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#माओवाद
manmohan888-blog · 2 months
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नेपाल: लौट रही हिन्दू राष्ट्र की चाह
नेपाल, एक समय में हिंदू राष्ट्र के रूप में प्रसिद्ध था, लेकिन 2006 में इसे धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित कर दिया गया। इस बदलाव के पीछे का उद्देश्य माओवादी विचारधारा को स्थापित करना था, जिसने नेपाल को उसकी मूल सनातन सभ्यता एवं संस्कृति से काट दिया। इसके परिणामस्वरूप, नेपाल के सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने में एक बड़ी परिवर्तन की लहर आई। इस दौरान, वामपंथी विचारधारा के बढ़ते प्रभाव के बीच, नेपाल ने अपने…
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roh230 · 2 months
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asr24news · 2 months
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नक्सल उन्मूलन के लिए बस्तर के पांच जिलों में खुलेंगे 53 CRPF कैंप
रायपुर, 23 जुलाई 2024। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में माओवाद प्रभावित पांच जिलों में नक्सल उन्मूलन के लिए 53 नए सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) कैंपों की स्थापना की जाएगी। 23 जुलाई को विधानसभा में पेश किए गए अनुपूरक बजट में इस योजना के लिए प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने विधानसभा में घोषणा करते हुए कहा कि बस्तर क्षेत्र के दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और कांकेर जिलों…
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newsplus21 · 7 months
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Cg News: माओवाद प्रभावित क्षेत्र के गांवों में लागू होगी ‘नियद नेल्लानार योजना’
Cg News: रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा में माओवादी आतंक प्रभावित क्षेत्रों के गांव���ं के लिए ‘नियद नेल्लानार योजना’ अर्थात ‘आपका अच्छा गांव योजना’ प्रारंभ करने की बड़ी घोषणा की। इस योजना के तहत माओवादी आतंक प्रभावित क्षेत्रों में प्रारंभ किए गए 14 नये कैंपों की 5 किलोमीटर की परिधि के गांवों में 25 से अधिक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही इन गांवों के ग्रामीणों को शासन की 32 व्यक्तिमूलक योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। नए कैम्प पुलिस का ही नहीं विकास का भी कैम्प होगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस योजना के लिए 20 करोड़ रूपए के अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है, यदि भविष्य में केन्द्र एवं राज्य से और बजट की आवश्यकता होती है तो राज्य सरकार वह भी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध होगी। योजनाओं के सतत लाभ के मूल्यांकन और मानिटरिंग के लिए डैश बोर्ड तैयार किया जा रहा है जिसके माध्यम से इसकी सतत समीक्षा की जाएगी और सुनिश्चित किया जावेगा कि कोई भी परिवार इस योजना का लाभ उठाने से वंचित न रह पाए।
Read more: https://newsplus21.com/cg-news-niyad-nellanar-scheme-will-be-implemente/
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samaya-samachar · 1 year
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सरकारले विश्वासको मत पाउने महराको दाबी
काठमाडौं, २३ बैशाख । नेकपा माओवादी केन्द्रका उपाध्यक्ष कृष्णबहादुर महराले सरकारले विश्वासको मत पाउने बताएका छन् ।   राष्ट्रिय स्वतन्त्र पार्टीले पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड नेतृत्वको सरकारलाई दिएको समर्थन फिर्ता लिए पछि विश्वासको मत लिने जनाउँदै महराले सरकार यथावत रहने बताएका हुन ।    ‘सरकारलाई दिएको समर्थन फिर्ता लिए पछि सामान्यतया विश्वासको मत लिनु पर्छ,’ माओवाद नेता महराले भने, ‘त्यसकारण स्वतन्त्र…
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worldinyourpalm · 2 years
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नक्सलवाद से निपटने में सीआरपीएफ की भूमिका की अमित शाह ने की तारीफ, कहा- लड़ाई अब अंतिम चरण में | Amit Shah praises the CRPF's role in fighting naxalism and claims the battle is now in its concluding stages;
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Source: img-s-msn-com.akamaized.net
वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में
'चरमपंथी स्कूलों, सड़कों, अस्पतालों और उचित मूल्य की दुकानों के निर्माण और मोबाइल टावरों की स्थापना में बाधा उत्पन्न कर रहे थे ... इन्हें हटाने का श्रेय सीआरपीएफ को जाता है'।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है और इस खतरे से जूझते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के सर्वोच्च बलिदान की इसमें बड़ी भूमिका है। विजय।
सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने पिछले नौ वर्षों में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ी है और सभी मोर्चों पर सफलता हासिल की है।
नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सीआरपीएफ की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने का श्रेय सीआरपीएफ कर्मियों को जाता है।
इस अवसर पर उपस्थित शहीद जवानों के परिजनों को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा, “सीआरपीएफ जवानों और उनके परिवारों के बलिदान को याद करते हुए विजय गाथा को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।”
“जैसा कि मैं आज बस्तर में हूं, मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमारे सुरक्षा बलों ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है … उन्होंने न केवल उन्हें (वामपंथी तत्वों) को बैकफुट पर धकेलने में जीत हासिल की है, बल्कि आदिवासियों तक विकास को पहुंचाने में भी मदद की है। " उन्होंने कहा।
“चरमपंथी स्कूलों, सड़कों, अस्पतालों और उचित मूल्य की दुकानों के निर्माण और मोबाइल टावरों की स्थापना में बाधा उत्पन्न कर रहे थे। गृह मंत्री के रूप में मैं कहना चाहता हूं कि इन बाधाओं को दूर करने का श्रेय केवल सीआरपीएफ जवानों को जाता है।
संयुक्त टास्क फोर्स
श्री शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर नक्सलियों की गतिविधियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाकर संगठनात्मक कौशल का भी उदाहरण पेश किया है.
उन्होंने कहा कि नक्सलियों के अंतर-राज्य आंदोलन की जांच के लिए, सीआरपीएफ ने विभिन्न राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय में संयुक्त कार्य बलों का गठन किया, संयुक्त शिविर स्थापित किए और ट्राइ-जंक्शन क्षेत्रों में सुरक्षा स्थापित की।
उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार और झारखंड में सुरक्षा की कमी भी समाप्त होने वाली थी और यह सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस (वहां माओवादी विरोधी अभियानों में शामिल) के कारण संभव हुआ।
उन्होंने कहा कि 2010 की तुलना में वामपंथी उग्रवादी हिंसा की घटनाओं में देश में 76% की कमी आई है और साथ ही जानमाल (नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की) की हानि में भी 78% की कमी आई है।
चुनावों के शांतिपूर्ण संचालन में सीआरपीएफ की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी जीवित रह सकता है जब इसे समर्पित तरीके से संरक्षित किया जाए।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भूमिका......
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sharpbharat · 2 years
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Chaibasa rural sonua villagers demand : माओवाद व पुलिस के बीच पिस रहे ग्रामीणों ने की बैठक, सोनुआ थाना प्रभारी भी बैठक में हुए सम्मिलित, ग्रामीणों ने थाना प्रभारी को सौंपा 14 सूत्री मांग पत्र
रामगोपाल जेना/चक्रधरपुर : नक्सलियों के लगातार आइईडी ब्लास व पुलिस की गतिविधियों से परेशान कुइड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने बैठक की. आठ वन ग्रामों के करीब पांच सौ लोगों की हुई इस बैठक में सोनुआ थाना प्रभारी भी शामिल हुए. ग्रामीणों ने बैठक के बाद थाना प्रभारी को 14 सूत्री मांग पत्र सौंपा. (नीचे भी पढ़ें) ग्रामीणों द्वारा सौंपे गये मांग पत्र में ग्राम सभा का उल्लंघन नहीं करने, सर्च ऑपरेशन में घर…
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gadgetsforusesblog · 2 years
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Financetime.in सीआरपीएफ अर्धसैनिक इकाई छत्तीसगढ़ में माओवाद प्रभावित क्षेत्र में वार्षिक स्थापना दिवस आयोजित करती है
CRPF लगभग 3.25 लाख कर्मियों के साथ भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) है। नयी दिल्ली: अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में अपना 84वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित कर सकता है, पहली बार इसका वार्षिक समारोह वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 19 मार्च को बस्तर के जिला मुख्यालय…
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rickztalk · 2 years
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नेपाल में फिर माओवाद की सरकार, प्रचंड के पीएम बनने से 3 मोर्चे पर बढ़ेंगी भारत की मुश्किलें
नेपाल में फिर माओवाद की सरकार, प्रचंड के पीएम बनने से 3 मोर्चे पर बढ़ेंगी भारत की मुश्किलें
<p style="text-align: justify;">नेपाल में चुनाव परिणाम आने के बाद 35 दिनों से जारी सत्ता का गतिरोध खत्म हो गया है. माओवाद केंद्र के पुष्प कमल दहल प्रचंड नए प्रधानमंत्री बने हैं. रविवार को हुए एक बड़े सियासी उलटफेर में नेपाली कांग्रेस को सत्ता से बाहर होना पड़ा.</p> <p style="text-align: justify;">डेढ़ साल बाद नेपाल में केपी ओली की पार्टी ने फिर से वापसी की है. ओली प्रचंड की गठबंधन सरकार में…
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letshnnews · 4 years
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NIA ने भीमा कोरेगांव मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू को गिरफ्तार किया छवि स्रोत: फ़ाइल NIA ने भीमा कोरेगांव मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू को गिरफ्तार किया
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manmohan888-blog · 5 months
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वामपंथी उग्रवादियों की मौत पर कांग्रेस के घड़ियाली आंसू
बस्तर में नक्सलियों द्वारा हो रही भाजपा नेताओं की हत्याओं पर क्यों मौन है कांग्रेस बस्तर में मतदान के वक़्त कोई बड़ा हमला करना चाहते थे नक्सली पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को फर्जी बताने वाली कांग्रेस ने कियघायल जवानों का अपमान छत्तीसगढ़ की दो लोकसभा सीटों बस्तर और कांकेर में पहले चरण में यानी 19 अप्रैल को मतदान होना है। लेकिन इससे ठीक पहले पुलिस को सूचना मिली कि कांकेर जिले के थाना छोटे बेठिया के जंगल…
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roh230 · 1 year
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asr24news · 3 months
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वित्त आयोग से छत्तीसगढ़ के लिए मांगा विशेष अनुदान
रायपुर, 11 जुलाई 2024। मुख्यमंत्री व���ष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए 16वें वित्त आयोग के साथ बैठक में राज्य की विशेष परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ को विशेष अनुदान देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ नवोदित राज्य है, जो जनजातीय बहुल, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों से घिरा एवं माओवाद प्रभावित है। छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की बराबरी में लाने के लिए अधिक…
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lok-shakti · 3 years
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ओडिशा: माओवादी प्रभावित जिले में, कम बिजली, इंटरनेट का मतलब बैंकों के बाहर लंबी कतारें
ओडिशा: माओवादी प्रभावित जिले में, कम बिजली, इंटरनेट का मतलब बैंकों के बाहर लंबी कतारें
भारतीय स्टेट बैंक की मुसानल शाखा के बाहर तिलोत्तमा मांझी अपने नवजात बेटे को पालने के लिए लंबी कतार में खड़ी हैं। तीन दिनों में बैंक का यह उनका दूसरा दौरा है और उन्हें अभी भी नहीं पता है कि क्या वह 1,000 रुपये निकाल सकती हैं, जिसकी उन्हें अपनी मां की दवाओं की सख्त जरूरत है। वह छह घंटे से इंतजार कर रही है और लगातार चौथे दिन बैंक का सर्वर डाउन है। लगभग ५० किमी दूर, बैंक की बेंगाँव शाखा के बाहर,…
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newsuttarakhand · 3 years
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जानिए कौन है उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री, और क्यों बने वो बीजेपी के खास
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड को अब ग्यारहवें मुख्यमंत्री के रूप में एक नया चेहरा में चुका है।
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जी हां शनिवार को देहरादून में हुई बीजेपी की विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी(Pushkar Singh Dhami) को उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। आपको बता दें कि पुष्कर सिंह धामी (pushkar singh dhami) खटीमा से लगातार दो बार विधायक रहे हैं और युवाओं के बीच वो काफी मशहूर भी है। उसी को देखते हुए भाजपा के मंत्रिमंडल ने उन पर भरोसा जताया है।
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हालांकि उत्तराखंड में होने वाले 2022 के चुनाव से पहले इस तरह से एक युवा चेहरे पर दांव लगाना साफ दर्शाता है कि भाजपा 2022 में युवाओं को अपनी और आकर्षित करना चाहती है।
पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के लिए आने वाले समय में राहें इतनी आसान भी नहीं होने वाली हैं। उनके पास मात्र 6 से 7 महीने का वक्त बचा हुआ है और इतने कम वक्त में उन्हें अपने आप को साबित करना होगा।
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उत्तराखंड के 11वीं मुख्यमंत्री बनने से पहले पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami)भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। और वह उत्तराखंड के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के काफी करीबी माने जाते हैं।
16 सितंबर 1975 को जन्मे 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की टुंडी तहसील के डीडीहाट से तालुक रखते हैं। उनके पिता फ़ौज में थे और उन्होंने अपने गांव से ही अपनी प्राथमिक व स्तनकोतर की शिक्षा पूरी की। वह अपने परिवार के चार भाई-बहनों में सबसे छोटे और अकेले भाई हैं। उनकी माता का नाम विश्रा देवी है और उनकी पत्नी का नाम गीता धामी है।
newsuttarakhand.in
इससे पहले 20 सालों में उत्तराखंड को 10 और मुख्यमंत्री मिल चुके हैं। जिनमें नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी, भुवन चंद खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक,भुवन चंद्र खंडूरी, विजय बहुगुणा, हरीश रावत,त्रिवेंद्र सिंह रावत,तीरथ सिंह रावत और अब 11वीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हैं।
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प्रारंभिक जीवन:- माता जी का एक धर्मपरायण, मृदुभाषी एवं अपने परिवार के प्रति समर्पित धरेलू महिला होने तथा पिता की सैनिक होने के कारण देश की सरहद पर हर पल तन-मन न्यौ���ावर करने की दशा भक्ति की प्ररेणा से ओत-प्रोत वाल्य मन-मस्तिष्क में सदैव देश एवं प्रदेश के लिए कुछ कर गुजरने की ललक के कारण बचपन से ही स्काउट गाइड, एन0सी0सी0, एन0एस0एस0 इत्यादी शाखाओं में प्रतिभाग एवं समाजिक कार्यो को करने की भावना तथा ’’संधे शक्ति कलयुगें’’ के मूलमंत्र के आधार पर छात्र शक्ति को उनके हकों एवं उत्थान के लिए एक जुट करने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुडने के मुख्य कारक रहे हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों को एक जुट करके निरन्तर संधर्षशाील रहते हुए उनके शैक्षिणक हितों की लडाई लडते हुए उनके अधिकार दिलाये गये तथा शिक्षा व्यवस्था के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। राजनितिक दल भारतीय जनता पार्टी से जुडने का कारण भी राष्ट्रीयता, देशभक्ति, कमजोर एवं युवा बेरोजगार के प्रति कुछ कर गुजरने की भावना रही। यही राजनिति में आने का उदे्श्य रहा।
राजनीतिक जीवन
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राजनितिक यात्राः- सन् 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहकर विद्यार्थी परिषद में कार्य किया है। इसी दौरान अलग-अलग दायित्वों के साथ-साथ प्रदेश मंत्री के तौर पर लखनऊ में हुये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में संयोजक एवं संचालन कर प्रमुख भूमिा निभाई।
राज्य की भौगोलिक परिस्थियों को नजदीक से समझते हुए क्षेत्रीय समस्याओं की समझ और उत्तराखण्ड राज्य गठन के उपरान्त पूर्व मुख्यमंत्री जी के साथ एक अनुभवी सलाहकार के रूप में 2002 तक कार्य किया। कुशल नेतृत्व क्षमता, संधर्षशीलता एवं अदम्य सहास के कारण दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सन 2002 से 2008 तक छः वर्षो तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगार को संगठित करके अनेकों विशाल रैलियां एवं सम्मेलन आयोजित किये गये।
संधर्षो के परिणाम स्वरूप तत्कालीन प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत आरक्षण राज्य के उद्योगों में दिलाने में सफलता प्राप्त की। इसी क्रम में दिनांक 11.01.2005 को प्रदेश के 90 युवाओं को जोड़कर विधान सभा का धेराव हेतु एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की गयी जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है।
कुशल नेतृत्व क्षमता तथा शैक्षिणिक एवं व्यावसायिक योग्यता के कारण पूर्ववर्ती भा0ज0पा0 सरकार में वर्ष 2010 से 2012 तक शहरी विकास अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यशील रहते हुए क्षेत्र की जनता की समस्याओं का समाधान कराने में आशातीत सफलता प्राप्त की जिसका प्रतिफल जनता द्वारा 2012 के विधान सभा विधान सभा चुनाव में ’’विजयश्री’’ दिलाते हुए अपने जनप्रिय विधायक के रूप में विधान सभा में पहुॅचाकर उनकी आवाज को और भी अधिक बुलन्दी के साथ सरकार के समक्ष उठाते हुए क्षेत्रीय जनता को उनके मौलिक अधिकारों एवं जीवन यापन के हकों को दिलवाने के लिए उनके विधानसभा प्रतिनिध होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
विधान सभा के मुख्य मुद्देः-
(क) राज्य स्तरीयः- 1. शिक्षित बेरोजगार युवक आज राज्य की प्रमुख समस्या है। राज्य के युवाओं को अपने लिये रोजगार के अवसर प्राप्त हो, गाॅवों से पलायन रूके यही मुख्य समस्या है। 2. आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को भी रोजगार परक शिक्षा और तकनीकी शिक्षा यह राज्य सरकार दे, जिससे सभी वर्गो को जीवन यापन एवं विकास के समान अवसर प्राप्त हो एवं प्रचलित शिक्षा का बाजारीकरण बंद हो, जिसके लिए बहुत कार्य किया जाना है। 3.बुनियादी जरूरतों में स्वच्छ पानी तक प्रदेश की जनता को प्राप्त नही पा रहा है। स्वच्छ पेय जल लोगों तक निःशुल्क पहुॅचे आज एक प्रमुख मुद्दा है।
(ख) क्षेत्रीय स्तरीयः-
विधान सभा क्षेत्र खटीमा एक सीमान्त पिछड़ा, तराई जनजातिय बहुल्य क्षेत्र है। स्वच्छ पानी से लेकर शिक्षा तक अनेकों क्षेत्र में अत्यधिक कार्य किया जाना है। 2. नेपाल से लगा हुआ सीमान्त क्षेत्र होने के कारण अनेकों समस्याएं जैसेः- माओवाद, तस्करी इत्यादी समस्याओं के सामाधान हेतु अनेंको कार्य जानेे हैं। 3. जनजाति एवं गैरजनजाति जमीनों के विवादों का समाधान। 4. कृषि आधारित क्षेत्रों में बाढ की समस्या एवं भूमि का कटानों का समाधान। 5. पाॅलिटेक्निक का निर्माण। 6. आई0टी0आई0 का निर्माण। 7. निर्माणधीन सरकारी अस्पताल का यथा शीध्र निर्माण कार्य पूर्ण करवाना। 8. रोडवेज बस स्टेशन का निर्माण कार्य। 9. खटीमा शहर में बाईपास का निर्माण। 10. खटीमा में 4-लेन सड़क का निर्माण कार्य। 11. सीमान्त बग्गा चैवन ग्राम सभा को राजस्व ग्राम धोषित करवान एवं सम्पर्क मार्ग से जोडना। 12. स्पोर्टस स्टेडियम का निर्माण। 13. डिग्री कालेज में अन्य पाठ्यक्रमों को शुरू करवाना। 14. लम्बे समय से जीर्ण क्षीर्ण सड़क बगिया धाट से चकरपुर तक निर्माण करवाना। 15. परवीन नदी पर यथा शीध्र पुल का निर्माण। 16. खटीमा क्षेत्र में आन्दोलकारीयों का चिन्ह्ीकरण एवं शहीद स्मारक का निर्माण। 17. उधोगों की स्थापना कर नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराना। 18. किसानों से जुड़ी समस्याओं का समाधान। 19. सभी ग्राम सभाओं में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।
समाधान हेतु प्रयासः- राज्यों से शिक्षित बेरोजगारों का पलायन रूके इसके लिए आवश्यक है राज्य में अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना, पर्यटन के क्षेत्र का विकास, जल स्रोतों का वैज्ञानिक सोच के साथ उचित दोहन कर बिजली उत्पादन, हाॅटी कल्चर, फ्लोरी कल्चर, उद्यान, फल उत्पादन, जड़ी बूटी उत्पादन एवं फूल उत्पादन इत्यादी क्षेत्रों में बेरोजगारी युवकों को प्रशिक्षण देकर राज्य में ही पहाड़ों की जवानी का प्रयोग किया जाए जिससे पलायन रूके तथा युवा शक्ति का सदुपयोग प्रदेश के चहुॅमुखी विकास में हो सकें।
विजनः- चॅूकि समस्त युवा बेरोजगारों को सरकारी नौकरी उपलब्ध कराना वर्तमान में चुनौतीपूर्ण है इसलिए आवश्यकता है कि सरकार अपने प्रयासों से सभी वर्गो को सरकारी विद्यालय एवं महाविद्यालयों में से ऐसी तकनीकी, रोजगार परक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान करे जिससे कि युवा वर्ग के लोगों को ड्रिगी प्राप्त करने के पश्चात तकनीकी रूप से स्वरोजगार के अवसरांे का लाभ उठाने हेतु कुशल बने एवं रोजगार प्राप्त हो सकंे। यह प्रशिक्षण राज्य सरकार अनेकों क्षेत्रों जैसेेंः- उद्योगों, पर्यटन के क्षेत्र में बिजली उत्पादन, हाॅटी कल्चर, फ्लोरी कल्चर, उद्यान, फल उत्पादन, जड़ी बूटी उत्पादन, एवं फूल उत्पादन इत्यादि क्षेत्रों में दे सकें। इन सभी के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण विजन यह भी रहेगा कि जनसंख्या वृद्वि रोक जाने हेतु परिवार नियोजन, जन जागरण एवं जनता को सचेत किया जाना।
जनता के प्रति आपका सन्देशः- क्षेत्र एवं राज्य की जनता से मेरा यही विनम्र निवेदन है कि अपनी समस्याओं के समय-समय पर अवगत कराते रहें जिससे मैं उन्हे विधानसभा में सरकार के सम्मुख प्रमुखता से उठाते हुए उनका निराकरण आपके सहयोग से समय पर करा सकूॅ। मेरे द्वारा सदैव आपके स्वागत के लिए खुल हैं। सभी लोग, सभी वर्ग, सभी क्षेत्रों में जाति-धर्म के विचार से ऊपर उठकर सामाजिक उत्थान के लिए मिलजुलकर कार्य करें। अप���े अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति संजग रहते हुए सकारात्मक एवं प्रगतिशील सोच के साथ कार्य करें जिससे हमारा राज्य प्रगति एवं विकास के मार्ग पर अग्रसर हों।
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vilaspatelvlogs · 4 years
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नेपाल में प्रचंड की कवायद: पुष्प कमल ने पार्टी के नाम से माओवाद शब्द हटाने का प्रस्ताव रखा, कहा- जो माओ को पसंद नहीं करते उन्हें साथ लाएंगे
नेपाल में प्रचंड की कवायद: पुष्प कमल ने पार्टी के नाम से माओवाद शब्द हटाने का प्रस्ताव रखा, कहा- जो माओ को पसंद नहीं करते उन्हें साथ लाएंगे
Hindi News International Pushp Kamal Proposed To Remove The Word Maoism From The Name Of The Party, Said Those Who Do Not Like Mao Will Bring Them Together Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप काठमांडू8 घंटे पहले कॉपी लिंक प्रचंड का तर्क है कि कम्युनिस्ट विचारधारा वाले ऐसे लोग, जो माओ को पसंद नहीं करते हैं, उन सभी को साथ लाएंगे। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी…
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