#मीडिया में पूर्व सीएम की खबर
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सरकार को भोला पासवान शास्त्री के परिवार को सरकारी नौकरी देनी चाहिए: चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और पूर्व सीएम भोला पासवान शास्त्री के परिवार को नौकरी देने के साथ-साथ वित्तीय मदद का अनुरोध किया।
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एकनाथ शिंदे बनेंगे महाराष्ट्र के नए सीएम, देवेंद्र फडणवीस ने किया ऐलान
एकनाथ शिंदे बनेंगे महाराष्ट्र के नए सीएम, देवेंद्र फडणवीस ने किया ऐलान
मुंबई । महाराष्ट्र के सियासी गलियारे से बहुत ही बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि महाराष्ट्र के अगले सीएम एकनाथ शिंदे बनेंगे. बता दें कि आज शाम 7.30 बजे ही एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. बता दें कि बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने संयुक्त प्रेसवार्ता की. इस प्रेसवार्ता में ही महारष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने यह मीडिया को बताया कि राज्य के अगले…
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आमागढ़ दुर्ग पर आदिवासी झंडा फहराने का कांग्रेस विधायक ने किया समर्थन, कह डाली ऐसी बात Divya Sandesh
#Divyasandesh
आमागढ़ दुर्ग पर आदिवासी झंडा फहराने का कांग्रेस विधायक ने किया समर्थन, कह डाली ऐसी बात
जयपुर। राजस्थान के आमागढ़ किले पर सांसद किरोड़ी लाल मीणा द्वारा आदिवासी समाज का झंडा लगाने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और सांसद किरोड़ी लाल मीणा को गिरफ्तार कर लिया। सांसद किरोड़ी लाल मीणा की गिरफ्तारी के बाद प्रदेशभर में जगह-जगह आदिवासी समाज के युवा आक्रोश व्यक्त कर रहे है। वहीं, दौसा से कांग्रेस के विधायक मुरारी लाल मीणा ने सांसद किरोड़ी लाल मीणा द्वारा अमागढ़ पर आदिवासी समाज का झंडा लगाने का समर्थन किया।
विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि हम यही चाहते थे कि आमागढ़ में आदिवासी समाज का झंडा लगे और किरोड़ी लाल मीणा ने यह समाज हित में काम किया है। समाज इसके लिए उनका आभारी है। उन्हें धन्यवाद देता है।
उधर, विधाधर नगर थाने के बाहर किरोड़ी लाल मीणा के समर्थक एकत्रित हो गए है। किरोड़ी लाल मीणा के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे है। मीना समाज की महिलाएं गीत गा रही हैं। मीना समाज के नेताओं का भी पहुंचना लगातार जारी हैं।
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बताया गया कि कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा की मौजूदगी यह सब हुआ।आरोप है कि विधायक रामकेश मीणा ने ‘श्री राम’ लिखे हुए भगवा ध्वज को फाड़ दिया। यह मामला सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहा है। इस घटना के बाद हिंदू संगठनों में भारी नाराजगी है।
बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया आरोप- इस घटना को लेकर बीजेपी नेता और यूपी सीएम के सूचना सलाहकार सलभ मणि त्रिपाठी ने कांग्रेस पर हिंदुओ का अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राहुल और प्रियंका ,आपके गुंडों की अगुवाई में समूचे राजस्थान में हो रहा हिंदुओं का ये महाअपमान ही कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील बनेगा, तुष्टीकरण में अंधी कांग्रेस की तरफ से भगवा ध्वज पर चली हर ईंट का जवाब पत्थर से मिलेगा, इंतजार करिए, जय जय श्रीराम !!
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आमागढ़ प्रकरण पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बयान सामने आया हैं। वसुंधरा राजे ने यह बयान डॉ.किरोड़ीलाल मीणा के समर्थन में दिया हैं। वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस आमागढ़ के मामले में धर्म के नाम पर राजनीति कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को करारा जवाब देने वाले डॉ.किरोड़ीलाल मीणा की गिरफ्तारी निंदनीय है। डॉ.किरोड़ीलाल मीणा को तुरंत रिहा जाए किया।
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पूर्व Cm जयललिता बायोपिक जुलाई से शुरू होगी इस साल 2019 में फिल्म निर्माताओं ने की कंगना रनौत की घोषणा | थलवी: जयललिता की बायोपिक की शूटिंग इसी महीने शुरू होगी, कंगना नजर आएंगी
पूर्व Cm जयललिता बायोपिक जुलाई से शुरू होगी इस साल 2019 में फिल्म निर्माताओं ने की कंगना रनौत की घोषणा | थलवी: जयललिता की बायोपिक की शूटिंग इसी महीने शुरू होगी, कंगना नजर आएंगी
कंगना रनौत जल्द ही तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता के जीवन पर एक फिल्म में दिखाई देंगी। हाल ही में इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर एक घोषणा की ��ई है। लेकिन अब इस फिल्म से जु���़ी एक और खबर सामने आ रही है, जो बहुत महत्वपूर्ण है। यह फिल्म इसी दिन रिलीज होगी कंगना रनौत की आने वाली फिल्म ‘थलवी’ की शूटिंग जल्द ही शुरू होने वाली है। इस फिल्म की हाल ही में औपचारिक घोषणा की गई थी। लेकिन अब फिल्म की शूटिंग…
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बिहार की राजनीति में बीते 24 घंटे खासे गहमागहमी वाले रहे हैं। मंगलवार की देर शाम पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि रांची में सजा काट रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव एनडीए के विधायकों को कॉल कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष पद चुनाव में वोटिंग के लिए उन्हें लालच दिया जा रहा है। इसके बाद सियासी हड़कंप मच गया था। अब बुधवार की सुबह की ताजी खबर यह है कि जिस विधायक के पास लालू यादव का फोन आया था, उनका नंबर बंद बताया जा रहा है। एनडीए पूरी रात अपने ऐसे विधायकों को सख्त निर्देश दे रही है कि वह उनके पक्ष में रहे। विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मंगलवार की रात भर एनडीए और महागठबंधन के नेता एक-दूसरे विधायकों से संपर्क साधते रहे। अब अगले 12 घंटे से भी कम समय में यह तय हो जायेगा कि किसकी रणनीति कितनी कामयाब रही है।
तीन विधायक हैं कमजोर कड़ी
पटना में अभी डेढ़ सौ से अधिक विधायकों के रहने की व्यवस्था होटलों में की गई है। ��से में एनडीए और महागठबंधन के नेता एक कमरे से दूसरे कमरे में जाकर सबसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। इन विधायकों में सबसे कमजोर कड़ी एक निर्दलीय विधायक, बीएसपी के एक विधायक और लोजपा के एक विधायक हैं। एनडीए और महागठबंधन के नेताओं की रात भर की मेहनत यदि सफल होती है तो एक-दूसरे की मदद करने वाले विधायक आज सदन से गैरहाजिर हो जाएंगे। वोटिंग में शामिल नहीं हो कर वह दूसरे पक्ष की मदद कर सकते हैं।
बुधवार को होने वाले चुनाव को लेकर सियासी गणित साधने में जुटे पक्ष-विपक्ष
स्पीकर पद के लिए हॉर्स ट्रेडिंग: मोदी बोले - लालू एनडीए विधायकों को फोन कर मंत्री पद का लालच दे रहे
शक्ति परीक्षण जैसा हो गया है चुनाव
चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद एनडीए और महागठबंधन के लिए स्पीकर पद का चुनाव शक्ति परीक्षण जैसा है। मंगलवार दोपहर तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की ओर से स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार उतारकर इस चुनाव में ट्विस्ट ला दिया है। एनडीए की ओर से भाजपा के विजय कुमार सिन्हा उम्मीदवार बनाए गए हैं। ऐसे में नामांकन के साथ ही जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के लिए यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि इससे साफ हो जाएगा कि विधानसभा में किसकी कितनी शक्ति है। अगर कुछ क्रॉस वोटिंग अवध बिहारी चौधरी के पाले में हो गई तो सरकार गिर सकती है।
नीतीश कुमार कहां रहेंगे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी बिहार विधान परिषद् के सदस्य हैं, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव में वह ना तो वोट कर सकते हैं और ना ही सीधे किसी प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। उनकी प्रत्यक्ष तौर पर कोई भूमिका नहीं होगी, लेकिन उनकी साख दांव पर जरूर लगी है। आज नीतीश कुमार अगर सदन आते भी हैं तो वे अपने चैम्बर में रहेंगे। इसी तरह उनकी कैबिनेट के दो मंत्री अशोक चौधरी और मुकेश सहनी की भी कोई भूमिका नहीं होगी। ये दोनों किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। ये दोनों नेता अपने आवास पर ही रहेंगे और आम लोगों की तरह मीडिया के माध्यम से चुनाव की जानकारी लेंगे।
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बिहार विधानसभा चुनाव के बाद स्पीकर पद के लिए होने वाली वोटिंग एनडीए के लिए शक्ति परीक्षण जैसा हो गया है।
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खुशी-खुशी तैयार... जानें कोश्यारी की जगह महाराष्ट्र राज्यपाल बनाए जाने के सवाल पर क्या बोले अमरिंदर सिंह
चंडीगढ़: पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बुधवार को अवैध मादक पदार्थ को पंजाब के लिए एक बड़ी चिंता करार दिया। उनके बयान के एक दिन बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि ड्रोनों के मार्फत पाकिस्तान से हथियार एवं मादक पदार्थ पहुंचाए जाने और उससे उत्पन्न गंभीर प्रभावों का मुद्दा उन्होंने समय-समय पर उठाया है। राज्यपाल ने कहा कि मादक पदार्थ विद्यालयों तक पहुंच गया है। उन्होंने भगवंत मान सरकार से कहा कि यदि उसे इस बुराई को रोकने के लिए केंद्र से मदद की जरूरत है तो वह केंद्र से मदद मांगे।राज्यपाल की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ बीजेपी नेता अमरिंदर सिंह ने कहा, 'जब मैं मुख्यमंत्री था, मैं कहा करता था कि हर तीन दिन में एक ड्रोन आया करता है लेकिन आजकल तो प्रतिदिन तीन ड्रोन (सीमापार से) आते हैं। वे हथियार, जाली नोट और मादक पदार्थ गिराते हैं और यह अच्छी स्थिति नहीं है।' पीएम और गृहमंत्री को भी सीएम रहते दी थी जानकारी सिंह सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री पद से अपनी इच्छा के विपरीत हटने के कुछ महीनों बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने यह विषय प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री के संज्ञान में लाया था और कहा था कि हमें इससे कड़ाई से निपटना होगा।जब उनसे इस खबर के बारे में पूछा गया कि वह महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की जगह ले सकते हैं तो उन्होंने कहा, 'मेरे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है, मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता।' भगत कोश्यारी की जगह भेजे जाने के सवाल पर दिया यह जवाब अमरिंदर ने कहा, 'बस मीडिया के माध्यम से मुझे ऐसी बातें जानने को मिल रही हैं। पहले आपने (मीडिया ने) मुझे हिमाचल, बिहार... समेत पांच जगहों पर भेजा। दूसरा, मैंने प्रधानमंत्री के सामने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि वह जो भी सही समझते हैं, उसके लिए मैं तैयार हूं। मुझे जिस किसी रूप में (पद पर) जहां कहीं वह भेजना चाहें, मैं वहां जाने के लिए खुशी-खुशी तैयार हूं।' http://dlvr.it/Shr7qM
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3 big BJP leaders including Sushil Modi arrived at many meetings and road shows before going positive, social distancing and mask was also missing | सुशील मोदी समेत भाजपा के 3 बड़े नेता पॉजिटिव होने से पहले बिहार में कई रैलियों-रोड शो में पहुंचे
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3 big BJP leaders including Sushil Modi arrived at many meetings and road shows before going positive, social distancing and mask was also missing | सुशील मोदी समेत भाजपा के 3 बड़े नेता पॉजिटिव होने से पहले बिहार में कई रैलियों-रोड शो में पहुंचे
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Bihar election
3 Big BJP Leaders Including Sushil Modi Arrived At Many Meetings And Road Shows Before Going Positive, Social Distancing And Mask Was Also Missing
पटनाएक घंटा पहले
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डिप्टी सीएम ने 17 अक्टूबर को भभुआ में एनडीए प्रत्याशी रिंकी देवी के समर्थन में रोड शो किया। भीड़ में कोरोना गाइडलाइन हवा हो गई।
भाजपा के तीन बड़े नेताओं के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद दैनिक भास्कर ने उनके प्लेटफार्म से की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
प्रदेश के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी में कोरोना के लक्षण, पटना एम्स में भर्ती होने के बाद हो रहा सेहत में सुधार
राजीव प्रताप रूडी और शाहनवाज हुसैन के बाद बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। एक साथ तीन बड़े नेताओं का संक्रमित होना भाजपा के लिए कोरोना बम से कम नहीं है। सुशील मोदी ने तो ट्वीट कर संक्रमित होने की जानकारी दे दी है, लेकिन अन्य दोनों नेताओं ने खुद से कुछ नहीं बताया।
पिछले दिनों तीनों नेताओं ने ताबड़तोड़ जनससभाएं और कई रोड शो किए, जिसमें ये लोग सैकड़ों लोगों के संपर्क में आए। दैनिक भास्कर डिजिटल संक्रमित नेताओं की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की। ये ट्रेसिंग इन नेताओं के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से की गई पड़ताल में उनके कॉन्टैक्ट की चेन सामने आई।
1. सुशील कुमार मोदी, डिप्टी सीएम सुशील मोदी के फेसबुक पेज पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 3 दिन पहले सुशील मोदी फारबिसगंज में एनडीए प्रत्याशी विद्यासागर केसरी की नामांकन सभा में शामिल हुए थे। इसमें समर्थकों में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी। पांच दिन पहले उन्होंने एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उनके साथ समर्थकों की भीड़ दिख रही है। मास्क उतारकर भाषण देते डिप्टी सीएम के पीछे समर्थकों में सोशल डिस्टेंस नहीं दिखा।
पांच दिन पहले की पोस्ट में राजपुर विधानसभा क्षेत्र के एनडीए प्रत्याशी संतोष निराला के पक्ष में जनसभा की, जिसमें संबोधन के दौरान उन्हें एक बार खांसी भी आई। इसी तरह 15 अक्टूबर को जमुई विधानसभा में एनडीए प्रत्याशी श्रेयसी सिंह के पक्ष में सभा की। 14 अक्टूबर को वजीरगंज विधानसभा के एनडीए प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह के पक्ष में सभा की थी, 13 अक्टूबर को रामगढ़ के एनडीए प्रत्याशी अशोक सिंह के समर्थन में सभा की, 12 अक्टूबर को झंझारपुर में भाजपा प्रत्याशी नीतीश मिश्रा के पक्ष में जनसभा को संबोधित किए थे।
मोदी 15 अक्टूबर को औरंगाबाद में चुनावी जनसभा के दौरान मंच पर बिना मास्क के दिखे और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया। पांव छूता प्रत्याशी क्लोज कॉन्टैक्ट में आया।
सुशील मोदी के ट्विटर हैंडल पर जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार 3 दिन पहले कटिहार, फारबिसगंज और नरपतगंज में हुई चुनावी सभा में शहनवाज हुसैन और सुशील मोदी साथ थे। 5 दिन पहले सुशील मोदी ने भभुआ में रिंकी रानी के पक्ष में रोड शो किया इसमें भीड़ के साथ फोटो ट्वीट की है। 6 दिन पहले उन्होंने आरा और मोहनिया में भीड़ के साथ की फोटो ट्वीट की। 15 अक्टूबर को होटल चाणक्या में प्रेस कॉन्फ्रेंस, औरंगाबाद और गुरुआ विधानसभा में एनडीए प्रत्याशी राजीव नंदन के पक्ष में जनसभा, इनमें बिना मास्क के नजदीकी देखी गई।
2. राजीव प्रताप रूडी, सांसद कोरोना पॉजिटिव हुए, लेकिन खुद से कोई जानकारी नहीं दी। हालांकि, मीडिया में खबरें आने के बाद से ही किसी कार्यक्रम में नहीं देखे गए हैं। 5 दिन पहले रूडी ने अमनौर के कार्यकर्ताओं के साथ की फोटो फेसबुक पर पोस्ट की है। 6 दिन पहले सारण में नमामि गंगे परियोजना के तहत अधिकारियों के साथ बैठक में बिना मास्क के शरीक हुए। उसी दिन सोनपुर में एक श्रद्धांजिल सभा में भी शामिल हुए। 15 अक्टूबर को अमनौर, 14 अक्टूबर को छपरा की फोटो पोस्ट की है। इनमें भी सोशल डिस्टेंसिंग नहीं है।
सांसद राजीव प्रताप रूडी अमनौर में अपने घर पर एक कार्यक्रम में दिखे। इसमें भीड़ से वह घिरे थे। सोशल डिस्टेंसिंग का कहीं पालन नहीं हो रहा था।
3. शहनवाज हुसैन, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन भी कोरोना पॉजिटिव हुए हैं, हालांकि उन्होंने खुद से इसकी कोई जानकारी नहीं दी है। शाहनवाज ने 21 अक्टूबर को एक खबर पोस्ट की है, जिसमें वो मौजूद रहे। उन्होंने 20 अक्टूबर मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 3 दिन पहले फारबिसगंज, पूर्णिया और कटिहार की फोटो शेयर की है। इनमें वो सुशील मोदी के साथ हैं।
शाहनवाज हुसैन 19 अक्टूबर को फारबिसगंज में चुनावी सभा के दौरान मंच पर डिप्टी सीएम सुशील मोदी के साथ मौजूद रहे, पर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी।
4. नरेंद्र सिंह, पूर्व कृषि मंत्री
बिहार सरकार में कृषि मंत्री रहे नरेंद्र सिंह कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया है। वे अपने बेटे और जमुई विधानसभा से रालोसपा प्रत्याशी अजय प्रताप के पक्ष में वोट करने के लिए लगातार कैंपेनिंग कर रहे थे। इस दौरान वे हर दिन सैकड़ों समर्थकों से मिले।
उधर, अजय प्रताप के नामांकन के दौरान काफी भीड़ रही। इसमें कोरोना गाइडलाइन फेल होते दिखी। अजय और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर जो वीडियो पोस्ट की, उसमें भी कोरोना की गाइडलाइन का पालन होता नहीं दिख रहा है। पूर्व मंत्री को लेकर समर्थकों का कहना है कि वह इधर 10 दिनों में जमुई और चकाई में लगातार कैंपेनिंग कर रहे थे। दो दर्जन से अधिक गांवों में जाकर वह खुद कैंपेनिंग भी की। इस दौरान वे सैकड़ों लोगों के संपर्क में आए। उनके बेटे अजय प्रताप भी लगातार दौरा कर रहे हैं और रोज सैकड़ों लोगों के संपर्क में आ रहे हैं।
जमुई विधानसभा से रालोसपा प्रत्याशी और कृषि मंत्री रहे नरेंद्र सिंह के बेटे अजय प्रताप ने क्षेत्र के महिसौड़ी में दो दिन पहले रोड शो किया। इसमें कोरोना गाइडलाइन का पालन नदारद रहा।
कई नेताओं के बीमार होने की चर्चा भाजपा के कई नेताओं के बीमार होने की चर्चा है। हाल ही में अरुण सिन्हा के बीमार होने की बात सामने आई थी, लेकिन वे इनकार करते रहे। इसी तरह भाजपा में संगठन के एक बड़े कार्यकर्ता के बीमार होने की चर्चा है। एक मंत्री के भी बीमार होने की खबर है। वे किसी कार्यक्रम में नहीं दिख रहे हैं, लेकिन पुष्टि नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग भी मानता है कि 80% मामले बिना लक्षण वाले हैं, ऐसे में संक्रमण का नेटवर्क गंभीर हालात होने पर ही सामने आ पाएगा।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अस्वस्थ होने पर कुमार विश्वास ने कहा- ‘Get Well Soon’
कुमार विश्वास ने की केजरीवाल के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने हल्के बुखार के बाद और गले में खराश के बाद क्वारंटाइन होने का फैसला किया है. मंगलवार को केजरीवाल अपना कोरोना टेस्ट (Coronavirus Test) कराएंगे. दिल्ली के सीएम ने अपनी सभी मीटिंग रद्द कर दी हैं. 51 वर्षीय केजरीवाल, रविवार दोपहर से अस्वस्थ हैं. इसके बाद से उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की है. उन्होंने दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास में खुद को ‘आइसोलेट’ कर लिया है. केजरीवाल के बीमार होने की खबर के बाद लोग उनके लिए दुआ कर रहे हैं.
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इधर केजरीवाल के पूर्व सहयोगी कवि कुमार विश्वास ने भी केजरीवाल के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की है. कुमार विश्वास लगातार द���ल्ली के मुख्यमंत्री पर हमलावर रहते हैं लेकिन उनके बीमार होने की खबर मीडिया में आने के बाद उन्होंने ट्वीट कर उनके जल्द ठीक होने की कामना की, कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में लिखा,”गेट वेल सून केजरीवाल”. केजरीवाल आप जल्द ठीक हो जाओ.
Get well soon @ArvindKejriwal
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) June 8, 2020
गौरतलब है कि रविवार को, मुख्यमंत्री ने दोपहर में दिल्ली के निवासियों के लिए एक संक्षिप्त डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था. इस दौरान वे मॉस्क पहने हुए नजर आए थे और उन्होंने दिल्ली के निवासियों के लिए अस्पताल में बेड रिजर्व करने की नई नीति की घोषणा की थी. कोरोना वायरस रोगियों या संदिग्धों को अस्पताल के बेड उपलब्ध न हो पाने की शिकायतों के बीच केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल और कुछ निजी अस्पताल केवल राजधानी के निवासियों के लिए आरक्षित होंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की सीमाओे को फिर से खोला जाएगा जिन्हें पहली बार यह सोचकर सील कर दिया गया था कि हमारे अस्पताल दूसरे राज्यों के लोगों से भर जाएंगे. गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) के रोजाना एक हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं देश की राजधानी में कोरोना के केसों की संख्या 27 हजार से पार पहुंच चुकी है.
VIDEO: दिल्ली में केंद्र के अस्पतालों में होगा सबका इलाज : अरविंद केजरीवाल
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शाही अंदाज में बेटे की शादी के बाद बोले कुमारस्वामी- बेहद सादगी से पूरी हुई रस्म - Coronavirus lockdown hd kumaraswamy son marriage in bengaluru karnataka social distancing covid 19
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शाही अंदाज में बेटे की शादी के बाद बोले कुमारस्वामी- बेहद सादगी से पूरी हुई रस्म - Coronavirus lockdown hd kumaraswamy son marriage in bengaluru karnataka social distancing covid 19
देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के केस
एचडी कुमारस्वामी के बेटे की बेंगलुरु में शादी
पूर्व सीएम बोले- सभी नियमों का पालन हुआ
पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस की त्रासदी से जूझ रहा है. देश में कोविड-19 महामार��� का फैलाव कम हो इसके लिए लॉकडाउन लागू किया गया है. हर कोई अपने घरों में कैद है. देश भर में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन टाले जा रहे हैं, लेकिन कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने लॉकडाउन को धता बताते हुए अपने बेटे की शादी धूमधाम से की है. इस शादी की वजह से उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारें तक दे रही हैं, लेकिन कुमारस्वामी के बेटे की शादी ने एक नई बहस खड़ी कर दी है. बहस के बीच एचडी कुमार स्वामी ने ट्वीट कर सफाई पेश की है.
कुमारस्वामी ने कहा, ‘मेरे बेटे और रेवती ने सादगी से शादी कर ली है. अब हम लाखों लोगों को शुक्रिया कहना चाहते हैं. हमने इस शादी के दौरान सभी दिशानिर्देशों का पालन किया. लाखों लोगों ने हमें घर से ही दुआ दी. इस संकट के बाद हम उबर जाएंगे और साथ में खाएंगे. हम आपके प्यार के लिए आभारी हैं.’
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
ನನ್ನ ಪುತ್ರ ನಿಖಿಲ್ ಮತ್ತು ರೇವತಿ ಅವರ ವಿವಾಹ ಇಂದು ಅತ್ಯಂತ ಸರಳ ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ನಡೆಯಲು ಸಹಕರಿಸಿದ ಲಕ್ಷಾಂತರ ಕಾರ್ಯಕರ್ತರು ಮತ್ತು ಕುಟುಂಬದ ಹಿತೈಷಿಗಳಿಗೆ ಹೃದಯಾಂತರಾಳದ ಕೃತಜ್ಞತೆಗಳು.
1/4
— H D Kumaraswamy (@hd_kumaraswamy) April 17, 2020
बेंगलुरू में धूमधाम से हुई शादी
शुक्रवार को एचडी ���ुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी की शादी हुई. बेंगलुरु के रामनगर में बड़े शाही तरीके से निखिल की शादी हुई, जहां पर मीडिया को जाने से रोका गया था. शादी की खबर सामने आने के बाद लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं.
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देश बेहद गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, ऐसे में शादी जैसे समारोह में कोविड-19 के खतरे को फैलने से इनकार भी नहीं किया जा सकता. लोग जरूरी काम से भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, ऐसे में शादी जैसे समारोह के लिए इजाजत देना खतरनाक माना जा रहा है.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें…
किससे हुई है शादी?
एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल ने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे एम. कृष्णप्पा की भतीजी रेवती से शादी की है. रामनगर के एक फार्म हाउस में शाही शादी का आयोजन किया गया, भले ही मीडिया को जाने की इजाजत ना दी गई हो. लेकिन वेन्यू पर करीब 30-40 गाड़ियों का जमावड़ा भी देखा गया. महासंकट के इस दौर में धूमधाम से हुई शादी की वजह से लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.
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Thalavi: इस महीने से शुरू होगी जयललिता की बायोपिक की शूटिंग, कंगना आएंगी नजर
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कंगना रनौत बहुत ही जल्द तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता के जीवन पर बनने वाली फिल्म में नजर आएंगी. हाल ही में इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर घोषणा की गई है. लेकिन अब इस फिल्म से जुड़ी हुई एक और खबर सामने आ रही है, जो कि बेहद महत्वपूर्ण है.
इस दिन रिलीज होगी ये फिल्म
कंगना रनौत की…
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मुख्यमंत्री के बाद अब मुख्यमंत्री के सलाहकार के हटने की अफवाह
कुलदीप रावत
अफवाह आखिर क्या होती है यह अक्सर झूठी होती हैं इसलिए इन्हें अफवाह कहा जाता है ऐसी अफवाह कुछ दिनों पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर भी उड़ाई गई थी जो फिलहाल झूठी लग रही है अब ऐसी ही एक और अफवाह इन दिनों सोशल मीडिया पर फिर से छा गई है वह इस बार मुख्यमंत्री को लेकर नहीं अब उनके मीडिया सलाहकार को लेकर उड़ाई जा रही है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट कई मक्कार लोगों की आंखों में खटकने लग गए हैं हालांकि यह विरोध उनका शुरू से ही होने लग गया था मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पुराने रहे चंद परिचित मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कई बार कान भर चुके हैं ऐसा इसलिए भी है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सेटिंग गेटिंग करने वालों की एंट्री बंद कर दी थी हालांकि मुख्यमंत्री का यह फैसला निजी था लेकिन फिर भी उन लोगों को लगता था मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने मुख्यमंत्री को मीडिया के चंद मठाधीश कहे जाने वाले पत्रकारों से दूर रहने की हिदायत दी है कामकाज छोड़ यह मठाधीश बस हर वक्त तीन दो पांच में लगे रहते थे इन लोगों की एंट्री बंद होने के बाद मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट इनकी आंखों में खटकने लग गया जिसके बाद शुरू हुआ साजिशों का दौर कभी मुख्यमंत्री के लिए और कभी उनकी टीम के लिए
आज भी वह दिन याद है
दिनांक – 23 दिसम्बर 2019
स्थान – मुख्यमंत्री आवास देहरादून।
मौका – सीएम के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट के वीडियो गीत का लोकार्पण समारोह।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘मुझे फक्र है कि मेरी मीडिया टीम में रमेश भट्ट जैसे पत्रकार शामिल हैं। रमेश किसी सिफारिश से मेरी टीम में नहीं जुड़े बल्कि मैंने उन्हें ढूंढा और अपनी टीम में शामिल होने का उनसे आग्रह किया था। उन्होंने मेरा आग्रह नहीं ठुकराया और वेतन को लेकर तक कोई बार्गेनिंग नहीं की। किसी को बुरा न लगे तो एक बात बताऊं। रमेश ने बतौर पत्रकार एक बार मेरा इण्टरव्यू किया था। उन्होंने मुझसे जो सवाल-जवाब किये। विषयों पर उनकी पकड़, गंभीरता व गहराई देखकर यकीन हुआ कि वह विद्वान और ऊर्जावान पत्रकार हैं, पूरा अध्ययन करने कुछ विषयों पर मुझसे सवाल पूछने आये हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर जब मीडिया टीम का गठन होना था तो काफी तलाशने के बाद रमेश से सम्पर्क को पाया और आज वह मेरी टीम का हिस्सा हैं। टीम में रमेश क��� मौजूदगी का मुझे फक्र है और यह प्रदेश के लिये भी गौरव की बात ��ै’। मुख्यमंत्री के इस कथन के बाद अब सिनैरियो अचानक बदल चुका है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री दरबार में रमेश भट्ट को हाशिये पर डालने की पुरजोर कोशिशें हो रही हैं। यही वजह है कि आजकल वह सीएम के कार्यक्रमों में फ्रंट में देखने के बजाय पर्दे के पीछे रहकर अपनी सेवायें दे रहे हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि रमेश देश की पत्रकारिता में एक बड़ा नाम रहे हैं। लोकसभा टीवी में 10 साल तक वह सीनियर टीवी ऐंकर रहे। न्यूज नेशन में शुरूआत से डिप्टी एडिटर का सफर उन्होंने बेहद कम समय में तय किया। पत्रकारिता के दौरान 22 देशों का वह भ्रमण कर चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परेज मुशर्रफ का तीखे सवालों के साथ इण्टरव्यू लिया था जो देशभर में सराहा गया था। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री की टीम में चल रही अंदरूनी सियासत से रमेश भट्ट खिन्न हैं। । कहा जा रहा है रमेश भट्ट 2022 की चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं भीमताल या फिर अजय भट्ट की विधानसभा सीट रानीखेत से रमेश भट्ट चुनाव लड़ सकते हैं फिलहाल मसला जो भी हो लेकिन ऐसी अफवाह काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है लेकिन यदि सच में यह अफवाह सही है तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत केे लिए यह एक बड़ी बुरी खबर है
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हद हो गई यार: सोशल मीडिया पर फ़ैल गई 'राजा साहब' की मौत की अफवाह, होगी FIR!
हद हो गई यार: सोशल मीडिया पर फ़ैल गई ‘राजा साहब’ की मौत की अफवाह, होगी FIR!
शिमलाः हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम एवं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह की बीते कल एक बार फिर कोरोना संक्रमित होने की खबर सामने आई थी। वहीं, उनका इस वक्त प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॅालेज व अस्पताल में उपचार चल रहा है। लेकिन सोशल मीडिया इस दौर में तरह-तरह की अफवाहें दिन प्रतिदिन वायरल होती रहती हैं। वहां किसी ने राजा साहब के कोरोना से निधन की झूठी अफवाह फैला…
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हद हो गई यार: सोशल मीडिया पर फ़ैल गई 'राजा साहब' की मौत की अफवाह, होगी FIR!
हद हो गई यार: सोशल मीडिया पर फ़ैल गई ‘राजा साहब’ की मौत की अफवाह, होगी FIR!
शिमलाः हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम एवं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह की बीते कल एक बार फिर कोरोना संक्रमित होने की खबर सामने आई थी। वहीं, उनका इस वक्त प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॅालेज व अस्पताल में उपचार चल रहा है। लेकिन सोशल मीडिया इस दौर में तरह-तरह की अफवाहें दिन प्रतिदिन वायरल होती रहती हैं। वहां किसी ने राजा साहब के कोरोना से निधन की झूठी अफवाह फैला…
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मुख्यमंत्री के तौर पर तीन साल पूरे कर ले��े वाले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए कानून वही है, जो वह सोचते हैं। और यह कोई राजनीतिक स्टेटमेंट नहीं है, इसके अनेकों उदाहरण हैं। इसका ताजा उदाहरण कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते खतरे को लेकर राज्य सरकार के फरमानों के विरोधाभास में देखा जा सकता है। दरअसल कई अन्य राज्यों की तरह कोरोना वायरस से बचाव के लिए यूपी में भी सभी स्कूल-काॅलेज, सिनेमा हाॅल वगैरह बंद कर दिए गए हैं, ताकि ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हों।
लेकिन योगी का प्रशासन इस बात पर अड़ा हुआ है कि अयोध्या में रामनवमी मेला होकर रहेगा। यह तीन दिवसीय मेला 1 अप्रैल से होना है। इसमें करीब 10 लाख लोगों के जुटने की संभावना है। अगर मेला हुआ, तो लोग 31 मार्च की शाम से ही जुटना शुरू हो जाएंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) घनश्याम सिंह भले कह रहे हों कि इस वक्त इतने लोगों को स्वास्थ्य की दृष्टि से संभालना बहुत बड़ी चुनौती है, लेकिन जब योगी सत्ता में हों, तो राम नाम की इस राजनीतिक लूट में मेला टलने की संभावना नहीं के बराबर है।
असल में योगी का यही स्टाइल है। वह जो ठान लेते हैं, वही करते हैं। इस मामले में वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी दो कदम आगे रहते हैं। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन करने वाले मुसलमानों और लिबरलों से निपटने के नाम पर वह कोर्ट तक को ठेंगे पर ऐसे ही नहीं रख रहे। योगी के प्रशासन ने लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी से लेकर मेरठ, अलीगढ़ तक उपद्रव करने के आरोप लगाते हुए कई लोगों के नाम और फोटो वाले पोस्टर चौक-चौराहों पर चस्पा कराए। यह सब प्रदर्शनों में हुए नुकसान की वसूली को लेकर का���ूनी कार्यवाही के नाम पर किया गया।
राजधानी लखनऊ के चौराहों पर सीएए विरोधियों के पोस्टर चस्पा करने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार से जवाब-तलब किया, तो योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट की शरण में चली गई। वहां भी राहत नहीं मिली तो कानून से बचने के लिए यूपी प्रेवेंशन ऑफ डैमेज टु पब्लिक एंड प्राइवेट प्राॅपर्टी, 2020 नाम से अध्यादेश ला दिया। राज्यपाल ने भी बगैर देरी किए अध्यादेश को मंजूरी दे दी। अब योगी सरकार एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में वसूली को लेकर क्ल���म ट्रिब्यूनल बनाने की तैयारी में है। हालांकि यह अध्यादेश कानूनी तौर पर कितना अनुचित है, यह कोई भी समझ सकता है।
यह तो बहुचर्चित और आम प्रकरण है। लेकिन योगी सरकार पुराने विरोध को याद रखकर भी कड़ी कार्रवाई कर रही है, जिनकी मीडिया में कहीं चर्चा नहीं हो रही। इस कड़ी में पहला उदाहरण है गोरखपुर के सर्राफा कारोबारी शरद चन्द्र अग्रहरि का, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान पीएम मोदी की शव यात्रा निकाली थी। अब बीते 14 मार्च को कस्टम की विशेष टीम ने उन्हें सोना और चांदी की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
इसी तरह प्रयागराज में डॉ. माधवी मित्तल के क्लिनिक को सीज कर दिया गया। इसके पीछे कारण दरअसल ये है कि डॉ. मित्तल के एक्टिविस्ट पति आशीष पिछले दो महीनों से प्रयागराज के मंसूर पार्क में जारी एंटी-सीएए-एनपीआर-एनआरसी विरोध-प्रदर्शनों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उधर सहारनपुर के देवबंद में प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर सीधे कार्रवाई नहीं कर पाई पुलिस ने उनके परिवारों के पुरुष सदस्यों अपने लपेटे में ले लिया। पुलिस ने इन सबके खिलाफ बीमारी का संक्रमण फैलाने से लेकर छोटे बच्चों को जबरन विरोध में शामिल करने जैसे आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है। एक व्यक्ति के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
योगी राज में पुलिस ने प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकारों को भी नहीं बख्शा है। प्रदर्शन में शामिल एक शिक्षिका के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाने वाले दिनेश त्रिपाठी कहते हैं कि प्रदर्शनकारी भले ही क्षतिपूर्ति से बचने के लिए कोर्ट की शरण में हों, लेकिन मुख्यमंत्री ने संदेश तो दे ही दिया कि उनका इरादा क्या है!
पूर्व कैबिनेट मंत्री और एसपी नेता आजम खां से योगी के रिश्ते शुरू से ही 36 के रहे हैं। अब उनके और उनके परिवार के खिलाफ बकरी, किताब चोरी से लेकर जमीन हड़पने तक के 86 मुकदमों का दर्ज होना बताता है कि मुख्यमंत्री किस हद तक जाने को तैयार हैं। यूपी में यह संभवतः पहला अवसर है जब कोई पूर्व कैबिनेट मंत्री बेटे और पत्नी के साथ जेल भेजा गया है। वहीं गोरखपुर मेडिकल काॅलेज में तीन साल पूर्व हुए ऑक्सीजन कांड में फंसाए गए चिकित्सक डाॅ. कफील खान के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी की सख्ती जगजाहिर है। डाॅ. कफील को आपत्तिजनक भाषण देने के आरोप में रासुका तक की कार्रवाई झेलनी पड़ रही है।
दरअसल सीएम योगी को किसी तरह का विरोध तनिक भी पसंद नहीं है। पिछले तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दो दर्जन से अधिक लोगों को आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में जेल भेजा गया या फिर कार्रवाई की गई। उदाहरण के तौर पर बहराइच के एक युवक को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की वजह से पुलिस ने हिरासत में लिया। वहीं, अमेठी में अनीस अहमद को, तो बरेली में भी एक युवक को गिरफ्तार किया गया। मिर्जापुर में मिड डे मील की खबर दिखाने वाले पत्रकार को भी मुख्यमंत्री के ही इशारे पर जेल भेजा गया।
सेंसरशिप से सब कंट्रोल
नरेंद्र मोदी-अमित शाह की तरह योगी भी जान गए हैं कि असली खबरें कैसे छिपाई और दबाई जा सकती हैं। वह जिस साल 2017 में, मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे, उसी साल गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल काॅलेज में ऑक्सीजन की कमी से 100 से अधिक मासूमों की मौत हो गई थी। इसके बाद से काॅलेज में सुविधाएं तो जरूर बढ़ी हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन मौतों के आंकड़े पर सेंसरशिप लगाए हुए है।
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि 2019 में मेडिकल काॅलेज में 1,000 से अधिक मौतें हुई हैं। उन्होंने आंकड़ा सार्वजनिक करने की चुनौती भी दी थी। लेकिन काॅलेज के प्रधानाचार्य और बाल रोग विभाग की अध्यक्ष ने भी बच्चों की मौत के आंकड़े बताने से इंकार कर दिया। बाल रोग विभाग की अध्यक्ष प्रो. अनिता मेहता कहती हैं कि बीआरडी में बच्चों की मौत में 50 फीसदी की कमी आई है, लेकिन हम फीगर नहीं बताएंगेे। आंकड़ों में घालमेल करने के लिए मेडिकल काॅलेज प्रशासन ने मरीजों का एक नया ग्रुप बना दिया है। एक्यूट फेब्राइल इलनेस (एएफआई ) नाम से बने इस ग्रुप में 1,600 से अधिक मरीज भर्ती हुए। इनमें से कितनों की मौत हुई, इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में, कर लीजिए तफ्तीश!
शुरू से ही स्पष्ट है रोड मैप
19 मार्च, 2017 को सूबे की सत्ता संभालने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने स्लाॅटर हाउस बंद करने से लेकर एंटी रोमियो अभियान चलाकर संकेत दे दिया था कि उनकी सियासत का रोड मैप क्या है। गो-वंश संरक्षण के लिए क्या हुआ, यह पक्का बताना इसलिए मुश्किल है कि आवारा पशुओं से खेती-किसानी करने वाले ग्रामीण ही नहीं, सड़कों पर चलने वाले आम लोग भी परेशान हैं।
जौनपुर के प्रगतिशील किसान रामाज्ञा कुशवाहा कहते भी हैं कि अब तक नील गायों का ही आत��क था, पर अब तो छुट्टा पशुओं से फसल बर्बाद हो रही है। उधर योगी सरकार गोशालाओं के ��िर्माण और रखरखाव के लिए 248 करोड़ खर्च करने का दावा कर रही है। पर यह रकम किसकी जेब में जा रही है, किसी को खबर नहीं। हां, प्रदेश में खेती का हाल जर्जर है, पर योगी की बला से!
इनके अलावा प्रयागराज में कुंभ और अयोध्या में दीपोत्सव- जैसे भव्य आयोजनों से योगी ने साफ जता दिया है कि उनका टारगेट ग्रुप क्या है। इसी एजेंडे के तहत इलाहाबाद, फैजाबाद और मुगलसराय के नाम आनन-फानन में बदल दिए गए। अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला तो बाद में आया, वहां योगी ने पहले ही भगवान श्रीराम की सबसे ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास कर दिया।
और तो और इन तीन साल में पूरे प्रदेश पर चटख भगवा रंग चढ़ा दिया गया। रोडवेज की बसों से लेकर सरकारी दफ्तरों के पर्दे का भगवा होना साबित करता है कि यह रंग पिछले तीन वर्षों में किस कदर चापलूसी का रंग बन चुका है। योगी के कार्यक्रमों में टेंट का रंग अब अनिवार्य रूप से केसरिया ही है। स्थिति यह है कि बिजली के केबल, पंखे, बिजली के खंभे से लेकर पुलिस थानों के दरो-दीवार भी भगवामय दिखने लगे हैं। इन सब पर योगी शाही का रंग चढ़ चुका है।
पहले भी थे ऐसे ही
हालांकि, योगी शुरू से ऐसे ही हैं। 2002 में भी वह गोरखपुर की नुक्कड़ सभाओं में साफ कहते सुनाई देते थे- ‘सभा में मुस्लिम हों, तो हट जाएं। उन्हें मेरी बातें अच्छी नहीं लगेंगी। हमें मुसलमानों के वोट नहीं चाहिए और यदि किसी को वोट देना है तो पहले गंगाजल से अपने को पवित्र करे।’
दरअसल, विरोध और हठधर्मिता योगी आदित्यनाथ की सियासी स्टाइल है। वह किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। मुख्यमंत्री के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर बलात्कार के आरोप लगे, तब भी वह बिना लाग-लपेट उनके साथ खड़े दिखे। इतना ही नहीं, आरोप लगाने वाली पीड़िता को जेल भेजने से भी वह ठिठके नहीं। बलात्कारी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का भी पक्ष लेने का आरोप योगी आदित्यनाथ ने झेला। प्रदेश में फर्जी मुठभेड़ को लेकर सरकार पर जमकर सवाल उठे, लेकिन योगी फ्रंटफुट पर ही खेलते दिखे।
योगी की इन्हीं हरकतों के कारण पूर्व सांसद और एसपी नेता कुंवर अखिलेश सिंह साफ कहते हैं कि पिछले तीन वर्षों में योगी सरकार की इकलौती उपलब्धि ‘नफरत’ है। मुख्यमंत्री सिर्फ बदले की भावना रखकर काम करते हैं। वहीं वरिष्ठ रंगकर्मी एसआर पांडेय का कहना है कि “पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में कुछ भौतिक विकास तो हुआ है, लेकिन सांस्कृतिक और सद्भाव के मामले में हम काफी पिछड़ गए हैं। आपसी विश्वास कम हुआ है। भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं आई है।”
वहीं साहित्यकार देवेन्द्र कुमार कहते हैं कि तीन साल के कार्यकाल में नया ट्रेन्ड देखने को मिला है। अब पाॅलिटिकल ट्रोलिंग का दौर शुरू हो गया है। विपक्षियों और विरोध का सुर ऊंचा करने वालों के साथ बर्बरता इसी का परिणाम है। जो काम जिसका है, उसी को सूट करता है। योगी का काम योग-साधना करना है। पुजारी को दूसरा काम दे देंगे तो कैसा होगा। देखिए सांसद बनना अलग बात है, पर मुख्यमंत्री बनकर सरकार चलाना दूसरी बात है। सरकार चलाने के लिए प्रबंधन और अनुभव की आवश्यकता होती है, जिसके लिए इंसान के पास कोई विजन होना चाहिए!
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CAA: जब शिवसेना ने योगी सरकार को भी लपेटा…!
संशोधित नागरिकता कानून-CAA के खिलाफ जो विरोध प्रदर्शन हालही में हुए उसमे सबसे ज्यादा हिंसा की घटनाए भाजपा साशित उत्तरप्रदेश में हुई. करीब 15 से ज्यादा लोग मरे गए. यूपी के सीएम योगी की नाकामी को लेकर शिवसेना ने सामना में तंज कसा है. आइये देखे शिवसेना ने क्या कहा योगी सरकार के लिए…. योगी की नौकरशाही को झटका! अयोध्या फैसले के बाद प्रदेश में शांति बने रहने पर खुशी मना रही योगी सरकार का चैन जल्दी ही काफूर हो गया। केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून लाने के बाद प्रदेश को अमनोचैन से रखने के दावे धरे रह गए। बीते सप्ताह से प्रदेश में हिंसा का दौर जारी है जो अब जाकर थमा है। बदहवास नौकरशाही ने प्रदेश में डिजिटल इमरजेंसी लगाने से लेकर बड़े पैमाने पर धर-पकड़ जैसे कई काम कर हालात को काबू में करने का प्रयास किया है। हालांकि इतने बड़े स्तर पर हुए प्रदर्शनों की झड़ी, हिंसा, भीड़ व उपद्रव को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने तमाम दावे किए थे पर असली परीक्षा में सब धरा का धरा रह गया। राजधानी लखनऊ में बीते गुरुवार को भीड़ जुटने से रोकने व हिंसा पर लगाम के लिए बड़े इंतजाम का दावा था पर आखिरी मौके पर सब किया धरा बेकार नजर आया। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा में १६ लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए हैं। ५० से ज्यादा पुलिसवाले घायल हुए हैं। करोड़ों की सार्वजनिक संपत्ति नष्ट हुई है। इन सबके बीच बड़ा सवाल यही है कि क्या मुख्यमंत्री की विश्वस्त नौकरशाही व सलाहकार मंडली सही दिशा में काम कर रही थी? क्या उससे परिस्थितियों का आकलन करने में चूक नहीं हुई। प्रदेश का खुफिया तंत्र सही समय पर सूचनाएं देने और हालात के बेकाबू होने का अंदाजा क्यों नहीं लगा सका? मुख्यमंत्री को सब कुछ कंट्रोल में रहने का भरोसा देनेवाले अफसरों पर आने वाले दिनों में गाज भी गिर सकती है। उत्तर प्रदेश भर में नागरिकता कानून के विरोध में पांच दिनों तक हिंसक प्रदर्शन होते रहे। हिंसक भीड़ को रोक पाने में फेल पुलिस ने कानपुर में २०००० लोगों और पूरे प्रदेश के अन्य हिस्सों में ४५०० से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। सहारनपुर में १५०० लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। कानपुर में ���ुई हिंसा में अलग-अलग थानों में कुल १५ रिपोर्ट दर्ज हुई हैं, इसमें २०००० अज्ञात उपद्रवियों को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों पर बलवा, लूट, हत्या का प्रयास, ७ सीएलए समेत अन्य संगीन धाराएं लगाई गई हैं। राजधानी लखनऊ में तमाम प्रतिबंधों के बावजूद कई जगहों पर हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी जमा हुए, जुलूस निकाला, जमकर नारेबाजी की और तांडव मचाया। पूरे शहर में कई जगहों पर हिंसा पैâली। राजधानी के पास हजरतगंज इलाके में घंटों प्रदर्शनकारी बवाल करते रहे और पुलिस से उलझते रहे। बेकाबू हालात को संभालने के लिए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को सड़कों पर उतरना पड़ा। प्रदेश के कई अन्य शहरों में भी प्रदर्शन हुए और कुछ जगहों पर हिंसा की खबर है। संभल में उपद्रवियों ने बस को फूंक दिया। लखनऊ के बिगड़े हालात के मद्देनजर सरकार ने शाम को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। पूरे घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी नाराजगी जताई। कानपुर में कई हिस्सों में शनिवार को एक बार फिर हिंसा भड़की और यतीमखाना पुलिस चौकी में आग लगा दी गई। यहां समाजवादी पार्टी विधायक को हिरासत में लेने की खबर से भीड़ और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई। प्रदेश सरकार का कहना है कि अब तक २६३ पुलिस वाले घायल हुए हैं जिनमें से ५७ को गोली लगी है। हिंसाग्रस्त क्षेत्रों से ४०५ कारतूस बरामद हुए हैं। बीते गुरुवार को राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने लकीर पीटते हुए उपद्रवियों के नाम पर दर्जनों बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार कर उन्हें यातनाएं देना शुरू कर दिया है। लखनऊ में अंग्रेजी दैनिक `दि हिंदू’ के विशेष संवाददाता ओमर राशिद को शुक्रवार रात हिरासत में ले लिया गया। ओमर के खुद को पत्रकार बताने पर उन्हें बुरी तरह धमकाया गया और फोन छीन लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें खेद प्रकट करते हुए छोड़ दिया गया। प्रदेश सरकार ने खुद ही बताया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए गए आपत्तिजनक, भ्रामक व भड़काऊ पोस्टों पर मैसेज के सिलसिले में अब तक ६३ मुकदमे दर्ज किए गए हैं जबकि १०२ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रदेश सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कड़ी निगरानी रख रही है। कुल १४१०१ सोशल मीडिया पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इनमें सबसे ज्यादा ७९९५ फेसबुक व ५९६५ ट्विटर पर हैं। राजधानी में फेसबुक लाइव करने पर भी कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। राजधानी से लेकर कई शहरों में फेसबुक व ट्विटर पर नागरिकता कानून विरोध पर पोस्ट लिखने वालों को फोन पर ऐसा न करने को कहा जा रहा है। प्रदेश सरकार इस संबंध में लगातार चेतावनी भी जारी क��� रही है। उधर प्रदेश में हिंसक घटनाओं और जनजीवन ठप हो जाने पर सरकार ��र विपक्ष के नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार खुद ही माहौल बिगाड़ने में लगी है। उन्होंने कहा कि सरकार में ही दंगाई बैठे हैं और दंगों से भाजपा को फायदा होता है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि हमने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून से देश के संविधान का उल्लंघन हुआ है और एनआरसी से देश भर में अफरा-तफरी पैâलेगी। अखिलेश ने कहा कि नोटबंदी की तरह भाजपा सरकार एक बार फिर से लोगों को लाइन में लगाने की तैयारी कर रही है। अखिलेश पर पलटवार करते हुए उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि विपक्ष देश व प्रदेश के लोगों को गुमराह करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीएए से किसी मुस्लिम भाई का कोई नुकसान नहीं होगा। बिला वजह अफवाह पैâलाई जा रही कि लोगों को लाइन में लगना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार दुष्प्रचार करनेवालों की निंदा करती है। उप मुख्यमंत्री कहते हैं कि बाहरी लोग हिंसा में शामिल थे जिसमें बड़ी तादाद में माल्दा, बंगाल के लोग पकड़े भी गए हैं। उन्होंने कहा कि ७५ में से २१ जिलों में गड़बड़ियां हुर्इं और ५०० से ज्यादा अवैध कारतूस मिले हैं। पूरे घटनाक्रम में ७५० से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं जबकि १५ मौतें हुई हैं। सरकार पर जनता के दमन व पुलिस हिंसा का मुद्दा उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के मुताबिक मुख्यमंत्री ही धमकी देने में जुटे हैं और बदला लेने की बात कह रहे हैं। ये घटनाएं सीएए का ही परिणाम नहीं हैं। २०१४ में भाजपा के केंद्र में सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष का बड़ा हिस्सा मुसलमानों को समझा रहा है कि भाजपा उनके हित में नहीं है। वैसे भी मुसलमान कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल आदि की अपेक्षा भाजपा को अपना हितैषी नहीं मानता। २०१९ में भाजपा की दोबारा जीत ने इस वर्ग में अवसाद व निराशा को जन्म दिया है। तीन तलाक, अनुच्छेद ३७० की समाप्ति पर वह भीतर से कुढ़ रहा था, सीएए से उसे विश्वास हो गया है कि जिस तरह भाजपा अपने घोषणापत्र को लागू कर रही है, अगला कदम समान नागरिक संहिता व जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना है। इन्हें नए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का भी डर सता रहा है। इसीलिए वह करो या मरो की स्थिति में आ गया है। विरोधी दल इस धधकती आग में घी डाल रहा है। Read the full article
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अस्वस्थ होने पर कुमार विश्वास ने कहा- ‘Get Well Soon’
कुमार विश्वास ने की केजरीवाल के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने हल्के बुखार के बाद और गले में खराश के बाद क्वारंटाइन होने का फैसला किया है. मंगलवार को केजरीवाल अपना कोरोना टेस्ट (Coronavirus Test) कराएंगे. दिल्ली के सीएम ने अपनी सभी मीटिंग रद्द कर दी हैं. 51 वर्षीय केजरीवाल, रविवार दोपहर से अस्वस्थ हैं. इसके बाद से उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की है. उन्होंने दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास में खुद को ‘आइसोलेट’ कर लिया है. केजरीवाल के बीमार होने की खबर के बाद लोग उनके लिए दुआ कर रहे हैं.
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इधर केजरीवाल के पूर्व सहयोगी कवि कुमार विश्वास ने भी केजरीवाल के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की है. कुमार विश्वास लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हमलावर रहते हैं लेकिन उनके बीमार होने की खबर मीडिया में आने के बाद उन्होंने ट्वीट कर उनके जल्द ठीक होने की कामना की, कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में लिखा,”गेट वेल सून केजरीवाल”. केजरीवाल आप जल्द ठीक हो जाओ.
Get well soon @ArvindKejriwal
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) June 8, 2020
गौरतलब है कि रविवार को, मुख्यमंत्री ने दोपहर में दिल्ली के निवासियों के लिए एक संक्षिप्त डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था. इस दौरान वे मॉस्क पहने हुए नजर आए थे और उन्होंने दिल्ली के निवासियों के लिए अस्पताल में बेड रिजर्व करने की नई नीति की घोषणा की थी. कोरोना वायरस रोगियों या संदिग्धों को अस्पताल के बेड उपलब्ध न हो पाने की शिकायतों के बीच केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल और कुछ निजी अस्पताल केवल राजधानी के निवासियों के लिए आरक्षित होंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की सीमाओे को फिर से खोला जाएगा जिन्हें पहली बार यह सोचकर सील कर दि���ा गया था कि हमारे अस्पताल दूसरे राज्यों के लोगों से भर जाएंगे. गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) के रोजाना एक हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं देश की राजधानी में कोरोना के केसों की संख्या 27 हजार से पार पहुंच चुकी है.
VIDEO: दिल्ली में केंद्र के अस्पतालों में होगा सबका इलाज : अरविंद केजरीवाल
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