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#शाम के समय हनुमान जी दर्शन
ajitdas0987 · 4 months
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लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम/आदिपुरुष परमात्मा कौन है, जो त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रूप में उपस्थित थे एवं जिनकी कृपा से नल नील के हाथों समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे।
इस आध्यात्मिक रहस्य को जानने के लिए अवश्य देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ।
🔹कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया।
🔹त्रेतायुग में नल तथा नील दोनों ही कबीर परमेश्वर के शिष्य थे। कबीर परमेश्वर ने नल नील को आशीर्वाद दिया था कि उनके हाथों से कोई भी वस्तु चाहें वह किसी भी धातू से बनी हो,जल में डूबेगी नहीं। परंतु अभिमान होने के कारण नल नील के आशीर्वाद को कबीर परमेश्वर ने वापस ले लिया था। तब कबीर परमेश्वर ने एक पहाड़ी के चारों और रेखा खींचकर उसके पत्थरों को हल्का कर दिया था। वही पत्थर समुद्र पर तैरे थे।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब ने मुनींद्र ऋषि रूप में एक पहाड़ी के आस-पास रेखा खींचकर सभी पत्थर हल्के कर दिये थे। फिर बाद में उन पत्थरों को तराशकर समुद्र पर रामसेतु पुल का निर्माण किया गया था।
इस पर धर्मदास जी ने कहा हैं :-
"रहे नल नील जतन कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।जा सत रेखा लिखी अपार, सिन्धु पर शिला तिराने वाले।धन-धन सतगुरु सत कबीर, भक्त की पीर मिटाने वाले।"
🔹कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब जी मुनीन्द्र ऋषि के रूप में प्रकट हुए, नल-नील को शरण में लिया और जब रामचन्द्र जी द्वारा सीता जी को रावण की कैद से छुड़वाने की बारी आई तो समुद्र में पुल भी ऋषि मुनीन्द्र रूप में परमात्मा कबीर जी ने बनवाया।
धन-धन सतगुरू सत कबीर भक्त की पीर मिटाने वाले।।
रहे नल-नील यत्न कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।
जा सत रेखा लिखी अपार, सिंधु पर शिला तिराने वाले।।
🔹त्रेतायुग में कबीर परमात्मा ऋषि मुनीन्द्र के नाम से प्रकट हुये थे। त्रेता युग में कबीर परमात्मा लंका में रहने वाले चंद्रविजय और उनकी पत्नी कर्मवती को भी मिले थे। और उस समय के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी और भाई विभीषण को भी ज्ञान समझा कर अपनी शरण में लिया। यही कारण था कि रावण के राज्य में भी रहते हुए उन्होंने धर्म का पालन किया।
🔹कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना
जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीर्वाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीर्वाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।
🔹द्वापर युग में कबीर परमेश्वर ने ही द्रौपदी का चीर बढ़ाया जिसे जन समाज मानता है कि वह भगवान कृष्ण ने बढ़ाया। कृष्ण भगवान तो उस वक्त अपनी पत्नी रुकमणी के साथ चौसर खेल रहे थे।
🔹द्वापर युग में कबीर परमेश्वर की दया से ही पांडवों का अश्वमेध यज्ञ संपन्न हुआ था। पांडवों के अश्वमेघ यज्ञ में अनेक ऋषि महर्षि मंडलेश्वर उपस्थित थे। यहां तक की भगवान कृष्ण भी उपस्थित थे। फिर भी उनका शंख नहीं बजा। कबीर परमेश्वर ने सुपच सुदर्शन वाल्मीकि के रुप में शंख बजाया और पांडवों का यज्ञ संपन्न किया था।
🔹परमेश्वर कबीर जी करुणामय नाम से जब द्वापरयुग में प्रकट थे तब काशी में रह रहे थे। सुदर्शन नाम का एक युवक उनकी वाणी से प्रभावित होकर उनका शिष्य बन गया। एक दिन सुदर्शन ने करुणामय जी से पूछा कि आप जो ज्ञान देते हैं उसका कोई ऋषि-मुनि समर्थन नहीं करता है, तो कैसे विश्वास करें? उन्होंने सुदर्शन की आत्मा को सत्यलोक का दर्शन करवाया। सुदर्शन का पंच भौतिक शरीर अचेत हो गया। उसके माता-पिता रोते हुए परमेश्वर करूणामय के घर आए और उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया।
तीसरे दिन सुदर्शन होश में आया और कबीर जी को देखकर रोने लगा। उसने सबको बताया कि परमेश्वर करूणामय (कबीर साहेब जी) पूर्ण परमात्मा हैं और सृष्टि के रचनहार हैं।
🔹द्वापरयुग में एक राजा चन्द्रविजय था। उसकी पत्नी इन्द्रमति धार्मिक प्रवृत्ति की थी।
द्वापर युग में परमेश्वर कबीर करूणामय नाम से आये थे।करूणामय साहेब ने रानी से कहा कि जो साधना तेरे गुरुदेव ने दी है तेरे को जन्म-मृत्यु के कष्ट से नहीं बचा सकती। आज से तीसरे दिन तेरी मृत्यु हो जाएगी। न तेरा गुरु, न नकली साधना बचा सकेगी। अगर तू मेरे से उपदेश लेगी, पिछली पूजाएँ त्यागेगी, तब तेरी जान बचेगी। सर्प बनकर काल ने रानी को डस लिया। करूणामय (कबीर) साहेब वहाँ प्रकट हुए। दिखाने के लिए मंत्र बोला और (वे तो बिना मंत्र भी जीवित कर सकते हैं) इन्द्रमती को जीवित कर दिया।
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tarshem112 · 4 months
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*🪷बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🪷*
09/06/24
*🔸ट्विटर + कू Trending सेवा🔸*
🌿  *मालिक की दया से अब कबीर साहेब की द्वापरयुग और त्रेतायुग की लीला से सम्बंधित Twitter और Koo पर सेवा करेंगे जी।*
*टैग है⤵️*
*#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का*
*Kabir is God*
*📷''' सेवा से सम्बंधित photo लिंक।*
https://www.satsaheb.org/dwaparyug-tretayug-lila-hindi/
https://www.satsaheb.org/dwaparyug-tretayug-lila-english-2/
*🔮सेवा Points🔮* ⬇️
🔹क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को त्रेतायुग में मुनीन्द्र ऋषि रूप में परमात्मा मिले थे, जिन्होंने हनुमान जी को अपना अमरलोक दिखाया था और सतभक्ति प्रदान की थी।
🔹लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम/आदिपुरुष परमात्मा कौन है, जो त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रूप में उपस्थित थे एवं जिनकी कृपा से नल नील के हाथों समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे।
इस आध्यात्मिक रहस्य को जानने के लिए अवश्य देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ।
🔹कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया।
🔹त्रेतायुग में नल तथा नील दोनों ही कबीर परमेश्वर के शिष्य थे। कबीर परमेश्वर ने नल नील को आशीर्वाद दिया था कि उनके हाथों से कोई भी वस्तु चाहें वह किसी भी धातू से बनी हो,जल में डूबेगी नहीं। परंतु अभिमान होने के कारण नल नील के आशीर्वाद को कबीर परमेश्वर ने वापस ले लिया था। तब कबीर परमेश्वर ने एक पहाड़ी के चारों और रेखा खींचकर उसके पत्थरों को हल्का कर दिया था। वही पत्थर समुद्र पर तैरे थे।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब ने मुनींद्र ऋषि रूप में एक पहाड़ी के आस-पास रेखा खींचकर सभी पत्थर हल्के ���र दिये थे। फिर बाद में उन पत्थरों को तराशकर समुद्र पर रामसेतु पुल का निर्माण किया गया था।
इस पर धर्मदास जी ने कहा हैं :-
"रहे नल नील जतन कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।जा सत रेखा लिखी अपार, सिन्धु पर शिला तिराने वाले।धन-धन सतगुरु सत कबीर, भक्त की पीर मिटाने वाले।"
🔹कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब जी मुनीन्द्र ऋषि के रूप में प्रकट हुए, नल-नील को शरण में लिया और जब रामचन्द्र जी द्वारा सीता जी को रावण की कैद से छुड़वाने की बारी आई तो समुद्र में पुल भी ऋषि मुनीन्द्र रूप में परमात्मा कबीर जी ने बनवाया।
धन-धन सतगुरू सत कबीर भक्त की पीर मिटाने वाले।।
रहे नल-नील यत्न कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।
जा सत रेखा लिखी अपार, सिंधु पर शिला तिराने वाले।।
🔹त्रेतायुग में कबीर परमात्मा ऋषि मुनीन्द्र के नाम से प्रकट हुये थे। त्रेता युग में कबीर परमात्मा लंका में रहने वाले चंद्रविजय और उनकी पत्नी कर्मवती को भी मिले थे। और उस समय के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी और भाई विभीषण को भी ज्ञान समझा कर अपनी शरण में लिया। यही कारण था कि रावण के राज्य में भी रहते हुए उन्होंने धर्म का पालन किया।
🔹कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना
जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीर्वाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीर्वाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।
🔹द्वापर युग में कबीर परमेश्वर ने ही द्रौपदी का चीर बढ़ाया जिसे जन समाज मानता है कि वह भगवान कृष्ण ने बढ़ाया। कृष्ण भगवान तो उस वक्त अपनी पत्नी रुकमणी के साथ चौसर खेल रहे थे।
🔹द्वापर युग में कबीर परमेश्वर की दया से ही पांडवों का अश्वमेध यज्ञ संपन्न हुआ था। पांडवों के अश्वमेघ यज्ञ में अनेक ऋषि महर्षि मंडलेश्वर उपस्थित थे। यहां तक की भगवान कृष्ण भी उपस्थित थे। फिर भी उनका शंख नहीं बजा। कबीर परमेश्वर ने सुपच सुदर्शन वाल्मीकि के रुप में शंख बजाया और पांडवों का यज्ञ संपन्न किया था।
🔹परमेश्वर कबीर जी करुणामय नाम से जब द्वापरयुग में प्रकट थे तब काशी में रह रहे थे। सुदर्शन नाम का एक युवक उनकी वाणी से प्रभावित होकर उनका शिष्य बन गया। एक दिन सुदर्शन ने करुणामय जी से पूछा कि आप जो ज्ञान देते हैं उसका कोई ऋषि-मुनि समर्थन नहीं करता है, तो कैसे विश्वास करें? उन्होंने सुदर्शन की आत्मा को सत्यलोक का दर्शन करवाया। सुदर्शन का पंच भौतिक शरीर अचेत हो गया। उसके माता-पिता रोते हुए परमेश्वर करूणामय के घर आए और उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया।
तीसरे दिन सुदर्शन होश में आया और कबीर जी को देखकर रोने लगा। उसने सबको बताया कि परमेश्वर करूणामय (कबीर साहेब जी) पूर्ण परमात्मा हैं और सृष्टि के रचनहार हैं।
🔹द्वापरयुग में एक राजा चन्द्रविजय था। उसकी पत्नी इन्द्रमति धार्मिक प्रवृत्ति की थी।
द्वापर युग में परमेश्वर कबीर करूणामय नाम से आये थे।करूणामय साहेब ने रानी से कहा कि जो साधना तेरे गुरुदेव ने दी है तेरे को जन्म-मृत्यु के कष्ट से नहीं बचा सकती। आज से तीसरे दिन तेरी मृत्यु हो जाएगी। न तेरा गुरु, न नकली साधना बचा सकेगी। अगर तू मेरे से उपदेश लेगी, पिछली पूजाएँ त्यागेगी, तब तेरी जान बचेगी। सर्प बनकर काल ने रानी को डस लिया। करूणामय (कबीर) साहेब वहाँ प्रकट हुए। दिखाने के लिए मंत्र बोला और (वे तो बिना मंत्र भी जीवित कर सकते हैं) इन्द्रमती को जीवित कर दिया।
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ramkumarsstuff · 4 months
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*🪷बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🪷*
08/06/24
*🧩 ट्विटर + कू Trending सेवा सूचना🧩*
🌿  *मालिक की दया से कल सुबह 07:00 बजे कबीर साहेब की द्वापरयुग और त्रेतायुग की लीला से सम्बंधित Twitter और Koo पर सेवा करेंगे जी।*
*📷''' सेवा से सम्बंधित photo बाद में भेजे जाएंगे जी ।*
*🔮सेवा Points🔮* ⬇️
🔹क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को त्रेतायुग में मुनीन्द्र ऋषि रूप में परमात्मा मिले थे, जिन्होंने हनुमान जी को अपना अमरलोक दिखाया था और सतभक्ति प्रदान की थी।
🔹लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम/आदिपुरुष परमात्मा कौन है, जो त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रूप में उपस्थित थे एवं जिनकी कृपा से नल नील के हाथों समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे।
इस आध्यात्मिक रहस्य को जानने के लिए अवश्य देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ।
🔹कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया।
🔹त्रेतायुग में नल तथा नील दोनों ही कबीर परमेश्वर के शिष्य थे। कबीर परमेश्वर ने नल नील को आशीर्वाद दिया था कि उनके हाथों से कोई भी वस्तु चाहें वह किसी भी धातू से बनी हो,जल में डूबेगी नहीं। परंतु अभिमान होने के कारण नल नील के आशीर्वाद को कबीर परमेश्वर ने वापस ले लिया था। तब कबीर परमेश्वर ने एक पहाड़ी के चारों और रेखा खींचकर उसके पत्थरों को हल्का कर दिया था। वही पत्थर समुद्र पर तैरे थे।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब ने मुनींद्र ऋष��� रूप में एक पहाड़ी के आस-पास रेखा खींचकर सभी पत्थर हल्के कर दिये थे। फिर बाद में उन पत्थरों को तराशकर समुद्र पर रामसेतु पुल का निर्माण किया गया था।
इस पर धर्मदास जी ने कहा हैं :-
"रहे नल नील जतन कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।जा सत रेखा लिखी अपार, सिन्धु पर शिला तिराने वाले।धन-धन सतगुरु सत कबीर, भक्त की पीर मिटाने वाले।"
🔹कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब जी मुनीन्द्र ऋषि के रूप में प्रकट हुए, नल-नील को शरण में लिया और जब रामचन्द्र जी द्वारा सीता जी को रावण की कैद से छुड़वाने की बारी आई तो समुद्र में पुल भी ऋषि मुनीन्द्र रूप में परमात्मा कबीर जी ने बनवाया।
धन-धन सतगुरू सत कबीर भक्त की पीर मिटाने वाले।।
रहे नल-नील यत्न कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।
जा सत रेखा लिखी अपार, सिंधु पर शिला तिराने वाले।।
🔹त्रेतायुग में कबीर परमात्मा ऋषि मुनीन्द्र के नाम से प्रकट हुये थे। त्रेता युग में कबीर परमात्मा लंका में रहने वाले चंद्रविजय और उनकी पत्नी कर्मवती को भी मिले थे। और उस समय के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी और भाई विभीषण को भी ज्ञान समझा कर अपनी शरण में लिया। यही कारण था कि रावण के राज्य में भी रहते हुए उन्होंने धर्म का पालन किया।
🔹कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना
जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीर्वाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीर्वाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।
🔹द्वापर युग में कबीर परमेश्वर ने ही द्रौपदी का चीर बढ़ाया जिसे जन समाज मानता है कि वह भगवान कृष्ण ने बढ़ाया। कृष्ण भगवान तो उस वक्त अपनी पत्नी रुकमणी के साथ चौसर खेल रहे थे।
🔹द्वापर युग में कबीर परमेश्वर की दया से ही पांडवों का अश्वमेध यज्ञ संपन्न हुआ था। पांडवों के अश्वमेघ यज्ञ में अनेक ऋषि महर्षि मंडलेश्वर उपस्थित थे। यहां तक की भगवान कृष्ण भी उपस्थित थे। फिर भी उनका शंख नहीं बजा। कबीर परमेश्वर ने सुपच सुदर्शन वाल्मीकि के रुप में शंख बजाया और पांडवों का यज्ञ संपन्न किया था।
🔹परमेश्वर कबीर जी करुणामय नाम से जब द्वापरयुग में प्रकट थे तब काशी में रह रहे थे। सुदर्शन नाम का एक युवक उनकी वाणी से प्रभावित होकर उनका शिष्य बन गया। एक दिन सुदर्शन ने करुणामय जी से पूछा कि आप जो ज्ञान देते हैं उसका कोई ऋषि-मुनि समर्थन नहीं करता है, तो कैसे विश्वास करें? उन्होंने सुदर्शन की आत्मा को सत्यलोक का दर्शन करवाया। सुदर्शन का पंच भौतिक शरीर अचेत हो गया। उसके माता-पिता रोते हुए परमेश्वर करूणामय के घर आए और उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया।
तीसरे दिन सुदर्शन होश में आया और कबीर जी को देखकर रोने लगा। उसने सबको बताया कि परमेश्वर करूणामय (कबीर साहेब जी) पूर्ण परमात्मा हैं और सृष्टि के रचनहार हैं।
🔹द्वापरयुग में एक राजा चन्द्रविजय था। उसकी पत्नी इन्द्रमति धार्मिक प्रवृत्ति की थी।
द्वापर युग में परमेश्वर कबीर करूणामय नाम से आये थे।करूणामय साहेब ने रानी से कहा कि जो साधना तेरे गुरुदेव ने दी है तेरे को जन्म-मृत्यु के कष्ट से नहीं बचा सकती। आज से तीसरे दिन तेरी मृत्यु हो जाएगी। न तेरा गुरु, न नकली साधना बचा सकेगी। अगर तू मेरे से उपदेश लेगी, पिछली पूजाएँ त्यागेगी, तब तेरी जान बचेगी। सर्प बनकर काल ने रानी को डस लिया। करूणामय (कबीर) साहेब वहाँ प्रकट हुए। दिखाने के लिए मंत्र बोला और (वे तो बिना मंत्र भी जीवित कर सकते हैं) इन्द्रमती को जीवित कर दिया।
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hinduactivists · 8 months
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राम मंदिर से अनोखी घटना सामने आई है। प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन शाम के समय में एक बंदर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करके राम प्रतिमा के पास पहुंचा। जिसके बाद वह बंदर बिना किसी को नुकसान पहुंचाए वहां से चला गया। दृश्य ऐसा कि हनुमान जी रामलला के दर्शन के लिए आये हो।
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@hinduactivists_
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emkanews7 · 1 year
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Bageshwar Dham: पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पटना से विदाई पर दिखाई दिए भावुक पल, लाखो लोग पहुंचे विदा के दिन
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Bageshwar Dham: पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पटना से विदाई पर दिखाई दिए भावुक पल, लाखो लोग पहुंचे विदा के दिन बागेश्वर सरकार पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी की पांच दिन के हनुमंत कथा का समापन 17 मई की शाम को हो गया है, जिसके बाद 17 तारीख को ही पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी बागेश्वर धाम के लिए रवाना हो गये। लेकिन बिहार मे पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की दीवानगी देख कर ऐसा लग रहा था की कोई अपना घर छोड़ जा रहा हो। 17 मई को कथा समाप्त होने के बाद पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी नौबतपुर से बागेश्वर धाम जाने का फैसला लिया इसके बाद आखिरी दिन उनके अनेक भक्त इस दौरान भावुक दिखाई दिए बहुत से भक्तो की आँखों मे आंसू आ रहे थे इन पांच दिनों मे बागेश्वर सरकार पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी से सभी भक्तो का रिश्ता इतना गहरा जुड़ गया की जब वह अपनी कार से पटना एयरपोर्ट के लिए जा रहे थे तो हजारों की संख्या मे लोग रोड पे उनकी कार के सामने आते दिखे इसके बाद पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी ने भी उन्हें निराश नहीं किया और कार के ऊपर के दरवाजे से बाहर निकलकर सभी भक्तो का अभिवादन किया और वहाँ से निकल गये।
Bageshwar Dham: एयरपोर्ट पर भी पहुंचे हजारों भक्त
बागेश्वर धाम के भक्तो का काफिला नौबतपुर तक ही सिमित नहीं रहा इसके बाद अनेक भक्त ऐसे थे जो नौबतपुर से पटना एयरपोर्ट तक गुरूजी के साथ आ गये और एयरपोर्ट पर भी उनके आंगे पीछे दर्शन के लिए हजारों लोग इकट्ठे हो गये इस दौरान कुछ समय के लिए पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी के समर्थन मे नारे भी लगे।
करीब 10 लाख लोग हुए थे कथा मे शामिल
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी की नौबतपुर पटना हुयी इस हनुमान कथा मे रोज करीब 10 लाख लोग शामिल होते थे बिहार के अनेको शहर से लोग कथा को सुनने के लिए आते थे भीड़ इतनी अधिक बढ़ने लगी थी की खुद पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी को लोगों से यह निवेदन करना पड़ा की अब जो भी लोग जहाँ पर है वही से टीवी और मोबाइल के माध्यम से कथा का श्रवण करें क्योंकि इतनी अधिक भीड़ को संभालना अब समिति के बस के बात नहीं है। आश्चर्य की बात तो यह की इतनी भीषण गर्मी मे लाखो लोग तो दरबार मे आते ही थे लेकिन यह भीड़ तो दिन मे होती थी यहाँ पर स्तिथि कुछ ऐसी थी की लाखो लोग पूरी रात वही दरबार मे सोकर अपनी जगह को कल की कथा के लिए बुक कर रहे थे।
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dheerendra shastri patna se vidai
हिन्दू राष्ट्र के लिए सन्देश
बागेश्वर सरकार पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री शास्त्री ने जाते जाते मीडिया के सवालों पर कहा की मुझे लगता है की भारत के हिन्दू राष्ट्र बनने का सपना बिहार से ही प्रारम्भ होगा क्योंकि उन��होंने कहा की इस तरह के अटूट प्रेम को देख वह फिन दूर नहीं है जब भारत एक हिन्दू राष्ट्र होगा। Bageshwar Dham: आखिर क्यों मना किया धीरेन्द्र शास्त्री ने बिहार मे कल कथा मे आने के लिए Bageshwar Dham: विवादों के बीच बिहार पहुंचे बागेश्वर सरकार, हुआ भव्य स्वागत Read the full article
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Today's Horoscope-
पंचांग के अनुसार आज 7 जून 2022 मंगलवार को ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी की तिथि है. आज चंद्रमा सिंह राशि में गोचर कर रहा है. आज पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र है. आज के दिन आपकी किस्मत के सितार क्या कह रहे हैं, आइए जानते हैं आज का राशिफल-
मेष- आज के दिन निस्संदेह मेहनत का शुभ परिणाम प्राप्त होगा. दिन की शुरुआत में उच्चाधिकारियों के साथ तालमेल बिगड़ सकता है, ऐसे में संयम बनाए रखें. शिक्षक के फील्ड में नौकरी करने वालों का प्रमोशन तय है. व्यापारियों को मैनेजमेंट में बहुत ज्यादा सुधार लाने की जरूरत है, अन्यथा नुकसान उठा सकते हैं. युवाओं को शंका को दूर करते हुए अपने मित्रों पर भरोसा रखना होगा, छोटी सी बात पर क्रोध करना और संबंधों को तोड़ने की भूल करने से बचना चाहिए. हेल्थ को लेकर भोजन की शुद्धता का ख्याल रखें, क्योंकि अचानक बीमार पड़ सकते हैं. परिवार में ही किसी कारणवश सदस्यों का भरोसा आप पर से कम हो सकता है.
वृष - आज के दिन सकारात्मक ग्रह मुनाफे का सौदा कराने में मदद करेंगे. पुण्यों का कुछ हिस्सा दान करना लाभकारी रहेगा. ��ौकरी से संबंधित कोई मुकदमा चल रहा है तो इससे भी छुटकारा पा सकते हैं, संभव है कि फैसला आपके पक्ष में होगा. लोहा-धातु का कारोबार करने वालों के लिए समय काफी अच्छा चल रहा है. बड़े व्यापारी हिसाब किताब में थोड़ी सतर्कता बरतें. छोटी-छोटी बीमारी को भी नजरअंदाज करने से बचने की सलाह है. नियमित तौर पर खुद को सजग रखना होगा. सदस्यों से आज व्यर्थ पर बहस कर घर के माहौल को तनावपूर्ण बना सकते हैं, इससे बचें और घर कि किसी भी अनावश्यक चर्चा से दूर रहें.
मिथुन- आज के दिन महत्वपूर्ण निर्णय लेने में आप सफल होंगे. स्वयं ही मार्ग को खोजना होगा, दूसरे के भरोसे बैठने पर महत्वपूर्ण समय को गंवा सकते हैं. ऑफिस में आप लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे. रियल एस्टेट के कारोबार में लाभ मिलने की संभावनाएं बनी हुई है, साथ ही कोई पुराना रुका हुआ प्रोजेक्ट पुनः स्टार्ट हो सकता है. युवाओं के भीतर कला के प्रति रुचि जागृत होगी. मिथुन राशि के लोगों को यदि थायराइड की समस्या है तो दवाई को नियमित लेना न भूलें. जीवनसाथी व मित्र की ओर से कोई शुभ सूचना मिलने की संभावना बनती दिख रही है, उनकी ओर से उपहार भी मिल सकता है.
कर्क- आज का दिन आपके लिए लगभग मिला-जुला रहेगा. आर्थिक मामलों में उतार-चढ़ाव वाली स्थितियाँ देखने को मिलेगी, तो वहीं नौकरी के क्षेत्र में उन्नति की और जाते नजर आएंगे. जो लोग कस्टमर डील करते हैं उनको विवादों में नहीं पड़ना है, और न ही किसी के उकसाने पर विवाद करना है. व्यापार करने वालों को अधिक लाभ की प्राप्ति होगी, आधे-अधूरे कार्य भी जल्दी पूरे होगे. विद्यार्थियों को शिक्षा एवं बौद्धिक कार्य क्षेत्रों में सफलता प्राप्त हो सकती है. हेल्थ में मांसपेशियों से संबंधित दिक्कतें रहेंगी. माता-पिता को समय देना चाहिए, यदि आप शहर से बाहर रहते हैं तो कुछ दिन की छुट्टी लेकर उनके साथ समय व्यतीत करें.
सिंह- आज का दिन प्रसन्नता से ओत पोत रहने वाला है, इस समय का लाभ उठाते हुए मन पसंदीदा कार्य करें. धार्मिक यात्रा पर जाने के लिए दिन उपयुक्त है, यदि ऐसा न बन पाए तो शाम तक हनुमान जी के दर्शन के लिए भी जा सकते हैं. आजीविका के क्षेत्र में शुभचिंतकों की सलाह को पूरी तन्मयता से सुनें. नौकरी की तैयारी में युवा वर्ग खुद को पूरी सजगता के साथ लगाएं, सफलता के पूर्ण आसार है. स्वास्थ्य संबंधित समस्या बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए. खानपान बिगड़ने से रोग की चपेट में आ सकते हैं. जीवनसाथी की सेहत के लिए थोड़ी सजगता जरूरी है.
कन्या- आज के दिन साफ सुथरी छवि सामाजिक रूप से मान सम्मान को बढ़ाएगी. कार्यों में आपकी भागीदारी होनी चाहिए. बैंकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए दिन बेहद शुभ रहेगा, प्रमोशन लिस्ट में आपका नाम आ सकता है. कारोबारी वर्ग को ध्यान रखें कि महत्वपूर्ण फैसले लेने की सूरत में वरिष्ठों का साथ नहीं छोड़ना है. युवा वर्ग को संभलकर चलने की सलाह है अन्यथा असम्मानजनक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. सेहतमंद रहने के लिए दिनचर्या को संतुलित रखना होगा. परिजनों और रिश्तेदारों से अनबन की आशंका है, ऐसे में कोशिश करें सभी के साथ विनम्रता से पेश आएं.
तुला- आज के दिन तनाव मु���्त रहें. आप जिन पर भरोसा कर रहे हैं वह आज किसी निजी कारणों से सहयोग करने में असमर्थ रहेंगे. ऑफिस में कामकाज पूरी जिम्मेदारी से निभाएं. सोना-चांदी का व्यापार करने वालों को कारोबार करते वक्त थोड़ी सतर्कता दिखानी होगी क्योंकि मामूली चूक भी बड़ी नुक़सानदेह हो सकती है. विद्यार्थियों को पढ़ाई से ब्रेक नहीं लगाना चाहिए. दमा और अस्थमा के मरीजों की तबीयत अचानक बिगड़ने की आशंका है. संपत्ति को लेकर पहले से कोई विवाद है तो उस दिशा में प्रगति के साथ शुभ समाचार मिल सकते हैं. जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब होने से मन में चिंता के बादल मंडरा सकते हैं. 
वृश्चिक- आज के दिन पेंडिंग कार्यों को बनाने पर ध्यान देना होगा, तो वहीं दूसरी ओर जिम्मेदारियों को बोझ समझने की भूल न करें. नौकरीपेशा से जुड़े लोगों को सलाह दी जाती है कि जो भी कार्य करें उसमें प्रसन्नता को प्रमुख स्थान देना होगा. पार्टनरशिप में कारोबार करने वाले अपने पार्टनर से कोई बात छिपाएं नहीं अन्यथा वह इस बात पर नाराज हो सकते हैं. विद्यार्थियों को पढ़ाई में कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है, करियर को लेकर सतर्कता बरतें. मुंह में छालों को लेकर परेशान रहना पड़ेगा, ऐसे में भोजन करते समय इस बात पर ध्यान दें. जीवनसाथी से अपनी दिल की बात को साझा करना चाहिए.
धनु- आज के दिन चुस्त-दुरुस्त रहते हुए दिमाग को सक्रिय रखें. नौकरी या कामकाज की पुरानी बातों को लेकर तनाव न लें, जल्द ही आपको नए मौके हाथ लगेंगे. अनावश्यक बात करने से बचें और विचारों के मोल समझें. यदि आप पेशे से डॉक्टर हैं तो आज का दिन धर्मार्थ के कामों में देना चाहिए. व्यापारियों को इलेक्ट्रॉनिक सामान की बिक्री से अच्छा लाभ मिलेगा. ऑनलाइन काम कर रहे हैं तो डाटा सिक्योर रखें, हैकर की चपेट में आ सकते हैं. स्वास्थ्य संबंधित कोई पुरानी दिक्कतें आज बढ़ती नजर आ सकती है. रिश्तों की डोर मजबूत रखने के लिए अपनों का साथ देना होगा.
मकर- आज के दिन कठिन मुद्दों पर आपके समझदारी भरे फैसले सफलता की ओर ले जा सकते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है. समय के महत्व को समझते हुए इसका पूरा इस्तेमाल करें और सभी कामकाज निपटाएं. शोध आदि काम में लगे लोगों को आज अच्छे परिणाम मिल सकता है. नौकरी खोज रहे लोगों को निराशा होगी. युवा वर्ग को वर्तमान समय में कला और संगीत में रुझान बढ़ाने की जरूरत है, इस ओर नए अवसर प्राप्त होंगे. स्वास्थ्य में अचानक गिरावट की आशंका है, जिसमे की मौसम का बदला मुख्य रूप से भूमिका निभा सकता है. घर में शांति के लिए शाम के समय घर में पूजा अनुष्ठान करें.
कुम्भ- आज के दिन कुम्भ राशि वाले मूल स्वभाव को ध्यान में रखते हुए सभी के साथ विनम्र रहें. नौकरी से जुड़े लोगों को कार्यों में मन लगाकर रखना है, क्योंकि आलस्य कार्य को बाधित करेगा. छोटे व्यापारियों को सामान की बिक्री के लिए प्रसार-प्रचार पर ध्यान देना चाहिए. अभिभावक छोटे बच्चे पर ध्यान दें, वह अपनी बातों को मनवाने के लिए झूठ का सहारा ले सकते हैं. पैरों सूजन एवं हड्डियों में दर्द की शिकायत रहेगी. पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद बढ़ेगा, इसलिए तैश में आकर कोई फैसला न ले नहीं तो स्थितियां कोर्ट-कचहरी तक पहुंच जाएगी. बिना पढ़े किसी भी डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर न करने से बचें. 
मीन- आज के दिन सभी कामकाज को निपटाने की योजना तैयार करें. आर्थिक संबंधी दिक्कत भी आ सकती है, कोशिश करें बचत को दांव पर न लगाएं. करियर से जुड़े मामले में मन मुताबिक परिणाम की उम्मीद कम है, इसलिए वर्तमान में हाथ आए मौके को छोड़ना समझदारी नहीं होगी. कारोबारी हिसाब-किताब में सजग रहें. सहयोगी से अधिक खुद पर भरोसा रखें, नहीं तो आर्थिक नुकसान हो सकता है. हेल्थ में किडनी और फेफड़ों से जुड़े रोगों के मरीज सतर्कता बरतें. छोटे बच्चे को चोट लगने की आशंकाएं बनी हुई है. संतान से पूरा सहयोग मिलेगा. परिवार में सदस्यों से मनमुटाव हो सकता है, मामूली बातों में बहस न करें.
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medhajnews001 · 2 years
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Hanuman Jayanti 2022: करें ये मंत्र जाप हनुमान जी होंगे प्रसन्न, जानिए सिंदूर चढ़ाने का महत्व.
नई दिल्ली | देशभर में आज यानि 16 अप्रैल के दिन हनुमान जयंती ( Hanuman Jayanti ) मनाई जा रही है। हनुमान जयंती चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ माना जाता है। हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है। हनुमान जयंती के दिन लोग हनुमान मंदिर में दर्शन हेतु जाते है। कुछ लोग व्रत भी धारण कर बड़ी उत्सुकता और जोश के साथ समर्पित होकर इनकी पूजा करते है। हनुमान जी की उपासना लोगों को हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाती है और सुरक्षा प्रदान करती है।
ऐसे हुआ हनुमान जी का जन्म
माता अंजनी की गोद में बैठे हनुमान की पल्लव कालीन कांस्य प्रतिमाविष्णु जी के राम अवतार के बाद रावण को दिव्य शक्ति प्रदान हो गई। जिससे रावण ने अपनी मोक्ष प्राप्ति हेतु शिवजी से वरदान मांगा की उन्हें मोक्ष प्रदान करने हेतु कोई उपाय बताए। तब शिवजी ने राम के हाथों मोक्ष प्रदान करने के लिए लीला रचि। शिवजी की लीला के अनुसार उन्होंने हनुमान के रूप में जन्म लिया ताकि रावण को मोक्ष दिलवा सके। इस कार्य में प्रभु राम का साथ देने हेतु स्वयं शिवजी के अवतार हनुमान जी आये थे। जो की सदा के लिए अमर हो गए। रावण के वरदान के साथ-साथ उसे मोक्ष भी दिलवाया।
प्रभु राम की लंबी उम्र के लिए चढ़ा लिया था सिंदूर
ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इन्हे जनेऊ भी पहनाई जाती है। हनुमान जी की मूर्तियों पर सिन्दूर और चांदी का वर्क चढ़ाने की परंपरा है। कहा जाता है भगवान राम की लंबी उम्र के लिए एक बार हनुमान जी अपने पूरे शरीर पर सिंदूर चढ़ा लिया था और इसी कारण उन्हें और उनके भक्तो को सिंदूर चढ़ाना बहुत अच्छा लगता है जिसे चोला कहते है। ़
इस तरह करें हनुमान जी को प्रसन्न
शाम के समय दक्षिण मुखी हनुमान मूर्ति के सामने शुद्ध होकर मंत्र जाप करने को अत्यन्त महत्त्व दिया जाता है। हनुमान जयंती पर रामचरितमानस ( Ramcharitmanas ) के सुंदरकांड पाठ को पढना भी हनुमानजी को प्रसन्न करता है। सभी मंदिरों में इस दिन तुलसीदास कृत रामचरितमानस और हनुमान चालीसा का पाठ होता है। जगह जगह भंडारे आयोजित किये जाते हैं।
visit ; https://medhajnews.in/news//Hanuman-Jayanti-2022-Chant-this-Mantra-Hanuman-ji-will-be-Happy-know-the-Importance
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chhattisgarhrider · 4 years
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हनुमत निकेतन मंदिर इलाहाबाद || civil line hanuman mandir |Hanumat Niketan Temple |सिविल लाइंस हनुमान हनुमत निकेतन मंदिर इलाहाबाद में प्रसिद्ध मंदिर हैं। यह मंदिर इलाहाबाद के सिविल लाइन इलाके में स्थित है। इसलिए इस मंदिर को सिविल लाइन के हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और इसे हनुमत निकेतन मंदिर के नाम में जाना जाता है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। आपको इस मंदिर में हनुमान जी की बहुत ही भव्य प्रतिमा देखने के लिए मिलती है।हनुमत निकेतन मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत ही भव्य है। मंदिर के प्रवेश द्वार के ऊपर आपको रथ का डिजाइन देखने के लिए मिल जाएगा, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। यह रथ भीष्म पितामह जी का है। आप प्रवेश द्वार से अंदर जाएंगे, तो आपको यहां पर बहुत बड़ा ग्राउंड देखने के लिए मिलेगा। ग्राउंड के एक साइड में आपको प्रसाद की दुकान देखने के लिए मिलेगी, जहां से आप हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाने के लिए खरीद सकते हैं। आपको दूसरे साइट एक मंदिर देखने मिलेगा और मुख्य मंदिर आपको सामने देखने के लिए मिलेगा। मुख्य मंदिर में आपको हनुमान जी की भव्य प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। हनुमान जी यहां पर संजीवनी बूटी का पहाड़ उठाई हुए हैं और आप उनके दर्शन कर सकते हैं। यहां पर आपको राम, लक्ष्मण और सीता जी के भी दर्शन करने मिल जाते हैं। यहां मां दुर्गा की मूर्ति भी विराजमान है। आप उनके भी दर्शन कर सकते हैं। मुख्य मंदिर के बाजू में एक और मंदिर है। आप वहां भी सूर्य भगवान जी, गणेश जी, शंकर जी, लक्ष्मी नारायण जी के और 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर आपको सरस्वती माता और राधे कृष्ण की भव्य मूर्ति भी देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर आपको आकर बहुत अच्छा लगेगा। बहुत सारे लोग शाम के समय यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं और अपना समय यहां पर बिताते हैं। तो दोस्तों कैसा लगा यह वीडियो मुझे कमेंट करके जरूर बताएं और अगर आप मेरे चैनल में नए हैं तो चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूले और बैल आइकन में बटन दबा दें ताकि मेरे वीडियो सबसे पहले आपको मिले औरअपना प्यार हमेशा बनाए रखें वीडियो लिंक https://youtu.be/pPbmKQanryA #civillinehanumanmandirprayagraj​ #civillineprayagraj​ #civilline​ #hanumantemple​ #hanumanmandir​ #prayagraj​ #cgrider​ #hanumanniketancivilline​ #hanumanmandirprayagraj​ #chhattisgRHRIDER​ (at Civil Lines- Hanuman Mandir) https://www.instagram.com/p/CL4JDUeM4os/?igshid=n5nbuwwedlyh
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bihardastak · 4 years
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#देखें_अपनी_नजर_से_क्या_कहते_हैं_सितारें #25_अगस्त_का_अपना_राशिफल***
#मेष_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा आज हर कहीं आप लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहेंगे और अपनी छाप छोड़ेंगे महत्वपूर्ण बिज़नेस बैठकों में आपके मुताबिक़ निर्णय होंगे अगर स्थितियां आपके पक्ष में नही भी दिख रही तब भी आप उन्हें अपने पक्ष में कर लेंगे और अपनी बात मनवाने में कामयाब रहेंगे आप कुछ मिलनसार नए लोगों या विदेशी प्रतिनिधियों से आज मिल सकते हैं स्वतंत्र रूप से उन लोगों के साथ संवाद करे और जितनी उपयोगी जानकारी इकट्ठा कर सके करे क्योकि यह आपकी परियोजना के पूरा होने में आप के लिए बहुत मददगार साबित होगा किसी भी विचलित करने वाले परिदृश्य से परेशान न हो जो की आपके वरिष्ठ सहकर्मी ने आपके लिए बनाया हो कोई ऐसा आपके नजदीक है जिसका आकर्षण जबरदस्त है लेकिन फिर भी आप अभी उनके दिल में अपनी जगह नही बना पाए हैं निराश न हों उनके दिल में जगह पाने की कोशिशों से ही आप उनके दिल में अपनी जगह बना चुके हैं आपके खान पान और गलत जीवनशैली के कारण आपका स्वास्थ्य किस प्रकार प्रभावित हो रहा है और फिर आप इसके लिए सुधारात्मक कदम उठा सकते हैं आज आपका भाग्यांक 4 होगा शुभ रंग लाल होगा आज आप हनुमान जी को चोला चढ़ाएं लाभकारी होगा।
#वृष_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा आज आप जो भी कुछ शुरू करेंगे उसमे चाहे कितनी ही बाधाएं आयें आपको सफलता मिलनी तय है दिन के अंत तक आप दूसरों से फिर से बेहतर सम्बन्ध बना पायेंगे अपनी प्रकृति में एक जरुरी बदलाव लायें हर सम्बन्ध में केवल अधिकार जताने की कोशिश में ना रहें सबको बराबरी का दर्जा दें और आपको भी बदले में सबसे प्यार मिलेगा आपके सहयोगियों ने ऐसी स्थितियों में बहुत अच्छी तरह से आप का समर्थन किया है और इस समय उन लोगों से प्राप्त हुई मदद की सराहना करने का समय है जब आपके मालिक का मन स्थिर होगा तब आपके धन प्राप्ति के योग है आप आज अपने पार्टनर के लिए अपना प्यार काफी खर्चीले तरीके से सार्वजनिक रूप से दिखा सकते हो आप अपने पार्टनर की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए एक सरप्राइज पार्टी भी रख सकते होआज आपको अपने किसी करीबी या बिलकुल अजनबी से कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी बहुत ��च्छी सलाह मिलेगी अगर आप इस सलाह पर ध्यान देंगे तो आपको बहुत फायदा होगा आज आप आराम करें सामान्य वर्ग के लोगों को अपने नजदीकी रिश्तेदारों से लाभ होगा आज आपका भाग्यांक 9 होगा शुभ रंग हल्का गुलाबी होगा आज आप बंदरों को केला खिलाएं लाभकारी होगा
#मिथुन_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा आज आप अपने संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करेंगे कोई आपकी उदारता से प्रभावित होकर दिन के अंत तक आपसे अपनी भावना का इजहार कर सकता है हालाँकि अभी भी आपके मन में कडवे अनुभव भरे हुए हैं लेकिन अब समय आ गया है की आप सारी नकारात्मकता को दूर करके एक नयी शुरुआत करें आपकी वित्तीय स्थिति में लगातार वृद्धि दिख रही है और आगे भी इसमें सुधार की संभावना है परन्तु आप ऐसा महसूस करेंगे की आपके नियंत्रण से परे स्थितियां आपकी उत्पादकता और काम करने की क्षमता को प्रभावित कर रही है अपने पार्टनर की ओर से कोई अच्छी खबर सुनने को मिलेगी या आज आपको उससे कोई बहुत अच्छा उपहार मिल सकता है स्वास्थ्य सम्बन्धी छोटी तकलीफ हो सकती हैं आपको हलकी सी ठंड या सिरदर्द महसूस हो सकता है हालाँकि यह अधिक देर तक नही रहेगा लेकिन आपको इससे कमजोरी सी महसूस हो सकती है इसीलिए आज बहुत सारे काम करने की योजना न बनाएं खूब आराम करें और शांति से रहें इससे आप जल्दी ही बिलकुल ठीक महसूस करेंगे आज आपका भाग्यांक 6 होगा शुभ रंग हल्का लाल होगा आज आप गाय को गुड़ खिलाएं लाभकारी होगा।
#कर्क_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा आपकी मन की आवाज अब सक्रिय है और हर काम में आपका बहुत अच्छा मार्गदर्शन करेगी आप मजे में भी आसानी से जोखिम उठा पाने की स्थिति में हैं भाग्य आपके साथ है फिर भी आपको कोई भी कदम उठाने से पहले दो बार सोच लेना चाहिए आप भावनाओ की बाढ़ को अनुभव करेंगे पुराने दोस्तों या परिचित के सामने आने से खुशी होगी आज धन के मामलो में किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करे अन्यथा आपको काफी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है फिर भी सही समय पर पर्याप्त विवेक के साथ आसानी से आप अपने धन की रक्षा कर सकते हैं आज यात्रा के लिए न कोई योजना बनाये और न ही कोई भुगतान करें आपका साथी काफी आक्रामक रवैया अपना सकता है और आप इस बात से अनभिज्ञ रहेंगे की किस तरह से आप इसे संभाले आपको आज रिएक्शन और एलर्जी हो सकती है अगर आपको किसी विशेष खाने से एलर्जी है तो हो सकता है कि आपने अनजाने में वही खाना खा लिया हो त्वचा में जलन की भी आशंका है अगर संभव हो सके तो प्रदूषित स्थानों पर जाने से बचें शाम तक आपकी सेहत में सुधार होगा खूब अच्छी नींद भी लें और खूब एक्सरसाइज भी करें भविष्य में आपको कोई परेशानी न हो इसके लिए आपको अभी से प्रयास करके स्वास्थ्यकर आदतें डालनी चाहियें आज आपका भाग्यांक 3 होगा शुभ रंग गोल्डन होगा आज आप हनुमान जी को गुड़ चने का भोग लगाएं लाभकारी होगा।
#सिंह_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा आज आप हर किसी पर विश्वास करने के मूड में रहेंगे इसका नुक्सान यह है की आप किसी ऐसे आदमी के साथ भी अपनी बाते साझी कर सकते हैं जो दिल से आपका भला नही चाहता इसीलिए पहले इस आदमियो के बारे सही से छानबीन कर लें अगर आप पिछले कुछ समय से कार्यस्थल या घर पर किसी की बातो से असहमत हैं तो आज दोस्ती का हाथ बढाने के लिए अच्छा समय है अपने व्यावसायिक और वित्तीय गतिविधियों में बदलाव लाने के लिए अच्छा समय है इससे आपका कैरियर और भी अच्छा बनेगा आज आप अपने प्यार के लिए अपने मन को टटोल कर देखेंगे पहले आप के प्यार और रिश्तो में बचपना दिखाई देता था परन्तु अब प्रेम और रिश्तो में आप का दृष्टिकोण कहीं अधिक समझदार और परिपक्व हो गया है आज आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा नियमित रूप वर्कआउट योग करें इससे आपको लाभ प्राप्त होगा आज आपका भाग्यांक 4 होगा शुभ रंग लाल होगा आज आप हनुमान चालीसा का पाठ करें।
#कन्या_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा किसी पुराने दोस्त या परिवार के साथ बाहर घुमने जाने या बातचीत का आनंद लें आपको अपने काम के लिए उन्ही तरीकों पर भरोसा करना चाहिए जो आपके लिए पिछले समय में लाभकारी रहें हैं आज कोई नया प्रयोग शुरू करना ठीक नही होगा अगर आप कोई नौकरी या कोई परियोजना हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं तपो पारम्परिक तरीकों से ही कोशिश करें अपने विचारों और योजनाओं की अच्छे से मार्केटिंग करें सफलता जरूर मिलेगी आप अपनी पुरानी प्रतिबद्धताओं को समय पर खत्म कर पाएंगे और इन सभी कार्यों को पूरा करने के बाद आराम करने के लिए आपको पर्याप्त समय मिलेगा और आनंद भी क्योंकि आपने अपने सारे लंबित कार्यो को पूरा कर लिया है इस समय आपको अपने पार्टनर की बजाय अपनी भावनाओं पर ध्यान देना चाहिए और उस उलझन को दूर कर लेना चाहिए जो आपको सामान्य रूप से कई बार महसूस होती है अब आपको फैसला कर लेना चाहिए कि आप अपने सम्बन्ध को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं आज आपको पेट की गंभीर तकलीफें हो सकती हैं आज आपको जरुर अपने लिए उपयुक्त और अधिक स्वास्थ्य अनुकूल डाइट प्लान बनाना चाहिए आज आपका भाग्यांक 5 होगा शुभ रंग महरुम होगा आज आप हनुमत् कवच का पाठ करें ।
#तुला_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा पिछले काफी समय से जिस अटके काम को करने की सोच रहे हैं वह आज होने की उम्मीद है अच्छी खासी शारीरिक मेहनत करनी पड़ सकती है आज सामाजिक और वित्तीय दृष्टि से भी लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है अपने प्रियजनों से किसी भी प्रकार के टकराव से बचें सितारे कहते हैं की यदि आज कोई भी टकराव हुआ तो तुरंत बात बढ़ जायेगीआज आप एक दार्शनिक मुद्रा में रहेंगे और गहरी सोच वाली ऐसी किसी भी नौकरी में आज आप सफलता को छुएंगे शिक्षकों वकीलों दार्शनिकों प्रचारकों और राजनेताओ के लिए आज का दिन बहुत अच्छा रहेगा लेकिन आपको सांसारिक एवं जीवन के गहरे सवालों के बीच ध्यान देने की जरूरत है व्यावहारिक स्थिति से अपना मुख मोड़ना आज आपकी सबसे बड़ी समस्या है आज आप अपने लाइफ पार्टनर के साथ तीर्थो के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं जब तक आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक सक्रिय घंटा नही निकालते तब तक आपके दिन का सदुपयोग नही हो पाता ठंडे दिमाग से यह सोचने की कोशिश करें कि आप क्या क्या करते हैं और उनका आप पर कितना असर होता है उदाहरण के लिए अपने सांस लेने के तरीके पर गौर करें और फिर यह देखें कि इससे आपकी बात या प्यार करने के तरीके पर क्या प्रभाव पड़ता है आज आपका भाग्यांक 7 होगा शुभ रंग हल्का लाल होगा आज आप हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाएं लाभकारी होगा।
#वृश्चिक_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा बहुत से अच्छे मौके आपका इन्तजार कर रहे हैं लेकिन आपको उनके लिए पूरे तौर पर समर्पित कोशिशें करनी होंगी जोकि इस समय आपके लिए कुछ मुश्किल लग रहा है किसी ख़ास निजी समारोह के लिए इन मौकों को रोके रखना आपके लिए सही है आप साधारणतया बहुत अच्छे हैं और इसीलिए आपके दोस्त आपसे लगाव रखते हैं आज आप एक बुद्धिमान निर्णय लेंगे सलाह आपका उचित मार्गदर्शन करेंगी तो आज छोटे लाभ से संतुष्ट रहे शेयर बाज़ार में लगे लोग आज बड़े शेयरों के निवेश से बचे अपने भीतर की आवाज सुनकर अपने अंतर्ज्ञान से काम करे आप किसी पुराने व्यक्ति से मेल मिलाप कर सकते है जो की आपको आगे बढ़ने में सहायक सिद्ध हो सकता है आज आप अपनी वर्तमान जीवनशैली के स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूक होंगे और इसमें सुधार के लिए कोई कार्यक्रम बनायेंगे कुछ कारणों से आपको किसी स्वास्थय सम्बन्धी जांचें करानी होंगी और इससे आप संभावित खतरे के प्रति सावधान हो जायेंगे आज आपका भाग्यांक 5 होगा शुभ रंग लाल होगा आज आप हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाएं लाभकारी होगा।
#धनु_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा यह सही समय है जबकि आपको अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकलकर अपने आस पास की स्थितियों और अपनी स्थिति को ध्यान से समझना है आप अपने विभिन्न कर्तव्यों को पूरा करने के लिए बहुत भागदौड़ करते रहे हैं अब आप अपनी क्षमता भर इन्हें पूरा कर चुके हैं अब आराम से बैठकर अपने प्रयासों और मेहनत का आनंद उठाने का समय है आज आपको नयी नौकरी का प्रस्ताव मिल सकता है जो की आपके क्षेत्र से अलग होगा आपको दोनों क्षेत्रो को आपस में तोलना होगा ताकि आप सही करियर का निर्णय ले सके हालाँकि ये आपके लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा पर आप पूरी तरह से अपना कार्य क्षेत्र को न बदले आप अपने परिवार या अपनी जीवन संगिनी का मत भी ले सकते है की कौन सा कार्य क्षेत्र आपके लिए उपयुक्त रहेगा आप अपने पार्टनर को लेकर कहीं पिकनिक मनाने के लिए जा सकते हैं इससे आपका पार्टनर बहुत खुश होगा आपकी सेहत आज बहुत अच्छी है और इसे अच्छी बनाये रखने के लिए आपको हर रोज सुबह हल्की फुल्की एक्सरसाइज करने की आदत डालनी होगी आज आपका भाग्यांक 3 होगा शुभ रंग हल्का लाल होगा आज आप चींटियों को आटा दें
#मकर_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा आज का दिन कुछ अजीब सा रहेगा कोई ऐसी घटना घट सकती है जिसकी आपने कभी कल्पना भी ना की होगी आप गृहों से मिलने वाली ऊर्जा का ध्यान रखें और यह समझने की कोशिश करें कि वे आपको किस दिशा में ले जाना चाहती हैं जीवन के इस मोड़ पर आपको सही रास्ता मिलना ही आपका आगे का भविष्य तय करेगा आज आपको एक व्यापारिक यात्रा करनी पड़ सकती है यह बौद्धिक विवेक को बढ़ाने के लिए एक महान अवसर होगा आज अपने साथी के साथ बाहर जाने का उपयुक्त समय है इस समय का कुछ हल्की फुल्की बातो से आनंद ले किसी तरह की प्रतिबद्धता से बचे साथ ही साथ अपने साथी की भावनाओ को तोलने की कोशिश न करे आप अपने व्यस्त जीवन में भी सही तरीके से व्यवस्था बनाये रखने की अपनी काबिलियत को तभी तक बनाये रख सकते हैं जब तक आप संतुलित खाना खाएँ नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और अपनी शारीरिक आवश्यकताओं का अच्छी तरह से ध्यान रखें एक्सरसाइज न छोड़ें आज आपका भाग्यांक 8 होगा शुभ रंग हल्का गुलाबी होगा आज आप हनुमान मंदिर की 11 प्रदक्षिणा करें ल
#कुम्भ_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा आपकी जीवन में कोई ऐसी स्थति आने वाली है जब आपको सीधे तुरंत और अति सक्रिय रहकर फैसले लेने होंगे यह स्थिति देखने में बहुत मुश्किल लग सकती है परन्तु आप इसे आसानी से संभाल पायेंगे आपको बस दृढ़ता पूर्वक डटे रहना है लेकिन चिंता ना करें एक बार जब यह समस्या ख़तम हो जायेगी तो लोग इसे सुलझाने में आपकी भूमिका की भी प्रशंसा करेंगे आपको सावधान रहने की जरुरत है की रास्ते में आ रही किसी भी महत्वपूर्ण जानकारी आप से छूट न जाये यह एक उच्च स्थान प्राप्त करने में सहायता करने के लिए महत्वपूर्ण संदेश भी हो सकता है वित्तीय स्थिति स्थिर रहेगी जिसके लिए आप लम्बे समय से प्रयासरत थे आपका अपने जीवन साथी के साथ लगाव काम के दबावों के चलते कम होता दिखाई दे रहा है लेकिन आप इस को अर्थपूर्ण बनाने के लिए अपनी कोशिश तो कर ही सकते हैं अगर आप इस सम्बन्ध को लेकर गंभीर हैं तो आपको उसी आकर्षण को वापस पाने की कोशिशें करनी हैं नही तो अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखें तनावरहित महसूस करना अच्छी बात है लेकिन सावधानी भी उतनी ही आवश्यक है अति न करें आनंद लें परन्तु यह भी ध्यान रखें आपका स्वस्थ रहना काफी आवश्यक है आज आपका भाग्यांक 4 होगा शुभ रंग गुलाबी होगा आज आप गाय को गुड़ खिलाएं लाभक
#मीन_राशिफल
आज आपका दिन अच्छा रहेगा आप व्यवसायिक या निजी कारणों से यात्रा कर सकते हैं हालाँकि इस समय आपके लिए यात्रा करना मुश्किल होगा लेकिन आप कर पायेंगे और इससे आपको लाभ भी होगा जो लोग पहले आपकी उदारता को नही समझते थे अब उन्हें भी इसकी कीमत समझ आएगी आज आपको नौकरी की संभावनाओं के बारे में कुछ अच्छी खबर प्राप्त हो सकती है आपको अपनी पसंद की कंपनियों में एक साक्षात्कार के लिए बुलाया जा सकता है आज उभरते हुए लेखकों के लिए यह एक महान दिन हो सकता है क्यों की आपके लेख या आपकी पुस्तक प्रसिद्ध प्रकाशक के द्वारा प्रकाशित हो सकती है आपका कैरियर अब पूरी तरह से एक नए रूप में शोभित होगा आज आप अपने लाईफ पार्टनर से अच्छा व्यवहार करेंगे और पार्टनर की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे आप पिछले कई दिनों से अपनी डाइट में काफी सारे अंतर लाने के बारे में सोचते रहे हैं लेकिन कई तरह के संदेहों ने आपको रोक रखा है आज आपके सभी संदेह दूर हो जायेंगे और आपको यह भी पता चल जाएगा कि आपको अच्छी सेहत बनाये रखने के लिए क्या करते रहना है आज आपका भाग्यांक 6 होगा।
#आध्यामिक_गुरु_श्री_कमला_पति_त्रिपाठी_प्रमोद
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chaitanyabharatnews · 5 years
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आज है हरियाली अमावस्या, 125 साल बाद बन रहा है यह शुभ सयोंग, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
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चैतन्य भारत न्यूज हिन्दू धर्म में सावन महीने में आने वाली अमावस्या को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस बार हरियाली अमावस्या 1 अगस्त को है। दरअसल, सावन के महीने में चारों ओर हरियाली होने की वजह से इसे हरियाली अमावस्‍या कहा जाता है। यह अमावस्या भगवान शिव को भी अधिक प्रिय है। इस दिन विशेष रूप से पूजा-पाठ और दान-पुण्‍य किया जाता है।
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हरियाली अमावस्या पर इस बार पांच शुभ योग बन रहे हैं। खास बात यह कि यह महायोग लगभग 125 साल बाद बन रहा है। शास्त्रों के मुताबिक, इन पंच महायोग में पहला हरियाली अमावस्या का शुभ योग, दूसरा सर्वार्थ सिद्धि योग, तीसरा सिद्धि योग, चौथा अमृत सिद्धि योग, पांचवा गुरु पुष्यामृत योग रहेगा।
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मान्यता है कि, हरियाली अमावस्या का व्रत रखने से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। वहीं विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य प्राप्त होने का वरदान मिलता है। इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं हरियाली अमावस्या पर क्या करना चाहिए।
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हरियाली अमावस्या का मुहूर्त 1 अगस्त, गुरुवार को पूजा का समय- अमावस्या तिथि प्रारंभ : 31 जुलाई 2019 को रात 11:57 बजे से अमावस्या तिथि समाप्त : 1 अगस्त 2019 को शाम 08:41 बजे तक हरियाली अमावस्या पर क्या करें- इस दिन नदी या तालाब की मछली को आटे की गोलियां बनाकर खिलाना शुभ मना गया है। भगवान शिव के मंदिर के अलावा हनुमान मंदिर भी जाएं। हनुमान जी का पूजन करें। उन्‍हें सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। हरियाली अमावस्या पर ब्राह्माणों और जरूरतमंद लोगों को दान देने से पुण्य मिलता है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष, पितृ दोष और शनि का प्रकोप है वह आज के दिन शिवलिंग पर पचांमृत जरूर अर्पित करें। मान्‍यता है कि श्रावण अमावस्‍या के दिन भोले नाथ की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार हरियाली अमावस्या पर पेड़ लगाने से जीवन के संकट दूर होते हैं और उन्हें लाभ की प्राप्ति भी होती है। ये भी पढ़े... अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए करें हरियाली अमावस्या व्रत, जानिए इसके नियम, महत्व और पूजा-विधि 125 साल बाद सावन सोमवार के दिन बना नाग पंचमी का शुभ योग, कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से सातों जन्म के पाप हो जाते हैं नष्ट, जानिए इसका महत्व और विशेषता   Read the full article
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getdreamjobonline · 5 years
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Govt Job पाने के लिए बेहद आसान और अचूक टोटके, इन्हे करने मात्र से ही मिलेगी सफलता
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tone totke for govt jobs : देश में बढ़ती हुई जनसंख्या और नवीनतम तकनीक से बेरोजगारी भी हावी हो गई है। आज नौकरी के लिए हजारों युवा दफ्तरों के बाहर घंटों लाइनों में खड़े रहते हैं। सरकारी नौकरी में मामूली से पदों के लिए लाखों की संख्या में आवेदन आ रहे हैं। रेलवे में 'ग्रुप सी और डी' जैसी भर्ती में आवेदन संख्या 2 करोड़ के करीबन तक पहुँच गई। सरकारी नौकरी पाने वाला व्यक्ति खुद को बेहद खुश नसीब मानता है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए मेहनत बहुत करनी पड़ती है। मेहनत के साथ इंसान को भाग्य का सहारा भी मिलता है। बहुत से ऐसे भी उदहारण है जो बहुत कम मेहनत में ही अच्छी सफलता हासिल कर लेते हैं। कुछ उदहारण ऐसे भी हैं जो निम्न लेवल की परीक्षा में फ़ैल हो जाते हैं और उच्च अधिकारी के लिए आयोजित हुई परीक्षा में सफलता हासिल कर लेते हैं। ऐसे में कर्म के साथ भाग्य भी अपना कार्य करता है। जितना कर्म करोगे उसी के अनुसार भाग्य भी अपना रोल अदा करेगा। मेहनत के बिना कुछ भी संभव नहीं है।कुछ लोग मेहनत के दम पर आगे बढ़ जाते हैं लेकिन भाग्य का साथ न मिलने पर रुकावटें आती रहती हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे ही जरुरी उपाय बताते हैं जो आपके भाग्य को अनुकूल बनाने में आपकी मदद करेंगे। नौकरी पाने के उपाय Govt Jobs Remedies सुबह पक्षियों को सातों अनाज मिलाकर खिलाएं और मंदिर में नित्य दर्शन करें। सभी तरह के पक्षी अपना पसंदीदा अनाज खा सके। गणेश चतुर्थी को गणेश जी का दाईं ओर मुड़ी हुई सूंड का चित्र लगाएं। उनकी आराधना करें। उनके आगे हरी दूब, लौंग तथा सुपारी रखें। जब भी कहीं काम पर जाना हो, तो इस लौंग तथा सुपारी को साथ लेकर जाएं, तो जिससे काम सिद्ध होगा। नौकरी के लिए माँ गायत्री और बजरंग बलि की नित्य दर्शन और पूजा करें। सुबह सूर्योदय पर सूर्य भगवान को जल चढ़ाएं। ग्रहों की अनुकूलता को बनाने के लिए कुछ ग्रहों को अपने पक्ष में प्रभावी भी बनाया जाता है। नौकरी के लिए परीक्षा/इंटरव्यू देने जाते समय गुड़ और रोटी जरूर लेकर निकलें और उसे रास्ते में कहीं भी गाय को खिला कर जाएं। एक नींबू के ऊपर चार लौंग गाड़ दें और ॐ श्री हनुमते नम: मंत्र का 108 बार जप करके नींबू को अपने साथ लेकर जाएं। आपका काम अवश्य बन जाएगा। शनिवार के दिन शनि देव को सरसों का तेल और उसमें लोहे की धातु/सिक्का जरूर चढ़ाएं। घर में बजरंग बली का फोटो जिसमें उनका उड़ता हुआ चित्र हो, उसकी पूजा करना चाहिए। मंगलवार और शनिवार को किए गए हनुमान चालीसा के पाठ सफलता के लिए बेहद ही अचूक उपाय है। जब भी आप नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाएं तो ॐ नम: भगवती पद्मावती ऋद्धि-सिद्धि दायिनी इस मंत्र का जप 108 कर लें। एकाग्र मन से जप करने पर आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी। रूके हुए कार्य सिद्धि के लिए यह टोटका बहुत ही लाभदायक है।
ऐसे पहचानें सरकारी नौकरी के योग govt jobs in horoscope नौकरी का मुख्य कारक शनि ग्रह होता है। नौकरी पाने में अन्य पाप ग्रहों की भी भूमिका होती है। कुंडली का छठवां और ग्यारहवां भाव नौकरी से सीधे सम्बंधित होते हैं, इनके स्वामी भी नौकरी पाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इन भावों में गुरु और सूर्य जैसे गृह बैठें हो तो नौकरी पाना आसान होता है। कुंडली में अग्नि और पृथ्वी राशियां नौकरी पाने में खूब सहायता करती हैं।
Govt Jobs In Kundali आपकी कुंडली में सूर्य या चन्द्रमा में से कोई एक मजबूत हो। छठे भाव में गुरु या सूर्य बैठे हों। कुंडली में पञ्च महापुरुष योग में से एक या ज्यादा योग हों। जब शनि की स्थिति मजबूत हो और शनि की साढे साती या ढैया चल रही हो। हाथ में सूर्य की दोहरी रेखा हो और बृहस्पति के पर्वत पर क्रास हो। बृहस्पति पर्वत तक रेखा पहुँच जाती है तो भी सरकारी नौकरी के योग बन जाते हैं।
How To Get Govt Jobs रोज सुबह नित्यकर्म के बाद सूर्योदय के वक्त सूर्य भगवान को जल अर्पित करें। सुबह और शाम 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें। राशि के अनुसार ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए अच्छे विद्वान पंडित से सलाह लेकर एक माणिक्य अथवा नीलम धारण करें और हल्के लाल रंग का ज्यादा प्रयोग करें।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/govt-jobs-in-kundali-and-remedies-4381902/
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rachna-gaur01-blog · 7 years
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त्रिउन्ड : एक अनोखा अनुभव
       कहते हैं ट्रिप्स वही सफल होती हैं जिनको बिना किसी प्लान के पूरा किया जाये . ऐसी ही एक ट्रिप का अनुभव हमने भी लिया अप्रैल के महीने में . हालाँकि लिख बहुत देर से रही हूँ लेकिन फिर भी ये वो यादें बन चुकी हैं जो कभी भी मन से नही जा सकती . वो कहते हैं ना जैसे नदी को कोई बहने से नहीं रोक सकता , सूरज को चमकने से कोई नहीं रोक सकता उसी तरह यादों को मन से कोई नही निकाल सकता .        ट्रिप की शुरुआत हुई थी 22 अप्रैल की सुबह से . हमारा पहला पड़ाव अम्बाला था . असली ट्रिप तो 23 अप्रैल की सुबह शुरू हुई जब हम अपने सफर के साथी रेनौल्ट डस्तर पे सवार होके निकले अम्बाला से. हमारा पूरा ट्रिप एक हफ्ते का था . जिसमे हम शिमला , नार्कन्डा , रामपुर , वाँग्तू , कड्छम , साँग्ला , चीत्कुल , पोवारी , पूह ,हर्लिँग , टाबो , काजा (की- गॉम्पा , रँग्रिक गावं , लाँग-जा , कॉमिक , हिक्किम), Mud गावं होते हुए mcleodganj पहुँचे . यहाँ पहुँचकर शुरुआत होने वाली थी एक नये अहसास की .          इतना सफर करने में हमें चार दिन लगे पाँचवे दिन हम mcleodganj में थे . छट्वे दिन हमने त्रिउन्ड ट्रेक की शुरुआत की सुबह के लगभग 9:30 बजे . हमको दो रास्तों के बारे में बताया गया था , एक रास्ता धरम्कोट होते हुए जाता है जो कि लम्बा मगर थोड़ा सा आसान है और दूसरा भग्सू नाग वॉटर फॉल होते हुए . पहले आपको भग्सू नाग के बारे में थोड़ी सी जानकारी दे देते हैं फ़िर अपनी कहानी बताएँगे . दरअसल भग्सू नाग के नाम से mcleodganj में एक मंदिर है जिसकी बहुत मान्यता है.    एक पौराणिक कथा के अनुसार ये मंदिर राजा भग्सू के नाम पर है. एक बार उनके राज्य में भयंकर सूखा पड़ा तब उन्होंने अपनी प्रजा को पानी लाने का वादा किया और पानी की खोज में चले गये और नाग डल झील के पास पहुँचे . अपनी जादुई शक्तियों से उस झील का सारा पानी अपने कमन्डल में भर के अपने राज्य चले गये. जब राजा नाग ने अपनी झील को खाली देखा तो गुस्से से लाल पीला हो गया . किसी तरह पता लगाके राजा भग्सू से लड़ने पहुँच गया . लड़ते लड़ते राजा भग्सू का कमंडल का पानी पहाड़ से नीचे गिरने लग गया. अपनी मृत्यु को पास देखकर राजा भग्सू ने राजा नाग से कहा की इस पानी को यहीं बहने दें ताकि उनकी प्रजा को परेशानी ना हो और उसका नाम इस पानी के साथ हमेशा के लिये जुड़ जाये . नाग ने उनकी इन बातों को मान लिया . तबसे इसका नाम दोनो के नाम से पड़ गया - भग्सू नाग . और यहाँ पर पानी कभी बँद नहीँ होता .     तो हमने भग्सू नाग फॉल होते हुए जाने का मन बनाया ताकि लगे हाथ मंदिर और फॉल भी देख लेंगे . वॉटर फॉल देखते हुए हमने अपना ट्रेक शुरू किया . उस दिन कुदरत ने भी अति कर रखी थी , कहने का मतलब है धूप बहुत तेज थी . मेरे पति को तो आदत है खूब ट्रेक करने की तो वो तो फटाफट चले जा रहे थे लेकिन मेरा तो ये पहला ट्रेक था तो अभी से साँस फूलने लगी थी मगर अभी तो शूरूआत भर ही थी . जैसे तैसे हांफते हुए हम shiva's cafe तक पहुँचे , वहाँ थोड़ा सुस्ताये पानी वगैरह लिया और फ़िर से चल दिये. हमको निकले हुए करीब एक घंटा हो चुका था और अभी हमारा रास्ता बस शुरू ही हुआ था . कैफे वाले ने हमें बताया था की रस्ता तो यही है भैया मगर पूछते हुए जाना , मगर हमको तो कोई दिखा ही नहीँ जिससे हम कुछ पूछ पाते . धीरे धीरे चलते हुए हमको लगभग डेढ़ घंटा और बीत गया था और तब हमें दूर से एक गावं दिखने लगा तो ऐसा लगा जैसे हममें कोई नयी शक्ति आ गयी हो . मै भी जल्दी जल्दी उस गावं की तरफ़ जाने लगी लगा जैसे मंजिल अब बहुत करीब है . जैसे तैसे उस गावं में पहुँचे जिसका नाम था "लट्टे गावं". वहाँ एक बुढ़े अंकल जी अपनी दुकान में सोये हुए थे उनसे हमने एक पानी की बोतल ली और पूछा अंकल त्रिउन्ड के लिये यही रस्ता है क्या तो उन्होंने हामी भर दी तो मन को थोड़ी तसल्ली हुई की चलो भई कम से कम सही रस्ते तो जा रहे हैं . फ़िर उन्होंने ये और कह दिया की पास ही है जादा दूर नी वश ढाई घंटा ही लगेगा तब तो हमारी खुशी का ठिकाना ही नहीँ रहा. उनको हमने धनयवाद बोला और वहाँ की देवी के दर्शन करके अपना रस्ता चलना शुरू किया . जंगल की पगडंडी वाले खतरनाक रास्तों पर बस हम ही चले जा रहे थे और जंगल में कौवों की आवाज़ के अलावा कुछ भी सुनायी नहीँ दे रहा था. हम दोनो चले ही जा रहे थे घनघोर जंगल में . लट्टे गावं से चलते चलते हमको एक घंटा पूरा होने को था तभी हमारे ऊपर वाले पहाड़ पर हमको कुछ दो चार लोग दिखाये दिये, तो मन में उत्साह बढ़ने लगा की शायद अब हम पहुँचने ही वाले हैं . जब तक हम वहाँ पहुँचते वो लोग तो बहुत आगे निकल चुके थे . खैर वहाँ एक हनुमान जी का मंदिर था जहाँ हमने भी थोड़ी देर सुस्ता लिया . वहीँ हमें एक बुजुर्ग अंकल और मिले जो अपनी गाय बछड़े चरा रहे थे. उन्होंने हमें बताया की अब बस आप पहुँचने ही वाले, हो फ़िर हमने भी अपने फोन के gps में चेक किया तो वो बस 1.5 km का ही रास्ता बता रहा था . वैसे ये भी आश्चर्य में डालने वाली बात है की जहाँ इंसान अच्छे से नहीँ मिल पा रहे थे वहाँ मोबाइल के नेटवर्क पूरे थे . हिमाँचल की यही बात बहुत अच्छी है की वहाँ इतने इंटीरियर में जाकर भी आपको ये एहसास नहीँ होगा की आप किसी गावं में हैं . इतनी अच्छी सड़के , इतना डेवेलपमेंट . तब पता  लगता है की क्यू हमारा उत्तराखंड इतना पीछे है. खैर चलिये ये बातें किसी और दिन करेंगे . अभी अपना सफर पूरा करते हैं .      हम 1.5 km  के उत्साह में तेजी से चलने लगे . अब जंगल नहीँ थे , थे तो बस ऊँचे ऊँचे पहाड़ जिनको हमें पार करके उस तरफ़ जाना था. एक पहाड़ , दो पहाड़ , ऐसे करते करते हम चार पहाड़ चढ़ चुके थे लेकिन त्रिउन्ड की केमपिंग साइट कहीँ दूर दूर तक नज़र नहीँ आ रही थी . वो लट्टे गावं वाले अंकल के ढाई घंटे कबके बीत चुके थे , वो gps का 1.5 km तो हमने कबका पार कर लिया था लेकिन मंजिल का नामोनिशान नहीँ कहीँ नज़र नहीँ आ रहा था . इस समय हम काफी हाइट पर आ गये थे और शाम के 3:45 हो चुके थे . मै तो हिम्मत हार चुकी थी अब. मैने अपने पति को बोला की हम गलत आ गये हैं चलो लौट चलते हैं . मगर इनको तो केमपिंग करनी ही करनी थी आज त्रिउन्ड में . हम उसी पहाडी पर लगभग आधा घंटा बैठे रहे और बहुत ठंडी हवा का आनँद लेते रहे . थोड़ी देर के बाद हमें कुछ लोगों की आवाज़ सी सुनाई दी . वो लोग अपने खच्चर चरा के शायद वापस लौट रहे थे . जब वो पास आये तब हमने उनसे पूछा की भैया त्रिउन्ड कहाँ है और कितनी दूर है , क्या वहाँ पे केमपिंग हो भी रही है या नहीं . तो उन्होंने हमें बताया की सामने वाले दो पहाड के उस तरफ़ है त्रिउन्ड . बस जी धीरे धीरे उन पहाड़ पे चढ़ना शुरू किया जिनकी एकदम खड़ी चढाई थी . मैंने तो भगवान याद करने शुरू कर दिये थे क्योंकि इतनी चढाई मुझसे हरगिज़ नहीँ होने वाली थी . हर एक क़दम के बाद मै पानी पी रही थी . जैसे तैसे मर मर के एक पहाड़ पार हुआ मगर मुश्किल तो सामने वाला आखरी पहाड़ था . चलिये भगवान का नाम लेते हुए वो भी  चढ़ ही लिया . जब वो चढ़ के मैदान में पहुँचे तो नजारा ही कुछ और था . सामने से चमकती हुई धौलाधार रेंज , एकदम बर्फीली ठंडी हवाएं . वहाँ के त्रिउन्ड केफे में गरमा गर्म maggie खायी और लगभग 20 मीटर और आगे जाकर अपना टेंट लगवाया बिल्कुल धौलाधार रेंज के सामने . हमने वहाँ पहुँचकर देखा की वहाँ तो ढेरों लोग आ रहे हैं और रास्ते में तो हमे लगा की हम ही तीस मार खाँ हैं जो चढ़े जा रहे हैं . तो वो टेन्ट वाले ने हमें बताया की भईया आप जिस रास्ते से आये उस रास्ते से बिना गाइड के आना नामुमकिन है . हम दोनो एक दूसरे को देख के मुस्कुराये और अंकल के ढाई घंटे को याद करके खूब हँसे . क्योंकि उनके ढाई घंटे हमारे 6 घंटे बन चुके थे . लेकिन जो एहसास मेरे मन में था वो 6 घंटे क्या , 6 साल क्या , कभी नहीँ दूर होने वाला था.
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aajkarashifal · 7 years
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छोटी दिवाली आज, मुख्य द्वार पर जलाएं दीप
मुंबई बुधवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी है। इसे नरक चौदस, नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली कहा जाता है। इस दिन भी दिवाली की तरह पूजा-पाठ कर, दीप जलाए जाते हैं लेकिन पूजा कृष्ण भगवान, यमराज और हनुमान जी की होती है। यह पूजा करने से मनुष्य नर्क में मिलने वाली यातनाओं से बच जाता है। नरक का अर्थ है गंदगी, जिसे साफ करना बहुत जरूरी होता है। शास्त्रों के अनुसार जहां स्वच्छता और पवित्रता होती है, वहीं माता लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए इस दिन माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए लोग घरों की सफाई करते हैं। नरक चौदस के दिन तिल के तेल के 14 दीपक जलाने की परंपरा है। ऐसे नाम पड़ा नरक चतुर्दशी पंडित कमल श्रीमाली के मुताबिक नरक चतुर्दशी को मुक्ति पाने वाला पर्व कहा जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। इसलिए इस चतुर्दशी का नाम नरक चतुर्दशी पड़ा। इस दिन सूर्योदय से पहले उठने और स्थान करने का महत्त्व है। इससे मनुष्य को यम लोक का दर्शन नहीं करना पड़ता है। कार्तिक मास में तेल नहीं लगाना चाहिए, फिर भी इस तिथि विशेष को शरीर में तेल लगाकर स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र पहनकर, तिलक लगाकर दक्षिणाभिमुख होकर दिए गए मंत्रों से प्रत्येक नाम से तिलयुक्त तीन-तीन तिलांजलि देनी चाहिए। यह यम-तर्पण कहलाता है। इससे वर्ष भर के पाप नष्ट हो जाते हैं। ॐ यमाय नमः, ॐ धर्मराजाय नमः, ॐ मृत्यवे नमः, ॐ अन्तकाय नमः, ॐ वैवस्वताय नमः, ॐ कालाय नमः, ॐ सर्वभूतक्षयाय नमः, ॐ औदुम्बराय नमः, ॐ दध्नाय नमः, ॐ नीलाय नमः, ॐ परमेष्ठिने नमः, ॐ वृकोदराय नमः, ॐ चित्राय नमः, ॐ चित्रगुप्ताय नमः शाम को ऐसे जलाएं दीप संध्या के समय देवताओं का पूजन कर दीपदान करना चाहिए। नरक निवृत्ति के लिए चार बत्तियों वाला दीपक पूर्व दिशा में मुख कर के घर के मुख्य द्वार पर रखना चाहिए। मंदिरों, रसोईघर, स्नानघर, देववृक्षों के नीचे, नदियों के किनारे, चहारदीवारी, बगीचे, गोशाला आदि स्थान पर दीपक जलाना चाहिए। विधि-विधान से पूजा करने वाले सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट। http://dlvr.it/PwGFGR
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chaitanyabharatnews · 5 years
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आज है हरियाली अमावस्या, 125 साल बाद बन रहा है यह शुभ सयोंग, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
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चैतन्य भारत न्यूज हि��्दू धर्म में सावन महीने में आने वाली अमावस्या को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस बार हरियाली अमावस्या 1 अगस्त को है। दरअसल, सावन के महीने में चारों ओर हरियाली होने की वजह से इसे हरियाली अमावस्‍या कहा जाता है। यह अमावस्या भगवान शिव को भी अधिक प्रिय है। इस दिन विशेष रूप से पूजा-पाठ और दान-पुण्‍य किया जाता है।
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हरियाली अमावस्या पर इस बार पांच शुभ योग बन रहे हैं। खास बात यह कि यह महायोग लगभग 125 साल बाद बन रहा है। शास्त्रों के मुताबिक, इन पंच महायोग में पहला हरियाली अमावस्या का शुभ योग, दूसरा सर्वार्थ सिद्धि योग, तीसरा सिद्धि योग, चौथा अमृत सिद्धि योग, पांचवा गुरु पुष्यामृत योग रहेगा।
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मान्यता है कि, हरियाली अमावस्या का व्रत रखने से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। वहीं विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य प्राप्त होने का वरदान मिलता है। इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं हरियाली अमावस्या पर क्या करना चाहिए।
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हरियाली अमावस्या का मुहूर्त 1 अगस्त, गुरुवार को पूजा का समय- अमावस्या तिथि प्रारंभ : 31 जुलाई 2019 को रात 11:57 बजे से अमावस्या तिथि समाप्त : 1 अगस्त 2019 को शाम 08:41 बजे तक हरियाली अमावस्या पर क्या करें- इस दिन नदी या तालाब की मछली को आटे की गोलियां बनाकर खिलाना शुभ मना गया है। भगवान शिव के मंदिर के अलावा हनुमान मंदिर भी जाएं। हनुमान जी का पूजन करें। उन्‍हें सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। हरियाली अमावस्या पर ब्राह्माणों और जरूरतमंद लोगों को दान देने से पुण्य मिलता है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दो���, पितृ दोष और शनि का प्रकोप है वह आज के दिन शिवलिंग पर पचांमृत जरूर अर्पित करें। मान्‍यता है कि श्रावण अमावस्‍या के दिन भोले नाथ की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार हरियाली अमावस्या पर पेड़ लगाने से जीवन के संकट दूर होते हैं और उन्हें लाभ की प्राप्ति भी होती है। ये भी पढ़े... अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए करें हरियाली अमावस्या व्रत, जानिए इसके नियम, महत्व और पूजा-विधि 125 साल बाद सावन सोमवार के दिन बना नाग पंचमी का शुभ योग, कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से सातों जन्म के पाप हो जाते हैं नष्ट, जानिए इसका महत्व और विशेषता   Read the full article
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