#घरेलू जल बचत
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जल संरक्षण के 10 शानदार तरीके: अपनी अगली पीढ़ी के लिए पानी बचाएं
जल संरक्षण के 10 तरीके जल संरक्षण के 10 प्रभावी तरीके जानें और अपनी अगली पीढ़ी के लिए पानी बचाएँ। दैनिक जीवन में आसानी से अपनाए जा सकने वाले उपाय जो पर्यावरण को बचाने में मदद करेंगे।पानी हमारे जीवन का आधार है, लेकिन यह एक सीमित संसाधन भी है। जल संकट की बढ़ती चुनौतियो�� के बीच, यह हमारा कर्तव्य बन जाता है कि हम जल संरक्षण के प्रति गंभीर हों और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए इस अमूल्य संसाधन को…
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UP Board Solutions for Class 10 Home Science Hindi Medium
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Chapter 1 शिक्षिका द्वारा प्रतिदर्श बजट का प्रदर्शन
Chapter 2 आय, व्यय और बचत
Chapter 3 घर की सफाई
Chapter 4 गृह-सज्जा (घर की सजावट)
Chapter 5 गृह-गणित
Chapter 6 जल: स्रोत तथा उपयोग
Chapter 7 घरेलू विधियों से जल को शुद्ध करना
Chapter 8 अशुद्ध जल से फैलने वाले रोग (पेचिश, अतिसार, हैजा)
Chapter 9 पर्यावरण और जनजीवन पर उसका प्रभाव
Chapter 10 अपशिष्ट (कचरा) प्रबन्धन
Chapter 11 सामान्य संक्रामक रोगों का परिचय
Chapter 12 सिलाई किट और वस्त्र-निर्माण कला
Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई तथा रख-रखाव
Chapter 14 रसोईघर की व्यवस्था, देख-रेख तथा सफाई
Chapter 15 भोजन पकाना और परोसना तथा तत्त्वों की सुरक्षा
Chapter 16 विभिन्न रोगों में रोगी का भोजन
Chapter 17 मानव अस्थि-संस्थान तथा सन्ध��याँ
Chapter 18 अस्थियों की टूट और मोच
Chapter 19 श्वसन तन्त्र का प्रारम्भिक ज्ञान
Chapter 20 प्राकृतिक और कृत्रिम श्वसन-क्रिया
Chapter 21 घायल का स्थानान्तरण
Chapter 22 रोगी को स्पंज कराना गर्म सेंक, बफारा देना, बर्फ की टोपी का प्रयोग
Chapter 23 नाड़ी, श्वास-गति और ताप का चार्ट बनाना
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‘’भारत - जलवायु समाधानों का नेतृत्व कर रहा है’’ नामक प्रकाशन जारी किया
केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 12 फ़रवरी 2019 को भारत में जलवायु क्रियाओं के बारे में ‘’भारत - जलवायु समाधानों का नेतृत्व कर रहा है’’ नामक प्रकाशन जारी किया। इस प्रकाशन में जलवायु परिवर्तन से निपटने और अनुकूलनता के लिए विभिन्न क्षेत्रों के तहत भारत द्वारा की गई प्रमुख कार्रवाइयों का उल्लेख किया गया है और भारत दुनिया में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के विविध पहलुओं पर कार्य करने वाला दुनिया का एक सक्रिय देश बन गया है। ई – मोबिलिटी, हरित ढुलाई, नवीकरणीय ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन, वनीकरण और जल आदि विभिन्न क्षेत्रों में अनेक नई नीतियां और पहल शुरू की गई हैं ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम से कम किया जा सके। अभी हाल में भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए अनेक पहल शुरू की हैं। भारत सरकार की कुछ प्रमुख पहलों में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी), जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय अनुकूलनता निधि (एनएएफसीसी), जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (सीसीएटी) और जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी) शामिल हैं। वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य, स्मार्ट शहरों, विद्युत वाहनों, ऊर्जा दक्षता, पहलों तथा अप्रैल 2022 तक भारत स्टैज -4 से भारत स्टेज – 5 उत्सर्जन मानदंडों को लागू करने जैसे कार्यों को सक्रियता पूर्वक शुरू किया गया है ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम से कम किया जा सके। आज भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 74 गीगावाट से अधिक है जिसमें 25 गीगावाट सौर ऊर्जा भी शामिल है। भारत का वन और वृक्ष क्षेत्र 2015 के आकलन की तुलना में 1 प्रतिशत बढ़ा है। एलईडी वितरण के लिए उज्ज्वला जैसी योजना ने 320 मिलियन की संख्या को पार कर लिया है जबकि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं के लिए 63 मिलियन से भी अधिक परिवारों को स्वच्छ कुकिंग चूल्हों का वितरण कर दिया गया है। दूसरी द्विवार्षिक अद्यतन रिप���र्ट में ये तथ्य दर्��ाया गया है कि भारत के सकल घरेलू उत्पादन की उत्सर्जन तीव्रत 2005 से 2014 के बीच घटकर 21 प्रतिशत कम हो गई है। स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा 02 अक्टूबर 2014 को आरंभ किया गया। यह राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना और कूढा साफ रखना है। स्वच्छ भारत का उद्देश्य व्यक्ति, क्लस्टर और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को कम करना या समाप्त करना है। स्वच्छ भारत मिशन विसर्जन उपयोग की निगरानी के जवाबदेह तंत्र को स्थापित करने की भी एक पहल करेगा। सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150 वीं वर्षगांठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौंच मुक्त भारत (ओडीएफ) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना केंद्र सरकार द्वारा 1 मई 2016 को शुरू की गई एक योजना है। इस योजना के अंतर्गत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन मिलेंगे। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना से गरीब महिलाओं को जल्द ही मिट्टी के चूल्हे से आजादी दिलाना। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए उपयोग में आने वाले जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देना है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और उनकी सेहत की सुरक्षा करना भी है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभ इस योजना के प्रारंभ होने से खाने पर दोहे के असर से मृत्यु में कमी होगी। इस योजना से छोटे बच्चे के स्वास्थ्य की समस्या कम होगी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के प्रारंभ होने से शुद्ध जल के प्रयोग से महिलाओं का स्वास्थ्य सुधरेगा। इस सरकारी योजना से अशुद्ध जीवाश्म इंधन के प्रयोग करने वाले वातावरण में कम प्रदूषण होगा। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ऐसे शहरों को बढ़ावा देने का है जहाँ मूल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएँ और अपने नागरिकों को एक सभ्य गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करे, एक स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण एवं 'स्मार्ट' समाधानों के प्रयोग का मौका दें। विशेष ध्यान टिकाऊ और समावेशी विकास पर है और एक रेप्लिकेबल मॉडल बनाने के लिए है जो ऐसे अन्य इच्छुक शहरों के लिए प्रकाश पुंज का काम करेगा। स्मार्ट सिटी मिशन ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए है जिसे स्मार्ट सिटी के भीतर और बाहर दोहराया जा सके, विभिन्न क्षेत्रों और देश ��े हिस्सों में भी इसी तरह के स्मार्ट सिटी के सृजन को उत्प्रेरित किया जा सके। इस मिशन में 100 शहरों को शामिल किया जाएगा और इसकी अवधि पांच साल (वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2019-20) की होगी। मिशन उसके बाद शहरी विकास मंत्रालय द्वारा मूल्यांकन किए जाने एवं प्राप्त सीखों को शामिल किये जाने के साथ जारी रखा जा सकता है। कोर बुनियादी सुविधाओं के तत्व पर्याप्त पानी की आपूर्ति निश्चित विद्युत आपूर्ति ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित स्वच्छता कुशल शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन किफायती आवास, विशेष रूप से गरीबों के लिए सुदृढ़ आई टी कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण सुशासन, विशेष रूप से ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी टिकाऊ पर्यावरण नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की सुरक्षा, और स्वास्थ्य और शिक्षा स्मार्ट सिटी मिशन रणनीति पूरे शहर के लिए पहल जिसमे कम से कम एक स्मार्ट समाधान शहरभर में लागू किया गया है क्षेत्र का कदम-दर-कदम विकास - क्षेत्र के आधार पर प्रगति के तीन मॉडल रेट्रोफिटिंग पुनर्विकास हरितक्षेत्र भारत सरकार द्वारा 29 अप्रैल 2015 को 100 स्मार्ट शहरों के निर्माण कि परियोजना को शुरु किया जिसमे अगले पाँच वर्षों के लिए इस परियोजना पर 48,000 करोड़ रुपये के खर्च को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई थी। मंत्रिमंडल ने बच्चों के लिए एक स्वस्थ और हरियाली युक्त पर्यावरण पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ 500 शहरों और कस्बों को कुशल शहरी जीवन-रेखाओं में बदलने के लिए एक मिशन का पुनरुत्थान किया और शहरी परिवर्तन (एएमआरयूटी) के लिए अटल मिशन को मंजूरी भी दे दी। कैबिनेट ने इस मिशन के लिए 50,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी जिसे आने वाले पाँच वर्षों में व्यय करना है। दोनों परियोजनाएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं, हालांकि, प्रत्येक योजना में शहरी बुनियादी ढाँचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिसकी भारत को जरूरत है अगर आने वाले समय में भारत को विकसित राष्ट्र के स्तर के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरना है। दो परियोजनाएं अलग कैसे हैं? कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (एएमआरयूटी) के पास शहरों की संख्या बहुत अधिक है और इसलिए प्रत्येक शहर के लिए उपलब्ध धन उचित रूप में कम होगा। यह मिशन मौजूदा बुनियादी ढाँचे की सेवाओं में सुधार की दिशा में काम कर रहा है, जैसे स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, सीवरेज नेटवर्क में सुधार, सेप्टेज प्रबंधन का विकास, तेज गति से पानी की नालियाँ बनाने में, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में सुधार और पार्क आदि जैसे हरित सार्वजनिक स्थानों का निर्माण करना। बच्चों के लिए स्वस्थ खुली जगह बनाने पर विषेश ध्यान केंद्रित करना। 500 शहरों और कस्बों की ज��संख्या के आधार पर एक लाख से ऊपर जनसंख्या वाले स्थानों का चयन किया जायेगा, जबकि चयन के अन्य मानदंड कुछ लोकप्रिय स्थानों जैसे कि पर्यटन की लोकप्रियता, मुख्य नदियों, कुछ लोकप्रिय पहाड़ियों, कस्बों और कुछ चुनिंदा द्वीपों के उपेक्षित शहरों के लिए लागू होंगे। केंद्र सरकार ऐसे दिशानिर्देश बनाने में जुटी है जिसके आधार पर राज्य सरकार को ऐसे शहरो का चयन करने में स्वतंत्रता प्रदान होगी जिन्हे वे एएमआरयूटी में शामिल करना चाहते है । एएमआरयूटी वास्तव में मौजूदा जेएनएनयूआरएम का एक नया अवतार है और 2017 तक उन परियोजनाओं को समर्थन देगा जो पहले जेएनएनयूआरएम के कारण कम से कम 50% पूर्ण हैं। 400 से अधिक मौजूदा परियोजनाओं को इससे लाभ की आशा है। स्मार्ट सिटीज मिशन प्रौद्योगिकी और लोगों की भागीदारी के सक्रिय उपयोग के साथ, शहरी सेवाओं और बुनियादी ढाँचे के प्रबंधन में दक्षताओं के अनुकूलन ध्यान केंद्रित करके, 100 चुनिंदा स्मार्ट शहरों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह मिशन पाँच वर्षों की अवधि के लिए प्रत्येक चयनित शहर को प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपये का समर्थन करेगा। स्मार्ट सिटीज मिशन विभिन्न बुनियादी सुविधाओं, कुशल और भरोसेमंद सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों को पूरा करने और आईटी बुनियादी ढाँचे का सक्रिय उपयोग करने के लिए, कुशल पेयजल आपूर्ति, अनुकूलित बिजली वितरण, कुशल ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, किफायती आवास को पेश करना, मूलभूत बुनियादी सुविधाओं की सेवाओं का अनुकूलन करने के लिए भी किया जायेगा। सेवा वितरण और प्रबंधन में योजनाबद्ध सुधार, नए शहरों में शहरी बुनियादी सुविधाओं के सभी पहलुओं को शामिल किया जायेगा और हरित एवं धारणीय जीवन को सुनिश्चित किया जायेगा। केंद्र सरकार द्वारा देश में बढ़ रहे प्रदूषण पर काबू पाने के लिए वर्ष 2015 में फेम इंडिया स्कीम के तहत फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग आफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हेकिल्स इन इंडिया की शुरुआत किया गया था। इस योजना के अनुसार हाइब्रिड दो पहिया वाहनों की खरीद पर रूपए 29 हज़ार और इलेक्ट्रिक कारों की खरीद पर रूपए 1.38 लाख की सब्सिडी दिए जाने का प्रस्ताव किया गया है। यह योजना राष्ट्रिय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन का एक हिस्सा है। इस योजना को दो चरणों में पूरा किये जाने प्रस्ताव रखा गया है। उद्देश्य देश में खासतौर से महानगरों में प्रदूषण के अन्य कारणों में से मुख्य कारण डीजल एवं पेट्रोल चालित गाड़ियों से फैलने वाला धुआं है। इस भीषण प्रदूषण से वातावरण को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2015 में फेम इंडिया योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना का पहले चरण वर्ष 2015-2018 के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और देश में मेक इन इंडिया के तर्ज पर इलेक्ट्रिक कारों एवं दो पहिया हाइब्रिड वाहनों के निर्माण को प्रोत्साहन देने की योजना बनाई गई थी। इस योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन से ये अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदूषण पर ��ियंत्रण के साथ हीं वार्षिक 60 हज़ार करोड़ रूपए के ईंधन की बचत होगी। दूसरे चरण में पांच साल के लिये सभी इलेक्ट्रिक वाहनों-दो पहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी | इसमें सार्वजनिक परिवहन में इस्तेमाल होने वाली टैक्सी और इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल हैं | दूसरे चरण में हाईब्रिड वाहनों को रियायत नहीं दी जाएगी | इन्हें योजना के पहले चरण के तहत प्रोत्साहन दिया गया| फिलहाल हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों, दोपहिया और तिपहिया पर फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग आफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक वेहिकल्स इन इंडिया (फेम इंडिया-एक) योजना के तहत प्रोत्साहन दिया जा रहा है| अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा पर आधारित 121 देशों का एक सहयोग संगठन है जिसका शुभारंभ भारत व फ्राँस द्वारा 30 नवंबर 2015 को पैरिस में किया गया। यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई पहल का परिणाम है इसकी घोषण सर्वप्रथम लंदन के वेंबली स्टेडियम में उद्बोधन में किया गया। यह संगठन कर्क व मकर रेखा के बीच स्थित राष्ट्रों को एक मंच पर लाएगा। ऐसे राष्ट्रों में धूप की उपलब्धता बहुलता में है। इस संगठन में ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) को औपचारिक रूप से 30 जून 2008 को लागू किया गया। यह उन साधनों की पहचान करता है जो विकास के लक्ष्य को प्रोत्साहित करते हैं, साथ ही, जलवायु परिवर्तन पर विमर्श के लाभों को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत करता है। राष्ट्रीय कार्य योजना के कोर के रूप में आठ राष्ट्रीय मिशन हैं। वे जलवायु परिवर्तन, अनुकूलन तथा न्यूनीकरण, ऊर्जा दक्षता एवं प्रकृतिक संसाधन संरक्षण की समझ को बढावा देने पर केंद्रित हैं। आठ मिशन हैं: राष्ट्रीय सौर मिशन विकसित ऊर्जा दक्षता के लिए राष्ट्रीय मिशन सुस्थिर निवास पर राष्ट्रीय मिशन राष्ट्रीय जल मिशन सुस्थिर हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र हेतु राष्ट्रीय मिशन हरित भारत हेतु राष्ट्रीय मिशन सुस्थिर कृषि हेतु राष्ट्रीय मिशन जलवायु परिवर्तन हेतु रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन Read the full article
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IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) महामारी में बहुत लोकप्रिय हो गया है, क्योंकि यह लोगों के बीच बातचीत को कम करता है। यह एक ही चीज़ पर काम करने के लिए कई लोगों की आवश्यकता के बिना चीजों को जोड़ने में मदद करता है। यह दूर से चीजों को नियंत्रित करने की सुविधा भी प्रदान करता है।
What is IoT?
इंटरनेट ऑफ थिंग्स का अर्थ दुनिया के सभी भौतिक घटकों और चीजों को लेना और उन्हें इंटरनेट से जोड़ना है।
एक इंटरनेट कनेक्शन एक अद्भुत चीज है, यह हमें हर तरह की आसानी प्रदान करता है जो पहले संभव नहीं था। यदि आप 90 के ��शक से हैं, तो अपने मोबाइल फोन के बारे में सोचें, जब वह स्मार्टफोन था। आप कॉल और टेक्स्ट कर सकते हैं, लेकिन अब आप कोई भी फिल्म देख सकते हैं या कोई भी गाना सुन सकते हैं।
भ्रम इसलिए नहीं है क्योंकि विषय संकीर्ण है, बल्कि इसलिए है कि यह इतना व्यापक है। जब IoT में बहुत सारे उदाहरण और संभावनाएं हैं, तो आपके दिमाग में इस अवधारणा को तय करना मुश्किल हो सकता है।
स्पष्ट करने में मदद के लिए, चीजों को इंटरनेट से जोड़ने के लाभों और इसकी कमियों को समझना महत्वपूर्ण है।
Advantages of IoT
Monitor Data
IoT का प्राथमिक और मुख्य लाभ निगरानी है। यह हमें आपके घर में आपूर्ति की सटीक मात्रा या हवा की गुणवत्ता जानने में मदद करता है, यह अधिक डेटा भी प्रदान कर सकता है जो पहले आसानी से एकत्र करना संभव नहीं था।
उदाहरण के लिए, यह जानते हुए कि आपके पास प्रिंटर की स्याही कम है, निकट भविष्य में आपको स्टोर की एक और यात्रा से बचा सकता है। साथ ही, उत्पादों की समाप्ति की निगरानी करने से सुरक्ष�� में सुधार होगा।
Ease of Access
अभी, आप किसी भी स्थान से (लगभग) वास्तविक समय में आवश्यक जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। यह केवल एक स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट कनेक्शन लेता है।
हम वास्तविक जीवन में किसी व्यक्ति से पूछने के बजाय, अपना स्थान देखने के लिए Google मानचित्र का उपयोग करते हैं। टिकट बुकिंग पहले से कहीं ज्यादा आसान है। नवीनतम वैज्ञानिक अनुसंधान, या व्यावसायिक विश्लेषण से भी जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है। यह केवल एक क्लिक दूर है।
Speedy Operation
यह सारा डेटा डालने से हम कई कार्यों को अद्भुत गति से पूरा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, IoT स्वचालन को सरल बनाता है। स्मार्ट उद्योग दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित करते हैं, इस प्रकार कर्मचारियों को अपना समय और प्रयास अधिक चुनौतीपूर्ण चीजों में निवेश करने की इजाजत देता है।
Adapting to New Standards
चूंकि IoT एक निरंतर परिवर्तनशील विषय है, इसलिए उच्च तकनीक की दुनिया की अन्य तकनीकों की तुलना में इसके परिवर्तन न्यूनतम हैं। IoT के बिना, सभी नवीनतम चीज़ों पर नज़र रखना हमारे लिए जटिल होगा।
Better Time Management
कुल मिलाकर, यह एक चतुर समय बचाने वाला उपकरण है।
हम अपने दैनिक आवागमन के दौरान अपने फोन पर नवीनतम समाचार देख सकते हैं, या अपने पसंदीदा शगल के बारे में एक ब्लॉग देख सकते हैं, एक ऑनलाइन दुकान में एक आइटम खरीद सकते हैं, हम अपने हाथों की हथेली से लगभग सभी चीजें कर सकते हैं। आखिरकार, हमारे पास हमारे लिए बहुत अधिक समय होता है।
हालाँकि, कुछ भी संपूर्ण नहीं है।
Automation and Control
भौतिक वस्तुओं को वायरलेस प्रौद्योगिकी संरचना के साथ डिजिटल और केंद्रीय रूप से जोड़ा और नियंत्रित किया जा रहा है, कामकाज में स्वचालन और नियंत्रण की एक बड़ी मात्रा है। मानवीय हस्तक्षेप के बिना, मशीनें तेजी से और समय पर आउटपुट प्रदान करने के लिए एक दूसरे के साथ संचार कर रही हैं।
Saving Money
IoT का एक अन्य मुख्य लाभ पैसे की बचत है। यदि टैगिंग और निगरानी मशीनों की लागत बचाई गई राशि की तुलना में कम है, तो यही कारण है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स को बहुत व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है।
IoT मुख्य रूप से लोगों के दैनिक जीवन में उनके उपकरणों को एक दूसरे के साथ एक कुशल तरीके से ऊर्जा और लागत की बचत और संरक्षण के साथ संवाद करने में सहायक होता है।
डेटा को उपकरणों के बीच संचार और साझा करने की अनुमति देना और फिर इसे हमारे आवश्यक तरीके से अनुवाद करना, हमारे सिस्टम को कुशल बनाता है।
Disadvantages of IoT
Data Breach
डेटा तक पहुंच उत्कृष्ट है। दुर्भाग्य से, हमारा व्यक्तिगत डेटा अधिक खुला है। क्रेडिट कार्ड नंबर सबसे अधिक समझौता की गई जानकारी है, इसके बाद डेबिट कार्ड नंबर होता है।
डेटा उल्लंघनों तनावपूर्ण हैं। कंपनियां भी उनके बारे में चिंता करती हैं और अगर उनके ग्राहकों द्वारा उनके विवरण से समझौता किया जाता है तो वे विश्वास खो सकते हैं। सबसे खराब उपकरणों को कहा जाता है: ऑफ-ब्रांड IoT गैजेट्स, सेकेंड-हैंड स्मार्ट डिवाइस और संदिग्ध ऐप्स।
Dependence on Technology
IoT मुख्य रूप से इंटरनेट कनेक्शन पर निर्भर है। जब कोई नहीं है, तो इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है।
दूसरी ओर, हम मुख्य रूप से IoT के दैनिक उपयोग पर निर्भर हो गए हैं। व्यवसाय और निजी जीवन भी IoT पर निर्भर है।
यदि हमें वांछित जानकारी तक शीघ्रता से पहुंच नहीं मिलती है, तो हम सबसे अनावश्यक सामग्री के बारे में भी परेशान हो जाते हैं। IoT ने हमारे ध्यान अवधि में भारी कमी में योगदान दिया है।
Complexity in Operation
IoT भले ही आसानी से कार्यों का प्रबंधन कर रहा हो, इसके पीछे बहुत सारे जटिल ऑपरेशन किए जाते हैं। अगर गलती से सॉफ्टवेयर गलत कैलकुलेशन करता है, तो यह बाकी प्रोसेस को प्रभावित करेगा।
उपर्युक्त कभी-कभी बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। हम नहीं जानते कि हमारे घर में गलत तापमान से कैसे निपटा जाए।
सबसे खराब स्थिति में, वाटर डैम सॉफ्टवेयर में त्रुटि कोड विनाशकारी बाढ़ का कारण बन सकता है।
यही कारण है कि, कई बार IoT में एक गलती को डीबग करना हमेशा आसान नहीं होता है।
Our Safety
सोचिए अगर कोई चतुर हैकर आपकी दवा के नुस्खे को बदल दे। या यदि कोई स्टोर स्वचालित रूप से आपको कोई ��सा उत्पाद भेजता है जिससे आपको एलर्जी है, या ऐसा स्वाद जो आपको पसंद नहीं है, या कोई उत्पाद जो पहले ही समाप्त हो चुका है। नतीजतन, सुरक्षा अंततः उपभोक्ता के हाथों में सत्यापित करने के लिए है।
चूंकि सभी घरेलू उपकरण, औद्योगिक मशीनरी, सार्वजनिक क्षेत्र की सेवाएं जैसे जल आपूर्ति और परिवहन, और कई अन्य उपकरण सभी इंटरनेट से जुड़े हैं, इस पर बहुत सारी जानकारी उपलब्ध है। यह जानकारी हैकर्स द्वारा हमला करने की संभावना है। यह बहुत विनाशकारी होगा यदि अनधिकृत घुसपैठियों द्वारा निजी और गोपनीय जानकारी का उपयोग किया जाता है।
IoT हमारे लिए कई आश्चर्यजनक चीजें लेकर आया है और यह हमें कई क्षेत्रों में आश्चर्यचकित करता है: व्यवसाय, स्वास्थ्य सेवा, हमारा निजी जीवन। जहां तक कमियों का सवाल है, अब जब आप उनके बारे में अधिक जानते हैं, तो उन्हें नियंत्रण में रखने का प्रयास करें। अपने डेटा को सुरक्षित रखें और इस बात से अवगत रहें कि स्वचालन और आसान पहुंच आपको या आपके व्यवसाय को कैसे प्रभावित कर सकती है।
Inter Compatibility
जैसे-जैसे विभिन्न निर्माताओं के उपकरण एक-दूसरे से जुड़े होंगे, टैगिंग और निगरानी में संगतता की समस्या बढ़ जाती है। इस नुकसान को दूर किया जा सकता है यदि निर्माता एक सामान्य मानक बनाते हैं, लेकिन अभी भी एक संभावना है कि तकनीकी समस्याएं अभी भी बनी रह सकती हैं।
आजकल, हमारे पास वायरलेस-सक्षम डिवाइस हैं और इस तकनीक में भी संगतता समस्याएं अभी भी मौजूद हैं! संगतता के मुद्दों के परिणामस्वरूप लोग एक अलग निर्माता से उपकरण खरीद सकते हैं, जिससे बाजार में इसका एकाधिकार हो सकता है।
Lesser Employment of Menial Staff
गैर-शिक्षित श्रमिकों और सहायकों को दैनिक गतिविधियों के स्वचालन के प्रभाव के रूप में अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। इससे समाज में बेरोजगारी पैदा हो सकती है।
यह किसी भी तकनीक के अत्यधिक जोखिम की समस्या है और इसे शिक्षा से दूर किया जा सकता है। दैनिक गतिविधियों के स्वचालित होने के साथ, स्वाभाविक रूप से, मानव श्रम की कम आवश्यकताएं होंगी, मुख्य रूप से, श्रमिक और कम शिक्षित कर्मचारी।
Technology Takes Control of Life
हमारा जीवन तेजी से प्रौद्योगिकी द्वारा नियंत्रित हो रहा है और इस पर निर्भर होगा। युवा पीढ़ी पहले से ही हर छोटे से छोटे काम के लिए तकनीक की आदी है। हमें यह तय करना होगा कि हम अपने दैनिक जीवन का कितना हिस्सा मशीनीकरण और प्रौद्योगिकी द्वारा नियंत्रित करने के लिए तैयार हैं।
आपकी कार यह पहचान सकती है कि आपको कुछ घटकों में समस्या है; यह तकनीशियन से संपर्क करता है और स्थान भेजता है, और आपके फोन पर एक संदेश भेजकर आपको सूचित भी करता है!
आपका अलार्म सुबह 6:30 बजे बजता है; तुम उठो और इसे बंद कर दो। जैसे ही आप अपना अलार्म बंद करते हैं, यह गीजर को आपके पसंदीदा तापमान पर पानी गर्म करने की सूचना देता है और कॉफी बनाने वाला भी कॉफी बनाना शुरू कर देता है!
आप काम से घर लौटते समय अपने रास्ते पर हैं और आप अपने मोबाइल पर एक ऐप का उपयोग करके अपने घर में लाइट, एसी और टीवी को अपने पसंदीदा चैनल पर ट्यून करते हैं ताकि आपका घर आपके स्वागत के लिए तैयार हो जाए। अपना दरवाजा खोलो!
क्या वास्तव में एक वाहन "स्मार्ट" होगा यदि यह मालिकों को सचेत कर सकता है जब उनका खाना उनकी समाप्ति तिथि तक पहुंचने वाला है, उदाहरण के लिए। या शायद यह एक ऑनलाइन कैलेंडर को संदर्भित कर सकता है और कुछ वस्तुओं को वितरित करने के लिए नियमित आधार पर आदेश दे सकता है।
Conclusion
चूंकि IoT के कुछ नुकसान हैं, इसलिए उपभोक्ता का समय और पैसा बचाने के इसके फायदों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। तो निकट भविष्य में, यह बहुत आम होगा जब इंटरनेट ऑफ थिंग्स दैनिक जीवन में रोजमर्रा के उपयोग में होगा। इसकी कमियों को दूर करने के प्रयास पहले से ही चल रहे हैं।
ये इंटरनेट ऑफ थिंग्स के कुछ ही फायदे हैं। ब्लॉग से हमने सीखा कि यह विभिन्न पहलुओं में जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने की संभावनाओं को खोलता है। लेकिन यह जरूरी है कि हम इस तकनीक का सही तरीके से उपयोग करें ताकि यह तकनीक हमारे लिए सबसे अच्छा काम कर सके।
मेरे ब्लॉग को पढ़ने के लिए अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं वास्तव में इसकी सराहना करता हूं।
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घर में मैनीक्योर करने का आसान तरीका – How To Do Manicure at Home in Hindi
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घर में मैनीक्योर करने का आसान तरीका – How To Do Manicure at Home in Hindi
Arpita Biswas May 28, 2019
कई लोग हैं जो अपने चेहरे और त्वचा की देखभाल पर खास ध्यान देते हैं। चेहरे पर पिंपल या दाग-धब्बे न हो उसके लिए घरेलू उपाय, खान-पान पर ध्यान व तरह-तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं। इन सबके बीच वो ये भूल जाते हैं कि जब वह किसी से मिलते हैं, तो सबसे पहले हाथ मिलाते हैं और हाथों का स्पर्श हाथों की त्वचा के बारे में बहुत कुछ कहता है। इसलिए, हाथों की देखभाल भी जरूरी है और इसके लिए मैनीक्योर सबसे अच्छा तरीका है।
इसमें कोई दो राय न��ीं कि मैनीक्योर के लिए हर कोई पार्लर ही जाता है, लेकिन इस लेख को पढ़ने के बाद आपको मैनीक्योर के लिए पार्लर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम आपको बताएंगे कि मैनीक्योर क्या है और साथ ही घर में मैनीक्योर करने की विधि भी बताएंगे।
मैनीक्योर के लाभ जानन से पहले हम यह पता करते हैं कि ‘मैनीक्योर क्या है’?
विषय सूची
मैनीक्योर क्या है?
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मैनीक्योर को सरल भाषा में समझा जाए, तो यह हाथों और उंगलियों को खूबसूरत बनाने का ब्यूटी ट्रीटमेंट है। इसमें नाखूनों को साफ करने से लेकर हाथों को मॉइस्चराइज तक किया जाता है। मैनीक्योर के लाभ अनेक हैं, जिसके बारे में हम यहां बता रहे हैं।
मैनीक्योर के फायदे – Manicure Benefits in Hindi
मैनीक्योर के दौरान हाथों की हल्की मालिश भी की जाती है, जिससे ब्��ड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
इसमें नाखून साफ रहते हैं और संक्रमण से बचाव होता है।
नाखून स्वस्थ होते हैं और टूटते नहीं हैं।
हाथों की त्वचा रूखी-बेजान नहीं होती है।
नाखूनों में चमक आ जाती है।
हाथ नर्म, मुलायम, खूबसूरत व आकर्षक नजर आने लगते हैं।
अब जब आप मैनीक्योर के लाभ जान चुके हैं, तो आपका भी मन अपने हाथों को खूबसूरत बनाने का कर रहा होगा। नीचे हम आपको बता रहे हैं कि घर में मैनीक्योर कैसे करें। इसमें हम आपको मैनीक्योर की सामग्री के बारे में और मैनीक्योर करने की विधि के बारे में जानकारी देंगे।
इससे पहले कि आप घर पर मैनीक्योर करने की विधि जानें, हम आपको मैनीक्योर मैनीक्योर की सामग्री के बारे में बता दें। अच्छा मैनीक्योर तभी हो सकता है जब मैनीक्योर की सामग्री पास रहे।
मैनीक्योर की सामग्री
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मैनीक्योर करने से पहले जरूरी है कि आप मैनीक्योर की सामग्री की लिस्ट बनाकर उन्हें इकट्ठा कर लें। नीचे हम मैनीक्योर के सामान की पूरी सूची आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
नेल पॉलिश रिमूवल
नेल क्लिपर
रूई के छोटे गोले
नेल बफर
क्यूटिकल पुशर एंड निप्पर
क्यूटिकल रीमूवर या क्यूटिकल क्रीम
हाथों का मॉइस्चराइजर
नाखूनों के लिए एक बेस कोट
आपकी पसंदीदा नेल पॉलिश
एक क्लियर या ट्रांसपैरेंट नेल कोट
अब नीचे जानते हैं घर पर मैनीक्योर कैसे करे ?
घर में मैनीक्योर कैसे करें – Manicure Steps in Hindi
1. नेल पॉलिश हटाएं
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अगर आपके नाखूनों में नेल पॉलिश लगी है, तो मैनीक्योर शुरू करने के लिए पहले आप उसे हटा दें। अपनी पुरानी नेल पॉलिश को हटाने के लिए नॉन-एसीटोन नेल पॉलिश रिमूवल और कॉटन पैड का इस्तेमाल करें। नॉन-एसीटोन नेल पॉलिश रिमूवल आपके नाखूनों के आसपास की त्वचा को शुष्क नहीं करता है। हालांकि, एसीटोन युक्त नेल पॉलिश रिमूवल तेजी से काम करता है, लेकिन इससे आपके नाखूनों को नुकसान भी हो सकता है। अगर आप महीने में एक से अधिक बार नेल पॉलिश रिमूवर का उपयोग करते हैं, तो नॉन-एसीटोन नेल पॉलिश रिमूवर का उपयोग करना बेहतर होता है।
2. नाखूनों को काटें और आकार दें
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अपने नाखूनों को ट्रिम करने के लिए नेल क्लिपर्स का इस्तेमाल करें। उन्हें बहुत छोटा न करें, फिर नाखूनों को आकार देने के लिए नेल फाइलर का उपयोग कर��ं। अगर आप सिंपल रखना चाहती हैं, तो गोल किनारों के साथ चौकोर आकार के नाखून या साधारण गोल नाखून सबसे अच्छे हैं।
अपने नाखूनों को आकार देने के लिए कोमलता ���े नेल फाइल का इस्तेमाल करें। फाइलर को ज्यादा जोर से न घिसें और नाखुनों का आकार ज्यादा छोटा न करें। नाखूनों को काटने के बाद जो कोने बच जाते हैं उन्हें चिकना कर दें। अपने नाखूनों के सिरे को चिकना करने के लिए थोड़ा खुरदरा नेल बफर का उपयोग करें। ध्यान रहे कि नाखूनों को अधिक चिकना न करें, क्योंकि ऐसा करने से जब आप अपने नाखूनों पर नेल पॉलिश लगाएंगे, तो वो ज्यादा देर टिकेगी नहीं।
3. अपने नाखूनों और हाथ को भिगोएं
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यह मैनीक्योर का सबसे आरामदायक भाग है। एक बड़ा कांच का कटोरा लें और इसे गर्म पानी से भरें। इस पानी में बेबी शैम्पू या एक सौम्य क्लींजर मिलाएं और अपने हाथों को इसमें कुछ दर (अधिकतम 3 मिनट) के लिए डुबाकर रखें। ध्यान रहे पानी ज्यादा गर्म नहीं, बल्कि गुनगुना हो, नहीं तो आपके हाथ जल सकते हैं।
जब क्यूटिकल्स पानी में भीगते हैं, तो वो मुलायम होते हैं। ऐसा करने से हाथों, उंगलियों और नाखूनों की गंदगी और मृत त्वचा कोशिकाएं कमजोर होने लगती हैं और उन्हें आसानी से निकाला जा सकता है। गंदगी को निकालने के लिए आप एक नर्म नेल ब्रश का उपयोग करें। नाखूनों के नीचे खुरचना न भूलें। अपने नाखूनों और हाथों को अधिक भिगोने से बचें, क्योंकि इससे उन्हें नुकसान हो सकता है।
4. क्यूटिकल क्रीम लगाएं
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अपने नाखूनों और हाथों को पोंछ लें और फिर नाखूनों पर क्यूटिकल क्रीम से मालिश करें। इसके बाद क्यूटिकल पुशर की मदद से क्यूटिकल को धीरे-धीरे पीछे करें। इन पर ज्यादा दबाव न डालें, क्योंकि इससे क्यूटिकल्स ज्यादा पीछे चले जा सकते हैं और आपके नाखूनों को नुकसान हो सकता है। इससे आपके नाखूनों में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है। जब एक बार क्यूटिकल्स साफ हो जाएं, तो अपने नाखूनों से अतिरिक्त क्रीम को हटा दें। अगर आप क्यूटिकल क्रीम का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो आप क्यूटिकल हटाने के लिए क्यूटिकल रिमूवर (यह आसानी से बाजार और ऑनलाइन पर उपलब्ध हैं) लगा सकते हैं।
5. हाथों पर मॉइस्चराइजर लगाएं
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अब बारी आती है हाथों को मॉइस्चराइज कर उन्हें नमी देने की। हाथों के लिए अच्छे मॉइस्चराइजर का चुनाव करें। हाथों को गहराई तक मॉइस्चराइज करने के लिए गाढ़े मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। विशेष रूप से अपनी उंगलियों और अपने नाखूनों के आसपास के क्षेत्र पर ध्यान दें। आप चाहें तो मॉइस्चराइजर लगाने से पहले अपने हाथों को 30 सेकंड तक गर्म पानी में भिगो सकते हैं।
6. नेल पॉलिश लगाने के लिए नाखूनों को तैयार करें
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मैनीक्योर करने की विधि के इस पॉइंट में आप नेल पॉलिश लगाने से पहले अपने नाखूनों को तैयार करें। अगर आपके नाखूनों पर अधिक मॉइस्चराइजर लगा होगा, तो नेल पॉलिश आपके नाखूनों पर नहीं चिपकेगी। ऐसे में आप ज्यादा मॉइस्चराइजर को पोंछ दें। एक कॉटन पैड या क्यू-टिप (कॉटन बड्स) लें और उसमें थोड़ा-सा नेल पॉलिश रिमूवर लगाएं और इससे अपने नाखूनों को पोंछ लें।
7. पतला बेस कोट लगाएं (नेल पॉलिश लगाने से पहले)
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बेस कोट के रूप में आप एक ट्रांसपेरेंट नेल पॉलिश (क्लियर नेल पॉलिश – कॉस्मेटिक दुकान में आसानी से ��पलब्ध है) का उपयोग करें। अपने नेल पॉलिश को चटक रंग देने के लिए आप सफेद नेल पॉलिश को भी बेस कोट की तरह उपयोग कर सकते हैं। यह आपके नेल पॉलिश को अच्छे से चिपकने में मदद करता है। साथ ही यह नाखूनों को नेल पॉलिश से होने वाले नुकसान से भी बचाता है। इसके अलावा, बेस कोट नेल पॉलिश को लंबे समय तक टिकने में मदद करता है।
8. नेल पॉलिश लगाएं
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बेस कोट सूख जाने के बाद, उस पर अपनी पसंदीदा नेल पॉलिश का एक पतला कोट लगाएं। ध्यान रहे कि नेल पॉलिश लगाते वक्त हाथों को हिलाए नहीं और उंगलियों के बीच रूई रख लें, ताकि वो दूसरी उंगली में न लगे। ज्यादा मोटी परत न लगाएं और अगर दूसरी परत लगानी है, तो पहले उसे सूख जाने दें, फिर दूसरी बार लगाएं।
9. टॉप कोट
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एक बार जब आपकी नेल पॉलिश सूख जाए, तो उसके ऊपर टॉप कोट लगाएं। मैनीक्योर करने की विधि का यह अंतिम स्टेप है। यह नेल पॉलिश को खराब होने से, टूटने या झड़ने से बचाता है। इसके अलावा, अगर आपने कोई नेल आर्ट किया है, तो टॉप कोट उसकी भी सुरक्षा करेगा।
आप क्लियर नेल पॉलिश भी लगा सकते हैं। इसे आप अकेले या किसी नेल पॉलिश के ऊपर भी लगा सकते हैं। यह टॉप कोट से थोड़ा अलग होता है। आप इसे बेस कोट के ऊपर यानी बाद में या टॉप कोट के नीचे यानी पहले लगा सकते हैं। इसे नाखूनों और नेल पॉलिश में चमक लाने के लिए या उनकी चमक बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है, लेकिन यह नाखूनों को खरोंच से बचाने या टूटने या नेल पॉलिश खराब होने से बचाने के लिए नहीं है।
घर में मैनीक्योर कैसे करें, ये तो आप जान ही गए हैं। मैनीक्योर एट होम की ये विधियां आपको बहुत आसान लग रही होंगी, लेकिन इस दौरान कुछ गलतियां भी हो सकती हैं, जिससे बचने के लिए आपको उन्हें जानने की जरूरत है। इसलिए, नीचे हम घर में मैनीक्योर करते वक्त होने वाले गलतियों के बारे में बता रहे हैं।
घर में मैनीक्योर करते समय ये गलतियां न करें
घर में मैनीक्योर करने की विधि के वक्त आप गलतियां न करें, उसके लिए उन्हें जान लेना जरूरी है। अब बिना देर करते हुए, नीचे पढ़ें उनके बारे में :
1. नाखूनों को ज्यादा छोटा न करें
कई बार महिलाएं नाखूनों को ज्यादा छोटा कर देती हैं। जरूरी नहीं कि मैनीक्योर के वक्त नाखूनों को काटना ही हैं। अगर आपके नाखून पहले से ही छोटे हैं, तो उन्हें न काटें। बस फाइल के जरिए उन्हें सही आकार दें। अगर आपके नाखून बहुत लंबे हैं, तो बस उन्हें आधा काटें और फिर उन्हें सही आकार दें। नाखूनों को बहुत छोटा करने से लुक खराब हो सकता है।
2. क्यूटिकल्स को ट्रिम करने से बचें
क्यूटिकल त्वचा कोमल होती है।आपको उन्हें पूरी तरह से काटने की आवश्यकता नहीं है, बस उन्हें थोड़ा पीछे कर दें। अगर आपको लगता है कि आपको बहुत क्यूटिकल है तो हर दिन नहाते वक्त उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश करें। जब आप शॉवर लेते हैं, तो आपके क्यूटिकल्स नरम हो जाते हैं, जिससे उन्हें पीछे धकेलना आसान हो जाता है।
3. फाइलर का उपयोग ध्यान से करें
अपने नाखूनों को आकार देने के लिए फाइलर का उपयोग ध्यान से करें। फाइलर को हर दिशा में न घुमाएं, बल्कि जब आप एक तरफ से नाखून को फाइल करना शुरू करते हैं, तो उसी तरफ से पूरे नाखून को फाइल करें।
4. नाखूनों को अच्छे से साफ करना न भूलें
नेल पॉलिश लगाने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके नाखूनों में मॉइस्चराइजर, पानी या गंदगी तो नहीं है। उन्हें अच्छी तरह से साफ करने के लिए एक लिंट-फ्री वाइप और नॉन-एसीटोन नेल पॉलिश रिमूवर का इस्तेमाल करें।
5. नेल पोलिश की ज्यादा मोटी लेयर न लगाएं
जब नेल पॉलिश लगाएं, तो ध्यान रहे कि आप नेल पॉलिश की ज्यादा मोटी परत न लगाएं और लगातार दो कोट न लगाएं, वरना पॉलिश खराब हो सकती है। एक कोट लगाने के बाद जब नेल पॉलिश सूख जाए, तो दूसरा कोट लगाएं। नाखूनों को मोड़कर नेलपॉलिश न लगाएं, नहीं तो आपक��� नेल पॉलिश खराब हो सकती है। इसके अलावा, ध्यान रहे कि आप नाखूनों के कोने से लेकर सिरे तक अच्छे से नेल पॉलिश लगाएं।
जब आपको सही तरीके से मैनीक्योर करने की विधि पता हो और आपके पास मैनीक्योर की सामग्री मौजूद हो, तो घर में मैनीक्योर करना बहुत आसान हो जाता है। इससे न सिर्फ वक्त बचता है, बल्कि पैसे की भी काफी बचत हो सकती है। इन तमाम नियमों का पालन कर आप घर में खुद से मैनीक्योर करके देखें और हमारे साथ अपने अनुभव कमेंट बॉक्स में शेयर करना न भूलें। इसके अलावा, अगर आपके पास भी मैनीक्योर एट होम के कुछ अन्य टिप्स हैं, तो हमारे साथ जरूर शेयर करें।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/ghar-par-manicure-karne-ka-tarika-in-hindi/
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��ाईलैंड के अलावा जर्मनी भी प्रकाश निर्माताओं "सोने की डली" चिल्लाया!
ऑप्टो कं, लिमिटेड शेन्ज़ेन बढ़ी,फ्लड लाइट प्रदायक एलईडी,एल्यूमीनियम मिश्र धातु बाढ़ प्रकाश निर्माता,पनरोक एलईडी लैंप आपूर्तिकर्ता चीन. दक्षिण पूर्व एशिया बाजार, उत्पाद, प्रकाश व्यवस्था, चाहे मुद्रित सर्किट बोर्डों, ऊर्जा भंडारण उपकरणों और उपकरण से संबंधित जरूरतों के ऊर्जा-उत्पादन तेजी से बढ़ रहे हैं। थाईलैंड में दक्षिण पूर्व एशिया, वियतनाम, मलेशिया, सिंगापुर, कंबोडिया, और यहां तक कि भारत और अन्य पड़ोसी देशों सहित महत्वपूर्ण स्थानों में स्थित है, जबकि खरीदारों की खरीद करने के लिए इस प्रदर्शनी के लिए आ जाएगा। प्रदर्शकों के लिए विदेशी निर्माताओं, क्षेत्रीय बाजार मेहमानों के बाहर थाईलैंड में स्थानीय बाजार के अलावा का उपयोग करने का अवसर है। खरीदारों के अधिकांश वितरकों और क्षेत्रीय व्यापारियों, स्थानीय प्रोजेक्टर, थाईलैंड में कर रहे हैं और इतने पर। ताइवान निर्माता इस प्रदर्शनी, सहित डेल्टा, 3J IOT, Mingwei, सात UNITA, Lin हाँग प्रौद्योगिकी, AUREX, Lei यान प्रकाश, LEDlink थंडरबर्ड, AURONA, Yuhao उद्यम, दिन भर का उद्योग, COLORADD तकनीक, और इतने पर। देखो भी बल्ब, दीपक असेंबली घटक की आवश्यकता है, शामिल हैं LEDinside पावर सिस्टम्स, उच्च थाईलैंड, कुल मिलाकर के लिए की जरूरत में स्थानीय बाजार में स्थापना सिस्टम समाधान, और ज्ञान क्षमता एकीकरण के निर्माण की योजना का निर्माण परियोजना के खरीदार भी ताइवान के निर्माताओं और Schneider फिलिप्स, जर्मनी और जापान सहित नीदरलैंड, और अन्य विदेशी प्रतियोगिता, यह क्षेत्र अभी भी विकसित करने के लिए एक अच्छा अवसर है मांग। मूल्य, करने के लिए थाई बाजार की संवेदनशीलता अन्य उभरते बाजारों, बहुत महंगी चीजों के रूप में जब तक यह उच्च स्तरीय मेहमानों, परियोजना integrators उच्च सकल मार्जिन का क्या करना है, बेचा जा सकता है नहीं, मौजूदा बाजार का उपयोग एलईडी प्रकाश स्रोत उत्पादों में कम है और कम नहीं किया जा सकता, और एलईडी प्रकाश व्यवस्था के उत्पादों सस्ते लैंप के उत्पादन की एक निश्चित राशि हैं , थाई स्थानीय बाजार की सजावट और नई परियोजनाओं की आवश्यकता प्रकाश व्यवस्था के उत्पादों, करने के लिए उन्नत बाजार की तुलना में अभी भी कम कीमत पंक्ति में है। ताइवान के निर्माताओं सक्रिय रूप से इस क्षेत्रीय बाजार में कटौती कर रहे हैं, एक उपयुक्त डीलर और साथी भागीदारों खोजने के लिए चुनौती है, प्रदर्शनी प्राप्त व्यावसायिक संपर्क, भी फल सहन करने के लिए और अधिक व्यापार की जरूरत है, लेकिन ��क बार दक्षिण पूर्व एशिया में आदेश की वर्तमान विकास दर के लिए आपूर्ति श्रृंखला में शर्तों, या एक सार्थक निवेश बाजार बाजार। "साथ रास्ते" देश जर्मनी, वहाँ एलईडी प्रकाश उद्योग के रूप में ही एक बड़ी मांग है। जर्मनी के ऊर्जा-बचत जागरूकता हाल के वर्षों में ऊर्जा की कीमतें, जर्मन आर्किटेक्ट, सार्वजनिक निवेशकों और उपभोक्ताओं को एलईडी प्रकाश व्यवस्था के उभरते बाजार मांग के विकास में तेजी से वृद्धि हुई यूनाइ��ेड किंगडम, इटली और फ्रांस, बन गया यूरोप के सबसे तेजी से साथ पकड़ने गया है स्वीकार करने के लिए प्रेरित एलईडी प्रकाश बाजार बढ़ रहा है। वर्तमान में, यूरोपीय परिवारों (ताप और जल heaters को छोड़कर) की दैनिक बिजली ��पत का 12% के लिए खातों प्रकाश। यूरोपीय सरकार एलईडी और अन्य प्रकाश लोकप्रिय बनाने के लिए उम्मीद, 2050 में प्राप्त करने के लिए घरेलू बिजली खपत का अनुपात के लिए हिसाब में प्रकाश व्यवस्था का लक्ष्य 6% से कम हो जाएगा। इस विशाल बाजार की मांग स्वाभाविक रूप से व्यापार का एक बहुत आकर्षित करेगा, स्थानीय प्रकाश प्रदर्शनी प्रमुख कंपनियों सोने की डली जर्मनी के लिए एक शानदार तरीका बनने के लिए बाध्य है। यह समझा जाता है कि प्रकाश प्रौद्योगिकी एक्सपो में जर्मनी, जो अक्टूबर 2017 में आयोजित किया जाएगा, इस बूथ के आगामी 80% आरक्षित किया गया है। जर्मनी Essen प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स और सहायक उपकरण प्रदर्शनी के जर्मन पेशेवर प्रकाश प्रौद्योगिकी प्रणालियों, एलईडी इलेक्ट्रॉनिक सामान और उपकरण प्रदर्शनी है। रोड़े, ट्रांसफॉर्मर और अन्य नियंत्रण उपकरणों और ड्राइवरों, कनवर्टर, capacitors और अन्य पावर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रदर्शनी के लिए प्रदर्शनी की एक श्रृंखला के होते हैं है क्योंकि यह निर्माताओं के लिए प्रकाश, रोड़े, विद्युत आपूर्ति, प्रदर्शनी सहित सबसे अच्छा मंच है। ऐसे वरिष्ठ इंजीनियर, कंपनी निर्णय निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं कि प्रदर्शकों उत्पादों के सबसे उच्च अंत प्लेटफार्मों पर और अधिक सीधे प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए नवीनतम रुझानों और राज्य के--कला विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समझने के रूप में प्रदर्शनी उद्योग के नेताओं के साथ लाता है। अधिक जानकारी कृपया दर्ज करें:http://www.outdoorlightingsupplier.com/
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हिन्दू नववर्ष आपके लिए कैसा रहेगा जानें
आचार्य कृष्णदत्त शर्मा मेष : प्रमोशन मिलने में कोई संदेह नहीं आपके लिए यह साल लौह पाद से प्रवेश कर रहा है। राशि का स्वामी मंगल अपनी राशि मेष पर बुध के साथ विराजमान है। साल की शुरुआत से ही मंगल की स्वगृही और शुक्र की शुभ उच्चद्वादश स्थिति राज्य, मान, प्रतिष्ठा की वृद्धि और उन्नति के अवसर प्रदान करेगी। शुरुआत में शनि रजत पाद से शुभ फल कारक और 20 जून सन् 2017 के बाद लौह पाद से लघु कल्याणी ढैय्या वर्ष पर्यन्त आपके परिश्रम व पराक्रम को उजागर करेगी। 17 सितंबर को मंगल भी पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में आकर एक राशि और एक नक्षत्र में संबंध बना रहा है। यह भी आपके लिए मनोरथ सिद्धकारक है। 21 सितंबर तक छठे घर (कन्या राशि) में गुरु वक्री होने के कारण रक्त व संधिवात विकारों द्वारा स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालेगा। मित्रों और भाइयों से मतान्तर बढ़ेंगे। यदि आप नौकरी पेशा हैं तो आपको इस साल प्रमोशन मिलने में कोई संदेह नहीं है। यदि आप व्यवसायी हैं तो भी आपको अपने परिश्रम के अनुसार वांछित धन की प्राप्ति हो सकती है। 22 सितंबर से बृहस्पति के तुला राशि में प्रवेश होने पर जो कि बृहस्पति की शत्रु राशि है, आपके लिए अच्छा संकेत नही दे रही है। अत्यधिक सक्रियता से पैदा हुई जरा सी भी असावधानी असफलता और निराशा का कारण बन सकती है। यदि अक्टूबर-नवंबर में आपने अपने कार्य का निष्पादन समय पर नहीं किया तो दिसंबर से जनवरी 2018 तक विश्वासघात हो सकता है। अतः व्यवसाय व नौकरी में कर्तव्य के प्रति समर्पित रहें। महिलाएं : इस राशि की महिलाओं को इस साल पति की नशाखोरी की आदतों से छुटकारा मिल जाएगा। महिला राजनेताओं को कठिन परिश्रम के बाद अपने क्षेत्र में सफलता मिल जाएगी। लेकिन वर्ष के आखिर में किडनी में इन्फैक्शन से पीड़ा व स्वास्थ्य खराब हो सकता है। दांपत्य : साल के आखिर में पत्नी से वांछित स्नेह और पत्नी पक्ष से अनुकूल व्यवहार से दांपत्य जीवन में सरसता आएगी। बिना वजह चले आ रहे मन-मुटाव खत्म होंगे। स्टूडेंट्स : विद्यार्थी वर्ग के लिए यह साल बहुत उत्तम है। आपका वर्षेश शुक्र होने के कारण नृत्य कला, साहित्य, संगीत और सज्जा के विद्यार्थियों को विशेष सफलता मिलेगी। वाहन-संपत्ति : इस वर्ष वाहन आपको कहीं से उपहार स्वरूप भी मिल सकता है। चल व अचल संपत्ति में वृद्धि के साथ-साथ निवास स्थान में भी परिवर्तन का योग है। उपाय : राशि स्वामी मंगल की प्रसन्नता के लिए एक मीटर लाल कपड़े में पांच किलो गेहूं, एक किलो मसूर की दाल, एक किलो गुड़ और पांच लाल फूल बांधकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं। ‘ऊँ क्रां क्रीं क्रौ सः भौमाय नमः’ इस मंत्र का 108 बार रोजाना जाप करें। भाग्यशाली रंग : गहरा लाल और सिंदूरी। भाग्यशाली धातु : तांबा, पीतल, कांसा। वास्तु : विपरीत ऊर्जा को बाहर निकालने के लिए घर में रोजाना शंख बजाएं। घर के मुख्य द्वार पर केले का पौधा रखें। वृष : महिलाओं के लिए यादगार रहेगा साल यह साल यद्यपि स्वर्ण पाद से मध्य फलकारक है। वहीं राशि स्वामी शुक्र उच्च राशि का होकर एकादश भाव में उत्तरोत्तर राज्य, मान, प्रतिष्ठा की वृद्धि करेगा। शुक्र क्योंकि सांसारिक सुख भोग का कारक है इसलिए सांसारिक सुख भोगों की वृद्धि भी करेगा। वर्ष का राजा मंगल ��ो कि आपके राशि से द्वादश भाव में विराजमान है फलस्वरूप स्थाई व अस्थाई व्यवसाय से अकल्पित लाभ होगा। जुलाई अगस्त में लौह पाद से शनि की लघु कल्याणी ढैय्या मंगलोत्सव, मिलन कारक है। 12 सितंबर से तुला राशि का बृहस्पति सितंबर-अक्टूबर में निवास या कार्य स्थल के किसी भाग को अकस्मात् क्षतिग्रस्त कर देगा और आपको उसे पुनः ठीक कराने में भारी खर्च करना पड़ेगा। आगे चलकर नवंबर-दिसंबर में संतान पक्ष (पुत्र-पौत्र) की शिक्षा, विदेश यात्रा पर बड़ी मात्रा में खर्चे से बचत की स्थिति सुदृढ़ नहीं रह पाएगी। जनवरी 2018 से फरवरी आखिर तक व्यवसाय में अकस्मात् वांछित लाभ हो जाने से अर्थव्यवस्था दोबारा पटरी पर आ जाएगी। महिलाए : महिलाओं के लिए यह साल यादगार रहेगा। साल का स्वामी शुक्र खुद महिला वर्ग का कारक होने से दांपत्य सुख में वृद्धिकारक है। महिला अधिकारियों को सामान्य मेहनत से प्रशासनिक क्षेत्र में सफलत�� और प्रमोशन मिलेगा। शुक्र अभिनय कला, संगीत, नृत्य का प्रतिनिधि है इसलिए खासकर अभिनेत्री, नृत्यांगनाओं को धन-सम्मान मिलेगा। दांपत्य : पिछले कुछ समय से दांपत्य जीवन में चली आ रही बाधाएं दूर होकर पति-पत्नी में सामंजस्य स्थापित होगा। आप अपनी कार्य कुशलताओं से एक दूसरे को प्रभावित करेंगे। पुत्र-पुत्रवधू से वांछित सहयोग से सुखद वातावरण बनेगा। वाहन-संपत्ति : कोर्ट कचहरी में पड़े संपत्ति विवादों का फैसले आपके पक्ष में हो जाने से सामाजिक मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। परिवार में सांसारिक सुख भोग के साधन, गाड़ी, फ्रिज, टीवी, ए.सी., पर खर्च होकर कीर्ति की वृद्धि निश्चित है। स्टूडेंट्स : विद्यार्थी वर्ग के लिए यह साल बहुत उत्तम है। नए परिचय पर ज्यादा विश्वास करना उचित नहीं है। मिथुन राशि वाली कोई सहपाठी अध्ययन में बाधा बन सकती है। अपनी सफलता का राज किसी से शेयर नहीं करें। 12 जनवरी 2017 से 1 मार्च तक पुराना दोस्त मिलने से खुशी होगी। उपाय : विशेष अच्छे परिणाम के लिए शुक्र मंत्र का जाप करें। यंत्र की पूजा और इस दिन व्रत रखना लाभप्रद रहेगा। ‘ऊँ द्राँ द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’ मंत्र का जाप करें। भाग्यशाली रंग : सफेद और हल्का पीला। भाग्यशाली धातु : चांदी, कांसा, स्टील वास्तु : विपरीत ऊर्जा को बाहर निकालने के लिए घर के दरवाजे पर स्वास्तिक चिह्न जरूर लगाएं। मिथुन : रुका धन मिलेगा, रूठे नजदीक आएंगे मिथुन राशि वालों के लिए यह वर्ष ताम्र पाद से प्रवेश कर रहा है। जो घर गृहस्थ कारोबार और स्वास्थ्य के लिए उत्तम फलकारक है। राशि का स्वामी बुध वर्ष लग्न में मंगल के साथ विराजमान है जो बहुत समय से रुके हुए धन और रूठे परिजनों की प्राप्ति कराएगा। साल की शुरुआत से 11 सितंबर 2017 तक चतुर्थ भाव बुध की ही दूसरी राशि कन्या में बृहस्पति वरिष्ठ ��धिकारियों की कृपा से महत्वपूर्ण पद की प्राप्ति कराएगा। कई वर्षों से ईमानदारी से की गई सेवा व कठिन परिश्रम का फल इस साल पूर्ण रूप से प्राप्त हो जाएगा। गत वर्ष की अपेक्षा आपकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी, आपकी राशि का स्वामी बुध विवेक का देवता है, जो मंगल को और भी अधिक बलवान ओर परिष्कृत ज्ञान वाला बना रहा है। इसिलए इस वर्ष में दूर-पास की यात्रा देशाटन, तीर्थ यात्रा, पर भी व्यय होगा। 13 सितंबर से तुला राशि के बृहस्पति और वक्रगती से वृश्चिक राशि पर परिभ्रमण करता हुआ दोबारा धनु राशि पर शनि- हरे सफेद और गेहुंए रंग की वस्तु की व्यापार से इतना अधिक धन लाभ कराएगा कि आपके सहकर्मी भी चिढ़ने लगेंगे। दिसंबर से लेकर जनवरी-फरवरी तक गंजे, काने व्यक्ति द्वारा विश्वासघात व चोरी की संभावना भी है। सावधान रहें। महिलाएं : इस राशि वाली महिलाओं के तृतीय पराक्रम भाव में देवगुरु बृहस्पति और दशम कर्मकेंद्र में शुक्र चन्द्र सूर्य शुभ फलकारक है। शुक्र तो अपनी उच्च राशि पर है। उच्च राशि का शुक्र राजनीति में विशेष सफलताकारक रहेगा। वर्ष के आखिर में बृहस्पति चतुर्थ भाव में आकर उदर-वायु विकार से शरीर कष्ट कारक रहेगा। दांपत्य : सप्तम भाव में सूर्य के कारण इस वर्ष में पत्नी का स्वास्थ्य बहुत अनुकूल नहीं रहेगा। नेत्र बाधा व रक्त विकार के कारण दांपत्य जीवन में व्यवधान बना रहेगा। स्टूडेंट्स : तारीख 11 अगस्त से कन्या राशि पर बृहस्पति का राशि परिवर्तन आपके चतुर्थ भाव में होने के कारण स्वास्थ्य खराब रहेगा। इस वजह से अध्ययन में शिथिलता रहेगी। 26 जनवरी 2018 के बाद भी कठिन परिश्रम से सामान्य सफलता से ही संतोष करना पड़ेगा। वाहन-संपत्ति : वर्ष प्रवेश से लेकर 25 अप्रैल तक दशम राज्य भाव में उच्च राशि का शुक्र रहेगा। दशम कर्म केंद्र को जमीन-जायदाद का भाव भी मानते हैं। मंगल भी जो भूमि का स्वामी है, मार्गी वक्री रहता हुआ 12 जुलाई तक अपनी स्वराशि वृश्चिक पर संचार करेगा। शुक्र-मंगल का यह योग घरेलू सुख साधन और वाहन, भूमि, जमीन, जायदाद की वृद्धि करेगा। उपाय : प्रत्येक बुधवार को गाय को हरे पत्ते वाली सब्जी खिलाना लाभकारक रहेगा। ‘ऊँ ब्राँ ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ मंत्र का जाप करें। भाग्यशाली रंग : हरा और बसंती भाग्यशाली धातु : चांदी गिलट, जस्ता वास्तु : विपरीत ऊर्जा को बाहर निकालने के लिए रुद्राभिषेक कुशा और जल से करें। बेल का पौधा घर के आंगन में लगाएं। इससे लाभ होगा। कर्क : ज्यादा हैं गाड़ी, जमीन मिलने के संकेत आपकी राशि का स्वामी चंद्रमा वर्ष प्रवेश के समय नवम भाग्य त्रिकोण में विराजमान है, लेकिन 29 मार्च को दोपहर 11 बजकर 30 मिनट पर मेष राशि दशम कर्म केंद्र में आ जाएगा। चन्द्रमा के साथ ही स्वराशिगत मंगल और बुध भी विराजमान हैं जो उत्तरोत्तर राज्य, मान, प्रतिष्ठा की वृद्धि और स्थाई, अस्थाई मार्ग से बड़ी मात्रा में धनाजन कर कोष वृद्धि करेगा। यह साल क्योंकि कर्क राशि वालों क�� स्वर्ण पाद से प्रवेश करा रहा है और जून-जुलाई तक धनु राशि पर शनि ताम्र पाद है। इसलिए शनि स्वास्थ्य के सबंध में मध्यम फलकारक दूसरे राहु आठवें घर में केतु त्वचा और श्वास की नली में अवरोध उत्पन्न करेगा। हो सकता है रोग की गंभीरता के कारण कोई बड़ा ऑपरेशन भी कराना पड़े, जिसमें बचाया किया हुआ धन भी बड़ी मात्रा में खर्च हो जाएगा। आर्थिक : 12 सितंबर से लेकर दिसंबर सन् 2017 तक घरेलू सुख-साधन और वाहन, कृषि, भूमि, जमीन जायदाद प्राप्ति के प्रबल संकेत हैं। जनवरी-फरवरी 2018 में देवगुरु बृहस्पति के मार्गी होने से कुल मिलकर वर्ष अच्छा बीतेगा। बुद्धि की कुशाग्रता से परिवार और व्यवसाय के क्षेत्र में आपके प्रतिद्वंदी भी आपकी प्रशंसा करेंगे। महिलाएं : महिलाओं के लिए यह वर्ष उतार-चढ़ाव का होने के बावजूद भी कार्य के प्रति आपके समर्पण को उजागर करेगा। यदि आप सरकारी सर्विस में हैं तो अधिकारी वर्ग की कृपा रहेगी। दांपत्य : वर्ष की शुरुआत से ही व्यवसायिक और राजनीतिक व्यवस्थाएं ज्यादा रहेंगी। परिवार की ओर ध्यान कम और कुछ आपकी शारीरिक क्षमताओं में शिथिलता भी रहेगी। इसलिए दांपत्य सुख साधारण रहेगा। स्टूडेंट्स : पंचम विद्या, बुद्धि, संतान भाव का स्वामी मगल स्वगृही होकर पंचम भाव में ही शनि के साथ विराजमान है। यह आपको मानसिक तनाव में उलझाए रखेगा, इसका प्रभाव अध्ययन पर अच्छा नहीं पड़ेगा। वाहन-संपत्ति : शुक्र इस वर्ष का राजा और सांसारिक सुख भोगों का कारक है। शुक्र आपकी राशि से नवम भाग्य त्रिकोण में उच्च राशि का होकर विराजमान है। इसलिए इस वर्ष चल व अचल संपत्ति में वृद्धि होगी। वाहनों की अदला-बदली से भी लाभ होगा। उपाय : प्रत्येक शनिवार को भुने हुए चने व गुड़ खिलाएं। दो केले पीपल की जड़ में रखने से लाभ होगा। ‘ऊँ श्राँ श्रीं श्रौ सः चन्द्रमसे नमः’ मंत्र का जाप रात्रि में करें। भाग्यशाली रंग : सफेद और हल्का नीला। भाग्यशाली धातु : चांदी, एल्यूमिनियम, स्टील वास्तु : विपरीत ऊर्जा को घर से बाहर निकालने के लिए गाय के गोबर से बने उपले की आग में हरमल-लोबान की धूनी जलाएं। सिंह : साल के आखिर में पूरा घाटा रिकवर होगा यह साल आपको चांदी के पाद से प्रवेश कर रहा है। वर्ष प्रवेश के समय चंद्रमा मीन राशि यानी अष्टम भाव में उच्च राशि गत शुक्र और सूर्य के साथ संचार कर रहा है। देव गुरु बृहस्पति कन्या राशि का होकर द्वितीय कोष में उत्तरोत्तर पर्यन्त कोष की वृद्धि और आपके प्रबल प्रताप को उजागर करेगा। साल की शुरुआत से 20 जून 2017 तक धुन राशि पर शनि रजत पात से मनोरथ सिद्धि कारक रहेगा। बाद में यही शनि की लघु कल्याणी ढैय्या निर्मूल विवाद अकारण शत्रु उत्पत्ति, भाई-बन्धुओं से विमुखता और अपने किए हुए कार्यों से ही हानि होने की संभावनाएं उत्पन्न करेगा। 12 सितंबर सन् 2017 के बाद तृतीय पराक���रम भाव में बृहस्पति का प्रवेश आपके भाग्य का उदय, धन, धर्म, कीर्ति की वृद्धि, शतु चिंताओं का दमन प्रबल से प्रबल प्रतिद्वन्दी होनें पर भी सर्वत्र विजय, विभूति, सफलता की प्राप्ति हर्ष मंगलमय परिव��्तन और मनोरथ सिद्धि कारक रहेगा। आर्थिक : जोखिम के कामों से भी भरपूर लाभ होगा। यदि आप खान-पान दूध के पदार्थ अनानस गोला गुड़, खाण्ड, चीनी या सोने-चांदी के व्यापार से जुड़े हैं तो अक्टूबर-नवंबर में विशेष सफलता प्राप्त होगी। यदि आप कोई पुश्तैनी कारोबार कर रहे हैं तो आप को अपने बिजनेस में जनवरी-फरवरी 2018 में बदलाव लाने के लिए कुछ खर्च करना पड़ेगा। साल के आखिर में जाकर एक साथ पूरा घाटा रिकवर हो जाएगा। आयात-निर्यात से जुड़े हुए व्यापार में फायदा होने की उम्मीद है। ध्यान रखें कि जरूरत के अनुसार लेन-देन करें और सट्टे बाजी से बचकर रहें। महिलाएं : इस राशि वाली महिलाओं को इस साल धन लाभ के साथ-साथ उन्नति अवसर प्राप्त होंगे। यदि आप सरकारी नौकरी करती हैं तो ��च्च अधिकारियों का व्यवहार प्रतिदिन अनुकूल होता जाएगा। दांपत्य : यह वर्ष विशेष रूप से सांसारिक सुख भोगों की वृद्धि करेगा। पत्नी पक्ष के सहयोग से इसी कठिन समस्या का समाधान निकल आएगा। शनि की ढैया के कारण मानसिक तनाव में कमी होगी। इसलिए दांपत्य जीवन सामान्य व्यतीत होगा। स्टूडेंट्स : राशि स्वामी सूर्य अष्टम भाव में होने से बिगड़े कामों में सुधार होगा। 11 सितंबर 2017 तक आपकी राशि पर गुरु का संचार प्रतियोगी परीक्षाओं में उच्च कोटि की सफलता प्राप्त कराएगा। विशेष शुभ परिणामों के लिए रविवार के दिन सफेद कपड़ा, सफेद तिल, उड़द की धुली हुई दाल, चावल, दूध, दही, गरीबों को दान करें। ‘ऊँ हां हीं हौ सः सूर्यायनमः’ मंत्र का जप करें। भाग्यशाली रंग : लाल, केसरिया और गुलाबी भाग्यशाली धातु : सोना, चांदी, तांबा, कांसा वास्तु : विपरीत ऊर्जा को घर से बाहर निकालने के लिए कच्चे दूध की लस्सी से रूद्राभिषेक सोमवार को कराएं। कन्या : जमा पूंजी को सोच-समझकर खर्च करें कन्या राशि वालों को यह वर्ष विक्रम संवत् 2074 एक अच्छा खासा आर्थिक पैकेज लेकर आ रहा है। आकाशीय ग्रह चक्र में राशि स्वामी बुध अष्टम भाव में स्वगृही मंगल के साथ बैठा है। इसके साथ ही राशि पर देव गुरु बृहस्पति भी संचरण कर रहा है। वर्ष प्रवेश के समय 28 मार्च 2017 को आपकी राशि चन्द्रमा से सप्तम भाव प्रमुख केंद्र में अपने उध्र्वगामी शिखर पर अग्रसर हो रही है। पंचम त्रिकोण संतान भाव पर बृहस्पति की संपूर्ण दृष्टि संतानों के मौज शौक व निरंकुश प्रकृति वाले स्वभाव में सम्यक परिवर्तन करेंगे। षष्ठम शत्रु भाव में केतु और द्वादश भाव में राहू प्रतियोग कर रहे हैं। देवगुरु बृहस्पति आपकी राशि पर बलवान होकर संचार कर रहे हैं, जिनकी दृष्टि पंचम सप्तम और भाग्य तीनों महत्वपूर्ण अंगो को बलवान बना रही है। यह वर्ष आपके लिए मार्च शेष से लेकर 15 सितंबर तक अनेक प्रकार के स्रोतों से विपुल लक्ष्मी-लाभ का प्रतीक बनेगा। 27 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक नए व्यापार द्वारा धन की आवाक बढ़ेगी। कन्या राशि वाले वरिष्ठ जनों के लिए यह साल अपनी जमा पूंजी को सही तरीके से ��पयोग में लाने के लिए सावधानी की चेतावनी दे रहा है। जल्दबाजी में खर्च न करें। आर्थिक : वर्षारंभ का पहला महीना आपके लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। व्यापारिक प्रतिद्वंदी आपसे आगे निकलने का प्रयास करेंगे। धीरे-धीरे सफलता की ओर कदम बढ़ेंगे और संतोषजनक आर्थिक लाभ होगा। नौकरी पेशा : नौकरी पेशा लोगों के लिए बहुत समय से चली आ रही कटुता आपसी समझौते से समाप्त हो जाएगी। व्यापारी वर्ग को भी रुका हुआ धन प्राप्त होगा और कोई नया महत्वपूर्ण व्यावसायिक अनुबंध आपके पक्ष में फाइनल हो सकता है। महिलाओं के लिए विशेषकर कामकाजी महिलाओें को अपने कार्य क्षेत्र में शाबाशी मिलेगी। घरेलू महिलाओं के सांसारिक सुख भोगों में वृद्धि होगी। दांपत्य : क्योंकि आप अपनी धर्म पत्नी का विशेष ध्यान रखते हैं और बेटे-बेटियां भी पत्नी के अनुकूल हैं। इसलिए दांपत्य जीवन सुखी रहेगा। स्टूडेंट्स : विद्यार्थियों के लिए क्योंकि देवगुरु बृहस्पति पिछले कई दिनों से उच्च राशि का होकर द्वादश भाव में चल रहा है। जो कि उत्तम विद्याकारक है। विद्यार्थी अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सफल होंगे। वाहन-संपत्ति : इस साल में दशम ज़मीन जायदाद संपत्ति का स्वामी बुध विशेष रूप से संपत्ति के संबंध में निर्मूल विवाद और व्यर्थ व्ययकारक है। उपाय और उपासना : सूर्य शनि की शांति के लिए आटा चीनी चावल चांदी सफेद वस्त्र प्रत्येक रविवार को बदल-बदलकर दान करते रहें। आदित्यहृदय स्त्रोत का पाठ करें। भाग्यशाली रंग : गहरा हरा, गहरा पीला भाग्यशाली धातु : पन्ना, मोती, ग्रीन टोपाज वास्तु : वास्तु दोष की शांति और विपरीत ऊर्जा को बाहर निकालने के लिए वेद मंत्र से घर में जल छिड़कें। जिंदगी में नई रोशनी का अवसर हिंदू नववर्ष 2074 आज से आरंभ हो रहा है। इस संवत्सर वर्ष में विभिन्न राशियों के जातकों पर राशि-विचरण का क्या असर पड़ेगा, भारत की प्रतिष्ठा विश्व में कैसे बढ़ेगी और देश-दुनिया के लिए कैसा रहेगा साल, बता रहे हैं आचार्य कृष्णदत्त शर्मा : तुला राशि: कारोबार में ज्यादा पैसा लगाना ठीक नहीं रहेगा विक्रम संवत् 2074 स्वर्ण पाद से विजय विभूति कारक रहेगा। तुला राशि का स्वामी शुक्र उच्च राशि का होकर षष्ठम शत्रु भाव में सूर्य चन्द्रमा के साथ संचरणशील है। वर्षारंभ से 20 जून तक तृतीय पराक्रम भाव में शनि संघर्ष के बावजूद बिगड़े काम बनाएगा। शत्रु पक्ष की कुचेष्टाएं आपको संघर्षमय रखेंगी। इसके साथ-साथ 21 जून से 31 अगस्त तक उतरती ढ़ैया के कारण भाई बंधुओं से विवाद उग्र रूप धारण कर सकता है। 31 दिसंबर के बाद ग्रह चाल थोड़ी सी आपके पक्ष में आएगी। इस दौरान साहस से आगे बढ़ते रहें। अपनी कार्य-कुशलता से आप सबको प्रभावित करें। प्रतिद्वंदी आपके साहस और चिंतन से चिढ़ेंगे। नया परिचय मित्रता में बदलने पर आपको खुशी होगी। 11 सितंबर तक द्वादश भाव में कन्या राशि का बृहस्पति मान प्रतिष्ठा बढ़���एगा। मुकदमेबाजी का समाधान कोर्ट-कचहरी से बाहर आपसी समझबूझ से निकलेगा। 12 सितंबर से 31 दिसंबर तक व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी। अप्रैल से लेकर मई आखिर तक इच्छा के अनुसार ट्रांसफर भी हो जाएगा। 1 जनवरी 2018 से 7 मार्च तक आरोप-प्रत्यारोप का सामना करना पड़ेगा। लेकिन आखिर में आपकी जीत होगी। समाज और परिवार में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आर्थिक : कारोबार में ज्यादा पैसा लगाना ठीक नहीं रहेगा। साल के मध्य तक शेयर, सट्टा, लॉटरी जैसी अनियोजित कमाई के रास्तों से दूर रहें, नहीं तो लेने के देने पड़ सकते हैं। नौकरी-बिजनेस : अगर आप नौकरी पेशा हैं तो अधिकारियों को ओर से आपको सुखद समाचार मिलेंगे। इससे चिंता दूर होगी। आय में उतार-चढ़ाव हो सकता है, व्यापारी वर्ग के लिए भी कुल मिलाकर वर्ष उत्तम है। महिलाएं : महिलाओं के लिए यह साल अतयंत उत्साह और उन्नति कारक है। पति और संतान पक्ष से मन के अनुसार आचरण खुशी देगा। दांपत्य : राशि स्वामी शुक्र के अष्ट नवम भाव में विचरण करने से पत्नी को अस्थि का रोग हो सकता है। यानी दांपत्य जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। स्टूडेंट्स : मन से पढ़ें तो पिछली असफलता, सफलता में बदल जाएगी। वाहन-संपत्ति : जमीन खरीदने-बेचने से फायदा होगा। किसान वर्ग अपनी सफलता से उत्साहित रहेंगे। उपाय : सोमवार को व्रत रखें, शिव पूजन करें और नारियल चढ़ाएं। चांदी, चावल, मिश्री, किसी भी शुक्रवार को दान करें। ‘ऊँ, द्राँ, द्रीं, द्रौं सः शुक्राय नमः’ मंत्र का जाप करें। वृश्चिक राशि: धन और संतान संबंधी समस्याओं का समाधान होगा यह साल आपका चां��ी पाद से प्रवश करा रहा है। चांदी का पाया फलित ज्योतिष में सर्वश्रेष्ठ कहा गया है। वर्ष प्रवश के समय पंचम लक्ष्मी व संतान भाव में उच्च राशि का शुक्र, सूर्य-चन्द्रमा के साथ विराजमान होगा। इससे धन और संतान संबंधी समस्याओं का समाधान होगा। आपकी निराशा खत्म होगी। शरीर में नए उत्साह का संचार होगा। अप्रैल शुरू से लेकर जुलाई आखिर तक ग्रह आपके विशेष परिश्रम को उजागर करेंगे। 11 सितंबर से लेकर 31 दिसंबर तक तुला का गुरु प्रतिष्ठित व्यक्ति से रिश्तेदारी कराएगा। भाग्यवादी प्रयास सफल होंगे। जनवरी-फरवरी 2018 में इच्छित राजनीतिक पद मिलेगा। 28 फरवरी से मार्च 2018 तक आप पारिवारिक मंगल कार्य और सामाजिक आयोजनों में व्यस्त रहेंगे। विक्रम संवत् 2074 के शुरू से आखिर तक धार्मिक यात्राओं पर पैसा खर्च होगा। इससे आपको मानसिक व पारिवारिक समृद्धि प्राप्त होगी। आर्थिक : भाग्य सीधे-सीधे बिजनेस में साथ देगा, लेकिन शेयर बाजार में ज्यादा पैसा लगाना ठीक नहीं रहेगा। दिसंबर महीने में भाग्यवादी कोशिश कर सकते हैं। जनवरी 2016 महीने में अप्रिय समाचार मिलने से खिन्नता रहेगी। प्रतिद्वंदियों के लिए आप सिरदर्द बने रहेंगे। नौकरी और बिजनेस : सीनियर अधिकारी के ट्रांसफर से नौकरी पेशा लोगों के प्रमोशन में आ रही रुकावट खत्म हो जाएगी। व्यापारी वर्ग कई तरह के फायदे पाएंगे। तकनीक कला कौशल जानने वालों को मेहनत अनुसार फायदा। ��हिलाएं : महिलाओं के लिए यह साल अनुकूल नहीं है। राजनीतिक क्षेत्र की महिलाओं को कम फायदे के लिए अपनी हकदारी छोड़ना ठीक नहीं है। निडर और हिम्मती बनना पड़ेगा। दांपत्य : पत्नी के समर्पण भाव के कारण दांपत्य जीवन की बाधाएं खत्म हो जाएंगी। स्टूडेंट्स : यह साल सुखद माहौल बनाएगा। देवगुरु बृहस्पति स्टूडेंट्स की बिखरी हुई ज्ञान-बुद्धि को एकाग्र करेंगे, इससे स्टूडेंट्स अपनी सफलता से उत्साहित रहेंगे। वाहन-संपत्ति : निश्चित ही संपत्ति की वृद्धि होगी। वाहनों की अदला बदली भी। उपाय : इस साल में भू-अधिष्ठात्र देवताओं की प्रसन्नता के लिए सूखे साबूत गोले के मुख पर छेद करके उसमें देसी खांड या शक्कर भरकर मंगलवार सूर्यास्त के समय पीपल की जड़ में एक फुट गड्ढा खोदकर उसमें दबा दें। ‘ऊँ क्राँ क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः’ मंत्र का जाप करें। भाग्यशाली रंग : गहरा लाल, पीला, बसंती भाग्यशली धातु : कांसा, तांबा वास्तु : विपरीत ऊर्जा अंदर न प्रवशे कर पाए इसके लिए प्रवशे द्वार के दांई ओर सूंड वाली 9 इंच की गणश प्रतिमा लगाएं। धनु राशि: वाणी पर संयम रखें, सफलता मिलेगी यह साल आपका लौह पाद से प्रवेश करा रहा है। वर्ष प्रवेश के समय धनु राशि के स्वामी बृहस्पति दशम स्थान कर्म केंद्र राज्यभाव में विराजमान है। बृहस्पति से द्वादश भाव में सिंह राशि का राहू भी योग कर रहा है। इसलिए वर्ष प्रवेश से लेकर 20 जून तक सोच समझकर कदम आगे बढ़ाएं। दूर व पास की यात्रा का प्रसंग प्रबल होकर सामने आएगा, इसे कुछ समय के लिए टाल दें। 21 जून से 27 अक्टूबर तक वक्री शनि अकारण शत्रु उत्पत्ति निर्मूल विवाद और व्यर्थ व्यय कारक है। 28 अक्टूबर से शनि मार्गी होकर दोबारा धनु राशि में प्रवेश करेगा, इसके पहले 12 सितंबर 2017 को बृहस्पति तुला राशि में प्रवेश कर चुका है जो कि आपका लाभ भाव है। फलस्वरूप काम धंधा फिर से पटरी पर आ जाएगा। जनसंपर्क और कार्यक्षेत्र में वृद्धि होगी, मित्र आपका सहयोग करेंगे। नवंबर-दिसंबर में अपने काम से काम रखें, व्यर्थ की पंचायती करना उचित नहीं रहेगा। अगर आप नौकरी पेशा हैं तो जनवरी-फरवरी 2018 में अपनी वाणी पर जितना नियंत्रण रखेंगे उतनी ही स्थिरता आएगी। मार्च में व्यवसाय और नौकरी में अप्रत्याशित रूप से तरक्की मिलने के कारण सहकर्मी चिढ़ने लगेंगे। आर्थिक : 21 मार्च से 30 अप्रैल तक रुके हुए धन की लगातार प्राप्ति होगी। जीवन बीमा आदि बचत एजेंसियों द्वारा भी ब्याज धन प्राप्त होगा। लॉटरी सट्टे आदि से दूर रहें। नौकरी-बिजनेस : अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो अधिकारी वर्ग आपके कार्यों से प्रभावित रहेंगे, जिससे आपका उत्साह बढ़ेगा। व्यापारी वर्ग के रोजगार में अस्थिरता सी रहेगी। प्रतिद्वंदी वर्ग धोखा देने का प्रयास करेंगे। आखिर में आप उन सभी कोशिसों पर विजय प्राप्त कर पैसा कमाएंगे। महिलाएं : महिलाओं के लिए यह वर्ष मध्यम फलकारक है। पुत्री के दांपत्य जीवन में कटुता और पुत्र की असफलता से आप परेशान रहेंगी। दांपत्य : दांपत्य जीवन में भी बाधाएं आएंगी, पत्��ी अपनी खिन्नता और स्वास्थ्य असामान्य होने के कारण आपका सहयोग नहीं कर पाएंगे। स्टूडेंट्स : स्टूडेंट्स उत्साहित रहेंगे। पढ़ाई के लिए देश से बाहर जाना पड़ सकता है। तकनीकि शिक्षा वाले विशेष सफलता प्राप्त करेंगे। वाहन-संपत्ति : भाइयों से वर्षों पुराना चल रहा मुकदमा खत्म होगा। इसमें आपको मन के अनुसार हिस्सेदारी मिल जाएगी। इसके अलावा वर्तमान जायदाद के बेचने से पर्याप्त मुनाफा मिलेगा। उपाय : विशेष शुभ फल की प्राप्ति के लिए हर बुधवार रात बिना छिलके वाली चने की दाल भिगोकर बृहस्पतिवार सुबह सांड को खिलाएं। हल्दी, पीला, फल, वस्त्र, पीले फूल ब्राह्मण को दान करें। ‘मंत्र ग्राँ, ग्रीं, ग्रौं सः गुरुवै नमः’ का जप करें। भाग्यशाली रंग : पीला, गुलाबी, हल्का हरा भाग्यशाली धातु : सोना, चांदी, पीतल वास्तु : घर में सुख शांति और समृद्धि के लिए ‘वासुतोषपतये नमः’ मंत्र का जाप। अपनी क्षमताओं से सबको प्रभावित करेंगे, विरोधी चिढ़ेंगे भाग्यशाली रंग : सफेद, हल्का बैंगनी भाग्यशाली धातु : चांदी, तांबा, कांसा वास्तु : रोजाना घर में शंख ध्वनि करें। मकर राशि : प्रतिद्वंद्वी परेशान करेंगे, लेकिन हिम्मत बनाए रखें मकर राशि के लिए विक्रम संवत् 2074 वरदान सिद्ध होगा। राशि स्वामी शनि के द्वादश भाव में होने के कारण व्यापार के नए अनुभव कराएगा। वर्ष प्रवेश के समय राशि स्वामी शनि पराक्रम भाव को संपूर्ण शुभ दृष्टि से देख रहा है। फलस्वरूप नौकरी में सीनियर अधिकारियों की कृपा, बिजनेस में साझेदारी और दोस्तों की मेहरबानी धन लाभ कराती रहेगी। 29 मार्च से 21 जून तक आपकी अद्भुद प्रतिभा के कारण समाज में आप सामान्य दृष्टि से देखे जाएंगे। आप बालकों में बालक, प्रौढ़ में प्रौढ़ और वृद्धजनों में वृद्धजन बन जाते हैं। इसलिए आप सर्वत्र लोकप्रिय बने रहते हैं। 27 अक्टूबर से लेकर 31 दिसंबर तक आपके व्यक्तित्व का विशेष विकास होगा। 1 जनवरी 2018 से फरवरी अंत तक अपने मन के भावों को भीतर ही छुपाकर रखें। मार्च महीने में अपनी सफलता के गूढ़ रहस्य को रिश्तेदार व भाई, बंधुओं के सामने सार्वजनिक न करें। साल के आखिर में सिंह और तुला राशि के स्त्री-पुरुषों द्वारा भाग्य उदय के संकेत हैं। आर्थिक : 5 मई तक सोचे हुए सभी कार्यों में सफलता मिलने से आप उत्साहित होंगे। जून में संपर्क में वृद्धि होगी। स्थायी व अस्थायी रास्तों से लगातार पैसा मिलता रहेगा, जिससे बचत बढ़ेगी। नौकरी-बिजनेस : यदि आप नौकरी पेशा हैं तो सहकर्मियों की कुचेष्टा आपको परेशान करेगी। आवेश में कम लाभ व अपनी हकदारी छोड़ना ठीक नहीं होगा। व्यापारी लोगों को भी प्रतिद्वंदी पक्ष से चुनौती मिलती रहेगी। लेकिन आप अपने कार्यकौशल से अपना दबदबा बनाए रखेंगे। आर्थिक क्षेत्र का मार्ग प्रशस्त होगा। महिलाएं : परिवार में आपके गुणों की प्रशंसा होगी। परिवार की वरिष्ठ महिलाओं और पुरुषों के व्यवहार में आए परिवर्तन से आप खुश रहेंगी। कमर और उससे नी��े के भाग में पीड़ा रह सकती है। बहुत मेहनत वाले काम न करें। दांपत्य : देवगुरु बृहस्पति सप्तम केंद्र में बैठकर सांसारिक सुख भोगों की वृद्धि कर रहा है। पत्नी का ��ांछित सहयोग, नए संसाधनों की वृद्धि से दांपत्य जीवन आनंदित रहेगा। स्टूडेंट्स : स्टूडेंट्स के लिए यह साल अनुकूल है। जो आधुनिक व्यावसायिक शिक्षा या उच्च स्तर की डिग्री पाने का प्रयास कर रहे हैं उनको अपनी क्षमताओं के अनुकूल सफलता मिलना तय है। विद्यार्थी एकाग्र होकर अध्ययन करें। वाहन-संपत्ति : मंगल के भाग्य भाव में होने के कारण पुत्र और पौत्रों के माध्यम से भी संपत्ति और वाहन का विस्तार होगा। प्रौढ़ और वरिष्ठ जातकों को पुरानी जायदाद से अच्छा धन प्राप्त होगा और उस धन से नई संपत्ति खरीदी जाएगी। उपाय : अच्छे परिणामों के लिए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी की प्रतिमा पर चढ़ाएं। शनिवार शाम पीपल की जड़ में दीपक जलाएं तो भी शनिदेव प्रसन्न होंगे। ‘ऊँ प्राँ प्रीं प्रौं सः शनये नमः’ मंत्र का जाप करें। भाग्यशाली रंग : काला, गहरा हरा, नीला भाग्यशाली धातु : लोहा, तांबा, पीतल वास्तु : लोवान युक्त रूई की बत्ती सरसों के तेल में दीपक डालकर घर के बीच ब्रह्म स्थान में जलाएं। कुंभ राशि: लक्ष्मी कृपा की बरसात होने की संभावना है यह वर्ष कुंभ राशि वालों को रजत पाद से प्रवश करा रहा है। वर्ष प्रवश के समय राशिपति शनि एकादश भाव में संचार करेगा। देवगुरु बृहस्पति अष्टम और दैत्यगुरु शुक्र द्वितीय कोष भाव में उच्च राशि का होकर सूर्य-चन्द्र के साथ विराजमान है। बृहस्पति साल के शुरू से 11 सितंबर तक आपके विशेष ज्ञान को उजागर करेगा। जबकि मीन राशि गत 12 सितंबर से लेकर 31 अक्टूबर तक शारीरिक परिश्रम की जगह मानसिक परिश्रम के जरिए रुकी हुई सिद्धि प्राप्त होगी। 1 नवंबर से दिसंबर आखिर तक इंजीनियरिंग, मेडिकल, कानून, प्रशासन जैसी शिक्षा में उच्च कोटि की सफलता मिलेगी। जनवरी-फरवरी 2018 में फिल्म, टेलीविजन, विज्ञापन और पत्रकारिता के क्षेत्र में कुंभ राशि वाले महानुभाव लाभान्वित होंगे। विक्रम संवत 2074 के आखिर में यानी मार्च, अप्रैल में रचनात्मक कार्य से लक्ष्मी कृपा की बरसात होने की संभावना है। साल के आखिर में अगर दूर-समीप यात्रा का प्रसंग प्रबल हो तो उसको कुछ समय के लिए टाल देना चाहिए। आर्थिक : जनवरी-फरवरी 2018 में फिल्म, टेलीविजन, विज्ञापन और पत्रकारिता के क्षेत्र में कुंभ राशि वाले महानुभाव लाभान्वित होंगे। विक्रम संवत 2074 के आखिर में यानी मार्च, अप्रैल में रचनात्मक कार्य से लक्ष्मी कृपा की बरसात होने की संभावना है। साल के आखिर में अगर दूर-समीप यात्रा का प्रसंग प्रबल हो तो उसको कुछ समय के लिए टाल देना चाहिए। नौकरी-बिजनेस : नौकरी पेशा लोगों को इच्छित सहयोग मिलने से मन खुश रहेगा। सहकर्मियों व अधीनस्थ कर्मचारियों में समरसता बढ़ेगी। अधिकारी वर्ग भी आपके हक में फैसला देगा। व्यापारी वर्ग को काम करने की इच्छा शक्ति बढ़ेगी। किसी अचानक घटनाक्रम में गया हुआ धन वापस मिल जाएगा। अन्य व्यापारी भी आपसे मर्यादित व्यवहार करेंगे। महिलाएं : महिलाओं के लिए ग्रह चाल मध्यम फलकारक है। ससुराल पक्ष के कुछ लोगों से अनबन हो सकती है। निराधार आरोप लगने से आप खिन्न रहेंगी। दांपत्य : ग्रह चाल अनुकूल होने के कारण नित्य आनंद का अनुभव होगा। पत्नी के साथ लंबी यात्रा, घूमने-फिरने का कार्यक्रम रहेगा। पारिवारिक सुख भोगों का सामान खरीदा जाएगा। इससे दांपत्य जीवन समृद्ध रहेगा। स्टूडेंट्स : यह साल स्टूडेंट्स के लिए मिश्रित फलकारक है। अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण पढ़ाई पर विपरीत प्रभाव पड़ने के कारण सामान्य सफलता से ही संतोष करना पड़ेगा। वाहन-संपत्ति : इस बारे में यह वर्ष आपके लिए बहुत महत्पवूर्ण है। जरूरत है सतर्कता पूर्वक ईमानदारी से चेष्टा करने की। आपकी संपत्ति इस वर्ष एकदम दोगुनी हो जाएगी। जिन जातकों के पास वाहन नहीं है वह नया वाहन खरीदेंगे। उपाय : ग्रह शांति व शुभ परिणामों के लिए गाय को लगातार पके चावल व कबूतरों को बाजारा खिलाएं और जल दान करें। इन्द्राक्षी स्त्रोत का पाठ करें। भाग्यशाली रंग : काला, नीला, हरा भाग्यशाली धातु : लोहा, तांबा, जस्ता वास्तु : विपरीत ऊर्जा को रोकने के लिए पीतल का स्वास्तिक 9 इंच चौड़ा और 9 इंच लंबा भवन के प्रवशे द्वार पर लगाएं। मीन राशि: व्यापार लाभ साल के शुरू से ही बढ़ना शुरू हो जाएगा इस साल आपकी राशि का स्वामी देवगुरु बृहस्पति राशि से सप्तम केंद्र में विराजमान है। जिसकी शुभ दृष्टि वर्ष के सभी अंगों पर रही है। फलस्वरूप आपका व्यापार लाभ साल के शुरू से ही बढ़ना शुरू हो जाएगा। इस वर्ष षष्ठ भाव में राहु और एकादश भाव में केतु का गोचर भी अनुकूल रहेगा। शनि भी ताम्र पाद से अत्यंत लाभ व मनोरथ सिद्धि कारक है। इस अवधि में बहुत समय से पेंडिंग पड़े हुए कार्यों को निपटा लें, आगे चलकर फायदे में रहेंगे। मीन राशि वाले जातकों के लिए यह वर्ष एक ऐसी शुरुआत लेकर आ रहा है, जहां से उनके सभी आर्थिक संबंध पूरे हो सकते हैं। यानी धन लाभ का स्थान उन्हें 31 दिसंबर तक लाभान्वित करेगा। जनवरी 2018 से फरवरी अंत तक परिवार में हर्ष-उल्लास का वातावरण बनेगा। मार्च में किसी भाग्यशाली व्यक्ति का आगमन भी मीन राशि वालों के लिए लक्ष्मी का वरदान सिद्ध हो सकता है। यदि आप अविवाहित हैं तो नवंबर-दिसंबर में विवाह को तैयार रहेंगे। आर्थिक: आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी। स्थायी व अस्थायी व्यवसाय से धन लाभ होने के कारण आप उत्साहित रहेंगे। प्रभावशाली व्यक्ति के हस्तक्षेप से कुछ डूबा हुआ धन वापस मिलेगा। नौकरी व बिजनेस : नौकरी पेशा वर्ग को बृहस्पति की कृपा से प्रमोशन और ट्रांसफर मिलेगा। व्यापारी वर्ग को परिवर्तन होने से खुशी होगी। वे अपने ही कार्यों से संतुष्ट रहेंगे। नए कार्यों की योजना बनेगी। महिलाएं : महिलाओं के लिए साल उत्तम है। पुत्र, पुत्री के मनोनुकूल आचरण से संतष्टि रहेगी। नौकरी-पेशा महिलाओं के वतेन में वृद्धि होगी। दांपत्य : अनावश्यक क्रोध के कारण दांपत्य जीवन बाधित हो सकता है। आय के साधनों में उतार-चढ़ाव के कारण दांपत्य जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। स्टूडेंट्स : विद्यार्थी वर्ग के लिए भी यह साल अविस्मरणीय है। सरकार के द्वारा विशेष सुविधा व छूट मिलेगी। थोड़े प्ररिश्रम से ही अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे। वाहन और संपत्ति : यह वर्ष पहले की अपेक्षा अच्छा बीतेगा। संपत्ति से निरंतर लाभ और सौदेबाजी में विशेष मुनाफा मिलेगा। नौकरों का सुख पर्याप्त मात्रा में मिलेगा। उपाय : पुखराज रत्न 4 या 5 रत्ती सोने में लगवाकर बृहस्पतिवार को तर्जनी उंगली में धारण करें। कांसे का पात्र, चने की दाल, शक्कर, देसी धृत और पका पपीता गुरुवार को दान करें। ‘ऊँ ग्रां, ग्रीं, ग्रौं सः गुरुवे नमः’ इस मंत्र का जाप करें। भाग्यशाली रंग : पीला, सफेद, हल्का लाल भाग्यशाली धातु : सोना, पीतल वास्तु टिप्स : नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करने के लिए तुलसी का पौधा व विल्व का पौधा अपने आंगन और प्रवेश द्वार पर लगाएं। मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट। http://dlvr.it/Nkz51w
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