#भारत में पीपीई किट क�� कीमत
Explore tagged Tumblr posts
Text
बुंदेलखंड का ‘कोरोना वॉरियर’: सबसे हल्की PPE किट, 5 बार रहेगी फिट
Corona PPE Kit आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के एक प्रफेसर (Professor SM Ishtiaq) ने अनूठी पीपीई किट तैयार की है। इसे देश की सबसे हल्की पीपीई किट (Smallest PPE Kit) बताया जा रहा है। इसे WHO और भारत सरकार से मान्यता मिल गई है।
Edited By Sudhakar Singh | नवभारत टाइम्स | Updated: 24 Jun 2020, 10:17:00 AM IST
कोरोना: इलाज के लिए भारत में आ गई तीसरी दवा
हाइलाइट्स
कोरोना जंग में आईआईटी दिल्ली के प्रफेसर ने बनाई सबसे हल्की पीपीई किट
उरई निवासी प्रफेसर इश्तियाक 290 ग्राम की पीपीई किट बनाने में हुए कामयाब
दो महीने के रिसर्च के बाद फाइबर की प्रॉसेसिंग के जरिए धागा बनाने में सफल
डब्ल्यूएचओ के मानकों से दो दर्जा ऊपर पीपीई किट तैयार, 800 रुपये कीमत
वीर सिंह यादव, लखनऊ कभी बीहड़ और डकैतों के लिए पहचाने जाने वाले यूपी के बुंदेलखंड ने कोरोना से जंग में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जालौन के उरई निवासी प्रफेसर एसएम इश्तियाक ने देश की सबसे कम वजन वाली पीपीई किट बनाकर यूपी का गौरव बढ़ाया है। खास बात यह है कि 290 ग्राम की इस किट को पांच बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तैयार किट को देश में बिक्री के लिए भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ से मान्यता मिल गई है। अब इसे दूसरे देशों में निर्यात के लिए कोलकाता स्थित भारत सरकार के यूनिक सर्टिफिकेट कोड (यूसीसी) के दफ्तर में आवेदन किया गया है। लॉकडाउन में उरई में फंसे, फिर आया आइडिया आईआईटी दिल्ली के डिपार्टमेंट ऑफ टेक्सटाइल टेक्नॉलजी में तैनात प्रफेसर ने बताया कि देश में लॉकडाउन लगने के समय वह उरई में थे और कहीं जा नहीं सके। इसी दौरान उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाली और आरामदायक पीपीई किट तैयार करने का आइडिया आया। इसके बाद तुरंत उन्होंने एक परिचित की मदद से कानपुर स्थित एक औद्योगिक इकाई से संपर्क कर क��्चे माल की डिमांड की।
पढ़ें: कोरोना का रेकॉर्ड, 7 दिन में 1 लाख नए केस
कोरोना के इलाज के लिए आ गई ये दवामुंबई की कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कोविड-19 से मामूली रूप से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एक दवा बनाई है। यह एक तरह की एंटीवायरल दवा है। इस एंटीवायरस दवा फेवि पिराविर को फैबि फ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है।
डब्ल्यूएचओ मानक से दो दर्जा ऊपर, कीमत 800 रुपये फायर सिक्यॉरिटी से जुड़े उपकरण बनाने वाली इकाई ने अनुबंध के तहत रॉ-मटीरियल उपलब्ध करवाया। मटीरियल पर करीब दो महीने के शोध के बाद वह फाइबर की प्रॉसेसिंग कर धागे बनाने में सफल हुए। इस तरह मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ और डब्ल्यूएचओ के मानकों से दो दर्जा ऊपर यानी लेवल-5 (14 किलोपास्कल) की पीपीई किट तैयार की। इसे सरकार की स्वीकृति के बाद बीते महीने कानपुर की कंपनी ने व्यावसायिक अनुबंध के तहत बाजार में 800 रुपये में उतार दिया है।
फाइबर को बनाया किट का आधार प्रफेसर इश्तियाक कहते हैं कि किट का बजट शुरू से हमारे केंद्र में रहा। इसे ध्यान में रखते हुए हमने फाइबर को आधार बनाया। सबसे पहले फाइबर को प्रॉसेस करके धागे बनाए गए। सफोकेशन न हो, इसके लिए इसे कपड़े की स्टेज तक ले गए। इसके बाद पॉलियूरिथीन की कोडिंग की। इसके बाद ऐंटी बैक्टीरियल ट्रीटमेंट किया गया।
कोरोना: लॉन्च होते ही रामदेव की दवा को झटकाभारत सरकार ने पतंजलि से कोरोना वायरस की दवा का विज्ञापन बंद करने को कहा है। सरकार ने कहा कि अभी इस दवा की वैज्ञानिक जांच नहीं हुई और उनको इस बारे में नहीं पता, इसलिए अभी तत्काल प्रभाव से इसका प्रचार प्रसार रोका जाए।
किट को पांच बार उपयोग करें प्रफेसर इश्तियाक ने बताया कि यह किट बाजार में उपलब्ध पीपीई किट से काफी अलग है। इसे एक बार उपयोग के बाद सोडियम हाइड्रो क्लोराइड और हाइड्रोजन पर ऑक्साइड के घोल में 30 मिनट भिगाकर सुखाने के बाद दोबारा प्रयोग किया जा सकता है। ऐसा करके किट को पांच बार उपयोग में लाया जा सकता है।
प्रफेसर इश्तियाक कहते हैं, ‘हमारे छोटे से प्रयास से प्रधा��मंत्री के आत्मनिर्भर भारत के मिशन को बल मिला है। हमार��� प्रयास है कि इस किट को दूसरे देशों में निर्यात किया जाए, ताकि देश के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ सकें।’
प्रफेसर इश्तियाक की अनूठी खोज
Web Title corona warrior of bundelkhand smallest ppe kit may used upto five times(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
lucknow News से जुड़े हर ताज़ा अपडेट पाने के लिए NBT के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें
रेकमेंडेड खबरें
बिजनौर के रहने वाले 4 सगे भाई 13 जून को गए थे पुणे, नदी में ..
Adv: बेड, गद्दे पर मिल रही 50% तक की छूट
बिजनौर के रहने वाले 4 सगे भाई 13 जून को गए थे पुणे, नदी में ..
केन के गोल से टोटेनहैम ने वेस्ट हैम को 2-0 से हराया
सेंट लूसिया टी10 ब्लास्ट 2020 शेड्यूल, कब और कहां खेले जाएंग..
रूस ने चीन की नहीं सुनी, ‘दोस्त’ भारत को जल्द देगा S-400 मि..
बीजेपी चीफ जेपी नड्डा का राहुल पर हमला, एक खारिज राजवंश पूरे..
कोरोना: हफ्ते भर में एक लाख से ज्यादा केस, नए मामलों का रेक..
क्या बीजेपी MLA ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से लिया 3 साल पुरान..
Delhi-NCR Monsoon LIVE: भीगने को तैयार दिल्ली-एनसीआर, मॉनसू..
RPSC 1st Grade Teacher Result 2020: फर्स्ट ग्रेड टीचर रिजल्ट..
ये 5 संकेत मिल रहे हैं तो अब शिशु को दे सकते हैं ठोस आहार
शानदार ऑफर में खरीदें Redmi Note 9 Pro Max, दोपहर 12 बजे सेल..
Stomach tightening during pregnancy : जानिए प्रेग्नेंसी में..
एक परफेक्ट बहू हैं दीपिका पादुकोण, सास की गिफ्ट की गई साड़ी क..
Source link
from WordPress https://ift.tt/319VTIR
0 notes
Text
बुंदेलखंड का ‘कोरोना वॉरियर’: सबसे हल्की PPE किट, 5 बार रहेगी फिट
Corona PPE Kit आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के एक प्रफेसर (Professor SM Ishtiaq) ने अनूठी पीपीई किट तैयार की है। इसे देश की सबसे हल्की पीपीई किट (Smallest PPE Kit) बताया जा रहा है। इसे WHO और भारत सरकार से मान्यता मिल गई है।
Edited By Sudhakar Singh | नवभारत टाइम्स | Updated: 24 Jun 2020, 10:17:00 AM IST
कोरोना: इलाज के लिए भारत में आ गई तीसरी दवा
हाइलाइट्स
कोरोना जंग में आईआईटी दिल्ली के प्रफेसर ने बनाई सबसे हल्की पीपीई किट
उरई निवासी प्रफेसर इश्तियाक 290 ग्राम की पीपीई किट बनाने में हुए कामयाब
दो महीने के रिसर्च के बाद फाइबर की प्रॉसेसिंग के जरिए धागा बनाने में सफल
डब्ल्यूएचओ के मानकों से दो दर्जा ऊपर पीपीई किट तैयार, 800 रुपये कीमत
वीर सिंह यादव, लखनऊ कभी बीहड़ और डकैतों के लिए पहचाने जाने वाले यूपी के बुंदेलखंड ने कोरोना से जंग में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जालौन के उरई निवासी प्रफेसर एसएम इश्तियाक ने देश की सबसे कम वजन वाली पीपीई किट बनाकर यूपी का गौरव बढ़ाया है। खास बात यह है कि 290 ग्राम की इस किट को पांच बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तैयार किट को देश में बिक्री के लिए भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ से मान्यता मिल गई है। अब इसे दूसरे देशों में निर्यात के लिए कोलकाता स्थित भारत सरकार के यूनिक सर्टिफिकेट कोड (यूसीसी) के दफ्तर में आवेदन किया गया है। लॉकडाउन में उरई में फंसे, फिर आया आइडिया आईआईटी दिल्ली के डिपार्टमेंट ऑफ टेक्सटाइल टेक्नॉलजी में तैनात प्रफेसर ने बताया कि देश में लॉकडाउन लगने के समय वह उरई में थे और कहीं जा नहीं सके। इसी दौरान उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाली और आरामदायक पीपीई किट तैयार करने का आइडिया आया। इसके बाद तुरंत उन्होंने एक परिचित की मदद से कानपुर स्थित एक औद्योगिक इकाई से संपर्क कर कच्चे माल की डिमांड की।
पढ़ें: कोरोना का रेकॉर्ड, 7 दिन में 1 लाख नए केस
कोरोना के इलाज के लिए आ गई ये दवामुंबई की कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कोविड-19 से मामूली रूप से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एक दवा बनाई है। यह एक तरह की एंटीवायरल दवा है। इस एंटीवायरस दवा फेवि पिराविर को फैबि फ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है।
डब्ल्यूएचओ मानक से दो दर्जा ऊपर, कीमत 800 रुपये फायर सिक्यॉरिटी से जुड़े उपकरण बनाने वाली इकाई ने अनुबंध के तहत रॉ-मटीरियल उपलब्ध करवाया। मटीरियल पर करीब दो महीने के शोध के बाद वह फाइबर की प्रॉसेसिंग कर धागे बनाने में सफल हुए। इस तरह मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ और डब्ल्यूएचओ के मानकों से दो दर्जा ऊपर यानी लेवल-5 (14 किलोपास्कल) की पीपीई किट तैयार की। इसे सरकार की स्वीकृति के बाद बीते महीने कानपुर की कंपनी ने व्यावसायिक अनुबंध के तहत बाजार में 800 रुपये में उतार दिया है।
फाइबर को बनाया किट का आधार प्रफेसर इश्तियाक कहते हैं कि किट का बजट शुरू से हमारे केंद्र में रहा। इसे ध्यान में रखते हुए हमने फाइबर को आधार बनाया। सबसे पहले फाइबर को प्रॉसेस करके धागे बनाए गए। सफोकेशन न हो, इसके लिए इसे कपड़े की स्टेज तक ले गए। इसके बाद पॉलियूरिथीन की कोडिंग की। इसके बाद ऐंटी बैक्टीरियल ट्रीटमेंट किया गया।
कोरोना: लॉन्च होते ही रामदेव की दवा को झटकाभारत सरकार ने पतंजलि से कोरोना वायरस की दवा का विज्ञापन बंद करने को कहा है। सरकार ने कहा कि अभी इस दवा की वैज्ञानिक जांच नहीं हुई और उनको इस बारे में नहीं पता, इसलिए अभी तत्काल प्रभाव से इसका प्रचार प्रसार रोका जाए।
किट को पांच बार उपयोग करें प्रफेसर इश्तियाक ने बताया कि यह किट बाजार में उपलब्ध पीपीई किट से काफी अलग है। इसे एक बार उपयोग के बाद सोडियम हाइड्रो क्लोराइड और हाइड्रोजन पर ऑक्साइड के घोल में 30 मिनट भिगाकर सुखाने के बाद दोबारा प्रयोग किया जा सकता है। ऐसा करके किट को पांच बार उपयोग में लाया जा सकता है।
प्रफेसर इश्तियाक कहते हैं, ‘हमारे छोटे से प्रयास से प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के मिशन को बल मिला है। हमारा प्रयास है कि इस किट को दूसरे देशों में निर्यात किया जाए, ताकि देश के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ सकें।’
प्रफेसर इश्तियाक की अनूठी खोज
Web Title corona warrior of bundelkhand smallest ppe kit may used upto five times(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
lucknow News से जुड़े हर ताज़ा अपडेट पाने के लिए NBT के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें
रेकमेंडेड खबरें
बिजनौर के रहने वाले 4 सगे भाई 13 जून को गए थे पुणे, नदी में ..
Adv: बेड, गद्दे पर मिल रही 50% तक की छूट
बिजनौर के रहने वाले 4 सगे भाई 13 जून को गए थे पुणे, नदी में ..
केन के गोल से टोटेनहैम ने वेस्ट हैम को 2-0 से हराया
सेंट लूसिया टी10 ब्लास्ट 2020 शेड्यूल, कब और कहां खेले जाएंग..
रूस ने चीन की नहीं सुनी, ‘दोस्त’ भारत को जल्द देगा S-400 मि..
बीजेपी चीफ जेपी नड्डा का राहुल पर हमला, एक खारिज राजवंश पूरे..
कोरोना: हफ्ते भर में एक लाख से ज्यादा केस, नए मामलों का रेक..
क्या बीजेपी MLA ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से लिया 3 साल पुरान..
Delhi-NCR Monsoon LIVE: भीगने को तैयार दिल्ली-एनसीआर, मॉनसू..
RPSC 1st Grade Teacher Result 2020: फर्स्ट ग्रेड टीचर रिजल्ट..
ये 5 संकेत मिल रहे हैं तो अब शिशु को दे सकते हैं ठोस आहार
शानदार ऑफर में खरीदें Redmi Note 9 Pro Max, दोपहर 12 बजे सेल..
Stomach tightening during pregnancy : जानिए प्रेग्नेंसी में..
एक परफेक्ट बहू हैं दीपिका पादुकोण, सास की गिफ्ट की गई साड़ी क..
Source link
from WordPress https://hindi.khabaruttarakhandki.in/%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a4%bf/
0 notes