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#bhaidoojmahatv
chaitanyabharatnews · 5 years
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आखिर क्यों मनाया जाता है भाई दूज? पढ़ें यम-यमुना की पूरी कहानी
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चैतन्य भारत न्यूज दिवाली के तीसरे दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस बार भाईदूज 29 अक्टूबर यानी मंगलवार को है। यह त्योहार बहन-भाई का होता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के सेहतमंद जीवन और लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही शुभ मुहूर्त में रोली से उनका तिलक करती हैं। फिर वो अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं और फिर इसके बाद ही खाना खाती हैं। भाई दूज के इस अवसर पर आइए जानते हैं इसकी कथा/कहानी... (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); भाई दूज की कथा/कहानी- पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, सूर्य की संज्ञा से दो संतानें थीं एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। सूर्य के तेज को सहन न कर पाने के कारण संज्ञा अपनी छायामूर्ति का निर्माण कर उसे ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई। छाया को यम और यमुना से बिलकुल भी लगाव नहीं था, लेकिन यम और यमुना को आपस में बहुत प्रेम था। यम अपनी बहन यमुना से बेहद प्रेम करते थे, लेकिन काम ज्यादा होने के कारण वह उनसे मिलने नहीं जा पाते थे। फिर एक दिन बहन की नाराजगी दूर करने के लिए यम यमुना से मिलने चले गए। भाई को देख यमुना बेहद खुश हुईं और फिर उन्होंने भाई के लिए खाना बनाया और उनका आदर सत्कार किया। बहन का इतना प्यार देख यम बहुत खुश हुए और उन्होंने यमुना को कई सारे भेंट दिए। जब यम बहन से मिलने के बाद उनसे विदा लेने लगे तो फिर उन्होंने यमुना से अपनी कोई इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा। इसके बाद यमुना ने उनसे कहा कि, 'अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएं और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे।'
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कहा जाता है इसी के बाद हर साल भाईदूज का त्योहार मनाया जाता है। भाईदूज के दिन भाई और बहन दोनों को मिलकर सुबह के समय यम, चित्रगुप्त, यम के दूतों की पूजा करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त तिलक का समय : दोपहर 01:11 से दोपहर 03:23 तक यह भी पढ़े... आज है भाई दूज, जानिए क्या है इसका महत्व, पौराणिक मान्यता और शुभ मुहूर्त भाई दूज पर केजरीवाल सरकार ने महिलाओं को दिया खास तोहफा, आज से बस में मुफ्त सफर Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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आखिर क्यों मनाया जाता है भाई दूज? पढ़ें यम-यमुना की पूरी कहानी
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चैतन्य भारत न्यूज दिवाली के तीसरे दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस बार भाईदूज 29 अक्टूबर यानी मंगलवार को है। यह त्योहार बहन-भाई का होता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के सेहतमंद जीवन और लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही शुभ मुहूर्त में रोली से उनका तिलक करती हैं। फिर वो अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं और फिर इसके बाद ही खाना खाती हैं। भाई दूज के इस अवसर पर आइए जानते हैं इसकी कथा/कहानी... (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); भाई दूज की कथा/कहानी- पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, सूर्य की संज्ञा से दो संतानें थीं एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। सूर्य के तेज को सहन न कर पाने के कारण संज्ञा अपनी छायामूर्ति का निर्माण कर उसे ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई। छाया को यम और यमुना से बिलकुल भी लगाव नहीं था, लेकिन यम और यमुना को आपस में बहुत प्रेम था। यम अपनी बहन यमुना से बेहद प्रेम करते थे, लेकिन काम ज्यादा होने के कारण वह उनसे मिलने नहीं जा पाते थे। फिर एक दिन बहन की नाराजगी दूर करने के लिए यम यमुना से मिलने चले गए। भाई को देख यमुना बेहद खुश हुईं और फिर उन्होंने भाई के लिए खाना बनाया और उनका आदर सत्कार किया। बहन का इतना प्यार देख यम बहुत खुश हुए और उन्होंने यमुना को कई सारे भेंट दिए। जब यम बहन से मिलने के बाद उनसे विदा लेने लगे तो फिर उन्होंने यमुना से अपनी कोई इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा। इसके बाद यमुना ने उनसे कहा कि, 'अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएं और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे।' कहा जाता है इसी के बाद हर साल भाईदूज का त्योहार मनाया जाता है। भाईदूज के दिन भाई और बहन दोनों को मिलकर सुबह के समय यम, चित्रगुप्त, यम के दूतों की पूजा करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त तिलक का समय : दोपहर 01:11 से दोपहर 03:23 तक यह भी पढ़े... आज है भाई दूज, जानिए क्या है इसका महत्व, पौराणिक मान्यता और शुभ मुहूर्त भाई दूज पर केजरीवाल सरकार ने महिलाओं को दिया खास तोहफा, आज से बस में मुफ्त सफर Read the full article
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