WHO द्वारा वैश्विक महामारी के रूप में घेषित की गई कोविड-19 महामारी अब खत्म हो गई है। एस बुरे दौर से गुजरने के बाद दुनिया में कोविड-19 से पीछे छुड़ाना बेहद ही चिंताजनक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बना हुआ है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोविड-19 अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बना हुआ है।
क्या कहा डब्ल्यूएचओ चीफ ने?
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस का कहना है कि "कोविड-19 का खतरा अभी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बना हुआ है चिल न करें ...सतर्क रहें।" डब्ल्यूएचओ ने ये भी कहा है कि कोरोना महामारी अभी भी अंतरराष्ट्रीय संकट और आपात स्थिति है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हालांकि ये भी स्वीकार किया है कि वायरस शायद एक संक्रमण बिंदु पर है, लेकिन इस संक्रमण के सावधानीपूर्वक और संभावित नकारात्मक परिणामों को कम करना जरूरी है।
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UP STF का खुलासा, विदेशों से मंगवाएं थे माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे ने आर्म्स
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पैंडेमिक को एंडेमिक में बदलते समय में क्या होगा?
पैंडेमिक को एंडेमिक में बदलते समय में क्या होगा? #पैंडेमिक, #एंडेमिक, #कोविड19, #महामारी, #सुरक्षा, #स्वास्थ्य, #वायरस, #बचाव, #टीकाकरण, #मास्क, #सामाजिकदूरी, #वैक्सीन, #असुरक्षित, #संक्रमण, #विश्वस्तरीयमहामारी, #उत्तरदायित्व, #जागरूकता, #विश्वसेहतसंगठन
पैंडेमिक और एंडेमिक: दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। अब तक कोरोना एक महामारी (pandemic) के रूप में दुनिया भर में फैल गया है जो अनेक देशों को अभी भी तबाह कर रही है। लेकिन अब बहुत सारे लोगों का यह सवाल है कि क्या एक दिन कोरोना वायरस स्थाई (endemic) बन जाएगा और लोगों को इससे रोज़ाना जूझना पड़ेगा। Photo by Markus Spiske on Pexels.com कोरोना के अब तक के मामलों…
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कोरोना वायरस: कोविड-19 से संक्रमित मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान राशि का रास्ता साफ! जिला स्तर पर ही निष्पादन का आदेश!
सरकार द्वारा कोविड-19 से संक्रमित मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान से संबंधित मामलों के निष्पादन के संबंध में पत्र जारी किया गया है। साथ ही दिशा निर्देश भी जारी किया गया है। जल्द होगा अनुग्रह अनुदान का भुगतान कहा गया है कि कोविड-19 से संक्रमित मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान के भुगतान से संबंधित सभी मामलों का निष्पादन ( स्वीकृत / अस्वीकृत) कारण सहित कर दिया गया है। यदि कोविड-19 से संक्रमित किसी व्यक्ति की मृत्यु का मामला इस पत्र के निर्गत की तिथि के बाद प्रकाश में आता है, ऐसे मामलों का निष्पादन विभागीय पत्रांक- 116 (HS) दिनांक - 18.05.2021 एवं पत्रांक- 548 (11) दिनांक - 18.06.2021 (प्रति संलग्न) के आलोक में जिला स्तर पर गठित समिति, जिसके सदस्य सिविल सर्जन, ए०सी०एम०ओ० एवं सिविल सर्जन द्वारा प्राधिकृत वरीय चिकित्सा पदाधिकारी हैं, के माध्यम से जिला स्तर पर ही निष्पादन किया जाय। ऐसे मामलों को विभाग में स्वीकृति हेतु भेजने की कोई आवश्यकता नहीं है। विभागीय पत्र इसे भी पढ़ें >>> Bihar Board 12th Result 2023: बिहार बोर्ड 12वीं के रिजल्ट में क्यों हो रही है देरी? क्या है कारण? जानें पूरी रिपोर्ट! Read the full article
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Bill Gates हुए हैरान – भारत की तरक्की से हैरान हो कर कहीं दी ये बड़ी बात, जानिए पूरी डिटेल्स !!
Covid महामारी के दौरान एक बड़ी संख्या में वैक्सीन बनाने की भारत की क्षमता को देखकर Bill Gates ने तारीफ करते हुए ये भी दावा किया की Covid के दौरान भारत मे करीबन करीबन 10 लाख लोगों की जान बचाई गयी।
Bill Gates ने क्या कहा ?
Microsoft के संस्थापक ने कहा कि अलग अलग क्षेत्रों में जैसे विकास, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और स्वास्थ्य में भारत ने शानदार तरक्की की है। बिल गेट्स ने कहा भारत ने दिखाया है कि जब आप नयी नयी खोजों में निवेश करते हैं तो उससे क्या क्या फायदा हो सकता है और उससे क्या ��या किया जा सकता है।
Covid महामारी के दौरान बड़ी संख्या में वैक्सीन बनाने में भी भारत की क्षमता पर Bill Gates ने तारीफ की और कहा कि Covid के दौरान भारत ने लाखों लोगों की जान बचायी थी। साथ साथ दूसरे देशों की भी भारत ने काफी मदद की थी।
पीएम मोदी से मिले Microsoft के संस्थापक बिल गेट्स
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-संस्थापक Bill Gates ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने लिखा कि जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है, ऐसे समय में भारत जैसी उत्साही और मौलिक जगह आना प्रेरणादायक है। गेट्स ने कहा कि भारत ने 2.2 बिलियन वैक्सीन डोज डिलीवरी की।
साथ ही ओपन प्लेटफॉर्म Co-Win की भी तारीफ की, जहां वैक्सीन के लिए अपॉइंटमेंट और डिजिटल सर्टिफिकेशन देने की सुविधा भी दी जाती थी। Bill Gates ने कहा कि ‘पीएम मोदी मानते हैं कि Co-Win दुनिया के लिए एक मॉडल है और मैं उनसे सहमत भी हूं।’
Covid के दौरान भारत का हुआ डिजिटलीकरण
भारत में Covid के दौरान 30 Crore लोगों को Digital Payment के साथ जोड़ा गया। इनमें से तकरीबन 20 Crore महिला है। इसकी तारीफ करते हुए Bill Gates ने कहा कि भारत ने अर्थिक समावेश को प्राथमिकता दी है। डिजिटल ID के आधार की मदद से डिजिटल बैंकिंग के प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है।
ये भी पढ़े: Adeno Virus: देशभर में एडेनो वायरस का कहर, कोरोना के जैसा है खतरनाक। ये Symtoms हों तो रहें सतर्क!
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना क्या है
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना
कोरोना जैसे महमारी में सभी देशो को बहुत बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। कोरोना वायरस की वजह से बहुत से लोगो नौकरी जा चुकी है। लेकिन मजदूर और श्रमिकों को ज्यादा क्षति हुई है जो बाहर दूसरे राज्य में रहकर काम करते थे। उनके पास रोजगार का कोई साधन उपलब्ध नहीं है कोरोना वायरस लॉक डाउन की वजह से प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के अवसर लगभग बंद हो चुके हैं। इस समस्याओं को देखते हुए देश की वित् मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा देश के प्रवासी मजदूरों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की गई। इस योजना की शुरुआत देश के 6 राज्यों में और 116 जिलों में शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत अभियान 25 दिनों तक चलाया जाएगा। जिसमें 25 तरीके के काम प्रवासी मजदूरों को दिए जाएंगे । यदि आप योजना से जुडी संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना का उद्देश्य
इन्ही सभी परेशानियों को देखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना का मुख्य उदेश्य है देश के ग्रामीण क्षेत्रो के प्रवासी मजदूरों को रोजगार प्रदान करवाना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 जून 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान में 6 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा को शामिल किया जाएगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को बिहार के खगड़िया जिले के एक गांव से शुरुआत की गई। इस योजना के अंतर्गत लगभग 50 हज़ार क��ोड़ रूपये का खर्च सरकार द्वारा किया जायेगा। योजना के अंतर्गत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रो के विकास के मकसद से 25 विकास कार्य जैसे आंगनवाड़ी केंद्र , सामुदायिक केंद्र, कृषि, सड़क, आवास, बागवानी जल संरक्षण आदि पर जोर दिया जायेगा। जिस जगह पंचयात भवन नहीं है वहां पर पंचायत भवन बनाया जायेगा। कोरोनावायरस की वजह से इन प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के अवसर बंद हो चुके हैं और उनके पास रोजगार का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। उन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना और उनकी आजीविका को सुधारना है।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान 2023 का लाभ
- इस योजना से प्रवासी श्रमिकों काे आर्थिक विकास में सुधार होगा। - राज्य में बेरोजगारी कम होगी और लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। - इस योजना का लाभ देश सभी प्रवासी मजदूरों को प्रदान किया जायेगा। - इस अभियान से आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत क्षेत्रीय उद्योगों को स्थापित करने को बढ़ावा दिया जा रहा है - केंद्र सरकार द्वारा गरीब कल्याण रोजगार अभियान का बजट लगभग 50 हजार करोड़ रुपये रखा गया है। - इस योजना लिए 12 मंत्रालय एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। इसमें ग्रामीण विकास,पंचायती राज,सड़क परिवहन आदि भी शामिल है। - PM गरीब कल्याण योजना में किसी भी मजदूर को उसकी कार्य कुशलता के आधार पर ही काम दिया जायेगा। - इस योजना के अंतर्गत गरीब प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जायेंगे।
गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आय प्रमाण पत्र - मोबाइल नंबर - पासपोर्ट फोटो - राशन कार्ड - मूल निवास प्रमाण पत्र - बैंक अकाउंट पासबुक - आधार कार्ड
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना में शामिल राज्यों के नाम
- बिहार - उत्तर प्रदेश - मध्य प्रदेश - राजस्थान - ओडिशा - झारखण्ड
योजना के अंतर्गत शामिल विभागों के नाम
- ग्रामीण विकास मंत्रालय - पंचायती राज मंत्रालय - सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय - खान मंत्रालय - पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय - पर्यावरण मंत्रालय - रेलवे मंत्रालय - पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय - नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय - सीमा सड़क विभाग - दूरसंचार विभाग - कृषि मंत्रालय
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना में शामिल किये गए कार्य की लिस्ट
- रेलवे - पीएम कुसुम - भारत नेट - बागवानी - CAMPA का वृक्षारोपण - पीएम उर्जा गंगा प्रोजेक्ट - कुओं का निर्माण - वृक्षारोपण का काम - खेत तालाबों का निर्माण - पशु शेड का निर्माण - पोल्ट्री शेड का निर्माण - बकरी शेड का निर्माण - ग्राम पंचायत भवन का निर्माण - राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यों का निर्माण - जल संरक्षण और कटाई का काम - आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण - ग्रामीण आवास कार्यों का निर्माण - ग्रामीण कनेक्टिविटी का काम - वर्मी-कम्पोस्ट संरचनाओं का निर्माण - लाइवलीहुड के लिए केवीके प्रशिक्षण - जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट काम - सामुदायिक स्वच्छता केंद्र का निर्माण - ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य
bihar chhatrawas yojana
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार के अंतर्गत आने वाली योजनाओं की सूची
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अभियान के अंतर्गत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली 25 योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। यह काम 125 दिन के अंदर अंदर किया जाएगा। शामिल की गई योजनाएं कुछ इस प्रकार है - कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग प्रशिक्षण aकौशल विकास - रक्षा मंत्रालय सीमावर्ती सड़कें - दूरसंचार विभाग भारत नेट - नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग - Pm कुसुम - पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना - पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय -सी ए ए एम पी ए निधियां - पेयजल और स्वच्छता विभाग-स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण - रेलवे मंत्रालय-रेलवे कार्य - खान मंत्रालय-जिला खनिज नि���ि - सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय-भारतमाला और अन्य योजनाएं - पंचायती राज मंत्रालय-वित्त आयोग अनुदान - ग्रामीण विकास विभाग-श्याम प्रसाद मुखर्जी रूब्र�� मिशन - ग्रामीण विकास विभाग-महात्मा गांधी नरेगा - ग्रामीण विकास विभाग-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना - ग्रामीण विकास विभाग- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण
गरीब कल्याण रोजगार योजना रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आवेदक अपने जिले के क्षेत्रीय श्रमिक विभाग में जाना होगा। - अब वहा से आपको प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान का आवेदन फॉर्म लेना होगा। आपको आवेदन फॉर्म को भरना होगा। - अब आपको सभी दस्तावेजों को आवेदन फॉर्म से अटैच करना होगा। - अब आपको आवेदन फॉर्म श्रमिक विभाग में जमा करना होगा। - अब आपको एक रेफरेंस नंबर प्राप्त होगा। - अब आपको इस रेफरेंस नंबर को संभाल कर रखना होगा। - इस रेफरेंस नंबर के माध्यम से आप अपना एप्लीकेशन स्टेटस देख सकते हैं। rojgar panjiyan Madhya Pradesh online | रोजगार पंजीयन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म 2023 Kisan Vikas Patra Yojana | किसान विकास पत्र योजना 2023 Read the full article
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Free Tickets For Hong-Kong | यात्रीगण कृपया ध्यान दें, अब फ्री में घूमे Hong-Kong, उठाये मौके का फायदा, जाने कैसे
नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। अगर आप को कहा जाए की क्या आप फ्री में इंडिया के बाहर घूमना चाहते है तो आप ना नहीं कहोगे। जी हाँ, दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण के बाद अब उबर रही हैं। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने अपने पर्यटन स्थलों (Tourism Place) को खोल दिया है और हांगकांग एक बार फिर दुनिया भर के पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है। इसके लिए, हांगकांग पर्यटन बोर्ड (Hong-Kong Tourism) घरेलू यात्रियों और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक विशेष पेशकश कर रहा है। हांगकांग टूरिज्म ने ‘हैलो हांगकांग’ (Hello Hong-Kong) नाम से एक ऑफर लॉन्च किया है। घरेलू और विदेशी एयरलाइंस यात्रियों को आकर्षित करने के लिए समय-समय पर तरह-तरह के ऑफर्स पेश करती हैं। लेकिन इस बार किसी एयरलाइन कंपनी की तरफ से नहीं बल्कि उस देश के टूरिज्म बोर्ड (Tourism Board) की तरफ से ऐसा ही ऑफर दिया गया है। 5 लाख मुफ्त हवाई टिकट और वाउचर इस ऑफर की खास बात यह है कि इस बार यह यात्रियों और पर्यटकों को अपने देश की यात्रा के लिए आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। हांगकांग पर्यटन बोर्ड आपको एक या दो नहीं बल्कि पांच लाख ��ात्रियों को हजारों मुफ्त हवाई टिकट और वाउचर दे रहा है। पर्यटन विभाग ने यह फैसला देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लिया है। हांगकांग पर्यटन विभाग शहर की यात्रा के लिए यह बंपर ऑफर लेकर आया है। एक ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी गई कि हांगकांग में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन बोर्ड 5 लाख मुफ्त उड़ान टिकट (5 Lakhs Free Flight Tickets) देगा। “Hello, Hong Kong!” We’re ready to welcome you back. Let’s follow Hong Kong stars like Aaron Kwok & Sammi Cheng to explore the city! We will also be giving away 500,000 free air tickets and vouchers to enjoy a welcome drink! More details: https://t.co/dWxOUhrCwX#HelloHongKong pic.twitter.com/APFjKozJY6 — Hong Kong (@discoverhk) February 2, 2023 कोविड यात्रा प्रतिबंधों को हटाया गया हांगकांग पर्यटन बोर्ड के कार्यकारी निदेशक डेन चेंग का कहना है कि एयरलाइनों का समर्थन करने के लिए मुफ्त टिकट खरीदे गए थे। अब कोरोना महामारी धीरे-धीरे खत्म हो रही है। कोरोना महामारी के कारण हांगकांग कई वर्षों से बंद है। अतः विदेशी यात्री भी वहाँ जाने से हिचकिचाते थे। इसके अलावा, हाल के महीनों में कोविड यात्रा प्रतिबंधों को हटा लिया गया है और पिछले तीन वर्षों में पर्यटकों की कमी से हांगकांग के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मुफ्त टिकट हांगकांग स्थित एयरलाइंस कैथे पैसिफ़िक, एचके एक्सप्रेस और हांगकांग एयरलाइंस द्वारा वितरित किए जाएंगे। ऐसे में अगर आप ऑफर के जरिए हांगकांग यात्रा टिकट बुक करना चाहते हैं तो पूरी जानकारी हासिल करने के लिए उपरोक्त एयरलाइंस की वेबसाइट पर जा सकते हैं। Read the full article
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Immunity Meaning in Hindi - इमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤Ÿà¥€ कà¥à¤¯à¤¾ है? और इसे कैसे बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाता है? | Updated 2023
जैसा की हम सभी जानते हैं आजकल कोरोना वायरस इतनी तेज़ी से फ़ैल रहा है, ऐसे में जरूरी है कि आप अपने आपको इससे बचा कर रखें और सावधानी बरतें। कोणवीरस से बचने के लिए जरूरी सावधानी के साथ साथ आवश्यक है आपकी इम्युनिटी भी अच्छी हो। क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति कहाँ से मिलती है? तो आज हम आपको यहाँ बताएंगे की हमारा शरीर किस तरह बीमारियों और इन्फेक्शन से लड़ता है और कौन इसे शक्ति…
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Immunity Meaning in Hindi - इमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤Ÿà¥€ कà¥à¤¯à¤¾ है? और इसे कैसे बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाता है? | Updated 2023
जैसा की हम सभी जानते हैं आजकल कोरोना वायरस इतनी तेज़ी से फ़ैल रहा है, ऐसे में जरूरी है कि आप अपने आपको इससे बचा कर रखें और सावधानी बरतें। कोणवीरस से बचने के लिए जरूरी सावधानी के साथ साथ आवश्यक है आपकी इम्युनिटी भी अच्छी हो। क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति कहाँ से मिलती है? तो आज हम आपको यहाँ बताएंगे की हमारा शरीर किस तरह बीमारियों और इन्फेक्शन से लड़ता है और कौन इसे शक्ति…
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10 लाख लोगों में केवल सात...कोविशील्ड से कितना खतरा, क्या डरने की जरूरत है?
नई दिल्ली: एक बार फिर कोरोना की चर्चा शुरू है लेकिन वायरस नहीं बल्कि कोविड वैक्सीन की। पहले कोरोना से डर लगता था तो वहीं अब कोरोना वैक्सीन के नाम से अचानक लोगों को डर लगने लग�� है। इस डर की शुरुआत हुई ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के एक खुलासे से। इस खुलासे के बाद कोरोना की वैक्सीन लेने वाले लोगों के मन में कई सवाल पैदा हो गए। वैक्सीन निर्माता ने कोर्ट में माना है कि दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस (TTS) का कारण बन सकता है। इससे खून के थक्के बन सकते हैं और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई गंभीर मामलों में यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। इस खुलासे के बाद भारत में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई। एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बनाई। भारत में बड़े पैमाने पर ये वैक्सीन लगाई गई है। लोगों के मन में कई सवाल हैं और इन सवालों के बीच भारत में अधिकांश हेल्थ एक्सपर्ट यह मान रहे हैं कि यह केवल दुर्लभ मामलों में ही हो सकता है। भारत में भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। एक वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट की जांच के लिए मेडिकल एक्सपर्ट का पैनल बनाया जाए। वैक्सीन के कारण किसी भी रिस्क फैक्टर का परीक्षण करने का निर्देश दिया जाए और यह सब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में किया जाना चाहिए। हालांकि देखा जाए तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने साल 2021 में इस टीके से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में अपनी साइट पर जानकारी दी है। सीरम इंस्टीट्यूट ने अपनी वेबसाइट पर अगस्त 2021 में कोविशील्ड टीका लगाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट की जानकारी दी है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया या प्लेट्सलेट की संख्या कम होने की वजह से ब्लड क्लाटिंग की समस्या हो सकती है। कंपनी ने कहा है कि यह एक लाख में से एक से भी कम लोगों में हो सकती है और कंपनी ने इसे बहुत ही दुर्लभ मामला बताया है। ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को लेकर कहा कि इसका साइड इफेक्ट टीका लेने के अधिकतम तीन से चार हफ्तों तक ही हो सकता है। वह भी केवल दुर्लभ मामलों में ही। भारत में कोविशील्ड के करोड़ों डोज लगाए गए हैं लेकिन न के बराबर मामलों में ही साइड इफेक्ट देखने को मिला। उनकी ओर से कहा गया है कि वैक्सीन लगवाने के दो-ढाई साल बाद साइड इफेक्ट का कोई खतरा नहीं है और इससे बेवजह डरने की जरूरत नहीं।ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि वैक्सीन के लॉन्च होने के 6 महीने के अंदर टीटीएस को एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन के एक साइड इफेक्ट के रूप में पहचाना गया था। इस वैक्सीन की समझ में को�� नया चेंज नहीं है। उनकी ओर से कहा गया कि यह समझने की जरूरत है कि टीका लगवाने वाले दस लाख लोगों में केवल सात या आठ लोगों को ही खतरा है। मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि TTS रक्त वाहिकाओं में थक्का बना सकता है, लेकिन कुछ टीकों के इस्तेमाल के बाद इसका होना बेहद दुर्लभ होता है। जयदेवन केरल में नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह स्वीकार किया कि कोविड वैक्सीन ने कई मौतों को रोकने में मदद की है। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, 'TTS का मतलब खून के थक्के बनने से है। कम प्लेटलेट काउंट के साथ दिमाग या अन्य रक्त वाहिकाओं में इससे थक्का बन सकता है।' http://dlvr.it/T6Jt7Y
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Immunity Meaning in Hindi - इमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤Ÿà¥€ कà¥à¤¯à¤¾ है? और इसे कैसे बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाता है? | Updated 2023
जैसा की हम सभी जानते हैं आजकल कोरोना वायरस इतनी तेज़ी से फ़ैल रहा है, ऐसे में जरूरी है कि आप अपने आपको इससे बचा कर रखें और सावधानी बरतें। कोणवीरस से बचने के लिए जरूरी सावधानी के साथ साथ आवश्यक है आपकी इम्युनिटी भी अच्छी हो। क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति कहाँ से मिलती है? तो आज हम आपको यहाँ बताएंगे की हमारा शरीर किस तरह बीमारियों और इन्फेक्शन से लड़ता है और कौन इसे शक्ति…
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क्या देश में कोरोना की चौथी लहर आने का माहौल बन रहा है? आंकड़ों का संकेत समझिए
Delhi: Corona Cases Latest Updates : कोरोना वायरस के नए वेरियेंट बीएफ.7 ने चीन में कोविड-19 की नई लहर ला दी। इसे देखते हुए भारत में भी तैयारियां शुरू हो गईं। केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट कर दिया। तो क्या देश में कोविड-19 महामारी की चौथी लहर आने की संभावना है? आइए आंकड़ों में दखें... http://dlvr.it/SgMWs6
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