#पुरानी पेंशन देने वाले राज्य
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नई दिल्ली। देशभर में old pension पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग तेजी से हो रही है। कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने कुछ केंद्रीय कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने का ऐलान किया है। जिसके बाद अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग पर विचार करने के लिए सीनियर अधिकारियों की एक समिति की घोषणा की है। अधिकारियों ने बताया कि समिति तय समय में अपनी रिपोर्ट देगी। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में लगभग 18 लाख सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इससे पहले सरकार और कर्मचारी यूनियन के बीच बैठक भी हुई, लेकिन वह बेनतीजा रही। वहीं दूसरी ओर मुख्यंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकारी कर्मचारियों से ��ड़ताल पर नहीं जाने की अपील की। सरकार का मनना है कि हड़ताल से प्रशासन का कामकाज प्रभावित हो सकता है। शिंदे की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें फडणवीस, विधानसभा और परिषद में विपक्ष के नेता क्रमश: अजीत पवार और अंबादास दानवे, मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) मनोज सौनिक और राज्य के सरकारी कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। शिंदे ने बैठक में कहा कि ओपीएस लागू करने वाले राज्यों की तरफ से इसके लिये कोई योजना या रणनीति पेश नहीं की गई है। इस बीच आम आदमी पार्टी ने ओपीएस की बहाली के लिए समर्थन व्यक्त किया है जैसा कि पंजाब में (भगवंत मान) सरकार ने किया है। आपको बता दें कि पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था।
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राजस्थान विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान दिए गए जवाब में कहा कि राज्य सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन से बजट 2023-24 में युवा, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, सड़क, सामाजिक सुरक्षा, पेंशनधारियों सहित हर क्षेत्र के सर्वोंगीण विकास के लिए घोषणाएं की गई हैं। बजट की पूरे देश में चर्चा और सराहना हो रही है। सभी घोषणाएं निश्चित रूप से धरातल पर उतरेगी। इस बजट डॉक्यूमेंट को हर राज्य के मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है, ताकि वे इसे आधार मानकर आमजन को लाभ पहुंचा सके। हमारे वित्तीय प्रबंधन से ही राजस्थान देश में जीडीपी की विकास दर में भी दूसरे स्थान पर आ गया है। बजट चर्चा का जवाब देते हुए आगामी वर्ष में 1 लाख भर्तियों की भी घोषणा की।
राज्य सरकार समावेशी बजट, कुशल वित्तीय प्रबंधन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बढ़ते दायरे के कारण प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है। प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं। बताया कि वर्ष 2022-23 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 56 हजार 149 रही, जो कि गत वर्ष से 14.85 प्रतिशत अधिक है। पिछले 11 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय में सर्वाधिक वृद्धि गत वर्ष 18.10 प्रतिशत और इस वर्ष 14.85 प्रतिशत रही है। राज���्थान की प्रति व्यक्ति आय में पिछले 4 वर्षाें में 10.01 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई है, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह वृद्धि 7.89 प्रतिशत ही रही है।
गत 3 वर्षों में राजस्थान अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले पिछडे़ राज्यों से निकलकर अग्रणी राज्यों में खड़ा हो गया है। सांख्यिकी कार्यक्रम इम्प्लीमेंटेशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अगस्त, 2022 में जारी विभिन्न राज्यों की जीएसडीपी के अनुसार विभिन्न राज्यों में गत 10 वर्षों में रही वृद्धि दर के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि वाले राज्यों में राजस्थान का स्थान अग्रणी रहा है।
पिछली सरकार के समय में वर्ष 2016-17 में 21वें, वर्ष 2017-18 में 30वें और वर्ष 2018-19 में 19वें स्थान पर रहा था। वहीं, राज्य सरकार की कुशल आर्थिक नीतियों के कारण सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में राजस्थान वर्ष 2019-20 में 12वें, वर्ष 2020-21 में 10वें और वर्ष 2021-22 में 9वें स्थान पर रहा है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 5 साल के कार्यकाल में शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, जल एवं स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा एवं सेवाएं, सड़क एवं पुल आदि क्षेत्रों में कुल 3,06,479.23 करोड़ रुपए खर्च किए। वहीं, वर्तमान सरकार द्वारा 2,26,280 करोड़ रुपए अधिक खर्च किए गए है।
13 जिलों की जनता के लिए पानी उपलब्धता के लिए ईआरसीपी में 13 हजार 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री ने हाल ही ईआरसीपी में राजस्थान-मध्यप्रदेश को शामिल कर नया विषय खड़ा कर दिया गया है। कर्नाटक में 21 हजार 450 करोड़ रुपए के ऊपरी भद्रा प्रोजेक्ट को हालांकि राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा तो नहीं दिया, लेकिन केंद्र द्वारा 5300 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया है। वहीं, राजस्थान को इस संबंध में राहत प्रदान नहीं ��ी गई। वहीं, केंद्र सरकार की प्रस्तावित योजना में 2 लाख हैक्टेयर जमीन की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलेगा।
मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की। इस बजट में बोर्ड, निगम सहित सभी के लिए ओपीएस की घोषणा की गई है। इससे कार्मिकों का भविष्य सुरक्षित होगा और उनकी चिंताएं दूर होंगी। राज्य सरकार द्वारा बजट में लम्पी रोग में अकाल मृत्यु प्राप्त गायों के परिवारों को 40 हजार रुपए प्रति गाय दिए जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही प्रति परिवार 2-2 दुधारू पशुओं का बीमा किया है। गत सरकार द्वारा 4 साल में 143 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया, जबकि वर्तमान में 2313 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने हर क्षेत्र के बजट में कटौती की है। पर्यावरण वानिकी में 40 प्रतिशत, सीमा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम में 71.73 प्रतिशत, राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 17.54 प्रतिशत, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में 30.47 प्रतिशत, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 32.90 प्रतिशत, पशुधन सहायक और रोग नियंत्रण ��ार्यक्रम में 30 प्रतिशत, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य मिशन में 71.19 प्रतिशत, महात्मा गांधी नरेगा योजना में 32.88 प्रतिशत की लगभग कटौती की गई। इसके साथ ही मिड-डे मील में लगभग 10 प्रतिशत, यूरिया सब्सिडी में 14 प्रतिशत, अनुसंधान में 13 प्रतिशत, आईसीडीएफ में 38 प्रतिशत, एनएफएसए में 17 प्रतिशत, इलेक्ट्रोनिक एवं आईटी हार्डवेयर में 41 प्रतिशत, अटल पेंशन योजना में 28 प्रतिशत, पवन ऊर्जा में 14 प्रतिशत, आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना में 7 प्रतिशत की लगभग कटौती की गई है।
केंद्र का सकल कर 33 लाख 52 हजार 79 करोड़ रुपए है। इसका राज्यों को देय 41 प्रतिशत यानी 13 लाख 74 हजार 352 करोड़ रुपए होता है। यह राज्यों में वितरित होना चाहिए, जबकि केंद्र द्वारा 30 से 33 प्रतिशत हिस्सा ही राज्यों को हस्तांतरित किया जाता है। इसमें राजस्थान का हिस्सा लगभग 6.026 प्रतिशत है, जिसमें 82 हजार 818 करोड़ रुपए राजस्थान को मिलने चाहिए। केंद्रीय बजट वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्थान के लिए 61 हजार 552 करोड़ रुपए रखा गया। इसमें राजस्थान को 21 हजार 266 करोड़ रुपए कम मिलेंगे। इसके लिए पक्ष-विपक्ष को मिलकर राजस्थान के हित में केंद्र सरकार से मांग करनी चाहिए।
15वें वित्त आयोग ने राज्यों का हिस्सा 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत बढ़ाया, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा राज्यों का हिस्सा कम दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन में केंद्र का शेयर 100 प्रतिशत था, जिसे अब राज्य का 40 और केंद्र का 60 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में केंद्र पर 100 प्रतिशत शेयर को अब 40ः60, समेकित बाल विकास सेवाएं में 10ः90 को अब 40ः60, प्रोजेक्ट टाइगर में 15ः85 को 40ः60, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 25ः75 को 40ः60, मरूस्थलीय क्षेत्रों में सिंचाई निर्माण में 10ः90 को अब 40ः60, इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 25ः75 को अब 50ः50, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 25ः75 को अब 40ः60, समेकित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में 0ः100 को अब 40ः60 और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 0ः100 शेयर पैटर्न को अब 40ः60 प्रतिशत कर दिया गया है।
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पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने वाले राज्यों को लगा झटका, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिया यह फैसला
पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने वाले राज्यों को झटका लगा है। दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई पेंशन योजना (एनपीएस) के लिए अलग रखे गए पैसे को राज्य सरकारों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के लिए देने से इनकार कर दिया है। from India TV Hindi: paisa Feed https://ift.tt/UWHAOER via IFTTT from Blogger https://ift.tt/C58d1eO via IFTTT
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हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम पर आज मिल सकती है खुशखबरी, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिए संकेत
हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम पर आज मिल सकती है खुशखबरी, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिए संकेत
सुक्खू ने कहा, ''ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी। हमने इस संबंध में आज बैठक बुलाई है। हम राज्य के विकास में योगदान देने वाले अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने जा रहे हैं।'' #हमचल #परदश #म #ओलड #पशन #सकम #पर #आज #मल #सकत #ह #खशखबर #सएम #सखवदर #सह #सकख #न #दए #सकत
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High Court BOMBAY :जीने के अधिकार से जुड़ा है पेंशन, जरा भी कटौती बर्दाश्त नहीं
High Court BOMBAY :जीने के अधिकार से जुड़ा है पेंशन, जरा भी कटौती बर्दाश्त नहीं
Highcourt Bombay
Highlight पेशन मौलिक अधिकार का हिस्सा भारत के संविधान के अनुच्छेद 300-ए के तहत रिटायर्ड कर्मचारियों की देय पेंशन 'संपत्ति' हैभारत के संविधान के अनुच्छेद-21के तहत आजीविका के लिए गठित एक मौलिक अधिकार
पेंशन मौलिक अधिकारों का एक हिस्सा : BOMBAY HIGHCOURT
मुंबई हाई कोर्ट के नागपुर बैंच ने एक मामले पर टिप्पणी करते हुए गुरुवार को कहा कि पेंशन मौलिक अधिकारों का एक हिस्सा है…
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#पुरानी पेंशन#पुरानी पेंशन कब लागू होगी#पुरानी पेंशन देने वाले राज्य#पुरानी पेंशन बहाली#बाम्बे#सुप्रीम कोर्ट जजमेंट ों ओल्ड पेंशन स्कीम#हाइकोर्ट#bombay#bombay highcourt
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बिहार में सरकार को चेतावनी! राज्य भर के कर्मचारियों ने किया ऐतिहासिक आंदोलन का ऐलान।
पटना न्यूज़ डेस्क: बिहार में इस बार सरकार पुरानी पेंशन योजना, शिक्षकों का बकाया वेतन एरियर सहित, स्नातक ग्रेड प्रोन्नति और अन्य कई मुद्दों पर घिरती दिख रही है। इन मुद्दों को लेकर शिक्षक संघ और अन्य सरकारी कर्मचारी संघ पूर�� तरह तैयार दिक् रही है कि अब नहीं तो कब ? बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर पंचायती राज एवं नगर निकाय प्रारंभिक शिक्षकों की समस्याओं का समाधान निरंकर नहीं हुआ, तो अगस्त में सरकार के विरुद्ध राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। इन मुद्दों पर करने होंगे विचार विमर्श बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने बताया कि 12 वर्ष की सेवा पूर्ण कर के पश्चात् C- ग्रेड के शिक्षकों को वेतन का लाभ, स्नातक योग्यता धारियों को 8 वर्ष के उपरांत स्नातक ग्रेड में सेवा पूर्ण करने वाले अध्यापकों की अनुकंपा नियुक्ति जैसे मुद्दे पर इस से पहले मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, और शिक्षा विभाग को ज्ञापन भी दिया गया है। पुरानी पेंशन योजना लागू की मांग हुई तेज़ कर्मचारियों ने सरकार की लचर हालत को देखते हुए कहा कि अब बहुत हो गया। लगातार ऐसी स्थिति बर्दाश्त के काबिल नहीं। और जल्द से जल्द बिना किसी बहाना बाजी के बिहार में भी पुरानी पेंशन योजना लागू करे। नहीं, तो होगा ऐतिहासिक आन्दोल यदि बिहार सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं करती है, तो बिहार में इस बार 4 लाख नियोजित शिक्षकों के साथ ही साथ लाखों सरकारी कर्मचारी और उनसे जुड़े लोगों को ऐतिहासिक आन्दोल करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। और यह आंदोलन अब तक देश में हुए आंदोलनों में सब से बड़ा आंदोलन होगा। सरकार को याद दिलाते हुए कहा कि इस वक्त राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी एक जुट हो चुके हैं। अब तो है डबल इंजन की सरकार उन्होंने इसके बाद आगे यह भी कहा कि अब तो बिहार सरकार के लिए धन की कोई कमी नहीं है, कियोकि अब तो केंद्र और राज्य दोनों ही जगह डबल इंजन की बीजेपी सरकार है। इस लिए अब तो किसी किस्म की दिक्कत नहीं होनी चाहिए है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि देश में गैर बीजेपी सरकार वाले राज्यों ने अपने अपने राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने पर फैसला ले चुकी है। और तो और अब तो हमारे पड़ोसी राज्य झारखंड ने भी अपने राज्य में पुरानी पेंशन योजना को पुनः बहाल कर दिया है। इसे भी पढ़ें: शिक्षा विभाग: वेतन और नियुक्त पत्र जारी न करने पर स्कूलों को ताला लगा कर शिक्षक एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार। Read the full article
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऋषिकेश एम्स में क्या ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन,भारत ने मेडिकल ऑक्सीजन का प्रॉडक्शन 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ाया - मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऋषिकेश एम्स में क्या ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन,भारत ने मेडिकल ऑक्सीजन का प्रॉडक्शन 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ाया - मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देवभूमि उत्तराखंड की योग नगरी ऋषिकेश ने ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करते हुए कहां कि उत्तराखंड ऋषियों की तपोस्थली रही है और ��ोग नगरी के रूप में विश्व के लोगों को आकर्षित करती है। यहां से मां गंगा का सभी को आशीर्वाद निरंतर मिल रहा है।
उन्होंने ओलंपिक में अपना झंडा गाड़ने वाले हैं उत्तराखंड के खिलाड़ियों के लिए सभी को बधाई देने के बाद कहा उत्तराखंड से उनका मर्म का और कर्म का नाता रहा है।आज से नवरात्र का पावन पर्व भी शुरु हो रहा है।आज प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है।मां शैलपुत्री, हिमालय पुत्री हैं।और आज के दिन मेरा यहां होना, यहां आकर इस मिट्टी को प्रणाम करना, हिमालय की इस धरती को प्रणाम करना, इससे बड़ा जीवन में कौन सा धन्य भाव हो सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के ही दिन 20 साल पहले मुझे जनता की सेवा का एक नया दायित्व मिला था।लोगों के बीच रहकर, लोगों की सेवा करने की मेरी यात्रा तो कई दशक पहले से चल रही थी, लेकिन आज से 20 वर्ष पूर्व, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे नई जिम्मेदारी मिली थी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से लड़ाई के लिए इतने कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार कीं,हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। सिर्फ 1 टेस्टिंग लैब से करीब 3 हजार टेस्टिंग लैब्स का नेटवर्क,मास्क और किट्स के आयातक से निर्यातक बनने का सफर,देश के दूर-दराज वाले इलाकों में भी नए वेंटिलेटर्स की सुविधाएं,मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन का तेज़ी से और बड़ी मात्रा में निर्माण,दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान,भारत ने जो कर दिखाया है, वो हमारी संकल्पशक्ति, हमारे सेवाभाव, हमारी एकजुटता का प्रतीक है।
सामान्य दिनों में भारत में एक दिन में 900 मीट्रिक टन, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का प्रॉडक्शन होता था।डिमांड बढ़ते ही भारत ने मेडिकल ऑक्सीजन का प्रॉडक्शन 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ाया।ये दुनिया के किसी भी देश के लिए अकल्पनीय लक्ष्य था, लेकिन भारत ने इसे हासिल करके दिखाया।ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है।बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएंगे।भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है।
आज सरकार इस बात का इंतज़ार नहीं करती कि नागरिक उसके पास अपनी समस्याएं लेकर आएंगे तब कोई कदम उठाएंगे।सरकारी माइंडसेट और सिस्टम से इस भ्रांति को हम बाहर निका�� रहे हैं।अब सरकार नागरिक के पास जाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है।6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं ।सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो।
उत्तराखंड के निर्माण का सपना अटल जी ने पूरा किया था। अटल जी मानते थे कनेक्टिविटी का सीधा कनेक्शन विकास से है। उन्हीं की प्रेरणा से आज देश में कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अभूतपूर्व स्पीड और स्केल पर काम हो रहा है।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने से पहले उत्तराखंड के सिर्फ 1 लाख 30 हजार घरों में ही नल से जल पहुंचता था।आज उत्तराखंड के 7 लाख 10 हजार से ज्यादा घरों में नल से जल पहुंचने लगा है।यानि सिर्फ 2 वर्ष के भीतर राज्य के करीब-करीब 6 लाख घरों को पानी का कनेक्शन मिला है।
हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है।ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की।
ऑक्सीजन प्लांट उद्घाटन के अवसर पर उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि एम्स, ऋषिकेश में इस प्लांट कि स्थापना से प्रदेशवासियों और आस-पास के क्षेत्र के लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का एम्स, ऋषिकेश सहित वर्चुअल माध्यम से देशभर के मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में स्थापित 35 ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण करने पर और चार धाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की सौगात देने के लिए सभी प्रदेशवासियों की ओर से सहृदय आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त गुरमीत सिंह भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, सांसद अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ,मंत्री धन सिंह रावत आदि अन्य राज्यों से आए मंत्री भी मौजूद मौजूद थे।
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आधार कार्ड के लिए ���वेदन कैसे करें? स्टेप बाई स्टेप गाइड | How to Apply for Aadhar Card? Step by Step Guide
दोस्तों जैसा की आप जानते हैं की Aadhaar Card हमारे दैनिक जीवन में बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो रहा है, और आज के समय में Aadhar Card की हर जगह आवश्यकता पड़ती रहती है| Aadhar Card के बिना आप न Bank Account खोल सकत�� हैं ना ही Loan ले सकते हैं और ना ही Sim Card खरीद सकते हैं|बिना आधार कार्ड के आपकी पहचान को स्थापित करना बहुत ही कठिन है और भारत सरकार ने हर उम्र के व्यक्ति के लिए Aadhar Card बनवाना अनिवार्य किया है| आज कल सभी प्रकार के सरकारी या गैर सरकारी कार्यो के लिए Aadhar की आवश्यकता होती है और कहीं कहीं तो इसे अनिवार्य डॉक्यूमेंट के रूप में भी चिन्हित किया जाता है|आपको Legal Documents बनवाने हों, Car या Motorbike खरीदनी हो, Insurance करवाना हो या Loan लेने और Flat/House खरीदने जैसे कार्य करने हो इन सभी कार्यो के लिए Aadhar Card आपकी व्यक्तिगत प्रमाणिकता को स्थापित करने का सबसे उपयुक्त और प्रमाणिक डॉक्यूमेंट है| इसलिए दोस्तों आज मैं आपको Aadhar Card से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी इस एक ही पोस्ट में देने का प्रयास करूंगा| इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा की अपना Aadhar Card बनवाने की लिए आपको क्या करना होगा और UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट इसमें आपकी किस प्रकार मदद कर सकती है और UIDAI की वेबसाइट पर उपलब्ध आधार सर्विसेज का लाभ कैसे उठा सकते हैं| इसके साथ ही आधार कार्ड की इसी सीरीज के अगले पोस्ट में Aadhar Card को अपने Mobile Number, Bank Account और PAN Card से कैसे लिंक किया जाये? इसकी भी सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास करूंगा| मुझे विश्वास है की Aadhar Card पर आधारित यह पोस्ट आपका ज्ञानवर्धन करने में सक्षम रहेगी| Table of Contents
Aadhar Card क्या है? | What is Aadhar Card?
दोस्तों आगे बढ़ने से पहले ये जान लेते हैं की Aadhar Card क्या है? और इसकी हमें आवश्यकता क्यों है? दोस्तों Aadhar Card एक व्यक्तिगत पहचान पत्र (Personal Identity Card) है जो एक भारतीय नागरिक के तौर पर हमारी पहचान को स्थापित करता है| इसके साथ ही Aadhar Card कहीं भी हमारी व्यक्तिगत प्रमाणिकता सिद्ध करने के लिए एक आवश्यक डॉक्यूमेंट के रूप में काम आता है|लेकिन दोस्तों आप Aadhar Card को नागरिकता प्रमाण समझने की भूल न करें यह केवल एक पहचान पत्र है न की नागरिकता का प्रमाण पत्र अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें| Aadhar Number 12 अंको की एक यूनिक संख्या है जो हर एक व्यक्ति के लिए अलग होती है और किन्ही दो व्यक्तियों का एक ही Aadhar Number नहीं हो सकता है Aadhar Card में व्यक्ति के बॉयोमीट्रिक्स डाटा जैसे फिंगरप्रिंट्स और आईरिस सेव रहते हैं, चूंकि व्यक्ति के फिंगरप्रिंट्स और आईरिस कभी भी और कैसे भी बदले नहीं जा सकते हैं| इसीलिए आधार के द्वारा किसी व्यक्ति की सबसे सटीक और त्रुटिहीन पहचान की जा सकती है| Aadhar Number, भारत सरकार के उपक्रम Unique Identification Authority of India (UIDAI) के द्वारा जारी किया जाता है| यह आधार नंबर व्यक्ति के ��म्पूर्ण जीवन काल तक एक ही रहता है और इसे कुछ विशेष परिस्थितियों में ही बदला जा सकता है|
Aadhar Card के लिए Apply कैसे करें? | How to Apply For Aadhar - Step by Step
दोस्तों, सबसे पहले मैं आपकी इस शंका का समाधान कर देता हूँ, की क्या आप Aadhar Card के लिए Online Apply कर सकते हैं? दोस्तों, इसका उत्तर है "नहीं" और ऐसा इसलिए है क्योकि Aadhar Card के लिए आपके बॉयोमीट्रिक्स जैसे की फिंगरप्रिंट्स और आईरिस स्कैन की आवश्यकता होती है जो की ऑनलाइन कर पाना सम्भव नहीं है| इसीलिए आपको अपना Aadhar Card बनवाने के लिए आधिकारिक Aadhar Enrollment Center पर जाना अनिवार्य है| एक बार जब आपका Aadhar Card बन जाता है है तब आप आधार सम्बंधित निम्नलिखित ऑनलाइन सर्विसेज का लाभ उठा सकते हैं| - आधार सत्यापित करें | Verify Aadhar - रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल आयडी सत्यापित करें | Verify Registered Mobile Number or E-Mail ID - आधार पुनः प्राप्त करें | Retrieve Aadhar - वीआईडी बनाये | Generate VID - ऑफलाइन आधार सत्यापन | Offline Aadhar Verification - आधार लिंकिंग स्टैटस | Aadhar Linking Status - अपने बॉयोमीट्रिक्स को सुरक्षित करें | Secure Your Biometrics - प्रमाणीकरण पूर्व - विवरण आधार बनाने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स | Documents Required for Aadhar दोस्तों, आधार बनवाने के लिए कुछ डाक्यूमेंट आवश्यक है जिनकी लिस्ट यहाँ दी गयी है: पहचान प्रमाण के लिए डाक्यूमेंट्स | POI (Proof of Identity) Documents Containing Name and Photo - पासपोर्ट | Passport - पैन कार्ड | PAN Card - राशन/पीडीएस फोटो कार्ड | Ration/ PDS Photo Card - वोटर आईडी | Voter ID - ड्राइविंग लाइसेंस | Driving License - सरकारी फोटो पहचान पत्र / पीएसयू द्वारा जारी सेवा फोटो पहचान पत्र | Government Photo ID Cards/ Service photo identity card issued by PSU - नरेगा जॉब कार्ड | NREGA Job Card - मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र | Photo ID issued by Recognized Educational Institution - शस्त्र लाइसेंस | Arms License - फोटो बैंक एटीएम कार्ड | Photo Bank ATM Card - फोटो क्रेडिट कार्ड | Photo Credit Card - पेंशनभोगी फोटो कार्ड | Pensioner Photo Card - स्वतंत्रता सेनानी फोटो कार्ड | Freedom Fighter Photo Card - किसान फोटो पासबुक | Kissan Photo Passbook - सीजीएचएस/ईसीएचएस फोटो कार्ड | CGHS/ ECHS Photo Card संबंध का प्रमाण डाक्यूमेंट्स जिसमें शामिल हैं आवेदक का नाम और परिवार के मुखिया का नाम | Proof of Relationship Documents Containing Applicant's Name and Head of Family - पीडीएस कार्ड | PDS Card मनरेगा जॉब कार्ड | MNREGA Job Card सीजीएचएस/राज्य सरकार/ईसीएचएस/ईएसआईसी मेडिकल कार्ड | CGHS/ State Government/ ECHS/ ESIC Medical card पेंशन ��ार्ड | Pension Card आर्मी कैं��ीन कार्ड | Army Canteen Card पासपोर्ट | Passport जन्म प्रमाण पत्र | Birth Certificate कोई अन्य केंद्र/राज्य सरकार द्वारा जारी परिवार पात्रता दस्तावेज | Any other Central/ State government issued family entitlement document सरकार द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र | Marriage Certificate issued by the government नाम और पते से युक्त निवास प्रमाण डाक्यूमेंट्स | Address Proof Documents Containing Name and Address - पासपोर्ट | Passport बैंक स्टेटमेंट / पासबुक | Bank Statement/ Passbook पोस्ट ऑफिस अकाउंट स्टेटमेंट / पासबुक | Post Office Account Statement/ Passbook राशन कार्ड | Ration Card वोटर आईडी | Voter ID ड्राइविंग लाइसेंस | Driving License सरकारी फोटो पहचान पत्र/ कंपनी द्वारा जारी सेवा फोटो पहचान पत्र | Government Photo Identity Card / Service Photo Identity Card issued by the Company बिजली बिल (3 महीने से पुराना नहीं) | Electricity Bill (not older than 3 months) पानी का बिल (3 महीने से पुराना नहीं) | Water Bill (not older than 3 months) टेलीफोन लैंडलाइन बिल (3 महीने से अधिक पुराना नहीं) | Telephone Landline Bill (not older than 3 months) संपत्ति कर रसीद (1 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं) | Property Tax Receipt (not older than 1 year) क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट (3 महीने से अधिक पुराना नहीं) | Credit Card Statement (not older than 3 months) इंश्योरेंस पॉलिसी | Insurance Policy बैंक के लेटरहेड पर बैंक से हस्ताक्षरित पत्र (फोटो सहित) | Signed Letter from the Bank on the Letterhead of the Bank (with photograph) रजिस्टर्ड कंपनी के लेटरहेड पर ��स्ताक्षरित पत्र (फोटो सहित) |Signed Letter on Registered Company Letterhead (with photograph) मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान द्वारा जारी फोटो आईडी या लेटरहेड पर फोटो युक्त हस्ताक्षरित पत्र | Photo ID issued by Recognized Educational Institution or Signed Letter Containing Photograph on Letterhead नरेगा जॉब कार्ड | NREGS Job Card शस्त्र लाइसेंस | Arms License पेंशनर कार्ड | Pensioner Card स्वतंत्रता सेनानी कार्ड | Freedom Fighter Card किसान पासबुक | Kissan Passbook सीजीएचएस/ईसीएचएस कार्ड | CGHS/ ECHS Cardअगर उपरोक्त लिखित डाक्यूमेंट्स आपके पास नहीं हैं तो वैलिड डाक्यूमेंट्स की सम्पूर्ण लिस्ट के लिए यहाँ क्लिक करें|
आधार आवेदन के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड | Apply for Aadhar: A Step by Step Guide
दोस्तों, अब यह जानने का समय आ गया है की अपना आधार कार्ड बनवाने के लिए आपको क्या करना होगा| मैं आपको पहले ही बता दूँ की यह बहुत ही आसान है और एक बार एनरोलमेंट हो जाने और अपने नजदीकी आधार सेवा केंद्र का चयन करने के बाद आपको बस अपने डाक्यूमेंट्स के साथ आधार सेवा केंद्र पर जाना है और कुछ ही समय में आपका आधार बन कर तैयार हो जाता है| नामांकन केंद्र का पता लगाएं | Locate an Enrollment Centerस्टेप 1 : नामांकन केंद्र का पता लगाने के लिए सबसे पहले आपको यहाँ क्लिक करके UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ| आपको कुछ इस प्रकार का इंटरफ़ेस दिखेगा
स्टेप 2 : यहाँ आपको Locate Enrolment Center लिंक पर क्लिक करना है | अब आपको कुछ इस प्रकार का इंटरफ़ेस दिखेगा
स्टेप 3 : यहाँ आपको 3 ऑप्शन दिखेंगे State, Postal (PIN) Code, और Search Box, इन तीनों ही ऑप्शन्स का प्रयोग करके आप अपने नजदीकी आधार नामांकन केंद्र (Aadhar Enrolment Center) का पता लगा सकते हैं| अगर आप State पर क्लिक करते हैं तो आपको कुछ इस प्रकार का इंटरफ़ेस दिखायी देगा|
स्टेप 4 : यहाँ State Dropdown में आपको अपना राज्य सेलेक्ट करना है, जैसे ही आप राज्य सेलेक्ट करते है तब उस राज्य के सभी ज़िले (District) नीचे वाले Dropdown में लोड हो जाते हैं|
स्टेप 5 : अब आपको District Dropdown में अपना ज़िला (District) सेलेक्ट करना है, जैसे ही आप ज़िला सेलेक्ट करते है तब उस ज़िले के सभी उप ज़िले (Sub-District) नीचे वाले Dropdown में लोड हो जाते हैं|
स्टेप 6 : अब आपको Sub District Dropdown में अपना उप ज़िला (Sub-District) सेलेक्ट करना है, जैसे ही आप उप ज़िला सेलेक्ट करते है तब उस उप ज़िले से सम्बंधित सभी ग्राम, और क्षेत्र नीचे वाले Dropdown में लोड हो जाते हैं|
स्टेप 7 : अब आपको Village / City / Town Dropdown में अपना ग्राम या क्षेत्र सेलेक्ट करना है, इसके बाद आपको कैप्चा वेरिफिकेशन (Captcha Verification) को भरना है और Locate Center बटन पर क्लिक करना है| यदि आप चाहें तो Show Only Permanent Centers चेक बॉक्स पर क्लिक करके सभी अस्थायी नामांकन केंद्रों को फ़िल्टर कर सकते हैं| इस प्रकार आपको केवल उन्ही केंद्रों की सूची मिलेगी जो स्थायी नामांकन केंद्र हैं|
स्टेप 8 : अब आपको नामांकन केंद्रों की सम्पूर्ण सूची प्राप्त हो जायेगी इनमे से अपने नजदीकी नामांकन केंद्र पर आपको सभी सहायक डाक्यूमेंट्स के साथ जाना होगा|
स्टेप 9 : यदि आप पिन कोड द्वारा एनरोलमेंट सेण्टर की खोज करना चाहते हैं तो स्टेप 2 में State की जगह Postal (PIN) Code बटन पर क्लिक करें| आपको कुछ इस प्रकार का इंटरफ़ेस मिलेगा
स्टेप 10 : यहाँ आपको अपने क्षेत्र का पिन कोड रिक्त स्थान में भरना है इसके बाद कैप्चा वेरिफिकेशन भरें और Locate Center बटन पर क्लिक करें| अब आपको क्षेत्र के सभी नामांकन केंद्रों की लिस्ट दिखाई देगी| स्टेप 11 : आपको इन नामांकन केन्द्रो पर जाकर अपना आधार नामांकन करना होगा| आपको सभी सहायक दस्तावेज़ (Supportive Documents) जैसे की पहचान प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र आदि के साथ नामांकन केंद्र पर जाना होगा| यहाँ आपकी एक फोटो ली जायेगी और आपके फिंगरप्रिंट्स और आईरिस को भी स्कैन किया जाएगा|स्टेप 12 : अंत में ��पको एक नामांकन स्लिप (Enrolment Slip) दी जायेगी जिसमे 14 अंको की एक नामांकन संख्या (Enrolment Number) लिखी होगी, जिसका उपयोग आप अपने आधार की स्थिति (Aadhar Status) का पता लगा सकते हैं| जब तक आपको आपका आधार प्राप्त नहीं हो जाता है तब तक आपको यह एनरोलमेंट स्लिप सुरक्षित रखनी होगी| आगे हम यह जानेंगे की एनरोलमेंट नंबर से आधार की स्थिति कैसे जानें|
एनरोलमेंट नंबर से आधार की स्थिति कैसे जानें? | How to know Aadhaar Status from Enrollment Number?
अपने आधार की स्थिति जानन�� के लिए आपको निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना होगा स्टेप 1 : UIDAI (Unique Identification Authority of India) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाए, और Check Aadhar Status लिंक पर क्लिक करें|
स्टेप 2 : अब अपने एनरोलमेंट स्लिप पर दिए गए 14 डिजिट के एनरोलमेंट आईडी और 14 डिजिट के दिनांक (dd/mm/yyyy hh:mm:ss) को निर्धारित स्थान पर भरे, कैप्चा वेरिफिकेशन को भरने के बाद Check Status बटन पर क्लिक करें| Read the full article
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इंडिया न्यूज़ लाइव टीवी :- लखीमपुर खीरी
पुलवामा के शहीदों की याद में की श्रद्धांजलि सभा
अटेवा पेंशन बचाओ मंच, लखीमपुर के तत्वावधान में पुलवामा शहीदों की द्वितीय बरसी पर जिला संयोजक विश्वनाथ मौर्य के नेतृत्व में राजकीय इं��र कॉलेज के मैदान में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी। तत्पश्चात शह��� के मुख्य मार्गों पर शांति मार्च निकाल कर सरकार से अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गयी।
अटेवा प्रदेश सयुंक्त मंत्री एवं जिला सरंक्षक संदीप वर्मा ने श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि अटेवा 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों की याद में आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर उन्हें श्रध्दांजलि दे रहा है और अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाली की सरकार से मांग करता है। उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बलों के सम्मान में अटेवा पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। जब तक उनकी पेंशन बहाल नहीं हो जाती है, संघर्ष जारी रहेगा।
जिला संयोजक विश्वनाथ मौर्य ने कहा कि पुलवामा हमले में शहीद सैनिकों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।उन्होंने बताया कि देश के लिए जान देने वाले अर्धसैनिक बल के जवानों की भी पुरानी पेंशन सरकार ने खत्म कर उनका और उनके परिवार का भविष्य अंधकारमय बना दिया है। 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बन्द कर नई पेंशन व्यवस्था लागू की गई जो कि उनके साथ अन्याय है क्योंकि नई पेंशन स्कीम शेयर मार्केट पर आधारित नॉन गारण्टेड पेंशन स्कीम है। देश का दुर्भाग्य है कि देश की सुरक्षा करने वाले अर्धसैनिकों को पेंशन नहीं और करोड़पति सांसद और विधायकों को तीन-तीन, चार- चार पेंशन। ये दोहरा कानून नहीं चलेगा। या तो अर्धसैनिक बलों को पेंशन दो या अपनी भी बंद करो।
कार्यक्रम के प्रभारी एवं राज्य कर्मचारी सयुंक्त परिषद के जिला अध्यक्ष महंत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अटेवा केवल एक मांग पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्षरत है, सभी को अटेवा का साथ देना चाहिए।राज्यकर्मचारी सयुंक्त परिषद सदैव संघर्ष में साथ है और अर्धसैनिक बलों की पेंशन की मांग का पुरजोर समर्थन करता है। इसके लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं।
सभा को जिला कोषाध्यक्ष राजेश पांडेय, कार्यक्रम सहप्रभारी जिला मंत्री सिचाई संघ सुरेंद्र मौर्य, जिला अध्यक्ष सफाई कर्मचारी संघ सतीश वर्मा ने भी संबोधित किया।
तत्पश्चात शांतिमार्च निकाला गया जो कि जी आई सी मैदान से प्रारम्भ होकर रोडवेज़ ,हीरालाल धर्मशाला होकर बड़े चौराहे से अस्पताल रोड होते हुए गुरुगोविंद सिंह चौक पर सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम का संचालन डॉ0कमल किशोर मौर्य ने किया।
इस मौके पर महामंत्री पंकज वर्मा, सुरेंद्र मौर्य, राजेश पांडेय, नीलम राज,, सुनील प्रकाश, सतीश वर्मा, प्रमोद वर्मा, बलवीर सिंह यादव, लक्ष्मी नारायण दीक्षित, आशीष श्रीवास्तव, अमित शुक्ला, अवधेश प्रता�� सिंह, राजेश, डॉ0कमल किशोर, रामानुज वर्मा, माधव चतुर्वेदी, रिपुंजय सिंह, सोमेंद्र मौर्य, मनोज वर्मा, वीरेंद्र सिंह पटेल, कमलेश यादव, नागेन्द्र वर्मा, जावेद,अंजनी वर्मा, सो��िया शर्मा,सुजीत सम्यक,रीना कश्यप,प्रिया वालिया,तीर्थमणि त्रिपा ठी, राम मिलन भार्गव,विनोद विश्वकर्मा,आनंद पाल,प्रवीण यादव,राम सजीवन,हरिशंकर वर्मा, अनुज शर्मा, राम बसंत, लवलेश वर्मा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे
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भारत में पेंशन प्रणाली: सभी कर्मचारियों से निवेदन है कि इस लेख को पूरा पढें और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
भारत में पेंशन प्रणाली एक सदी से भी अधिक समय से प्रचलित है। आजादी से पहले, ब्रिटिश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन नियम पेश करके उसे वैधानिक बना दिया था।
1982 में सुप्रीमकोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय दिया जिसमे घोषित किया गया कि
‘‘भारतीय संविधान के अनुसार सरकार पेंशनभोगियों को सामाजिक एवं आर्थिक संरक्षण देने के लिए बाध्य है और सरकारी सेवा से सेवानिवृतों के लिए पेंशन उनका मौलिक अधिकार है। पेंशन न तो उपहार है और ना ही नियोक्ता की सद्भावना या मेहरबानी है। यह एक अनुग्रह भुगतान भी नहीं है बल्कि उनकी पूर्व में की गयी सेवाओं का भुगतान है। यह एक सामाजिक कल्याणकारी मानदण्ड है, जिसके तहत उन लोगों को सामाजिक-आर्थिक न्याय देना है,जिन्होंने अपनी पूरी जवानी नियोक्ताओं के लिए निरंतर कड़ी मेहनत करने में इस भरोसे में बितायी है कि उनके बुढ़ापे में उन्हे बेसहारा नहीं छोड़ दिया जाएगा’’।1980 के दशक में भूमंडलीयकरण नीतियों (globalization ) के आगमन के साथ ही साथ ‘पेंशन सुधारों की भी शुरुआत हुई।पेंशन सुधारों (Pension Reforms) की आवश्यकता पर जोर देते हुए आई.एम.एफ. और विश्व बैंक ने कई ��िपार्टे आरै लेख प्रकाशित करना शुरु किया।भारत में पेंशन के क्षेत्र में होने वाले सुधारों के बारे में रिपार्टे प्रकाशित करना शुरु कर दिया। 2001 में *‘‘भारत में पेंशन सुधारों पर आई.एम.एफ. का कार्य - पत्र’’* और विश्व बैंक भारत की विशिष्ट रिपोर्ट ‘‘भारत - वृधावस्था में आय सुरक्षा की चुनौती प्रकाशित की गई।इन रिपोर्ट में यह तर्क दिया गया कि सरकारों द्वारा किये गए पेंशन दायित्वों या किए गए वायदों से सरकारी वित्त पर दबाव डालेगा अतः यह अस्थिर हो जायेगा।अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में जब पूर्व एनडीए सरकार सत्ता में आयी, वह भी नवउदारवादी नीतियों के प्रति कटिबद्ध थी, स्वेच्छा से आई.एम.एफ. और विश्व बैंक के निर्देशों के अनुसार पेंशन ‘सुधारों ' को प्रस्तुत किया।2001 में उसने तथाकथित पेंशन ‘सुधारों ' का अध्ययन आरै अनुशंसा करने के लिए कर्नाटक के पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ‘भट्टाचार्य समिति’ नियुक्त की।उसने पुरानी पारम्परिक सुनिश्चित पेंशन हितलाभों से कर्मचारियों को वंचित करने की भूमिका तैयार की।भट्टाचार्य समिति की सिफारिशों को लागू करते हुए एनडीए सरकार ने नयी पेंशन योजना को पेश किया, जिसे सुनिश्चित अंशदायी योजना बताया और कहा कि 1.1.2004 के बाद जो भी कर्मचारी नौकरी पर लगा है, उस पर यह लागू होगी।2004 में सत्ता में आयी कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने भी उन सुधारों को जारी रखते हुए एन.पी.एस. को वैधानिक बनाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया। लेकिन अन्य दलों, जिनके समर्थन पर इसका अस्तित्व टिका था, के कड़े विरोध के कारण यूपीए -1 सरकार इस पेंशन बिल को संसद में पारित नहीं करा पायी।बाद में जब यूपीए-2 सत्ता में आयी तब ‘पेंशन फंड रेग्यूलेटरी एवम डेवल्पमेटं आथरिटी’ (पी.एफ.आर.डी.ए.) का बिल संसद में पारित हो गया। विपक्षी दल होने के बावजूद भाजपा ने इसका समर्थन किया। यह इस तथ्य को स्पष्ट रूप से सामने लाता है कि नवउदारवादी नीतियों के तहत, जनता के सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी उपायों में कटौती करने और देशी-विदेशी कोर्पोरेट्स को धन हस्तांतरण के मामले में अ और ब में कोई अंतर नहीं है।एनपीएस न केवल केन्द्रीय और राज्य सरकार के नए कर्मचारियों पर लागू है बल्कि सावर्जनिक क्षेत्र तथा स्वायत्त निकायों में लगभग सभी नये कर्मचारियों पर भी लागू हो रहा है। *एनपीएस क्या है?*इस नयी योगदान आधारित पेंशन योजना के अनुसार कर्मचारियों के वेतन में से हर महीने ��ूल वेतन मँहगाई भत्ता (डीए) का 10% काटकर कर्मचारी के पेंशन खाते में जमा किया जाता है। उसके समान राशि नियोक्ता की ओर से भी जमा की जाती है। कुल राशि पी.एफ.आर.डी.ए. अधिनियम के तहत पेंशन फंड में जमा की जाती है।इसमें योगदान राशि तो परिभाषित की गई है लेकिन सेवानिवृत के बाद कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन राशि को परिभाषित नहीं किया गया है।पेंशन फंड में जमा धन शेयर बाजार में निवेश किया जा रहा है। पी.एफ.आर.डी.ए. अधिनियम के अनुसार ग्राहकों द्वारा खरीदे जाने वाले शेयर के अन्तर्निहित कोई परोक्ष या सुस्पष्ट आश्वासन नहीं होंगे ।इस प्रकार पेंशन फंड में जमा राशि बढ़ भी सकती है या घट भी सकती है। यह शेयर बाजार के उतार-चढ़��व पर आधारित है।60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत होने के बाद पेंशन खाते में संचित राशि का 60% टेक्स काटकर जो वर्तमान में तीस प्रतिशत है ,वापस मिल जाता है और बाकी 40% बीमा वार्षिकयोजना में जमा की जाती है बीमा वार्षिक योजना से प्राप्त मासिक राशि ही मासिक पेंशन है।इस प्रकार देखा जा सकता है कि पेंशन फंड में जमा राशि में बढ़ोतरी शेयर बाजार की अनियमिताओं पर निर्भर करती है।यदि शेयर बाजार में गिरावट आई है, जैसा कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान हुआ था, तो पेंशन फंड में पूरी राशि गायब हो सकती है।उस स्थिति में कर्मचारियों को कोई पेंशन नहीं मिल सकेगी। शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को न तो कर्मचारी नियंत्रित कर सकता है और ना ही कोई भविष्यवाणी की जा सकती है, जो एनपीएस के तहत कवर किए गए कर्मचारियों की पेंशन के भविष्य को प्रभावित करेगी।पेंशन की अनिश्चितता और रिटायर्ड जिंदगी कर्मचारी के सर पर संकट के बादल मंडराने लगते हैं। अगर शेयर बाजार स्थिर भी हो तब भी 40% बीमा वार्षिक योजना की राशि कर्मचारी के अन्तिम वेतन के 50% के समान नहीं हो सकती, जैसा कि पुरानी पेंशन स्कीम में था।पी.एफ.आर.डी.ए. अधिनियम की धारा 12(5) के अनुसार जो कर्मचारी और पेंशन भोगी एनपीएस की परिधि में नहीं आते हैं उन्हें भी सरकार राजपत्र में अधिसूचित करके अधिनियम के दायरे में ला सकती है।इस तरह नवीन अंशदायी पेंशन योजना NPS/GPF कर्मचारियों और पेंशनरों के सिर पर लटकने वाली खतरे की तलवार है।लाभान्वित कौन है?इन पेंशन सुधारों जो की पेंशन विनाश ही हैं से किसको लाभ होगा?जैसे कि हर नवउदारवादी सुधारों से अंततः लाभान्वित होने वाले देश-विदेशी कोर्पोरेट्स ही धनवान होते है।कर्मचारियों की तनख्वाह से बडी मात्रा में धनराशि को पेंशनफंड में एकत्रित करके, पेंशन फंड मैनेजरों द्वारा शेयर बाजार में लगाया जाता है। इस धन राशि का इस्तेमाल बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा अपने मुनाफों को कई गुना करने के लिए होता है।नये भर्ती हुए कर्मचारियों से कटोती की गयी धनराशि और नियोक्ता की हिस्सेदारी को पेंशन फडं में जमा किया जाता है जो 30-35 वर्षों तक अर्थात् 60 वर्ष की आयु तक पेंशन फंड और शेयर बाजार में रहती है। इस 35 वर्ष की लम्बी अवधि के लिए करोड़ों और करोड़ों रुपया, शेयर बाजार को नियंत्रित करने वाले बड़े बहुराष्ट्रीय कोर्पोरेशनो की मनमानी पर रहता है।अंततः शिकार तो गरीब मजबूर कर्मचारी / पेंशनभोगी होता है।NMOPS सहित देश के कई संगठन जिनका निर्माण केवल पुरानी पेंशन बहाली की एक मात्र मांग के लिए हुआ है। 26 नवम्बर को दिल्ली में हुई विशाल कर्मचारी रैली ने भारत सरकार व राज्य सरकारों की नींद उड़ा दी है और सरकार ने संशोधन के नाम पर कर्मचारियों को भ्रमित करने का प्रयास शुरू कर दिया है लेकिन अब हम पुरानी पेंशन योजना से कम कुछ भी स्वीकार करने वाले नहीं है। एनपीएस के खिलाफ संघर्ष की तीव्रता के लिए चैतन्यपूर्ण एवं उद्देश्यपूर्ण परिस्थितियाँ उभर रही हैं। यहां तक कि 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक कुमार माथुर को यह इंगित करना पड़ा कि ‘‘01-01-2004 को या उसके बाद नियुक्त लगभग सरकारी कर्मचारीगण नई पेंशन योजना से नाखुश था। सरकार को उनकी शिकायत पर ध्यान देना चाहिए’’।और देशी-विदेशी कोर्पोरेट्स फायदों के लिए कर्मचारियों के धन को सट्टेबाज शेयर बाजार में लगाने के खिलाफ सरकार को चेतावनी देने के वास्ते है।बड़ी मेहनत से हासिल कर्मचारियों के विशेष सामाजिक सुरक्षा लाभों पर आघात व अन्याय को और नहीं सहा जा सकता।उस नवउदारवादी व्यवस्था को पलटने की मांग करने के लिए है जो जनता के धन और सार्वजनिक सम्पत्तियों केवल कुछ लोगों के हाथों में स्थानान्तरित करती है।एनपीएस के खिलाफ अभियान और संघर्ष जारी रहा है। अब केंद्रीय और राज्य सरकारों सार्वजनिक क्षेत्र एवं स्वायत्त निकायों के कुल कर्मचारियों का लगभग 50% एनपीएस में कवर हो गया है जिनकी संख्या आज उन्सठ लाख है। वे एनपीएस के खिलाफ अधीर और उत्तेजित हैं।यह लडाई हम सब जीतेंगे जरुर लेकिन यह सब आप की भागीदारी पर निर्भर करेगा कि लडाई कितनी लम्बी चलेगी।ज्यादा लम्बी लडाई लड़ना ops के लिए घातक है!आइये इस लेख को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें!
Read full post at: https://www.cnnworldnews.info/2019/03/blog-post_381.html
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मुख्यमंत्री निवास पर डूंगरपुर जिले से आए सर्वसमाज के प्रतिनिधिमण्डल को संबोधित किया। राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से समाज का हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर तबके को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी शिक्षा देने के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर मात्र 41 प्रतिशत लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा है, वहीं प्रदेश में 90 प्रतिशत लोगों को चिरंजीवी योजना के अन्तर्गत कवर किया गया है। राजीव गांधी ग्रामीण ��लंपिक खेलों के आयोजन से प्रदेश में एक नई खेल संस्कृति विकसित हुई है। प्रतिनिधिमण्डल ने प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
गत सरकारों द्वारा देश में भोजन, रोजगार, शिक्षा, सूचना आदि अधिकार कानून बनाकर आमजन को दिए गए हैं। इसी प्रकार केन्द्र सरकार को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार कानून बनाकर देशवासियों को देना चाहिए। विश्व के अनेक लोकतंत्रों में सरकारों द्वारा अपने नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। असहाय और जरूरतमंद लोगों को संबल देना एक संवेदनशील सरकार का कर्तव्य है। प्रदेश में राज्य सरकार एक करोड़ वृद्धजनों, विधवाओं, दिव्यांगों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत पेंशन दे रही है, ताकि उनको आर्थिक संबल मिल सके। मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की गई है। इससे सरकारी कार्मिकों में अपने भविष्य के प्रति सुरक्षा की भावना आई है।
राज्य में कमजोर तबकों को किसी भी प्रकार के उत्पीड़न एवं अत्याचार से बचाने के लिए अनिवार्य एफआईआर का प्रावधान किया गया है। थानों को पब्लिक फ्रेंडली बनाने के लिए स्वागत कक्षों का निर्माण किया गया है। सरकार की योजनाओं से आज 46 लाख घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों का बिजली बिल शून्य आ रहा है। कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा 35 लाख अति निर्धन लोगों को गुजारे के लिए आर्थिक सहायता दी गई। समाज के विभिन्न वर्गों के साथ मिलकर ‘कोई भूखा ना सोए’ की परिकल्पना को साकार किया गया। उच्चतम न्यायालय ने भी केन्द्र सरकार को निर्देशित किया है कि वह सुनिश्चित करे कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। इस योजना के तहत प्रदेशवासियों के लिए 10 लाख तक का इलाज निःशुल्क कर दिया गया है। लीवर ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट, कोक्लियर इम्प्लांट जैसे अंग प्रत्यारोपण वाले उपचारों में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है एवं पूरा खर्चा सरकार वहन कर रही है। आमजन के लिए आईपीडी-ओपीडी उपचार, सभी प्रकार की दवाइयां और महंगी जांचें निःशुल्क कर दी गई हैं। साथ ही, प्रदेशवासियों को 5 लाख का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है।
75 वर्ष में देश में लोकतंत्र की जड़ें लगातार मजबूत हुई हैं। देश में मतदाताओं के द्वारा चुनी गई सरकारें ही सत्ता में आई है। इसके विपरीत कई पड़ोसी देशों में सैन्य शासन स्थापित हुआ है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा रचित संविधान की मूल भावना के पालन से ही सुशासन स्थापित किया जा सकता है। संविधान की रक्षा प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। संविधान द्वारा देश में महिलाओं को लोकतंत्र की स्थापना के साथ ही वोट का अधिकार दिया गया, जबकि कई विकसित देशों में इसमें काफी समय लगा।
इस अवसर पर प्रतिनिधिमण्डल ने डूंगरपुर जिले के पुनाली में आयोजित होने जा रही श्रीमद् भागवत कथा के बारे में अवगत करवाया तथा भाग लेने के लिए आग्रह किया। प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों ने साफा पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनन्दन किया। इस अवसर पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री भजनलाल जाटव ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों से गरीब को गुणवत्तापूर्ण इलाज एवं शिक्षा निःशुल्क मिल रही है। जल संसाधन मंत्री श्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया ने कहा कि राज्य सरकार ने लोकतांत्रिक संस्थाओं में समाज के कमजोर तबके का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है।
इस अवसर पर श्री दिनेश खोड़निया, श्री गौरव यादव सहित बड़ी संख्या में जन-प्रतिनिधि, समाजसेवी एवं आमजन उपस्थित थे।
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उत्तराखंड : प्रमोशन न होने पर विभागाध्यक्षों के घेराव की चेतावनी, माननीयों की पेंशन को लेकर उठाए सवाल
राज्य संयुक्त कर्मचारी परिषद ने एक जुलाई से उन विभागाध्यक्षों का घेराव करने की चेतावनी दी है, जिनके महकमों में कर्मचारियों के प्रमोशन नहीं किए जा रहे हैं। परिषद की हाईपावर कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है। तय हुआ है कि 30 जून तक यदि विभागीय अफसरों ने प्रमोशन के आदेश नहीं किए तो उनके खिलाफ घेराव का अभियान छेड़ दिया जाएगा।
आनलाइन बैठक में परिषद नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रमोशन के मामले में विभागाध्यक्षों का रवैये बेहद नकारात्मक हैं। शासन के आदेश के बावजूद कई विभागों में कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, पशुपाल, आयुर्वेद, होम्योपैथी, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, जिला पंचायत, आबकारी, अर्थ एवं संख्या, श्रम, वाणिज्य कर, खाद्य एवं आपूर्ति, आरएफसी, तहसील, पर्यटन, मनोरंजन कर, रजिस्ट्री एवं स्टांप, खनन एवं भूतत्व खनिकर्म, वन, एनसीसी, कृषि, उद्यान, बाल विकास, रेशम, मंडली परषिद, आईटीआई, टाउन प्लान, जनजाति आईटीआई, लघु सिंचाई, आरईएस, पालिटेक्निक, सूचना विभाग समेत कई अन्य विभागों में कर्मचारियों के प्रमोशन लटके हैं।
बैठक में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा। परिषद नेताओं ने कहा कि जनप्रतिनिधियों (माननीयों) की तो दो-दो पेंशन लग जाती हैं, लेकिन वर्षों सेवा करने वाले कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बंद कर दी गई है। ��रकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की गई। तय हुआ कि 21 जून से पेंशन बहाली के घोषित आंदोलन में परिषद शामिल होगा। जरूरत पड़ने पर ब्लाक, तहसील व जनपद स्तर पर परिषद से जुड़े कर्मचारी लामबंद होंगे।
बैठक में वन विभाग, राजाजी पार्क व रिजर्व टाइगर में कर्मचारियों को छह महीने से वेतन न मिलने का मुद्दा भी उठा। कहा गया कि कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। बैठक में 1800, 1900 व 2000 ग्रेड पे के अल्प वेतन भोगी कार्मिक को स्टापिंग पैटर्न का लाभ देने की मांग उठी। कहा गया कि उनके प्रमोशन अवसर भी नहीं हैं।
परिषद नेताओं ने अटल आयुष्मान योजना की कमेटी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। कहा गया कि परिषद से वार्ता में ओपीडी छूट व रेफरल की अनिवार्यता समाप्त करने का समझौता हुआ था। लेकिन शासनादेश इसके ठीक उलटा जारी हुआ। ओपीडी को कैशलेस नहीं किया गया। इससे कर्मचारियों में रोष है।
वेतन और पेंशन में कटौती को लेकर भी सवाल उठा। कहा गया कि कम वेतन वाले कर्मचारियों से अधिक वेतन वाले अधिकारियों के समान ही कटौती की जा रही है, जो न्यायसंगत नहीं है। आनलाइन बैठक में ठाकुर प्रहलाद सिंह, नंद किशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, अरुण पांडेय, गुड्डी मटूड़ा, राकेश प्रसाद ममगाईं, रेणु लांबा, दिशा बडोनी, एसपी सेमवाल, सुनील देवली, हरेंद्र रावत, संदीप पांडे, राम सलौने, अनिल बांगा, इंद्रमोहन कोठारी, भोपाल सिंह शामिल हुए।
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नई दिल्ली। निर्मला सीतारमण ने इस बार रिकॉर्ड समय 2 घंटे 41 मिनट का बजट भाषण पढ़ा। इसकी थीम ऐस्पिरेशनल इंडिया, इकोनॉमिक डेवलपमेंट फॉर ऑल और केयरिंग सोसाइटी थी। सबसे बड़ा ऐलान इनकम टैक्स भरने के दो विकल्पों का रहा। पुरानी व्यवस्था के साथ टैक्स स्लैब की नई दरें भी घोषित की गईं। 5 लाख तक की आय वालों को पुरानी व्यवस्था की तरह नई व्यवस्था में भी कोई टैक्स नहीं देना होगा।
नए टैक्स स्लैब में 5 लाख से 7.50 लाख आय वालों को 10% टैक्स देना होगा। नई व्यवस्था में 3 अन्य स्लैब में भी टैक्स घटाया गया, लेकिन इसके लिए आपको करीब 70 तरह की रियायतें छोड़नी होंगी। अगर सैलरी के अलावा बिजनेस से भी आय है तो नई ��ा पुरानी व्यवस्था में से कोई एक विकल्प चुनने के बाद उसे बदल नहीं पाएंगे।
किसानों के लिए सरकार ने बजट बढ़ाया है। पिछली बार के 1.01 लाख करोड़ के ��ुकाबले इस बार किसानों के लिए 1.34 लाख करोड़ रुपए का बजट अलॉट किया गया। लेकिन, खाद सब्सिडी में 11% की कटौती की गई है। सब्सिडी के लिए इस बार 71,309 करोड़ रुपए रखे हैं, जबकि 2019-20 में यह रकम 79,997.85 करोड़ रुपए थी।
टैक्स के फेर में फंसाया 5 लाख रुपए तक की इनकम वालों को पुरानी की तरह नई व्यवस्था में भी टैक्स नहीं देना होगा। नई व्यवस्था के तहत 5 लाख से 7.5 लाख रुपए की इनकम वालों को 10% ही देना होगा। पुरानी व्यवस्था में इतनी आय पर 20% टैक्स लगता है। इनकम टैक्स की नई दरें वैकल्पिक होंगी। करदाता को पुरानी और नई व्यवस्था में स��� चुनने का विकल्प होगा। मौजूदा छूट और कटौतियों (100 से ज्यादा) में से करीब 70 को हटा दिया गया है।
शिक्षा 2030 तक भारत में सबसे बड़ी वर्किंग ऐज पॉपुलेशन होगी। जल्द ही नई शिक्षा नीति घोषित होगी। प्रतिभाशाली शिक्षकों को बढ़ावा दिया जाएगा। 99,300 करोड़ रुपए एजुकेशन सेक्टर पर खर्च होंगे। 150 संस्थान डिग्री-डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे। सरकार एक प्रोग्राम के तहत सभी शहरी निकायों में नए इंजीनियरों को एक साल के लिए इंटर्नशिप करवाएगी।
डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए पीपीपी मोड पर जिला अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। जो राज्य अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज की सुविधा देने की मंजूरी और रियायती दरों पर जमीनें देंगे, उन्हें केंद्र सरकार वित्तीय मदद करेगी। देश में टीचरों, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ की भी जरूरत है। स्वास्थ्य और कौशल विकास मंत्रालय के जरिए ब्रिज कोर्स शुरू करेंगे।
किसान और गांव सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध। पानी की किल्लत से जूझ रहे 100 जिलों पर फोकस किया जाएगा। 2.83 लाख करोड़ रुपए कृषि से जुड़ी गतिविधियों, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर खर्च किए जाएंगे। 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में सरकार मदद करेगी। 15 लाख अन्य किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंप दिए जाएंगे। सोलर पावर जनरेशन भी बढ़ाई जाएगी। भारतीय रेलवे अब किसान रेल की स्थापना करेगी। इसे पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा।
एक्सप्रेस और मालगाड़ियों में रेफ्रिजिरेटेड कोच लगाए जाएंगे ताकि दूध, मछली और मीट के उत्पादों का ट्रांसपोर्टेशन किया जा सके। नागरिक उड्डयन मंत्रालय कृषि उड़ान की शुरुआत करेगा। इससे नॉर्थईस्ट-आदिवासी इलाकों से कृषि उपज को बढ़ावा मिलेगा।देश में 162 मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज की क्षमता है। ब्लॉक-तालुका स्तर पर वेयरहाउस को बढ़ावा दिया जाएगा। फूड कॉर्पोरेशन ��र सेंट्रल वेयरहाउस कॉर्पोरेशन अपनी जमीन पर भी कोल्ड स्टोरेज बनाएंगे।
महिला और पोषण शादी की उम्र: 1978 में शारदा एक्ट (1929) को संशोधित कर महिलाओं की शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 की गई थी। भारत आगे बढ़ रहा है, महिलाओं के लिए करियर और हायर एजुकेशन में रास्ते खुल रहे हैं। इस संबंध में यह देखना जरूरी है कि महिलाओं की शादी की उम्र क्या हो। इसके लिए एक टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव है, जो 6 महीनों में अपनी सिफारिश देगी।
पोषण: पोषण से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा केवल महिलाओं पर केंद्रित कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपए का बजट अलॉट किया गया है।
स्वास्थ्य-स्वच्छ भारत हेल्थ सेक्टर के लिए 69 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं। मिशन इंद्रधनुष, फिट इंडिया मूवमेंट, जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं हैं। अभी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 20 हजार अस्पताल हैं। आयुष्मान भारत के लिए और अस्पतालों की जरूरत है। इस योजना के तहत 6400 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य के लिए “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” कैम्पेन जारी है। जन औषधि केंद्रों को 2024 तक हर जिले में शुरू किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपए रखे गए हैं। जल जीवन मिशन के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपए अलॉट किए गए। इसके तहत 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों पर फोकस रहेगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत 103 लाख करोड़ के 6500 प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए हैं। इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा, साथ ही रोजगार भी बढ़ेंगे।5 नई स्मार्ट सिटीज पीपीपी के जरिए बनेंगी। यह ऐसी सिटीज होंगी, जहां निवेश को बढ़ावा मिले। इसके लिए 6450 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी इन्फ्रास्ट्रक्चर आधारित स्किल पर बढ़ावा देगी। इस योजना के तहत यंग इंजीनियर, मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स और इकोनॉमिस्ट को मौका मिलेगा। नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी जल्द ही जारी होगी।
नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी जल्द ही जारी होगी। सिंगल विंडो ई-लॉजिस्टिक मार्केट के जरिए रोजगार और स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया जाएगा।
रेलवे पीपीपी मॉडल के आधार पर 150 और ट्रेनें चलेंगी, निजी क्षेत्र की मदद से 4 स्टेशनों का री-डेवलपमेंट किया जाएगा। पर्यटन स्थलों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए तेजस जैसी ट्रेनों की शुरुआत होगी। अभी आईआरसीटी 2 तेजस ट्रेनों का संचालन कर रहा है।
रेलवे की खाली जमीन और ट्रैक के आसपास ज्यादा क्षमता वाले सोलर पैनल लगेंगे। पीपीपी मोड पर किसान रेल चलाई जाएगी। दूध, मीट और मछली के उत्पादों का रेफ्रिजरेटेड कोचों के जरिए ट्रांसपोर्टेशन होगा। रेलवे के पास ��भी ऐसी 9 वैन हैं। मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किमी दूरी में हाईस्पीड ट्रेन (बुलेट ट्रेन) प्रोजेक्ट को 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
रक्षा बजट इसमें 6% का इजाफा हुआ, हालांकि बजट भाषण में वित्त मंत्री ने इसका जिक्र नहीं किया। रक्षा पर खर्च 3.18 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3.37 लाख करोड़ कर दिया गया है। इसमें अगर पेंशन की राशि जोड़ दी जाए तो कुल बजट 4.7 लाख करोड़ का है। 1.13 लाख करोड़ रुपए से नए हथियार, एयरक्राफ्ट, युद्धपोत और दूसरे साजो सामान खरीदे जाएंगे। रक्षा पेंशन पर खर्च बढ़ाकर 1.33 लाख करोड़ किया गया है।
विनिवेश सरकार एलआईसी में अपनी कुछ हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेचेगी। आईडीबीआई में भी बची हुई 46% हिस्सेदारी बेची जाएगी।
सामाजिक क्षेत्र 28600 करोड़ रुपए सिर्फ महिलाओं पर आधारित विशिष्ट कार्यक्रमों पर खर्च किए जाएंगे। पोषण से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जा ति के विकास के लिए 85 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। 53700 करोड़ रुपए अनुसूचित जनजाति के विकास पर खर्च होंगे।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेरिटेज एंड कंजर्वेशन बनेगा। 5 आर्कियोलॉजी साइट्स को आइकॉनिक साइट्स बनाया जाएगा। इसमें राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धौलावीरा (गुजरात), आदिचेन्नलूर (तमिलनाडु) शामिल हैं। कोलकाता में नेशनल म्यूजियम का पुनरुद्धार होगा। रांची में ट्राइबल म्यूजियम बनेगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, रिटायर कर्मचारियों के लिए पेंशन जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, रिटायर कर्मचारियों के लिए पेंशन जरूरी
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, रिटायर कर्मचारी की गरिमा कायम रखने के लिए पेंशन बहुत जरूरी है। यह इच्छा के आधार पर दी गई कोई राशि नहीं है, बल्कि सामाजिक कल्याण का कदम है और संकट की घड़ी में यानी कोरोना काल में बेहद जरूरी मदद है। इसलिए इसे देने से इनकार नहीं किया जा सकता। पीटीआई के मुताबिक, पेंशन सेवानिवृत्ति के बाद की अवधि के लिए सहायता है न कि इच्छा होने पर कोई कृपा। यह कर्मचारी के लिए सेवानिवृत्ति…
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जोधपुर में तीन दिवसीय डिजिफेस्ट जॉब फेयर व प्रदर्शनी के पहले दिन आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। जॉब फेयर में 270 कंपनियां आई हैं तथा पहले दिन ही 500 युवाओं का चयन नौकरी के लिए हो चुका है। 1500 से ज्यादा प्रतिभागियों को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है। 75 हजार प्रतिभागियों ने जॉब फेयर में भाग लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। यहां आई कम्पनियों में लगभग 30 हजार वेकेंसी है, जिन्हें तीन दिन चलने वाले इस जॉब फेयर में भरा जाएगा। युवाओं और बेरोजगारों के लिए नौकरी प्राप्त करने का यह एक बड़ा अवसर है।
इस अवसर पर डिजिफेस्ट के पहले ही दिन प्रतिष्ठित कम्पनियों से 18-18 लाख के उच्चस्तरीय पैकेज प्राप्त करने वाले 5 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
आज देश में महंगाई और बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्याएं हैं। राज्य सरकार युवाओं और छात्रों को केन्द्र में रखकर नीतियां बना रही है। वर्तमान आई.टी. युग में भारतीय युवाओं की प्रतिभा का लोहा विश्वभर के देशों ने माना है। राज्य सरकार युवाओं को आधुनिक तकनीकी शिक्षा देने तथा उन्हें अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
वर्तमान युग आई.टी. का युग है। स्वर्गीय श्री राजीव गांधी का देश को आई.टी. से जोड़ने का स्वप्न आज साकार हो रहा है। राज्य सरकार प्रदेश में आई.टी. शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार निर्णय ले रही है। जोधपुर में 600 करोड़ की लागत से फिनटेक यूनिवर्सिटी का निर्माण हो रहा है। इसी प्रकार कोटा में राजीव गांधी नॉलेज सेन्टर एवं इनोवेशन हब तथा जयपुर में राजीव गांधी सेन्टर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी की स्थापना की जा रही है। आज ई-मित्र के माध्यम से जनता को 600 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध है।
राज्य सरकार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए कृत-संकल्पित है। युवा देश का भविष्य है। सभी युवाओं को सपने बड़े देखने चाहिए तथा उन्हें पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करना चाहिए। युवाओं के सपने साकार करने के लिए राज्य सरकार हर कदम पर अपना सहयोग दे रही है। प्रदेश में अब तक 1.25 लाख सरकारी पदों पर भतियां की जा चुकी हैं, लगभग इतने ही पदों पर भर्तियां प्रक्रियाधीन है तथा 1 लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। राज्य सरकार का आने वाला बजट युवाओं और छात्रों को समर्पित होगा। बजट के लिए आमजन से सुझाव मांगे गए हैं। अभी तक 21 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। यह इंगित करता है कि आमजन राज्य सरकार के कार्यों में भागीदारी निभाने के लिए तत्पर है।
राजस्थान में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की आज पूरे देश में चर्चा है। चिरंजीवी योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। इस योजना के तहत प्रदेशवासियों के लिए 10 लाख तक का इलाज निःशुल्क कर दिया गया है। लीवर ट्रांस्प्लांट, किडनी ट्रांस्प्लांट, कोक्लियर इम्प्लांट आदि जटिल उपचारों में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है। प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा से जोडने के क्रम में 1 करोड़ से अधिक लोगों को पेंशन दी जा रही है। इन्दिरा गांधी शहरी रोजगारी गारंटी योजना द्वारा शहरी क्षेत्र में आमजन को 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया गया है। इन्दिरा रसोई योजना में 8 रूपए में आमजन को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता के कारण विदेशी सैलानी भी इन्दिरा रसोई में आकर भोजन ग्रहण कर रहे हैं। अनुप्रति कोचिंग योजना में 20 हजार से अधिक आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। प्रतिवर्ष 200 मेधावी छात्रो��� को विदेश में निःशुल्क पढ़ाई का प्रावधान राज्य सरकार द्वारा किया गया है। राज्य सरकार के कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया ��या है, साथ ही उन्हें कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए आरजीएचएस योजना शुरू की गई है। राज्य में कोरोना महामारी के दौरान शानदार प्रबंधन किया गया। यहां के भीलवाड़ा मॉडल की पूरे देश में सराहना की गई। इन जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाई जानी चाहिए ताकि कोई भी पात्र नागरिक इनके लाभ से वंचित ना रहे।
प्रदर्शनी में लगे हुए विभिन्न स्टॉल का अवलोकन किया तथा जॉब फेयर में आए युवाओं के साथ संवाद किया।
कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुभाष गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री किशनाराम विश्नोई, विधायक श्रीमती मनीषा पंवार, राजस्थान पशु धन विकास बोर्ड अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सोलंकी, राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा श्रीमती संगीता बेनीवाल, आरसीए अध्यक्ष श्री वैभव गहलोत, महापौर श्रीमती कुन्ती देवड़ा परिहार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जॉबफेयर में आए युवा उपस्थित थे।
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जोधपुर में दैनिक जलतेदीप तथा मासिक माणक पत्रिका के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित माणक अलंकरण समारोह को संबोधित किया। समाचार पत्र निकालना तथा समाचारों की गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। कोविड महामारी के दौरान समाचार पत्रों के प्रकाशन में कई नई चुनौतियां आई। सरकार द्वारा किए जाने वाले विकास कार्यों को सकारात्मक रूप में जनता तक पहुंचाने में समाचार पत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में समाचार पत्रों का अहम योगदान है। राज्य सरकार द्वारा राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। केन्द्र सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण अभी तक राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिल सकी है। जल्द ही राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक बैठक आयोजित की जाएगी।
आज के चुनौतीपूर्ण समय में गांधी जी के विचार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। महात्मा गांधी के नाम से पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान बनी है। गांधी दर्शन से जुड़े आयोजनों में भाग लेने से युवा पीढ़ी में अहिंसावादी संस्कार मजबूत होते हैं तथा उत्कृष्ट मानव संसाधन का निर्माण होता है। आमजन की सेवा करने की प्रेरणा गांधी दर्शन से ही मिली। गांधी जी के विचारों ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया। पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव पारित करवाकर गांधी जी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर को पूरे विश्व में अहिंसा दिवस घोषित करवाया गया। राज्य सरकार द्वारा जनमानस में गांधीवादी विचारधारा का समावेश करने के लिए सत्य और अहिंसा विभाग की स्थापना की गई है।
विविधताओं से परिपूर्ण हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी का स्थान महत्वपूर्ण है। असहमति जताने के अधिकार को संरक्षित करने से ही लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होती है। राज्य सरकार ने तथ्यात्मक आलोचना का हमेंशा स्वागत किया है। परन्तु वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों में अभिव्यक्ति का अधिकार लगातार कमजोर किया जा रहा है।
कोरोना महामारी में राज्य में शानदार प्रबंधन किया गया। यहां के भीलवाड़ा मॉडल की देशभर में सराहना हुई। राज्य सरकार ने कोरोना महामारी में ड्यूटी करते हुए प्राण गंवाने वाले स्वास्थ्य-कर्मियों के साथ-साथ सभी कर्मचारियों व पत्रकारों को भी 50 लाख रूपए का बीमा देने का निर्णय किया। कोई भूखा ना सोए के संकल्प के साथ राज्य में सभी जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया। प्रदेश में सर्वेक्षण के माध्यम से 35 लाख अति निर्धन लोगों की पहचान कर उनके निर्वहन की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई। राज्य सरकार द्वारा कोविड महामारी में महंगे इंजेक्शन व दवाइयां आमजन को निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई। ऑक्सीजन की कमी से राज्य में कोई जनहानि नहीं हुई। रोज कमाकर खाने वाले मजदूरों, ठेले वालों आदि को राज्य सरकार द्वारा 5500 रूपए की आर्थिक सहायता दी गई।
राजस्थान में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की आज पूरे देश में चर्चा है। चिरंजीवी योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। इस योजना के तहत प्रदेशवासियों के लिए 10 लाख तक का इलाज निःशुल्क कर दिया गया है। लीवर ट्रांस्प्लांट, किडनी ट्रांस्प्लांट, कोक्लियर इम्प्लांट आदि जटिल उपचारों में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है। प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा से जोडने के क्रम में 1 करोड़ से अधिक लोगों को पेंशन दी जा रही है। इन्दिरा रसोई योजना में 8 रूपए में आमजन को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार के कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया गया है, साथ ही उन्हें कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए आरजीएचएस योजना शुरू की गई है।
इस अवसर पर 3 पत्रकारों को माणक अलंकरण सम्मान तथा 15 पत्रकारों, छायाकारों, जनसंपर्क कर्मियों व साहित्यकारों को विशिष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले पत्रकारों, जनसम्पर्क कर्मियों और साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने विचारों और लेखन से समाज में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुभाष गर्ग, विधायक श्रीमती मनीषा पंवार, राजस्थान पशु धन विकास बोर्ड अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सोलंकी, महापौर श्रीमती कुंती देवड़ा, जैनाचार्य डॉ. लोकेश मुनि सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी, पत्रकार, साहित्यकार, जनसंपर्क कर्मी व आमजन उपस्थित थे।
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