Tumgik
#भारतीय पर्यटक रेल
ashokgehlotofficial · 2 years
Text
गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर पैलेस ऑन व्हील्स शाही ट्रेन को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। पैलेस ऑन व्हील्स शाही रेलगाड़ी पर्यटन के क्षेत्र में दुनिया में एक मिसाल है। पिछले 40 वर्षों से चल रही इस ट्रेन का 2 वर्षों के अन्तराल के बाद पुनः प्रारम्भ होना एक शुभ संकेत है। यह इंगित करता है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र और मजबूती के साथ उभरेगा।
रवानगी से पहले पैलेस ऑन व्हील्स शाही ट्रेन का अवलोकन कर सुविधाओं का जायजा लिया। यात्रियों को मंगलमय सफर के लिए शुभकामनाएं दी, पैलेस ऑन व्हील्स का पुनः संचालन हमारे लिए गर्व की बात है। शाही रेल में राजस्थान की हेरिटेज और सांस्कृतिक परम्परा को देखकर देश-विदेश के पर्यटक रोमांचित हो जाते हैं। रेलवे और आरटीडीसी के संयुक्त तत्वावधान में इस ट्रेन में आधुनिक साज-सज्जा और सभी पर्यटक सुख-सुविधाओं का समावेश किया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण इस शाही रेल का संचालन करीब 2 वर्षों से बंद रहा। आरटीडीसी व पर्यटन विभाग की सकारात्मक पहल से यह ट्रेन पुनः शुरू हो रही है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है और अनेक प्रकार की रियायतें दी जा रही हैं। पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान की पुरानी हवेलियां, गढ़, किले और रेगिस्तान के साथ लोक कलाएं, हस्तशिल्प आदि की दुनिया भर में खास पहचान है। वर्ष 2022-23 के बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान देश का सबसे सम्पन्न प्रदेश है और दिल्ली-आगरा के बाद विदेशी पर्यटक राजस्थान आना पसन्द करते हैं। यहां स्वदेशी पर्यटन की समृद्ध परम्परा रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रथम शाही रेल वर्ष 1982 में प्रारंभ हुई थी। रेलवे द्वारा समय-समय पर रेल की गेज परिवर्तन के फलस्वरूप मीटर गेज से ब्रॉड गेज ट्रेन वर्ष 1991 में दूसरी और 1995 में तीसरी शाही रेल का निर्माण किया गया।
शाही रेलगाड़ी का सात दिवस का दिल्ली व आगरा के अलावा राजस्थान के खूबसूरत शहरों जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर तथा भरतपुर का सफर देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
राजस्थान के गौरवशाली इतिहास के दर्शन कराती इस शाही रेल का सफर देशी और विदेशी पर्यटकों को आनंदित करता है। यहां पर पर्यटक अपने आप को राजसी माहौल में पाता है। इसमें आवभगत, स्वादिष्ट व्यंजन और पर्यटन निगम के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की सेवा भावना व अतिथि सत्कार को देखकर पर्यटक रोमांचित होते हैं।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री श्री विश्वेन्द्र सिंह, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत, आरटीडीसी चेयरमेन श्री धर्मेन्द्र राठौड़, पर्यटन राज्य मंत्री श्री मुरारी लाल मीणा, राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री रफीक खान, विधायक श्री बलजीत यादव, रीको चेयरमेन श्री कुलदीप रांका, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन श्रीमती गायत्री राठौड़, आरटीडीसी के प्रबंध निदेशक श्री विजयपाल सिंह, निदेशक पर्यटन श्रीमती रश्मि शर्मा, भारतीय रेलवे के सीनियर डीसीएम श्री मुकेश सैनी व एडीआरएम श्री मनीष गोयल सहित विभाग के उच्चाधिकारी व आमजन उपस्थित थे।
Tumblr media Tumblr media Tumblr media
0 notes
nepalvani · 2 years
Text
फेरि दिल्लीबाट जनकपुर आउँदै भारतीय पर्यटक रेल
फेरि दिल्लीबाट जनकपुर आउँदै भारतीय पर्यटक रेल
जनकपुरधाम : भारत गौरव पर्यटक रेल’ नामक विशेष रेल ६६ दिनपछि पुनः जनकपुरधाम आउन लागेको छ। यसअघि असार ९ गते चार सय ९९ भारतीय धार्मिक पर्यटक बोकेर जनकपुरधाम आएको थियो। रेलमा १४ डिब्बा थिए। त्यति वेला भारतको राजधानी नयाँ दिल्लीबाट अयोध्या हुँदै पूर्वोत्तर सीमास्थित भारतीय शहर जयनगरबाट जनकपुरधाम आइपुगेको रेलमा सबै धार्मिक पर्यटक थिए। प्याकेजमा आएका पर्यटकको होटल, लज, धर्मशालालगायत आवास र भोजनको…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
lok-shakti · 3 years
Text
रेलवे रामायण, पूर्वोत्तर, चार धाम सर्किट पर प्रीमियम ट्रेन चलाएगा
रेलवे रामायण, पूर्वोत्तर, चार धाम सर्किट पर प्रीमियम ट्रेन चलाएगा
रेलवे ने घरेलू यात्रियों के लिए प्रीमियम बौद्ध सर्किट ट्रेन को ‘देखो अपना देश एसी डीलक्स टूरिस्ट ट्रेन’ का नाम देते हुए खोलने का फैसला किया है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) – जो ट्रेन का संचालन करता है – ने अक्टूबर और दिसंबर के बीच कई विशेष मार्ग तैयार किए हैं, जैसे, रामायण, पूर्वोत्तर और चार धाम यात्रा सर्किट। पूर्वोत्तर सर्किट पर, प्रीमियम ट्रेन पांच पूर्वोत्तर राज्यों का…
View On WordPress
0 notes
reportersmadhesh · 2 years
Text
धीरेन्द्रप्रसाद साह,जनकपुरधाम । एक वर्षपछि ‘भारत गौरव पर्यटक रेल’ नामक विशेष रेल फेरि जनकपुरधाम आउन लागेको छ । गत वर्ष असार ९ गते उक्त रेल ४९९ भारतीय धार्मिक पर्यटक बोकेर जनकपुरधाम आएको थियो । सो रेलमा १४ वटा डिब्बाहरु थिए । रेलको दुईवटा डिब्बामा योगसम्बन्धी तस्बिर कोरिएका थिए । रेलका बोगीका बाहिरी भागमा भारतीय स्मारक, नृत्य, परिकार, पोशाक, पर्व, वनस्पति तथा जीवजन्तु, योग, लोककला जस्ता भारतको…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
mithilanchaltoday · 2 years
Text
मुख्यमन्त्री राउतद्वारा भारतीय पर्यटकको स्वागत
मुख्यमन्त्री राउतद्वारा भारतीय पर्यटकको स्वागत
जनकपुरधाम,असाढ ९ । मुख्यमन्त्री लालबाबु राउतले भारतीय पर्यटकलाई जनकपुरस्थित रेल्वे स्टेशनमा स्वागत गर्नुभएको छ । रामायण सर्किट रेल चढेर आउनु भएका भारतीय पर्यटकलाई उहाँले गमछा र पुष्पगुच्छाले स्वागत गर्नुभएको हो । करिब पाँच सय भारतीय पर्यटक लिएर भारत गौरब पर्यटक रेल आज दिउँसो जनकपुर आइपुगेको हो । पर्यटकहरुलाई मुख्यमन्त्री राउतले स्वागत गर्दै यसले नेपाल–भारत बीच सम्बन्धमा नयाँ आयाम थपेको बताउनुभयो…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
bharatpokhari2052 · 2 years
Text
धार्मिक पर्यटक बोकेको भारतीय रेल आज नेपाल आउँदै
१४ डिब्बामा करिब ५ सय धार्मिक यात्रु बोकेर ‘भारतीय गौरब पर्यटन रेल’ आज अपरान्ह जनकपुर स्टेसनमा आउने भएको छ । जानकी मन्दिरका महन्थ रामरोसन दासका अनुसार यात��रामा आएका तीर्थयात्रु एक रात जनकपुरमा बास बसेर पुनः भारत फर्कने छन् ।  रेल्वे सेवा सुरु भएपछि पहिलो पटक भारतीय रेल नेपाल आउन लागेको हो । भारत सरकारको महत्वकांक्षी योजना ‘रामायण सर्किट’मा सञ्चालन हुने सो रेललाई ‘भारत गौरव पर्यटक रेल’ नाम दिईएको…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
more-savi · 3 years
Text
Places To Visit In Gwalior - Gwalior City
Tumblr media
Gwalior Places to visit in Gwalior
Places To Visit In Gwalior - Gwalior City राजा सूरज सेन ने ग्वालियर शहर का निर्माण करवाया था। इस ऐतिहासिक ग्वालियर शहर की सुंदरता, आकर्षक स्मारक, महल और मंदिर इसके अपवाद हैं। यहां मस्जिदों, शिला मंदिरों और मूर्तियों की भव्यता देखी जा सकती है। खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा ग्वालियर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन का जन्म ग्वालियर में हुआ था। ग्वालियर किला   ग्वालियर का किला घूमने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यह किला भारत की सबसे पुरानी संरचनाओं में से एक है। ग्वालियर का किला, जिसे "ग्वालियर का किला" भी कहा जाता है, मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर में पहाड़ियों पर स्थित है। इस किले की ऊंचाई 35 मीटर है। इस किले पर कई तरह के शासकों का शासन रहा है।
Tumblr media
किले के दो मुख्य महल गुजरी महल और मान मंदिर हैं। दोनों का निर्माण मान सिंह तोमर (1486-1516 सीई) के शासनकाल के दौरान किया गया था। गुजरी महल का निर्माण रानी मृगनयनी के लिए करवाया गया था। जय विलास पैलेस 1874 में जीवाजी राव सिंधिया द्वारा बनवाया गया जय विलास पैलेस देश के सबसे खूबसूरत महलों में से एक है। यह एक विशाल महल है जो 1,240,771 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला है। महल का निर्माण इंग्लैंड के स्वागत समारोह के राजकुमार एडवर्ड-VII के सम्मान में किया गया था। इस महल में एक विशाल झूमर है, और इसके आठ लगभग 3500 किलो के हैं।
Tumblr media
              Credit - Common Wikimedia इस महल में कुल 400 कमरे हैं, जिनमें से 40 को संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। संग्रहालय को जीवाजी राव सिंधिया संग्रहालय कहा जाता है। यह रोजाना सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। बुधवार को, संग्रहालय बंद रहता है। तेली का मंदिर ग्वालियर में तेली मंदिर ग्वालियर किले में स्थित है। 9वीं शताब्दी में बना यह मंदिर 100 फीट की ऊंचाई के साथ ग्वालियर की सबसे बड़ी संरचना है।
Tumblr media
                Credit - Common Wikimedia तेली का मंदिर मूल रूप से भगवान शिव का मंदिर बनने से पहले विष्णु मंदिर था। मंदिर के अंदर देवी-देवताओं, सांपों, प्रेमी जोड़ों और गरुड़ की मूर्तियां हैं। इस मंदिर की वास्तुकला प्रसिद्ध है। तानसेन का मकबरा तानसेन का मकबरा ग्वालियर के दर्शनीय स्थलों में से एक है। तानसेन अकबर के नौ रत्नों में से एक है और वह एक प्रसिद्ध भारतीय संगीतकार और सम्राट अकबर के दरबार के प्रमुख गायक हैं। वह अकबर से पहले मान सिंह तोमर के दरबार में संगीतकार थे और मान सिंह की मृत्यु के बाद यहां से भागने के बाद रीवा के राजा रामचंद्र के दरबार में संगीतकार थे।
Tumblr media
Tansen's Tomb तानसेन का मूल नाम रामतनु पांडे था। उनका जन्म 1493 में ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मकरंद पांडे था, और उन्होंने बनारस मंदिर में पुजारी के रूप में काम किया। मान मंदिर पैलेस मान मंदिर पैलेस का निर्माण 1486 और 1516 के बीच तोमर शासक मान सिंह तोमर के निर्देशन में किया गया था। महल में दो खुले कोर्ट और दो स्तर के अपार्टमेंट हैं। आप एक स्थानीय गाइड के साथ शुल्क के साथ महल में जा सकते हैं।
Tumblr media
                 Man Mandir Palace गुजरी महल ग्वालियर के पर्यटन आकर्षणों में से एक गुजरी महल, 15 वीं शताब्दी में मान सिंह द्वारा अपनी सबसे प्यारी पत्नी मृगनयनी के लिए बनाया गया था। यह महल अब खराब स्थिति में है।
Tumblr media
                           Gujari Mahal, ग्वालियर सिंधिया संग्रहालय
Tumblr media
               Gwalior Scindia Museum यह ग्वालियर सिंधिया संग्रहालय , जीवाजी राव सिंधिया को समर्पित है। यह संग्रहालय मध्य प्रदेश में सबसे प्रसिद्ध संग्रहालय में से एक है। इसका निर्माण 1964 में किया गया था। संग्रहालय अन्य चीजों के अलावा पांडुलिपियों, सिक्कों, चित्रों, हथियारों और मूर्तियों के संग्रह के लिए प्रसिद्ध है।   ग्वालियर चिड़ियाघर
Tumblr media
                Gwalior Zoo ग्वालियर चिड़ियाघर 1922 में शाही परिवार के माधो राव सिंधिया द्वारा स्थापित एक सुंदर चिड़ियाघर है। इस स्थान को फूल बाग के नाम से भी जाना जाता है। यह उद्यान सांभर, चित्तीदार हिरण, काला हिरन, बाइसन, लकड़ी की बग्गी और सफेद बाघ की कई प्रजातियों का घर है। सूर्य मंदिर
Tumblr media
                               Sun Temple इस स्थान पर सूर्य मंदिर भगवान सूर्य देव को समर्पित है। सूर्य मंदिर 1988 में एक प्रसिद्ध उद्योगपति जीडी बिड़ला द्वारा बनाया गया था। Tighra Dam तिघरा बांध ग्वालियर में स्थित है, यह बांध स्थानीय लोगों और आगंतुकों दोनों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।
Tumblr media
                              Tighara dam रानी लक्ष्मी बाई की समाधि रानी लक्ष्मी बाई का मकबरा ग्वालियर में स्थित है और आगंतुकों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। रानी लक्ष्मी बाई की सबसे ऊंची मूर्ति अभी भी यहां एक पर्यटक आकर्षण है।
Tumblr media
                    Rani Laxmi Bai's tomb स्पलैश द सन सिटी ग्वालियर स्पलैश द सन सिटी ग्वालियर के सबसे लोकप्रिय वाटर पार्कों में से एक है। दोस्तों, परिवार और बच्चों को लाने के लिए पर्यटकों का स्वागत है।
Tumblr media
              Sun City Amusement Park Gwalior कैसे पहुंचें ग्वालियर उड़ान से Gwalior Airport -ग्वालियर हवाई अड्डा शहर से लगभग 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप हवाई अड्डे से सार्वजनिक परिवहन प्राप्त कर सकते हैं। ट्रेन से ग्वालियर शहर रेल द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप ग्वालियर रेलवे स्टेशन से स्थानीय परिवहन ले सकते हैं। बस से ग्वालियर राज्य के अन्य हिस्सों से राज्य बस द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।   FAQ :- ग्वालियर मै घूमने लायक कितनी जगह है ? मन  मंदिर  पैलेस ,सहस्त्र  बहु  टेम्पल,तेली  का  मंदिर,गुजारी  महल,सूरज  कुंड,चतर्भुज  मंदिर ,ग्वालीओ फोर्ट ऐसी बहुत सी जगह है जहाँ पे टूरिस्ट घूम सकते है ग्वालियर का फेमस फ़ूड क्या है ? What is the famous food of Gwalior? कचोरी , पोहा ,पेठा गिलोरी ,जलेबी ये सभी ग्वालियर के स्ट्रीट फूड्स जो लोग सुबह सुबह कहते हुए देखे जा सकते है।   Also Read Movie Reviews Read the full article
0 notes
ashokgehlotofficial · 3 years
Text
विश्व पर्यटन दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया। इस अवसर पर राज्य के पर्यटन विकास की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों एवं अन्य गतिविधियों का शुभारंभ भी किया।
गौरवशाली इतिहास, ऐतिहासिक धरोहरों, मजबूत किलों, विविध प्राकृतिक सम्पदा तथा रंग-बिरंगी लोक संस्कृति जैसी अनूठी विशेषताओं को समेटे राजस्थान विश्व पर्यटन में विशेष स्थान रखता है। दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक यहां आते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में ��ाजस्थान को देश का अव्वल राज्य बनाने की दिशा में राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। इसके साथ ही हमारा प्रयास है कि कोविड महामारी की विपरीत स्थितियों से प्रभावित प्रदेश के पर्यटन उद्योग को संबल मिले तथा पर्यटन गतिविधियां पुनः पटरी पर लौटे।
अच्छी सड़कों, बेहतर रेल एवं हवाई नेटवर्क, कानून एवं व्यवस्था की बेहतर स्थिति तथा बिजली एवं पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण राजस्थान दुनिया भर में वेडिंग एवं इवेंट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। राजस्थान में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं और राज्य सरकार इस सेक्टर को बढ़ावा देने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। पर्यटन गतिविधियों को गति देने के लिए नई पर्यटन नीति-2020 तथा 500 करोड़ रूपए के पर्यटन विकास कोष के गठन जैसे निर्णय लिए गए हैं। पर्यटक स्थलों पर लपकों की समस्या को दूर करने के लिए पर्यटकों के साथ होने वाले अपराधों को संज्ञेय अपराध बनाने का निर्णय किया है। लपकों पर अंकुश के लिए इसकी जमीनी स्तर पर कड़ाई से पालना सुनिश्चित की जाए ताकि पर्यटक राजस्थान की अच्छी छवि लेकर जाएं।
कोरोना की विषम परिस्थितियों से प्रभावित पर्यटन उद्यमियों को आर्थिक संबल देने के लिए मुख्यमंत्री पर्यटन उद्योग संबल योजना संचालित की गई है। जिसके तहत 25 लाख तक के ऋण के ब्याज पर पर्यटन उद्यमियों को तीन वर्ष तक के लिए एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान सहित प्रतिवर्ष कुल 9 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
राजस्थान के पर्यटन स्थलों की आकर्षक छवि को देश और दुनिया में पहुंचाने के लिए इसकी बेहतर ब्रांडिंग की जाए।
समारोह में राजस्थान आने वाले पर्यटकों को टूर प्रोग्राम बनाने में मदद देने के लिए तैयार किए गए मोबाइल एप ‘राजस्थान टूरिज्म ऑफिशियल’ का लोकार्पण किया। पर्यटन विभाग द्वारा राज्य में पर्यटन विकास के लिए जारी विभिन्न नीतियों, योजनाओं एवं दिशा-निर्देशों के संग्रह का विमोचन किया। कोविड प्रभावित पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र के उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की मुख्यमंत्री पर्यटन उद्योग सं���ल योजना-2021 का विमोचन किया। संशोधित पेइंग गेस्ट हाउस योजना-2021 तथा अनुभवात्मक पर्यटन सेवा प्रदाता के लिए गाइडलाइन्स का विमोचन किया।
राजस्थान पर्यटन की ब्रांडिंग के उद्देश्य से पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश के 10 महत्वपूर्ण एवं आकर्षक पर्यटक स्थलों पर तैयार किए गए 10 नए पोस्टर्स, नवीन प्रचार पुस्तिकाओं, यूनेस्को के साथ चल रही अमूर्त धरोहर संरक्षण परियोजना के तहत पश्चिमी राजस्थान के पारंपरिक संगीत की सी.डी. तथा भारतीय डाक विभाग द्वारा राजस्थान पर्यटन की थीम पर बनाए गए 9 विशेष फोल्डर का भी विमोचन किया।
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
0 notes
nepalvani · 2 years
Text
रामायण सर्किटमा सन्चालित रेल नेपाल आउँदै, आज जनकपुरमा बास
रामायण सर्किटमा सन्चालित रेल नेपाल आउँदै, आज जनकपुरमा बास
जनकपुरधाम : रामायण सर्किटमा सञ्चालन हुने भारतीय रेल आज जनकपुरधाम आउँदै छ । भारतीय पर्यटकहरु सवार ‘भारत गौरव पर्यटक रेल’ नाम दिइएको रेल आज दिउँसो जनकपुर स्टेसनमा आइपुग्ने छ । जनकपुर रेल स्टेसनमा उनीहरुलाई स्वागत गरिने जानकी मन्दिरका उत्तराधिकारी महन्त रामरोशन दासले जानकारी दिए । उनीहरुको सुरक्षाका लागि जनकपुरमा विशेष प्रवन्ध मिलाइएको प्रमुख जिल्ला अधिकारी सुरेन्द्र पौडेलले जानकारी दिए । ‘जयनगरमा…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
zubaanhindi-blog · 4 years
Text
Calangute Beach Goa 2020 | Calangute Beach in Hindi | Zubaan Hindi
Calangute beach in Hindi 2020 गोवा में “समुद्र तटों की रानी” के रूप में जाना जाता है, कलंगुट बीच प्रकृति प्रेमियों से लेकर साहसिक दीवाने से लेकर पार्टी फ्रिक तक सभी प्रकार के यात्रियों को पूरा करता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए एक हेवन के रूप में कार्य करना, विशेष रूप से, यह समुद्र तट उत्तरी गोवा में सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय है। इसके अलावा, यह उस विशिष्टता को दर्शाता है जो गोवा की संस्कृति में आम तौर पर आसपास के परिदृश्यों के सुंदर और सुंदर दृश्यों की पेशकश के अलावा है, जो किसी के लिए एकदम सही पलायन स्थल के रूप में कार्य करता है जो व्यस्त शहर की हलचल से राहत पाने की इच्छा रखता है।
Tumblr media
अनुक्रम   
1 कलंगुट बीच पर कैसे पहुँचें- How to reach Calangute Beach in Hindi
2 कलंगुट बीच पर जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Calangute Beach in Hindi
3 कलंगुट बीच में वाटर स्पोर्ट्स- Water sports Calangute Beach in Hindi
4 कलंगुट बीच पर नाइटलाइफ़- Nightlife of Calangute Beach in Hindi
5 कलंगुट समुद्र तट पर खरीदारी- Shopping Guide Calangute Beach in Hindi
6 कलंगुट बीच के पास रहने के स्थान- Nearby places to stay Calangute Beach in Hindi
7 कलंगुटबीच पर कैरी करने के लिए चीजें Things to carry Calangute Beach in Hindi
8 कलंगुट बीच पर जाने से पहले यात्रियों की टिप- Tips for travellers Calangute Beach in Hindi
गोवा में कलंगुट बीच पर यहां आने वाले पर्यटकों के लिए बहुत कुछ है। यहां के जीवंत बाजार बीयर और भोजन से लेकर जंक ज्वेलरी, कपड़े, ट्रिंकट और मोहरे के सामान तक सब कुछ बेचते हैं। इसके अलावा, समुद्र तट घने ताड़ और नारियल के पेड़ों के साथ भव्य अरब सागर के साथ परिपूर्ण पृष्ठभूमि के रूप में काम करता है। लोग अक्सर समुद्र तट पर सूरज की रोशनी और सूर्यास्त का आनंद लेने के लिए समुद्र तट पर जाते हैं जो कलंगुट बीच की एक विशेष विशेषता है।
एक संपूर्ण पर्यटक और अवकाश वापसी के लिए, अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस समुद्र तट पर जाएं और उत्तरी गोवा की पेशकश का सबसे अच्छा आनंद लें। पुर्तगाली शैली की प्राचीन इमारतों और संरचनाओं से लेकर स्वादिष्ट भोजन और पेय तक, कलंगुट बीच में यह सब है। इसके अलावा, यह आपको एक बीच का अनुभव प्रदान करेगा, जो कि शांत और रमणीय है, और गोवा में कहीं और नहीं पाया जा सकता है।
कलंगुट बीच पर कैसे पहुँचें- How to reach Calangute Beach in Hindi
पणजी से कलंगुटबीच तक कैसे पहुंचे: पणजी से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर कलंगुट बीच स्थित है। पणजी से समुद्र तट तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका निजी और सार्वजनिक बस सेवा है। नियमित बसें हैं जो पणजी से कैलांग्यूट बीच तक जाती हैं। हालाँकि, यदि आपके पास एक निजी कार या वाहन है, तो ट्रैफिक के आधार पर, कलंगुट तक ���हुँचने में आपको लगभग 30 से 40 मिनट लग सकते हैं।
गोवा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से कलंगुट बीच तक कैसे पहुँचें: समुद्र तट गोवा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 40.3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कलंगुट बीच तक पहुंचने का सबसे सस्ता तरीका बसों के माध्यम से है, जिसमें आप एक घंटे और 30 मिनट के भीतर पहुंच सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, गोवा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से कलंगुट पहुंचने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुविधाजनक तरीका टैक्सी लेना है, जिसमें लगभग 40 मिनट लगेंगे।
हवाईजहाज से -How to reach Calangute Beach by Air in Hindi निकटतम हवाई अड्डा डाबोलिम (39.2 किमी) है, जो प्रमुख भारतीय शहरों और विदेशों में अन्य देशों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मुंबई, चेन्नई और दिल्ली से उड़ानें आसानी से उपलब्ध हैं।
रेल द्वारा– How to reach Calangute Beach by Train in Hindi सबसे नज़दीकी रेलहेड करमाली है, जो गोवा में कैलंगुट से केवल 25 किमी दूर है। एर्नाकुलम, मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद और बेंगलुरु से आने वाली ट्रेनें भी रेलवे स्टेशन पर रुकती हैं।
रास्ते से– How to reach Calangute Beach by Road in Hindi पुणे, अहमदाबाद और बेंगलुरु से बसें हमेशा कैलंगुट तक पहुंचने के लिए उपलब्ध हैं। मडगाँव और पणजी से टैक्सी या टैक्सी भी उपलब्ध हैं।
कलंगुट बीच पर जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Calangute Beach in Hindi
गोवा में कलंगुट समुद्र तट पर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर के अंत से फरवरी के महीनों के बीच है। हालांकि इस समुद्र तट पर साल के किसी भी समय जाया जा सकता है, लेकिन ये महीने उन सभी के लिए सबसे अनुकूल हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये महीने मानसून और गर्मियों के महीनों के बीच के होते हैं जब मौसम सुहावना होता है। मानसून का मौसम क्षेत्र में भारी बारिश लाता है, और इन महीनों के दौरान समुद्र काफी बेरोकटोक और उबड़-खाबड़ है, जो किसी भी गतिविधियों के लिए उपयुक्त नहीं है। इसके अतिरिक्त, गर्मी के महीने गर्म और आर्द्र होते हैं, जिससे समुद्र तट पर अच्छा समय बिताने के लिए अनुकूल नहीं होता है।
हमारी लेडी ऑफ पायिटेंट: कलंगुट में सबसे प्रसिद्ध चैपल में से एक, यह एक ढलान के सिर पर व्यवस्थित है और समुद्र के किनारे और समुद्र पर सुंदर दृष्टिकोण प्रदान करता है।
सेंट एलेक्स चर्च: अद्भुत भव्य इंजीनियरिंग, एक सफेद-छायादार बाहर के साथ, पिनेल्स जैसे वॉल्ट जैसे कि विषयों और स्क्रॉलवर्क के साथ असाधारण पोडियम, यह कैथोलिक चर्च अविश्वसनीय रूप से शांत है, और इसमें एक राहत भरा माहौल है।
केर्कर आर्ट गैलरी: उत्तरी गोवा में सबसे प्रसिद्ध कारीगरी में से एक, केर्कर आर्ट गैलरी में रचनाएं, मॉडल और संग्रहणीय सामान हैं जो मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करके उत्पादित किए जाते हैं और सुबोध केरकर द्वारा बनाई गई एक बेला के रूप में घुमावदार हैं।
बागा बीच: बागा बीच बहुत अधिक विकसित होने के अलावा, कलंगुट के विपरीत एक बहुत शांत और कम पैक्ड समुद्री तट है। यह गोवा की संपूर्णता में अन्य नाइटलाइफ़ के बीच एक लोकप्रिय स्थान है।
अगुआड़ा किला: अगुआड़ा किला सीधे समुद्र के बीचोंबीच खड़ा है, एक सुस्त ईंट वाली सड़क इसे संकेत देती है, ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि एक चित्र सीधे गति चित्रों से बाहर है। इंजीनियरिंग की पुर्तगाली शैली में व्यवस्थित, अगुआड़ा किला अरब सागर के साथ मंडोवी नदी के संयोजन पर दृष्टिकोण प्रदान करता है।
कलंगुट बीच के बारे में अन्य आवश्यक जानकारी- Other Information About Calangute Beach in Hindi
कलंगुट बीच में वाटर स्पोर्ट्स- Water sports Calangute Beach in Hindi
पैरासेलिंग: ठंडी हवा में तट से गुजरते हुए ऊँचा अनिर्धारित और v बीच में पैरासेलिंग करके आप में खोजकर्ता को उत्तेजित करते हैं, जो रोमांचक और ऊर्जावान भी है।
स्ट्रीम स्की: अरब सागर की आमद पर फ्लाई स्कीइंग द्वारा एक अद्भुत अनुभव प्राप्त करें। कलंगुट बीच पर सबसे सुखद दुस्साहसिक अभ्यासों में से एक में भाग लें।
कलंगुट बीच पर नाइटलाइफ़- Nightlife of Calangute Beach in Hindi
टियो टिली का बार और किचन: कलंगुट बीच के सबसे ऊर्जावान स्थानों में से एक, यह बार मेहमानों के लिए पूर्ववर्ती खेलों के रूप में, अनियंत्रित संगीत और अविश्वसनीय भोजन के लिए लाइव डायवर्जन, खेल स्क्रीनिंग प्रदान करता है।
द रेड लायन पब: समुद्र के तट के पास स्थित, द रेड लायन पब एक अच्छी तरह से स्टॉक बार और बाहर बैठने की जगह है, जिसमें बहुत ही मिलनसार और आमंत्रित कर्मचारी और रमणीय बहु-पाक भोजन है।
कार्वाल्हो: अपने अविश्वसनीय रूप से शमन करने वाले मूड के लिए जाना जाता है, कार्वाल्हो ने बिना संगीत के साथ-साथ कॉन्टिनेंटल, उत्तर भारत, चीनी और प्रथागत गोअन भोजन की पेशकश की।
एथलीट बार: इस घटना में जाने के लिए शायद सबसे अच्छा स्थान है कि आपको अंतर्राष्ट्रीय भोजन की आवश्यकता है, चूरोस या मछली और चिप्स के रूप में। इसके अलावा उनके पास मिश्रित पेय के रूप में मिश्रित पेय का एक अविश्वसनीय निर्धारण है।
जेस्ट इट: स्पाइस यह मेहमानों को शानदार चखने वाले पेय, साथ ही एक रॉकिंग नाइटलाइफ़ प्रदान करता है। इसके अलावा, इसमें बुफे सेवाएं भी हैं।
कलंगुट समुद्र तट पर खरीदारी- Shopping Guide Calangute Beach in Hindi
शनिवार बाजार: यह कलंगुटमें डाकघर के करीब स्थित है। एक रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए देख सकते हैं, उदाहरण के लिए, खाद्य आपूर्ति, मांस, सब्जियाँ और मछली यहाँ से। इसके अलावा, आप इसी तरह से स्टोन्सवेयर और सामग्री बेचने वाली दुकानों की खोज कर सकते हैं।
तिब्बती बाजार: तिब्बती बाजार कलंगुट बीच और बागा बीच के बीच स्थित है। यह उन वस्तुओं को बेचने के लिए जाना जाता है जो तिब्बती तरीके से जीवन और संस्कृति को प्रतिबिंबित करते हैं, उदाहरण के लिए, अगरबत्ती, कवर, मूर्तियां, प्रार्थना संकेत, और किसी भी कार्यक्रम में, गायन व्यंजन।
द फिश मार्केट: कलंगुट नाइकेवाड़ी फिश मार्केट के रूप में जाना जाता है, यह गोवा की संपूर्णता में सबसे बड़ा मछली बाजार है। शासक झींगे, मैकेरल और नए केकड़ों को शामिल करते हुए, यहां विश्वसनीय गोयन मछली की खोज की जा सकती है।
यह भी पढ़ें– अंजुना बीच गोवा की जानकारी
कलंगुट बीच के पास रहने के स्थान- Nearby places to stay Calangute Beach in Hindi
सिट्रस गोवा: कलंगुट बीच से लगभग 0.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, सिट्रस गोवा आश्चर्यजनक इनसाइड वाला एक शानदार होटल है। प्रथम श्रेणी के कार्यालयों और विलासिता के साथ, रिट्रीट में 85 विशाल, शानदार कमरे हैं जो समकालीन रूप से योजनाबद्ध हैं।
एलोर हॉलिडे रिज़ॉर्ट: समुद्र के किनारे के क्षेत्र में स्थित, एलोर हॉलिडे रिज़ॉर्ट में 66 खुले कमरे हैं। इस बजट रिज़ॉर्ट में एक बेहतरीन प्रवास हो सकता है, जबकि सब���े अधिक अपनी छुट्टी का आनंद ले सकते हैं।
मेफ्लावर बीच रिज़ॉर्ट: इंजीनियरिंग की एक पुर्तगाली शैली का घमंड, मेफ्लावर बीच रिज़ॉर्ट कैलंगुटे में सभी प्राथमिक आकर्षणों के निकट क्षेत्र में स्थित है। इसमें एक कमरे में कैफे और एक बाहरी बार के साथ विशाल कमरे हैं।
सी पाल्म्स गोवा: स्थानीय गोअन बस्तियों में स्थित, महासागर पाम्स गोवा कलंगुट बीच से कुछ ही क्षणों की दूरी पर है। यह एक पुरानी दुनिया की अपील के समान है, इसकी योजना, संरचना में, जैसे कि इसके कमरों में है।
शरणम ग्रीन रिज़ॉर्ट गोवा: मौलिक समुद्री तट से केवल दो या तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित, इस 3-सितारा बुटीक गोआन रिसॉर्ट में 32 खुले और बड़े पैमाने पर योजनाबद्ध कमरे हैं। यह आपके पास एक आराम और अवसर के लिए आवश्यक सभी आराम है।
रिज़ॉर्ट टेरा पाराइसो: समुद्र के किनारे के सिद्धांत क्षेत्र से कुछ क्षणों की दूरी पर स्थित, यह होटल इस घटना में आदर्श है कि आप गोयन और पुर्तगाली जीवन के तरीकों को मिलाकर एक शानदार अनुभव चाहते हैं। कलंगुट में सर्वश्रेष्ठ वापसी के रूप में देखा गया, इसमें 64 बहुत अधिक चयनित कमरे हैं जो पूल क्षेत्र तक खुलते हैं।
रिज़ॉर्ट विलेज रोयाले: रेतीले कैलंग्यूट बीच के पास स्थित, रिज़ॉर्ट विलेज रोयाल में चारों तरफ घने ताड़ के पेड़ों से घिरा हुआ है। शानदार 160 कमरों के साथ, यह होटल आपकी बजटीय जरूरतों को पूरा करता है और साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि आपके पास एक अविश्वसनीय स्थान है।
यह भी पढ़ें– छितकुल: भारत तिब्बत सीमा पर बसा आख़िरी गांव
कलंगुटबीच पर कैरी करने के लिए चीजें Things to carry Calangute Beach in Hindi
Calangute Beach पर जाते समय, Calangute Beach गाइड का उल्लेख करना और निम्नलिखित बातें करना महत्वपूर्ण है: -फोटो आईडी कार्ड
o    सूती कपड़े का एक्स्ट्रा सेट
o    टोपी
o    चप्पल
o    सनस्क्रीन
o    पानी
o    मनी (नकद और कार्ड)
o    चश्मा
o    तौलिया
o    अम्ब्रेला या रेनकोट
o    -Reusable प्लास्टिक या कपड़े की थैली
कलंगुट बीच पर जाने से पहले यात्रियों की टिप- Tips for travellers Calangute Beach in Hindi
कलंगुट बीच पर जाने से पहले यात्रियों के सुझावों के लिए नीचे उल्लेख कलंगुट बीच गाइड का पालन करें:
o    समुद्र तट के पास छोटी दूरी की यात्रा करने के लिए दोपहिया वाहन किराए पर लेने की सलाह दी जाती है।
o    अपनी यात्रा के दौरान स्वस्थ रहने के लिए छोटे अनहेल्दी शैक्स के बजाय ज्ञात स्थानों पर खाना सुनिश्चित करें।
o    हर समय अपने साथ इमरजेंसी नंबर रखें। इसमें स्थानीय पुलिस स्टेशन का फोन नंबर, आपका होटल, आपका टूर गाइड और उन लोगों को शामिल किया गया है जिनके साथ आप यात्रा कर रहे हैं।
o    अपने सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखें। इसके अलावा, उसी की फोटोकॉपी अपने साथ ले जाने का प्रयास करें।
o    अपने सामान के साथ-साथ आप जिस क्षेत्र में हैं उससे अवगत रहें।
 Connect with Us
Facebook – www. facebook.com/zubaanhindi1
Instagram – www.instagram.com/zubaanhindi
यह भी पढ़ें होमस्टे क्या है और इस से जुड़े फ़ायदे ?
0 notes
Link
Tumblr media
प्रश्न-22 नवंबर, 2019 से 25 नवंबर, 2019 के मध्य विशेष पर्यटन पैकेज ‘हेरिटेज वीक’ के तहत पर्यटकों को कहां-से-कहां तक यात्रा कराई जाएगी?
(a) मुंबई से अमृतसर तक
(b) नई दिल्ली से रामेश्वरम तक
(c) मुंबई से अहमदाबाद तक
(d) अहमदाबाद से जयपुर तक
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
22 नवंबर, 2019 से 25 नवंबर, 2019 के मध्य एक विशेष पर्यटन पैकेज ‘हेरिटेज वीक’ का आयोजन किया जा रहा है।
22 नवंबर, 2019 को भारतीय रेल खान-पान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड (आईआरसीटीसी) मुंबई से इसकी शुरुआत करेगा।
इस पैकेज के तहत यात्रा मुंबई से अहमदाबाद तक कराई जाएगी।
यह यात्रा आईआरसीटीसी, पश्चिम जोन कार्यालय, मुंबई, द्वारा संचालित की जाएगी।
19-25 नवंबर, 2019 के मध्य आयोजित किए जा रहे विश्व धरोहर सप्ताह, 2019 के मद्देनजर इसका आयोजन किया जा रहा है।
इस यात्रा में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल ‘रानी की वाव’ और प्रसिद्ध मोंटेरा सूर्य मंदिर शामिल हैं।
यात्रा के दौरान पर्यटक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व पार्क और विश्व के सबसे बड़े स्मारक ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ की भी यात्रा करेंगे।
0 notes
mithilanchaltoday · 2 years
Text
सेवाग्राहीलाई अभद्र व्यवहार गर्ने नायब सुब्बालाई कठालोमा समातेर लग्यो प्रहरीले – Anautho
सेवाग्राहीलाई अभद्र व्यवहार गर्ने नायब सुब्बालाई कठालोमा समातेर लग्यो प्रहरीले – Anautho
लहानस्थित रामकुमार सारडा उमाप्रसाद मुरारकका (राउ) स्मारक अस्पतालमा कार्यरत कर्मचारी पक्राउ परेका छन् । सेवाग्राहीमाथि दुर्व्यवहार र अश्लील गाली गरेको आरोपमा नायब सुब्बा बासुदेव महतो पक्राउ परेका हुन् । सेवा सुस्त भएको भन्दै एक सेवाग्राहीले नासु महतोसँग गुनासो गर्न जाँदा सामान्य भनाभन भएपछि उनले दुर्व्यवहार गरेको आरोप छ । धार्मिक पर्यटक बोकेको भारतीय रेल आज नेपाल आउँदै : १४ डिब्बामा करिब ५ सय…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
indiainfobiz · 6 years
Text
उत्तर प्रदेश की राजधानी क्या है | UP ki Rajdhani
सवाल : उत्तर प्रदेश की राजधानी क्या है / UP ki Rajdhani kya hai / What is Capital of Uttar Pradesh? जवाब : दोस्तों GK के इस सवाल का जवाब आपको इस पोस्ट में दिया है. जवाब बहुत छोटा है, लेकिन हमने आपके लिए इस पोस्ट में थोड़ी और जानकारी संक्षिप्त में देने की कोशिश की है. Uttar Pradesh ki Rajdhani के बारे में आगे पढ़िए.
Tumblr media
UP ki Rajdhani kya hai?
भारत के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। Population of Lucknow: 2006  मे लखनऊ की जनसंख्या 2,541,101 तथा साक्षरता दर 68.63% थी। भारत सरकार की 2001 की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है।कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। Area of Lucknow : लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। भाषाएँ:- यह शहर हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। दोस्तों आपको Uttar Pradesh ki Rajdhani की जानकारी तो होगई है अब आपको इसके इतिहास और पर्यटन स्थान तथा यहाँ की ख़ास बाते आपको बताते है. ये भी जानिए : Assam ki Rajdhani Kya hai? Janiye NCR meaning in Hindi  India meaning in Hindi & full form Kya hai
लखनऊ का इतिहास
लखनऊ प्राचीन कोसल राज्य का हिस्सा था। यह भगवान राम की विरासत थी जिसे उन्होंने अपने भाई लक्ष्मण को समर्पित कर दिया था. अत: इसे लक्ष्मणावती, लक्ष्मणपुर या लखनपुर के नाम से जाना गया, जो बाद में बदल कर लखनऊ हो गया। यहां से अयोध्या भी मात्र 80 मील दूरी पर स्थित है। एक अन्य कथा के अनुसार इस शहर का नाम, 'लखन अहीर' जो कि 'लखन किले' के मुख्य कलाकार थे, के नाम पर रखा गया था। लखनऊ के वर्तमान स्वरूप की स्थापना नवाब आसफ़ुद्दौला ने 1775  ई. में की थी। अवध के शासकों ने लखनऊ को अपनी राजधानी बनाकर इसे समृद्ध किया। लेकिन बाद के नवाब विलासी और निकम्मे सिद्ध हुए। इन नवाबों के काहिल स्वभाव के परिणामस्वरूप आगे चलकर लॉर्ड डलहौज़ी ने अवध का बिना युद्ध ही अधिग्रहण कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया। 1850 में अवध के अन्तिम नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिश अधीनता स्वीकार कर ली। लखनऊ के नवाबों का शासन इस प्रकार समाप्त हुआ। सन 1902  में नार्थ वेस्ट प्रोविन्स का नाम बदल कर यूनाइटिड प्रोविन्स ऑफ आगरा एण्ड अवध कर दिया गया। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे यूनाइटेड प्रोविन्स या यूपी कहा गया। सन 1920 में प्रदेश की राजधानी को इलाहाबाद से बदल कर लखनऊ कर दिया गया। प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद ही बना रहा और लखनऊ में उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ स्थापित की गयी। स्वतन्त्रता के बाद 12 जनवरी सन 1950 में इस क्षेत्र का नाम बदल कर उत्तर प्रदेश रख दिया गया और लखनऊ इसकी राजधानी बना। इस तरह यह अपने पूर्व लघुनाम यूपी से जुड़ा रहा। गोविंद वल्लभ पंत इस प्रदेश के प्रथम मुख्यमन्त्री बने। अक्टूबर 1963 में सुचेता कृपलानी उत्तर-प्रदेश एवं भारत की प्रथम महिला मुख्यमन्त्री बनीं।
लखनऊ के बारे में रोचक बातें / Facts about Lucknow:-
1) लखनऊ को प्राचीन काल में 'लक्ष्मणपुर' और 'लखनपुर' के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि अयोध्या के श्री राम ने लक्ष्मण को लखनऊ भेंट किया था। 2) लखनऊ के वर्तमान स्वरूप की स्थापना 'नवाब आसफ-उद-दौला' द्वारा 1775 ई. में की गई थी, उन्हो ने इसे अवध के नवाबों की राजधानी के रूप में पेश किया था। 3) बढ़ती जनसंख्याे को ध्यायन में रखते हुए यहां की कोठियों को अपार्टमेंट में बदल दिया गया है लेकिन यहां के लोगों में मोहब्बखत और अपनापन अभी भी बाकी है। 4) लखनऊ वह शहर है जहां कई वाद्य यंत्र जैसे- सितार, टेबल और नृत्यट जैसे- कत्थंक आदि का जन्म  हुआ है। 5 )  लखनऊ, उर्दू और हिन्दीज भाषा का जन्मा स्थाबन है और इस शहर का भारतीय कविता और साहित्या में काफी योगदान भी रहा है।
यूपी की राजधानी में पर्यटन स्थल / Tourist Attractions in Lucknow:-
https://www.youtube.com/watch?v=IKaN2RW53hk 1) लखनऊ के सबसे खास पर्यटन स्‍थल 'बड़ा इमामबाड़ा', 'शहीद स्मारक', 'रेजीडेंसी' और 'भूल-भुलैय्या' हैं। इसके अतिरक्त 'छोटा इमामबाड़ा', 'हुसैनाबाद क्‍लॉक टॉवर' और 'पिक्‍चर गैलरी' भी दर्शनीय स्मारक हैं। 2) लखनऊ का 'चिड़ियाघर', 'बॉटनिकल गार्डन', 'बुद्ध पार्क', 'कुकरैल फॉरेस्‍ट' और 'सिंकदर बाग' जैसे प्राकृतिक छटा वाले स्‍थल लखनऊ को खास और जरूरत से ज्‍यादा सुंदर बनाते है। 3) लखनऊ के 'कैसरबाग पैलेस', 'तालुकदार हॉल', 'शाह नज़फ इमामबाड़ा', 'बेगम हजरत महल पार्क' और 'रूमी दरवाजा' आदि भारत के सबसे प्रभावशाली वास्‍तु संरचनाओं में से एक हैं। 4) लखनऊ में देश के कई उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थान भी हैं। इनमें से कुछ हैं: 'एस.जी.पी.जी.आई.', 'किंग जार्ज मेडिकल कालेज' और 'बीरबल साहनी अनुसंधान संस्थान'। यहां भारत के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की चार प्रमुख प्रयोगशालाएँ और 'उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी' हैं। 5) लखनऊ में छः विश्वविद्यालय हैं: 'लखनऊ विश्वविद्यालय', 'उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय' (यूपीटीयू), 'राममनोहर लोहिया राष्ट��रीय विधि विश्वविद्यालय' (लोहिया लॉ वि.वि.), 'बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय', 'एमिटी विश्वविद्यालय' एवं 'इंटीग्रल विश्वविद्यालय'। 6) लखनऊ के 'भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय' का नाम यहां के महान संगीतकार 'पंडित विष्णु नारायण भातखंडे' के नाम पर रखा हुआ है। यह संगीत का पवित्र मंदिर है। श्रीलंका, नेपाल आदि बहुत से एशियाई देशों एवं विश्व भर से साधक यहां नृत्य-संगीत की साधना करने आते हैं। 7) विश्व के सबसे पुराने आधुनिक स्कूलों में से एक 'ला मार्टीनियर कॉलेज' भी इस शहर में मौजूद है, जिसकी स्थापना ब्रिटिश शासक क्लाउड मार्टिन की याद में की गयी थी। लखनऊ उत्तरी भारत का एक प्रमुख बाजार एवं वाणिज्यिक नगर ही नहीं, बल्कि उत्पाद एवं सेवाओं का उभरता हुआ केन्द्र भी बनता जा रहा है। लखनऊ में यातायात के सभी साधन उपलब्‍ध है जैसे- हवाई, रेल और सड़क मार्ग। पर्यटक, देश-विदेश के किसी भी कोने से लखनऊ तक आसानी से पहुंच सकते है।  मौसम की दृष्टि से, लखनऊ के भ्रमण का सबसे अच्‍छा समय अक्‍टूबर से मार्च के दौरान होता है। Friends आपको आपके सवाल Uttar Pradesh yani UP ki Rajdhani Kya Hai इसका जवाब तो मिलगया, हम आशा करते है की आपको यह जवाब और information about Lucknow & places to visit in Lucknow पसंद आई होगी. कृपया अपनी राय कमेंट द्वारा हमें बताये. और इस पोस्ट को सोशल मीडिया और व्हाट्सअप्प में जरूर शेयर करे. UP ki Rajdhani Lucknow की और ज्यादा जानकारी विकिपीडिया में पढ़िए. Read the full article
0 notes
indianfasttrack · 4 years
Text
प्रवासियों के लिए विशेष ट्रेन ही सबसे आसान होगा, उत्तर भारतीय नेताओं ने केंद्र से की अपील
प्रवासियों के लिए विशेष ट्रेन ही सबसे आसान होगा, उत्तर भारतीय नेताओं ने केंद्र से की अपील
इस्माइल शेख मुंबई– केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी तीर्थयात्री, पर्यटक और विद्यार्थियों को उनके राज्य, गांव-घर भेजने की अनुमति दे दी है, लेकिन इन्हें भेजने के जरिए पर मुश्किलें आने की संभावनाऐं जताई जा रही है! लंबी दूरी तय करने को लेकर प्रवासियों को होने वाली परेशानियों और राज्य सरकार को आने वाले खर्च को लेकर कई तरह के सुझाव में रेल का सफर ही सबसे आसान और सही दिखाई पड़ रहा…
View On WordPress
0 notes
khabarhimachal · 6 years
Photo
Tumblr media
कल से रोजाना दौड़ेगी शिमला कालका ट्रैक पर पारदर्शी विस्टाडोम कोच शिमला : कालका-शिमला हैरिटेज ट्रेक पर पारदर्शी विस्टाडोम कोच कल यानि 11 दिसंबर से रोजाना दौड़ेगी।पर्यटक कालका से शिमला के बीच के सफर में हसीन वादियों का 360 डिग्री दृश्य करीब से निहार सकेंगे। शिमला रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक प्रिंस सेठी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय रेलवे ने 11 दिसंबर से शिमला-कालका मार्ग पर नियमित आधार पर विस्टाडोम कोच चलाने का फैसला किया है। पर्यटकों को महज 130 रुपए का किराया देकर हसीन वादियों को देखने का मौका मिलेगा जबकि बच्चों के लिए 75 रुपए किराया रखा गया है। पांच साल से कम आयु वाले बच्चों का किराया नहीं लगेगा।ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से भी लोग टिकट बुक कर सकते है। गौरतलब है कि शीशे की छत वाले इस कोच में बैठकर अब सैलानी बाहर का खूबसूरत नजारा देख पाएंगे। डोम कोच के साथ ट्रेन का ट्रायल 11 नवंबर को कालका से शिमला तक पहले ही किया जा चुका है। इस विशेष कोच को तैयार करने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हिमाचल दौरे के समय विभाग को निर्देश दिए थे ।विस्टाडोम कोच की लागत 10 लाख आई है। कोच पूरी तरह शीशे से बना है। इसमें लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। बड़ी खिड़कियों और शीशे की छत से चारों ओर का नजारा सीट पर बैठे ही देखा जा सकेगा।कोच में दो एसी लगे हैं। कोच की छत 12 एमएम शीशे की बनाई गई है। दरवाजों और खिड़कियों पर कठोर शीशे का इस्तेमाल किया गया है। दरवाजों पर स्टील की रेलिंग को भी लगाई गई है।देश में पहली बार विस्टा डोम कोच कालका-शिमला ट्रैक पर चलाया गया है।
0 notes
onlinekhabarapp · 5 years
Text
कोरोनाको असर : विश्व पर्यटनमा ५० अर्ब डलरबराबरको नोक्सानी
२८ फागुन, काठमाडौं । कोरोना भाइरसको संक्रमणका कारण नराम्रोसँग प्रभावित भएको पर्यटन क्षेत्रमा सन् २०२० मा तीन प्रतिशतसम्मको गिरावट आउने प्रक्षेपण गरिएको छ । संयुक्त राष्ट्रसंघीय विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्यूटीओ) गरेको प्रक्षेपण अनुसार सन् २०२० मा विश्वभर १ देखि ३ प्रतिशतसम्मको गिरावट आउने छ ।
सन् २०१९ मा विश्वभर १ अर्ब ४६ करोड मानिस एक मुलुकबाट अर्को मुलुकमा भ्रमणको उद्देश्यले निस्किएको संगठनको तथ्यांक रहेको छ । यसअनुसार विश्वभर करिव ४ करोड ३८ लाख पर्यटक कम हुने संगठनको अनुमान छ ।
सन् २०२० प्रारम्भ भएदेखि नै चीनमा फैलिएको कोरोना संक्रमणले चिनियाँ पर्यटक घुमघाममा निस्कन पाएका छैनन् । चीन जाने लाखौं पर्यटकसमेत रोकिएका छन् । त्यसले समग्र पर्यटनमा नकारात्मक प्रभाव पर्ने अनुमान संगठनले गरेको छ ।
यसअघ�� संगठनले जनवरीको पहिलो साता गरेको प्रक्षेपणमा विश्वभर पर्यटक आगमनमा ३ देखि ४ प्रतिशतसम्मको वृद्धि हुने अनुमान गरेको थियो । पर्यटक आगमनमा हुने गिरावटले पर्यटनमा अुने आयसमेत घट्ने छ ।
सन् २०२० मा ३० देखि ५० अर्ब डलर (५० खर्ब रुपैयाँभन्दा माथि)को क्षति हुने प्रक्षेपण संगठनले गरेको छ । संगठनका अनुसार कोरोनाले सबैभन्दा प्रभावित एशिया तथा एसिया प्रशान्त क्षेत्र हुनेछ । नेपालसमेत यही भेगमा पर्छ ।
संगठनका अनुसार एशिया र एसिया प्रशान्त क्षेत्रमा ९ देखि १२ प्रतिशतसम्मको गिरावट आउने प्रक्षेपण गरिएको छ । यसअघि जनवरीमा गरेको प्रक्षेपणमा यो भेगमा ५ देखि ६ प्रतिशतसम्मको वृद्धि हुने अनुमान थियो ।
अहिले संसारमा बढी घुमघाममा निस्कने पर्यटकमध्ये एशियाली धेरै छन् । जसमा ठूलो जनसंख्या बोकेका चीन र भारतीय बढी हुन्छन् । कोरोना भाइरसको संक्रमण कम गर्न र यसले पर्यटनमा पारेको प्रभाव न्यूनिकरण गर्न संगठनले विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा अन्य एजेन्सीसँग नजिकमा रहेर काम गरिरहेको समेत बताएको छ ।
कोरोनाका कारण हवाइ, जल तथा रेल यातायात प्रभावित हुन, अन्तरराष्ट्रिय व्यापारमा गिरावट आउँदासमेत त्यसले पर्यटन क्षेत्र प्रभावित हुन पुगेको हो ।
नेपालमा के हुन्छ ?
नेपालमा कोरोना प्रभावबारे सरकारले कुनै अध्ययन गरेको छैन । तर, सन् २०२० को पहिलो दुई महिनाको पर्यटकीय तथ्यांक अनुसार करीव २ प्रतिशतको गिरावट देखिएको छ । तर, मार्च महिनामा भने यो संख्या अझै घट्ने निश्चित छ । मार्चमा अन्तर्राष्ट्रिय उडानमा अनेक समस्या शुरु भएका छन् । चीनबाट आउने यात्रु ८० प्रतिशतको गिरावट आइसकेको छ । खाडी मुलुकतर्फको उडानसमेत प्रभावित भएको छ । नेपालमा पर्यटकीय मौसम शुरु भएको छ ।
पर्वतारोहणको सिलसिलामा धेरै पर्यटक चैत–जेठसम्म नेपाल आउने गर्छन् । तर, कोरोना भाइरसका कारण यो सिजन प्रभावित हुने देखिएको छ । सरकारले ८ देशमा अनअराइभल भिसा बन्द गरिसकेको छ । यी मुलुक नेपालमा बढी पर्यटक आउनेमध्ये हुन् ।
युरोप र अमेरिकी मुलुकमा पछिल्ला दिनमा फैलिरहेको कोरोनाका कारण आगामी दिनमा पर्यटन क्षेत्र अझ प्रभावित हुने चिन्ता व्यवसायीमा छ ।
0 notes