#अमेज़न दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट
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E-Commerce बिजनेस शुरू करने के लिए 5 Important Steps
कोई भी बिज़नेस शुरू करने से पहले सारी कंपनियों का एक ही उद्देश्य होता है अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाना. आज के समय में हर छोटी-बड़ी कंपनियां अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए ऑनलाइन बिज़नेस का सहारा लेती हैं. ऑनलाइन बिज़नेस को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका ई-कॉमर्स इंडस्ट्री ने निभाई है. पिछले कुछ सालों से ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में काफी ग्रोथ देखने को मिली है, और आने वाले सालों में भी इसमें बढ़ोत्तरी होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
आज के समय में हर कोई ऑनलाइन शॉपिंग करना चाहता है. कोविड के आने के बाद से तो ऑनलाइन शॉपिंग करने का ट्रेंड एकदम वायरल हो गया है. ��र बैठे लोगों को उनकी पसंद का प्रोडक्ट मिल जाता है. जिसके कारण ई-कॉमर्स इंटस्ट्री को कई गुणा ग्रोथ मिली है. प्री कोविड की तुलना में आज के समय में बहुत सारी चीज़ें बदल चुकी हैं. पहले लोग मार्केट में जाते थे और फिर खरीदारी करते थे लेकिन आज सब कुछ ऑनलाइन हो चुका है. अब बिज़नेस करने का और शॉपिंग करने का तरीका भी बदल गया है. आप घऱ बैठे बस एक क्लिक में सारी शॉपिंग कर सकते हैं. अब आपको बाहर जाकर मार्केट की लाइन में लगकर शॉपिंग करने की जरूरत नहीं है. आप घर-ऑफिस में ही अपने काम के बीच समय निकालकर शॉपिंग कर सकते हैं. यही कारण है कि ज्यादा से ज्यादा आंत्रप्रन्योर ई-कॉमर्स बिज़नेस को अपनाना चाहते है.
लेकिन कई बार कुछ आंत्रप्रन्योर जानकारी के अभाव में ई-कॉमर्स बिज़नेस शुरु नहीं कर पाते. आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे 5 ऐसे ही आसान स्टेप्स जिसे फॉलो कर आप बड़े ही आराम से ई-कॉमर्स बिज़नेस कर सकते हैं.
1. मार्केट की जरूरत को पहचानें
अक्सर अधिकांश आंत्रप्रन्योर किसी ऑनलाइन बिजनेस को शुरू करने से पहले ये गलती कर बैठते है कि लोगों की जरूरत न जानकर सीधे उन्हें प्रोडक्ट देने की सोचने लगते हैं. किसी भी बिज़नेस को शुरू करने से पहले मार्केट रिसर्च करना जरूरी होता है. आप ई-कॉमर्स बिज़नेस यदि शुरू करना चाहते हैं तो आपको मार्केट की रिसर्च करनी होगी. जिससे आप लोगों की जरूरत को समझ पाएंगे और फिर उन्हें उसी हिसाब से प्रोडक्ट ऑफर कर पाएंगें. ई-कॉमर्स बिज़नेस में आप बिज़नेस कोच (Business Coach For Entrepreneurs) की भी मदद ले सकते है. अपनी सफलता के चांस बढ़ाने के लिए आपको मार्केट रिसर्च कर लेनी चाहिए. इसके लिए लोगों के ऐसे समूह से बात की जा सकती है, जो किसी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन ढूंढ़ रहे हैं. इसमें आप इंटरनेट की मदद भी ले सकते हैं. आप ऑनलाइन भी एक सर्वे करा सकते हैं कि लोग किस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं. वो किस चीज़ को ढूंढ रहे हैं यदि आप लोगों को दूसरी वेबसाइट्स से अच्छा समाधान दे सकते हैं तो ई-कॉमर्स बिज़नेस में आपके लिए मौका ही मौका है.
2. ई कॉमर्स वेबसाइट बनाएं
आज के समय में कई बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे अमेज़न, स्नेपडील, बिगबास्केट, फ्लिपकार्ट, पेटीएम जैसे कई कंपनियों ने ऑनलाइन शॉपिंग यानि E-commerce को एक बहुत ऊँचे स्तर तक पहुंचा दिया है.इस तरह की हर बड़ी कंपनियों के अपने वेबसाइट हैं. ग्राहक इन्हीं वेबसाइट के जरिए उनसे जुड़ते हैं. इसलिए यदि आप भी ई-कॉमर्स बिज़नेस करना चाहते हैं तो आपको वेबसाइट बनानी पड़ेगी. इसे आप दो तरीक���ं से कर सकते हैं. पहली चीज़ ये कि आप खुद की एक ऑनलाइन वेबसाइट बनाकर या फिर किसी प्लेटफार्म से प्रोडक्ट लेकर अपनी वेबसाइट पर लिस्ट करके सेल कर सकते हैं. जिससे आपको लगभग 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक कमीशन मिलता है.
दूसरी चीज़ ये कि अगर आपकी कोई शॉप या फिर शोरूम है तो आप ई-कॉमर्स ऑनलाइन व्यापार शुरू करने की प्रक्रिया को समझकर मुनाफा कमा सकते हैं. वेबसाइट डिजाइन करवाते समय कुछ बातें का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे बैकग्राउंड ज्यादा कलरफुल न हो. पेज के नेविगेशन को बहुत ही आसान होना चाहिए ताकि इस्तेमाल करने में यूजर को कोई परेशानी न हो. जब जरूरी हो तभी ग्राफिक, ऑडियो और वीडियो का इस्तेमाल करें. जिससे देखने के साथ ही ग्राहक आसानी से एक क्लिक में ही प्रोडक्ट खरीद सके. आप इन बातों का ध्यान रखकर एक अच्छी ई-कॉमर्स वेबसाइट बना सकते हैं.
3. सर्च इंजन का प्रयोग करें
ई कॉमर्स बिज़नेस में टारगेट यूजर्स को अपनी वेबसाइट तक लाने के लिए आप सर्च इंजन का प्रयोग कर सकते हैं. पे पर क्लिक एडवर्टाइजिंग अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने का सबसे सही तरीका है. पे पर क्लिक एडवर्टाइजिंग में आप अलग-अलग तरह के कीवर्ड का इस्तेमाल करके उन्हें टेस्ट कर सकते हैं. जिन कीवर्ड से अधिक ट्रैफिक जनरेट होता है आप उन कीवर्ड को अपनी वेबसाइट के सभी संबंधित पेजों पर ले जा सकते हैं. आपको अपनी वेबसाइट पर सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन का प्रयोग करना होगा इसके बाद गूगल अपने आप ज्यादा से ज्यादा लोगों तक आपकी वेबसाइट को पंहुचा देगा. क्योंकि आज पूरी दुनिया सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन का प्रयोग कर रही है. कस्टमर को ई-कॉमर्स बिज़नेस के साथ जोड़ने के लिए सर्च इंजन का रोल अहम हो जाता है.
4. विभिन्न प्रकार की जानकारी दें
ज्यादातर लोग इंटरनेट का प्रयोग सूचना प्राप्त करने के लिए करते हैं. आप अपने ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए लोगों को जानकारी भी उपलब्ध करता सकते हैं. जो आपकी वेबसाइट के लिए ट्रैफिक लाने का काम करेगी और बेहतर सर्च इंजन रैंकिंग देगी. इसके लिए एक्पर्ट कंटेट का आर्टिकल और ��ीडियो बनाकर इंटरनेट पर फैला सकते हैं. अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए ई-मेल मार्केटिंग का इस्तेमाल करना भी बहुत ही जरूरी है. ई-मेल मार्केटिंग से विजिटर्स के साथ आपका रिलेशन काफी अच्छा होता है. बिज़नेस करने और पैसें कमाने के अन्य तरीकों को जानने के लिए आप हमारे Problem Solving Course की मदद भी ले सकते हैं. इसकी सहायता से आप अपने विजिटर्स को उनकी परेशानी का समाधान तो दे ही सकते हैं, साथ ही उन्हें नए ऑफर्स के बारे में भी बता सकते हैं. यदि आप कंटेट प्रोवाइड कर रहे हैं तो उसकी भाषा पर खास ध्यान दें. यदि आप किसी प्रोडक्ट में डील कर रहे हैं तो उन परेशानियों के बारे में बताएं, जो आपका प्रोडक्ट सॉल्व कर सकता है. प्रोडक्ट के साथ कुछ ऑफर देकर भी आप अपनी ऑडियंस को अट्रेक्ट कर सकते हैं.
5. अपनी बेवसाइट पर ट्रैफिक लेकर आएं
अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए आपको सही कीवर्ड स���्च करना पड़ेगा जिससे कि आप गूगल की टॉप रैंक में आ सके. इसके लिए आप अपने काम के बारे में प्रचार कर सकते हैं. आप सोशल मीडिया, फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम पर एडवर्टाइजमेंट कर सकते हैं. जिससे आपकी वेबसाइट का ट्रैफिक बढ़ेगा. आप कीवर्ड रिसर्च कर सकते हैं जिससे आपको अपनी वेबसाइट का ट्रैफिक बढ़ाने में आसानी होगी. इसके लिए बहुत से पेड टूल भी हैं लेकिन कुछ फ्री भी हैं. यदि आप सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन की मदद से गूगल सर्च में आना चाहते है तो आपको सबसे पहले कीवर्ड की और ध्यान देना पड़ेगा और अच्छे कीवर्ड का इस्तेमाल करना होगा.
बदलते दौर में कारोबार करने का तरीका भी तेजी से बदल रहा है. जहां पहले लोग महीने में या 15 दिन में एक बार खरीदारी करने के लिए मुश्किल से समय निकाल पाते थे वहीं अब हर दिन घर बैठे ऑनलाइन खरीदारी कर पा रहे हैं. अगर आप अपने बिज़नेस को ऑनलाइन ले जाना चाहते हैं तो यह 5 स्टेप्स आपकी बहुत मदद कर सकते हैं. इन 5 स्टेप्स को अपनाकर आप अपने ई-कॉमर्स बिज़नेस को नई पहचान दिला सकते हैं.
लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में किसी कठिन और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं. आप चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको BCP Bada Business (Business Coaching Program) का चुनाव जरूर करना चाहिए. जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं.
Source: https://hindi.badabusiness.com/business-motivation/5-important-steps-to-start-an-e-commerce-business-10201.html
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इंटरनेट का भविष्य भारतीय है भारत के राज्य राजस्थान में स्थित देवी का गांव आधुनिक बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है। यह रेगिस्तान के बीच कुछेक घरों की एक शांत सी बस्ती है। दिन में केवल एक बस यहां से गुज़रती है, जो पचास मील दूर स्थित सबसे क़रीबी शहर से इसका एकमात्र संपर्क है। उन्हें अपने बच्चों और रिश्तेदारों से बात करने की ख़ातिर नेटवर्क की दो लकीरें पाने के लिए अपने घर की छत पर चढ़ना पड़ता है। "वहां से मैं बात कर सकती हूं," उन्होंने बताया। "कभी-कभी बात बन जाती है। वर्ना तो यह फ़ोन बेकार ही पड़ा रहता है।" भारत के लगभग 90 करोड़ लोगों की तरह देवी ने भी न तो कभी स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल किया है, और न ही इंटरनेट का उपयोग किया है। पहले से ऑनलाइन 50 करोड़ से ज़्यादा भारतीयों के साथ, उन करोड़ों लोगों को ऑनलाइन लाने की दौड़ में तकनीकी दुनिया के कई बड़े वैश्विक नाम शामिल हैं। और इस प्रक्रिया में वे इंटरनेट के भविष्य को आकार दे रहे हैं। "दुनिया की आधी से कुछ ज़्यादा आबादी ऑनलाइन है, इसका मतलब है दुनिया के लगभग साढ़े तीन सौ करोड़ लोग इंटरनेट से नहीं जुड़े हैं," भारत में गूगल के मैनेजिंग डायरेक्टर राजन आनंदन ने पिछले महीने एक इंटरव्यू में सीएनएन बिज़नेस को बताया था। तो किस तरह से इन प्रयोक्ताओं को जोड़ा और इंटरनेट को उनके लिए उपयोगी बनाया जा सकता है? "ये जवाब इसमें निहित हैं कि इन 90 करोड़ (भारतीयों) को कैसे जोड़ा जाए जो ऑनल���इन नहीं हैं," आनंदन ने कहा। करोड़ों भारतीय अभी भी इंटरनेट से दूर हैं, और अधिकांश स्मार्टफ़ोनों के ज़रिए इंटरनेट का प्रयोग करेंगे असंबद्धों को जोड़ना भारत इंटरनेट के उपभोक्ताओं में विस्फोटक वृद्धि देख चुका है, जिसे विशाल नए बाज़ारों को हथियाने की सिलिकॉन वैली की हड़बड़ी और देश के संरचनात्मक ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए सरकारी निवेश ने हवा दी थी। गूगल ने भारत भर में चार सौ से ज़्यादा रेलवे स्टेशनों में वाईफ़ाई सेवा स्थापि�� करने में मदद की है, और वह ग्रामीण भारतीय महिलाओं को इंटरनेट का उपयोग करना सिखाने के लिए डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी चलाता है। फ़ेसबुक अपनी एक्सप्रेस वाइफ़ाई पहल के माध्यम से 20,000 हॉटस्पॉट स्थापित करना चाहता है जो लगभग 10 रुपए (0.14 डॉलर) प्रतिदिन पर उपभोक्ताओं को जोड़ेगा। सरकार की भारत भर में 250,000 हॉटस्पॉट स्थापित करने की योजना है। "मेरे विचार में, भौतिक संरचनात्मक ढांचे की जगह हमें डिज��टल संरचनात्मक ढांचे का निर्माण करना होगा," भारत सरकार के एक वरिष्ठ नीति सलाहकार अमिताभ कांत का कहना है। मगर निस्संदेह, भारत के ऑनलाइन उछाल में सबसे बड़ा योगदान है मुफ़्त इंटरनेट की पहल जिसे देश के सबसे समृद्ध व्यक्ति द्वारा लाया गया है। मुकेश अंबानी ने सितंबर 2016 में एक हतप्रभ कर देने वाले शुरुआती ऑफ़र के साथ 2000 करोड़ डॉलर का एक नया मोबाइल नेटवर्क, रिलायंस जियो, लॉन्च किया। नए उपभोक्ताओं को छह महीने के लिए मुफ़्त 4जी हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान किया गया। इसने मूल्य-युद्ध छेड़ दिया और अन्य मोबाइल सेवा-प्रदाताओं को अपनी सेवा दरें घटानी पड़ीं। अब, अपने लॉन्च के दो साल बाद जियो 25 करोड़ से ज़्यादा लोगों का उपभोक्ता आधार बना चुका है। और अंबानी की भविष्यवाणी है कि 2020 तक भारत "पूरी तरह से 4जी" हो जाएगा। "भारत का प्रत्येक फ़ोन 4जी सक्षम फ़ोन होगा, और प्रत्येक उपभोक्ता 4जी संयोजकता हासिल कर सकेगा," अक्तूबर में दिए एक भाषण में उन्होंने कहा था। "हम सब जगह सब लोगों और सब चीज़ों को जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" गोरख दान के लिए तो जियो ने एक नई दुनिया ही खोल दी है। यह छब्बीस वर्षीय व्यक्ति जमना देवी के गांव से क़रीब 40 मील दूर जैसलमेर शहर में पत्थर के सप्लायर का काम करता है। पांच महीने पहले उसने जियो का एक सिम कार्ड लिया था और फिर क़रीब 5,000 रुपए (68 डॉलर) में नोकिया का अपना पहला स्मार्टफ़ोन ख़रीदा। अब तो दान को व्हाट्सएप, जिसके भारत में सबसे ज़्यादा उपभोक्ता हैं, और यूट्यूब का चस्का लग गया है। अंबानी की कंपनी के प्रभाव को बताने के लिए वह एक बेहद भारतीय जुमले का प्रयोग करता है। "जियो तो सबका बाप बन गया है।" भारत के सुदूर गांवों में, सावल सिंह जैसे लोगों को फ़ोन पर बात करने के लिए पेड़ों पर चढ़ना पड़ता है। इस बीच, सस्ता डाटा और स्मार्टफ़ोन लाखों शहरी भारतीयों को इंटरनेट से जोड़ रहे हैं। प्रति सैकंड दो स्मार्टफ़ोन अपने चालीस करोड़ उपभोक्ताओं के साथ भारत, चीन के बाद, दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफ़ोन बाज़ार बन चुका है। मगर वे जनसं��्या का एक तिहाई भी नहीं हैं, और स्मार्टफ़ोन निर्माता शेष लोगों तक पहुंचने की दौड़ में लगे हैं। इस समय सैमसंग और चीन के शाओमी बाज़ार पर हावी हैं, और दोनों ही लगातार बड़े होते जा रहे हैं — इस साल नई दिल्ली के बाहर सैमसंग ने, जैसा कि उसका दावा है, "दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फ़ैक्टरी" बनाई है, जबकि शाओमी ने अपनी क्षमता को तीन गुणा बढ़ाया है और अब भारत में प्रति सैकंड दो उपकरण का उत्पादन कर सकती है। "पश्चिम और चीन के विपरीत जहां लोग पहले ऑफ़लाइन थे, फिर डेस्कटॉप, लैपटॉप और फिर मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन हुए... लोग इन सारे चरणों को छोड़कर, स्मार्टफ़ोन के माध्यम से, ऑनलाइन न होने से सीधे ऑनलाइन हो गए," शाओमी के भारत-प्रमुख मनु जैन ने मई में सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा था। ऑनलाइन होने में सबसे बड़ी बाधा स्मार्टफ़ोनों की क़ीमत है। सबसे सस्ते मॉडल भी अधिकांश भारतीयों की पहुंच से अभी भी बाहर हैं, जिनकी वार्षिक औसत आय डेढ़ लाख रुपए से भी कम है। और रुपए के मूल्य में गिरावट आने के कारण शाओमी ने क़ीमतें बढ़ा दी हैं। अपने महंगे आईफ़ोनों के साथ एपल पांव जमाने के लिए संघर्ष करता रहा है, और भारतीय बाज़ार में उसकी वर्तमान हिस्सेदारी मुश्किल से 2% है। दूसरी ओर, ओपो और वीवो जैसे चीनी कंपनियों ने अच्छी-ख़ासी पैठ बना ली है, मगर उनके सबसे सस्ते स्मार्टफ़ोन भी लगभग 10,000 रुपए (137 डॉलर) के हैं। गूगल के आनंदन बताते हैं कि एकदम बेसिक स्मार्टफ़ोन भी 4000 रुपए से ज़्यादा मूल्य का होता है, जबकि कीपैड फ़ोन को जिसे ज़्यादातर भारतीय अभी भी इस्तेमाल करते हैं, मात्र 900 रुपए में ख़रीदा जा सकता है। "कल सुबह जब मैं जागूं और मुझे भारतीय इंटरनेट के लिए कोई कामना करनी हो, तो मैं कहूंगा कि वह कम क़ीमत में अच्छी गुणवत्ता वाला स्मार्टफ़ोन उपलब्ध होने की होगी," वे कहते हैं। "अगर हम ऐसा कर सकें, तो मेरा मानना है कि रातोंरात हम भारत में उपभोक्ता आधार ��ो दोगुना कर सकेंगे।" इंटरनेट पर संवाद करने के लिए भारतीय वीडियो का अधिकाधिक प्रय���ग कर रहे हैं। 'इस ख़ज़ाने को आप कैसे मापते हैं?' इस बीच, उन लाखों भारतीयों के सामने जिनके पास स्मार्टफ़ोन हैं, अनेक विकल्प आ खड़े हुए हैं| अमेज़न, ऊबर, और नेटफ़्लिक्स जैसे डिजिटल बाहुबली फ़्लिपकार्ट, ओला और हॉटस्टार जैसे देसी प्रतिद्वंद्वियों से मुक़ाबला कर रहे हैं। अमेज़न ने अपने भारतीय व्यापार को विकसित करने के लिए 500 करोड़ डॉलर से अधिक की राशि आवंटित की है, और ऊबर ने चीन और दक्षिणपूर्व एशिया से निकलने के बाद एशिया में अपने भविष्य का दारोमदार भारत पर छोड़ा हुआ है। नेटफ़्लिक्स ने इस साल के शुरू में अपनी पहल�� मौलिक सीरीज़, "सेक्रेड गेम्स" रिलीज़ की, और इसकी एक दर्जन से ज़्यादा मौलिक सीरीज़ जल्द आने वाली हैं। "भारत हमारे सबसे बड़े बाज़ारों में से एक है," एशिया में नेटफ़्लिक्स की संचार-उपाध्यक्ष जैसिका ली ने बताया। "आप जनसंख्या की विशालता, इंटरनेट की पैठ और विकास के अवसर को देखें — चुनौती यह है कि आप इस ख़ज़ाने को कैसे मापते हैं?" इंटरनेट के उछाल ने करोड़ों डॉलर के मूल्यांकन वाली अनेक नई भारतीय कंपनियों का भी निर्माण किया, जिन्होंने अपना अच्छा-ख़ासा मुक़ाम बना लिया है। ओला की टैक्सी-सेवा लगभग 110 — ऊबर से 80 अधिक — भारतीय शहरों में कार्यरत है। भारतीय ऑनलाइन रीटेल बाज़ार में अमेज़न की 32% हिस्सेदारी की तुलना में फ़्लिपकार्ट की अनुमानत: 40% हिस्सेदारी है। और भारत की अग्रणी डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम ने आठ साल में 30 करोड़ से अधिक उपभोक्ता बना लिए हैं। "हम ऐसी कंपनियां हैं जो इंटरनेट के युग में जन्मी हैं," पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने सीएनएन बिज़नेस को बताया। "मेरा मानना है कि इंटरनेट इस देश के सामाजिक और आर्थिक विकास का प्रमुख चालक बनेगा।" अन्य वैश्विक कंपनियां भी डिजिटल अर्थव्यवस्था में पैसा डालकर भारत में विस्तार कर रही हैं। जब वॉरेन बफ़ेट की बर्कशायर हैथवे ने इस वर्ष पेटीएम के शेयर प्राप्त किए — किसी भारतीय कंपनी में यह इसका पहला निवेश है — तो यह चीन की तकनीकी बाहुबली अलीबाबा और जापान के सॉफ़्टबैंक जैसे प्रोत्साहकों में शामिल हो गई जिसकी ओला में भी हिस्सेदारी है। फ़्लिपकार्ट का नियंत्रण अब अमेरिकी रीटेलर वॉलमार्ट क�� पास है, जिसने इस वर्ष के आरंभ में 77% शेयर के लिए एक लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया था। चीन की एक और बड़ी तकनीकी कंपनी टैनसेंट के पास फ़्लिपकार्ट और ओला दोनों के शेयर हैं। डिज़्नी ट्वेंटीफ़र्स्ट सैंचुरी फ़ॉक्स की अधिकांश हिस्सेदारी को ख़रीदने की अपनी डील के हिस्से के रूप में, भारत के शीर्षस्थ स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म हॉटस्टार और इसके 7.5 करोड़ से ज़्यादा मासिक सक्रिय सदस्यों को अपने हाथ में लेने की प्रक्रिया में है। पहले भारत, बाद में दुनिया भारी निवेश और तीव्र विकास के इस मादक मेल ने भारत को एक प्रयोगशाला में तब्दील कर दिया है, जहां उन अव��ारणाओं और उत्पादों को आकार दिया जाता है जो भारत की सीमाओं से बहुत दूर इंटरनेट को आकार देंगी। "जहां तक भारत की बात है, भविष्य तो यहां आ चुका है," दक्षिण एशिया में फ़ेसबुक की सार्वजनिक नीति की निदेशक आंखी दास कहती हैं। "पहले भारत" उत्पादों और विशेषताओं की एक श्रृंखला रही है जिन्हें बाद में दूसरे देशों में ले जाया गया। ऊबर ने इस साल के शुरू में अपनी एप ��ा कम बैंडविड्थ संस्करण 'लाइट' लॉन्च किया था जबकि डेटिंग एप टिंडर ने पहली बार भारत में एक फ़ीचर आरंभ किया जो बातचीत में पहल करने में महिलाओं को अधिक नियंत्रण प्रदान करता है। दोनों ही कंपनियां इन फ़ीचर्स को दूसरे देशों में भी ले जाने पर विचार कर रही हैं। 2011 में ही फ़ेसबुक अपनी वेबसाइट का ऐसा संस्करण लाकर जो बेसिक मोबाइल पर भी काम करता था, बरसों से भारत को परीक्षण स्थल की तरह प्रयोग करता आ रहा है। तब से यह मिश्रित सफलता के साथ भारत में अपनी सेवाओं के अनेक दूसरे फ़ीचर्स और संस्करण लाता रहा है। "भारत हमारे लिए बहुत बड़ी प्राथमिकता है," दास ने कहा। "यह हमेशा हमारे मिशन का केंद्र रहा है।" भारत का कई अन्य तरीक़ों से भी कंपनियों पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है। अमेज़न ने अपने एप को भारत की सबसे ज़्यादा लोकप्रिय भाषा हिंदी में शुरू किया है, और निकट भविष्य में इसकी योजना अन्य भारतीय भाषाओं को जोड़ने की भी है। 130 नए देशों में वैश्विक विस्तार के हिस्से के रूप में, नेटफ़्लिक्स सबसे पहले भारत में जनवरी 2016 में लॉन्च हुआ था। एक वर्ष से भी कम समय में यह दुनिया भर में अपने उपभोक्ताओं को कार्यक्रम डाउनलोड करने और उन्हें ऑफ़लाइन देखने की सुविधा प्रदान करने लगा। इस वर्ष के शुरू में नेटफ़्लिक्स ने अपनी पहली मौलिक भारतीय सीरीज़ "सेक्रेड गेम्स" रिलीज़ की, और इसकी एक दर्जन से अधिक सीरीज़ जल्द आने वाली हैं। हालांकि डाउनलोड करने की विशेषता ख़ासतौर से भारत के लिए नहीं थी, मगर ली का कहना है कि नेटफ़्लिक्स को उभरते बाज़ारों के अनुकूल बनाने में भारत ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है। "डाउनलोड्स, मोबाइल कंप्रैशन, वीडियो के लिए फ़ाइल के आकार को छोटा बनाना ताकि वे बेहतर तरीक़े से प्रवाहित हो सकें, बफ़रिंग कम करना... ये सब भारत जैसे बाज़ारों में होने से ही हुआ है," वे आगे कहती हैं। यूट्यूब और गूगल मैप्स जैसे ऑफ़लाइन संस्करणों को लाकर और भारत की दर्जनों क्षेत्रीय भाषाओं में बेहतर काम करने के लिए गूगल ट्रांसलेट का विस्तार करके गूगल ख़ासतौर से सक्रिय रहा है। "प्रत्येक उत्पाद में हम यह देख रहे हैं कि जब हम अपने उत्पादों को वास्तव में भारत के लिए बनाते हैं या जब हम वास्तव में उन्हें इन भारतीय उपभोक्ताओं के लिए आकार देते हैं, तो वे बख़ूबी काम करते हैं," आनंदन ने कहा। पहला 'आवाज़ से खोज' इंटरनेट भारत के लोग इंटरनेट के प्रयोग के तरीक़े तक को आकार दे रहे हैं, जिसमें गूगल के बिज़नेस की आधारशिला — जानकारी की खोज — भी शामिल है। "ये नए प्रयोक्ता टैप या टाइप करने के बजाय इंटरनेट से बात करना पसंद करते हैं, इसलिए भारत में आवाज़ से खोज प्रश्न प्रति वर्ष 270% बढ़ रहे हैं जो कि हैरतअंगेज़ है," आनंदन ने आगे कहा। "हम वीडियो इंटरनेट तो पहले से ही हैं, और अगर आप मुझसे पूछें तो मैं कहूंगा कि हम दुनिया का पहले आवाज़ से खोज इंटरनेट बनेंगे।" भारत के स्टार्टअप भी दूर तक नज़र लगाए हुए हैं। पिछले वर्ष में ओला ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और यूनाइटेड किंगडम तक में पहुंच गया है। "भारत में काम करने के लिए बड़ी कठोर प्रतिस्पर्द्धा चाहिए होती है," नवंबर के आरंभ में ओला के सामरिक उपक्रम के प्रमुख आनंद शाह ने सीएनएन बिज़नेस से कहा था। "अगर आप यह भारत में कर सकते हैं, तो कहीं भी कर सकते हैं।" पेटीएम कनाडा में काम कर रहा है, और इस वर्ष जापान में ऑनलाइन भुगतान आरंभ करने के लिए सॉफ़्टबैंक के साथ साझेदारी कर रहा है। "एक बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कर लेने के बाद हम निश्चित रूप से यूएस के मार्केट में जाना चाहेंगे," पेटीएम के शर्मा कहते हैं। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ऑनलाइन आबादी होने के नाते यह तो निश्चित है कि भारतीयों क��� प्रभाव भी बहुत बड़ा होगा, कांत कहते हैं। और चीनी इंटरनेट प्रयोक्ताओं के विपरीत, वे वैश्विक प्लेटफ़ॉर्मों का इस्तेमाल कर रहे हैं। "ट्विटर पर सबसे अधिक नागरिक भारतीय होंगे, फ़ेसबुक पर सबसे अधिक नागरिक भारतीय होंगे," उन्होंने कहा। जल्द ही यूट्यूब पर दुनिया के किसी भी अन्य चैनल से ज़्यादा सब्सक्राइबर शायद बॉलीवुड के म्युज़िक लेबल टी-सीरीज़ के होंगे। भारत में किसी भी अन्य देश की तुलना में 25 वर्ष से कम उम्र के लोग हैं, और तकनीकी कंपनियां उन्हें ऑनलाइन लाने के लिए दौड़ रही हैं। विनियमन को ठीक करना विकास की बेतहाशा गति विनियमन — और अन्य लागू किए गए बदलावों — को भी जन्म दे रही है जो इस बात को आकार दे सकता है कि अन्य देशों में लोग इंटर��ेट को कैसे अनुभव करें। मसलन, अपने प्लेटफ़ॉर्म पर ग़लत जानकारी के लिए व्हाट्सएप की तीखी आलोचना की गई है, जिसका 20 करोड़ भारतीय इस्तेमाल करते हैं। वायरल हुए झूठे संदेशों को पिछले साल सारे भारत में भीड़ की हिंसा से जोड़ा गया है, जिनमें बच्चों के अपहरण की झूठी अफ़वाहों के कारण भीड़ द्वारा एक दर्जन से अधिक हत्याएं की गईं। सरकार ने फ़ेसबुक के स्वामित्व वाली इस कंपनी से झूठी जानकारी फैलाने में इसकी भूमिका के लिए बार-बार बात की है और इससे अपने काम करने के तरीक़े में बदलाव लाने को कहा है। कुछ मांगों के प्रति व्हाट्सएप का जवाब नकारात्मक रहा है, जिनमें व्यक्त���गत संदेशों का पता लगाना भी शामिल है। लेकिन इसने एक लेबल बढ़ा दिया है जो यह दर्शाता है कि मैसेज सेंडर ने ख़ुद नहीं लिखा बल्कि फ़ॉरवर्ड किया है, और यह सीमित कर दिया है कि एक मैसेज एक बार में कितनी चैट्स पर फ़ॉरवर्ड किया जा सकता है। ये दोनों फ़ीचर भारत में आरंभ किए गए और फिर बाद में शेष दुनिया में लाए गए। इनका इस प्लेटफ़ॉर्म पर झूठी ख़बरों और ग़लत जानकारी को रोकने में "महत्वपूर्ण प्रभाव" रहा है, दास ने कहा, और साथ ही यह भी कहा कि ये ब्राज़ील के हालिया चुनाव सहित वैश्विक परिदृश्य में भी प्रभावी रहे हैं। "मेरा ��़्याल है कि इंटरनेट की स्थिरता और विकास का दारो��दार इस पर रहेगा कि लोग इ�� पर कितना सुरक्षित महसूस करते हैं," उन्होंने कहा। भारतीय इंटरनेट पर ���ाइप करने की जगह बोलना पसंद करते हैं, और देश की दर्जनों भाषाएं वैश्विक तकनीक के लिए अगली बड़ी चुनौती हैं। और अधिक विनियमन जिन पर काम चल रहा है, वैश्विक इंटरनेट के अगले सीमांत के रूप में भारत की स्थिति को ख़तरे में डाल सकते हैं। डिजिटल भुगतान पर प्रतिबंध पहले ही व्हाट्सएप और गूगल को प्रभावित कर चुके हैं, और ई-कॉमर्स पर प्रस्तावित नियम अमेज़न के भारतीय कारोबार को नुक़्सान पहुंचा सकते हैं। वैश्विक तकनीकी कंपनियों का कहना है कि यह प्रस्तावित क़ानून कि भारतीय यूज़र का डाटा भारत में ही स्टोर किया जाए, उनके तेज़ रफ़्तार विकास पर ब्रेक लगा सकता है। "मेरा विचार है कि किसी भी क़िस्म का डाटा स्थानीयकरण देशों में इंटरनेट अर्थव्यवस्था और नवीनीकरण को धीमा करता है," गूगल के आनंदन ने कहा। "हम आशा करते हैं कि भारत प्रगतिशील होगा।" 'हम शुरुआत में हैं' विनियमन पर बहस भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, जिसे चीन द्वारा अपने विशाल इंटरनेट को वैश्विक कंपनियों से दूर रखने के फ़ैसले से भारी फ़ायदा हुआ है। गूगल और फ़ेसबुक को चीन के 80 करोड़ इंटरनेट प्रयोक्ताओं से काट दिया गया है, जिसके नतीजे में उन्होंने भारी संसाधन भारत की ओर संचालित कर दिए। चीनी कंपनियां भारत की खुली अर्थव्यवस्था से भी फ़ायदा उठा रही हैं, और स्मार्टफ़ोन की बिक्री व देश की बड़ी स्टार्टअप कंपनियों में निवेश करने के क्षेत्रों में मज़बूती हासिल कर रही हैं। "हमारा देश किसी भी इंटरनेट प्लेटफ़ॉर्म की सफलता के लिए आवश्यक जो अवसर और विविधता प्रदान करता है... मैं उसे लेकर अत्यधिक आशावान हूं," फ़ेसबुक की दास ने कहा। पेटीएम के सीईओ शर्मा का कहना है कि वैश्विक तकनीकी कंपनियों को बहुत ज़्यादा आज़ादी दी गई है। उनका तर्क है कि जो लोग देश में इंटरनेट के उछाल से लाभ उठा रहे हैं उनका कर्तव्य बनता है कि वे डाटा को भारत में स्टोर करें। "जब हमारा डाटा देश से बाहर नहीं जाएगा तब हम जानेंगे कि डाटा कौन इस्तेमाल कर रहा है, किसलिए कर रहा है या किसलिए नहीं कर रहा है," उन्होंने कहा। "आपका बिज़नेस यहां है, आपके उपभोक्ता यहां हैं, बाज़ार यहां है। तो क्यों नहीं?" जैसे-जैसे और भारतीय इंटरनेट से जुड़ते जाएंगे, वे दुनिया भर में इंटरनेट के प्रयोग के तरीक़े को आकार देंगे। सरकार जिस पक्ष पर भी प्रहार करे, बाज़ार तो बढ़ता ही जाएगा — और वो भी तेज़ी से। गूगल के आनंदन का अनुमान है कि अधिक से अधिक 2022 तक भारत में 80 करोड़ प्रयोक्ता हो जाएंगे। "तो वास्तव में, हम चीन जितना प्रयोक्ता आधार प्राप्त करने से तीन से चार साल दूर हैं," उन्होंने कहा। इसका अर्थ यह है कि तकनीकी उद्योग के लिए भारत विश्व क�� ख़ज़ाना है। "वास्तविकता यह है कि आज भारत का केवल 30% ऑनलाइन है। वास्तविक भारत जिसे इंटरनेट की ज़रूरत है, जो इंटरनेट से फ़ायदा उठा सकता है, वह अभी तक ऑनलाइन नहीं है," आनंदन ने आगे कहा। "हम कई मायनों में भारतीय इंटरनेट की शुरुआत में हैं।"
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गूगल पिक्सल, आईफोन 7 और सैमसंग गैलेक्सी एस7 एज में क्या-कुछ अलग है? गूगल ने मंगलवार को सैनफ्रांसिस्को में आयोजित एक इवेंट में नए पिक्सल स्मार्टफोन लॉन्च कर दिेए। गूगल ने इसी के साथ आधिकारिक तौर पर नेक्सस सीरीज को बंद करने का ऐलान भी कर दिया। इसके अलावा कंपनी द्वारा गूगल असिस्टेंट से लैस नए एंड्रॉयड ईकोसिस्टम वाले स्मार्टफोन बनाने की भी उम्मीद है। गूगल पिक्सल व गूगल पिक्सल एक्सएल फ्लैशिप स्मार्टफोन में एक्सक्लूसिव फ़ीचर के साथ प्रीमियम स्पेसिफिकेशन दिए गए हैं। इसी इवेंट में गूगल कार्यकारी ने ऐप्पल पर कई वार किए। इनमें सबसे खास है गूगल ने कहा कि पिक्सल स्मार्टफोन में कैमरा आगे की तरफ उभरा हुआ नहीं है जबकि लेटेस्ट आईफोन में कैमरा बंप आगे की तरफ उभरा हुआ देखा जा सकता है। गूगल पिक्सल और पिक्सल एक्सएल स्मार्टफोन की कीमत की बात करें तो यह दूसरे प्रीमियम स्मार्टफोन खासकर आईफोन7 और सैमसंग गैलेक्सी एस7 एज को कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं। आज हम नए गूगल पिक्सल स्मार्टफोन और दुनिया की दूसरी दो बड़ी कंपनियों के स्मार्टफोन की तुलना करेंगे। देखते हैं कि क्या नए गूगल पिक्सल फोन इन दो स्मार्टफोन की सत्ता को चुनौती दे पाएंगे? कीमत गूगल पिक्सल और पिक्सल एक्सएल स्मार्टफोन इसी महीने भारत में लॉन्च होंगे। और 13 अक्टूबर से इन स्मार्टफोन की प्री-बुकिंग शुरू हो जाएगी। गूगल पिक्सल 32 जीबी वेरिएंट की कीमत 57,000 रुपये है जबकि इसके 128 जीबी वेरिएंट को 66,000 रुपये में लॉन्च किया गया है। वहीं बड़े स्क्रीन साइज़ वाले पिक्सल एक्सएल के 32 जीबी वेरिएंट की कीमत 67,000 रुपये जबकि 128 जीबी वेरिएंट की कीमत 76,000 रुपये है। अगर तुलना करें, तो आईफोन 7 के 32 जीबी वेरिएंट की कीमत 60,000 रुपये है। 128 जीबी वेरिएंट 70,000 रुपये जबकि नया 256 जीबी बेस स्टोरेज 80,000 रुपये में मिलेगा। वहीं आईफोन 7 प्लस के 32 जीबी वेरिएंट की कीमत 72,000 रुपये, 128 जीबी वेरिेएंट की कीमत 82,000 रुपये और 256 जीबी वेरिएंट की कीमत 92,000 रुपये है। आईफोन 7 और आईफोन 7 प्लस भारत में अभी फ्लिपकार्ट और अमेज़न पर प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध हैं। नए आईफोन 7 अक्टूबर से मिलना शुरू हो जाएंगे। ( यह भी पढ़ें: गूगल पिक्सल और पिक्सल एक्सएल की तस्वीरें ) अब बात सैमसंग गैलेक्सी एस7 एज की तो कंपनी ने भारत में 32 जीबी वेरिएंट को 56,900 रुपये में लॉन्च किया है। हालांकि अगस्त में 5,000 रुपये की क���ौती के साथ अब सैमसंग इंडिया स्टोर से इस फोन को 50,900 रुपये में खरीदा जा सकता है। अगर 32 जीबी स्टोरेज आपके लिए पर्याप्त है तो बाजार में उपलब्ध यह अब तक का सबसे सस्ता फ्लैगशिप फोन है। वहीं भारत में गूगल पिक्सल का 128 जीबी वेरिएंट, आईफोन 7 के 128 जीबी वेरिएंट से कहीं ज्यादा सस्ता है। स्पेसिफिकेशन और फ़ीचर गूगल ने लॉन्च इवेंट में पिक्सल स्मार्टफो�� के कई स्पेसिफिकेशन और फ़ीचर के बारे में बताया। कंपनी ने कैमरा, फास्ट चार्जिंग, अनलिमिटेड स्टोरेज और रियली ब्लू कलर वेरिएंट समेत कई बारे में विस्तार से जानकारी दी। हम सभी स्मार्टफोन के स्पेसिफिकेशन के बारे में बात करेंगे और देखेंगे कि कौन सा फोन हमें ज्यादा आकर्षित करता है। ( यह भी पढ़ें: गूगल पिक्सल और पिक्सल एक्सएल की पहली झलक ) डिस्प्ले गूगल पिक्सल स्मार्टफोन आईफोन से थोड़ा बड़ा है और इसमें 5 इंच फुल एचडी (1080x1920 पिक्सल) डिस्प्ले है जिसकी डेनसिटी 441 पीपीआी है। जबकि आईफोन 7 में 4.7 इंच (750x1334 पिक्सल) डिस्प्ले है जिसकी डेनसिटी 326 पीपाआई है। वहीं 5.5 इंच वाले सैमसंग गैलेक्सी एस 7 एज स्मार्टफोन की तुलना गूगल पिक्सल एक्सएल और आईफोन 7 प्लस से होती है। गूगल पिक्सल एक्सएल और गैलेक्सी एस7 एज में एक जैसा स्क्रीन रिज़ॉल्यूशन और डेनसिटी है। दोनों फोन में 1440x2560 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन और 534 पीपीआई स्क्रीन डेनसिटी है। जबकि आईफोन 7 प्लस में 5.5 इंच स्क्रीन ही है लेकिन इसका रिज़ॉल्यूशन 1080x1920 पिक्सल है और डेनसिटी 401 पीपीआई है। हालांकि, 5.5 इंच, 5 इंच और 4.7 इंच वाले स्मार्टफोन की तुलना करना सही नहीं होगा लेकिन सबसे ज्यादा पिक्सल डेनसिटी के साथ गैलेक्सी एस7 एज जीत जाता है। ( यह भी पढ़ें: गूगल पिक्सल और गूगल पिक्सल एक्सएल के टॉप फ़ीचर जानें ) प्रोसेसर गूगल पिक्सल एक्सएल में जहां सबसे तेज स्नैपड्रैगन 821 क्वाड-कोर प्रोसेसर है। वहीं भारत में लॉन्च हुए गैलेक्सी एस7 एज में सैमसंग का एक्सीनॉस 8890 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर दिया गया है। पिक्सल एक्सल में ग्राफिक्स के लिए एड्रेनो 530 जीपीयू है जबकि गैलेक्सी एस7 एज में माली-टी880 एमपी12 जीपीयू है। दोनों ही स्मार्टफोन में 4 जीबी रैम है। बात करें आईफोन 7 की तो इसमें 2 जीबी रैम के साथ ऐप्पल का ए10 प्रोसेसर दिया गया है। आईफोन 7 प्लस में 3 जीबी रैम है। तीनों ही स्मार्टफोन मल्टीटास्किंग और गेम खेलने के लिए क्षमतावान हैं। लेकिन आईफोन 7 और पिक्सल स्मार्टफोन का रिव्यू करने तक हम अपना फैसला रिज़र्व रखेंगे। स्टोरेज जैसा कि पहले बताया कि सैमसंग ने भारत में अभी गैलेक्सी एस7 एज का 32 जीबी वेरिएंट ही पेश किया है। वहीं गूगल पिक्सल और पिक्सल एक्सएल के 32 जीबी व 128 जीबी वेरिएंट लॉन्च किए गए हैं। जबकि आईफोन 7 भारत में 32 जीबी, 128 जीबी और 256 जीबी वेरिएंट में उपलब्ध होगा। हालांकि, गूगल ने एक कदम आगे जाते हुए पिक्सल और पिक्सल एक्सएल खरीदने वाले ग्राहकों को तस्वीरें व वीडियो स्टोर करने के लिए अनलिमिटेड क्लाउड स्टोरेज का ऑफर दिया है। इनमें से किसी भी स्मार्टफोन में माइक्रोएसडी कार्ड सपोर्ट मौज़ूद नहीं है। इस लिहाज़ से तीनों फोन बराबर हैं। कीमत के हिसाब से गैलेक्सी एस7 में सबसे ज्यादा स्टोरेज मिलती है लेकिन 32 जीबी स्टोरेज से बड़ा वेरिएंट के भारत में लॉन्च ना होने से कुछ लोगों को निराशा हो सकती है। ( यह भी पढ़ें: गूगल पिक्सल स्मार्टफोन की भारत में यह होगी कीमत ) कैमरा गूगल ने अपने कैमरा को 'बाजार में सबसे ��ेहतर' बताया है और कहा कि डीएक्सओमार्क में फोन ने सबसे ज्यादा 89 स्कोर किया। कैमरे का विश्लेषण करने वाली वेबसाइट ने पिक्सल स्मार्टफोन को आईफोन 7 और गैलेक्सी एस7 एज से बेहतर बताया है। गूगल पिक्सल में अपर्चर एफ/2.0, ओआईएस और डुअल टोन एलईडी फ्लैश के साथ 12.3 मेगापिक्सल का कैमरा है। इससे 1.55 माइक्रोन पिक्सल साइज़ की तस्वीर ली जा सकती है। इसके अलावा एचडीआर+ मोड भी है। फोन में सेल्फी लेने के लिए 8 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा है। गैलेक्सी एस7 एज में अपर्चर एफ/1.7, ओआईएस और एलईडी फ्लैश के साथ 12 मेगापिक्सल रियर कैमरा है। इससे 1.4 माइक्रोन पिक्सल साइज़ की तस्वीर कैद की जा सकती है और इस फोन में भी ऑटो-एचडीआर मोड दिया गया है। बात करें सेल्फी की तो सैमसंग ने गैलेक्सी एस7 एज में कम रोशनी में अच्छी सेल्फी के लिए स्क्रीन फ्लैश के साथ 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया है। आईफोन 7 में अपर्चर एफ/2.2, ओआईएस और डुअल टोन एलईडी फ्लैश के साथ 12 मेगापिक्सल रियर सेंसर है। आईफोन 7 में भी एचडीआर मोड मोज़ूद है और सेल्फी लेने के लिए स्क्रीन फ्लैश के साथ 7 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है। आईफोन 7 प्लस में एक कैमरे में अपर्चर एफ/1.8 के साथ 28 एमएम वाइड एंगल लेंस और दूसरे में अपर्चर एफ/2.8 के साथ 56 एमएम टेलीफोटो लेंस दिया गया है। दूसरे लेंस से 10 गुना तक ऑप्टिकल ज़ूम किया जा सकता है और इसके लिेए तस्वीरों की क्वालिटी से भी कोई समझौता नहीं करना पड़ता। लेकिन एक बार आईफोन 7 और गूगल पिक्सल एक्सएल का रिव्यू करने के बाद ही हम अपने आखिरी निष्कर्ष तक पहुंचेंगे। बैटरी बात जब बैटरी साइज़ की हो तो ऐप्पल का पिछड़ना तय है। हालांकि बैटरी लाइफ के बारे में बहस की जा सकती है। आईफोन 7 और आईफोन 7 प्लस में क्रमशः 1960 एमएएच और 2900 एमएएच की बैटरी है। गूगल पिक्सल और पिक्सल एक्सएल में क्रमशः 2770 एमएएच और 3450 एमएएच की बैटरी दी गई है। वहीं सैमसंग गैलेक्सी एस7 एज में 3600 एमएएच बैटरी है। इन सभी स्मार्टफोन में दी गई बैटरियां नॉन रिमूवेबल हैं। और सिर्फ एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन ही फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करते हैं। हम अपना फैसला अभी रिज़र्व रखेंगे क्योंकि हमने अभी तक आईफोन 7 और गूगल पिक्सल का बैटरी टेस्ट नहीं किया है। ऑपरेटिंग सिस्टम शायद यही वो सबसे बड़ा कारण है जिसकी वजह से कोई ग्राहक एक एंड्रॉयड स्मार्टफोन की तुलना में आईफोन को तवज़्जो देता है। आईफोन 7 जहां लेटेस्ट आईओएस 10 पर चलता है जबकि गूगल पिक्सल एंड्रॉयड 7.0 नूगा पर। दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम में कई अनोखे फ़ीचर व ऑफर दिए गए हैं और दुनियाभर में इनके अपने फैन हैं। जहां ये दोनों फोन लेटेस्ट सॉफ्टवेयर से लैस हैं वहीं गैलेक्सी एस7 एज एंड्रॉयड 6.0 मार्शमैलो (जिसके ऊपर टचविज़ यूआई है) पर चलता है। गैलेक्सी एस7 को पछाड़ते हुए आईफोन 7 और गूगल पिक्सल स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम के विजेता हैं। एक्सक्लूसिव फ़ीचर इन तीनों स्मार्टफोन में कुछ एक्सक्लूसिव फ़ीचर भी हैं जो इन्हें एक-दूसरे से अलग बनाते हैं। गूगल पिक्सल रियली ब्लू कलर वेरिएंट में आता है, इससे पहले आईफोन 7 के भी ब्लू कलर में आने की खबरें थीं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा गूगल पिक्सल पहला फोन है जिसमें बिल्ट-इन गूगल असिस्टेंट और इंटिग्रेटेड स्क्रीन के साथ लाइव 24x7 कस्टमर केयर स���ोर्ट दिया गया है। जैसा कि पहले बताया कि इस फोन के साथ यूज़र को अनलिमिटेड क्लाउड स्टोरेज मिलती है जो ऐप्पल व सैमसंग के साथ नहीं मिलेगी। ऐप्पल एक निश्चित सीमा के बाधा क्लाउड स्टोरेज के लिए पैसे वसूलती है। आईफोन 7 में वॉयस आधारित वर्चुअल असिस्टेंट सिरी दिया गया है। सिरी को गूगल असिस्टेंट से काफी पहले विकसित किया गया है। सिरी से वो सभी काम किए जा सकते हैं जो गूगल असिस्टेंट कर सकता है। इसके अलावा आईओएस प्लेटफॉर्म के चलते एक्सक्लूसिव सर्विस जैसे फेसटाइम और आईमैसेज समेत दूसरे ऐप हैं। आईफोन 7 में हालांकि हेडफोन जैक नहीं दिया गया है लेकिन ऐप्पल ने फोन के साथ हेडफोन देकर यह भरपाई करने की कोशिश की है। गैलेक्सी एस7 एज अकेला ऐसा फोन है जो डुअल एज डिस्प्ले के साथ आता है। एस7 एज की वजह से सैमसंग ने काफी बढ़त हासिल की है और बाजार में यह एक कामयाब फोन साबित हुआ है। टचविज़ यूआई की वजह से एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर में कई काम के ट्वीक्स हैं। इनमें स्मार्ट शेयर और सैमसंग के कई दूसरे फ़ीचर शामिल हैं। परिणाम एचटीसी और एलजी जैसी कंपनियों ने ऊंची कीमतों व फ्लैगशिप स्पेसिफिकेशन वाले बाजार में कई बार मजबूत दांव चला है लेकिन सैमसंग और ऐप्पल को टक्कर नहीं दे सकीं। ऐप्पल व सैमसंग का प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट पर कब्जा है। लेकिन अब गूगल की एंट्री के साथ बदला��� स्वाभाविक है। ज्यादा कीमत के बावजूद गूगल पिक्सल और पिक्सल एक्सएल में वो सारी चीजें हैं जिनसे ऐप्पल व सैमसंग को अच्छी प्रतिद्वंदिता का सामना करना पड़ सकता है। इन तीनों में से कौन सा फोन ज्यादा बेहतर है, इस फैसले को हम ऐप्पल और गूगल के नए फोन का रिव्यू करने तक रिज़र्व रखेंगे। बनें रहिए हमारे साथ। Source link
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What is Amazon Mechanical Turk . How to make money from Amazon MTurk
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अमेज़ॅन मैकेनिकल टर्क को अमेज़ॅन एम टर्क (वेबसाइट- www.mturk.com) के रूप में भी जाना जाता है, यह मूल रूप से एक ई-कॉमर्स विशाल अमेज़न डॉट कॉम के स्वामित्व वाले बाज़ार है, जहां रिकस्टर के नाम से जाना जाने वाले लोगों की वेबसाइट पर सूक्ष्म नौकरियां पोस्ट की जा रही हैं कुछ सेंट्स या कुछ डॉलर के लिए मिनट इन सूक्ष्म नौकरियों को एचटीएस (मानव बुद्धिमान कार्य) Mturk पर कहा जाता है यह बहुत आसान और आसान कार्य है जो कि कोई भी कर सकता है, यहां तक कि कंप्यूटर और इंटरनेट का बुनियादी ज्ञान भी है।
पूरे विश्व के मजदूर इन एचआईटी (सूक्ष्म रोजगार) को पूरा कर सकते हैं और भुगतान प्राप्त कर सकते हैं, मॉटर्क बाज़ारस्थल पर रोज़ाना हजारों सूक्ष्म नौकरियां हैं
अमेज़ॅन यांत्रिक तुर्क कानूनी या घोटाला है?
चूंकि यह दुनिया की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी है, जो अमेज़न। कॉम के नाम से है, जो विश्व स्तर पर एक बहुत ही प्रतिष्ठित कंपनी है, इसलिए कोई भी इस वेबसाइट पर आंखों पर भरोसा कर सकता है कि यह 100% असली और कानूनी है श्रमिक इस नौकर नौकरियों के जरिए कमाते हैं। वे निडर रूप से भुगतान प्राप्त करते हैं
अमेज़न एमटीर्क पर किस तरह की सूक्ष्म नौकरियां पोस्ट की ��ई हैं और क्या हिट्स को पूरा करने के लिए उन्हें अच्छे कंप्यूटर और इंटरनेट कौशल की आवश्यकता है?
बहुत आसान और छोटी नौकरियां अमेज़न एमटर्क जैसे - भुगतान किए गए सर्वेक्षण, लघु डेटा प्रविष्टि नौकरियां, छवि सत्यापन, पत्र लेखन नौकरियों, लघु प्रतिलेखन नौकरियों पर क्लिक की जाती हैं, जॉब की गणना और गिनती, बिल गणना नौकरियां आदि। वे इतनी आसान नौकरी कर रहे हैं ताकि कक्षा 5 छात्र कर सकें, घर की पत्नी, बेरोजगार लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ, जब आप रेलवे स्टेशनों पर बोर हो रहे हों, बस स्टॉप, अस्पतालों में कतार में।
किस देश के लोग एक कर्मचारी के रूप में अमेज़न एमटीकेक पर काम कर सकते हैं?
किसी भी देश के लोग अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, भारत इत्यादि जैसे अमेज़ॉन एमटर्क पर www.mturk.com पर साइन अप कर सकते हैं, लेकिन ज्यादातर वे संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों को पसंद करते हैं।
पैसे कमाने के लिए अमेज़ॅन मैकेनिकल तुर्क पर काम करने की पूरी प्रक्रिया क्या है?
चरण 1 - एमटीर्क पर काम करने के लिए और भुगतान प्राप्त करने के लिए, साइन-अप के बाद, आपको सबसे पहले, www.mturk.com पर साइन अप करने की आवश्यकता है, अगले 48 घंटों के भीतर आपको अपने काम के अनुरोध के अनुमोदन की स्थिति के बारे में एक मेल मिलेगा। अमेज़ॅन mturk, एक बार आप अनुमोदित हो, mturk वेबसाइट पर साइन इन करें।
चरण 2 - अब आप यहां जाएं - ड्रॉप डाउन बटन से, आप छोटी सूची या एचआईटी के अनुसार व्यवस्था कर सकते हैं - नवीनतम एचआईटी, जल्द ही समाप्त हो रहे हैं, उच्च इनाम राशि एचआईटी कम इनाम की राशि एचआईटी आदि सुविधा, मैं आपको हिट चुनने का सुझाव देता हूं - जल्द ही श्रेणी पहले ही समाप्त हो रहा है क्योंकि इसे कुछ समय बाद उपलब्ध हिटों से निकाल दिया जाएगा, इसलिए कृपया उन हिट्स को पूरा करें।
चरण 3 - प्रत्येक एचआईटी के सामने आप उदाहरण के लिए विभिन्न नियम पाएंगे - समय आवंटित, अनुरोधकर्ता, पुरस्कार राशि, विवरण और योग्यता की आवश्यकता है।
यहां आवंटित समय समय - आपको आवंटित समय के भीतर परियोजना / कार्य पूरा करना होगा।
रिवार्ड राशि का मतलब है - आपके द्वारा कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद की गई राशि।
विवरण - आपको बताता है कि एचआईटी के कार्य के साथ आपको क्या करना है i.e - काम का विवरण जो आपको करना है
योग्यता की आवश्यकता है - इसका मतलब है कि आप उस विशेष कार्य (एचआईटी) करने के लिए योग्य हैं, यहां योग्यता का मतलब है - आपने उत्तीर्ण परीक्षा उत्तीर्ण की है जो कि एमटीर्क द्वारा किसी विशेष प्रकार के कार्य के लिए किया जाता है। यदि आप योग्यता परीक्षा के माध्यम से नहीं गए हैं, तो आपको परीक्षा के माध्यम से जाना होगा, जिसे आप किसी भी समय से जा सकते हैं और एक बार परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आप उस प्रकार के कार्य / कार्य के लिए हमेशा योग्य होंगे। आपको उस प्रकार के कार्य के लिए परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है, आप हमेशा उसी प्रकार की नौकरी के लिए पात्र होंगे, सभी कार्य / एचआईटीएस को योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता नहीं है।
चरण 4 - अब आप एचआईटी / कार्य / कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूरा कर सकते हैं और विवरण में दिए गए निर्देशों के मुताबिक, अगर आप सफलतापूर्वक कार्य पूरा कर लें, तो आपको अनुरोधकर्ता को कार्य जमा करना होगा, अब अनुरोधकर्ता आपका काम जो आपने किया है और ठीक कर लेंगे, तो कार्य के लिए निर्धारित इनाम राशि को आपके एमटर्क अकाउंट बैलेंस में जमा किया जाएगा, यदि अनुरोधकर्ता को कार्य के साथ कुछ गलत पता हो तो वह आपको गलती को सही बताएगा और फिर से सबमिट करें।
चरण 5 - अब आप वेबसाइट पर उपलब्ध अन्य एचआईटी कर सकते हैं, हिट के लिए इनाम की राशि बहुत छोटी है, अर्थात् यह 0.5 सेंट से कुछ डॉलर के बीच है। लेकिन सकारात्मक बात यह है कि यह कार्य बहुत सरल है और आसानी से कुछ मिनटों में पूरा हो सकता है।
अमेज़ॅन मैकेनिकल तुर्क कैसे श्रमिकों को भुगतान करता है? क्या यह वेतन के माध्यम से भुगतान करते हैं?
जो भी राशि आप अर्जित करेंगे, वह आपके अकाउंट बैलेंस में अमेज़ॅन एमटीकेक के डैशबोर्ड में प्रदर्शित होगी, लेकिन आपको अपना पहला एचआईटी पूरा करने से पहले 10 दिनों के लिए वापस लेने की अनुमति नहीं होगी। इसके बाद आप अपने बैंक खाते में प्रत्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण के माध्यम से, या फिर अमेज़न कार्ड द्वारा, अपने बैंक खाते में राशि स्थानांतरि�� कर सकते हैं। अमेज़ॅन mturk अब के रूप में वेतन पाल के माध्यम से भुगतान नहीं करता है
आपको अपने पैन कार्ड नंबर को भी जमा करना होगा, साथ ही सुरक्षा कारणों से भुगतान जारी करने और धोखाधड़ी को रोकने से पहले आपको अपने पैन कार्ड की एक स्कैन प्रतिलिपि भेजनी होगी।
अमेज़ॅन mturk पर काम करके मैं कितना पैसा कमा सकता हूं? क्या मैं एमटर्क से अपनी पूर्णकालिक कमाई कर सकता हूं?
सचमुच ईमानदार होने के लिए, आप पैसे से धन नहीं कमा सकेंगे, जिसे आप एमटीकेक पर कमा सकते हैं, लेकिन यदि आप पूरे समय के लिए काम करते हैं यानी 8 घंटे के लिए काम करते हैं तो लोग कहते हैं कि वे प्रतिदिन 10 से 20 डॉलर के बीच बना रहे हैं, व्यक्तिगत तौर पर अमेज़न के साथ मेरा अनुभव mturk अच्छा है, मैं 2 घंटे के लिए दैनिक काम करने के लिए और लगभग $ 2 अमरीकी डालर का उपयोग करें यदि आप अपने बुरे समय से गुजर रहे हैं तो हमारी नौकरी खो गई है, तो आप अपनी रोटी और मक्खन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कुछ अंशकालिक पैसे कमा सकते हैं।
क्या क्रौग अमेसोम एमटर्क पर सोर्सिंग है?
लूत लोगों को इस शब्द को क्रॉउड सोर्सिंग के साथ भ्रमित कर सकते हैं, यह वेबसाइट पर एक शब्द है, जो कि श्रमिक पुन: सोर्सिंग को संदर्भित करता है।
अमेज़ॅन mturk की समीक्षा - जहां तक अमेज़न mturk द्वारा प्रदान की गई समीक्षा और गुणवत्ता सकारात्मक है, जबकि बहुत कम लोग कहते हैं कि, अमेज़न एमटीर्क अंतरराष्ट्रीय (विशेष रूप से भारतीय) श्रमिकों को और अधिक अनुमोदन नहीं करता है और केवल संयुक्त राज्य अमेरिका से श्रमिकों को स्वीकृति देता है, हाँ इस वेबसाइट की नकारात्मक समीक्षा है जिसे मैंने कई स्थानों पर पाया था, शुरू में जब इसे शुरू किया गया था, तो बहुत आसान था, लेकिन अब एक दिन भारतीय श्रमिकों के विशाल कार्यबल के कारण और उनसे प्राप्त कम गुणवत्ता वाले काम के कारण, वे अनदेखी कर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों उन्होंने इस कारण का खुलासा भी नहीं किया, उन्होंने ईमेल में क्यों मंजूरी नहीं दी।
सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन पैसा बनाने के लिए अमेज़ॅन मैकेनिकल टर्क का सबसे अच्छा विकल्प क्या है?
दोस्तों, पैसे ऑनलाइन बनाने के कई तरीके हैं, लेकिन इसमें कुछ समय लगता है, ऑनलाइन तरीके से पैसे बनाने के लिए मैं व्यक्तिगत तौर पर कई तरीकों का इस्तेमाल करता हूं, कृपया नीचे दिए गए लेखों को पढ़ें।
1 - यूट्यूब पर पैसे बनाने के लिए
2 - कैसे गूगल ऐडसेंस द्वारा पैसा बनाने के लिए
3 - कैसे पैसा बनाने के लिए - eBay
4 - सहबद्ध विपणन द्वारा पैसे कैसे कमाएं
from Blogger http://bit.ly/2C9qMig
via
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