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Best GNM Nursing college in Bihar-Shamar admission consultancy
जीएनएम (General Nursing and Midwifery) नर्सिंग पाठ्यक्रम एक मान्यता प्राप्त तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम है, जो उन छात्रों के लिए है जो नर्सिंग क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। यह पाठ्य बुनियादी चिकित्सा ज्ञान और नैतिकता के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल प्रदान करता है, जिससे आप स्वास्थ्यभाल प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकें। BEST GNM NURSING COLLEGE IN BIHAR
जीएनएम नर्सिंग पाठ्यक्रम ��ी संरचना
अवधि: 3 वर्ष
पाठ्यक्रम की संरचना:
थ्योरेटिकल कोर्सेज: मानव शरीर विज्ञान, फिजियोलॉजी, मेडिकल-सर्जिकल नर्सिंग, सामुदायिक स्वास्थ्य नर्सिंग आदि।
प्रैक्टिकल ट्रेनिंग: अस्पतालों में इंटर्नशिप क्लिन प्रैक्टिस।
अनिवार्य विषय: मानसिक स्वास्थ्य नर्सिंग, मातृत्व एवं शिश स्वास्थ्य आदि।
योग्यता
अभ्यार्थी को कक्षा 12वीं (विज्ञान) उत्तीर्ण होना चाहिए।
न्यूनतम उम्र सीमा आमतौर पर 17 वर्ष होती है।
प्रवेश प्रक्रिया
योग्यता परीक्षा: कई शिक्षण संस्थान अपने जीएम पाठ्यक्रम के लिए लिखित परीक्षा आयोजित करते हैं।
क्तिगत साक्षात्कार (यदि आवश्यक हो): कुछ कॉलेज व्यक्तिगत साक्षात्कार भी लेते हैं ताकि उम्मीदवार की क्षमता और इच्छाशक्ति का मूल्यांकन किया जा सके। BEST GNM NURSING COLLEGE IN BIHAR
मार्क्स आधारित चयन: कक्षा 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर भी चयन किया जा सकता है।
कार्यरत क्षेत्र
जीएनएम डिप्लोमा धारक निम्नलिखित क्षेत्रों में नौकरी पा सकते हैं:
सरकारी और निजी अस्पताल
क्लीनिक
सामुदायिक स्वास्थ्य
स्कूल हेल्थ सर्विसेज
गैर सरकारी संगठन (NGOs)
भविष्य की संभावनाएं
जीएनएम पूरी करने के बाद आपके पास कई विकल्प होते हैं:
यदि आप आगे पढ़ाई करना चाहते हैं तो आप B.Sc Nursing या Post Basic B.Sc Nursing जैसे उच्चतर पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं।
आप स्पेशलाइजेशन कोर्सेज जैसे एनेस्थीसिया, पेडियाट्रिक्स या मानसिक स्वास्थ्य में भी आगे बढ़ सकते हैं।
जीएनएम नर्सिंग एक बहुत ही सम्मानित पेशा है जिसमें समाज सेवा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। अगर आपके मन में लोगों की सेवा करने का जज़्बा है और आप चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े रहना चाहते हैं तो जीएनएम आपकी पहली पसंद हो सकती है।
आशा करते हैं कि इस ब्लॉग ने जीएनएम नर्सिंग पाठ्यक्रम के बारे में आपको संपूर्ण जानकारी प्रदान करने में मदद की होगी! अगर आपके कोई प्रश्न हों या अधिक जानकारी चाहिए हो तो कृप टिप्पणी करें।
Phone: +91-7070750800, 9122527109
whatsaap message– https://wa.me/917070750800
Website- https://college.thetechconsultant.co.in/best-gnm-nursing-college-in-bihar/
Office Address: A/3 P C Colony Road, Kankarbagh, Patna–800020, Bihar, India
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कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रवेश प्रारंभ (2025-2026)
📍 श्री राम गुरुकुल संस्थान, डिग्री कॉलेज के सामने, पांवटा साहिब, सिरमौर (हि.प्र.) 💻 सफल करियर के लिए आधुनिक कंप्यूटर कोर्सेस में दाखिला लें! ✅ PGDCA – पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन✅ Tally GST – अकाउंटिंग और टैक्सेशन प्रशिक्षण✅ DCA – डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन✅ कंप्यूटर बेसिक – आईटी स्किल्स की बुनियादी जानकारी✅ C++ – प्रोग्रामिंग एवं सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट✅ MS Office – ऑफिस…
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अखण्ड निराहारी दादागुरु : नर्मदा परिक्रमा का नर्मदापुरम में प्रवेश 7 मार्च को
नर्मदापुरम। विगत 4 वर्ष से अधिक निराहारी अवधूत सिद्ध महायोगी दादागुरु की नर्मदा सेवा परिक्रमा यात्रा जमात के साथ 7 मार्च को शाम 4 बजे चक्कर रोड से नर्मदापुरम में प्रवेश करेगी।परिक्रमा यात्रा मीनाक्षी चौक, एनएमवी कॉलेज, रामजी बाबा, सतरास्ता, इंदिरा चौक, मोरछली चौक, सराफा से काली मंदिर जुमेराती होती हुई दादाकुटी बसंत टॉकीज के बाजू में रात्रि पड़ाव करेगी। नगरवासी भक्त जनसमूह द्वारा परिक्रमा यात्रा…
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दसवीं की परीक्षा देने पहुंची छात्राओं ने हिजाब उतारने से किया इनकार, बिना परीक्षा दिए लौटी वापसी; जानें पूरा मामला
Uttar Pradesh News: जौनपुर में हिजाब (बुर्का) के लिए दसवीं की छात्राओं ने पूरे साल की मेहनत ही दांव पर लगा दी है। दसवीं की बोर्ड परीक्षा देने पहुंची छात्राओं को जब हिजाब उतारने को बोला गया तो साफ इनकार कर दिया। हिजाब पहनकर प्रवेश नहीं मिला तो चार छात्राएं बिना परीक्षा दिए ही घर लौट गईं। मामला खुदौली के सर्वोदय इ��टर कॉलेज का है। घटना की जानकारी के बाद से सोशल मीडिया पर इसे लेकर मामला गरमाया हुआ…
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फीस के कारण नहीं रोका गया किसी का प्रवेश पत्र, पिंसिपल ने आरोपों को बताया निराधार
प्रतापगढ़, 24 फरवरी 2025। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में जेठवारा थाना क्षेत्र के ��ौबस्ता गांव में साधुरी शिरोमणि इंटर कॉलेज के 12वीं के छात्र शिवम सिंह की आत्महत्या की घटना ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। माता-पिता की आंखों में आंसू, दोस्तों की खामोश निगाहें और स्कूल परिसर में पसरा सन्नाटा इस ददर्नाक हादसे की गंभीरता को बयां कर रहा है। इस दुखद घटना के बीच स्कूल के प्रिंसिपल कृष्णमूर्ति…
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Amazon Entry Level Job Opportunity 2025 | Work From Home 0 - 4 years
अमेज़ॅन प्रवेश प्लेसमेंट के अवसर 2025, अमेज़ॅन अलग-अलग प्रवेश-स्तरीय उद्योग संभावनाएं प्रदान करता है जो अमेज़ॅन 2025 में सॉफ्टवेयर प्रोग्राम अपग्रेड, संचालन, विज्ञापन और विज्ञापन को बदलते हैं। सहायता। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर (STE) और बैटवे संचालन जैसे कार्यक्रम लीडरहाब प्रोग्राम्स इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस और कंट्रोल ग्रेजुएट्स को पूरा करते हैं। अमेज़ॅन कॉलेज बच्चों और शुरुआती कार्ट…
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उत्तर प्रदेश: महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन से चेहरे पर अनचाहे बाल, कीटनाशकों की बढ़ती मात्रा बनी वजह


एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग द्वारा किए गए एक हालिया शोध में महिलाओं के रक्त में कीटनाशकों की उपस्थिति और उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को उजागर क���या गया है। इस शोध में सामने आया कि शरीर में कीटनाशकों की बढ़ती मात्रा के कारण महिलाओं के हार्मोन प्रभावित हो रहे हैं, जिससे उनके चेहरे पर हल्की दाढ़ी और मूंछें उग रही हैं। शोध की प्रमुख बातें इस अध्ययन में 18 से 30 वर्ष की 220 महिलाओं के रक्त के नमूनों की जांच की गई। शोध की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रुचिका गर्ग के अनुसार, इन महिलाओं में 15 प्रकार के कीटनाशक पाए गए, जो हार्मोनल असंतुलन, मधुमेह, थायरॉयड, अवसाद और बांझपन जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। शोध में शामिल महिलाओं का वर्गीकरण: 71.8% विवाहित और 28.2% अविवाहित महिलाएं थीं। 27% उच्च वर्ग, 29% मध्यम वर्ग और 44% निम्न वर्ग की थीं। 54% ग्रामीण और 46% शहरी क्षेत्र की महिलाएं थीं। शोध के चिंताजनक निष्कर्ष रक्त परीक्षण में निम्नलिखित कीटनाशक पाए गए: अल्फा बीएचसी, बीटा बीएचसी, गामा बीएचसी, डीडीटी, एंड्रिन, हेप्टाक्लोर, इंडोसल्फान सल्फेट आदि। विशेषज्ञों के अनुसार, ये जहरीले तत्व खाद्य पदार्थों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर रहे हैं। शोध में दर्ज आंकड़े: 73.6% महिलाओं में बाल झड़ने की समस्या। 72.7% में मुंहासे। 71.8% में चिंता के लक्षण। 60.9% में मोटापा। 43.6% में अनचाहे बाल। 37.3% में अवसाद। 19.3% में मधुमेह। 18.7% में थायरॉयड की समस्या। विशेषज्ञों की राय एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग की प्रमुख डॉ. रिचा सिंह ने कहा कि फास्ट फूड और रासायनिक खाद से उगाए गए अनाज के अत्यधिक सेवन से महिलाओं के हार्मोन असंतुलित हो रहे हैं। इससे न केवल महिलाओं को बल्कि उनकी संतान को भी स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं। शोध सहयोगी डॉ. शैफाली सिंह के अनुसार, इन महिलाओं को उचित इलाज, काउंसिलिंग और पौष्टिक आहार देने पर उनकी सेहत में सुधार देखा गया। सरकार से दिशानिर्देश बनाने की मांग शोधकर्ताओं ने सरकार से आग्रह किया है कि वह कीटनाशकों के उपयोग और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों पर सख्त दिशा-निर्देश बनाए। सुझाव और सावधानियां किसान जैविक खेती अपनाएं और रासायनिक कीटनाशकों से बचें। डिब्बाबंद और फास्ट फूड के सेवन से परहेज करें। फल, सब्जियां और दालों को अच्छी तरह धोकर इस्तेमाल करें। नियमित व्यायाम और योग करें, वजन नियंत्रित रखें। यह शोध महिलाओं के स्वास्थ्य पर बढ़ते पर्यावरणीय खतरों की ओर संकेत करता है और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को ��ेखांकित करता है। Read the full article
#अवसाद#एसएनमेडिकलकॉलेज#कीटनाशकप्रभाव#चेहरेकेअनचाहेबाल#जैविकखेती#डिब्बाबंदखाद्यपदार्थ#थायरॉयड#पर्यावरणीयखतरे#फास्टफूडकेदुष्प्रभाव#बांझपन#बालझड़ना#मधुमेह#महिलाओंकास्वास्थ्य#महिलाओंकीसेहत#योगऔरव्यायाम#रक्तपरीक्षण#सरकारीदिशा-निर्देश#स्वास्थ्यअध्ययन#स्वास्थ्यसावधानियां#हार्मोनलअसंतुलन
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वीर सावरकर का जीवन परिचय
वीर सावरकर का जीवन परिचय
पूरा नाम: विनायक दामोदर सावरकर जन्म: 28 मई 1883, भगूर, महाराष्ट्र मृत्यु: 26 फरवरी 1966, मुंबई, महाराष्ट्र उपनाम: वीर सावरकर प्रसिद्धि: क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, लेखक मुख्य विचारधारा: हिंदुत्व, सशस्त्र क्रांति, सामाजिक सुधार
चलिए बात करते है वीर सावरकर का जीवन परिचय के बारे में
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के भगूर गांव में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा नासिक में प्राप्त की और बाद में पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से स्नातक किया। 1906 में, वे क़ानून की पढ़ाई करने के लिए लंदन गए, जहाँ वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए।
क्रांतिकारी गतिविधियाँ और स्वतंत्रता संग्राम
1. अभिनव भारत संगठन की स्थापना
1904 में, सावरकर ने "अभिनव भारत सोसाइटी" की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति करना था।
2. लंदन में क्रांतिकारी गतिविधियाँ
लंदन में अध्ययन के दौरान, सावरकर ने भारतीय छात्रों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ संगठित किया। उन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम पर एक पुस्तक लिखी, जिसमें इसे "भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम" कहा।
3. नासिक षड्यंत्र केस और जेल यात्रा
1909 में, जब क्रांतिकारी मदनलाल धिंगड़ा ने एक ब्रिटिश अधिकारी की हत्या कर दी, तो सावरकर पर भी संदेह किया गया। 1910 में, उन्हें "नासिक षड्यंत्र केस" में गिरफ्तार कर लिया गया और दो जन्मों (50 वर्ष) की काला पानी (सेलुलर जेल, अंडमान) की सजा सुनाई गई।
काला पानी (सेलुलर जेल) में यातनाएँ
1. कठोर सजा और यातनाएँ
अंडमान निकोबार की सेलुलर जेल में सावरकर को अमानवीय यातनाओं का सामना करना पड़ा।
उन्हें कोल्हू में बैल की तरह जोतकर तेल निकालने का काम दिया जाता था।
उन्हें बेड़ियों में जकड़कर, अकेले कालकोठरी में बंद रखा गया।
जेल में उन्होंने दीवारों पर नाखूनों से कविताएँ लिखीं।
2. माफीनामा विवाद
जेल में रहते हुए सावरकर ने ब्रिटिश सरकार को क्षमा याचना पत्र (माफीनामा) लिखा।
हालांकि, यह एक रणनीति थी ताकि वे बाहर आकर स्वतंत्रता संग्राम में पुनः योगदान दे सकें।
3. रिहाई और सामाजिक सुधार कार्य
1924 में, वे रिहा हुए लेकिन ब्रिटिश सरकार ने उन्हेंRatnagiri (महाराष्ट्र) में नज़रबंद कर दिया।
इस दौरान, उन्होंने ���ामाजिक सुधारों जैसे छुआछूत उन्मूलन, मंदिर प्रवेश आंदोलन और जाति भेदभाव के खिलाफ कार्य किया।
हिंदुत्व और विचारधारा
📖 पुस्तक: हिंदुत्व: हिंदू कौन है? (1923)
सावरकर ने हिंदुत्व विचारधारा को परिभाषित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि जो भारत को अपनी पितृभूमि और पुण्यभूमि मानता है, वही हिंदू है।
🔸 वे अखंड भारत (United India) के पक्षधर थे। 🔸 उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमानों के बीच सांस्कृतिक एकता मुश्किल है। 🔸 वे सशस्त्र क्रांति और सैन्य शक्ति को स्वतंत्रता के लिए आवश्यक मानते थे।
स्वतंत्रता के बाद का जीवन और गांधी हत्या से जुड़ा विवाद
1948 में, जब महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे ने की, तो सावरकर पर भी साजिश में शामिल होने का आरोप लगा। लेकिन अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
स्वतंत्रता के बाद, वे राजनीति से दूर रहे और जीवन के अंतिम वर्षों में सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लिया।
मृत्यु और विरासत
📅 26 फरवरी 1966 को मुंबई में सावरकर का निधन हुआ। 🛕 उनके सम्मान में पोर्ट ब्लेयर (अंडमान) हवाई अड्डे का नाम "वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा" रखा गया। 📜 उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और हिंदुत्व विचारधारा में अमूल्य माना जाता है।
वीर सावरकर के प्रमुख योगदान
✔ स्वतंत्रता संग्राम में सशस्त्र क्रांति की वकालत। ✔ 1857 के विद्रोह को "प्रथम स्वतंत्रता संग्राम" के रूप में प्रस्तुत किया। ✔ हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का विचार विकसित किया। ✔ समाज सुधार के लिए जाति प्रथा और छुआछूत के खिलाफ कार्य किया।
निष्कर्ष
वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक क्रांतिकारी, समाज सुधारक और हिंदुत्व विचारक थे। उनकी विचारधारा और कार्य आज भी चर्चा का विषय हैं। उन्होंने अपने जीवन में असीम यातनाएँ सहते हुए भी अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया।
👉 क्या आप सावरकर की किसी विशेष पुस्तक या उनके योगदान पर अधिक जानकारी चाहते हैं? 😊
you can also watch baba harbhajan singh story video in our channel.
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निबंध के बिना एक कॉलेज आवेदन? सेंट जॉन्स सोचता है कि बातचीत अधिक मायने रखती है
व्यक्तिगत बयानों, सिफारिश पत्रों और मानकीकृत परीक्षण स्कोर के प्रभुत्व वाले एक परिदृश्य में, सेंट जॉन कॉलेज एक अलग दृष्टिकोण ले रहा है। निजी लिबरल आर्ट्स कॉलेज, इसके लिए जाना जाता है महान पुस्तकें पाठ्यक्रम और बौद्धिक संवाद पर जोर, एक प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है जो रचना पर बातचीत का पक्षधर है।निबंधों और संदर्��ों की सामान्य बैटरी की आवश्यकता के बजाय, उनकी चर्चा-आधारित एप्लिकेशन भावी छात्रों को दो…

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Priyanka Gandhi: The Things That Make Her Unique

Introduction
Table Of Content
जन्म और परिवार
शुरुआती जीवन और शिक्षा
शादी से पहले झेलना पड़ा विरोध
कैसे हुई थी मुलाकात?
किसने किया पहले प्रपोज?
राजनीति में शुरू किया सफर
अभियान प्रबंधक के रूप में किया काम
राजनीति में कैसे रहे शुरुआती साल?
2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
लड़की हूं, लड़ सकती हूं का अभियान चलाया
संसद के सदस्य
बचपन की यादें ताजा करती हैं ये तस्वीरें
जन्म और परिवार
दावा किया जाता है कि प्रियंका गांधी की नाक उनकी दादी यानी इंदिरा गांधी से मिलती है. वरिष्ठ कांग्रेसी दिग्विजय सिंह ने भी कई बार इस बात का जिक्र किया है. साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान खुद प्रियंका गांधी भी कह चुकी हैं कि मेरी नाक दादी से मिलती है. साल 2019 के चुनाव में भी उन्होंने इसी बात का जिक्र किया था.
शुरुआती जीवन और शिक्षा
वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने साल 1984 तक देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की. इसके बाद सुरक्षा कारणों से राहुल और उन्हें दोनों को दिल्ली के डे स्कूल में भेज दिया गया. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद लगातार मिल रही आतंकी धमकियों की वजह से प्रियंका और राहुल की आगे की पढ़ाई घर पर ही हुई. बाद में वह दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी कॉलेज में एडमिशन ले लिया. इसके बाद उन्होंने जीसस एंड मैरी कॉलेज, नई दिल्ली से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री पूरी की और वर्ष 2010 में बौद्ध अध्ययन में मास्टर डिग्री हासिल की.
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शादी से पहले झेलना पड़ा विरोध
प्रियंका जब सिर्फ 13 साल की थी, तो उनकी मुलाकात रॉबर्ट वाड्रा से हुई थी. काफी लंबे समय तक दोनों दोस्त रहे और फिर शादी करने का फैसला कर लिया. हर लड़की की तरह प्रियंका को भी शादी के लिए अपने परिवार को मनाने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी. शुरुआत में परिवार इस शादी को लेकर राजी नहीं था, जिसके लेकर काफी विरोध भी हुआ. लेकिन, जिद्दी प्रियंका ने हार नहीं मानी और परिवार को उनकी की सुननी पड़ी. सोनिया-राहुल सब इस शादी को राजी हो गए. उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा से 8 फरवरी, 1997 को शादी की.
कैसे हुई थी मुलाकात?
यहां बता दें कि दोनों की पहली मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के घर पर हुई थी. दोनों दिल्ली के ब्रिटिश स्कूल में साथ-साथ पढ़ते थे. एक इंटरव्यू में रॉबर्ट वाड्रा ने बताया था कि मैं नहीं चाहता था कि हमारे इस रिश्ते के बारे में कोई जाने, क्योंकि लोग इसे समझ नहीं पाते ��र कोई अलग ही रूप दे देते थे.
किसने किया पहले प्रपोज?
रॉबर्ट वाड्रा ने आगे बताया था कि स्कूल के एक कॉमन फ्रेंड थे, जो प्रियंका को जानते थे. वह सब वहां पर बैडमिंटन समेत अलग-अलग खेल खेलने जाते थे. वहीं, पर उनकी मुलाकात प्रियंका से हुई. उन्हें मेरी सादगी पसंद आई. मैं जींस-टीशर्ट और कोल्हापुरी में जाता था. मजाक ज्यादा करता था और स्पोर्ट्स अच्छा खेलता था. मुझे वह पसंद करती थीं, लेकिन बात ज्यादा नहीं करती थीं. उन्होंने आगे बताया कि प्रियंका ने ही उन्हें पहले प्रपोज किया था.
राजनीति में शुरू किया सफर
प्रियंका गांधी अकसर ही रायबरेली और अमेठी के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करती थी, जहां उन्होंने स्थानीय निवासियों के साथ सीधे बातचीत की. वह अपनी दादी इंदिरा गांधी की तरह जनता से जुड़ाव की कला को बखूबी जानती हैं. इसके अलावा उनको राजनीतिक और कूटनीतिक कौशल भी बखूबी आता है. जब कांग्रेस पार्टी पर संकट के काले बाद�� गहराता हैं, तो प्रियंका गांधी हर मोर्चे को बड़े बारीकी से संभालती हैं. फिर चाहे वह हिमाचल में विधायकों की नाराजगी की वजह से अस्थिर हुई सरकार को सेटल करना हो या गांधी परिवार के खिलाफ बने जी-20 ग्रुप को खत्म करना हो. वह हर एक राजनीतिक मुद्दे को सुलझाना में बेहद माहिर हैं.
अभियान प्रबंधक के रूप में किया काम
वर्ष 2004 के भारतीय आम चुनाव में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के अभियान प्रबंधक के रूप में काम किया और अपने भाई राहुल गांधी के अभियान की देखरेख में मदद भी की. साल 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान जहां, राहुल गांधी ने राज्यव्यापी अभियान का प्रबंधन का काम संभाला. वहीं, प्रियंका ने अमेठी और रायबरेली क्षेत्र की 10 सीटों पर ध्यान दिया और सीट आवंटन पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अंदरूनी कलह को संबोधित करने में 2 सप्ताह बिताए.
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राजनीति में कैसे रहे शुरुआती साल?
साल 2019 में इच्छा न होने के बावजूद आधिकारिक तौर पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजनीति में प्रवेश किया. उन्होंने आम और विधानसभा दोनों चुनावों में अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार में सक्रिय रूप से भाग लिया. वह अकसर रायबरेली और अमेठी के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करती थीं, जहां उन्होंने निवासियों से सीधे बातचीत की. इस भागीदारी ने उन्हें इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समर्थन के साथ एक जानी-मानी हस्ती बना दिया. इसकी वजह से अमेठी में चुनाव के दौरान ‘अमेठी का डंका, बिटिया प्रियंका’ के खूब नारे लगते थे. वहीं, अक्टूबर 2021 में उन्हें यूपी पुलिस ने 2 बार गिरफ्तार किया था. पहली बार हिरासत पश्चिमी यूपी के लखीमपुर खीरी की उनकी यात्रा के बाद हुई, जहां प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे के काफिले के बीच झड़प के बाद 8 लोग मारे गए थे. उन्हें और कई अन्य पार्टी के नेताओं को सीतापुर में एक गेस्ट हाउस में हिरासत में लिया गया था , जिसका इस्तेमाल उन्हें 50 घंटे से अधिक समय तक रखने के लिए अस्थायी जेल के रूप में किया जा रहा था. दूसरी बार उनकी गिरफ्तारी आगरा में की गई थी. यूपी पुलिस ने उन्हें सभाओं पर प्रतिबंध का हवाला देते हुए हिरासत में लिया था, जब वह एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों से मिलने आगरा जा रही थी.
2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
प्रियंका गांधी वाड्रा ने 23 अक्टूबर, 2021 को बार���बंकी से कांग्रेस पार्टी के उत्तर प्रदेश चुनाव अभियान की शुरुआत की थी. इसके बाद से वह अकसर ही चुनाव प्रचार में दिखाई देने लगी और लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई. जनवरी 2022 में उन्होंने अपने भाई राहुल के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया. घोषणापत्र राज्य के विकास के साथ-साथ युवा और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित था और आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में महिलाओं को 40% टिकट देने का भी वादा किया गया था.
लड़की हूं, लड़ सकती हूं का अभियान चलाया
महिला सशक्तिकरण और राजनीति में भागीदारी को लेकर उन्होंने अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राज्य में ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान की शुरुआत की. इस अभियान ने उन्हें सक्रीय मीडिया के जरिए लोगों के बीच पहचान दिलाई. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन उन्होंने राज्य की राजधानी लखनऊ में एक रैली की शुरुआत की. इस रैली से कई वादे और उम्मीदें थीं, जिसमें पूरे राज्य से महिलाओं की भागीदारी देखी गई. इन अभियानों और रैली के बावजूद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को कड़ी मशक्कत के बाद भी एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा था. 403 विधानसभा सीटों में से केवल 2 सीटें जीत हासिल की गई थी. इसके बाद से प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिसंबर 2023 में उत्तर प्रदेश के प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया. राज्य चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद 5 अगस्त, 2022 को उन्होंने मूल्य-वृद्धि और मुद्रास्फीति के खिलाफ कांग्रेस के ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
संसद के सदस्य
वर्ष 2024 के भारतीय आम चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार करने और पार्टी के भीतर अधिक संगठनात्मक भूमिका निभाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने एलान किया कि वह चुनावी राजनीति में शामिल होंगी और अपने भाई राहुल की जगह लेने के लिए वायनाड उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने इस चुनाव में कुल 4,10,931 मतों के अंतर से चुनाव जीता. वह अपनी मां सोनिया और भाई राहुल के साथ संसद में काम करेंगी. वह और उनके भाई 18वीं लोकसभा में एक साथ काम करने वाले पहले और एकमात्र भाई-बहन हैं.
बचपन की यादें ताजा करती हैं ये तस्वीरें
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी आज अपना 53वां जन्मदिन मना रही हैं. इस मौके पर हम आपको उनके बचपन की कुछ तस्वीरें दिखाएंगे और उससे जुड़ी कुछ बातें बताएंगे जो शायद ही आप जानते हों.
प्रियंका ने एक वीडियो साल 2023 में अपने सोशल मीडिया अकांउट पर शेयर किया था. इसमें उन्होंने अपने बचपन के बारे में कुछ बातें शेयर की थीं. इस दौरान उन्होंने बताया कि बचपन में सभी भाई बहनों की तरह उनकी भी अपने भाई राहुल गांधी के साथ जबरदस्त लड़ाई होती थी. उन्होंने आगे बताया कि राहुल गांधी हमेशा जीत जाते थे.
अपने बचपन के बारे में बताते हुए प्रियंका कहती हैं कि भले ही राहुल और वह झगड़ते थे, लेकिन हमारी दोस्ती भी बहुत गहरी थी. हम दोनों में एक खूबी थी, जब भी कोई बाहरी आकर लड़ता था, तो दोनों एकजुट होकर एक टीम बनाकर उस पर टूट पड़ते थे.
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दिल्ली के केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 1 की सीटें सुरक्षित करने के लिए माता-पिता ने जाली दस्तावेज़ जमा किए, शिकायत दर्ज की गई |
स्कूल के प्रिंसिपल ने शिकायत दर्ज की और पुलिस ने फर्जी प्रवेश के छह पहचाने गए मामलों की जांच शुरू करते हुए एफआईआर दर्ज की। नई दिल्ली:केंद्रीय सरकारी कॉलेज में फर्जी दाखिले का मामला सामने आया विद्यालय में एंड्रयूज गंजजहां माता-पिता ने अपने बच्चों के लिए प्रवेश सुरक्षित करने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा किए। स्कूल के प्रिंसिपल ने शिकायत दर्ज कराई अमर कॉलोनी पुलिस स्टेशन में आरोप लगाया गया कि कई…
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नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करेंगे कि अगर किसी विद्यार्थी की कैट (CAT) परीक्षा छुट गई हो तो हमारे पास एमबीए प्रवेश परीक्षा के कौन से विकल्प बच जाते हैं।
क्या आप 2025 में होने वाली MBA प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं? हमारे विशेषज्ञ मार्गदर्शन के साथ टॉप इंडिया MBA एग्जाम के बारे मै और MBA आवेदन प्रक्रिया में सफल होने के लिए तैयार हो जाइए! इस वीडियो में,
हम इंडिया मै टॉप MBA एक्साम कौन कौन से है उन सब एग्जाम की जानकारी और #MBA प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करने की चरण-दर-चरण प्रक्रिया, पंजीकरण से लेकर सबमिशन तक के बारे में बताएंगे। प्रतियोगिता में आगे रहें और अपने सपनों के कॉलेज में प्रवेश पाने की अपनी संभावनाओं को बढ़ाएँ। अधिक जानने के लिए अंत तक देखें! यदि आपके कोई प्रश्न हैं या आगे मार्गदर्शन की आवश्यकता है, तो बेझिझक संपर्क करें।
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कन्या शाला की छात्राओं को कॅरियर संबंधी मार्गदर्शन दिया
इटारसी। शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय इटारसी के व्याख्याता ने शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं को कैरियर काउंसलिंग कार्यक्रम में मार्गदर्शन दिया। शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इटारसी में आज कैरियर काउंसलिंग कार्यक्रम में पॉलिटेक्निक कॉलेज के व्याख्याता प्रवेश चौरे, श्रीमती सोनिया सराठे, शिवांगी मालवी, सुश्री नेहा केदारे, नैनी पटेल, शैलेंद्र सिंह राजपूत और आशीष चौरे ने…
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अब पूरा सालभर खुला रहेगा तपोवन विधानसभा भवन, पर्यटकों को मिलेगा घूमने का मौका; सजावट का काम हुआ शुरू
Dharmshala News: तपोवन स्थित विधानसभा भवन अब सालभर खुला रहेगा। जिला प्रशासन इस संदर्भ में प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को भेजने जा रहा है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो नववर्ष पर पर्यटकों को विधानसभा भवन में प्रवेश की भी अनुमति मिल जाएगी। प्रशासन ने इसके लिए प्रत्येक पर्यटक से नाममात्र शुल्क लेने की योजना बनाई है।इससे सरकार को आय भी होगी। इसी बहाने साफ-सफाई भी होती रहेगी। स्कूल और कॉलेज…
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Jamshedpur election counting : जमशेदपुर में डीसी व एसएसपी ने प्रत्याशी और इलेक्शन एजेंट की संयुक्त ब्रीफिंग में मतगणना दिवस को लेकर दिए आवश्यक दिशा-निर्देश, को-आपरेटिव कॉलेज परिसर में रहेगी त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था, बिना पास के प्रवेश निषेध, देखिए video
जमशेदपुर : जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज परिसर में जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीसी) अनन्य मित्तल एवं वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) किशोर कौशल द्वारा 23 नवंबर मतगणना दिवस को लेकर प्रत्याशी व इलेक्शन एजेंट की संयुक्त ब्रीफिंग में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि बगैर वैध पास के किसी भी प्रत्याशी, इलेक्शन एजेंट व काउंटिंग एजेंट तथा पदाधिकारी, प्रेस प्रतिनिधि, आवश्यक…
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