#असमानताओं
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24.02.2023, लखनऊ | संत गुरु रविदास जी की जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने संत गुरु रविदास जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया ।
इस अवसर पर श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "संत रविदास जी एक प्रेरणास्त्रोत थे जो समाज को उन्नति और समृद्धि की ओर प्रेरित करते थे । उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से धर्म, समाज, और मानवता के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को बखूबी प्रकट किया । उनके गीत और दोहे समाज को अच्छे और उचित कार्यों की ओर प्रेरित करते थे । संत रविदास जी ने जातिवाद, भेदभाव, और अन्य सामाजिक असमानताओं का खात्मा करने के लिए प्रयास किए । उनका संदेश था कि हर व्यक्ति को समानता और न्याय के अधिकार होने चाहिए । उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से लोगों को समझाया कि धर्म का असली अर्थ मानवता में सेवा करना है । उनके जीवन और कार्यों से हमें यह सीख मिलती है कि वास्तव में धर्म का अर्थ अच्छाई को बढ़ावा देना है । उनके प्रेरणादायक संदेशों से हमें समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रेरणा मिलती हैं |"
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लिंग भूमिकाएं, अर्थशास्त्र और विवाह: अभिजीत बनर्जी की नवीनतम पुस्तक उन असमानताओं की पड़ताल करती है जो भारतीय महिलाओं को कार्यबल से बाहर रखती हैं
कार्यक्रम में अभिजीत बनर्जी अपनी नवीनतम पुस्तक पर चर्चा करते हुए जबकि दुनिया भर में युवा महिलाएं नौकरियों में कदम रख रही हैं, अपने भविष्य को आकार दे रही हैं और स्वतंत्रता को अपना रही हैं, भारत में ज्यादातर लोग शादी की तैयारी की सदियों पुरानी कोरियोग्राफी से बंधे हुए हैं। अपनी प्रगति पर इतना गर्व करने वाला समाज अभी भी एक महिला के जीवन के सर्वोत्तम वर्षों को उसके करियर के प्रवेश द्वार के बजाय उसकी…
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संत रामपाल के बेटे ने बदली दान की परंपरा, जाट महासभा को दिया ऐतिहासिक यो...
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*संत रामपाल जी महाराज जी का समाज सुधार में योगदान* (इसके संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु नीचे दिए गए हैं, कृपया इन बिंदुओं के अनुसार टिप्पणियां अवश्य करें।)
• नशा मुक्त भारत बनाना :- संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनने मात्र से ही आत्मा निर्मल हो जाती है और उनसे नामदिक्षा लेने से मन के सभी विकार दूर हो जाते हैं। इसीलिए उनसे जुड़ने के उपरांत आज लाखों लोगों ने नशा छोड़ा है और सुखमय जीवन व्यतीत कर रहें हैं।
• समाज से दहेज जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म करना:- संत रामपाल जी के अनुयाई मात्र 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) करते हैं जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से किसी भी चीज का लेन देन नहीं किया जाता । इसी मुहिम के तहत आज हजारों शादियां हो चुकी हैं जिससे लड़कियों को न तो समाज में बोझ समझा जाता है और कन्या भ्रूण हत्या भी खत्म होती जा रही है।
• युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना :- युवा पीढ़ी जो आज गलत दिशा में जाती जा रही है और अपने मूल उद्देश्य से वंचित रह जाती हैं तो वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी से जुड़े युवा अध्यात्म से जुड़कर सभी विकारों से दूर अपने उद्देश्य को सफल बना रहें हैं।
• भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना :- संत रामपाल जी महाराज का कोई भी शिष्य रिश्वतखोरी और चोरी नहीं करते जिससे कि समाज में भ्रष्टाचार खत्म हो रहा है।
• समय समय पर रक्तदान और देहदान जैसे कार्यक्रम आयोजित करना :- संत रामपाल जी के अनुयाई रक्तदान और देहदान कर मानव समाज की मदद कर रहे हैं।
• सतभक्ति प्रदान करके विश्व को मोक्ष प्रदान करना: ऐसे समाज सुधार के कार्य करने वाले महान तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में लगभग 11 सतलोक आश्रमों में 3 दिवसीय विशाल भंडारा साल में 6 बार करवाते है।
• भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान: भ्रूण हत्या, विशेषकर कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम चलाना।
• अंतरधार्मिक सद्भावना: विभिन्न धर्मों के बीच सद्भावना और एकता क�� बढ़ावा देना। संत जी ने सभी धर्मग्रंथों के आधार पर एक परमात्मा की ओर ध्यान केंद्रित कर धार्मिक एकता का संदेश दिया।
• प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य
COVID-19 महामारी के दौरान सहायता: कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के चलते हरियाणा राज्य के कई शहरों में मजदूर फंस गए थे। स्थानीय प्रशासन स्थिति को संभालने में असमर्थ हो गया था। तब संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने उन मजदूरों के रहने, भोजन, पानी और अन्य ज़रूरतों का इंतज़ाम संत जी के आश्रम में ही किया। प्रशासन को भी राहत मिली और मजदूरों को उन���े घरों तक पहुँचाया गया। रास्ते के लिए भोजन और पानी की बोतलें भी संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने निःशुल्क उपलब्ध करवाईं।
• बाढ़ पीड़ितों को सहायता: 2023 में हरियाणा के 12 जिलों में भयंकर बाढ़ आई थी, जहाँ संत रामपाल जी के शिष्यों ने बाढ़ पीड़ितों को भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री ट्रैक्टरों में ले जाकर प्रदान की। संत जी के शिष्य जहां कहीं भी समाज सेवा का मौका देखते हैं, तुरंत आगे आकर सेवा कार्य में लग जाते हैं।
• रेल हादसे में सहायता: 2 जून 2023 को ओडिशा में भीषण रेल हादसा हुआ, जिसमें करीब 300 लोगों की मौत हो गई और करीब 1000 लोग घायल हो गए। इस दुख की घड़ी में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी मसीहा बनकर आगे आए। 16 जून को ओडिशा के संबलपुर में संत रामपाल जी के अनुयायियों ने 278 यूनिट रक्तदान किया और घायलों की मदद की।
• पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाना जैसे कि पंजाब और मध्यप्रदेश में लाखों पौधे रोपना। इन अभियानों का उद्देश्य पर्यावरण को हरा-भरा रखना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है।
• स्वच्छता अभियान: संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा नियमित रूप से स्वच्छता अभियानों का आयोजन किया जाता है। इन अभियानों का उद्देश्य समाज को स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद वातावरण प्रदान करना है।
• सामाजिक समानता और न्याय
– सामाजिक न्याय का प्रसार: संत रामपाल जी ने समाज में व्याप्त असमानताओं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों को अपने अनुयायियों के बीच फैलाया।
• गरीबों और बेसहारा लोगों की सहायता:
संत रामपाल जी के अनुयायी नियमित रूप से गरीबों और बेसहारा लोगों की सहायता करते हैं। वे भोजन, वस्त्र, और शिक्षा जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काम करते हैं।
• वृद्धों और अनाथों की देखभाल: संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा वृद्धों और अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं, जिससे वे भी समाज में सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन व्यतीत कर सकें।
• आध्यात्मिकता के प्रति जागरूक करना: संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों में शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान और पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की वाणियों से शिक्षा देते हैं, जो व्यक्ति के भीतर बदलाव ला देती है और बुराइयों के प्रति घृणा उत्पन्न करती है।
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महाराष्ट्र में गरमाया EVM का मुद्दा, राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने ECI को लिखा पत्र
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ईवीएम को लेकर उठा मुद्दा अभी तक शांत नहीं हुआ है. विपक्षी दल अभी भी ईवीएम को संदेह की नजरों देख रहे हैं. विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि महाराष्ट्र के चुनाव में कुछ तो गड़बड़ हुआ है. इस बीच सीपीआईएम के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने महाराष्ट्र के चुनाव में मतदान प्रतिशत में आई विसंगतियों और असमानताओं पर चिंता जाहिर करते हुए समाधान…
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिम्मेदार पूंजीवाद की आवश्यकता पर दिया जोर
मैक्सिको सिटी, 19 अक्टूबर 2024। केंद्रीय वित्त एवं क��रपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्वाडलजारा के चैंबर ऑफ कॉमर्स में आयोजित टेक लीडर्स राउंडटेबल की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए चुनौतियां केवल विकास तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सभी के लिए समान अवसर पैदा करने की भी जरूरत है। उन्होंने जिम्मेदार पूंजीवाद के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह आर्थिक असमानताओं को पाटने और…
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Ambedkar Quotes; डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के अनमोल विचार, जो आपको जिंदगी बदल देंगे
Ambedkar Quotes; डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के अनमोल विचार, जो आपको जिंदगी बदल देंगे #Ambedkar #Quotes
Ambedkar Quotes: भारत के सबसे प्रमुख समाज सुधारकों में से एक, अंबेडकर को भारत की जाति व्यवस्था द्वारा उत्पन्न असमानताओं के खिलाफ उनकी लड़ाई के लिए जाना जाता है। एक दलित परिवार में जन्मे, अंबेडकर अपने समुदाय के शोषण और भेदभाव को देखते हुए बड़े हुए, जिससे उन्हें समानता के लिए आजीवन धर्मयुद्ध शुरू करने के लिए प्रेरणा मिली। बाबा साहेब की पहचान एक न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के…
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नारायण गुरु: जीवन परिचय
नारायण गुरु: जीवन परिचय -प्रारंभिक जीवन (1856-1875) नारायण गुरु का जन्म 20 अगस्त 1856 को केरल के चेम्पाझंथी नामक छोटे गाँव में हुआ था। उनका पूरा नाम नारायणन वज्हुथीदाथु था। वे एक एझावा परिवार में पैदा हुए थे, जो उस समय निम्न जाति के रूप में देखा जाता था। उनके माता-पिता मडन असन और कुन्झम्मा थे। प्रारंभिक जीवन में ही नारायण गुरु ने समाज की जातिगत असमानताओं को देखा और उनसे प्रभावित हुए। उनके परिवार…
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क्या कभी ये हालात बदलेंगे ? by Prem
किताब के बारे में... इस किताब में लेखक ने हमारे समाज के वर्तमान हालातों, राजनीतिक परिवर्तनों, और सामाजिक असमानताओं पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। पुस्तक में सवाल उठाए गए हैं कि क्या समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गरीबी और अन्याय के खिलाफ हम कभी सशक्त कदम उठा पाएंगे? लेखक ने विचार किया है कि कैसे सामूहिक प्रयासों और जागरूकता के माध्यम से हम इन जटिल मुद्दों का समाधान खोज सकते हैं।
यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ!
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आज श्री शिवनन्दन यादव (सेवानिवृत अभियन्ता), श्री सुभाष यादव (रामपुर) व श्री कैलाश चौधरी (पैक्स अध्यक्ष) के शिष्टाचार मुलाकात किया तथा समाज में फैली सामाजिक असमानताओं आदि पर चर्चा किया :...✍️🪴💝
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"सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।"
वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जागरूकता एवं असमानताओं को दूर करके स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने तथा हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाये जाने वाले विश्व स्वास्थ्य दिवस की समस्त देश व प्रदेश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
आइये, इस दिवस पर एक-दूसरे को उत्तम स्वास्थ्य एवं पौष्टिक आहार लेने के प्रति जागरूक करने का संकल्प करें ।
#विश्व_स्वास्थ्य_दिवस_2024
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सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।"
वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जागरूकता एवं असमानताओं को दूर करके स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने तथा हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाये जाने वाले विश्व स्वास्थ्य दिवस की समस्त देश व प्रदेश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
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सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।"
वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जागरूकता एवं असमानताओं को दूर करके स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने तथा हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाये जाने वाले विश्व स्वास्थ्य दिवस की समस्त देश व प्रदेश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
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सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।"
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𝙂𝙪𝙧𝙪 𝙍𝙖𝙫𝙞𝙙𝙖𝙨 𝙅𝙖𝙮𝙖𝙣𝙩𝙞
Guru Ravidas Jayanti is a festival celebrated to mark the birth anniversary of Sant Ravidas, a revered saint, poet, and social reformer in the Bhakti movement. Guru Ravidas was born in the 15th century in Varanasi, India. His teachings emphasized the equality of all humans regardless of caste, creed, or gender, and he spoke out against the prevailing caste-based discrimination and social inequalities.
On Guru Ravidas Jayanti, followers and admirers of Guru Ravidas commemorate his life and teachings through various activities such as devotional singing, readings of his poetry, processions, and community service. It is observed with great reverence, particularly among the followers of the Ravidassia religion and other devotees of Guru Ravidas across India and around the world.
The date of Guru Ravidas Jayanti varies each year as it is determined according to the Hindu lunar calendar. Typically, it falls in the month of Magh, which usually corresponds to January or February in the Gregorian calendar.
👉 𝐉𝐨𝐢𝐧 𝐁𝐚𝐜𝐡𝐩𝐚𝐧 𝐒𝐜𝐡𝐨𝐨𝐥, 𝐃𝐚𝐭𝐢𝐚
📚Admissions are Open for the Academic Year 2024-2025
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गुरु रविदास जयंती भक्ति आंदोलन में श्रद्धेय संत, कवि और समाज सुधारक संत रविदास की जयंती के रूप में मनाया जाने वाला त्योहार है। गुरु रविदास का जन्म 15वीं शताब्दी में भारत के वाराणसी में हुआ था। उनकी शिक्षाओं में जाति, पंथ या लिंग की परवाह किए बिना सभी मनुष्यों की समानता पर जोर दिया गया और उन्होंने प्रचलित जाति-आधारित भेदभाव और सामाजिक असमानताओं के खिलाफ बात की।
गुरु रविदास जयंती पर, गुरु रविदास के अनुयायी और प्रशंसक भक्ति गायन, उनकी कविताओं का पाठ, जुलूस और सामुदायिक सेवा जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उनके जी���न और शिक्षाओं को याद करते हैं। यह विशेष रूप से भारत और दुनिया भर में रविदासिया धर्म के अनुयायियों और गुरु रविदास के अन्य भक्तों के बीच बहुत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
गुरु रविदास जयंती की तारीख हर साल बदलती रहती है क्योंकि यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार निर्धारित की जाती है। आमतौर पर, यह माघ महीने में आता है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर में जनवरी या फरवरी से मेल खाता है।
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चुनाव से पहले कोई लोक लुभावन घोषणा नहीं, इतना कॉन्फिडेंस कहां से लाए पीएम मोदी?
नई दिल्ली: कल के बजट में एक बाद कॉमन थी। बजट सत्र से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार ही पूर्ण बजट पेश करेगी। दूसरी तरफ बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा कि जब जुलाई हमारी सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी तो विकासित भारत का विस्तृत रोडमैप पेश किया जाएगा। यही नहीं, अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने कोई लोकलुभावन घोषणा भी नहीं की। तो बड़ा सवाल है कि आखिर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जिसे कुछ ही दिनों में आम चुनाव में जाना है, इतना भरोसे में कैसे है? दरअसल, इस भरोसा के पीछे तमाम वजहें हैं लेकिन एक जो सबसे अहम है वो है बिखरा विपक्ष। इसके अलावा सरकार के तमाम वो सुधार जिससे उसे भरोसा है कि देश की जनता लगातार तीसरी बार उसे ही चुनेगी। मोदी के कॉन्फिडेंस का राज क्या? पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी दोनों ��ी 2024 के चुनाव के लिए मजबूत दावे कर रहे हैं। इसके पीछे जो सबसे कारण है वो है राम मंदिर का निर्माण। भगवा दल का सबसे अहम चुनावी मुद्दा 22 जनवरी को अयोध्या में पूरा हो चुका है। खुद पीएम मोदी मुख्य यजमान बनकर राम मंदिर में बाल राम की प्राण प्रतिष्ठा कर चुके हैं। राम के लहर पर बीजेपी उत्तर भारत में विपक्ष पर बड़ी बढ़त की तैयारी में है। पार्टी इसके लिए कोशिश भी शुरू कर चुकी है। कई राज्यों से आम लोगों को राम मंदिर के दर्शन के लिए लाया जा रहा है। विपक्ष भी दबी जुबान में ये मान रहा है कि भगवा दल को इसका फायदा हो सकता है। बिखरे विपक्ष भी कर रहा है काम आसान पीएम मोदी का सामना करने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया गया था। लेकिन चुनाव आते-आते इसके मुख्य कर्ता-धर्ता ही बीजेपी में शामिल हो गए। बिहार में नीतीश के बीजेपी में शामिल होने के बाद राज्य में भगवा दल को बढ़त हासिल हो गई है। दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस का हाथ बंगाल में छोड़ दिया है। यानी एक वक्त जो लग रहा था कि इसबार पीएम मोदी को तगड़ी टक्कर मिल सकती है। उसकी सूरत फिलहाल तो नजर नहीं आ रही है। यही नहीं, विपक्ष तो अभी कई राज्यों में सीट शेयरिंग पर भी अटका है। दूसरी तरफ बीजेपी को कुछ राज्यों में छोड़ दें ज्यादातर जगहों पर अकेले ही लड़ना है। ऐसे में कमजोर और बिखरे विपक्ष के कारण उसे ज्यादा परेशानी नहीं होगी। राम लगाएंगे बेड़ा पार इसके अलावा बीजेपी को राम मंदिर निर्माण का बड़ा फायदा मिलने वाला है। पार्टी के घोषणापत्र में हर बार राम मंदिर का मुद्दा रहता था। विपक्ष तो बीजेपी एक समय तंज कसता था कि मंदिर वही बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। अब 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बीजेपी काफी जोश में है। पार्टी को इसका फायदा पूरे उत्तर भारत में मिलने की उम्मीद है। पार्टी इसके अलावा आर्टिकल 370 का भी जमकर जिक्र करती है। यानी राम के जरिए भगवा दल को जीत की आस दिख गई है। शायद इसीलिए बजट में को लोकलुभावन योजना भी नहीं दिखी। लाभार्थी योजना का बीजेपी उठाएगी लाभ पीएम नरेंद्र मोदी अपने लगभग हर कार्यक्रम और सभा में इसका जिक्र जरूर करते हैं। कोरोना के काल से 80 करोड़ों लोगों को केंद्र सरकार मुफ्त अनाज मुहैया करा रही है। यही लाभार्थी हैं जो बीजेपी के कोर वोटर भी बन गए हैं। इसी की बदौलत बीजेपी ने कई राज्यों में चुनावी बिसात बिछाई और उसे कामयाबी भी मिली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपने बजट भाषण में इसका जिक्र किया था। बीजेपी ऐसे लाभार्थियों के जरिए मजबूती के साथ आगे बढ़ने का तरीका ढूंढ चुकी है। गर्वनेंस मॉडल से मिलेगी जीत पीएम मोदी सरकारी योजनाओं को ला��ू करने में बिचौलियों के नहीं रहने की बात अक्सर करते हैं। यानी सरकारी लाभ सीधे जरूरतमंदों के खाते में जाता है। बिचौलिया गायब। चाहे किसान सम्मान निधि की बात हो या अन्य मदों में डायरेक्ट ट्रांसफर। सरकार अपने बेहतर गर्वनेंस मॉडल के जरिए भ्रष्टाचार रोकने का दावा करती है। इसके अलावा बीजेपी भाई-भतीजावाद से खुद को दूर रखने का वादा करती है। पार्टी सामाजिक न्याय के जरिए जीत का रास्ता सुनिश्चित करने के लिए जोर लगा रही है। निर्मला ने अपने बजट भाषण में कहा कि हमारे शासन में पारदर्शिता है, इस बात का भरोसा है कि पात्र लोगों तक फायदे पहुंचाए जा रहे हैं। संसाधनों का उचित वितरण होता है। समाज में चाहे किसी का भी दर्जा हो, सभी को अवसर मिलते हैं। हम व्यवस्थागत असमानताओं को दूर कर रहे हैं... हम केवल खर्च पर ध्यान नहीं देते, बल्कि परिणामों पर जोर देते हैं, ताकि सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाया जा सके। पीएम मोदी के वो चार स्तंभ पीएम मोदी ने ओबीसी जाति जनगणना की काट ढूंढने के लिए चार जातियों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था गरीब, महिलाएं, युवा और किसान उनके चार जातियां हैं। इस बार के बजट में भी इन चारों जातियों के लिए निर्मला ने कुछ न कुछ जरूर दिया है। यानी बीजेपी ने 2024 के लिए अपने वोटर वाला… http://dlvr.it/T2CCVS
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