#अदरक और ककड़ी का मिश्रण
Explore tagged Tumblr posts
Text
इस ताज़ा पेय के साथ रूखी, चमकदार त्वचा पाएं (नुस्खा के अंदर)
इस ताज़ा पेय के साथ रूखी, चमकदार त्वचा पाएं (नुस्खा के अंदर)
हम सभी स्वस्थ और चमकती त्वचा चाहते हैं जिसके लिए हम अपनी त्वचा पर विभिन्न उत्पादों को लगाना चाहते हैं। लेकिन तत्काल परिणामों के लिए लक्ष्य के बजाय, यह महसूस करना आवश्यक है कि स्किनकेयर को प्रयास और रोगियों की आवश्यकता है। इसके अलावा, प्राकृतिक उपचारों का चयन करना सबसे अच्छा है जो न केवल रासायनिक मुक्त हैं, इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है, बल्कि अंदर से चंगा करने में भी मदद करता है। पोषण विशेषज्ञ…

View On WordPress
#indianexpress.com#अदरक और ककड़ी का मि���्रण#इंडियनएक्सप्रेस#ग्लोइंग स्किन कैसे पाएं#चमकती त्वचा के लिए पेय#त्वचा की देखभाल#दमकती त्वचा#नींबू#पोषण#लवनीत बत्रा#स्किनकेयर आहार
0 notes
Text
टॉन्सिल के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Tonsillitis Treatment at Home in Hindi
New Post has been published on http://healingawerness.com/getting-healthy/getting-healthy-women/%e0%a4%9f%e0%a5%89%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a3-%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%a3-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%98/
टॉन्सिल के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Tonsillitis Treatment at Home in Hindi
टॉन्सिल के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Tonsillitis Treatment at Home in Hindi Bhupendra Verma Hyderabd040-395603080 October 23, 2019
अगर आपको कभी गले में खराश और जलन महसूस होती है, तो इसे नजरअंदाज बिल्कुल भी न करें। हो सकता है कि यह टॉन्सिल के लक्षण हों। यह समस्या आपके खान–पान के कारण हो सकती है। दरअसल, कई खाद्य या पेय पदार्थों में बैक्टीरिया होते हैं, जो हमें दिखाई नहीं देते, लेकिन हमारे गले में मौजूद टॉन्सिल को संक्रमित कर सकते हैं। टॉन्सिल में संक्रमण के कारण गले में सूजन, दर्द, खराश और जलन पैदा हो सकती हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम टॉन्सिल क्या है और टॉन्सिल्स के घरेलू नुस्खे से जुड़ी कई रोचक जानकारियां आपको देने जा रहे हैं।
विषय सूची
टॉन्सिल क्या है? – What is Tonsillitis in Hindi
टॉन्सिल गले में मौजूद टिश्यू का जोड़ा होता है। यह जीभ के पीछे होता है, जहां नाक और मुंह की ग्रंथियां मिलती हैं (1)। टॉन्सिल में संक्रमण का असर वोकल कार्ड (स्वर यंत्र) पर भी दिखाई देता है। अगर यह किसी व्यक्ति को हो जाएं, तो उसे ज्यादा बात करने में परेशानी हो सकती है। अगर वह अधिक बात करने की कोशिश करता है, तो उसे गले में अधिक दर्द महसूस हो सकता है।
चलिए, एक नजर टॉन्सिल के प्रकार पर डालते हैं।
टॉन्सिल्स के प्रकार – Types of Tonsillitis Hindi
टॉन्सिल के प्रकार को उसके लक्षण के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता है (1)।
एक्यूट टॉन्सिल- यह टॉन्सिल का एक प्रकार है, जिसे टॉन्सिल की सूजन के रूप में भी जाना जाता है, यह मुख्य रूप से संक्रमण के कारण होता है। टॉन्सिल का यह प्रकार मुख्य रूप से फैरिंक्स यानी जीभ के पीछे के भाग (गले का एक हिस्सा) को प्रभावित करता है। टॉन्सिल का यह प्रकार ज्यादातर युवाओं को प्रभावित करता है (2)।
रिकरेंट टॉन्सिल– टॉन्सिल की समस्या को एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से ठीक किया जा सकता है, लेकिन कुछ बच्चों में यह समस्या बार-बार उत्पन्न हो जाती है, जिसे रिकरेंट टॉन्सिल कहा जाता है (3)।
क्रोनिक टॉन्सिल– यह टॉन्सिल का कठिन संक्रमण हो सकता है। इस कारण गले में टॉन्सिल स्टोन (एक प्रकार का चिकना पदार्थ जमा होना) बनने लगते हैं (4)।
पेरिटॉन्सिलर एब्सेस– पेरिटॉन्सिलर एब्सेस भी एक प्रकार का टॉन्सिल है, जो सिर और गर्दन में अधिक संक्रमण होने के कारण होता है। टॉन्सिल का यह प्रकार अधिकतर नवयुवाओं को प्रभावित करता है (5)।
आइए, टॉन्सिल के कारणों के बारे में जानें।
टॉन्सिल के कारण – Causes of Tonsillitis Hindi
हाथों की सफाई न होने या अनहाइजेनिक खान-पान के कारण बैक्टीरिया और संक्रमण को बढ़ावा मिलता है, जो टॉन्सिल्स का कारण बन सकता है। टॉन्सिल्स होने के मुख्य कारण निम्न प्रकार हैं (1)।
बैक्टीरिया
वायरल इन्फेक्शन
टॉन्सिल के लक्षण के बारे में जानने के लिए लेख के अगले भाग को पढ़ें।
टॉन्सिल के लक्षण – Symptoms of Tonsillitis in Hindi
शरीर में कोई भी रोग होता है, तो उसका लक्षण पहले से ही दिखाई देने लगता है। उसी तरह टॉन्सिल के लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं। आइए, इनके बारे में थोड़ा जान लेते हैं (1)।
निगलने में कठिनाई
कान में दर्द
बुखार
सिर दर्द
गले में खराश (जो दो दिन से अधिक समय तक हो)
सांस लेने में समस्या
खाने–पीने में तकलीफ
टॉन्सिल से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपचार का सहारा लिया जा सकता है। इसके बारे में हम आगे जानेंगे।
टॉन्सिल्स के घरेलू इलाज – Home Remedies for Tonsillitis in Hindi
जब लोगों को किसी तरह का रोग होता है, तो सबसे पहले लोग उसे घरेलू तरीके से ठीक करने के बारे में सोचते हैं। ऐसे ही कुछ टॉन्सिल के घरेलू नुस्खे के बारे में हम आपको बताएंगे, जिन्हें अपना कर इस समस्या में ��ाफी हद तक राहत पाई जा सकती है।
1. नमक पानी से कुल्ला
सामग्री:
आधा चम्मच नमक
एक कप गुनगुना पानी
उपयोग की विधि:
गुनगुने पानी में नमक को अच्छे से मिला लें।
फिर उससे गरारे करें।
कितनी बार करें:
दिन में 3 बार कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है:
जब भी गले में किसी भी तरह की परेशानी होती है, तो सबसे पहले गरारे करने कि सलाह दी जाती है। टॉन्सिल में नामक और पानी के मिश्रण से गरारे करने से आपको फायदा हो सकता है। नमक में एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया को दूर करने में मददगार साबित होते हैं (6)। पानी, संक्रमण के कारण बंद नाक को खोलने का काम कर सकता है, जिससे आपको सांस लेने में किसी तरह कि समस्या नहीं होगी (7)।
2. मेथी बीज
सामग्री:
दो चम्मच मेथी के बीज
एक गिलास पानी
उपयोग की विधि:
पानी में मेथी के बीज को मिलकर गर्म करें।
5 मिनट गर्म होने के बाद थोड़ी देर ठंडा होने दें।
फिर उस पानी से गरारे कर लें।
कितनी बार करें:
दिन में 3 से 4 बार करें।
कैसे फायदेमंद है:
टॉन्सिल का घरेलू उपाय में मेथी के बीज का उपयोग किया जा सकता है (8)। जैसा कि ऊपर लेख में बताया गया है कि बैक्टीरिया और वायरल इन्फेक्शन के कारण ही टॉन्सिल होता है। वहीं, मेथी के बीज में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं (9), जो टॉन्सिल में संक्रमण उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को दूर कर इस समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं।
3. दूध
सामग्री:
एक कप दूध
आधा चम्मच हल्दी पाउडर
एक चुटकी काली मिर्च पाउडर
उपयोग की विधि:
दूध को गर्म करें और उसमें काली मिर्च व हल्दी पाउडर डाल लें।
फिर अच्छे से मिलाकर पी लें।
कितनी बार करें:
हर रात में सोने से पहले पिएं
कैसे फायदेमंद है:
दूध का सेवन करने से गले में खराश की समस्या से निजात पाई जा सकती है। इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो गले की खराश में राहत पहुंचाने का काम करता है (10)। चूंकि, गले की खराश टॉन्सिल्स का एक लक्षण है। इस कारण यह इस समस्या से राहत दिलाने में सहायक माना जा सकता है। साथ ही इसमें मिलाई जाने वाली हल्दी और काली मिर्च में एंटी बैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव पाए जाते हैं (11),(12), जो टॉन्सिल के लक्षण को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
4. गाजर, ककड़ी और चुकंदर का रस
सामग्री:
150 मिलीलीटर गाजर जूस
50 मिलीलीटर ककड़ी जूस
50 मिलीलीटर चुकंदर जूस
उपयोग की विधि:
तीनों जूस को अच्छे से मिला लें।
फिर उसे पी लें।
कितनी बार करें
दिन में एक बार उपयोग करें।
कैसे फायदेमंद है:
गाजर, ककड़ी और चुकंदर के रस को टॉन्सिल की दवा के र���प में इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण टॉन्सिल होता है। वहीं, गाजर, ककड़ी और चुकंदर में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं (13) (14) (15)। इस कारण यह माना जा सकता है कि टॉन्सिल की समस्या में यह संयुक्त रूप से मददगार साबित हो सकते हैं।
5. अदरक
सामग्री:
एक इंच ताजा अदरक
एक कप पानी
एक चम्मच शहद (वैकल्पिक)
उपयोग की विधि:
अदरक को पानी में डालकर 5 मिनट तक गर्म करें।
गर्म होने के बाद उसे थोड़ी देर ठंडा होने दें।
फिर उसमें शहद मिलकर पी लें।
कितनी बार करें:
दिन में 3 से 4 बार तक इसे पी सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है:
टॉन्सिल का घरेलू इलाज करने के लिए अदरक का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, टॉन्सिल की समस्या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होती है (1)। अदरक में एंटीबैक्टीरियल प्रभाव पाए जाते हैं (16), जो टॉन्सिल से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
6. अंजीर
सामग्री:
दो से तीन अंजीर
पानी
उपयोग की विधि:
अंजीर को पानी में उबाल लें।
फिर उसे पीसकर पेस्ट बनाकर गले में लगा लें।
10 से 15 मिनट के लिए उसे ऐसे ही छोड़ दें, फिर पानी से धो लें।
आप दिन में तीन से चार अंजीर खा भी सकते हैं।
कितनी बार करें:
दिन में 1 से 2 बार उपयोग कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है::
अंजीर को टॉन्सिल की दवा के तरह उपयोग किया जा सकता है। अंजीर में फैनोलिक यौगिक पाए जाते हैं, जो एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों को दर्शाते हैं। इसके उपयोग से गले के अंदर की सूजन को कम किया जा सकता हैं। अंजीर में एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जो टॉन्सिलिटिस का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को दूर करने में मदद करते हैं (1), (17)।
7. फिटकिरी
सामग्री:
एक चम्मच फिटकरी
एक गिलास पानी
उपयोग की विधि:
पानी को गर्म करें और उसमें फिटकिरी पाउडर को मिला लें।
फिटकिरी को पानी में अच्छे से घोलने के बाद उससे गरारे कर लें।
कितनी बार करें:
दिन में 2 से 3 बार करें।
कैसे फायदेमंद है::
टॉन्सिल का उपचार फिटकिरी से भी किया जा सकता है। जैसा कि आपको पहले भी बताया गया है कि बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण टॉन्सिल की समस्या उत्पन्न होती है। ऐसे में फिटकिरी में पाए जाने वाले एंटी बायोटिक गुण बैक्टीरिया को दूर रखने का काम कर सकते हैं। इससे टॉन्सिल से जुड़ी समस्या दूर हो सकती है (18)।
8. नींबू और शहद
सामग्री:
एक चम्मच नींबू का रस
एक चम्मच शहद
एक कप पानी
उपयोग की विधि:
पानी को थोडा गर्म कर लें।
फिर उसमें नींबू का रस और शहद मिला लें।
फिर उससे गरारा कर लें।
कितनी बार करें:
दिन में 1 से 2 बार ऐसा करें।
कैसे फायदेमंद है:
गले में टॉन्सिल का इलाज नींबू और शहद के उपयोग से भी किया जा सकता है। नींबू में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो टॉन्सिल का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को दूर करने का काम कर सकते हैं (1)। इससे टॉन्सिल की समस्या को दूर किया जा सकता है (19)। इसके अलावा, शहद गले से संबंधित समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (20)।
9. लहसुन
सामग्री:
लहसुन की दो से तीन कलियां
एक गिलास पानी
उपयोग की विधि:
पानी को गर्म करें, फिर उसमें लहसुन को डाल दें।
कुछ समय तक पानी को ठंडा होने दें।
फिर उससे गरारे कर लें।
कितनी बार करें:
दिन में 1 से 2 बार तक करें।
कैसे फायदेमंद है:
लहसुन को कई बीमारियों के घरेलू उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि टॉन्सिल का कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है। वहीं, लहसुन में एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि लहसुन का उपयोग टॉन्सिल की समस्या से निजात दिलाने का काम कर सकता है (21)।
10. सेब का सिरका
सामग्री:
एक चम्मच सेब का सिरका
एक गिलास पानी
उपयोग की विधि:
पानी को गर्म कर लें, फिर उसमें सेब का सिरका मिला लें।
जब पानी हल्का गुनगुना हो जाए, तो उससे गरारे कर लें।
आप इस पानी को पी भी सकते हैं।
कितनी बार करें:
दिन में 1 से 2 बार तक करें।
कैसे फायदेमंद है:
टॉन्सिल का उपचार सेब के सिरके का उपयोग करके भी किया जा सकता है। टॉन्सिल की समस्या के लिए बैक्टीरियल इन्फेक्शन को जिम्मेदार माना जाता है (1)। वहीं, सेब के सिरके में एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया को नष्ट करने में सक्षम हैं। इस कारण सेब का सिरका टॉन्सिल से छुटकारा दिलाने में सहायक माना जा सकता है (22)।
11. प्याज
सामग्री:
एक प्याज
आधा कप पानी
एक चम्मच शहद
उपयोग की विधि:
आधे कप पानी में प्याज को पीस कर मिला लें।
फिर उसमें शहद डाल दें।
इस मिश्रण को पी लें।
कितनी बार करें:
दिन में 1 बार इसका उपयोग करें।
कैसे फायदेमंद है:
टॉन्सिल के उपाय के लिए प्याज भी आपके काम आ सकता है। जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा टॉन्सिलिटिस के लिए बैक्टीरियल इन्फेक्शन मुख्य कारण होता है। वहीं, प्याज में एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया से निपटने में मदद कर सकते हैं (23)। साथ ही इसमें पाया जाने वाला एंटी इंफ्लेमेटरी गुण टॉन्सिल की सूजन को कम करने में मदद करता हैं (24)।
12. कैमोमाइल चाय
सामग्री:
एक चम्मच कैमोमाइल पाउडर
एक कप पानी
एक चम्मच शहद
उपयोग की विधि:
पानी को गर्म करें और फिर उसमें कैमोमाइल को डालें।
5 से 10 मिनट गर्म होने दें।
फिर उसमें शहद डाल दें और थोड़ी देर ठंडा होने दें।
फिर इसे पी लें।
कितनी बार करें:
दिन में 2 से 3 बार तक उपयोग करें।
कैसे फायदेमंद है:
टॉन्सिल के कारण गले में सूजन हो जाती है। इससे बैक्टीरिया को बढ़ावा मिल सकता है। कैमोमाइल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है, जो टॉन्सिल की सूजन को कम करने के साथ–साथ दर्द से भी राहत दिलाने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं (25)। टॉन्सिल का मुख्य कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है, जो आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है। इसलिए, कैमोमाइल चाय को घरेलू उपचार के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
13. मिंट टी
सामग्री:
मुट्ठीभर पुदीने के पत्ते
एक कप पानी
एक चम्मच शहद
उपयोग की विधि:
पुदीने को कुचल कर पानी में डालकर गर्म कर लें।
5 मिनट गर्म होने के बाद पानी को कप में छान लें और उसमें शहद डालकर सेवन करें।
कितनी बार करें:
दिन में 3 से 4 बार तक पिएं।
कैसे फायदेमंद है::
गले में टॉन्सिल का इलाज पुदीने की चाय से किया जा सकता है। दरअसल, टॉन्सिल की समस्या का एक कारण मुंह का संक्रमण भी हो सकता है। वहीं, पुदीने में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण इस समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (26) (27)। ये इस समस्या से छुटकारा दिलाने के साथ–साथ दर्द को भी कम करने में सहायता कर सकते हैं।
14. सरसों पाउडर
सामग्री:
एक चम्मच सरसों पाउडर
एक कप पानी
उपयोग की विधि:
पानी को गर्म करें और उसमें सरसों का पाउडर मिला लें।
फिर उस गुनगुने पानी से गरारे कर लें।
कितनी बार करें:
दिन में 3 बार इसे करें।
कैसे फायदेमंद है:
सरसों पाउडर का उपयोग टॉन्सिल की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है। टॉन्सिल होने का मुख्य कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है (1)। चूंकि, सरसों पाउडर में एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि सरसों का इस्तेमाल टॉन्सिल से राहत दिला सकता है (28)।
15. सेंधा नमक
सामग्री:
एक चम्मच सेंधा नमक
पानी
उपयोग की विधि:
नमक को पानी में मिला लें।
फिर उस पानी से गरारे कर लें।
कितनी बार करें:
दिन में एक बार सेंधा नमक युक्त पानी से गरारे कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है:
नमक को कई समस्याओं के लिए घरेलू उपचार की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इनमें टॉन्सिल का इलाज भी शामिल है। दरअसल, बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण टॉन्सिल्स की समस्या होती है। इसे दूर करने के लिए नमक में पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल गुण फायदेमंद हो सकते हैं (29)।
16. ओरिगैनो
सामग्री:
एक चम्मच ओरिगैनो
एक कप पानी
शहद
उपयोग की विधि:
पानी में ओरिगैनो को मिलाएं और 5 मिनट तक गर्म करें।
फिर उसमें शहद डालकर पी लें।
कितनी बार करें:
दिन में 3 बार तक इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है:
ऊपर आपको टॉन्सिल के कारणों में बैक्टीरियल इन्फेक्शन के बारे में बता गया है। वहीं, ओरिगैनो में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, इसे गले में टॉन्सिल का अच्छा घरेलू उपचार माना जा सकता है (30)।
17. जौ
सामग्री:
एक से दो कप जौ
एक से दो लीटर तक पानी
उपयोग की विधि:
पानी में जौ को डालकर थोड़ी देर तक गर्म करें।
फिर इसे ठंडा होने दें।
ठंडा होने के बाद इस पानी को किसी बर्तन में रख लें और नियमित रूप से इस्तेमाल में लाएं।
वहीं, आप जौ का पेस्ट बनाकर गले पर लगा भी सकते हैं।
कितनी बार करें:
दिन में एक से दो बार तक इसका उपयोग करें।
कैसे फायदेमंद है:
जौ का उपयोग कर गले में टॉन्सिल का उपचार किया जा सकता है। दरअसल, इसमें एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं और जैसा कि अपने ऊपर पढ़ा बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण टॉन्सिल होता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि जौ टॉन्सिल में मददगार साबित हो सकता है (31)।
18. नारियल तेल
सामग्री:
एक चम्मच नारियल तेल
उपयोग की विधि:
नारियल तेल को मुंह में डालकर कुछ मिनट के लिए गरारे करें।
फिर उसे थूक दें।
कितनी बार करें:
दिन में दो बार तक करें।
कैसे फायदेमंद है:
नारियल तेल में एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करने में मदद कर सकता है। दरअसल, बैक्टीरियल इन्फेक्शन गले में टॉन्सिल का कारण बन सकता है। इसलिए, गले में टॉन्सिल से राहत दिलाने के लिए नारियल तेल मदद कर सकता है (32)।
19. अनानास का रस
सामग्री:
एक चौथाई भाग अनानास
एक कप पानी
उपयोग की विधि:
अनानास को अच्छे से पीस कर उसे पानी में मिला लें।
फिर इसे पी लीजिए।
कितनी बार करें:
दिन में एक बार इस जूस को पिएं।
कैसे फायदेमंद है:
एक शोध के अनुसार ,अनानास में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जैसा कि ऊपर आपने पढ़ा बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण टॉन्सिल में समस्या उत्पन्न होती है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि गले में टॉन्सिल की समस्या को होने से रोकने के साथ–साथ बैक्टीरिया से भी छुटकारा दिलाने में भी नारियल तेल मददगार साबित हो सकता है (33)।
20. दही
सामग्री:
एक कप दही
उपयोग की विधि:
इसे खाने के लिए उपयोग करें।
कितनी बार करें:
दिन में एक से दो बार तक खाने के लिए उपयोग करें।
कैसे फायदेमंद है:
जैसा कि आपको लेख में पहले बताया जा चुका है कि बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण टॉन्सिल्स की समस्या होती है। वहीं, दही में एंटी-बायोटिक गुण पाए जाते हैं, जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन से राहत पहुंचाने का काम कर सकते हैं (34)।
21. सूप और शोरबा
सामग्री:
100 ग्राम कटी हुई मिक्स वेज, मशरूम या चिकन (सूप बनाने के लिए आप इनमें से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं)
एक चम्मच मक्खन
हरा धनिया के कुछ पत्तियां
आधा नींबू
नमक स्वादानुसार
एक चौथाई चम्मच काली मिर्च
आधा छोटा चम्मच अदरक पेस्ट
उपयोग की विधि:
ऊपर बताई गए स��ी सामग्रियों को मिलाकर सूप तैयार कर लें।
फिर उस सूप को हल्का ठंडा हो जाने दें, उसके बाद ही उसे पीने के लिए इस्तेमाल करें।
कितनी बार करें:
दिन में एक बार सूप को पीने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है:
विशेषज्ञों के मुताबिक, टॉन्सिल्स की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप सूप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। माना जाता है कि यह गले को राहत पहुंचाने के साथ-साथ यह गले को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है, जिससे टॉन्सिल्स के कारण होने वाली चुभन और दर्द से राहत मिलती है (35),(36)।
लेख के अगले भाग में टॉन्सिल से जुड़े कुछ टेस्ट के बारे में बताया जा रहा है।
टॉन्सिल का निदान/परीक्षण – Diagnosis Tonsillitis in Hindi
टॉन्सिलिटिस के परीक्षण करने के लिए डॉक्टर कई तरह के टेस्ट कर सकता है, जो निम्न प्रकार से है (37) :
गले की जांच– गले की जांच कर टॉन्सिलिटिस का पता लगाया जा सकता है, क्योंकि टॉन्सिल से गर्दन में सूजन हो जाती है।
लार का सैंपल– टॉन्सिल की समस्या को जानने के लिए विशेषज्ञों द्वारा जीभ के पिछले भाग से रूई की मदद से लार के सैंपल लेकर परीक्षण किया जा सकता है। इससे टॉन्सिल के बारे में जाना जा सकता है।
सफेद धब्बा– मुंह को अच्छे से खोलकर देखने से उसमें सफेद धब्बे दिखाई देते हैं, तो इससे टॉन्सिल का पता लगाया जा सकता है।
आइए, अब जानते हैं कि टॉन्सिल का इलाज कैसे किया जा सकता है।
टॉन्सिल का इलाज – Treatment for Tonsillitis in Hindi
टॉन्सिल्स के इलाज की बात करें, तो डॉक्टर इसके लिए कुछ दवाओं का उपयोग करने की सलाह देते हैं। इसके उपचार के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली कुछ दवाएं निम्न प्रकार से हैं (38) :
इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन- जो टॉन्सिल के दर्द से राहत और बुखार कम करने में मदद कर सकती है।
एंटीबायोटिक्स दवाओं का उपयोग (बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करने के लिए)।
आगे हम टॉन्सिल से बचाव के बारे में कुछ जानकारी देंगे।
टॉन्सिल से बचाव – Prevention Tips for Tonsillitis in Hindi
टॉन्सिल से बचाव के कुछ उपाय निम्न प्रकार से हैं (39) :
हाथों को साफ रखें।
खराश, सर्दी और श्वसन तंत्र से पीड़ित लोगों से दूरी बनाए रखें।
धूम्रपान छोड़ें।
बच्चों को समय पर आवश्यक टीके लगवाएं।
चलिए, अब टॉन्सिल्स से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानते हैं।
टॉन्सिल्स के दुष्प्रभाव – Side Effects of Tonsillitis in Hindi
टॉन्सिल्स के कारण आपको कुछ समस्या का सामना करना पढ़ सकता है। इसके बारे में आगे निम्न बिन्दुओं के माध्यम से जानेंगे (38)।
शरीर में कमजोरी और बुखार होना।
कान में दर्द।
मुंह खोलने में तकलीफ ।
बात करते समय गले में तकलीफ महसूस होना।
गले में खराश और सूजन।
टॉन्सिल की समस्या को कैसे दूर किया जा सकता है, यह तो आप इस लेख के माध्यम से समझ ही गए होंगे। अब आप यहां दिए गए इन 20 घरेलू उपायों को अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इसके अलावा, लेख में टॉन्सिल्स से बचने के कुछ टिप्स भी बताई गई हैं, जो इस समस्या को दूर रखने में आपकी मदद करेंगे। उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी का उपयोग करके आप टॉन्सिल्स की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकेंगे। अगर इस लेख से जुड़ा कोई अन्य सवाल या सुझाव हो, तो आप कमेंट बॉक्स के मदद से उसे आप हम तक पहुंचा सकते हैं।
The following two tabs change content below.
Latest posts by Bhupendra Verma (see all)
टॉन्सिल के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Tonsillitis Treatment at Home in Hindi – October 23, 2019
स्वस्थ लिवर के लिए योगासन – Yoga Asanas For A Healthy Liver in Hindi – October 18, 2019
मैकाडामिया नट्स के फायदे और नुकसान – Macadamia Nuts Benefits and Side Effects in Hindi – October 14, 2019
हाइड्रोसील के कारण, लक्षण और इलाज – Hydrocele Causes, Symptoms and Treatment in Hindi – October 14, 2019
केलोइड के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Keloids Causes, Symptoms and Home Remedies in Hindi – October 14, 2019
Bhupendra Verma
भूपेंद्र वर्मा ने सेंट थॉमस कॉलेज से बीजेएमसी और एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी से एमजेएमसी किया है। भूपेंद्र को लेखक के तौर पर फ्रीलांसिंग में काम करते 2 साल हो गए हैं। इनकी लिखी हुई कविताएं, गाने और रैप हर किसी को पसंद आते हैं। यह अपने लेखन और रैप करने के अनोखे स्टाइल की वजह से जाने जाते हैं। इन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्टोरी और डायलॉग्स भी लिखे हैं। इन्हें संगीत सुनना, फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
संबंधित आलेख
चेहरे के खुले रोमछिद्रों से राहत पाने के 20 घरेलू उपाय – Home Remedies for Open Skin Pores in Hindi
चेहरे के खुले रोमछिद्रों को बंद करने का सबसे अच्छा उपाय है घरेलु इलाज (Open skin pores remedies in hindi)। हल्दी, जैतून का तेल, खीरा जैसे और भी बोहोत सारे नुश्खे है जो खुले रोमछिद्रों को बंद करके आपके खूबस��रती को बढ़ने में मददगार साबित हो सकता है…
नेल फंगस (नाखून की बीमारी) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Nail Fungus Symptoms and Home Remedies in Hindi
नाखून सिर्फ हमारे हाथ-पैरों की सुंदरता के ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य का भी दर्पण होते हैं। हमारे हाथ-पैरों की खूबसूरती पर चार चांद लगाने वाले ये नाखून कई बार फंगस का शिकार हो जाते हैं।
वॉटर रिटेंशन के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Water Retention Home Remedies in Hindi
क्या आपका वजन अचानक से बढ़ने लगा है? क्या आपके पैरों, टांगों और एड़ियों में तेज दर्द होने लगा है? साथ ही क्या अचानक से आपके चेहरे, हाथ, पैर और पेट पर सूजन आ जाती है?
बालों के लिए चावल के पानी का उपयोग – How To Use Rice Water For Hair in Hindi
चावल का पानी बालो के लिए बोहोत हे फायदेमंद होता है। (Rice Water for Hair in Hindi) बालो को बढ़ने में मदद करना, डैंड्रफ दूर करना और भी बोहोत सारे लाभ है इसके। अपने बालो को और खूबसूरत बनाने के लिए कैसे करे चावल के पानी का इस्तेमाल, जानने के लिए पढ़े ये लेख…
फोलिक एसिड क्या है, इसके फायदे और खाद्य सामग्री – Folic Acid Benefits in Hindi
शरीर एक मशीन की तरह होता है और इस मशीन को लगातार काम करने के लिए सही पोषण मिलना जरूरी है। शरीर को स्वस्थ रहने और बीमारियों से लड़ने के लिए कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है,
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/tonsil-ke-karan-lakshan-aur-gharelu-ilaj-in-hindi/
0 notes