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नारकोटिक जिहाद विवाद: केरल कांग्रेस धार्मिक नेताओं की बैठक बुलाएगी
नारकोटिक जिहाद विवाद: केरल कांग्रेस धार्मिक नेताओं की बैठक बुलाएगी
केरल में कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह एक कैथोलिक बिशप द्वारा की गई विवादास्पद ‘मादक जिहाद’ टिप्पणी के मद्देनजर सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए राज्य के विभिन्न धार्मिक नेताओं की बैठक बुलाएगी। केपीसीसी प्रमुख के सुधाकरन और विधानसभा में विपक्ष के नेता, वीडी सतीसन ने हाल ही में पाला बिशप जोसेफ कल्लारंगट द्वारा की गई टिप्पणियों पर पार्टी के प्रयासों के तहत मुस्लिम धार्मिक प्रमुखों के साथ…
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#कांग्रेस#के स���धाकरण:#केरल#केरल कांग्रेस#केरल बिशप स्टेटमेंट#पाला बिशप का बयान#बिशप जोसेफ कल्लारंगट्टी#मादक जिहाद पंक्ति#वीडी सतीसन
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कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में शशि थरूर का उतरना तय! केरल के प्रदेश अध्यक्ष बोले
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में शशि थरूर का उतरना तय!
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में उतरने की अटकलें लगाई जा रही हैं। जी-23 का हिस्सा रहे शशि थरूर की दावेदारी से कांग्रेस में मतभेद देखने को मिल सकते हैं। इस बीच केरल कांग्रेस के अध्यक्ष के. सुधाकरण ने कहा कि शशि थरूर योग्य नेता हैं और वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए उतर सकते हैं क्योंकि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है। सुधाकरण ने कहा कि यदि शशि थरूर चुनाव…
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प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के करीब को राज्य सभा भेजने पर कांग्रेस में बावल - India Hindi News
प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के करीब को राज्य सभा भेजने पर कांग्रेस में बावल – India Hindi News
चुनाव के बाद सक्रिय होने के बाद, कभी-कभी वे गतिशील होंगे। राज्य के वातावरण में बैठने वाले स्थिति में बैठने की स्थिति में स्थिति स्थिर होती है। इसे प्रदेश यूनिट के नेता इससे खफा हैंरखर और से लीडरशिप कोखा गाया है कि वे बाहर स्वीकर नहीं करें। . प्रदेश अध्यक्ष के. सुधाकरण ने विरासत में कहा है कि यह एक युवा पीढ़ी है। बीमा ��ें शामिल हों; स्वागत समारोह स्थिति की उन ओर से एम. लिजू का नाम या गया था, जो…
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केरल से कश्मीर तक... जिधर देखो बगावत से जूझ रही है कांग्रेस, देखें कहां किस-किस में भिड़ंत Divya Sandesh
#Divyasandesh
केरल से कश्मीर तक... जिधर देखो बगावत से जूझ रही है कांग्रेस, देखें कहां किस-किस में भिड़ंत
यह सब कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्यों, पार्टी महासचिवों (AICC General Secretaries), सचिवों, प्रदेश कांग्रेस कमिटी (PCC) प्रमुखों की ‘हमें चाहिए गांधी परिवार’ की बनावटी चित्कार की आड़ में हो रहा है। ध्यान रहे कि ये कार्यसमिति से लेकर पीसीसी तक के सदस्य और प्रमुख प्रभावी तौर पर ‘नामित’ हैं, चयनित नहीं। यही वजह है कि वो सभी सोनिया गांधी की कृपा से पद पर आसीन रहते हैं जबकि चुनाव होते तो जीतने वाले कार्यसमिति सदस्यों या संसदीय बोर्ड के सदस्यों को हटाने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष के पास नहीं होता। नेतृत्व के मोर्चे पर ‘आप नामित करें, हमें समर्थन देंगे’ की व्यवस्था के बावजूद विभिन्न प्रदेशों में कांग्रेस आंतरिक मारधाड़ से लहूलुहान है। कांग्रेस नेता पार्टी नेतृत्व से मायूस हो रहे हैं, इसलिए उनमें निराशा का भाव गहरा हो रहा है। वहीं, पार्टी नेतृत्व ‘पीढ़ी���त बदलाव’, ‘बुजु��्ग नेताओं’ को किनारे करने और ‘टीम राहुल-प्रियंका’ को मजबूत करने के लुभावने दावे कर रहा है। इन सबके बीच केरल से लेकर कश्मीर तक कांग्रेस पार्टी के अंदर विद्रोह की ज्वाला धधक रही है…कांग्रेस पार्टी दो वर्षों से नेतृत्व विहीन है। सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर पार्टी का पहिया खींच रही हैं। अभूतपूर्व चुनावी एवं संगठनात्मक उलटफेर के बीच पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी नेतृत्व में परिवारिक हितों की रक्षा कर रहे हैं।यह सब कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्यों, पार्टी महासचिवों (AICC General Secretaries), सचिवों, प्रदेश कांग्रेस कमिटी (PCC) प्रमुखों की ‘हमें चाहिए गांधी परिवार’ की बनावटी चित्कार की आड़ में हो रहा है। ध्यान रहे कि ये कार्यसमिति से लेकर पीसीसी तक के सदस्य और प्रमुख प्रभावी तौर पर ‘नामित’ हैं, चयनित नहीं। यही वजह है कि वो सभी सोनिया गांधी की कृपा से पद पर आसीन रहते हैं जबकि चुनाव होते तो जीतने वाले कार्यसमिति सदस्यों या संसदीय बोर्ड के सदस्यों को हटाने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष के पास नहीं होता। नेतृत्व के मोर्चे पर ‘आप नामित करें, हमें समर्थन देंगे’ की व्यवस्था के बावजूद विभिन्न प्रदेशों में कांग्रेस आंतरिक मारधाड़ से लहूलुहान है। कांग्रेस नेता पार्टी नेतृत्व से मायूस हो रहे हैं, इसलिए उनमें निराशा का भाव गहरा हो रहा है। वहीं, पार्टी नेतृत्व ‘पीढ़ीगत बदलाव’, ‘बुजुर्ग नेताओं’ को किनारे करने और ‘टीम राहुल-प्रियंका’ को मजबूत करने के लुभावने दावे कर रहा है। इन सबके बीच केरल से लेकर कश्मीर तक कांग्रेस पार्टी के अंदर विद्रोह की ज्वाला धधक रही है…केरलगांधी परिवार को ओमन चांडी और रमेश चेन्निताला की जुगलबंदी भा रही है। वहां केसी वेणुगोपाल की सलाह पर सामूहिक नेतृत्व की जगह एक से ज्यादा मोर्चों का प्रयोग आजमाया जा रहा है। दूसरी तरफ, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के. सुधाकरण और विधानसभा में संसदीय दल के नेता वीडी सतीशन का जोड़ा है। ऐसे में केरल कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि नई धुरी पार्टी पर चांडी-चेन्निताला की पकड़ मजबूत करना चाहता है तो सुधाकरण-सतीशन की जोड़ी किसी भी सूरत में अपनी पकड़ ढीली नहीं होने देना चाहती है। कर्नाटकसिद्धारमैया बनाम डीके शिवकुमार की लड़ाई ही प्रदेश कांग्रेस की सुर्खियां रहती हैं। बीजेपी ने येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया है, इस कारण प्रदेश कांग्रेस से उसका आसान निशाना ही छिन गया। अब उसके पास भ्रष्टाचार विरोधी अभियान भी औंधे मुंह गिर चुका है। ऐसे में पूरा फोकस सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच खुद को मुख्यमंत्री पद का हकदार साबित करने पर चला गया है। भविष्य में यह गुटबाजी बढ़ने के भरपूर संकेत मिल रहे हैं।महाराष्ट्रटीम राहुल ने ‘वफादारों’ को नजरअंदाज करके बीजेपी से लौटे नाना पटोले को महाराष्ट्र कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया तो उन्होंने महाविकास अघाड़ी गठबंधन में अपनी चाल चलनी शुरू कर दी। तब गठबंधन के साथियों- शिवसेना और एनसीपी ने कांग्रेस को हिदायत दी कि वह पटोले को अनुशासन में रखे। नितिन राउत समेत कांग्रेस के अन्य मंत्रियों के साथ पटोले का मनमुटाव भी सार्वजनिक हो चुका है। मुंबई कांग्रेस में आंतरिक कलह को हवा संजय निरुपम और गुरुदास कामत के झगड़े से मिली थी। कामत की अब मृत्यु हो चुकी है। उसके बाद यूथ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सूरज ठाकुर ने मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस समिति (MRCC) और भाई जगता�� के साथ अनबन के कारण पद से इस्तीफा दे दिया। भाई जगताप राहुल गांधी की खोज हैं। मुंबई कांग्रेस में यह तब हो रहा है जब बीएमसी चुनाव माथे पर है।गोवादलबदल की राजनीति के प���रतीक इस राज्य में कांग्रेस के पास करीब आधे दर्जन पूर्व मुख्यमंत्री और पर्व प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन टीम राहुल ने गिरीश चोडंकर, चंद्रकांत कावलकर और चेल्लाकुमार (अब उनकी जगह दिनेश गुंडुराव आ गए हैं) को क्रमशः पार्टी प्रमुख, विधानसभा में कांग्रेस संसदीय दल का नेता और पार्टी प्रभारी बनाया। इससे वहां के वरिष्ठ कांग्रेसियों में बगावत हो गई और कई विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। हाल ही में, प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने गांधी से मिलकर गोवा के नेतृत्व में बदलाव की मांग की।गुजरातपिछले विधानसभा चुनाव में बढ़िया प्रदर्शन करने के बाद राहुल गांधी ने गुजरात में अपनी टीम बनाई। ऐसा करते वक्त उन्होंने तत्कालीन नेतृत्व को पूरी तरह नजरअंदाज किया जिसमें अहमद पटेल के भी कई समर्थक शामिल थे। अमित चावड़ा, परेश धानी और हार्दिक पटेल को क्रमशः प्रदेश कांग्रेस प्रमुख, विधानसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पोस्ट दिया। वहीं, अशोक गहलोत की जगह राजीव सातव को गुजरात का प्रभारी बनाया गया। उसके बाद लोकसभा चुनाव हुआ तो कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। वहां पार्टी की हार का सिलसिला आगे बढ़ा और स्थानीय निकायों के चुनावों में भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। अब पार्टी में आंतरिक कलह जोरों पर है। वहां पार्टी के कई नेता एक-दूसरे को दुश्मन की नजर से देखते हैं। राजस्थानमुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच ‘हम बड़े, हम बड़े’ की लड़ाई परंपरागत तरीके से आगे बढ़ रही है। प्रदेश प्रभारी अजय माकन जुलाई में जयपुर गए और हरेक विधायक से अकेले में मुलाकात की। उन्होंने पार्टी को दिल्ली नेतृत्व का संदेश दिया कि राजस्थान कैबिनेट में बदलाव किया जाए। मीटिंग में कई प्रमुख विधायकों और नेताओं ने माकन को चेताया कि दिल्ली नेतृत्व ‘गद्दारों’ की पीठ पर हाथ रखकर उन वफादारों को चिढ़ाना छोड़ दे जिन्होंने उस वक्त गहलोत की सरकार बचाई जब बीजेपी ने घात लगाने की कोशिश की थी।पंजाबपंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच का झगड़ा इस बात का प्रतीक है कि गांधी परिवार किस तरह संकट पैदा करने में माहिर हो चुका है। वहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिनमें कैप्टन की अगुवाई में कांग्रेस की आसान जीत की भविष्यवाणी हो रही थी। प्रदेश कांग्रेस में इस बात की चर्चा है कि कैप्टन को विरासत में कई संकट मिले, लेकिन उन्होंने गांधी परिवार के नाक में दम कभी ��हीं किया लेकिन सिद्धू और उनके सलाहक��रों ने सीमा लांघ दी।हरियाणाविधानसभा में कांग्रेस ससंदीय दल के नेता और पूर्व मुख्यंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा बनाम प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा की लड़ाई के बीच हाल ही में हुड्डा के समर्थक कांग्रेस हेडक्वॉर्टर पहुंच गए। वहां उन्होंने कांग्रेस के संगठन महासचिव और प्रदेश प्रभारी से प्रदेश संगठन की शिकायत की। उन्होंने अपनी शिकायत में जो तथ्य सामने रखे, उससे लगता है कि हुड्डा कैंप को गांधी और वाड्रा परिवार का समर्थन हासिल है। कहा जा रहा है कि हुड्डा अपने बेटे को शैलजा की जगह प्रदेश कांग्रेस प्रमुख का पद दिलाना चाहते हैं जबकि शैलजा पुरानी वफादार हैं और उनके समर्थक एवं दलित मतदाताओं की मजबूत जमीन कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण है।उत्तर प्रदेश और बिहारराहुल-प्रियंका के नेतृत्व में लड़े गए पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद यूपी कांग्रेस गहमागहमी बढ़ी। कई बुजुर्ग नेताओं को किनारे लगा दिया गया और जितिन प्रसाद ने तो पार्टी ही छोड़ दी। वहीं, बिहार में पार्टी को यह समझ ही नहीं आ रहा है कि वो किसी दलित को प्रदेश नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपे या फिर सवर्ण को। ऐसे में कई कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमारे के पार्टी (जेडीयू) मजबूत करो अभियान के शिकार हो सकते हैं। छत्तीसगढ़राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने का वादा किया था जो अब उनकी गले ही हड्डी बन रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव वादा पूरा नहीं होने से खफा हैं जबकि भूपेश बघेल अपने प्रतिस्पर्धी टीएस सिंह देव के प्रभाव वाले दलित बहुल इलाकों के नेताओं को भड़काने में जुटे हैं। दिल्ली नेतृत्व ने देव को और बड़ा मंत्रालय देने का ऑफर दिया, लेकिन बघेल की जगह उन्हें मुख्यमंत्री बनाना संभव नहीं दिख रहा है। कारण बड़े सपोर्ट बेस वाले बघेल का विधायकों के बीच भी अच्छी पकड़ का होना है। झारखंडप्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह बढ़ने के बीच प्राटी ने वहां नया अध्यक्ष बना दिया। प्रदेश में इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि कुछ विधायक बीजेपी के फेंके पासे में फंसते दिख रहे हैं। नए प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी को संभालने में सफलता नहीं पाई तो जेएमएम के साथ गठबंधन वाली उसकी सरकार भी संकट में आ सकती है।असम और पूर्वोत्तर राज्यअसम विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई चरम पर पहुंच गई। यहां तक कि राहुल गांधी की वफादार सुष्मिता देव ने कांग्रेस छोड़कर टीएमसी का दामन थाम लिया। असम के कुछ कांग्रेसी विधायकों और नेताओं ने भी पार्टी छोड़ दी। बीजेपी और उसके गठबंधन साथियों के शासित कई पूर्वोत्तर राज्य आंतिरक संकट से जूझ रहे हैं, फिर भी कांग्रेस मौके का फायदा नहीं उठा पा रही है।जम्मू-कश्मीरकांग्रेस ��ार्टी ने गुलाम नबी आजाद से किनारा करके जम्मू-कश्मीर में पार्टी के समीकरण को नया मोड़ दे दिया है। राहुल ने वहां आजाद के आलोचक गुलाम मोहम्मद मीर को प्रदेश प्रमुख का ओहदा दे दिया है। बदले में आजाद पिछली दो बार से अपने प्रदेश दौरे पर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी उनके पास पार्टी में प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचाने की पूरी क्षमता है।खुर्शीद की कांग्रेसियों को सलाहकांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि पार्टी नेताओं को पहले आरएसएस और बीजेपी से लड़ना चाहिए और फिर अपने मतभेदों को दूर करना चाहिए। उन्होंने यह टिप्पणी कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से संगठन में व्यापक बदलाव की मांग से जुड़े विवाद को लेकर की है। खुर्शीद ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विधि विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘जब समय आएगा तो हम बता देंगे हमारा अध्यक्ष कौन हैं। फिलहाल सोनिया जी हमारी अध्यक्ष हैं और अगर कोई कोई बदलाव होगा तो आपको बताया जाएगा।’ खुर्शीद ने कहा, ‘अगर हम आपस में ही लड़ते रहेंगे तो फिर आरएसएस और भाजपा से कैसे लड़ेंगे। पहले आरएसएस और भाजपा से लड़िये और फिर अपने मतभेदों को को दूर करिये।’
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कन्नूरः वामपंथ और दक्षिणपंथ के बीच सियासी जंग, किसके हाथ लगेगी बाजी?
केरल में कन्नूर लोकसभा सीट पर 13 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कांग्रेस ने के. सुधाकरण को प्रत्याशी... from आज तक http://bit.ly/2Xmlppd via IFTTT
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एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण ने अपनी पत्नी के साथ तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह खबर 3 राज्यों छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश और झारखंड की पुलिस को राहत देने वाली है। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala http://bit.ly/2BuUIWO
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केरल में भारी तबाही के बीच पीड़ितों के लिए राहत का सबसे बड़ा शिविर बना मदरसा, लोग ने कहा- इंसानियत फल-फूल रही है
केरल में भारी बारिश के कारन आई तबाही से कोई राहत दिख रही है, बाढ़ के कारण राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 67 हो गई है और कोच्चि हवाई अड्डे 18 अक्टूबर तक के लिए बंद कर दिया गया है।
वहीं केरल के वायनाड, कोझीकोड, कन्नूर, कासरगोड, मलप्पुरम, पलक्कड़, इदुक्की व एरनाकुलम में भारी बारिश के कारन रेड अलर्ट जारी किया गया है।
वही मानसून के इस मौसम को देखते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि सात राज्यों में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में अभी तक 774 लोगों की मौत हो चुकी है।
गृह मंत्रालय के नेशनल इमर्जेंसी रिस्पांस सेंटर (एनईआरसी) के मुताबिक बाढ़ और बारिश के कारण केरल में 187, उत्तर प्रदेश में 171, पश्चिम बंगाल में 170 और महाराष्ट्र में 139 लोगों की जान जा चुकी है।
केरल में हाई अलर्ट के बाद जहां सरकारी एजेंसियां बाढ़ पीड़ितों की मदद करती नज़र आ रही है वहीं कोझिकोड ज़िले के एक मदरसे ने बाढ़ में फंसे लोगों के लिए अपने दरवाज़े खोल दिए है।
This madrasa in Kozhikode district of Kerala is the largest relief camp in the district. Even in this cataclysm, humanity thrives in Kerala.
We are together in this battle for survival. #KeralaFloods pic.twitter.com/QThJ1MsLXa
— Sudeep Sudhakaran (@SudeepSudhakrn) 15 August 2018
कोझिकोड जिले के मदरसे में बड़ी संख्या में बाढ़ पीडितों ने शरण ली हुई है, जिनका मदरसा प्रशासन की तरफ से खाने पिने और सोने का पूरा इंतेजाम किया गया है।
इंसानियत की बेहतरीन मिसाल पेश करने वाले इस मदरसे ��े इस कदम की सोशल मीडिया पर लोग तारीफ़ कर रहे है। सुदीप सुधाकरण नाम के एक यूज़र ने ट्विटर कर मदरसे की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, केरल के कोझिकोड का यह मदरसा ज़िले का सबसे बड़ा राहत शिविर है।
बाढ़ की स्थिति में भी केरल में इंसानियत फल-फूल रही है। ज़िंदा रहने की इस जंग में हम सब एक साथ हैं।
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आरोप और जवाब: केरल के सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का सियासी घमासान
आरोप और जवाब: केरल के सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का सियासी घमासान
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और कांग्रेस की नई राज्य इकाई के अध्यक्ष के सुधाकरन के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है क्योंकि दोनों अपने गृह जिले कन्नूर में अपने युवा दिनों में बाहुबल की राजनीति की स्मृति लेन में चले गए हैं। विजयन के यह कहने के एक दिन बाद कि सुधाकरण ने उनके बच्चों के अपहरण की साजिश रची थी, सुधाकरन ने शनिवार को पलटवार किया और मुख्यमंत्री से “अपने पद की गरिमा” बनाए रखने को कहा।…
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#के सुधाकरणी#के सुधाकरन बनाम पिनाराई विजयन#केरल#केरल के मुख्यमंत्री#केरल ताजा खबर#केरल भाषा#पिनाराई विजयन#भारत समाचार#भारतीय एक्सप्रेस
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शशिकला जेल में, एआईएडीएमके में सत्ता की जंग जारी has been published on PRAGATI TIMES
शशिकला जेल में, एआईएडीएमके में सत्ता की जंग जारी
बेंगलुरु/चेन्नई, (आईएएनएस)| आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वी.के.शशिकला सजा भुगतने के लिए बुधवार को बेंगलुरू जेल पहुंच गईं, वहीं तमिलनाडु में एआईएडीएमके में सत्ता को लेकर संघर्ष जारी है।
चेन्नई से कारों के एक काफिले के साथ बेंगुलुरु के केंद्रीय कारागार पहुंचने के तुरंत बाद शशिकला (59) को महिला सेल में बंद कर दिया गया। जेल के एक अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता की लंबे वक्त तक विश्वासपात्र रहीं शशिकला को जेल में मोमबत्तियां बनाने का काम मिल सकता है। आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक की एक निचली अदालत द्वारा शशिकला को दोषी ठहराने के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखने के एक दिन बाद शशिकला ने जेल में स्थापित निचली अदालत में अपने दो रिश्तेदारों एलावारसी तथा वी.एन.सुधाकरण के साथ समर्पण कर दिया। मामले में एलावारसी तथा सुधाकरण भी दोषी ठहराए जा चुके हैं, जिन्हें जयललिता व शशिकला के साथ ही सितंबर 2014 में चार साल जेल की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराने के फैसले के बाद चारों को 27 सितंबर, 2014 को इसी जेल में तीन सप्ताह तक रखा गया था। उन्हें बाद में कर्नाटक उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी। सुरक्षा कारणों के मद्देनजर, जेल परिसर में ही सुबह के समय एक निचली अदालत लगाई गई। शशिकला ने जेल की सजा भुगतने के लिए थोड़ा वक्त मांगा था, लेकिन न्यायाधीश ने इससे इनकार करते हुए जेल में दाखिल होने के लिए शाम छह बजे से पहले उन्हें स्वास्थ्य जांच कराने को कहा। उधर, चेन्नई में राज्यपाल सी.विद्यासागर राव ने राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम तथा शशिकला गुट के ई.पलानीसामी को बहुमत साबित करने के लिए आमंत्र��� देने की तैयारी कर ली है। बेंगलुरु की निचली अदालत के समक्ष समर्पण करने के लिए कर्नाटक रवाना होने से पहले शशिकला मरीना बीच स्थित दिवंगत जे.जयललिता के स्मारक पर पहुंचीं। स्मारक को दाहिने हाथ से तीन बार छूते हुए शशिकला ने संकल्प लिया कि एआईएडीएमके के ‘दगाबाजों’ को हराने के बाद फिर से राजनीति में लौटेंगी। बाद में शशिकला रामावरम स्थित एआईएडीएमके के संस्थापक एम.जी.रामचंद्रन के घर पहुंचीं और उनकी तस्वीर के सामने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा कुछ देर तक साधना की। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को शशिकला को दोषी ठहराए जाने के बाद उनका समर्थन करने वाले रिसॉर्ट में ठहरे विधायकों ने पलानीसामी को विधायक दल का नया नेता चुना है। वहीं, कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को पार्टी के 135 में से लगभग 40 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया, जबकि पलानीसामी ने कहा कि सरकार के गठन के लिए उनके पास विधायकों का पर्याप्त आंकड़ा मौजूद है। इस बीच, मदुरै दक्षिण विधासभा क्षेत्र से विधायक एस.एस.सरवनन ने शशिकला तथा लोक निर्माण मंत्री पलानीसामी के खिलाफ अपहरण की शिकायत दर्ज कराई है। सरवनन ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम का समर्थन करते हुए यहां संवाददाताओं से कहा कि वह यहां से 90 किलोमीटर दूर कूवाथुर में रिसॉर्ट की दीवार फांदकर भाग निकले। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ वहां रखा गया था। शिकायत के बाद सैकड़ों की तादाद में पुलिसकर्मी उस रिसॉर्ट में पहुंच गए। इस रिसॉर्ट में शशिकला के समर्थक विधायकों को पिछले कई दिनों से रखा गया है। एआईएडीएमके के विधायक इंबादुरई ने संवाददाताओं से कहा, “सरवनन की शिकायत बेबुनियाद है। उन्होंने कुछ दिन पहले खुद पुलिस से कहा था कि वह अपनी मर्जी से रिसॉर्ट में रह रहे हैं।” रिसॉर्ट में मौजूद विधायकों ने अपना फोन बंद कर रखा है, जबकि कुछ विधायक मीडिया द्वारा फोन करने पर या तो फोन काट दे रहे हैं या उनका जवाब नहीं दे रहे हैं। एआईएडीएमके के एक विधायक थे���ारासू ने संवाददाताओं से कहा कि अगर उनके नेता को राज्यपाल सरकार गठन के लिए आमंत्रित करते हैं, तो विधायक रिसॉर्ट खाली कर देंगे। उन्होंने कहा कि अगर पलनीसामी उन्हें ऐसा करने के लिए कहते हैं, तो भी विधायक रिसॉर्ट खाली कर देंगे।
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कन्नूर के सांसद के सुधाकरन केरल में कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त
कन्नूर के सांसद के सुधाकरन केरल में कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त
कांग्रेस आलाकमान ने मंगलवार को कन्नूर के सांसद के सुधाकरन को मुल्लापल्ली रामचंद्रन की जगह पार्टी की केरल इकाई का प्रमुख चुना। रामचंद्रन ने हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व को पद छोड़ने की अपनी इच्छा से अवगत कराया था। कांग्रेस, जिसने 93 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से सिर्फ 21 सीटों पर ही जीत पाई थी। यूडीएफ, जिस गठबंधन का वह नेतृत्व करता है, 140…
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#इंडियन एक्सप्रेस#के सुधाकरणी#के सुधाकरन केरल कांग्रेस प्रमुख#केरल कांग्रेस प्रमुख#केरल समाचार#रामचंद्रन की जगह सुधाकरण
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