#कम्बल
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🔸️काशी का अद्भुत विशाल भंडारा🔸️
600 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी द्वारा इस लोक में ऐसे कई चमत्कार किए गए हैं जो मात्र ईश्वर द्वारा किए जा सकते हैं। किसी मायावी अथवा साधारण व्यक्ति द्वारा यह संभव नहीं हैं जैसे भैंसे से वेद मंत्र बुलवाना, सिकंदर लोदी के जलन का रोग ठीक करना, मुर्दे को जीवित करना, यह शक्ति मात्र ईश्वर के पास होती है तथा इसके अतिरिक्त काशी में बहुत विशाल भंडारे का आयोजन करना।
शेखतकी ने काशी के ��ारे हिन्दू, मुसलमान, पीर पैगम्बर, मुल्ला का��ी और पंडितो को इकट्ठा करके कबीर परमेश्वर के खिलाफ षडयंत्र रचा। सोचा कबीर निर्धन व्यक्ति है। इसके नाम से पत्र भेज दो की कबीर जी काशी में बहुत बड़े सेठ हैं। वह काशी शहर में तीन दिन का धर्म भोजन-भण्डारा करेंगे। सर्व साधु संत आमंत्रित हैं। पूरे हिंदुस्तान में झूठी चिट्ठियां भेजकर खूब प्रचार करवा दिया की प्रतिदिन प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर (कीमती कम्बल) और एक सोने की मोहर दक्षिणा में देगें। एक महीने पहले ही प्रचार शुरू कर दिया और देखते ही देखते पूरे हिंदुस्तान से 18 लाख भक्त तथा संत व अन्य व्यक्ति लंगर खाने काशी में चौपड़ के बाजार में आकर इकट्ठे हो गए। जब संत रविदास जी को यह खबर लगी तो कबीर जी से पूरा हाल बयां किया। परमात्मा कबीर जी तो जानीजान थे। फिर भी अभिनय कर रहे थे। रविदास जी से कहा कि रविदास जी झोपड़ी के भीतर आ जाओ और कुंडी लगा लो हम सुबह होते ही यहां से निकल लेंगें इस बार तो हमारे ऊपर बड़ा जुल्म कर दिया है इन लोगों ने।
एक तरफ तो परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी अपनी झोपड़ी में बैठे थे और दूसरी तरफ परमेश्वर कबीर जी अपनी राजधानी सतलोक में पहुँचे। वहां से केशव नाम के बंजारे का रूप धारण करके कबीर परमात्मा 9 लाख बैलों के ऊपर बोरे (थैले) रखकर उनमें पका-पकाया भोजन (खीर, पूड़ी, हलुवा, लड्डू, जलेबी, कचौरी, पकोडी, समोसे, रोटी दाल, चावल, सब्जी आदि) भरकर सतलोक से काशी नगर की ओर चल पड़े। सतलोक की हंस आत्माएं ही 9 लाख बैल बनकर आए थे। केशव रूप में कबीर परमात्मा एक तंबू में डेरा देकर बैठ गए और भंडारा शुरू हुआ। बेईमान संत तो दिन में चार-चार बार भोजन करके चारों बार दोहर तथा मोहर ले रहे थे। कुछ सूखा सीधा (चावल, खाण्ड, घी, दाल, आटा) भी ले रहे थे।
इस भंडारे की खास बात यह थी कि परमेश्वर के भोग लगे पवित्र भंडारे प्रसाद को खाने से कोटि-कोटि पापनाश हो जाते हैं जिसका प्रमाण गीता अध्याय-3 श्लोक-13 में है।
धर्म यज्ञ बहुत श्रेष्ठ होती हैं भोजन भंडारा करवाना धर्म यज्ञ में आता है भंडारे से वर्षा होती है वर्षा से धन-धान्य की उपज होती है जिससे सभी जीवों का पेट भरता और पुण्य मिल��ा है।
ऐसे पुण्य के कार्य वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल की महाराज जी द्वारा किए जा रहे हैं उनके सानिध्य में 10 जगहों पर तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है इस भंडारे में शुद्ध देशी घी के पकवान जैसे रोटी, पूरी, सब्जी, लड्डू, जलेबी, हलवा, बूंदी आदि–आदि बनाए जाते हैं। जो पूर्ण परमेश्वर को भोग लगाने के पश्चात भंडारा करवाया जाता है। इस समागम में लाखों की संख्या में देश विदेश से आए श्रद्धालुों का तांता लगा रहा रहता है। परमेश्वर की अमर वाणी का अखंड पाठ, निःशुल्क नामदीक्षा चौबीसों घंटे चलती रहेगी। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
#MiracleOfGodKabir_In_1513
#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस
26-27-28 नवंबर 2023
#SantRampalJiMaharaj
#trending
#viralpost
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संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
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मेरा एक घर था तुम्हारे अन्दर तुम्हारा एक घर था मेरे अन्दर
समय बीता खून-पसीने-मूत्र के बहाव में जंगज़दा ईंटों ने ढ़हना शुरू कर द��या
हम व्याकुल होकर हाथ मारते रहे मलबे में
खोजते ठौर, कुछ रातें गुजारने को
खम्भे, टिकाने को अपने शोर भरे सर और उम्मीदें
एक उल्कापिंड हमारे अस्त-व्यस्त ग्रह से टकराने वाला है कुछ दशकों में हम चाहते हैं उससे पहले मुहब्बत के आशियानों में जी भर नींद ले लें अंगड़ाई लेने में भी बर्बाद न हो समय
समय और मृत्यु अपनी पटरियों पर भड़भड़ाते हुए आ रहें हैं शायद पर उससे बहुत पहले हमारे घरों का गलना हमारे प्रेम का अपघटन भुला देगा कि था इस दलदल में कोई महल पहाड़ की कोख में एक गुफा इतिहास में कहीं इंसान
पहाड़ का मर्म भू-स्खलन के धीमे, क्रूर बहाव में बाहर आता है उल्कापिंड टकराता है ढ़लान से कई किलोमीटर तक विश्व ढक जाता है नमी में
पुराने पहाड़ गिरेंगे नए पहाड़ उठेंगे तुम नहीं रोक सकते बहना
तुम्हारे स्पर्श से जहर फैला तुम्हारे कुरे��ने से हुए नासूर विखंडन की प्रलयंकारी शक्ति का स्रोत तुम थे ढहती इमारतों की नींव से दरकती मिटटी तुम्हारी थी
चित्रगुप्त ने पूछा तुमसे तुम्हारी ग़लतियों के बारे में तुमने बवंडर की तरह सर हिलाया और कहा “नहीं, नहीं, नहीं!”
रेडक्लिफ रेख खेंच दी गयी एक बार फिर एक कलाई पर धरती की कोख से उफ़नकर लावा रेंगा सब ओर जलते माँस को देखकर हमें प्यार करने वाले भर गए घिन्न से
विभाजन गोदा प्यार के सर में हमने मिलकर थक्कों के कीचड़ से लथपथ घर-बाज़ार, माल-असबाब, ताले-चाबियाँ; जीवन के पुलिंदे मृत्यु सिर्फ़ तुम्हारे हिस्से ही क्यों आई?
स्वप्नों में गुदे फंतांसी परिदृश्य के समक्ष ये गुफाएँ, जैसे कोकेन के समक्ष ख़ुशी
स्टेलेक्टाइट के खम्भों के विन्यास को हमने समझ लिया किसी प्रासाद का खंडहर झींगुर के हाथ मलने की आवाज़ों को मान लिया रात की लटों में उमड़ता नाद आंख-नाक-कान के रस्ते आये उद्दीपनों को मनमाने तरीकों से जमा कर ढूंढ लिया अपना अपना सत्य
विचारों से प्रेम किया और बना लिए हाड़-मांस के पुतले उनके चारों ओर
यहाँ नीरव अन्धकार के कम्बल में ढके हम और कर भी क्या सकते थे बोरियत के मारे
हम जानते थे कि कोई रास्ता नहीं था तो हमने नाखूनों से हमारे पैरों तले की जमीन खुरच ली हमने खोदीं अपनी ही कब्रें ताकि कोई और न कर पाता हमें नेस्तनाबूद
या कि हम नहीं जानते थे कि क्या होता है प्रेम क्या होता है जीवित रहना मृतकों की प्रतिमाओं से भरी इस दुनिया में
क्या होता है होना
न होने के बीहड़ों में
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गुदड़ी कथरी शब्द याद आए। साथ ही पैबन्द पैबंद और रफूगिरी भी। 70 के दशक में सर्दियों में गर्म कपडों के नाम पर ऊन से बुने स्वेटर शाल आदि होते थे कम्बल खेस लोई लुईया? आदी देखे थे। पर कुछ मोटे कपड़ों की परत दार सिले हुए कोट सदरी कोटी आदि भी देखे थे। But in present times tried to search those images I found few, sharing here. Amazed surprised that many such things that were ridiculed earlier are now trending #fashion #clothing #designerwear everywhere! Few these simple #stitch are sold as #kantha #embroidery that was famous in Bengal. Earlier not many wore such cloths as not considered as upto status or respectable wears! Clubbed with देहात. Incidentally many of our traditional #craft #Arts #handicrafts were ridiculed earlier owing to influence of Westernization. अब समय चक्र फिर बदल रहा है। पहले फटे पुराने कपड़ों की परत को हाथ से सिल कर कथरी बन जाती थी, चद्दर साड़ी आदी काम में आ जाती थी now same can be termed as #Recycle #Reuse #reduce the 3Rs. But dont know sheher my son will wear it? https://www.instagram.com/p/CnrX9oNSMM8/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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west singhbhum ckp blankets distribution- चक्रधरपुर में रीमी डे फाउंडेशन ने जरूरतमंदों के बीच किया कंबल का वितरण, जन हित और समाज हित में कार्य रहेगा जारी : सोवित डे
रामगोपाल जेना, चक्रधरपुर:चक्रधरपुर बढ़ती ठंड को देखते हुए रीमी डे फ़ाउंडेशन की ओर से शहर के विभिन्न इलाके में जरूरत मंदों के बीच कम्बल का वितरण किया. रीमी डे फ़ाउंडेशन की ओर से हमेशा ही जनहित और समाज हित में कार्य किया जाता रहा है.(नीचे भी पढ़े) रीमी डे फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष सोवित डे ने कहा कि उनके फाउंडेशन की ओर से इस प्रकार का कार्य जारी है और आगे भी निरंतर किया जाता रहेगा. इस मौके पर रीमी डे…
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वीरगञ्जमा कम्बल वाले बाबालाई लिएर तनाव
वीरगंज, ४ चैत । वीरगंजमा केही दिनदेखि सबै रोगको उपचार गर्ने दाबी गर्दै आएका भारतीय काली कम्बल वाले बाबालाई लिएर तनाव उत्पन भएको छ। वीरगञ्जको चिनिमिल परिसरमा फागुन ३० गतेदेखि चैत १० गतेसम्म धार्मिक शिविर सञ्चालन गर्न आएका काली कम्बल वाले बाबा लिएर चिनिमिल क्षेत्रमा प्रहरि र सर्वसाधारण जनताबीच तनाव भएको हो। अपाहिज, लकवा, पोलियो, लुडो, लंगडोलाई निःशुल्कमा उपचार गर्दै आएका कम्बल बाबालाई पर्सा…
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आज दिनांक - 26 जनवरी 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग और माघ मास व्रत
दिन - शुक्रवार
विक्रम संवत् - 2080
अयन - उत्तरायण
ऋतु - शिशिर
मास - माघ
पक्ष - कृष्ण
तिथि - प्रतिपदा रात्रि 01:19 तक तत्पश्चात द्वितीया
नक्षत्र - पुष्य सुबह 10:28 तक तत्पश्चात अश्लेषा
योग - प्रीति सुबह 07:42 तक तत्पश्चात आयुष्मान्
राहु काल - सुबह 11:30 से 12:52 तक
सूर्योदय - 07:22
सूर्यास्त - 06:23
दिशा शूल - पश्चिम
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:26 से 01:18 तक
व्रत पर्व विवरण - गणतंत्र दिवस*
विशेष -प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
माघ मास व्रत : 25 जनवरी से 24 फरवरी
माघ मास में सभी जल गंगाजल और सभी दिन पर्व के माने गये है । इस मास में सूर्योदय से पहले स्नान कर लें तो पित्त व ह्रदय संबंधी बीमारियों को विदाई मिल सकती है, आध्यात्मिक लाभ और लौकिक लाभ भी हो सकते है ।
ब्रह्मर्षि भृगुजी ने कहा है :
कृते तप: परं ज्ञानं त्रेतायां यजनं तथा ।
द्वापरे च कलौ दानं माघ: सर्वयुगेषु च ।।
‘सतयुग में तपस्या को, त्रेता में ज्ञान को, द्वापर में भगवान के पूजन को और कलियुग मे�� दान को उत्तम माना गया है परंतु माघ का स्नान सभी युगों में श्रेष्ठ समझा गया है ।’ (पद्म पुराण, उत्तरखंड २२१.८०)
पद्म पुराण में महर्षि वसिष्ठजी ने कहा है : ‘वैशाख में जलदान, अन्नदान उत्तम है, कार्तिक मास में तपस्या, पूजा उत्तम है लेकिन माघ में जप, होम, दान, स्नान अति उत्तम हैं ।’
माघ मास के स्नान का फायदा लेना चाहिए । और हो सके तो दान आदि करें, नहीं तो उबटन लगा के प्रात:स्नान करें, तर्पण व हवन करें । भोजन में ऐसी चीजों का उपयोग करें जिनसे पुण्यलाभ हो । मांस-मदिरा अथवा लहसुन-प्याज का त्याग करें ।पृथ्वी पर (चटाई, कम्बल आदि बिछाकर) शयन करें ।
यत्नपूर्वक प्रात: (सूर्योदय से पूर्व) स्नान करने से विद्या, निर्मलता, कीर्ति, आयु, आरोग्य, पुष्टि, अक्षय धन क��� प्राप्ति होती है । कांति बढ़ती है । किये हुए दोषों व समस्त पापों से मुक्ति मिलती है । माघ-स्नान से नरक का डर दूर हो जाता है, दरिद्रता पास में फटक नहीं सकती है । पाप और दुर्भाग्य का सदा के लिए नाश हो जाता है और मनुष्य यशस्वी हो जाता है । जैसे उद्योगी, उपयोगी, सहयोगी व्यक्ति सबको हितकारी लगता है, ऐसे ही माघ मास सब प्रकार से हमारा हित करता है ।
माघ मास में स्नान करते समय अगर सकाम भाव से स्नान करते हो तो वह मनोकामना पूरी होगी और निष्काम भाव से, ईश्वरप्रीति के लिए स्नान करते ही...’मै कौन हूँ?’ इस जिज्ञासा से अपने-आपको जानने के लिए प्रातः स्नान करते हो तो आपको अपने दृष्टा-स्वभाव का, साक्षी-स्वभाव का, ब्रह्म-स्वभाव का प्रसाद भी मिल सकता है ।
बच्चों के लिए है बहुत जरूरी
जो बच्चे सदाचरण के मार्ग से हट गये हैं उनको भी पुचकार के, ईनाम देकर भी प्रात:स्नान कराओ तो उन्हें समझाने से मारने-पीटाने से या और कुछ करने से वे उतना नहीं सुधर सकते हैं, घर से निकाल देने से भी इतना नहीं सुधरेंगे जितना माघ मास में सुबह का स्नान करने से वे सुधरेंगे ।
पुरे माघ मास का फल
पूरा मास जल्दी स्नान कर सकें तो ठीक है, नहीं तो एक सप्ताह तो अवश्य करें । माघ मास की शुक्ल त्रयोदशी से माघी पूर्णिमा तक अंतिम ३ दिन प्रात:स्नान करने से भी महीनेभर के स्नान का प्रभाव, पुण्य प्राप्त होता है । जो वृद्ध या बीमार है, जिन्हें सर्दी-जुकाम आदि है वे सूर्यंनाड़ी अर्थात दायें नथुने से श्वास चलाकर स्नान करें तो सर्दी-जुकाम से रक्षा हो जायेगी ।
#motivational motivational jyotishwithakshayg#tumblr milestone#akshayjamdagni#mahakal#panchang#hanumanji#ram mandir
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(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला) *लायंस इंटरनेशनल, आमला सार्थक के अध्यक्ष लायन अनिल सोनी पटेल के नेतृत्व में आज सभी सदस्य आमला के ग्राम रोझड़ा पहुंचे, कड़कड़ाती ठंड से जहां…
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#UP- अमेठी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों को वितरित किए कंबल
#INCIndia #CongressParty #Amethi #BharatJodoNyayYatra #RahulGandhi
#Election2024 #CongressParty
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बड़हरवा के बीस पंचायतों में 2700 सौ कम्बल और टोपी का वितरण किया समाजसेवी लुत्फ़ल हक
समाचार चक्र संवाददाता बड़हरवा-ठण्ड क्या होती है ये कोई उनसे पूछे जो सर्द रातों में खुले आसमां के नीचे किसी तरह अपने बदन को सिकोड़कर रात गुजारने को मजबूर होते हैं,या बंद घर में बिना गर्म कपड़े के रात गुजारते हैं।ऐसी स्थिति में यदि ऐसे गरीब लोगों को कोई भी ऊनी वस्त्र मिल जाए तो उनके मुंह से दुआओं की बारिश होना लाजिमी है।कुछ ऐसी पहल की है पाकुड़ के समाजसेवी लुत्फ़ल हक ने।उन्होंने पाकुड़ और साहेबगंज जिले…
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नए वर्ष में परम पूज्य सुधांशु जी महाराज एवं डॉ. अर्चिका दीदी के द्वारा गर्म कम्बलों का वितरण किया गया
परम पूज्य महाराजश्री के मार्गदर्शन में हर वर्ष, कड़ाके की सर्दियों में विश्व जागृति मिशन कम्बल वितरण करता है जिससे आमजनों, प्रवासी कामगारों, श्रमजीवियों, एवं सड़क के किनारे गुजर बसर करने वालों को ठण्ड से राहत मिले।
#SudhanshujiMaharaj#donation#donate#needy#help#motivation#prayer#happiness#helpingothers#helpinghands#privilege#charity#fundraising#support#love#humanity#change#hopeful#hope
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साधुसन्तलाई जाडो छल्न न्यानो कम्बल
मटिहानी, (महोत्तरी) : बढ्दो जाडोबीच महोत्तरीको मटिहानीस्थित धार्मिक मठ/मन्दिर र मजारका साधुसन्तलाई न्यानो कम्बल बाँडिएको छ । मठ/मन्दिर र पीरबाबाको मजारले प्रसिद्धि पाएको मटिहानी नगरक्षेत्रका मठ/मन्दिर र मजारमा रहेका साधुसन्तलाई नगरप्रमुख हरिप्रसाद मण्डलले आज बिहान न्यानो कम्बल वितरण गर्नुभएको हो । मठ/मन्दिर र मजारमा रहने ४० जना साधुसन्तले लगलगी मुटु कमाउने जाडोमा न्यानो कम्बल पाएपछि राहत महसुस…
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Jamshedpur rural blanket distribution : मऊभंडार ओपी प्रभारी र ने 75 जरूरतमंदों के बीच बांटे कंबल, विगत दिनों हुए कंबल वितरण में ये लोग रह गये थे वंचित
घाटशिला : घाटशिला के मऊभंडार स्थित बी-ब्लॉक महावीर क्लब में बुधवार को मऊभंडार ओपी प्रभारी रोहित कुमार ने 75 जरूरतमंदों के बीच कम्बल वितरित किये. दरअसल, बीते दिनों मऊभण्डार ओपी प्रभारी रोहित कुमार ने सैंकड़ों जरूरतमंद महिला एवं पुरुषों के बीच कम्बल वितरित किये थे. इस दौरान कई अन्य लोग कम्बल पाने से वंचित रह गए थे, जिन्हें ओपी प्रभारी ने जल्द ही कम्बल मुहैया कराने का भरोसा दिलाया था. बुधवार को ओपी…
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दलित विपन्नलाई चिसो छल्न् च्यातिएको कम्बल, राहतको नाममा कमिसनको चलखेल
मुकेश कुमार यादब/न्युज कारखाना सिरहा, १९ माघ । सिरहाको लहान नगरपालिकाले दलित तथा विपन्न परिवारलाई चिसो छल्न च्यातिएको कम्बल वितरण गरेको पाइएको छ। नगरपालिकाका प्रत्येक वडाका लागि ५० देखि ८० जना दलित, गरिव, विपन्न र ज्येष्ठ नागरिकलाई चिसो छल्न वितरण गरिएको कम्बल अधिकांश च्यातिएको पाइएको हो। एक वर्षअघि खरिद गरि राखिएको कम्बल जाडो सकिन लागेपछि पालिकाले वितरण गरेको छ। पुस मसान्तमा ह्वातै चिसो बढेर…
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Noida News : इन दिनों सर्दी अपने पूरे चरम पर है। नोएडा की सड़कों के किनारे फुटपाथ पर पड़े बेसहारा लोग ठंड से कंपकंपा रहे थे कि आधी रात को नोएडा के कुछ युवाओं का एक ग्रुप सड़कों पर निकल पड़ा और फुटपाथ पर खुले आसमान के नीचे रात बिता रहे और ठंड से कंपकंपा रहे लोगों के शरीर की तपिश बढ़ा दी।
आपको बता दें कि हर साल की भाँति इस साल भी युवाओं का समूह चैलेंजर्स ग्रुप ने बेसहारा लोगों को बढ़ती सर्दी से बचाने के लिए नोएडा शहर की सड़कों पर उतर आया है। चैलेंजर्स ग्रुप एवं सूद चैरिटी फाउंडेशन के संयुक्त तत्त्वधानों में नोएडा शहर में संस्थाओं के सदस्यों द्वारा इस बढ़ती ठंड में देर रात घरों से निकलकर नोएडा के सेक्टर- 15, 16,18, 62 आदि मेट्रो स्टेशनों, चौराहों, फुटपाथों पर रात गुजार रहे लोगों को कम्बल वितरित किये।
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पेंशनर्स दिवस के अवसर पर पेंशनर्स को फूलमाला पहनाकर किया गया स्वागत
सिद्धार्थनगर। अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 उमाशंकर की अध्यक्षता एवं वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेन्द्र कुमार मौर्य की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में 17 दिसम्बर 2023 को पेंशनर्स दिवस का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) उमाशंकर ने सभी पेंशनरों को शुभकामना ���ेते हुए कहा कि मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि आप सभी लोग 100 वर्ष की आयु पूर्ण कर शत प्रतिशत पेंशन का लाभ प्राप्त करें। किसी भी विभागों से 60 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पश्चात कर्मचारी/शिक्षक सेवा निवृत्त होता है। सेवानिवृत्त कर्मचारी अपने घर जाने के बाद उसकी परिवार से जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। आप सभी लोग अपने परिवार को समय देकर सुखमय जीवन व्यती�� करें। वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेन्द्र कुमार मौर्य ने कहा कि पेंशनर्स के सभी संगठनों द्वारा अल�� अलग मांग की गयी है, जो प्रकरण नीतिगत/शासन स्तर के हैं, उसका शासन स्तर से ही निस्तारण होगा। जनपद स्तर पर जो कोषागार कार्यालय या जनपद के अन्य कार्यालय में आप सभी पेंशनरों की कोई भी समस्या संज्ञान में लाई जाती है, तो उसका निस्तारण त्वरित गति से कराया जायेगा। इसके साथ ही वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेन्द्र कुमार मौर्य ने सभी पेंशनरों को शुभकामनायें दी।
अध्यक्ष, सिविल पेंशनर्स संघ अवधेश यादव, अध्यक्ष, बेसिक शिक्षा पेंशनर्स संघ राम शंकर यादव एवं लेखपाल पेंशनर्स संघ राम समुझ्ा द्वारा पेंशनरों की समस्याओं को लेकर अपना विचार व्यक्त किया गया। इसके पश्चात अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) उमाशंकर एवं वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेन्द्र कुमार मौर्य द्वारा 10 वरिष्ठ पेंशनरों रामशंकर यादव, भवन प्रसाद दूबे, क्रांति कुमार, कांशीराम, परमात्मा प्रसाद पाण्डेय, अवधेश यादव, रामराज चौधरी, शंभू प्रसाद, रामसमुझ्, सीताराम को फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। जिला प्रशासन द्वारा आज पेंशनर्स दिवस पर उपस्थित सभी 77 पेंशनरों को कम्बल देकर सम्मानित किया गया। अध्यक्ष, सिविल पेंशनर्स संघ अवधेश यादव एवं अध्यक्ष, बेसिक शिक्षा पेंशनर्स संघ राम शंकर यादव द्वारा अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) उमाशंकर एवं वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेन्द्र कुमार मौर्य का फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा नीलोत्तम चौबे, लेखाकार अरूण मिश्रा, रामचन्द्र यादव, जमुना प्रसाद आर्या, रामचन्द्र गुप्ता, अजीत प्रताप सिंह, मुख्य रोकड़िया जय प्रकाश श्रीवास्तव तथा कोषागार कार्यालय के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। Read the full article
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