#गर्म सर्दियों के खाद्य पदार्थ
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स्वस्थ शीतकालीन खाद्य पदार्थ: ब्रोकली से लेकर शकरकंद तक, स्वस्थ दिल के लिए सर्दियों में खाने के लिए शीर्ष खाद्य पदार्थ
स्वस्थ शीतकालीन खाद्य पदार्थ: ब्रोकली से लेकर शकरकंद तक, स्वस्थ दिल के लिए सर्दियों में खाने के लिए शीर्ष खाद्य पदार्थ
सर्दियों में जैसे ही तापमान में गिरावट आती है, यह अपने साथ कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लेकर आता है। बीमारी को दूर रखने और त्वचा, बालों और जोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए मजबूत प्रतिरक्षा महत्वपूर्ण है। गठिया से पीड़ित लोगों के लिए सर्दियां विशेष रूप से कठिन होती हैं क्योंकि जैसे-जैसे तापमान गिरता है, जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। त्वचा की समस्याएं जैसे त्वचा का रूखापन, एक्जिमा और सोरायसिस…
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👨⚕️इस सर्दी में अपने दिल का ख्याल रखें
जैसे-जैसे तापमान गिरता है, अपने दिल के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना ज़रूरी है। सर्दी आपके दिल पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है, इसलिए ठंड के महीनों में इसे बेहतर स्थिति में रखने के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
सक्रिय रहें नियमित शारीरिक गतिविधि आपके दिल को मज़बूत बनाए रखने में मदद करती है। सर्दियों में भी, सक्रिय रहने के तरीके खोजने की कोशिश करें, चाहे वह तेज़ चलना हो या घर के अंदर व्यायाम करना। बस बाहर जाने से पहले ठीक से वार्मअप करना सुनिश्चित करें।
रक्तचाप की निगरानी करें ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ सकती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। अपने रक्तचाप पर नियमित रूप से नज़र रखें, खासकर अगर आपको हृदय रोग का खतरा है, और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
��नाव और चिंता को प्रबंधित करें सर्दियाँ कभी-कभी तनाव और अकेलेपन की भावनाएँ ला सकती हैं। तनाव को प्रबंधित करने और अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए गहरी साँस लेने, ध्यान लगाने या योग जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें।
गर्म कपड़े पहनें और कई परतें पहनें गर्म रहने से आपके दिल को ज़्यादा काम करने से रोकने में मदद मिलती है। आरामदायक रहने और ठंड से खुद को बचाने के लिए अपने कपड़ों की परतें पहनें, खासकर जब बाहर जा रहे हों।
शराब सीमित करें और हाइड्रेटेड रहें हालाँकि गर्म रहने के लिए ड्रिंक का आनंद लेना लुभावना हो सकता है, लेकिन शराब आपके शरीर के तापमान को कम कर सकती है और दिल की समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती है। इसके बजाय, हर्बल चाय जैसे गर्म, गैर-अल्कोहल पेय पदार्थों के साथ हाइड्रेटेड रहें।
दिल के लिए स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाएं सर्दियों के आहार में आरामदायक खाद्य पदा���्थ भरपूर मात्रा में हो सकते हैं, लेकिन दिल के लिए स्वस्थ भोजन पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। अपने हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए अपने आहार में भरपूर मात्रा में फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें।
सर्दियों के दौरान अपने दिल की देखभाल के लिए सरल कदम उठाने से आपके समग्र स्वास्थ्य में बड़ा बदलाव आ सकता है। इस मौसम में अपने दिल को स्वस्थ रखने के बारे में व्यक्तिगत सलाह के लिए, Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology), से संपर्क करें, जो सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 पर हैं। फोन: 6200784486 वेबसाइट: drfarhancardiologist.com
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Wellhealthorganic.com Skin Care Tips in Hindi: आपकी त्वचा को चमकदार और स्वस्थ कैसे बनाएं
Introduction
Maintaining healthy and glowing skin requires dedication and the right skincare practices. With the growing interest in organic and natural solutions, many people are turning to simple, effective methods to achieve beautiful skin. One such platform, It has emerged as a go-to source for organic skincare tips, especially for Hindi-speaking audiences. In this blog, we’ll explore some essential Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi that you can follow daily to enhance your skin’s health and radiance.
1. त्वचा को साफ रखें (Keep Your Skin Clean)
हर दिन त्वचा की सफाई करना बेहद जरूरी है। खासकर जब आप दिन भर बाहर रहते हैं, तो धूल-मिट्टी और प्रदूषण आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए एक हल्का और प्राकृतिक फेसवॉश का उपयोग करें। कच्चे दूध का भी इस्तेमाल एक बेहतरीन क्लींजर के रूप में किया जा सकता है। Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi यह आपकी त्वचा को गहराई से साफ करता है और नमी बनाए रखता है।
टिप: रात को सोने से पहले मेकअप हटाना न भूलें और चेहरा साफ करें।
2. हाइड्रेशन का ध्यान रखें (Keep Your Skin Hydrated)
हाइड्रेशन न केवल आपके शरीर के लिए बल्कि आपकी त्वचा के लिए भी महत्वपूर्ण है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। इससे त्वचा में नमी बरकरार रहती है और त्वचा चमकदार बनी रहती है।
टिप: आप चाहें तो गुलाबजल का उपयोग भी कर सकते हैं। यह त्वचा को ताजगी और नमी देता है।
3. प्राकृतिक फेस मास्क का इस्तेमाल करें (Use Natural Face Masks)
रसायनों से भरपूर फेस मास्क की जगह प्राकृतिक तत्वों से बने फेस मास्क का उपयोग करना बेहतर होता है। आप घर पर ही कई प्रकार के फेस मास्क बना सकते हैं:
हल्दी और बेसन का मास्क: एक चुटकी हल्दी, एक चम्मच बेसन और थोड़ा सा दूध मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद धो लें। यह त्वचा को चमकदार बनाता है।
मुल्तानी मिट्टी का फेस पैक: मुल्तानी मिट्टी और गुलाबजल मिलाकर लगाने से त्वचा की अशुद्धियाँ दूर होती हैं और त्वचा में निखार आता है।
4. सनस्क्रीन का उपयोग करें (Use Sunscreen)
सूरज की हानिकारक किरणें आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सनस्क्रीन का उपयोग हर दिन करना बहुत जरूरी है, चाहे आप घर के अंदर हों या बाहर। यह आपकी त्वचा को यूवी किरणों से बचाने के साथ-साथ टैनिंग और समय से पहले बुढ़ापा आने से भी बचाता है।
टिप: बाहर जाने से कम से कम 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं।
5. आहार में सुधार करें (Improve Your Diet)
स्वस्थ त्वचा के लिए आपका आहार भी महत्वपूर्ण होता है। अपनी डाइट में फलों और सब्जिय���ं का समावेश करें। विटामिन सी और ए से भरपूर खाद्य पदार्थ त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, अखरोट और मछली आपकी त्वचा की नमी को बनाए रखते हैं।
टिप: विटामिन ई से भरपूर भोजन जैसे हरी सब्जियां और बादाम आपकी त्वचा को भीतर से पोषण देते हैं।
6. नियमित रूप से मॉइस्चराइज़ करें (Moisturize Regularly)
त्वचा को नमी की हमेशा जरूरत होती है। खासकर सर्दियों के मौसम में त्वचा ज्यादा रूखी हो जाती है। इसके लिए हल्के और प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें। एलोवेरा जेल या नारियल तेल का इस्तेमाल करके भी आप अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज कर सकते हैं।
टिप: नहाने के तुरंत बाद त्वचा को मॉइस्चराइज़ करना सबसे प्रभावी होता है।
7. नियमित व्यायाम करें (Exercise Regularly)
नियमित व्यायाम करने से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे आपकी त्वचा को जरूरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन मिलता है। यह आपकी त्वचा को ग्लोइंग और युवा बनाए रखने में मदद करता है। Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi योग और ध्यान भी त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं क्योंकि यह तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
टिप: हर दिन कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें।
8. पर्याप्त नींद लें (Get Enough Sleep)
नींद की कमी आपकी त्वचा पर तुरंत असर डालती है। आंखों के नीचे काले घेरे और थकी हुई त्वचा का एक मुख्य कारण पर्याप्त नींद न लेना है। एक स्वस्थ त्वचा के लिए 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
टिप: सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीने से नींद बेहतर आती है।
9. तनाव से बचें (Manage Stress)
तनाव आपकी त्वचा के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यह एक्ने और अन्य त्वचा समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, तनाव को नियंत्रित करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें। सही समय पर आराम करना और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।
Conclusion
त्वचा की देखभाल एक समर्पण की प्रक्रिया है, जिसमें सही आहार, स्किनकेयर रूटीन, और प्राकृतिक उत्पादों का समावेश होना चाहिए। Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi पर उपलब्ध हिंदी में स्किन केयर टिप्स को अपनाकर आप भी अपनी त्वचा को प्राकृतिक निखार और स्वास्थ्य प्रदान कर सकते हैं। चाहे आप सरल घरेलू उपचार अपना रहे हों या प्राकृतिक स्किनकेयर उत्पादों का उपयोग कर रहे हों, लगातार देखभाल से ही आपको लंबे समय तक स्वस्थ और चमकदार त्वचा मिलेगी।
सभी उपर्युक्त टिप्स को अपने डेली रूटीन में शामिल करें और अपने त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखरता देखें।
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जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से बचने के 10 घरेलू उपाय
September 24, 2024Share
बार बार बदलते मौसम में कई लोग जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द महसूस करते हैं। जैसे बरसात के मौसम हवा में नमी और भारीपन के कारण शरीर को आराम और गतिशीलता में कठिनाई हो सकती है। इस मौसम में हवा के दबाव और नमी में बदलाव से जोड़ों में असहजता और दर्द होता है। वहीँ गर्म और चिपचिपे दिनों में पर्याप्त पानी न पीने से यह दर्द और बढ़ सकता है। सर्दियों में अक्सर शरीर में अकड़न बढ़ जाती है और जोड़ो का दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। बुज़ुर्गों और गठिया ( Arthritis) के मरीज़ों के लिए यह समस्या विशेष रूप से गंभीर हो सकती है। इसीलिए हर मौसम में लगातार अपने जोड़ों और मांसपेशियों की देखभाल के लिए ज़रूरी उपचार करना और दर्द को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।
इस लेख में हम घर पर ही जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से बचने के 10 आसान उपायों पर चर्चा करेंगे। साथ ही बाजार में जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से निजात दिलाने वाले सप्लीमेंट मौजूद हैं, जिन्हे आप स्वास्थ्य परामर्शदाता की सलाह से प्रयोग कर सकते हैं।
तेल मालिश करें
दर्द वाले जोड़ों पर धीरे से तेल मालिश करने से रक्त प्रवाह में वृद्धि होती है, जिससे जोड़ो का दर्द कम होता है और बेहतर महसूस करने में मदद मिल सकती है। यह एक पुराना और प्रभावी घरेलू उपाय है जो आपको राहत प्रदान करता है।
रेगुलर एक्सरसाइज करें
एक्सरसाइज जोड़ों के दर्द को कम करने और मांसपेशियों की अकड़न को दूर करने में मदद करता है। सुबह टहलना, स्ट्रेच करना, योग करना या साइकिल चलाना आपकी हड्डियों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखरखने में मदद करता है।
विटामिन ई का सेवन करें
विटामिन ई जोड़ों के दर्द में मदद कर सकता है क्योंकि यह आपके शरीर में मौजूद हानिकारक तत्वों से लड़ता है। नट्स, सब्ज़ियाँ, बीज और मछली विटामिन ई के अच्छे स्रोत हैं। साबुत अनाज, नट्स और फल जैसे सेहतमंद खाद्य पदार्थ खाना याद रखें।
जंक फ़ूड और कोला-सोडा से बचें
अचार, मिठाई, केक और कृत्रिम मिठा�� जैसे अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ खाने से बचने की कोशिश करें। ये आपके दर्द को और भी बदतर बना सकते हैं। कोला, सोडा और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आपके दर्द को बढ़ा सकते हैं। इसके बजाय, गर्म सूप खाने की कोशिश करें जिससे आपके शरीर की सूजन कम हो सके।
हाइड्रेटेड रहें
पानी पीने से आपका शरीर हाइड्रेटेड रहता है, जिससे जोड़ों की गतिशीलता में सुधार होता है। कम नमकीन खाद्य पदार्थ खाने से शरीर में अतिरिक्त पानी का संचित होना कम होता है, जिससे सूजन और दर्द में कमी आती है।
कैल्शियम और प्रोटीन का सेवन करें
कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से आप स्वस्थ और मज़बूत बने रहते हैं। विटामिन डी और बी12 की कमी से आपके हाथ और पैर में झुनझुनी या दर्द हो सकता है। दूध, दही, नट्स, अंडा, कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं। विटामिन डी धूप, फोर्टिफाइड फूड्स और मल्टीविटामिन या विटामिन डी से युक्त सप्लीमेंट्स से प्राप्त की जा सकता है।
सही जूते पहनें
सही जूते पहनना सुनिश्चित करें। आरामदा��क और सहारा देने वाले जूते पहनें जो आपके आर्च को सपोर्ट करें और स्थिरता प्रदान करें। फ्लैट या बहुत ऊँची एड़ी के जूते न पहनें क्योंकि वे आपके जोड़ों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
गर्म या ठंडे पैक से सिकाई करें
अगर आपके जोड़ में दर्द है, तो गर्म या ठंडे पैक का उपयोग करें। ठंडा पैक सूजन को कम करने में मदद करता है, जबकि गर्म पैक मांसपेशियों को आराम देने और दर्द को कम करने में मदद करता है।
बीच बीच में आराम लें
अपने जोड़ों को आराम देना महत्वपूर्ण है ताकि वे ठीक हो सकें। ब्रेक लेना और पर्याप्त नींद लेना सुनिश्चित करें। इससे आपके जोड़ों और मांसपेशियों को ठीक होने में मदद मिलती है।
सही मुद्रा अपनाएं
सीधे बैठना और लंबा खड़ा होना याद रखें। सही मुद्रा अपनाने से आपकी हड्डियों और मांसपेशियों को चोट नहीं पहुंचेगी और दर्द कम होगा।
इन सुझावों का पालन करके, आप जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को नियंत्रित कर सकते हैं और बेहतर महसूस कर सकते हैं। अपने जोड़ों की देखभाल करना महत्वपूर्ण है ताकि आप स्वस्थ और सक्रिय रह सकें।
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सर्दी-खांसी से लेकर पाचन क्रिया तक, यह एक सुपरफूड जो आपको रखता है तरोताजा
सर्दी-खांसी से लेकर पाचन क्रिया तक, यह एक सुपरफूड जो आपको रखता है तरोताजा
सर्दियों में मौसमी खाद्य पदार्थों के साथ-साथ सर्दी-खांसी ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो शरीर को गर्म, स्वस्थ और मौसमी बीमारियों से मुक्त रखें। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो अपने पोषण मूल्य के लिए जाने जाते हैं, अदरक उनमें से एक है। ��िशेषज्ञ सर्दियों के आहार में अदरक को शामिल करने की सलाह देते हैं और इसे विंटर सुपरफूड कहते हैं। पोषण विशेषज्ञ लवनीत बत्रा एक इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखते हैं,…
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सर्दी जुखाम से बचने के घरेलू नुस्खे - Home remedies to prevent colds in Hindi
Home remedies to prevent colds in Hindi : जैसा कि हम जानते हैं सर्दी जुखाम तो आम बात है जो हमेशा होती रहती हैं। जब जब मौसम बदलता है, तब-तब सर्दी जुखाम होता ही है। जिससे हर कोई परेशान हैं। जैसे - मौसम में हो बदलाव हमारे शरीर पर बहुत प्रभाव डालते हैं। यदि हम खुद को सर्दी से लड़ने के लिए तैयार रखते हैं तो हमें कुछ नहीं होगा और यदि हमने थोड़ा सा भी ध्यान नहीं दिया तो सर्दी जुखाम होना आम बात है. यदि वातवरण में हो रहे बदलाव से हमने खुद को अभी नही बचाया तो सर्दी जुखाम ज्यादा दिनों तक रहेगा और फिर हमे बुखार आने लगेगा. यदि हमें इन बीमारियों से बचना है तो जरूरी है कि हम हर बदलते मौसम में खुद के प्रति जागरूक रहे और खुद को मौसम के अनुसार ढाल सके. और हाँ, कोई भी वायरस तब तक हमें प्रभावित नही करता जब तक हम खुद उसे आमन्त्रित नही करते जैसे : खुद कर ध्यान नहीं रखते और दुनिया भर की बीमारियों को आपने शरीर में आने देते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हर बदलते मौसम के साथ हम खुद के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो.
सर्दी जुखाम होने के कारण :
वैसे सर्दी जुखाम तो हर बदलते मौसम के साथ ही होता है परंतु कुछ बीमारियों का होना हमारी आदतों पर भी निर्भर करता है : * सर्दी से बचाव ना कर पाना. * ठंडी चीजे खाना. * पहले ठंडी फिर गरम खाना / ठंडी गरम खाना. * रोग-प्रति-रोग क्षमता का कम होना. * धूल-धुआ आदि से एलर्जी हो ना. * किसी भी प्रकार के वायरस या बैक्टीरिया से इंफैक्शन होना. * प्रदूषित या मिट्टी वाली जगहों पर रहना.
सर्दी जुखाम होने के लक्षण :
सर्दी जुखाम तो होने के ना जाने कितने सारे लक्षण है लेकिन हम अभी सिर्फ महत्वपूर्ण लक्षण की ही बात करेंगे, जिससे आपको सर्दी जुखाम को जानने में आसानी होगी, की आपको सर्दी जुखाम है या नहीं : * गले में खराश होना. * सर दर्द होना. * बदन दर्द होना. * हल्का बुखार होना. * लगातार खाँसी होना. * नाक बंद हो ना. * नाक बहने लगाना.
सर्दी जुखाम को दूर करने के उपाय :
यदि आप सर्दी जुखाम से परेशान हैं तो यह बताए गए सुझावों को जरूर अपनाए, इससे आपका खांसी, सर्दी, जुखाम जल्दी ठीक हो जायेगा और आपको राहत मिलेगी. * ठंडा चीजे न खायें - यदि आप को सर्दी जुखाम से बचना है तो जरूरी है कि आप किसी भी ठंडी खाद्य पदार्थ का सेवन न करें और ना ही ठंडा पानी पिये। जितना हो सके हर चीज को हल्का गर्म ही खाएं और गुनगुने पानी का ही सेवन करें। * गर्म सूप पियें - गर्म सूप हर कोई पीना पसंद करता है, पर यही सूप यदि हम बीमारी में पीते हैं तो यहां हमारे सेहत के लिए बोहोत फायदेमंद होता हैं और सर्दी जुखाम से जब भी आप परेशान हो तो यह अवश्य पिये क्योंकि यह सर्दी जुखाम से जल्दी राहत पहुचता हैं। * गंदे स्थान पर ना जाये - यदि आपको सर्दी जुखाम हो पहले से तो ऐसी जगह पर ना जाये, क्योंकि ऐसी जगह बहुत ही प्रदूषित होती हैं और वायरस का भी खतरा बढ़ जाता है और यदि आपको पहले से सर्दी जुखाम हैं फिर आपके बीमार पडने के चांसेस ज्यादा हो जाते हैं। इसलिए ऐसे जगह पर ना जाये। * गरम वस्त्रों का ही उपयोग करें - सर्दियों ��ें अक्सर ज्यादा सर्दी जुखाम होता हैं इसलिए जरूरी है कि हम गर्म वस्त्रों का ही उपयोग करे सर्दी से बचने के लिए। ज्यादातर लोगों सर्दी जुखाम होने पर गर्म वस्त्र का उपयोग नही करते बचाव के लिए । और फिर सर्दी जुखाम से पीड़ित रहते हैं। इसलिये हमेशा गर्म वस्त्रों का प्रयोग करें इससे राहत जल्दी मिलता है। और शरीर का तापमान सामना होगा तो सर्दी से बचे रहेंगे। * अदरक वाली चाय पीने में उपयोग करें - अदरक की चाय स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होती है और सर्दी में लोगों ज्यादा अदरक की चाय पीना पसंद करते हैं। इसलिए जब भी आप सर्दी जुखाम से पीड़ित हो तो अवश्य अदरक की चाय का उपयोग करे यह सर्दी जुखाम को जल्दी ठीक कर देती हैं। * नमक का गरारा करें - यदि आप को गले खराश या नाक बंद हो गया हो तो गर्म पानी में नमक डालकर उसका गरारा करे , रोज सुबह इससे आपका गला साफ रहेगा और सर्दी जुखाम में इसका महत्व बढ़ जाता है। इसलिए इसका प्रयोग अवश्य करें. * हल्दी वाला दूध पियें - दुध और हल्दी यह दोनों ही हमारे शरीर के लिए लाभकारी है और यदि हम दोनों को साथ में मिलकर पियेंगे तो यह और फायदेमंद होता है। इससे सर्दी जुखाम में जल्दी आराम पड़ता है और साथ ही यह हमारे शरीर के हड्डियों के लिए भी लाभकारी होता है।
सर्दी जुखाम से आराम के लिए घरेलू उपाय :
यह आपको सर्दी ज़ुखाम से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं और यदि आप इन उपाय को उपयोग में लेते हो तो आपको सर्दी जुखाम से राहत मिलेगा । इन में से आप कोई सा भी उपाय उपयोग कर सकते हैं। * रोज सुबह शाम तुलसी (तीन चार पत्ते), गोलोई (छोटे-छोटे एक या दो टुकड़े लो), नमक (स्वाद अनुसार), काली मिर्च (यानी गोलकी तीन चार ले और उसे पीस लें), इन सब को थोड़े से पानी में डाल कर उबाले जब तक रंग न बदल जाये और आंच को धीमा रखे फिर उसे पियें । * लॉग और नमक का पानी में मिल के काढ़ा बनाये और उसे पियें आपको राहत मिलेगा। * सर्दियों में शहद और अदरक को खाने से भी आपका जुखाम बंद हो जायेगा।
नोट : आप सभी को पता है कि आज कल कोरोना फैला हुआ है और जो सर्दी जुखाम पहले आम बात हुआ करती थी आज वो कोरोना के लक्षणों में से एक हैं। इसलिए आपको इन उपाय से खुद को जागरूक रखना होगा. ताकि हर मौसम के अनुसार आप अपना ध्यान रखें और सर्दी जुखाम से बचे रहे। यदि सर्दी जुखाम होता भी है तो आपने चेहरे पर मास्क लगा के रखे और ��न सभी उपाय को प्रयोग में लाये। घर में रहे, स्वास्थ्य रहे, सुरक्षित रहे। (ज्योति कुमारी) Read the full article
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आहार सूखी त्वचा के लिए: 15 सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ जो नमी को स्वाभाविक रूप से बंद कर देते हैं
आहार सूखी त्वचा के लिए: 15 सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ जो नमी को स्वाभाविक रूप से बंद कर देते हैं
शुष्क त्वचा के लिए आहार: स्वस्थ त्वचा के लिए अपने आहार में इन खाद्य पदार्थों को शामिल करने का प्रयास करें। हाइलाइट शुष्क त्वचा एक समस्या है जिसका सामना कठोर सर्दियों के महीनों में कई लोगों को करना पड़ता है आहार में शामिल करने के लिए कई पोषक तत्व और खाद्य पदार्थ हैं ये नमी को प्राकृतिक रूप से बंद करने में मदद करेंगे, जिससे त्वचा को पोषण मिलेगा सर्द सर्द हवाओं के बाहर और अंदर गर्म गर्म हीटर,…
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इन बीमारियों के लिए रामबाण है काला नमक
हमारे रसोई घर में ऐसे कई खाद्य पदार्थ मौजूद होते हैं, जिनके औषधीय फायदों से हम अनजान रहते हैं। काले नमक का एक अपना ही स्वाद होता है और इस अलग स्वाद में औषधीय गुण भी होते हैं। काला नमक हमारे शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया को मारने और हमारा बढ़े हुए फैट को बर्न करने में बहुत ही फायदेमंद है। इतना ही नहीं, यह खाने का जायका कई गुना बढ़ा देता है। आयुर्वेदाचार्य मानते हैं कि काले नमक को हर रोज सुबह के वक्त गर्म पानी में मिलाकर पीने से शरीर स्वस्थ रहता है।
हड्डियों के लिए फायदेमंद
काला नमक कई तरह के ��ोषक तत्वों और मिनरल्स से भरपूर होता है। नियमित रूप से इसका सेवन हमारी हड्डियों को कमजोर नहीं पड़ने देता।
बॉडी डिटॉक्स
काला नमक बॉडी डिटॉक्स करने में भी फायदेमंद हैं। सर्दियों में गुनगुने पानी में काला नमक लेने और गर्मियों में जलजीरा, नींबू पानी में काला नमक लेने से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं।
स्किन का ग्लो बढ़ाने में मददगार
काले नमक के सेवन से हमें अपनी बॉडी को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है। सर्दियों में फलों की सलाद पर काला नमक लगाकर खाने से शरीर को पूरा पोषण मिलता है और स्किन का ग्लो भी बढ़ता है।
पेट सही रखे
काला नमक भोजन को आसानी से पचाने में सहायक होता है।काले नमक में बहुत से मिनिरल्स होते हैं जो उल्टी, एसिडीटी या कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में कारगर होते हैं। काला नमक एसिडीटी को खत्म कर देता है। साथ ही मुंह का जायका भी बनाता है। नींबू पानी के साथ काला नमक डाल कर पीना तीनों ही रोगों में फायदेमंद होता है। और काले नमक में बना भोजन करने से पेट स्वस्थ रहता है और कब्ज की समस्या से भी बचाव होता है।
तनाव कम करे
काले नमक की प्रॉपर्टीज हमारे ब्रेन को अशांत करने वाले हार्मोन्स जैसे कार्टिसोल आदि को कम करती हैं। इससे हमारा तनाव का स्तर कम होता है और मन शांत रहता है।
डायबीटीज में फायदेमंद
अगर आपको मधुमेह है, तो सफेद नमक की जगह काले नमक का उपयोग करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है। काला नमक शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा नियंत्रित रखने का काम करता है और वे अधिक हेल्दी महसूस करेंगे। काले नमक में मौजूद पोटैशियम मांसपेशियों को हेल्दी बनाता है।
मोटापा घटाए
खाना खाने के बाद अगर आपको पेट में भारीपन महसूस हो रहा हो तो गर्म पानी में काला नमक मिलाकर इसे चाय की तरह घूंट-घूंट कर पिएं। इससे खाना आसानी से पचेगा और बॉडी का एक्स्ट्रा फैट भी बर्न करने में मदद मिलेगी। सफेद नमक की तुलना में काले नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है।
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मस्कमेलन स्वास्थ्य लाभ: वजन घटाने से लेकर बाल विकास तक, यहाँ पाँच कारण बताए गए हैं कि आपको अपने आहार में यह सुगंधित आहार क्यों शामिल करना चाहिए
मस्क मेलन के स्वास्थ्य लाभ (फोटो क्रेडिट: पिक्साबे)
कुछ हफ्तों के समय में, हम गर्मियों में प्रवेश करेंगे और इसके साथ ही, हमें भोजन खाने के पैटर्न में भी बदलाव लाना होगा। सर्दियों में, हम ज्यादातर ऐसे खाद्य पदार्थ खाते हैं जो हमें अंदर से गर्म रखने में मदद करते हैं औ��� हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। गर्मियों…
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अदरक के फायदे बहुत है जो आप के लिए कारगर है – benefits Of Ginger has many that work for you
सर्दियों में बिना अदरक ( Ginger ) के चाय हर घर में सुबह हो या शाम हर वक्त की चाय में अदरक का इस्तेमाल होता है और हो भी क्यों ना सिर्फ एक अदरक का टुकड़ा शरीर को गर्म रख सर्दी-खांसी ( cold cough), गले की खराश ( Sore throat) फ्लू और सीज़न की कई बीमारियों से बचाता है। अदरक खाद्य पदार्थ ( food ingredient)होने के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधि ( Ayurvedic medicine ) भी है।
स्वास्थ्य के लिए अदरक के फायदे :- Benefits of ginger for health
श्वसन संबंधी समस्या के लिए अदरक के फायदे :- Benefits of ginger for respiratory problems
जिन्हें सांस संबंधी समस्या होती है, उनके लिए अदरक बहुत ही असरकारक साबित हो सकता है। इसमें एंटीहिस्टामाइन ( Antihistamine) गुण होते हैं, जो एलर्जी को ठीक करने में मदद करते हैं। सर्दी-जुकाम ( Cold and cough ) ��ैसी समस्या के लिए अदरक का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है अगर आपको गले में खराश (Sore throat )जैसी समस्या होती है, तो आप अदरक के रस में शहद मिलाकर खा सकते हैं।
डायबिटीज की समस्या के लिए अदरक फायदे :- Ginger benefits for diabetes problemअदरक रक्त शर्करा ( Blood sugar ) को भी कम करने का काम करता है, जिससे डायबिटीज से बचाव संभव होता है। वहीं, अगर किसी को डायबिटीज है, तो अदरक के सेवन से इंसुलिन ( Insulin)और अन्य दवा का असर बढ़ सकता है। ऐसे में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए सुबह-सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर पीने से आपको फायदा हो सकता है
जोड़ों के दर्द की समस्या के लिए अदरक फायदे :- Ginger benefits for joint pain problem
वैज्ञानिक अध्ययन भी जोड़ों के दर्द ( Joint pain) में अदरक के असर की पुष्टि करते हैं। गठिया ( Arthritis) के शुरुआती चरणों में यह खास तौर पर असरकारी होता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित बहुत से मरीजों ने नियमित तौर पर अदरक के सेवन से दर्द कम होने और बेहतर गतिशीलता का अनुभव किया।
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सर्दियों में सुपरफूड: इस सर्दी में गर्म और स्वस्थ रहने के लिए 5 पारंपरिक देसी खाद्य पदार्थ
सर्दियों में सुपरफूड: इस सर्दी में गर्म और स्वस्थ रहने के लिए 5 पारंपरिक देसी खाद्य पदार्थ
सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए खाद्य पदार्थ: हवा में ठंडक के परिणामस्वरूप हमारा स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रभावित हो सकती है ���ो हर दिन खराब हो रही है। सर्दी हमारे शरीर की वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता को भी कम कर देती है, जिससे फ्लू, कोविड-19 और श्वसन संक्रमण जैसी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। जबकि हम में से अधिकांश दवाओं या DIY उपचारों के साथ उनका इलाज करने का प्रयास करते हैं,…
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#इम्युनिटी बूस्टर सुपरफूड्स#चिक्की#टिल#परंपरागत भोजन#बाजरे की रोटी#शीतकालीन आहार#सफेद मक्खन#सफेद माखन#सर्दियों के सुपरफूड्स#सर्दियों में देसी खाना
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सर्दियाें में इस तरह रखेंगे अपना ध्यान ताे नहीं सताएगी खुजली
खुजली की समस्या से कमोबेश सभी का कभी न कभी वास्ता पड़ता ही है। सबसे पहले जानना जरूरी है कि आखिर खुजली है क्या? दरअसल यह हमारी त्वचा की दर्द तंत्रिकाओं की उत्तेजना है।जब हमारी तंत्रिकाएं उत्तेजित होती हैं, तो हमें खुजलाहट का अनुभव होता है, इसमें दर्द का अहसास नहीं होता। त्वचा की दर्द तंत्रिकाएं उत्तेजित क्यों हो जाती हैं? इसके कई कारण हो सकते हैं और कई बार तो खुजली के विचार से ही खुजलाहट होने लगती है। आइए जानते हैं इसके प्रमुख कारणों के बारे में-
कारण किसी खाद्य पदार्थ या दवा से एलर्जी, त्वचा का रूखा होना, ठीक से न नहाना, गंदे कपड़े पहनना, किसी विष का प्रभाव, रंगों से किसी तरह की एलर्जी, गुर्दे की कोई बीमारी, कैंसर, छपाकी ( शरीर पर लाल धब्बे उभरना ), मच्छर या अन्य कीट के काटने पर, कोई चर्म रोग या पेट में कीड़े होने पर खुजली की समस्या हो सकती है।
प्रभाव कई बार एक स्थान पर खुजलाने से थोड़ी सी राहत तो मिल जाती है, लेकिन तभी वह त्वचा के दूसरे स्थान पर शुरू हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि खुजली वाले स्थान की दर्द तंत्रिकाएं इतनी ज्यादा उत्तेजित हो जाती हैं कि वे दूसरी जगहों पर फैल जाती हैं और यह अहसास फैलते ही शरीर के दूसरे हिस्सों में भी खुजली होने लग जाती है। कई बार व्यक्ति अपने शरीर को इस कदर खुजलाता है कि त्वचा छिल जाती है और उससे खून निकलने लगता है।
बचाव – खुजली वाले अंग पर दो मिनट तक बर्फ रगड़ें। इससे त्वचा का तंत्रिका तंत्र कुछ समय के लिए शांत हो जाएगा और आपको राहत मिल जाएगी। – यदि मच्छर के काटने से खुजली हो, तो सीधे काटे हुए स्थान पर खुजलाने की बजाय उसके चारों ओर खुजा लें। इससे खुजलाहट फैलेगी नहीं। – सर्दियों में त्वचा को फटने से बचाने के लिए वैसलीन, पेट्रोलियम जैली या बॉडी लोशन लगाएं। – यदि घर में किसी सदस्य को खुजली की बीमारी हो, तो उसका रूमाल, तौलिया, चादर आदि का इस्तेमाल न करें। – विज्ञापनों में दिखाई जाने वाले मलहम या लोशन का अपने मन से इस्तेमाल न करें। – कई लोगों को सर्दी के दिनों में रूखी त्वचा होने के कारण खुजली हो जाती है। इससे बचने के लिए ज्यादा देर तक न नहाएं और अधिक गर्म पानी के बजाय गुनगुने पानी का प्रयोग करें। – खुजली से राहत नहीं मिल रही हो, तो चर्म रोग विशेषज्ञ को अवश्य दिखाएं।
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Top 10 Ayurvedic Treatments For Dry Skin | रुखी त्वचा के लिए घरेलू उपाय
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Top 10 Ayurvedic Treatments For Dry Skin | रुखी त्वचा के लिए घरेलू उपाय
त्वचा शुष्क होने के कई कारणों में से एक कारण आसपास का वातावरण है। सर्दियों में ठंडी हवा चलने पर त्वचा शुष्क होती है। त्वचा की कई बीमारियाँ जैसे एक्जीमा भी बढ़ने लगती है। किसी दवाई को लंबे समय तक लेने से भी त्वची शुष्क हो सकती है। कीटाणुओं के संक्रमण से भी त्वचा शुष्क होती है।
यह समस्या आमतौर पर सर्दियों के मौसम में देखी जाती है जब तेज़ हवाओं के चलने की वजह से आपकी त्वचा अनाकर्षक हो जाती है। क्योंकि इस समय आपके त्वचा की नमी खोने लगती है, अतः आपको अपनी त्वचा के स्वरुप पर खुजली जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे त्वचा की कई गंभीर बीमारियाँ जन्म ले सकती हैं और एलर्जी (allergy) तथा चिडचिडापन भी पैदा होता है।
केले का मास्क (Banana Mask se dry skin ke liye gharelu nuskhe)
केले में त्वचा के स्वास्थ सम्बन्धी कई गुण होते है | एक पका केले ले और उसे मेश कर ले | अब इस पेस्ट को पूरे चेहरे पर लगाये और 20 मिनट तक रहने दे | 20 मिनट बाद चहरे को गर्म पानी से धो लीजिये |
बादाम का तेल (Almond oil)
रुखी त्वचा (Dry Skin) के लिये विटामिन इ (Vitamin E) काफी महत्वपूर्ण होती है | बादाम के तेल में काफी मात्रा में विटामिन इ होता है जो रुखी और अनाकर्षक त्वचा को नमी प्रदान करता है इसके लिए एक कटोरी में थोडा सा बादाम का तेल ले और इसे थोडा सा गुनगुना कर ले | अब इस गुनगुने तेल को अपने हाथ, पैर और चेहरे पर लगाये | नमी प्रदान करने के लिए इसका रोज इस्तेमाल करें |
नारियल (Coconut)
नारियल से तेल निकाल कर भी इसका प्रयोग अपने चेहरे और त्वचा के अन्य भागो पर कर सकते है | क्योंकी नारियल के दूध में एक फैटी एसिड (Fatty Acid) होता है | नारियल के तेल की मालिश करने से भी त्वचा की परत पर काफी मात्रा में नमी का सृजन होता है | आप स्नान करने के बाद नारियल के तेल का प्रयोग अपने पूरे शरीर पर भी कर सकते है |
दूध की मलाई (Milk cream)
अगर आप रुखी त्वचा से परेशान है तो आपके लिये त्वचा की मृत कोशिकाए निकालना काफी आवश्यक है | दूध की मलाई में मौजूद लैक्टिक एसिड (Lactic acid) त्वचा को एक्स्फोलिएट (exfoliate) करके इसकी मृत कोशिकाओं को निकालने में मदद करता है | इस उत्पाद से त्वचा का पैक बनाने के लिये एक छोटे पात्र में नीबू के रस की कुछ बूंदे डाले और इसमें 2 चम्मच दूध की मलाई को भी मिक्स करे | इन्हें अच्छे से मिलाये और अपने चेहरे तथा गले पर लगाये | इसके बाद इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दे और पानी से अच्छे से धो ले |
शहद (Honey)
रुखी त्वचा का घरेलू इलाज शहद भी है | शहद त्वचा को चमकदार व् सुन्दर बनाता है | एक चुटकी शहद ले कर इसे पूरे चेहरे पर लगाये | इसे कुछ देर तक त्वचा पर सूखने दे और फिर अपना चेहरा धो ले |
शुष्क त्वचा – प्राक्रतिक उपाय (Go natural)
जिनकी त्वचा रुखी होती है उन्हें अधिक मात्रा में क्लीजिंग एजेंट युक्त साबुनो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए| इससे त्वचा में रुखापन और बढ़ता है |और वह सूखी पड़ने लगती है | त्वचा की सफाई करने वाले प्राक्रतिक तत्व जैसे बेसन के पाउडर का त्वचा को नमी प्रदान करने के लिए करे |
मकई का आटा (Cornstarch)
जब नहाने जाये तो नहाने के पानी में 2 चम्मच मकई का आटा मिला लीजिये | यह रुखी और खुजली वाली त्वचा पर तुरंत असर करता है |
शुष्क त्वचा-ड्राई स्किन के कारण (Causes for dry skin)
विटामिन की कमी (Vitamin deficiency) – आवश्यक विटामिन जैसे विटामिन ए, सी और इ की कमी से त्वचा शुष्क होती है। ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जिनमे इन विटामिन की मात्रा अधिक हो।
पर्यावरण (Environment) – ठण्ड के मौसम में त्वचा की नमी चली जाती है और त्वचा को रूखा बना देती है।तापमान और नमी के स्तर से रूखी त्वचा होती है। सर्दियों में त्वचा के लिए मॉइस्चराइजर इस्तेमाल करें।
लम्बे समय तक और गर्म पानी से नहाना (Long bath and hot baths) – इस प्रकार नहाने से भी त्वचा रूखी हो जाती है। कुछ लोगों को दिन में 3-4 बार नहाने के आदत होती है। गर्म पानी त्वचा से नमी सोखकर उसे शुष्क बनाता है।
लम्बे समय तक सूरज के संपर्क में रहना (Long exposure to sun) – धूप में ज़्यादा देर तक रहने से त्वचा शुष्क और इसकी रंगत फीकी पड़ जाती है। सूरज की UV किरणें त्वचा की नमी छीन लेती हैं। धुप में ज्यादा देर त्वचा खुली रहने से सूर्य के अल्ट्रावायलेट किरण त्वचा को शुष्क बनाते हैं।
ब्यूटी प्रॉडक्ट्स (Beauty Products) – बाल काटने के या बालों को निकालने के मशीन भी त्वचा को शुष्क बना सकते हैं।
पानी की कमी (Dehydration) – शरीर में पानी का स्तर कम होने पर भी रूखी त्वचा होती है।
आनुवांशिक (Hereditary) – अगर आपके माता या पिता की त्वचा शुष्क हो तो आपको भी जन्म से वैसी त्वचा होने की संभावना बढती है। अगर आपके परिवारजनों और रिश्तेदारों की त्वचा रूखी है, तो आपकी त्वचा भी रूखी होने की काफी संभावना होती है। अतः अगर आपने अपने पूर्वजों से रूखी त्वचा पाई है तो कुछ घरेलू नुस्खों का पालन करना सबसे अच्छा रहेगा।
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स्त्रियों के योन रोग : कारण लक्षण और उपचार स्त्रियों में योनिदोष - यह रोग स्त्रियों को गलत तरीके से या दूषित भोजन के कारण होता है इस रोग को सूचिकावक्र योनिरोग कहते हैं। कई बार बच्चे पैदा करने के बाद बहुत सी स्त्रियों की योनि फैल जाती है जिसे महतायोनि दोष कहते हैं। कुछ स्त्रियों की योनि से पुरुष-सहवास के समय असाधारण रूप से पानी निकला करता है जिसमें कभी-कभी बदबू भी आती है। प्रसव के बाद दो से तीन महीने के अंदर ही स्त्री यदि पुरुष से सहवास क्रिया करती है तो स्त्रियों के योनि में रोग उत्पन्न हो जाता है जिसे त्रिमुखायोनि दोष कहते हैं। कुछ स्त्रियों को पुरुषों के साथ सहवास क्रिया करने पर तृप्ति ही नहीं होती है। इस रोग को अत्यानन्दायोनि दोष कहते हैं। कुछ स्त्रियां सहवास के समय में पुरुषों से पहले ही रस्खलित हो जाती है इस रोग को आनन्दचरणयोनि दोष कहते हैं। कुछ स्त्रियां सहवास के समय में पुरुष के रस्खलित होने के बहुत देर बाद रस्खलित होती है�� ऐसे रोग को अनिचरणायोनि दोष कहते हैं। अधिकांश महिला व पुरुष ऐसे होते हैं, जो संक्रमण के कारण इन रोगों की चपेट में आते हैं। सर्दियों की शुरुआत से ही ऐसे मरीजों की संख्या अचानक से बढ़ जाती है। सर्दियों में लोग शरीर की सफाई ठीक से नहीं रखते। कपड़े कई दिनों तक नहीं बदले जाते हैं। लोग नहाने से परहेज करते हैं। नहाने से परहेज करने और कपड़ों के लगातार न बदलने के कारण संक्रमण से फैलने वाले गुप्त रोगों की संभावना बढ़ जाती है।सर्दियों में शरीर की सफाई न रखने और नहाने से परहेज करने के कारण लोगों में गुप्त रोग की संभावना बढ़ जाती हैं। स्त्रियों के गुप्त रोगों की चिकित्सा गुप्तांगों के रोग-गुप्तांगों में रोग अधिकतर संक्रमण के कारण होता है: जानिये इसका इलाज परिचय:- गुप्तांगों में रोग अधिकतर संक्रमण के कारण होता है। वैसे देखा जाए तो गुप्तांगों में कई रोग हो सकते हैं जिनमें मुख्य दो रोग होते हैं जो इस प्रकार हैं- आतशक (सिफलस)- इस रोग में स्त्री-पुरुषों के गुप्तांगों (स्त्रियों में योनिद्वार तथा पुरुषों में लिंग) के पास एक छोटी सी फुंसी होकर पक जाती है तथा उसमें मवाद पड़ जाती है। इस रोग की दूसरी अवस्था में योनि अंग सूज जाते हैं। शरीर के दूसरे अंगों पर भी लाल चकते, घाव, सूजन तथा फुंसियां हो जाती हैं। तीसरी अवस्था में यह त्वचा तथा हडि्डयों के जोड़, हृदय तथा स्नायु संस्थान को प्रभावित कर रोगी को अन्धा, बहरा बना देता है। इस रोग के होने का सबसे प्रमुख कारण संक्रमण होना है जो इस रोग से पीड़ित किसी रोगी के साथ संभोग या चुम्बन करने से फैलता है। इस रोग से पीड़ित रोगी जिन चीजों को इस्तेमाल करता है उस चीजों को यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति इस्तेमाल करता है तो उसे भी यह रोग हो सकता है। सुजाक (गिनोरिया)-इस रोग के हो जाने पर रोगी के मूत्रमार्ग में खुजली होना, पेशाब करते हुए बहुत दर्द तथा जलन होना, पेशाब के साथ पीला पदार्थ या मवाद बाहर आना, अण्डकोष में सूजन होना आदि लक्षण पैदा हो जाते हैं। जब यह रोग स्त्रियों को हो जाता है तो पहले उसकी योनि से पीला स्राव निकलने लगता है तथा जब वह पेशाब करती है तो उस समय बहुत तेज दर्द होता है। उसकी योनि की मांसपेशियां सूज जाती हैं। यह सूजन बढ़ते-बढ़ते गर्भाशय तक पंहुच जाती है। ऐसी अवस्था में यदि स्त्री गर्भवती होती है तो उसका गर्भपात हो सकता है। पहले यह रोग योनि तथा लिंग तक सीमित रहता है और बाद में यह शरीर के अन्य भागों में भी हो जाता है। आतशक में घाव बाहरी होते हैं तथा सुजाक में घाव आंतरिक होते हैं। गुप्तांग रोगों का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-इस रोग से पीड़ित रोगी को कभी भी किसी दूसरे के साथ संभोग से दूर रहना चाहिए। इस रोग से पीड़ित रोगी को कभी-भी अपने वस्त्र तथा अपने द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों को किसी दूसरे व्यक्ति को इस्तेमाल न करने देने चाहिए नहीं तो यह रोग दूसरे व्यक्तियों में भी फैल सकता है।इस रोग से पीड़ित रोगी को अपना भोजन दूसरों को नहीं खिलाना चाहिए। इस रोग से पीड़ित रोगी को अपना उपचार करने के लिए ��बसे पहले अपने शरीर के खून को शुद्ध करने तथा दूषित विष को शरीर से बाहर करने के लिए उपवास करना बहुत जरूरी है जो आवश्यकतानुसार 7 से 14 दिन तक किया जा सकता है।गुप्तांगों के रोग से पीड़ित रोगी को रसाहार पदार्थों जैसे- पालक, सफेद पेठे का रस, हरी सब्जियों का रस, तरबूज, खीरा, गाजर, चुकन्दर का रस आदि का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। इस रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए। नारियल का पानी प्रतिदिन पीने से रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है। इस रोग से पीड़ित रोगी को इस रोग का उपचार कराने के साथ-साथ अधिक मात्रा में फल, सलाद, अंकुरित चीजें खानी चाहिए। इस रोग से पीड़ित रोगी को गेहूं के जवारे का रस पीना चाहिए। इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है। चौलाई के साग के पत्ते 25-25 ग्राम दिन में 2-3 बार खाने से गुप्तांग रोग से पीड़ित रोगी का रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। आंवले के रस में थोड़ी सी हल्दी तथा शहद मिलाकर सेवन करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। गुप्तांगों के रोग को ठीक करने के लिए सबसे पहले पेट को साफ करना चाहिए और पेट को साफ करने के लिए रोगी व्यक्ति को एनिमा क्रिया करनी चाहिए। इस रोग से पीड़ित रोगी को नीम की पत्तियों को उबालकर उस पानी से घाव को धोना चाहिए। इस रोग के कारण हुए घाव तथा सूजन और फुंसी वाले स्थान पर प्रतिदिन मिट्टी की पट्टी रखने से गुप्तांगों के रोग जल्दी ठीक हो जाते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार इस रोग से पीड़ित रोगी को गर्म कटिस्नान प्रतिदिन करने से अधिक लाभ मत हैसफेद कपड़ा, लाल कपड़ा प्रतिमास दो-चार बार होना, पेट में तकलीफ होना तथा कमर में दर्द बढ़ जाना आदि के उपचार में कच्चा पुदीना एक कट्टा लेकर दो गिलास पानी में उबालकर एक कप जूस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह (निराहार) एक बार और रात में सोते समय दूसरी बार पी लेना चाहिए। इस प्रकार 40 दिनों तक करते रहें। पथ्य में अचार, बैंगन, मुर्गी, अंडे तथा मछली आदि का प्रयोग न करें। स्त्रियों के इन रोगों को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार- योनिदोष से पीड़ित रोगी स्त्री का उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी स्त्री को कम से कम एक महीने तक फलों का रस पीकर उपवास रखना चाहिए तथा उपवास के समय में रोगी स्त्री को प्रतिदिन गुनगुने पानी से एनिमा क्रिया करके अपने पेट को साफ करना चाहिए। जिसके फलस्वरूप कुछ ही दिनों में रोग ठीक हो जाता है। योनिदोष से पीड़ित रोगी स्त्री को उपवास समाप्त करने के बाद सादे तथा पचने वाले भोजन का सेवन करना चाहिए तथा प्रतिदिन घर्षणस्नान, मेहनस्नान, सा��स लेने वाले व्यायाम तथा शरीर के अन्य व्यायाम करने चाहिए तथा सुबह के समय में साफ तथा स्वच्छ जगह पर टहलना चाहिए। योनिदोष से पीड़ित रोगी स्त्री को प्रतिदिन गुनगुने पानी में रूई को भिगोकर, इससे अपनी योनि तथा गर्भाशय को साफ करना चाहिए जिसके फलस्वरूप यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है। योनिदोष से सम्बंधित रोग को ठीक करने के लिए धनिये का पानी, जौ का पानी, कच्चे नारियल का पानी कुछ दिनों तक स्त्रियों को पिलाना चाहिए जिसके फलस्वरूप यह रोग ठीक हो जाता है और मासिकधर्म सही समय पर होने लगता है। कुछ दिनों तक चुकन्दर का रस कम से कम 100 मिलीलीटर दिन ��ें दो से तीन बार पीने से स्त्रियों के योनिदोष से संबन्धित रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। योनिदोष से संबन्धित रोग से पीड़ित स्त्रियों को मिर्च-मसाले, दूषित भोजन, अधिक चाय, कॉफी, मैदे के खाद्य पदार्थ, केक, चीनी, तली-भुनी चीज तथा डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों को सेवन नहीं करना चाहिए। योनिदोष से संबन्धित रोग को ठीक करने के लिए स्त्री को सुबह के समय में आंवले का रस शहद में मिलाकर पीना चाहिए। एक चम्मच तुलसी के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर फिर उसमें एक चुटकी कालीमिर्च मिलाकर इसको दिन में दो बार प्रतिदिन चाटने से स्त्रियों के योनिदोष से संबन्धित रोग ठीक हो जाते हैं। धनिये के बीज को उबालकर फिर इसको छानकर इसके पानी को प्रतिदिन सुबह तथा शाम पीने से स्त्रियों के योनिदोष से संबन्धित रोग ठीक हो जाते हैं। अदरक को पानी में उबालकर फिर इसको छानकर इसके पानी को प्रतिदिन सुबह तथा शाम पीने से स्त्रियों के योनिदोष से संबन्धित रोग को ठीक हो जाते हैं। बथुए को उबालकर फिर इसको छानकर इसके पानी को पीने से स्त्रियों के योनिदोष से संबन्धित रोग ठीक हो जाते हैं। तुलसी की जड़ को सुखाकर पीसकर चूर्ण बना लें फिर इस चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर प्रतिदिन दिन में दो बार सेवन करने से स्त्रियों के योनिदोष से संबन्धित रोग ठीक हो जाते हैं। स्त्रियों के योनिदोष से संबन्धित रोगों को ठीक करने के लिए कई प्रकार के आसन है जिनको करने से ये रोग तुरंत ठीक हो जाते हैं। ये आसन इस प्रकार हैं- अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन, शलभासन, पश्चिमोत्तानासन, त्रिकानासन,, बज्रासन, भुजंगासन तथा योगनिद्रा आदि। योनिदोष से संबन्धित रोगों को ठीक करने के लिए स्त्रियों के पेड़ू पर मिट्टी की गीली पट्टी का लेप करना चाहिए तथा स्त्रियों को एनिमा क्रिया करके अपने पेट को साफ करना चाहिए। इसके बाद स्त्री को अपने शरीर पर सूखा घर्षण करना चाहिए तथा कटिस्नान करना चाहिए फिर इसके बाद स्त्री को अपने कमर पर गीली पट्टी लपेटनी चाहिए और स्त्री को खाली पेट रहना चाहिए। इस प्रकार से रोगी का उपचार करने से योनिदोष से संबन्धित रोग ठीक हो जाते हैं। योनिदोष से संबन्धित रोग से पीड़ित स्त्री को जब योनि में जलन तथा दर्द हो रहा हो उस समय उसे कटिस्नान कराना चाहिए तथा उसके पेड़ू पर मिट्टी की पट्टी लगानी चाहिए और कमर पर लाल तेल की मालिश करनी चाहिए। फिर उसकी कमर पर गीले कपड़े की पट्टी लपेटनी चाहिए। लेकिन इस उपचार को करते समय स्त्रियों को योगासन नहीं करना चाहिए। यदि रोगी स्त्री का मासिकस्राव आना बंद हो गया हो तो रोगी स्त्री को सुबह के समय में गर्म पानी से कटिस्नान करना चाहिए तथा रात को सोते समय एक बार फिर से कटिस्नान करना चाहिए। फिर रोगी स्त्री को दूसरे दिन गर्म तथा ठंडे पानी में बारी-बारी से सिट्ज बाथ कम से कम दो बार कराना चाहिए। इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार कम से कम एक महीने तक करने से योनिदोष से संबन्धित रोग ठीक हो जाते हैं। यदि स्त्री को योनि में तेज दर्द है तो रोगी स्त्री को सुबह के समय में गर्म पानी में कटिस्नान और रात को सोने से पहले एक बार गर्म तथा दूसरी बार ठंडे पानी से कटिस्नान करना चाहिए। जिसके फलस्वरूप योनिदोष से संबन्धित रोग ठीक हो जाते हैं। स्त्री को यदि योनि में तेज दर्द हो रहा हो तो अजवायन का पाउडर बनाकर, एक चम्मच पाउडर गर्म दूध में मिलाकर प्रतिदिन दिन अजवायन का पाउडर बनाकर, एक चम्मच पाउडर गर्म दूध में मिलाकर प्रतिदिन दिन में दो बार रोगी स्त्री को सेवन करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है। तुलसी की पत्तियां सभी प्रकार के मासिकधर्म के रोगों को ठीक कर सकती हैं। इसलिए योनिदोष से संबन्धित रोग से पीड़ित रोगी स्त्री को प्रतिदिन दो चम्मच तुलसी की पत्तियों का रस पीना चाहिए। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है। आधा गिलास अनार का रस प्रतिदिन सुबह के समय में नाश्ते के बाद पीने से योनिदोष से संबन्धित रोग ठीक हो जाते हैं। एक गिलास गाजर के रस में चुकन्दर का रस बराबर मात्रा में मिलाकर दो महीने तक पीने से ठीक हो जाता है ।मासिक धर्म का रुक जाना :तीन-तीन महीने तक मासिक धर्म का न होना तथा पेट में पीड़ा होना आदि के लिए एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह निराहार पेट रात में भोजनोपरांत सोते समय पी लेना चाहिए। इस प्रकार सेवन एक महीने तक करते रहें। ��लू तथा बैंगन वर्जित हैं। पेशाब में जलन मूत्र नलियों में रक्त संचार सुचारू रूप से न होना और पेशाब से रक्त का जाना आदि में एक कप मौसम्मी का जूस लेकर उसमें आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर उसका सेवन करें। सुबह एक बार और दूसरी बार रात में सोने से पूर्व। दस दिन तक इस इलाज को जारी रखिए। खाने में गर्मी पैदा करने वाली वस्तुएं, मिर्च और खट्टी वस्तुओं का उपयोग कम करना चाहिए। बवासीर का मस्सा *एक चम्मच सिरके में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में दो बार मस्से की जगह पर लगाएं। क्या सावधानी रखें गुप्त रोग होने पर *नहाने से परहेज न करें। *प्रतिदिन अंत: वस्त्र व अन्य कपड़ों को बदलें। *शौच के बाद शरीर के अंदरुनी अंगों को ठीक से साफ करें। *पूर्व में संक्रमण से पीड़ित या एलर्जी वाले लोगों को अधिक सतर्क होने की है जरूरत। जब त्वचा की सतह पर जलन का एहसास होता है और त्वचा को खरोंचने का मन करता है तो उस बोध को खुजली कहते हैं। खुजली के कई कारण होते हैं जैसे कि तनाव और चिंता, शुष्क त्वचा, अधिक समय तक धूप में रहना, औषधि की विपरीत प्रतिक्रिया, मच्छर या किसी और जंतु का दंश, फंफुदीय संक्रमण, अवैध यौन संबंध के कारण, संक्रमित रोग की वजह से, या त्वचा पर फुंसियाँ, सिर या शरीर के अन्य हिस्सों में जुओं की मौजूदगी इत्यादि से। *खुजली वाली जगह पर चन्दन का तेल लगाने से काफी राहत मिलती है। *दशांग लेप, जो आयुर्वेद की 10 जड़ी बूटियों से तैयार किया गया है, खुजली से काफी हद तक आराम दिलाता है। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उसे छुपाने की बजाय चिकित्सक से संपर्क करें।
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हमारे शरीर के लिए कौन सा खाद्य पदार्थ ठंडा है और कौन सा गर्म?
हमारे शरीर के लिए कौन सा खाद्य पदार्थ ठंडा है और कौन सा गर्म?
बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे की हमारे शरीर के लिए क्या गर्म है और कौन से खाद्य पदार्थ (चीज) ठंडी और गर्म है। विभिन्न ऋतुओं के अनुसार निम्न चीज वस्तुओं का उपयोग किया जाना चाहिए। जैसे कि गर्मियों में ठंडी तासीर वाली चीजें खानी चाहिए और सर्दियों में गर्म तासीर की चीज खानी चाहिए। इस बात का ज्ञान न होने के कारण अक्सर हम गर्मियों में बहुत अधिक गर्म तासीर वाली चीजें खा लेते हैं। वैसे ही ठंड की ऋतु…
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सर्दी जुखाम से बचने के घरेलू नुस्खे - Home remedies to prevent colds in Hindi
Home remedies to prevent colds in Hindi : जैसा कि हम जानते हैं सर्दी जुखाम तो आम बात है जो हमेशा होती रहती हैं। जब जब मौसम बदलता है, तब-तब सर्दी जुखाम होता ही है। जिससे हर कोई परेशान हैं। जैसे - मौसम में हो बदलाव हमारे शरीर पर बहुत प्रभाव डालते हैं। यदि हम खुद को सर्दी से लड़ने के लिए तैयार रखते हैं तो हमें कुछ नहीं होगा और यदि हमने थोड़ा सा भी ध्यान नहीं दिया तो सर्दी जुखाम होना आम बात है. यदि वातवरण में हो रहे बदलाव से हमने खुद को अभी नही बचाया तो सर्दी जुखाम ज्यादा दिनों तक रहेगा और फिर हमे बुखार आने लगेगा. यदि हमें इन बीमारियों से बचना है तो जरूरी है कि हम हर बदलते मौसम में खुद के प्रति जागरूक रहे और खुद को मौसम के अनुसार ढाल सके. और हाँ, कोई भी वायरस तब तक हमें प्रभावित नही करता जब तक हम खुद उसे आमन्त्रित नही करते जैसे : खुद कर ध्यान नहीं रखते और दुनिया भर की बीमारियों को आपने शरीर में आने देते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हर बदलते मौसम के साथ हम खुद के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो.
सर्दी जुखाम होने के कारण :
वैसे सर्दी जुखाम तो हर बदलते मौसम के साथ ही होता है परंतु कुछ बीमारियों का होना हमारी आदतों पर भी निर्भर करता है : * सर्दी से बचाव ना कर पाना. * ठंडी चीजे खाना. * पहले ठंडी फिर गरम खाना / ठंडी गरम खाना. * रोग-प्रति-रोग क्षमता का कम होना. * धूल-धुआ आदि से एलर्जी हो ना. * किसी भी प्रकार के वायरस या बैक्टीरिया से इंफैक्शन होना. * प्रदूषित या मिट्टी वाली जगहों पर रहना.
सर्दी जुखाम होने के लक्षण :
सर्दी जुखाम तो होने के ना जाने कितने सारे लक्षण है लेकिन हम अभी सिर्फ महत्वपूर्ण लक्षण की ही बात करेंगे, जिससे आपको सर्दी जुखाम को जानने में आसानी होगी, की आपको सर्दी जुखाम है या नहीं : * गले में खराश होना. * सर दर्द होना. * बदन दर्द होना. * हल्का बुखार होना. * लगातार खाँसी होना. * नाक बंद हो ना. * नाक बहने लगाना.
सर्दी जुखाम को दूर करने के उपाय :
यदि आप सर्दी जुखाम से परेशान हैं तो यह बताए गए सुझावों को जरूर अपनाए, इससे आपका खांसी, सर्दी, जुखाम जल्दी ठीक हो जायेगा और आपको राहत मिलेगी. * ठंडा चीजे न खायें - यदि आप को सर्दी जुखाम से बचना है तो जरूरी है कि आप किसी भी ठंडी खाद्य पदार्थ का सेवन न करें और ना ही ठंडा पानी पिये। जितना हो सके हर चीज को हल्का गर्म ही खाएं और गुनगुने पानी का ही सेवन करें। * गर्म सूप पियें - गर्म सूप हर कोई पीना पसंद करता है, पर यही सूप यदि हम बीमारी में पीते हैं तो यहां हमारे सेहत के लिए बोहोत फायदेमंद होता हैं और सर्दी जुखाम से जब भी आप परेशान हो तो यह अवश्य पिये क्योंकि यह सर्दी जुखाम से जल्दी राहत पहुचता हैं। * गंदे स्थान पर ना जाये - यदि आपको सर्दी जुखाम हो पहले से तो ऐसी जगह पर ना जाये, क्योंकि ऐसी जगह बहुत ही प्रदूषित होती हैं और वायरस का भी खतरा बढ़ जाता है और यदि आपको पहले से सर्दी जुखाम हैं फिर आपके बीमार पडने के चांसेस ज्यादा हो जाते हैं। इसलिए ऐसे जगह पर ना जाये। * गरम वस्त्रों का ही उपयोग करें - सर्दियों में अक्सर ज्यादा सर्दी जुखाम होता हैं इसलिए जरूरी है कि हम गर्म वस्त्रों का ही उपयोग करे सर्दी से बचने के लिए। ज्यादातर लोगों सर्दी जुखाम होने पर गर्म वस्त्र का उपयोग नही करते बचाव के लिए । और फिर सर्दी जुखाम से पीड़ित रहते हैं। इसलिये हमेशा गर्म वस्त्रों का प्रयोग करें इससे राहत जल्दी मिलता है। और शरीर का तापमान सामना होगा तो सर्दी से बचे रहेंगे। * अदरक वाली चाय पीने में उपयोग करें - अदरक की चाय स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होती है और सर्दी में लोगों ज्यादा अदरक की चाय पीना पसंद करते हैं। इसलिए जब भी आप सर्दी जुखाम से पीड़ित हो तो अवश्य अदरक की चाय का उपयोग करे यह सर्दी जुखाम को जल्दी ठीक कर देती हैं। * नमक का गरारा करें - यदि आप को गले खराश या नाक बंद हो गया हो तो गर्म पानी में नमक डालकर उसका गरारा करे , रोज सुबह इससे आपका गला साफ रहेगा और सर्दी जुखाम में इसका महत्व बढ़ जाता है। इसलिए इसका प्रयोग अवश्य करें. * हल्दी वाला दूध पियें - दुध और हल्दी यह दोनों ही हमारे शरीर के लिए लाभकारी है और यदि हम दोनों को साथ में मिलकर पियेंगे तो यह और फायदेमंद होता है। इससे सर्दी जुखाम में जल्दी आराम पड़ता है और साथ ही यह हमारे शरीर के हड्डियों के लिए भी लाभकारी होता है।
सर्दी जुखाम से आराम के लिए घरेलू उपाय :
यह आपको सर्दी ज़ुखाम से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं और यदि आप इन उपाय को उपयोग में लेते हो तो आपको सर्दी जुखाम से राहत मिलेगा । इन में से आप कोई सा भी उपाय उपयोग कर सकते हैं। * रोज सुबह शाम तुलसी (तीन चार पत्ते), गोलोई (छोटे-छोटे एक या दो टुकड़े लो), नमक (स्वाद अनुसार), काली मिर्च (यानी गोलकी तीन चार ले और उसे पीस लें), इन सब को थोड़े से पानी में डाल कर उबाले जब तक रंग न बदल जाये और आंच को धीमा रखे फिर उसे पियें । * लॉग और नमक का पानी में मिल के काढ़ा बनाये और उसे पियें आपको राहत मिलेगा। * सर्दियों में शहद और अदरक को खाने से भी आपका जुखाम बंद हो जायेगा।
नोट : आप सभी को पता है कि आज कल कोरोना फैला हुआ है और जो सर्दी जुखाम पहले आम बात हुआ करती थी आज वो कोरोना के लक्षणों में से एक हैं। इसलिए आपको इन उपाय से खुद को जागरूक रखना होगा. ताकि हर मौसम के अनुसार आप अपना ध्यान रखें और सर्दी जुखाम से बचे रहे। यदि सर्दी जुखाम होता भी है तो आपने चेहरे पर मास्क लगा के रखे और इन सभी उपाय को प्रयोग में लाये। घर में रहे, स्वास्थ्य रहे, सुरक्षित रहे। (ज्योति कुमारी) Read the full article
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