जन्मदिन विशेष: लोकसभा चुनावों में कभी पराजित नहीं हुईं 'ताई', 8 बार रह चुकी हैं सांसद
चैतन्य भारत न्यूज
लोकसभा स्पीकर व इंदौर से भाजपा की सांसद रह चुकीं सुमित्रा महाजन का आज 78वां जन्मदिवस है। उनका जन्म 12 अप्रैल 1943 को महाराष्ट्र के चिपलून में हुआ था। सुमित्रा महाजन मध्य प्रदेश की राजनीति में 'ताई' के नाम से मशहूर हैं। वे इंदौर से लगातार आठ बार लोकसभा सांसद बनी। ताई पहली ऐसी महिला हैं जो लोकसभा चुनावों में कभी पराजित नहीं हुईं।
सुमित्रा महाजन इंदौर और मालवा क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। एमए और एलएलबी करने के बाद सुमित्रा ताई ने 80 के दशक में राजनीति में प्रवेश कर लिया था। शादी के बाद उन्होंने मीसा बंदी परिवारों की मदद की। फिर वे उपमहापौर चुनी गईं। इसके बाद ताई ने इंदौर विधानसभा -3 से टिकिट मिला लेकिन महेश जोशी से हार गईं। इस हार के बाद सुमित्रा ताई ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
साल 1989 में सुमित्रा महाजन ने इंदौर संसदीय सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रकाश चंद्र सेठी को पराजित कर पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद वह लगातार इंदौर सीट से सांसद चुनी गईं। साल 2014 में सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल को 4,66,301 वोट से हराकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया था।
सुमित्रा महाजन का व्यक्तित्व भी निर्विवाद रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सुमित्रा ने मानव संसाधन, संचार और पेट्रोलियम मंत्रालय का जिम्मा संभाला था। वह लोकसभा अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। ताई बेहद शांत स्वभाव की हैं। वह अपनी ईमानदारी और सरल-सौम्य स्वभाव के लिए पहचानी जाती हैं।
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सुमित्रा महाजन इंदौर और मालवा क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। एमए और एलएलबी करने के बाद सुमित्रा ताई ने 80 के दशक में राजनीति में प्रवेश कर लिया था। शादी के बाद उन्होंने मीसा बंदी परिवारों की मदद की। फिर वे उपमहापौर चुनी गईं। इसके बाद ताई ने इंदौर विधानसभा -3 से टिकिट मिला लेकिन महेश जोशी से हार गईं। इस हार के बाद सुमित्रा ताई ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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सुमित्रा महाजन का व्यक्तित्व भी निर्विवाद रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सुमित्रा ने मानव संसाधन, संचार और पेट्रोलियम मंत्रालय का जिम्मा संभाला था। वह लोकसभा अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। ताई बेहद शांत स्वभाव की हैं। वह अपनी ईमानदारी और सरल-सौम्य स्वभाव के लिए पहचानी जाती हैं।
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सुमित्रा महाजन इंदौर और मालवा क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। एमए और एलएलबी करने के बाद सुमित्रा ताई ने 80 के दशक में राजनीति में प्रवेश कर लिया था। शादी के बाद उन्होंने मीसा बंदी परिवारों की मदद की। फिर वे उपमहापौर चुनी गईं। इसके बाद ताई ने इंदौर विधानसभा -3 से टिकिट मिला लेकिन महेश जोशी से हार गईं। इस हार के बाद सुमित्रा ताई ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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