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दिल्ली: जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने दायर की नई जमानत याचिका, मुकदमा चलाने का आरोप लगाया
दिल्ली: जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने दायर की नई जमानत याचिका, मुकदमा चलाने का आरोप लगाया
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने पूर्वोत्तर दिल्ली दंगा यूएपीए मामले में अपनी जमानत याचिका वापस ले ली है और इसे एक नए के साथ बदल दिया है जिसमें कहा गया है कि अभियोजन पक्ष दिल्ली की एक अदालत में लंबी रणनीति का सहारा ले रहा था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने मामले को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया है और अभियोजन पक्ष से नए आवेदन पर जवाब दाखिल करने को कहा है। यह घटनाक्रम पूर्व कांग्रेस…
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दिल्ली दंगा मामला: जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज | दिल्ली समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया
दिल्ली दंगा मामला: जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज | दिल्ली समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को जेएनयू के पूर्व छात्र नेता की जमानत याचिका खारिज कर दी उमर खालिद सुनियोजित साजिश से जुड़े मामले में उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने इसे तीन बार टालने के बाद आदेश सुनाया। खालिद को मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथा��� अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया था कि खालिद कथित तौर पर दंगों में…
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दिल्ली हिंसा मामला : जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम के खिलाफ सुनवाई कल
दिल्ली हिंसा मामला : जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम के खिलाफ सुनवाई कल
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उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में गिरफ्तार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत सोमवार को पूरी हो रही है। इन दोनों को आज सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत इन दोनों के…
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JNU Case: कन्हैया-उमर खालिद पर दाखिल चार्जशीट पर आज फैसला सुनाएगा कोर्ट - Jnu case chargesheet kanhaiya kumar umar khalid delhi police patiala house court updates
राजधानी दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) में फरवरी, 2016 में नारों के मामले में पुलिस ने अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में JNU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य समेत कुल 10 आरोपियों का नाम है. 1200 पन्नों की इस चार्जशीट के संज्ञान पर आज पटियाला हाउस कोर्ट फैसला करेगा.
बता दें कि ये मामला 9 फरवरी, 2016 में जेएनयू में लगे देशविरोधी नारों का है. हालांकि, पुलिस की ओर से कहा गया है कि देशविरोधी नारे सिर्फ 7 कश्मीरी छात्रों ने लगाए थे. इन छात्रों के संपर्क में उमर खालिद भी था. आपको बता दें कि चार्जशीट में उमर खालिद और कन्हैया कुमार का नाम आने के बाद तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी शुरू हो गई हैं.
‘चुनाव से पहले मुद्दे से भटकाया जा रहा ��ै’
कन्हैया कुमार ने भी मोदी सरकार पर लोकसभा चुनाव से पहले मुद्दे को भटकाने का आरोप लगाया. शाहिला रशीद ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा. पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट को हास्यास्पद बताया. उन्होंने कहा कि अगर राजद्रोह का आरोप लगाने में 3 साल और 1200 पन्ने लगते हैं तो ये सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है.
अगर राजद्रोह का आरोप लगाने में 3 साल और 1200 पेज लगते हैं (सार्वजनिक भाषण के आधार पर), तो यह अकेले ही सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करता है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 15, 2019
शाहिला और अपराजिता का भी नाम
देशद्रोही नारा लगाने वालों पर IPC की धारा 124A, 147, 149 और 120B के तहत मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि कन्हैया कुमार के खिलाफ देशविरोधी नारे लगाने के सबूत नहीं मिले हैं, हालांकि उनपर नारा लगाने वालों का समर्थन करने का आरोप है. इस चार्जशीट में छात्र नेता शाहिला रशीद और CPI सांसद डी. राजा की बेटी अपराजिता का भी नाम है.
पुलिस ने चार्जशीट में जानबूझ कर चोट पहुंचाना, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज का उपयोग करना, गैरकानूनी रूप से इकट्ठे होना, दंगा और आपराधिक षड्यंत्र रचने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं.
कन्हैया कुमार और खालिद ने लोकसभा चुनाव से पहले आरोप-पत्र दाखिल करने पर सवाल करते हुए कहा कि पुलिस कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और नरेंद्र मोदी की BJP सरकार द्वारा ध्यान भटकाने के लिए रची गई साजिश है.
गौरतलब है कि 9 फरवरी, 2016 को संसद भवन हमले के मुख्य साजिशकर्ता अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरुद्ध जेएनयू परिसर में कार्यक्रम किया गया था. जिसके बाद एक वीडियो सामने आया था, जिसमें देशविरोधी नारे लगने का मामला सामने आया था.
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DU में गाये गए कश्मीर की आजादी के नारे..........
ल ही में डीयू (दिल्ली यूनिवर्सिटी) में हिंसक प्रदर्शनों का मामला सामने आया है जिसमें डीयू के नॉर्थ कैंपस में बीते मंगलवार को प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित तौर पर कश्मीर की आजादी के पक्ष में नारे लगाये गए। इतना ही नहीं, इससे जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस पूरे वीडियो में प्रदर्शनकारी कश्मीर की आजादी के नारे लगाते दिख रहे हैं।
Just received this video clip of ultra left protest inside Ramjas College. Slogan is: ‘Hum Kya Chahte Azadi, Kashmir Maange Azadi’. Tragic. pic.twitter.com/9KF0eDqNxX
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) February 22, 2017
सूत्रों की मानें तो प्रदर्शनकारियों में शामिल अधिकतर का कहना है कि एबीवीपी के सदस्यों ने हिंसा की शुरुआत की। बीते मंगलवार को हुए इस संघर्ष में कम से कम 30 लोग घायल हुए हैं जिसमें एक प्रोफेसर, 10 पुलिसवालें और कई पत्रकार शामिल हैं। एबीवीपी ने इस पूरी घटना में अपनी भूमिका होने से खारिज किया है।
इस पूरी घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने कई अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिसवालों से मारपीट करने और दंगा करने का मामला दर्ज कर दिया है। यह पूरा वाक्या तब हुआ जब रामजस कॉलेज के स्टूडेंट्स ने डीयू स्टूडेंट यूनियन व बीजेपी की स्टूडेंट विंग एबीवीपी के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया। मुख्य कारण यह भी बताया जा रहा है कि प्रदर्शन इसलिए हुआ क्योंकि इन दोनों ने एक सेमिनार के आयोजन में बाधा पहुंचाई। पिछले साल देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार हुए उमर खालिद भी इस सेमिनार में शामिल होने वाले थे।
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दिल्ली के रामजस कॉलेज में हिंसा असहिष्णुता का उदाहरण : माकपा has been published on PRAGATI TIMES
दिल्ली ��े रामजस कॉलेज में हिंसा असहिष्णुता का उदाहरण : माकपा
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी के रामजस कॉलेज परिसर में हुई हिंसा को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने ‘केंद्र सरकार की मशीनरी समर्थित हिंसक अहिष्णुता’ करार देते हुए गुरुवार को हमले में शामिल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं और केंद्र सरकार की पुलिस की मौन सहमति के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित एबीवीपी और वामपंथी ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (एआईएसए) के बीच बुधवार को हुई झड़प में एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह हिंसा एबीवीपी द्वारा एक सेमिनार को रोके जाने के एक दिन बाद हुई। सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद अपने विचार रखने वाले थे। खालिद को पिछले साल ‘राजद्रोह’ के मामले में जेल में बंद किया गया था। पुलिस ने दंगा भड़काने और सरकारी कर्मचारियों पर हमले का आरोप लगाते हुए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। माकपा ने कहा, “एबीवीपी के गुंडों ने कालेज परिसर में हिंसा की और केंद्र की दिल्ली पुलिस ने उनकी मदद की, जो निंदनीय है।” पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, “यह संयुक्त रूप से आरएसएस-भाजपा की सरकारी मशीनरी समर्थित हिंसक असहिष्णुता का शर्मनाक उदाहरण है और इसकी शाखाएं खास तौर से विश्वविद्यालयों में सभी तरह के लोकतांत्रिक प्रदर्शनों के खिलाफ हैं।” बयान में कहा गया, “केंद्र सरकार की दिल्ली पुलिस ने एबीवीपी के गुंडों के लिए सुविधाप्रदाता की शर्मनाक भूमिका निभाई। पुलिस प्रदर्शनकारियों पर पत्थर फेंके जाने के दौरान मूकदर्शक बनी खड़ी रही।”
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दिल्ली के रामजस कॉलेज में हिंसा असहिष्णुता का उदाहरण : माकपा has been published on PRAGATI TIMES
दिल्ली के रामजस कॉलेज में हिंसा असहिष्णुता का उदाहरण : माकपा
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी के रामजस कॉलेज परिसर में हुई हिंसा को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने ‘केंद्र सरकार की मशीनरी समर्थित हिंसक अहिष्णुता’ करार देते हुए गुरुवार को हमले में शामिल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं और केंद्र सरकार की पुलिस की मौन सहमति के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित एबीवीपी और वामपंथी ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (एआईएसए) के बीच बुधवार को हुई झड़प में एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह हिंसा एबीवीपी द्वारा एक सेमिनार को रोके जाने के एक दिन बाद हुई। सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद अपने विचार रखने वाले थे। खालिद को पिछले साल ‘राजद्रोह’ के मामले में जेल में बंद किया गया था। पुलिस ने दंगा भड़काने और सरकारी कर्मचारियों पर हमले का आरोप लगाते हुए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। माकपा ने कहा, “एबीवीपी के गुंडों ने कालेज परिसर में हिंसा की और केंद्र की दिल्ली पुलिस ने उनकी मदद की, जो निंदनीय है।” पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, “यह संयुक्त रूप से आरएसएस-भाजपा की सरकारी मशीनरी समर्थित हिंसक असहिष्णुता का शर्मनाक उदाहरण है और इसकी शाखाएं खास तौर से विश्वविद्यालयों में सभी तरह के लोकतांत्रिक प्रदर्शनों के खिलाफ हैं।” बयान में कहा गया, “केंद्र सरकार की दिल्ली पुलिस ने एबीवीपी के गुंडों के लिए सुविधाप्रदाता की शर्मनाक भूमिका निभाई। पुलिस प्रदर्शनकारियों पर पत्थर फेंके जाने के दौरान मूकदर्शक बनी खड़ी रही।”
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दिल्ली के रामजस कॉलेज में हिंसा असहिष्णुता का उदाहरण : माकपा has been published on PRAGATI TIMES
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नई दिल्ली, (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी के रामजस कॉलेज परिसर में हुई हिंसा को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने ‘केंद्र सरकार की मशीनरी समर्थित हिंसक अहिष्णुता’ करार देते हुए गुरुवार को हमले में शामिल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं और केंद्र सरकार की पुलिस की मौन सहमति के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित एबीवीपी और वामपंथी ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (एआईएसए) के बीच बुधवार को हुई झड़प में एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह हिंसा एबीवीपी द्वारा एक सेमिनार को रोके जाने के एक दिन बाद हुई। सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद अपने विचार रखने वाले थे। खालिद को पिछले साल ‘राजद्रोह’ के मामले में जेल में बंद किया गया था। पुलिस ने दंगा भड़काने और सरकारी कर्मचारियों पर हमले का आरोप लगाते हुए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। माकपा ने कहा, “एबीवीपी के गुंडों ने कालेज परिसर में हिंसा की और केंद्र की दिल्ली पुलिस ने उनकी मदद की, जो निंदनीय है।” पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, “यह संयुक्त रूप से आरएसएस-भाजपा की सरकारी मशीनरी समर्थित हिंसक असहिष्णुता का शर्मनाक उदाहरण है और इसकी शाखाएं खास तौर से विश्वविद्यालयों में सभी तरह के लोकतांत्रिक प्रदर्शनों के खिलाफ हैं।” बयान में कहा गया, “केंद्र सरकार की दिल्ली पुलिस ने एबीवीपी के गुंडों के लिए सुविधाप्रदाता की शर्मनाक भूमिका निभाई। पुलिस प्रदर्शनकारियों पर पत्थर फेंके जाने के दौरान मूकदर्शक बनी खड़ी रही।”
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