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chaitanyabharatnews · 4 years
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अनोखी प्रथा: लॉकडाउन में किसी कुंवारे ने मां पार्वती की मूर्ति चुराकर किया उन्हें होम क्वारंटाइन, इंतजार में अकेले बैठे हैं भोलेनाथ
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चैतन्य भारत न्यूज हिंडाैली. भारत में शादी को लेकर कई ऐसी परंपराएं हैं, जो चौंकाती हैं। ऐसी ही एक परंपरा बूंदी जिले के हिंडाैली कस्बे में निभाई जाती है जहां एक शिव मंदिर से मूर्ति चुराकर ले जाए जाती है और इसके लिए कोई पुलिस केस भी दर्ज नहीं कराया जाता। मंदिर से माता पार्वती की मूर्ति चुराने की परंपरा भी अनूठी है। यहां माना जाता है कि जिस भी युवक की शादी नहीं हो रही या उसकी शादी में दिक्कतें आ रही हैं तो यदि वह इस मंदिर से गुपचुप तरीके से माता पार्वती की मूर्ति चुरा ले जाए तो उसकी शादी जल्द हो जाती है। इसी चक्कर में एक बार फिर माता पार्वती की मूर्ति को कोई चुरा ले गया और मंदिर में अकेले बैठे महादेव उनका इंतजार कर रहे हैं। सावन से भोलेनाथ से बिछुड़ी हुई हैं माता पार्वती यहां रामसागर झील किनारे रघुनाथ घाट मंदिर में पार्वती माता की मूर्ति चुराने की परंपरा निभाई जाती है। शादी करने के चक्कर में कुंवारे युवक मंदिर से रात के अंधेरे में गुपचुप मां पार्वती की मूर्ति उठा ले जाते हैं और जब उनकी शादी हो जाती है तो वह मूर्ति को वापस मंदिर में रख जाते हैं। यहां ज्यादातर भगवान शिव अकेले ही नजर आते हैं। इस बार सावन के पहले से पार्वती जी महादेव से बिछुड़ी हुई हैं। चूंकि लॉकडाउन के चलते शादियां नहीं हो पा रही हैं, लिहाजा अब तक मूर्ति वापस मंदिर में नहीं आ सकी है। फिलहाल पार्वती माता किसी कुंवारे के घर होम क्वारंटाइन में हैं। एक या दो महीने ही मंदिर में रहती हैं पार्वती माता बता दें जुलाई महीने से चार महीने के लिए देव सो जाएंगे, ऐसे में कम ही उम्मीद है कि पार्वतीजी महादेव के पास जल्द लौट आएंगी। पिछले 35 साल से मंदिर के पुजारी के रूप में अपनी सेवा दे रहे रामबाबू पाराशर ने इस बारे में बताया कि, 'अब तक मंदिर से 15 से 20 बार पार्वती माता की मूर्ति चोरी हो चुकी है। मूर्ति चुराने वालों की शादियां भी हुई है। हमें मूर्ति चुराने वालों का पता भी चल जाता है लेकिन हम किसी को भी टोकते नहीं है।' पुजारी के मुताबिक, मंदिर में पार्वती माता की मूर्ति साल में बेहद मुश्किल से एक या दो महीने ही रहती है और फिर उसे कोई चुरा ले जाता है। ये भी पढ़े... यहां फल और पत्थरों से खेला जाता है युद्ध, उत्तराखंड के देवीधुरा स्थित मंदिर में अनूठी परंपरा परंपरा न टूटे इसलिए गयाधाम तीर्थ के पंडा खुद कर रहे पिंडदान, यदि एक दिन भी छूट गया तर्पण तो जाग जाएगा गयासुर होली 2020: राजस्थान के इस गांव में खेली जाती है पत्थरमार होली, सालों पुरानी है परंपरा  अनोखी परंपरा : यहां कांटों के बिस्तर पर सोते हैं लोग, खुद को बताते हैं पांडवो के वंशज Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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अनोखी प्रथा: लॉकडाउन में किसी कुंवारे ने मां पार्वती की मूर्ति चुराकर किया उन्हें होम क्वारंटाइन, इंतजार में अकेले बैठे हैं भोलेनाथ
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चैतन्य भारत न्यूज हिंडाैली. भारत में शादी को लेकर कई ऐसी परंपराएं हैं, जो चौंकाती हैं। ऐसी ही एक परंपरा बूंदी जिले के हिंडाैली कस्बे में निभाई जाती है जहां एक शिव मंदिर से मूर्ति चुराकर ले जाए जाती है और इसके लिए कोई पुलिस केस भी दर्ज नहीं कराया जाता। मंदिर से माता पार्वती की मूर्ति चुराने की परंपरा भी अनूठी है। यहां माना जाता है कि जिस भी युवक की शादी नहीं हो रही या उसकी शादी में दिक्कतें आ रही हैं तो यदि वह इस मंदिर से गुपचुप तरीके से माता पार्वती की मूर्ति चुरा ले जाए तो उसकी शादी जल्द हो जाती है। इसी चक्कर में एक बार फिर माता पार्वती की मूर्ति को कोई चुरा ले गया और मंदिर में अकेले बैठे महादेव उनका इंतजार कर रहे हैं। सावन से भोलेनाथ से बिछुड़ी हुई हैं माता पार्वती यहां रामसागर झील किनारे रघुनाथ घाट मंदिर में पार्वती माता की मूर्ति चुराने की परंपरा निभाई जाती है। शादी करने के चक्कर में कुंवारे युवक मंदिर से रात के अंधेरे में गुपचुप मां पार्वती की मूर्ति उठा ले जाते हैं और जब उनकी शादी हो जाती है तो वह मूर्ति को वापस मंदिर में रख जाते हैं। यहां ज्यादातर भगवान शिव अकेले ही नजर आते हैं। इस बार सावन के पहले से पार्वती जी महादेव से बिछुड़ी हुई हैं। चूंकि लॉकडाउन के चलते शादियां नहीं हो पा रही हैं, लिहाजा अब तक मूर्ति वापस मंदिर में नहीं आ सकी है। फिलहाल पार्वती माता किसी कुंवारे के घर होम क्वारंटाइन में हैं। एक या दो महीने ही मंदिर में रहती हैं पार्वती माता बता दें जुलाई महीने से चार महीने के लिए देव सो जाएंगे, ऐसे में कम ही उम्मीद है कि पार्वतीजी महादेव के पास जल्द लौट आएंगी। पिछले 35 साल से मंदिर के पुजारी के रूप में अपनी सेवा दे रहे रामबाबू पाराशर ने इस बारे में बताया कि, 'अब तक मंदिर से 15 से 20 बार पार्वती माता की मूर्ति चोरी हो चुकी है। मूर्ति चुराने वालों की शादियां भी हुई है। हमें मूर्ति चुराने वालों का पता भी चल जाता है लेकिन हम किसी को भी टोकते नहीं है।' पुजारी के मुताबिक, मंदिर में पार्वती माता की मूर्ति साल में बेहद मुश्किल से एक या दो महीने ही रहती है और फिर उसे कोई चुरा ले जाता है। ये भी पढ़े... यहां फल और पत्थरों से खेला जाता है युद्ध, उत्तराखंड के देवीधुरा स्थित मंदिर में अनूठी परंपरा परंपरा न टूटे इसलिए गयाधाम तीर्थ के पंडा खुद कर रहे पिंडदान, यदि एक दिन भी छूट गया तर्पण तो जाग जाएगा गयासुर होली 2020: राजस्थान के इस गांव में खेली जाती है पत्थरमार होली, सालों पुरानी है परंपरा  अनोखी परंपरा : यहां कांटों के बिस्तर पर सोते हैं लोग, खुद को बताते हैं पांडवो के वंशज Read the full article
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