#शे&039;र ओ शायरी
Explore tagged Tumblr posts
Text
ग़ज़ल
दोस्तों आदाब, नमस्कार एक बिल्कुल ताज़ा ग़जल आपकी मोहब्बतों के हवाले
शराफ़त में अदावत भी मिलाना! इनायत में मुसीबत भी मिलाना!
मोहब्बत की हिफाज़त करनी है तो! ज़रा लहज़े में नफ़रत भी मिलाना!
ज़माने का चलन कहता नहीं है! फ़साने में हक़ीक़त भी मिलाना!
वफ़ाओं का अगर तुम ज़िक्र करना! तो मेरा ख़ू ए हसरत भी मिलाना!
किसी ज़ालिम की वहशत के मुक़ाबिल! फ़क़ीरों की अक़ीदत भी मिलाना!
शब्दार्थ: अदावत-शत्रु ता,मुक़ाबिल-सामने,अक़ीदत-आस्था
View On WordPress
0 notes