#एलोवेरा के सेवन से शरीर पर क्या असर पड़ता है
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mjkeblogs · 30 days ago
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एलोवेरा के सेवन से शरीर पर क्या असर पड़ता है ? । एलोवेरा के फायदें हिंदी में
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एलोवेरा एक जाना माना पौधा है, ये आम तौर पर हर कहीं नजर आता है, और 90% लोग इसे अपने घर में उगाते है, क्योंकि एलोवेरा के फायदें इतने हैं कि ये कहीं ना कहीं काम आ ही जाता है। आयेंदिन लोग गूगल पर सर्च करते रहते हैं कि एलोवेरा के फायदें क्या है ? क्या एलोवेरा स्किन पर लगा सकते है, क्या एलोवेरा बालो को फ़िरसे उगा सकता है? क्या इसे खा सकते है, या पीना चाहिए, ऐसे बहुत सारे सवाल सारे Google पर धुंडते है, तो आज इस ब्लॉग में मैंने एलोवेरा के फायदें के बारे में बताने की कोशिश की है.तो आई ये जानते है की एलोवेरा के सेवन से शरीर पर क्या असर पड़ता है ? पूरा पढ़ें
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gethealthy18-blog · 6 years ago
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प्राकृतिक रूप से चमकती त्वचा पाने के लिए बेस्ट डायट प्लान – Glowing Skin Diet Plan in Hindi
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प्राकृतिक रूप से चमकती त्वचा पाने के लिए बेस्ट डायट प्लान – Glowing Skin Diet Plan in Hindi
Arpita Biswas March 1, 2019
महिला हो या पुरुष हर किसी को चमकती त्वचा और चेहरे की चाहत होती है। आप कहीं भी जाते हैं, तो सबसे पहले आपका चेहरा ही आकर्षण का केंद्र बनता है। वो बात और है कि इन दिनों बढ़ते प्रदूषण और तनाव भरी जिंदगी के कारण आपका चेहरा प्राकृतिक चमक खोने लगता है। परिणामस्वरूप त्वचा संबंधी परेशानियां घेरने लगी हैं। इस कारण से आप तरह-तरह की क्रीम, लोशन, स्किन केयर प्रोडक्ट, मेकअप और स्किन ट्रीटमेंट पर पानी की तरह पैसा बहाते हो। हालांकि, इनका असर कुछ वक्त तक तो रहता है, लेकिन कई बार साइड इफेक्ट का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में कभी आपने सोचा है कि चमकती त्वचा के लिए आहार भी बहुत मायने रखता है।
विषय सूची
स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम चमकती त्वचा के लिए आहार और डाइट प्लान आपके साथ शेयर कर रहे हैं। साथ ही हम आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में भी बताएंगे, जिनका सेवन आपको नहीं करना चाहिए।
चमकती त्वचा के लिए डायट प्लान – Diet Plan For Glowing Skin
मील क्या खाएं प्रातः सुबह
(6:00 बजे)
एक कप पानी + आधे नींबू का जूस
या
एक कप पानी + एलोवेरा जूस
नाश्ता
(6:45-7:00 बजे)
एक कप पपीता + एक कप दूध/सोय मिल्क/ग्रीन टी + 4 बादाम
या
गेहूं की एक रोटी + एक कप रिकोटा चीज/उबला हुआ अंडा/दलिया + एक कप ग्रीन टी
मध्य सुबह
(9:30-10:00 बजे)
एक खीरा/ गाजर का टुकड़ा दही/हुमस के साथ
या
एक कप ताजा फलों का रस/नारियल पानी
दोपहर का भोजन
(12:30-1:00 बजे)
सब्जियों के साथ लेटस रैप और चिकन/मशरूम/टोफू + एक कप छाछ
या
ह       हल्की उबली सब्जियां + ग्रिल्ड फिश/चिकन/दाल का सूप + एक छोटा कप ब्राउन राइस
शाम का नाश्ता
(3:30-4:00 बजे)
एक कप ग्रीन टी या एक कप ताजे फलों/सब्जियों का रस रात का खाना
(7:00-7:30 बजे)
सब्जियों/चिकन स्टू (stew) + एक फ्लैट ब्रेड + एक कप रायता
या
मिक्स सब्जी करी + दो फ्लैट ब्रेड + एक कप रायता
रात को सोने से पहले
(10:00 बजे)
एक कप गर्म दूध/पानी + एक चुटकी हल्दी
इस डाइट चार्ट से क्या-क्या लें – Takeaways From This Diet Chart in Hindi
बेशक, स्वास्थ्य के लिहाज से यह डायट चार्ट ठीक है, लेकिन आपको सिर्फ इसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। आप उन सभी अच्छे खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं, जो आपकी त्वचा को स्वस्थ और जवां रखने में मदद करें। इसके लिए यह समझना जरूरी है कि अपने आहार में क्या शामिल किया जाए और क्या नहीं। इस संबंध में हम आपको नीचे कुछ टिप्स दे रहे हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं।
खाली पेट पानी पीना जरूरी है। साथ ही आप एलोवेरा जूस, हल्दी पाउडर या नींबू के रस का सेवन कर सकते हैं।
जब भी आप सुबह कहीं बाहर जाएं, तो पहले नाश्ता जरूर करें।
अपने आहार में सही मात्रा में फल, सब्जियों और प्रोटीन को शामिल करें।
सही स्नैक्स का चुनाव करें जैसे – फलों का रस, दही, छाछ या फिर नारियल पानी।
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जो आपके पेट और लिवर के लिए अच्छे हो।
उन खाद्य पदार्थों से बचें, जिनसे आपको एलर्जी हो सकती है, जैसे कि डेयरी उत्पाद, सी फूड इत्यादि।
आप अपने आहार में स्वाद लाने के लिए हल्के-फुल्के मसाले और हर्ब्स मिला सकते हैं।
अब वक्त है उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानने का, जिन्हें अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए।
प्राकृतिक रूप से ग्लोइंग स्किन के लिए 15 खाद्य पदार्थ – Glowing skin diet in hindi
1. हरी पत्तेदार सब्जियां
चमकती त्वचा के लिए आहार की बात करें, तो हरी पत्तेदार सब्जियां सबसे पहले आती हैं। एंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक विटामिन्स व पोषक तत्वों से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे – पालक, मूली के पत्ते, सरसों का साग, धनिया व ब्रोकोली आदि आपको बेजान त्वचा से राहत दिलाकर आपकी त्वचा पर निखार लाते हैं । आप इन सब्जियों को सलाद, सूप, सैंडविच व दाल आदि में भी डालकर सेवन कर सकते हैं।
2. पानी
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पानी पीना न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए, बल्कि आपकी त्वचा के लिए भी लाभकारी है। जब आप पूरे दिन में खूब सारा पानी पीते हैं, तो आप हाइड्रेटेड रहते हैं, जिसका प्रभाव आपके चेहरे पर नजर आता है। पानी न सिर्फ आपके शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है, बल्कि ��ह आपके चेहरे पर झुर्रियां होने से भी बचाता है। साथ ही यह आपकी त्वचा में चमक लाता है। आप हर वक्त अपने पास पानी की बोतल रखें और जब भी आपको सोडा वाले पेय पदार्थ या कोल्ड ड्रिंक पीने का मन करे, तो उनकी जगह पानी पी लें।
3. हल्दी
हल्दी आपके शरीर के अंदर और बाहर हानिकारक बैक्टीरिया को मारती है। हल्दी में मौजूद मुख्य फाइटोन्यूट्रिएंट करक्यूमिन (Cucurmin) एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है। आप सुबह के वक्त सबसे पहले कच्ची हल्दी का सेवन कर सकते हैं या फिर आप रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिक्स करके पी सकते हैं। आपको एक हफ्ते के अंदर फर्क नजर आने लगेगा। आप हल्दी को सब्जी, सलाद व जूस आदि में भी मिला सकते हैं।
4. एवोकाडो
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एवोकाडो त्वचा के लिए उत्तम खाद्य पदार्थ है। यह विटामिन-ई और स्वस्थ वसा से भरपूर होता है। स्वस्थ वसा सूजन को कम करता है और विटामिन-ई एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। एवोकाडो त्वचा के नुकसान को कम करने में मदद करता है, नमी को लॉक करता है और वक्त से पहले झुर्रियों, मुंहासे और बेजान त्वचा को रोकने में मदद करता है। आप एवोकाडो को नाश्ते के दौरान या फिर सैंडविच और सलाद के साथ सेवन कर सकते हैं।
5. एलोवेरा
त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए एलोवेरा सबसे लोकप्रिय घरेलू उपाय है। इसमें ऑक्सिन और जिबरेलिन नामक हार्मोंस होते हैं, जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता हैं। इसलिए, जब आप एलोवेरा लगाते हैं, इसका जूस पीते हैं या फिर इसे सप्लीमेंट की तरह सेवन करते हैं, तो यह किसी भी तरह की सूजन को कम करने में मदद करता है। ध्यान रहे कि कभी सीधा एलोवेरा के पत्ते से निकले जेल का सेवन न करें। यह हानिकारक साबित हो सकता है।
6. फल
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फल विटामिन्स, मिनरल्स और फ्रूट शुगर से भरपूर होते हैं। मीठे फल बार-बार भूख लगने की लत को कम करते हैं। इस कारण जंक फूड खाने की आदत कम हो सकती है। इसलिए, फलों का सेवन करके, आप अपनी त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं और त्वचा में चमक बढ़ा सकते हैं। नीचे हम कुछ फलों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद हैं।
आम एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-ए से भरपूर होता है, जो त्वचा पर वक्त से पहले एजिंग या झुर्रियों की परेशानी से बचाता है। साथ ही त्वचा की चमक और कसाव को बरकरार रखता है। यह त्वचा की नई कोशिकाओं को बढ़ने में भी मदद करता है।
केला विटामिन-ए, बी और ई से भरपूर होता है। यह त्वचा पर समय से पहले आने वाली झुर्रियों से बचाता है।
पपीता त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है और त्वचा की अशुद्धियों को दूर कर त्वचा को साफ करता है।
संतरा और कीवी विटामिन-सी से भरपूर होते हैं, जो झुर्रियां को होने से रोकते हैं और कोलेजन संश्लेषण को बढ़ाते हैं। अमरूद, अंगूर और स्ट्रॉबेरी ��ी ऐसे फल हैं, जो विटामिन-सी से भरपूर होते हैं। विटामिन-सी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाली क्षति से बचाता है और नए कोशिकाओं को बनने में मदद करता है। इस प्रकार यह आपकी त्वचा को लंबे वक्त तक जवां और खूबसूरत बनाए रखता है।
एक गिलास गर्म पानी में शहद और नींबू का रस मिलाकर पीने से आपकी त्वचा में निखार आएगा, जिससे आपकी त्वचा और साफ नजर आएगी।
सेब टोंड लुक को बनाए रखने में मदद करता है और आपकी त्वचा को जवां बनाता है।
जामुन भी विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और इम्युनिटी बूस्टर है। इनका सेवन करने से त्वचा के काले धब्बे और निशान से जल्दी छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
7. गाजर
गाजर में बीटा-कैरोटीन, विटामिन-ए और एंटीऑक्सीडेंट के उच्च स्तर होते हैं। ये विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर आपकी त्वचा को अंदर से स्वस्थ बनाते हैं। ये आपकी त्वचा को सूरज से होने वाले नुकसान से बचाते हैं और समय से पहले चेहरे पर आने वाली झुर्रियों को रोकते हैं। शकरकंद और रतालू अन्य विकल्प हैं, जो समान परिणाम दिखाते हैं।
8. मछली और मछली का तेल
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मछली और मछली का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। इसके सेवन से त्वचा में प्राकृतिक तेल का स्तर संतुलित रहता है, जो सूजन, मुंहासे, फटी त्वचा और लालिमा को कम करने में मदद करता है। त्वचा को स्वस्थ और मुलायम बनाए रखने के लिए आप वसा युक्त मछली जैसे ट्यूना, साल्मन, कार्प या फिर फिश ऑयल के सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं। मछली की त्वचा को निकाले बिना ग्रिल्ड या बेक्ड फिश का सेवन करना फायदेमंद होता है।
9. स्वस्थ फैट
स्वस्थ फैट आपकी त्वचा के लिए गुणकारी होता है। स्वस्थ फैट के सबसे अच्छे स्रोत नट्स (बादाम व अखरोट आदि), बीज (अलसी, सूरजमुखी के बीज, चिया बीज आदि), स्वस्थ तेल (जैतून का तेल, चावल की भूसी का तेल आदि) और मछली हैं। शाकाहारियों के लिए नट्स, बीज और तेल बढ़िया विकल्प हैं। दाग रहित त्वचा पाने के लिए आप अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्वों को शामिल करें।
10. ग्रीन टी/माचा टी
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ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट का प्राकृतिक स्रोत है। चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हानिकारक मुक्त कणों को नष्ट करने में मदद करता है, जिससे आपकी त्वचा समय से पहले बूढ़ी, काले धब्बों और लालिमा का शिकार होने से बच जाती है। ग्रीन टी मुंहासे पैदा करने वाले हार्मोन के स्तर को भी कम करने में मदद करती है, जिससे आपकी त्वचा स्वस्थ और दमकती नजर आती है।
11. ब्रोकली
ब्रोकली में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फ्री ऑक्सीजन रेडिकल्स कोशिकाओं को क्षति पहुंचाकर कोशिकाओं और अंगों के सामान्य कामकाज को बाधित करते हैं। इससे हार्मोंस के स्तर में असंतुलन, कमजोर इम्युनिटी या पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, आपको भोजन के माध्यम से एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी खुर���क लेनी चाहिए। ऐसे में ब्रोकली अच्छा विकल्प है।
12. दही
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दही और छाछ में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पाचन और मल त्याग में मदद करते हैं। जब आपकी पाचन शक्ति सही होती है, तो आपको त्वचा से जुड़ी परेशानियां जैसे – कील-मुंहासे, दाग-धब्बे या किसी भी तरह के संक्रमण का खतरा भी कम होता है। प्रतिदिन दोपहर के भोजन के बाद, रात के खाने के साथ या स्मूदी में दही का सेवन कर सकते हैं।
13. लौकी
चेचक यानी चिकन पॉक्स कभी भी हो सकते हैं और कई बार चिकन पॉक्स के निशान कई दिनों तक रहते हैं। कुछ लोगों के चेहरे पर तो ये उम्र भर रह जाते हैं। ऐसे में लोग कई तरह के उपाय भी करते हैं, लेकिन कुछ खास फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में सही खाना बहुत मददगार साबित हो सकता है। लौकी (लौकी का रस) चिकन पॉक्स के निशान को हटाने के लिए अच्छा प्राकृतिक उपचार है। लौकी में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इस लिहाज से लौकी प्राकृतिक रूप से निशान हटाने के लिए अच्छा खाद्य पदार्थ है। आप नाश्ते में अन्य खाद्य पदार्थों के साथ लौकी का जूस पी सकते हैं। आप लौकी का सूप बना सकते हैं या सब्जी और दाल में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
14. करेला
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करेला भले ही खाने में कड़वा लगे, लेकिन इसके कई फायदे हैं। यह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह आपकी त्वचा के लिए भी बहुत गुणकारी है। यह त्वचा संबंधी कई परेशानियों जैसे – एलर्जी, दाग-धब्बे और टैन से राहत दिलाता है। यह न सिर्फ एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है, बल्कि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। साथ ही करेला आपके लिवर और पेट को भी स्वस्थ रखता है। आप करेले को उबालकर खा सकते हैं। इसे भूनकर या लंबे वक्त तक पानी में भिगोकर न खाएं, क्योंकि ऐसा करने से इसके पोषक तत्व खत्म या कम हो जाते हैं।
15. रेड वाइन
रेड वाइन और कुछ नहीं, बल्कि लाल अंगूर का फर्मेन्टेड रस होता है। इसमें त्वचा की चमक को बरकरार रखने के और एजिंग या वक्त से पहले झुर्रियों की समस्या को कम करने के गुण होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और त्वचा को सूजन व सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाली क्षति से बचाने में मदद करते हैं। इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें, क्योंकि शराब का अधिक सेवन करने से आप डीहाइड्रेट हो सकते हैं, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
ये तो थे चमकती त्वचा के लिए आहार ( glowing skin diet in hindi) जिनका सेवन आप कर सकते हैं, लेकिन अपनी त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए किन खाद्य पदार्थों से आपको बचना चाहिए यह जानना भी जरूरी है।
नीचे हम आपको वो खाद्य पदार्थ बता रहे हैं, जिनका सेवन आपको नहीं करना चाहिए।
क्या न खाएं – Foods To Avoid in Hindi
चटपटा या मसालेदार खाना।
प्रोसेस्ड और जंक फूड।
उच्च सोडियम और उच्च शर्करा वाले खाद्य पदार्थ।
तैलीय व अधिक मिर्च-मसाले वाले खाद्य पदार्थ।
ऐसे खाद्य पदार्थ, जिनमें एस्ट्रोजन (estrogen) का उच्च स्तर हो।
ऐसे खाद्य पदार्थ, जो शरीर के आंतरिक तापमान को बढ़ाते हैं।
ओवरक��कड या आंशिक रूप से जले खाद्य पदार्थ (कबाब)।
स्वस्थ और चमकती त्वचा अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है और चमकती त्वचा के लिए आहार (glowing skin diet in hindi) भी बहुत मायने रखता है। इसलिए, वक्त रहते अपने खाने की सभी बुरी आदतों को दूर कर स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन शुरू करें। ऊपर दिए गए डायट प्लान को फॉलो करें और एक नई जीवनशैली को अपनाएं। साथ ही अपने अनुभव हमारे साथ कमेंट बॉक्स में शेयर करना न भूलें।
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स्वाइन फ्लू के लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for Swine Flu in Hindi
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स्वाइन फ्लू के लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for Swine Flu in Hindi
Anuj Joshi February 28, 2019
स्वाइन फ्लू के बारे में लगभग सभी ने पढ़ा और सुना है। एक समय था, जब स्वाइन फ्लू दुनियाभर में खौफ का दूसरा नाम बन गया था। यह वायरस तेजी से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रहा था। बेशक, अब इसका प्रकोप पहली से कम हुआ है, लेकिन यह आज भी किसी को भी बीमार करने में सक्षम है। स्वाइन फ्लू (swine flu) की चपेट में आए व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही एक तरह से वह सभी से कट जाता है, क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है, जो तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे को होती है।
विषय सूची
स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम स्वाइन फ्लू से जुड़ी तमाम जानकारियां लेकर आए हैं। यहां हम आपको स्वाइन फ्लू के लक्षण तो बताएंगे ही, साथ ही कुछ घरेलू उपचार भी आपके समक्ष रखेंगे, जिनकी मदद से स्वाइन फ्लू को ठीक किया जा सकता है। अंत में कुछ जरूरी टिप्स भी देंगे।
स्वाइन फ्लू क्या है? – What is Swine Flu in Hindi
स्वाइन इंफ्लुएंजा जिसे आम भाषा में स्वाइन फ्लू कहा जाता है। यह बीमारी H1N1 वायरस यानी ए टाइप के इंफ्लुएंजा वायरस के कारण फैलती है। सबसे पहले यह बीमारी 2009 में महामारी के रूप में सामने आई थी। इस वायरस की पहचान अप्रैल 2009 में मैक्सिको में हुई थी। यह वायरस सुअरों के श्वसन तंत्र के जरिए फैला था। यह नए किस्म का वायरस था और उस समय इससे लड़ने में प्रतिरक्षा प्रणाली सक्षम नहीं थी। यह वायरस एक देश से दूसरे देश तक तेजी से फैला और कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था (1)।
वर्ष 2010 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की थी कि स्वाइन फ्लू महामारी को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। हालांकि, स्वाइन फ्लू वायरस पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और सामान्य फ्लू की तरह आज भी कई लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है, लेकिन अब यह जानलेवा साबित नहीं होता। यह मौसम बदलने पर सर्दी-खांसी के रूप में लोगों को प्रभावित करता है।
स्वाइन फ्लू क्या है, यह जानने के बाद आगे हम उन कारणों की चर्चा करेंगे, जिनके चलते स्वाइन फ्लू होता है।
स्वाइन फ्लू के कारण – Causes of Swine Flu in Hindi
स्वाइन फ्लू इंसानों से लेकर सुअरों तक को हो सकता है। इंसान निम्न कारणों से इस वायरस से संक्रमित होते हैं (2):
संक्रमित सुअरों के संपर्क में आना : यह सबसे आम कारण है, जिसके चलते कोई भी इंसान इस वायरस की चपेट में आ सकता है। अगर कोई सुअर स्वाइन इंफ्लुएंजा से ग्रस्त है, तो किसी भी व्यक्ति के उसके संपर्क में आने पर उसे भी यह रो�� हो सकता है। आमतौर पर सुअरों का व्यापार करने वाले या उन्हें पालने वालों के इस संक्रमण की चपेट में जल्द आने की आशंका रहती है।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से : इस लेख के शुरुआत में बताया गया था कि यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे को तेजी से होती है। इसलिए, अगर आपके आसपास कोई ऐसा व्यक्ति है, जो H1N1 से प्रभावित है, तो उसके खांसने या छींकने पर आप पर भी इस वायरस का असर हो सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर यह वायरस बलगम या लार के रूप में हवा में फैल जाते हैं और फिर ठोस जगह पर जाकर जम जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस अवस्था में यह वायरस करीब 24 घंटे तक सक्रिय रहता है।
आगे हम H1N1 की पहचान करने के लिए प्रमुख लक्षणों के बारे में बता रहे हैं :
स्वाइन फ्लू के लक्षण – Symptoms of Swine Flu in Hindi
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स्वाइन फ्लू सिम्पटम्स भी सामान्य फ्लू की तरह ही होते हैं। संक्रमण के प्रभाव में आने के दो-चार दिन के अंदर ही ये लक्षण नजर आने लगते हैं। आमतौर पर ये लक्षण दो सप्ताह तक रहते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में अधिक समय तक रह सकते हैं। स्वाइन फ्लू के लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं (3):
बुखार यानी 100.4 फारेनहाइट से अधिक
सर्दी
खांसी
गले में खराश
नाक बहना
लाल आंखें
सिर में दर्द
थकावट
दस्त
उल्टी
बच्चों में नजर आने वाले गंभीर लक्षण :
तेज या मुश्किल से सांस लेना
त्वचा का रंग नीला या भूरा होना
पर्याप्त तरल पदार्थ न पीना
लगातार उल्टी
चिड़चिड़ापन
गंभीर रूप से खांसी
बुखार के साथ रैशेज
स्वाइन फ्लू सिम्पटम्स जानने के बाद हम स्वाइन फ्लू का इलाज प्राकृतिक रूप से करने के लिए घरेलू उपाय की चर्चा करेंगे।
स्वाइन फ्लू के घरेलू इलाज – Home Remedies for Swine Flu in Hindi
1. तुलसी
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सामग्री :
तुलसी की चार-पांच पत्तियां
प्रयोग की विधि :
इन पत्तियों को अच्छी तरह धोकर सेवन करें।
कब सेवन करें :
प्रतिदिन सुबह खाली पेट सेवन करना फायदेमंद रहेगा।
लाभ :
तुलसी एक आयुर्वेदिक औषधि है और इसका पौधा लगभग हर भारतीय घर में पाया जाता है। तुलसी में प्राकृतिक रूप से एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है। हालांकि, तुलसी H1N1 वायरस को ठीक तो नहीं कर सकती, लेकिन उससे लड़ने के लिए शरीर को तैयार जरूर कर सकती है। कई वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि तुलसी में यूजेनॉल नामक यौगिक पाया जाता है, जो स्वाइन फ्लू में कारगर है (4)। स्वाइन फ्लू का इलाज तुलसी की मदद से आसानी से किया जा सकता है।
2. लहसुन
सामग्री :
लहसुन की दो-ती�� कलियां
एक गिलास पानी
प्रयोग की विधि :
इन्हें कच्चा चबाकर खाया जा सकता है।
आप पानी को हल्का गुनगुना कर, उसके साथ भी लहसुन का सेवन कर सकते हैं।
कब सेवन करें :
रोज सुबह इसका सेवन करें।
लाभ :
बेशक लहसुन का स्वाद कड़वा और इसकी गंध अच्छी नहीं होती, लेकिन गुणों के मामले में इसका कोई मुकाबला नहीं है। इसमें एंटीवायरल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो स्वाइन फ्लू से लड़ने में मदद करते हैं। इसके सेवन से रोगप्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है (5)।
3. गिलोय
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सामग्री :
गिलोय की एक फुट लंबी शाखा
तुलसी की पांच-छह पत्तियां
काली मिर्च, मिश्री, सेंधा नमक, काला नमक (स्वादानुसार)
थोड़ा-सा पानी
प्रयोग की विधि :
गिलोय की शाखा और तुलसी की पत्तियों को पानी में डाल दें।
अब इसे करीब 15-20 मिनट तक उबालें।
इसके बाद काली मिर्च, काला नमक, सेंधा नमक और मिश्री को इस पानी में मिक्स कर दें।
जब पानी हल्का गुनगुना हो जाए, तो इसका सेवन करें।
कब सेवन करें :
आप प्रतिदिन कम से कम एक बार यह पानी पी सकते हैं।
लाभ :
आयुर्वेद में गिलोय को गुणकारी औषधि माना गया है। इसके सेवन से स्वाइन फ्लू सहित हर तरह के बुखार का इलाज संभव है। यह दिव्य औषधि शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है (6)।
4. कपूर
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
गोली के आकार का कपूर
प्रयोग की विधि :
बड़े इसे पानी के साथ निगल सकते हैं।
बच्चों को यह केले या आलू में मिलाकर देना चाहिए।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
पांच ग्राम कपूर
पांच ग्राम इलायची
प्रयोग की विधि :
कपूर व इलायची को एक कपड़े में बांधकर मसल दें।
अब थोड़ी-थोड़ी देर में इसकी सुगंध लेते रहें।
लाभ :
जहां एक तरफ कपूर को जलाने से घर में कीड़े-मकोड़े और मच्छर नहीं आते, वहीं इसके सेवन से स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी से निपटा जा सकता है। कूपर में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह शरीर में जमा हो चुके फ्री रेडिकल्स को खत्म करने का काम करता है (7)। साथ ही इसमें एंटीसेप्टीक गुण भी होता है, जो संक्रमण और दर्द से राहत दिलाता है (8)। इस प्रकार कह सकते हैं कि स्वाइन फ्लू का इलाज करने में कपूर सक्षम है।
5. विटामिन-सी
Shutterstock
सामग्री :
विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ
प्रयोग की विधि :
अपने भोजन में विटामिन-सी वाले खाद्य पदार्थ को शामिल करें।
कब सेवन करें :
प्रतिदिन सेवन करने से जल्द फायदा होगा।
लाभ :
विटामिन-सी में एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके सेवन से किसी भी प्रकार के बुखार से निपटा जा सकता है। साथ ही यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर करता है। शरीर में विटामिन-सी की कमी होने से टी सेल (श्वेत रक्त कोशिकाएं) कम होने लगती हैं। इसलिए, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी में ��सका सेवन करना जरूरी होता है, क्योंकि श्वेत रक्त कोशिकाएं की कमी होने पर शरीर किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने में सक्षम नहीं रहता। वैज्ञानिकों ने लैब में किए गए शोध के जरिए इसकी पुष्टि की है (9)। नींबू, आंवला, अंगूर और संतरे में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
6. एलोवेरा
सामग्री :
एक चम्मच एलोवेरा जेल
एक गिलास पानी
प्रयोग की विधि :
पानी के साथ एलोवेरा जेल का सेवन करें।
कब सेवन करें :
दिन में एक बार इसका सेवन किया जा सकता है।
लाभ :
इन दिनों एलोवेरा का प्रयोग काफी बढ़ गया है। दवाइयों के साथ-साथ ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं, स्वास्थ्य की बात करें, तो उस लिहाज से भी एलोवेरा का काफी महत्व है। वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि एलोवेरा जेल में एंटी इंफ्लुएंजा गुण होते हैं। साथ ही इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं (10)।
7. नीम
Shutterstock
सामग्री :
नीम की तीन-चार पत्तियां
प्रयोग की विधि :
प्रतिदिन नीम की पत्तियों को चबाने से फायदा होता है।
कब सेवन करें :
दिन में कम से कम एक बार इसका सेवन किया जा सकता है।
लाभ :
नीम की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। इसके सेवन से न सिर्फ बुखार कम होता है, बल्कि खून भी साफ होता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है (11)।
8. हल्दी
सामग्री :
एक चम्मच हल्दी पाउडर
एक गिलास दूध
प्रयोग की विधि :
सबसे पहले दूध को गर्म कर लें।
फिर इसमें हल्दी मिक्स करके पिएं।
कब सेवन करें :
हर रात सोने से पहले हल्दी का दूध पीना चाहिए।
लाभ :
आयुर्वेद में हल्दी का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। विभिन्न बीमारियों के लिए वर्षों से इसका उपयोग किया जा रहा है। इसमें करक्यूमिन गुण पाया जाता है, जो एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल, एंटीफंगल व एंटीबैक्टीरियल की तरह काम करता है। हल्दी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर कर बीमारियों से लड़ने में मदद करती है (12)। दूध में डालने से इसके औषधीय गुण बढ़ जाते हैं। इसलिए, स्वाइन फ्लू होने पर इसका सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
स्वाइन फ्लू होने पर क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिएं, आगे हम उसी बारे में बता रहे हैं।
स्वाइन फ्लू के लिए कुछ टिप्स – Other Tips for Swine Flu in Hindi
बाहर की तली-भुनी और जंक फूड की जगह घर में बना ताजा खाना खाएं।
ताजे फलों व सब्जियों का सेवन जरूर करें।
बासी चीजें और फ्रिज में कई दिनों से रखी चीजों का सेवन न करें।
जितना हो सके तरल पदार्थ लें यानी पानी और जूस का सेवन करें। इससे आप हाइड्रेट रहेंगे और पाचन तंत्र भी अच्छी तरह काम करेगा।
नियमित रूप से योग प्रशिक्षक की देखरेख में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले योगाभ्यास करें। इनमें ताड़ासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, पवनमुक्तासन, भुजंगासन, उत्तानपादासन आदि शामिल हैं।
जितना हो सके आराम करें और खुद को जितना हो सके हाइजीन रखें। कुछ खाने से पहले हाथों को जरूर साफ करें।
अगर घर से बाहर निकलें, तो मास्क जरूर पहनें।
जितना हो सके आराम करें, ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बीमारी से लड़ने में मदद मिले।
आर्टिकल के अंतिम भाग में हम बता रहे हैं कि किस तरह स्वाइन फ्लू से बचा जा सकता है।
स्वाइन फ्लू से बचाव – Prevention Tips for Swine Flu in Hindi
जब मौसम बदलता है, तब स्वाइन फ्लू होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। इस दौरान, अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है, ताकि इस बीमारी से बचा जा सके।
इसका सबसे पहला बचाव टीकाकरण है। छह माह से अधिक उम्र के सभी लोगों को स्वाइन फ्लू का टीका लगवाना चाहिए। इससे विभिन्न तरह के इंफ्लुएंजा वायरस से सुरक्षा मिलती है।
कुछ खाने से पहले और कहीं बाहर से घर वापस आने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं।
छींकते या खांसते समय मुंह के आगे रूमाल रखें। अगर रूमाल नहीं है, तो हाथ रखें, लेकिन ध्यान रहे कि इसके बाद हाथ मुंह, नाक और आंखों को हाथ से न छुएं। ऐसा करने पर फ्लू होने की आशंका बढ़ जाती है।
अगर सामान्य बुखार है या फिर जुकाम और गला खराब है, तो घर में रहकर आराम करें।
बिना कोई देरी किए डॉक्टर को दिखाएं और उचित दवा का सेवन करें।
अनजान लोगों से हाथ मिलाने या गले मिलने से बचें।
अपने आसपास हमेशा सफाई रखें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
अगर आपके आसपास किसी को स्वाइन फ्लू है, तो उससे दूर रहें, क्योंकि यह वायरस एक से दूसरे में तेजी से फैलता है।
भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने या फिर भीड़ में जाने से बचें।
बेशक, स्वाइन फ्लू अब पहले की तरह खतरनाक नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। साधारण फ्लू से भी संक्रमित होने पर पूरा इलाज करवाना जरूरी है, वरना यह स्वाइन फ्लू का कारण बन सकता है। इसकी अनदेखी करने पर यह गंभीर रूप ले सकता है। इस आर्टिकल में बताए गए घरेलू उपचार स्वाइन फ्लू को ठीक करने में काफी हद तक मददगार साबित हो सकते हैं। अगर इन उपायों को आजमाने के बाद भी स्वास्थ्य में कोई फर्क नजर नहीं आता, तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं और तय समय पर दवाइयों का सेवन करें।
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Anuj Joshi
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/swine-flu-ke-lakshan-aur-gharelu-ilaj-in-hindi/
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