#ईंधन का उपयोग
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Cycle ka Avishkar Kisne Kiya | साइकिल का आविष्कार किसने किया
इस पोस्ट में आप जानेंगे कि Cycle ka Avishkar Kisne Kiya। पहले के जमाने में दुनिया की सारी आबादी साइकिल का इस्तेमाल करती थी। एक साइकिल परिवहन का एक किफायती, स्वच्छ रूप है। साइकिल का उपयोग करने के लिए किसी पेट्रोल की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, आधुनिक युग में बहुत कम लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। बाइक, कार और अन्य वाहनों के नए मॉडल हाल ही में बाजार में आए हैं, लेकिन पहला आधुनिक वाहन साइकिल था। क्योंकि आधुनिक ऑटोमोबाइल ईंधन और डीजल पर चलते हैं, जो हवा को प्रदूषित करते हैं, पूरी दुनिया अब वायु प्रदूषण से जूझ रही है। हालाँकि, साइकिल परिवहन का एक रूप है जो पर्यावरण को नष्ट नहीं करता है और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। दूसरी ओर, इलेक्ट्रॉनिक वाहन, हाल ही में विकसित किए गए हैं और किसी भी वायु प्रदूषण में योगदान नहीं करते हैं। आपने कभी न कभी बाइक के पैडल जरूर मारे होंगे। आप सोच रहे होंगे कि इस समय साइकिल का आविष्कार किसने किया था। हमारे लिए साइकिल का आविष्कार किसने किया का वर्णन करें।
साइकिल का आविष्कार किसने किया था
साइकिल बनाने का श्रेय जर्मन वन अधिकारी कार्ल वॉन ड्रैस को जाता है। करीब 200 साल पहले 1817 में इतिहास की पहली साइकिल बनाई गई थी। साइकिल के अलावा, कार्ल वॉन ड्रैस यूरोप के बिडेर्मियर युग के एक प्रसिद्ध आविष्कारक थे जिन्होंने कई अन्य वस्तुओं का भी निर्माण किया। कीबोर्ड के साथ पहला टाइपराइटर, सामान ले जाने के लिए साइकिल, 16-कैरे��्टर स्टेनोग्राफ मशीन, दुनिया की पहली मांस की चक्की, और 1812 में कागज पर पियानो संगीत लिखने के लिए एक उपकरण। कार्ल वॉन ड्रेस भी मान्यता के पात्र हैं।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मैनहेम और रेनौ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किमी का सफर तय कर सकती है।
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Bulb ka Avishkar Kisne Kiya ThaTrain ka Avishkar Kisne Kiya Radio ka Avishkar Kisne Kiya
साइकिल का आविष्कार कैसे और कब हुआ
इंडोनेशिया में माउंट टैम्बोरा ज्वालामुखी ने वर्ष 1815 में एक विशाल विस्फोट देखा, जिसका उत्तरी गोलार्ध के राष्ट्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। नतीजतन, दुनिया भर के तापमान में महत्वपूर्ण गिरावट आई, उत्तरी गोलार्ध में फसलों पर सबसे खराब प्रभाव पड़ा। अकाल जैसी स्थितियों के उद्भव के परिणामस्वरूप कई पालतू जानवरों की मृत्यु हो गई, क्योंकि उस समय उनका उपयोग लोगों और वस्तुओं के परिवहन के लिए किया जाता था। उनके आसन्न निधन के कारण, साइकिल को पालतू जानवरों का सामान ले जाने के विकल्प के रूप में बनाया गया था।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मैनहेम और राइनाउ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किलोमीटर का सफर तय कर सकती थी।
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क्या अडानी हसदेव परियोजना भारत की ऊर्जा क्रांति का भविष्य है?
अडानी ग्रुप ने हसदेव कोयला खदान परियोजना की शुरुआत इस उद्देश्य से की है कि यह क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सके। भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट और 2035 तक 1 टेरावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। इस दिशा में, हसदेव परियोजना जैसे कोयला खनन प्रोजेक्ट्स पर निर्भरता बनी हुई है, जो जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा की ओर संक्रमण में एक चुनौती प्रस्तुत करते हैं।
https://hindi.newsinheadlines.com/is-the-adani-hasdev-project-the-future-of-indias-energy-revolution/
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what is the connection between speed and fuel
what is the connection between speed and fuel
The fuel consumption increases in low gears and with speed. Thus, at constant speed on a flat road, the lowest fuel consumption is obtained at the minimum speed possible on the highest gear.29 Sept 2017
Relation between speed and fuel consumption.
ResearchGate
https://www.researchgate.net › figure › Relation-betwee...
Context 1
... with CI = 0 that gives the minimum fuel consumption for a given flight distance. v MEC is assumed to be the minimum operational airspeed, which minimizes the fuel consumption over a given flight time. v eq is the minimum airspeed yielding the same fuel consumption as flying at v ECON , which is explored by Delgado and Prats [13]. As shown in Fig. 2, for all cruise speeds between v eq and v ECON , the amount of fuel consumption is the same or lower than the nominal flight. The three airspeed mentioned above can be obtained by solving the following optimization ...
. Most existing research focuses on achievable delays using speed control for a single aircraft. [7][8][9] In the authors' previous study, 17) the achievable delay acceptable for all flights flying on the same route and its compliance rate were statistically analyzed based on past actual flight data. The prior work focused on the international arrivals at Tokyo International Airport, because the metering time is to be assigned to international flights and combined with ground delays assigned to domestic flights for the initial implementations in Japan. ...
... We also investigate the potential benefit of saving fuel using speed control. Although only the delay by reducing speed was considered in our previous study 17) and existing research, [7][8][9] the negative delay, corresponding to early flyover, by increasing speed is also analyzed in this study because time-based metering operations are not limited to delays. Moreover, this study considers increasing the achievable delay and its compliance rate using flight-level change in addition to speed control. ...
... Then, a single Mach number value corresponding to v ECON is estimated using the linear least-squares method. In our previous work, 17) the accuracy of airspeed estimation was demonstrated by comparing the actual airspeed from an airborne flight recorder and the estimated airspeed. (See Matsuno and Andreeva-Mori 17) for a more detailed discussion.) ..
Be it speed or fuel, both mean burning
Ash burns, water also burns, only then the journey of smoke, clouds and rain takes place
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गति और ईंधन में संपर्क क्या है
कम गियर में और गति के साथ ईंधन की खपत बढ़ जाती है। इस प्रकार, एक सपाट सड़क पर निरंतर गति पर, उच्चतम गियर पर संभव न्यूनतम गति पर सबसे कम ईंधन की खपत प्राप्त होती है। 29 सितंबर 2017
गति और ईंधन की खपत के बीच संबंध।
रिसर्चगेट
https://www.researchgate.net › चित्र › संबंध-बीटवी...
संदर्भ 1
... CI = 0 के साथ जो किसी दी गई उड़ान दूरी के लिए न्यूनतम ईंधन की खपत देता है। v MEC को न्यूनतम परिचालन हवाई गति माना जाता है, जो किसी दिए गए उड़ान समय में ईंधन की खपत को कम करता है। v eq न्यूनतम हवाई गति है जो v ECON पर उड़ान भरने के समान ईंधन की खपत देती है, जिसे डेलगाडो और प्रैट [13] द्वारा खोजा गया है। जैसा कि चित्र 2 में दिखाया गया है, v eq और v ECON के बीच सभी क्रूज गति के लिए, ईंधन की खपत की मात्रा नाममात्र उड़ान के समान या उससे कम है। ऊपर उल्लिखित तीन हवाई गति निम्नलिखित अनुकूलन को हल करके ��्राप्त की जा सकती हैं ...
अधिकांश मौजूदा शोध एकल विमान के लिए गति नियंत्रण का उपयोग करके प्राप्त करने योग्य देरी पर केंद्रित हैं। [७][८][९] लेखकों के पिछले अध्ययन में, १७) एक ही मार्ग पर उड़ान भरने वाले सभी उड़ानों के लिए स्वीकार्य प्राप्त करने योग्य देरी और इसकी अनुपालन दर का पिछले वास्तविक उड़ान डेटा के आधार पर सांख्यिकीय रूप से विश्लेषण किया गया था। पिछला कार्य टोक्यो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय आगमन पर केंद्रित था, क्योंकि मीटरिंग समय को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को सौंपा जाना है और जापान में प्रारंभिक कार्यान्वयन के लिए घरेलू उड़ानों को सौंपे गए ग्राउंड देरी के साथ जोड़ा जाना है। ...
... हम गति नियंत्रण का उपयोग करके ईंधन की बचत के संभावित लाभ की भी जांच करते हैं। यद्यपि हमारे पिछले अध्ययन १७) और मौजूदा शोध में केवल गति को कम करने से देरी पर विचार किया गया था, [७][८][९] इस अध्ययन में गति बढ़ाकर, जल्दी फ्लाईओवर के अनुरूप नकारात्मक देरी का भी विश्लेषण किया गया हमारे पिछले काम में, 17) हवाई उड़ान रिकॉर्डर से वास्तविक हवाई गति और अनुमानित हवाई गति की तुलना करके हवाई गति अनुमान की सटीकता का प्रदर्शन किया गया था। (अधिक विस्तृत चर्चा के लिए मात्सुनो और एंड्रीवा-मोरी 17 देखें) ..
गति हो या ईंधन हो दोनों का मतलब ही है जलना
राख भी जलता है पानी भी जलता है तब ही तो धुएं बादल और बरखा की सफर
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अनिल अंबानी का रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर: नई संभावनाओं की ओर
अनिल अंबानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर एक बार फिर चर्चा में है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी फॉरेन करेंसी कन्वर्टिबल बॉन्ड्स के प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए 350 मिलियन डॉलर यानी 3000 करोड़ रुप��े जुटाने की ��ोजना बना रही है। इस 3,000 करोड़ रुपये का उपयोग भारतीय बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा, इसके अलावा कंपनी नए व्यवसायों में निवेश करने की योजना भी बना रही है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने नए व्यवसायों में प्रवेश के लिए 5 नई कंपनियों की स्थापना की है। इन कंपनियों के नाम हैं रिलायंस ईवी प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस रिसी प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस जय प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस जय ऑटो प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस अनलिमिट प्राइवेट लिमिटेड। ये नई कंपनियां इलेक्ट्रिक पावर जेनरेशन, सूचना प्रौद्योगिकी परामर्श, बुनियादी ढांचे और ईंधन परिवहन के लिए वाहनों के निर्माण के व्यवसाय में काम करेगी।
पिछले वित्तीय वर्ष में, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ एक ऋण निपटान समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, समझौते के तहत कंपनी ने जेसी फ्लावर्स को 1347 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। इन सकारात्मक घटनाक्रमों के चलते रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के शेयरों में नई खरीदारी देखने को मिल रही है। कंपनी के शेयरों में पिछले 2 हफ़्तों में 25% से भी ज्यादा की तेजी देखने को मिली है।
अनिल अंबानी का यह कदम न केवल उनकी कंपनी के लिए बल्कि पूरे उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनकी योजना न केवल पुराने कर्ज को चुकाने की है बल्कि नए और उभरते हुए व्यवसायों में निवेश करके भविष्य के लिए संभावनाओं को मजबूत करना भी है। इलेक्ट्रिक वाहनों और सूचना प्रौद्योगिकी में उनका यह निवेश भविष्य में पर्यावरण के अनुकूल और तकनीकी रूप से उन्नत समाधानों की ओर संकेत करता है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की यह रणनीति कंपनी को एक नई दिशा में ले जा सकती है, जिससे न केवल वित्तीय स्थिरता प्राप्त होगी बल्कि नए व्यवसायों में भी सफलता मिलेगी। अनिल अंबानी का यह प्रयास कंपनी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन सभी घटनाक्रमों से यह स्पष्ट है कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर एक बार फिर से मजबूती की ओर बढ़ रही है और अनिल अंबानी की नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता का एक बार फिर से प्रमाण दे रही है।
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Khan Global Studies द्वारा UPSC के लिए दैनिक सामयिकी
Khan Global Studies में आपका स्वागत है। आज हम आपके लिए 19 जून 2024 की महत्वपूर्ण सामयिकी लेकर आए हैं, जो UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
1. जी20 शिखर सम्मेलन
इस वर्ष का जी20 शिखर सम्मेलन Brazil में आयोजित किया गया। इस शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय "वैश्विक अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन" था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन में भाग लिया और विभिन्न वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं कीं।
2. भारत का पहला जलवायु परिवर्तन संग्रहालय
भारत का पहला जलवायु परिवर्तन संग्रहालय गुजरात के गांधीनगर में खोला गया। इस संग्रहालय का उद्देश्य लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करना और इसके प्रभावों के बारे में जानकारी देना है।
3. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने हाल ही में एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें जलवायु परिवर्तन को एक मानवाधिकार मुद्दे के रूप में मान्यता दी गई है। इस प्रस्ताव का समर्थन भारत सहित कई देशों ने किया।
4. बायोफ्यूल नीति 2024
भारत सरकार ने नई बायोफ्यूल नीति 2024 की घोषणा की है। इस नीति का उद्देश्य जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देना है ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके और आयातित पेट्रोलियम पर निर्भरता कम हो सके।
5. नाबार्ड की नई योजना
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण और सिंचाई परियोजनाओं के लिए नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे अपनी खेती को बेहतर बना सकें।
6. अंतरिक्ष अनुसंधान
इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने एक नई उपग्रह प्रणाली का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है। इस उपग्रह का उद्देश्य पृथ्वी के पर्यावरण और जलवायु पर नजर रखना है।
7. अर्थव्यवस्था और वित्त
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में मौद्रिक नीति की समीक्षा की है। आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है ताकि बाजार में तरलता बढ़ाई जा सके और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
8. खेल
भारतीय क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2024 के फाइनल में पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने अपनी श्रेष्ठता स्थापित की है।
9. पर्यावरण
भारत में एक नई पहल के तहत 'मि��न हरियाली' शुरू किया गया है। इस मिशन का उद्देश्य देश भर में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और वनों की कटाई को रोकना है।
10. स्वास्थ्य
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नई स्वास्थ्य योजना की घोषणा की है जिसके तहत गरीब और व��चित वर्गों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
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बजाज CNG टू-व्हीलर्स: पर्यावरण के लिए उत्कृष्ट और किफायती वाहन
बजाज ऑटो, जो कि भारत की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है, ने अपने नवाचारों के माध्यम से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हाल ही में, कंपनी ने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए CNG (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) टू-व्हीलर्स लॉन्च किए हैं। ये वाहन न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए किफायती भी हैं।
पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व
बजाज CNG टू-व्हीलर्स के लॉन्च का प्रमुख उद्देश्य पर्यावरण को सुरक्षित और स्वच्छ बनाना है। पेट्रोल और डीजल की तुलना में, CNG एक स्वच्छ ईंधन है जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है। CNG वाहन चलाने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
कम प्रदूषण: CNG वाहनों से निकलने वाले हानिकारक गैसों की मात्रा पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में कम होती है।
कम कार्बन फुटप्रिंट: ये वाहन कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद करते हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को कम किया जा सकता है।
स्वच्छ ईंधन: CNG को जलाने पर कम हानिकारक उपोत्पाद उत्पन्न होते हैं, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है।
किफायती समाधान
बजाज CNG टू-व्हीलर्स न केवल पर्यावरण के लिए अच्छे हैं, बल्कि ये किफायती भी हैं।
ईंधन की लागत में बचत: CNG की कीमत पेट्रोल और डीजल से कम होती है, जिससे वाहन चालकों को ईंधन की लागत में बचत होती है।
उच्च माईलेज: CNG वाहनों का माईलेज पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में अधिक होता है, जिससे लंबी दूरी तय करने पर कम खर्च आता है।
कम मेंटेनेंस: CNG इंजन के साथ आने वाले टू-व्हीलर्स में मेंटेनेंस की जरूरत कम होती है, जिससे लंबे समय तक उपयोग करने पर भी कम खर्च होता है।
उपयोगकर्ताओं के लिए लाभ
बजाज CNG टू-व्हीलर्स उपयोगकर्ताओं को कई प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं:
सुलभता: बजाज के विस्तृत डीलरशिप और सर्विस नेटवर्क के चलते, CNG टू-व्हीलर्स की सर्विस और मेंटेनेंस करना आसान है।
आरामदायक राइड: बजाज CNG टू-व्हीलर्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे आरामदायक राइड अनुभव प्रदान करते हैं।
भरोसेमंद: बजाज की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता के कारण, ये वाहन मजबूत और दीर्घकालिक उपयोग के लिए उपयुक्त हैं।
निष्कर्ष
बजाज CNG टू-व्हीलर्स का लॉन्च भारतीय बाजार में एक महत्वपूर्ण कदम है जो पर्यावरण की सुरक्षा और उपयोगकर्ताओं के लिए किफायती परिवहन समाधान प्रदान करता है। यह पहल न केवल वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित होगी। पर्यावरण की सुरक्षा और आर्थिक बचत को ध्यान में रखते हुए, बजाज CNG टू-व्हीलर्स को अपनाना एक समझदारी भरा कदम है।
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PSLV-C58 मिशन
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की प्रौद्योगिकी विकास निधि (TDF) योजना के तहत विकसित एक हरित प्रणोदन प्रणाली ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)- C58 मिशन द्वारा लॉन्च किये गए पेलोड पर ऑर्बिट में कार्यक्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।यह भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिये एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह देश की रक्षा क्षमताओं में वृद्धि के लिये हरित तथा स्वदेशी प्रौद्योगिकियों की दक्षता को प्रदर्शित करता है।TDF रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसे रक्षा तथा एयरोस्पेस, विशेषकर स्टार्टअप एवं MSME में नवाचार के वित्तपोषण के लिये "मेक इन इंडिया" पहल के तहत DRDO द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। PSLV-C58 मिशन - ISRO के PSLV-C58 ने 1 जनवरी, 2024 को एक एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह (X-ray Polarimeter Satellite- XPoSat) को पूर्व की ओर कम झुकाव वाली कक्षा में लॉन्च किया। - XPoSat आकाशीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन के अंतरिक्ष-आधारित ध्रुवीकरण माप में अनुसंधान करने वाला ISRO का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है। - इस मिशन का उद्देश्य तीव्र एक्स-रे स्रोतों के ध्रुवीकरण की जाँच करना है। - एक्स-रे, 0.01-10 नैनोमीटर की तरंग दैर्ध्य के साथ, लंबवत विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों द्वारा विशेषता विद्युत चुंबकीय विकिरण हैं। - एक्स-रे ध्रुवीकरण को मापना, खगोलविदों को खगोलीय पिंडों में चुंबकीय क्षेत्र अभिविन्यास और शक्तियों का अध्ययन करने में सहायता करता है, जो पल्सर, ब्लैक होल क्षेत्रों तथा अन्य एक्स-रे-उत्सर्जक ब्रह्मांडीय घटनाओं को समझने के लिये महत्त्वपूर्ण है। हरित प्रणोदन प्रणाली - हरित प्रणोदन प्रणाली को बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (विकास एजेंसी) द्वारा विकसित किया गया था। - यह परियोजना के तहत ऊँचाई नियंत्रण तथा सूक्ष्म उपग्रहों की कक्षा के अनुवीक्षण के लिये 1N क्लास ग्रीन मोनोप्रोपेलेंट का उपयोग किया जाता है। - इस प्रणाली में स्वदेशी रूप से विकसित प्रणोदक, फिल एंड ड्रे�� वाल्व, लैच वाल्व, सोलनॉइड वाल्व, उत्प्रेरक सतह (catalyst bed), ड्राइव इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं। - इस नवोन्मेषी तकनीक के परिणामस्वरूप कम कक्षा वाले स्थान के लिये एक गैर विषैले और पर्यावरण-अनुकूल प्रणोदन प्रणाली का निर्माण हुआ है, जो पारंपरिक हाइड्राज़िन (hydrazine)- आधारित प्रणोदन प्रणालियों के विपरीत है जो खतरनाक तथा प्रदूषणकारी हैं। - यह प्रणाली उच्च प्रणोद आवश्यकताओं वाले अंतरिक्ष अभियानों के लिये आदर्श है। प्रणोदन प्रणाली - प्रणोदन का अर्थ है किसी वस्तु को आगे की ओर धकेलना या चलाना। प्रणोदन प्रणाली एक मशीन है जो किसी वस्तु को आगे धकेलने के लिये बल उत्पन्न करती है। - प्रणोदक एक ऐसा पदार्थ है जिसे बल पैदा करने के लिये निष्कासित या विस्तारित किया जाता है। प्रणोदक गैस, तरल या ठोस हो सकते हैं। - रॉकेट में, प्रणोदक रासायनिक मिश्रण होते हैं जो बल उत्पन्न करते हैं। इनमें ईंधन और एक ऑक्सीडाइज़र होता है। - भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भविष्य के रॉकेट और उपग्रह प्रणोदन प्रणालियों में उपयोग के लिये हरित प्रणोदक विकसित कर रहा है। - इसरो ने प्रयोगशाला स्तर पर ईंधन के रूप में ग्लाइसीडिल एज़ाइड पॉलिमर (GAP) और ऑक्सीडाइज़र के रूप में अमोनियम डी-नाइट्रामाइड (ADN) पर आधारित एक पर्यावरण-अनुकूल ठोस प्रणोदक विकसित करके शुरुआत की है, जो रॉकेट इंजनों से क्लोरीनयुक्त निकास उत्पादों के उत्सर्जन को समाप्त कर देगा। Read the full article
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Hydrogen
hydrogen
Hydrogen is a substance which is found everywhere in our entire solar system.
Hydrogen is present in the largest quantity in the entire universe
Most of the hydrogen is held hostage by the stars.
there hydrogen has its own freedom
For example, 70 percent of our sun is only hydrogen.
Hydrogen always continues its fusion in the sun.
What is this characteristic of hydrogen?
Hydrogen is an atomic-numbered chemical element 1. Hydrogen is a colourless, odourless, non-metallic, tasteless, extremely flammable diatomic gas with molecular formula H2 at standard temperature and pressure.21 Jul 2020
What is hydrogen and its uses?
Hydrogen has many actual and potential uses
Hydrogen is currently used in industrial processes, as rocket fuel, and in fuel cells for electricity generation and powering vehicles. Operators of several natural gas-fired power plants are exploring the use of hydrogen to supplement or replace natural gas.23 Jun 2023
How is hydrogen used for life?
Without hydrogen we wouldn't have the Sun to give us heat and light. There would be no useful organic compounds to form the building blocks of life. And that most essential substance for life's existence, water, would not exist.
How is hydrogen useful to humans?
The most important function of hydrogen in the human body is to keep you hydrated. Water is made up of hydrogen and oxygen and is absorbed by the cells of the body. Therefore, it is a crucial element which is used not in our body but also as a fuel, in military weapons etc.26 Oct 2017
How to make hydrogen?
The two most common methods for producing hydrogen are steam-methane reforming and electrolysis (splitting water with electricity). Researchers are exploring other hydrogen production methods, or pathways.23 Jun 2023
Is hydrogen used in everyday life?
Hydrogen can be used to power vehicles, generate electricity, power industry and heat our homes and businesses. It could make a huge difference on our carbon emissions and will be critical to achieving net zero.23 Feb 2023
What is the formula for hydrogen?
H 2
Hydrogen is a chemical element; it has symbol H and atomic number 1. It is the lightest element and, at standard conditions, is a gas of diatomic molecules with the formula H 2. It is colorless, odorless, tasteless, non-toxic, and highly combustible.
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हाइड्रोजन
हाइड्रोजन एक ऐसी उपादान है जिसे हमारी इस संपूर्ण सौरमंडल की हर ओर विद्यमान मिलते है
हाइड्रोजन पूरे ब्र��्माण्ड में सबसे अधिक मात्रा में मौजूद है
ज्यादेतर हाइड्रोजन नक्षत्रों का बंधक होता है
वहाँ हाइड्रोजन का अपना स्वाधीनता होता है
जैसे हमारा सूरज का 70 प्रतिशत सिर्फ हाइड्रोजन ही होता है
सूरज में हाइड्रोजन में हमेशा अपना फ्यूजन जारी रहता है
यह हाइड्रोजन का चारित्रिक वैशिष्ट क्या है
हाइड्रोजन एक परमाणु क्रमांकित रासायनिक तत्व है 1. हाइड्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन, गैर-धात्विक, स्वादहीन, मानक तापमान और दबाव पर आणविक सूत्र H2 के साथ अत्यंत ज्वलनशील डायटोमिक गैस है। 21 जुलाई 2020
हाइड्रोजन क्या है और इसके उपयोग?
हाइड्रोजन के कई वास्तविक और संभावित उपयोग हैं
वर्तमान में हाइड्रोजन का उपयोग औद्योगिक प्रक्रियाओं में, रॉकेट ईंधन के रूप में, और बिजली उत्पादन और वाहनों को बिजली देने के लिए ईंधन कोशिकाओं में किया जाता है। कई प्राकृतिक गैस से चलने वाले बिजली संयंत्रों के संचालक प्राकृतिक गैस के पूरक या प्रतिस्थापन के लिए हाइड्रोजन के उपयोग की खोज कर रहे हैं। 23 जून 2023
जीवन के लिए हाइड्रोजन का उपयोग कैसे किया जाता है?
हाइड्रोजन के बिना हमारे पास गर्मी और प्रकाश देने के लिए सूर्य नहीं होता। जीवन के निर्माण खंडों को बनाने के लिए कोई उपयोगी कार्बनिक यौगिक नहीं होंगे। और जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे आवश्यक पदार्थ, पानी, अस्तित्व में नहीं रहेगा।
हाइड्रोजन मनुष्य के लिए किस प्रकार उपयोगी है?
मानव शरीर में हाइड्रोजन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य आपको हाइड्रेटेड रखना है। पानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना होता है और शरीर की कोशिकाओं द्वारा अवशोषित होता है। इसलिए, यह एक महत्वपूर्ण तत्व है जिसका उपयोग हमारे शरीर में नहीं बल्कि ईंधन के रूप में, सैन्य हथियारों आदि में भी किया जाता है।26 अक्टूबर 2017
हाइड्रोजन कैसे बनाएं?
हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए दो सबसे आम तरीके भाप-मीथेन सुधार और इलेक्ट्रोलिसिस (बिजली के साथ पानी को विभाजित करना) हैं। शोधकर्ता अन्य हाइड्रोजन उत्पादन विधियों या मार्गों की खोज कर रहे हैं। 23 जून 2023
क्या हाइड्रोजन का उपयोग रोजमर्रा की जिंदगी में किया जाता है?
हाइड्रोजन का उपयोग वाहनों को बिजली देने, बिजली उत्पन्न करने, बिजली उद्योग और हमारे घरों और व्यवसायों को गर्म करने के लिए किया जा सकता है। यह हमारे कार्बन उत्सर्जन पर बड़ा अंतर डाल सकता है और शुद्ध शून्य हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। 23 फरवरी 2023
हाइड्रोजन का सूत्र क्या है?
एच 2
हाइड्रोजन एक रासायनिक तत्व है; इसका प्रतीक H और परमाणु संख्या 1 है। यह सबसे हल्का तत्व है और, मानक स्थितियों में, सूत्र H 2 के साथ द्विपरमाणुक अणुओं की एक गैस है। यह रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, गैर विषैला और अत्यधिक दहनशील है।
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handover - Delhi-NCR में बढ़ते व्यापार का एक माध्यम
Delhi-NCR में व्यवसाय हमेशा अच्छे Delivery Partner की तलाश में रहते हैं। handover एक विश्वसनीय Delivery Partner है जो व्यवसायों को उनके ग्राहकों से जोड़ने में मदद करता है। यह ग्राहकों तक सामान सुरक्षित रूप से पहुंचाने में मदद करता है जिससे वे व्यवसाय से जुड़ जाते हैं।
पर कैसे handover Delhi-एनसीआर के व्यवसायों की मदद करता है?
व्यवसायों को बढ़ाने के लिए उत्पादों और ग्राहकों तक उनकी Delivery का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। यह विश्वसनीय Delivery Partner Delhi-NCR में कई व्यवसायों की मदद करता है। जाने कैसे?
Cost-effective Delivery Services
handover व्यवसायों के लिए लागत बचाने में मदद करता है। व्यवसायों को केवल उनके द्वारा Deliver की गई Products के लिए भुगतान करना पड़ता है। मतलब व्यवसायों को Fixed Cost वाली Delivery Fleet रखने की कोई ज़रुरत नहीं हैं। यह Electric वाहनों का भी उपयोग करता है जिससे व्यवसायों को ईंधन पर लागत बचाने में भी मदद मिलती है। व्यवसाय इन लागतों का उपयोग अपनी कंपनी की आगे की योजना में कर सकते हैं।
बढ़ता है Customer Base
handover के पास दोपहिया, ट्रक जैसे Delivery Fleet मौजूद हैं। इसलिए, व्यवसायों को ग्राहक तक सामान पहुंचाने में आसानी होती है। चाहे वह किराने का सामान हो या अन्य उत्पाद, handover ग्राहक को समय पर उत्पाद पहुंचाने में मदद करता है। ग्राहकों को खुश रखने के लिए उत्पादों की सुरक्षित Delivery आवश्यक है। यह Delivery Partner ग्राहकों तक उत्पाद पहुंचाते समय सभी सुरक्षा नियमों का पालन करता है।
यदि आप Delhi-NCR में व्यवसाय चला रहे हैं और एक विश्वसनीय Delivery Partner चाहते हैं तो handover (handover Karo, Khush Raho) से संपर्क करें। यह provide करता है Delivery Services in Noida, Ghaziabad, Delhi और भारत के कई और प्रमुख शहरों में।
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Tata steel mou with bpcl - टाटा स्टील माइनिंग ने अपने जाजपुर संयंत्र में स्वच्छ ईंधन का उपयोग करने के लिए भारत पेट्रोलियम के साथ किया एमओय��, हरित क्रांति के लिए उपयोगी साबित होगा यह समझौता
जमशेदपुर : टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड (टीएसएमएल) ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के साथ जाजपुर, ओडिशा में स्थित अपने फेरो एलॉय प्लांट के लिए तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की दीर्घकालिक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. टीएसएमएल और बीपीसीएल के प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति में गुरुवार को यहां समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. एमओयू का…
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यूएस ड्रोन और रूस जेट क्रैश: जो हम अब तक जानते हैं | Russian jet crash and US drone: what is currently known;
यहाँ दुर्घटना के बारे में ज्ञात — और अनिश्चित — क्या है?
यह पहली बार नहीं है जब रूसी विमान काला सागर में अमेरिकी विमान के इतने करीब उड़े हैं कि इसने पेंटागन को चालक दल को जोखिम में डालने के लिए सार्वजनिक रूप से इस घटना की निंदा करने के लिए प्रेरित किया है।
जब एक रूसी लड़ाकू जेट मंगलवार को काला सागर के ऊपर एक बड़े अमेरिकी निगरानी ड्रोन से टकरा गया, तो यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर घटना थी जिसने अमेरिकी राजनयिक विरोध को भड़का दिया और इस संभावना के बारे में चिंता जताई कि रूस संवेदनशील तकनीक को पुनर्प्राप्त कर सकता है।
अमेरिकी और रूसी ��धिकारियों के पास MQ-9 रीपर ड्रोन और रूसी Su-27 फाइटर जेट के बीच टक्कर के परस्पर विरोधी खाते थे - प्रत्येक दूसरे को दोष दे रहे थे। लेकिन पेंटागन के एक प्रवक्ता ने संभावना जताई कि रक्षा विभाग अंततः टकराव के वीडियो को सार्वजनिक कर सकता है और जारी कर सकता है।
रक्षा अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन बरामद नहीं हुआ है। लेकिन पेंटागन ने यह कहने से इंकार कर दिया कि रीपर के मलबे या टुकड़ों को इकट्ठा ���रने के लिए कोई प्रयास चल रहा था या नहीं।
अमेरिका जो कहता है वह हुआ
पेंटागन और यू.एस. यूरोपियन कमांड ने कहा कि दो रूसी एसयू-27 विमानों ने एमक्यू-9 पर ईंधन डाला, जो अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में काला सागर के ऊपर एक नियमित निगरानी मिशन चला रहा था। उन्होंने कहा कि रूसी जेट ने 30 से 40 मिनट तक कई बार ड्रोन के सामने और आसपास उड़ान भरी, और फिर रूसी विमानों में से एक ने "MQ-9 के प्रोपेलर को टक्कर मार दी, जिससे अमेरिकी सेना को MQ-9 को नीचे लाना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय जल में। ”
अमेरिकी वायु सेना यूरोप और अफ्रीका के कमांडर, वायु सेना के जनरल जेम्स हेकर ने कहा कि रूसी जेट की कार्रवाई "लगभग दोनों विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण बनी। ” पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर। जनरल पैट राइडर ने कहा कि टक्कर की संभावना ने रूसी लड़ाकू जेट को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था, लेकिन सुखोई-27 उतरने में सक्षम था। वह यह नहीं कहेगा कि यह कहाँ उतरा।
पेंटागन ने कहा कि ड्रोन किसी भी यूक्रेनी क्षेत्र से "अच्छी तरह से स्पष्ट" था, लेकिन विवरण प्रदान नहीं किया। एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि यह काला सागर के ऊपर क्रीमिया के पश्चिम में काम कर रहा था। अधिकारी ने मिशन विवरण प्रदान करने के लिए नाम न छापने की शर्त पर बा�� की।
यह स्पष्ट नहीं है कि टक्कर एक दुर्घटना थी या जानबूझकर, लेकिन दोनों पक्ष सहमत हैं कि रूसी विमान ड्रोन को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
रूस जो कहता है वह हुआ
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यू.एस. ड्रोन रूसी सीमा के पास उड़ान भर रहा था और एक ऐसे क्षेत्र में घुसपैठ कर गया जिसे रूसी अधिकारियों ने सीमा से बाहर घोषित कर दिया था। इसने कहा कि रूसी सेना ने अमेरिकी ड्रोन को रोकने के लिए लड़ाकू विमानों को उतारा। इसने दावा किया कि "तेज युद्धाभ्यास के परिणामस्वरूप, यू.एस. ड्रोन ऊंचाई के नुकसान के साथ बेकाबू उड़ान में चला गया और पानी की सतह से टकरा गया। ”
रूस ने क्रीमिया के पास व्यापक क्षेत्रों को उड़ानों की सीमा से दूर घोषित कर दिया है। 2014 में क्रीमिया पर कब्ज़ा करने और पिछले साल रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने से बहुत पहले से, मास्को ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी निगरानी विमान रूस द्वारा जारी किए गए नोटिसों की अनदेखी करते हुए अपनी सीमाओं के बहुत करीब उड़ान भर रहे थे।
राष्ट्र नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र और जल में काम करते हैं, और कोई भी देश अपनी सीमा के बाहर क्षेत्र पर सीमा का दावा नहीं कर सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि रूसी विमानों को ड्रोन को रोकने के लिए उकसाया गया था, लेकिन उन्होंने अपने हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया और इसके साथ "संपर्क में नहीं आए"।
एमक्यू-9 रीपर क्या है?
MQ-9 रीपर वायु सेना का एक बड़ा मानव रहित विमान है जिसे दो व्यक्तियों की टीम द्वारा दूरस्थ रूप से संचालित किया जाता है। इसमें एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन और उपग्रह उपकरण शामिल हैं और इसमें 66-फुट (20-मीटर) विंगस्पैन है। टीम में एक रेटेड पायलट शामिल होता है जो विमान उड़ाने के लिए जिम्मेदार होता है और एक सूचीबद्ध एयरक्रू सदस्य होता है जिस पर सेंसर के संचालन और हथियारों का मार्गदर्शन करने का आरोप लगाया जाता है।
निगरानी और हवाई हमलों के लिए इराक और अफगानिस्तान युद्धों के दौरान नियमित रूप से उपयोग किया जाता है, रीपर या तो सशस्त्र या निहत्था हो सकता है। यह आठ लेजर-निर्देशित मिसाइलों को ले जा सकता है, जिसमें हेलफायर मिसाइल और अन्य परिष्कृत युद्ध सामग्री शामिल हैं, और लगभग 24 घंटों के लिए लक्ष्य पर आवारागर्दी कर सकता है। यह लगभग 36 फीट लंबा, 12 फीट ऊंचा है और इसका वजन लगभग 4,900 पाउंड (11 मीटर लंबा, 4 मीटर ऊंचा और 2,200 किलोग्राम) है। यह 50,000 फीट (15 किलोमीटर) की ऊंचाई पर उड़ सकता है और इसकी सीमा लगभग 1,400 समुद्री मील (2,500 किलोमीटर) है।
रीपर, जिसने पहली बार 2007 में काम करना ��ुरू किया था, ने वायु सेना के छोटे प्रीडेटर ड्रोन को बदल दिया। प्रत्येक रीपर की कीमत लगभग $32 मिलियन है.....
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मुख्यमंत्री ने कांग्रेस शासित राज्यों से हिमाचल की तर्ज पर इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने का आह्वान किया
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज छत्तीसगढ़ के रायपुर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ���लेक्ट्रिक वाहन नीति को सफलतापूर्वक लागू कर रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से डीजल और पेट्रोल वाहनों से निकलने वाले धुएं से हो रहे पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है। उन्होंने कांग्रेस शासित सभी राज्यों से इलैक्ट्रिक वाहनों को अपनाने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से हिमालयी वनस्पतियों और जीवों को संरक्षित करने के साथ-साथ हिमालय के ग्लेशियरों के घटने को कम करने में भी मदद मिलेगी। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इससे शहरों में हवा की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ भारत की विदेशों से तेल आयात पर निर्भरता कम करने के अलावा नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जीवाश्म ईंधन आधारित वाणिज्यिक वाहनों के बेड़े को भी चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा। सरकार राज्य में हिमाचल पथ परिवहन निगम बसों के पूरे बेड़े को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों से बदलने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक राज्य पूरी तरह से ई-वाहनों को अपना लेगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छत्तीसगढ़ स्थित नवा रायपुर में आयोजित किए जा रहे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महाधिवेशन में भाग लेने के लिए अधिवेशन स्थल तक इलेक्ट्रिक वाहन का ही उपयोग किया। हाल ही में ब्रिटिश उच्चायोग (बीएचसी) जलवायु परिवर्तन नीति की प्रमुख एरीना कोसाक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शिमला में मुख्यमंत्री से भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनसे इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। उन्हें डीजल और पेट्रो वाहनों को पूरी तरह से बिजली से बदलने के सरकार के संकल्प के बारे में भी अव��त कराया। Read the full article
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उज्ज्वला योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 2023
उज्ज्वला योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 2023, उज्ज्वला योजना 2023 फ्री गैस सिलिंडर अप्लाई ऑनलाइन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना क्या है
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं के लिए इस योजना की शुरूआत मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के बलिया से शुरू की गई थी। इससे पहले जब गांव की महिलाएं चूल्हे खाना बनाती थी तो उन्हें चूल्हे में लकड़ियां,गोबर आदि से खाना बनाया जाता हैं। ऐसे में लकड़ियां जलाने पर काफी वायु प्रदूषण होता है यह वायु प्रदूषण महिलाओं, बच्चों और हमारे पर्यावरण के लिए भी हानिकारक होता हैं। इसलिए सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरूआत की हैं। इस योजना की घोषणा श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा की गई थी कि सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा।
उज्जवला योजना की शुरुआत 2.0
पीएम मोदी जी ने 10 अगस्त 2021 को PM उज्ज्वला योजना 2.0 का शुभारंभ कर दिया है। इस योजना के अंतर्गत एक करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन फ्री में दिया जाएगा। इसके पहले एलपीजी कनेक्शन 8 करोड़ परिवारों को दिया गया था। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को न केवल मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन मिलेगा बल्कि साथ में पहला रिफिल और हॉट प्लेट भी मुफ्त मिलेगा।
उज्जवला स्कीम 2.0
पहले उज्जवला योजना में सरकार LPG कनेक्शन के लिए 1600 रुपए की आर्थिक सहायता देती थी। इस योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन वाले परिवार स्टोव और सिलेंडर के लिए बिना ब्याज के लोन भी ले सकते थे। उज्जवला योजना 2.0 में LPG कनेक्शन के अलावा पहले सिलेंडर की रीफिलिंग भी फ्री होगी। इसके अलावा गैस चूल्हा भी मुफ्त में प्रदान किया जाएगा। उज्ज्वला योजना 2.0 में आवेदन के लिए जरूरी पेपर वर्क और डॉक्युमेंट को भी कम किया गया है। केवाईसी के लिए किसी नोटरी की जरूरत नहीं होगी। साथ ही दूसरी जगह पर रह रहे लोगों के पास अगर निवास प्रमाण पत्र नहीं है तो उन्हें सेल्फ डिक्लेरेशन का ऑप्शन भी मिलेगा। नौकरी शुदा लोगों और प्रवासी मजदूरों को इस से बड़ी राहत मिलेगी।
उज्ज्वला योजना
फ्री गैस कनेक्शन योजना 2023 का उदेश्य
इस योजन�� का मुख्य उद्देश्य बीपीएल सूची वाले गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देना है। इस योजना की साहायता से लकड़ी चूल्हा से खाना बनाने वाली महिलाओ को धुआं से छुटकारा मिलेगा। यह योजना परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती दर पर एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने ��ें सहायता करती है। इस योजना से एलपीजी गैस के उपयोग में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं,वायु प्रदूषण एवं वनों की कटाई को कम करने में यह योजना काफी मददगार सावित होगी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत महिलाओं को खाना बनाने के लिए स्वस्थ ईंधन प्रदान करना हैं। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को फ्री में सिलेण्डर दिया जाता हैं। फ्री सिलेण्डर के साथ-साथ गैस कनेक्शन भी दिया जाता हैं। इस योजना के लिए हमारे देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सन 2021–22 के बजट में एक करोड़ लोगों को एलपीजी गैस कनेक्शन देने की घोषणा की है। इस योजना की सहायता से प्रदूषण से भी छुटकारा पाया जा सकेगा तथा महिलाओं के स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकेगा।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ
- महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। - महिलाओं को खाना बनाने में आसानी होगी। - प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब गैस चूल्हे का प्रयोग होने से धुएँ से छुटकारा मिलेगा। - इस योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे आने वाली महिलाओ को प्रदान किया जायेगा। - महिलाओ को इस योजना के तहत निशुल्क LPG गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जायेगा। - इस योजना की सहायता से वनों की कटाई कम होगी। - इस योजना से वायु प्रदूषण कम होगा।
उज्ज्वला योजना पात्रता
- आवेदक महिला होनी चाहिए। - आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए। - आवेदक की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। - आवेदक गरीबी रेखा परिवार से नीचे होनी चाहिए। - इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले के पास पहले से एलपीजी कनेक्शन नहीं होना चाहिए। - सभी के लिए E-KYC करना जरूरी है।
उज्ज्वला योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- निवास प्रमाण पत्र - जाति प्रमाण पत्र - बीपीएल राशन कार्ड - पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ - आधार कार्ड - बैंक पासबुक - समग्र id
उज्ज्वला योजना
नि:शुल्क गैस कनेक्शन के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
- हर लाभार्थी को महीने में एक फ्री सिलेंडर दिया जाना है। - पहले गैस सिलिंडर लेने पर दूसरे किश्त की राशि आवेदक के खाते में जाएगी। उसके बाद तीसरी क़िस्त प्रदान की जाएगी। - दो रिफिल के बीच 15 दिन का अंतराल होनी चाहिए। - जो परिवार योजना के लिए पात्र हैं उन्हें 1600 रुपये मिलेंगे। राशि को महिलाओं के खाते में स्थानांतरित किया जाएगा। EMI की सेवा भी दी जाती है। - उज्जवला योजना देश के 715 जिलों को कवर करती है। - यह योजना केवल उन परिवारों के लिए है जो गरीबी रेखा से नीचे आते हैं। सरकार ने 2021-2022 के वित्तीय वर्ष में 8 करोड़ परिवारों को शामिल किया। गांव की बेटी योजना 2023 मध्य प्रदेश | गांव की बेटी योजना स्कॉलरशिप ऑनलाइन फॉर्म मध्यप्रदेश तीर्थ दर्शन योजना 2023
उज्जवला स्कीम 2.0 अप्लाई ऑनलाइन
सबसे पहले आपको प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है। इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जायेगा। अब आपको क्लिक हेयर आप्शन पर क्लिक करना होगा। जैसे ही आप इस आप्शन पर क्लिक करेंगे आपको इस पेज पर नीचे तीन ऑप्शन दिखाई देगाा इंडेन, भारत पेट्रोलियम और एचपी। अब आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी एक विकल्प को चुनकर क्लिक here to अप्लाई ऑप्शन पर क्लिक करें। जैसे ही आप क्लिक here to अप्लाई ऑप्शन पर क्लिक करेंगे आपके सामने फार्म खुल कर आएगा। आपको इस एप्लीकेशन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी जैसे फोन नम्बर,नाम आदि भरनी होगी। अब आपको Generate option के बटन पर क्लिक करना होगा। तब इस प्रकार आप आवेदन कर पाएंगे।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना फॉर्म कैसे भरें
जो भी आवेदक फ्री गैस कनेक्शन एप्लीकेशन फॉर्म 2023 भरना चाहते है। योजना की आधिकारिक वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते है। अब आप फॉर्म में पूछी गयी सभी जानकारी जैसे आधार कार्ड नंबर,मोबाइल नंबर,नाम,पता आदि भरे। इसके पश्चात् आवेदन फॉर्म के साथ अपने सभी दस्तावेज़ों को सलग्न करके अपने निकटतम गैस एजेंसी में जाकर जमा करें। फॉर्म जमा करने के बाद गैस एजेंसी अधिकारी द्वारा आपका आवेदन फॉर्म तथा दस्तावेज़ सत्या��ित कर 10 से 15 दिन के अंदर आपका एलपी जी गैस कनेक्शन दे दिया जायेगा। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना हेल्पलाइन नंबर Ujjwala Helpline Number – 1906 Toll Free Number – 18002666696" Read the full article
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सूखे पत्ते बीनते बच्चे
ब्लॉग:- सूखे पत्ते बीनते बच्चे सूखे पत्ते जैसी तुच्छ वस्तु, जिसका कोई मोल नहीं लगाता और जो कूड़ा-करकट की श्रेणी में आती है, किसी को इतनी प्रसन्नता दे सकती है?! गरीबी की प्रसन्नता!
सर्दी ��ें ठिठुरता देहात ऊष्मा की तलाश में बहुत सा समय लगाता है। आदमी, औरत, बच्चे – सभी अपने दिन का महत्वपूर्ण समय लकड़ी, टहनी, सूखे पत्ते आदि बीनने में लगाते हैं। उस समय का उपयोग किसी और अर्थपूर्ण कार्य में लग सकता था। मसलन बच्चे पढ़ाई कर सकते थे, महिलायें और पुरुष कोई ऐसा काम कर सकते थे जिससे आमदनी हो या घर बेहतर बन सके। पर उस सब की बजाय अलाव के लिये ईंधन बटोरने में लगी है गंवई आबादी। मेरे घर के…
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गैर-जीवाश्म ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने वाला विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया
गैर-जीवाश्म ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने वाला विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया
द्वारा पीटीआई नई दिल्ली: इथेनॉल, ग्रीन हाइड्रोजन और बायोमास सहित गैर-जीवाश्म ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने वाला एक विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया गया। ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 का उद्देश्य भी देश को जलवायु परिवर्तन पर अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने में मदद करना है। इस साल अगस्त में लोकसभा ने कानून को मंजूरी दे दी थी। उच्च सदन में विधेयक को पेश करते हुए ऊर्जा…
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डीजल की कमी की संभावना: पूरी दुनिया पर छा सकता है डीजल का संकट, जानिए क्यों
डीजल की कमी की संभावना: पूरी दुनिया पर छा सकता है डीजल का संकट, जानिए क्यों
डीजल संकट की संभावना: पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए डीजल से ज्यादा किसी को भी ईंधन की जरूरत नहीं है। डीजल से ही ट्रक, बसें, जहाज और ट्रेनें चलती हैं। इसके अलावा डीजल का उपयोग निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग के अलावा कृषि क्षेत्र में भी किया जाता है। सर्द घरों में घरों को गर्म रखने के लिए भी डीजल का इस्तेमाल किया जाता है। और जब प्राकृतिक गैस का बांध आसमान छू रहा है तो कई जगह डीजल…
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