#अं��श्रद्धा
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mangeram8445 · 1 year ago
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वेदों में कहाँ लिखा है कि परमात्मा साकार है?
चारों वेदों में (ऋग्वेद, यजुर्वेद सामवेद और अथर्ववेद) प्रमाण है कि परमात्मा साकार है। सतगुरु रामपाल जी महाराज ने हमें एक अनमोल आध्यात्मिक तत्वज्ञान से भरी पुस्तक पढ़ने को दी है जिसमें सम्पूर्ण ज्ञान है। ज्ञान गंगा पुस्तक में हमने पढ़ा और जाना कि पूर्ण परमात्मा ने मनुष्य को अपना स्वरूप दिया है, जिसे (नर-नारायण) कहते हैं।एम एच वन श्रद्धा चैनल पर दोपहर 2:00 बजे से देखिए तत्वज्ञान के खजाने को। सतगुरु रामपाल जी महाराज ने हमें बताया कि वेदों में लिखा है कि "अग्ने: तनूर् असि" (पवित्र यजुर्वेद अं. 1 मंत्र 15) परमेश्वर सशरीर है तथा पवित्र यजुर्वेद अध्याय 5 मन्त्र 1. दो बार में लिखा है कि "अग्ने तनूर् असि विष्णवे त्वा सोमस्य तनूर् असि"। इस मन्त्र में दो बार वेद गवाही दे रहा है कि सर्वव्यापक, सर्वपालन, करता सत्पुरुष सशरीर है। पवित्र युजर्वेद अध्याय 40 मन्त्र 8 में कहा है कि (कविर् मनिषी) जिस परमेश्वर की सर्व प्राणियों को चाह है, वह कविर अर्थात कबीर परमेश्वर पूर्ण ब्रह्म है। उनका शरीर बिना नाड़ी (अस्नाविरम्) का है, (शुक्रम अकायम्) वीर्य से बनी पांच तत्त्व से बनी भौतिक काया रहित है, वह सर्व का मालिक सर्वोपरि सत्यलोक में विराजमान हैं, उस परमेश्वर का तेजपूंज का (स्वज्योति) स्वयं प्रकाशित शरीर है जो शब्द रुप अर्थात अविनाशी है। वहीं कवीर्देव (कबीर परमेश्वर) है जो सर्व ब्रह्मण्डों की रचना करने वाला (व्यदधाता) सर्व ब्रह्मण्डों का रचनहार (स्वयम्भू:) स्वयं प्रकट होने वाला (तथा तथ्य: अर्थान) वास्तव में (शाश्वतिभ:) अविनाशी है, जिसके विषय में वेद वाणी द्वारा भी जाना जाता है कि परमात्मा साकार है तथा उसका नाम कविर्देव अर्थात कबीर परमेश्वर है (पवित्र गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में भी प्रमाण है।) भावार्थ है कि "उत्तम तो अन्य" उस पूर्ण ब्रह्म का शरीर का नाम कबीर (कविर देव) है। उस परमेश्वर का शरीर नूर तत्व से बना है। परमात्मा का शरीर अति सूक्ष्म है जो उस साधक को दिखाई देता है जिसकी दिव्य दृष्टि खुल चुकी है।
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