लखनऊ, 26.01.2023 | भारत के 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में ध्वजारोहण कार्यक्रम के आयोजन की दिनांक 28.01.2023 के समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर |
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जिले में शान से फहराया तिरंगा, मंत्री ने रानी ज्योतिर्मयी स्टेडियम में तिरंगे को दी सलामी
समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। जिले भर में 75वां गणतंत्र दिवस शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। इस खास अवसर पर सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में शान से झंडा फहराया गया। तिरंगे को सलामी दी गई और राष्ट्रगान गाया गया। मुख्य समारोह स्थल रानी ज्योतिर्मयी स्टेडियम में शुक्रवार को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने परेड का निरीक्षण कर तिरंगा झंडा को फराया। कार्यक्रम के मौके पर डीसी मृत्युंजय कुमार…
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Manipur News : मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा; गोलीबारी में एक की मौत
इंफाल। Manipur News : मणिपुर में हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में हुई गोलीबारी में एक ग्रामीण की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए हैं।
Republic Day 2024 : मुख्यमंत्री धामी ने दी प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें
एक स्वयंसेवक की मौत
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से बताया कि मणिपुर के कांगपोकपी जिले में शनिवार सुबह दो सशस्त्र समूहों के…
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अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्रा ने किया मथुरा का नाम रोशन
अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्रा ने किया मथुरा का नाम रोशन
मथुरा,अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज की बी0ए0 तृतीय वर्ष की छात्रा तमन्ना कुमारी का आगामी 26 जनवरी को राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड के लिए चयन हुआ है।
ज्ञात हो कि इस परेड में पूरे देश से एनसीसी के केवल 34 कैडेट भाग लेते हैं।
तमन्ना ने चयन की विविध कठिन प्रतिस्पर्धाओं को सफलतापूर्वक पार करके यह स्थान हासिल किया है कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनिल वाजपेई ने कैडेट तमन्ना को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ये सम्मान ब्रज की वीरांगना नारियों का सम्मान है। कैडेट तमन्ना नारी सशक्तिकरण का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
कॉलेज की एन सी सी अधिकारी ले. डॉ मनोरमा कौशिक ने कहा की इस उपलब्धि से हम सब गर्वित हैं और भविष्य में अन्य छात्राएं भी यह उपलब्धि हासिल करेंगे। कॉलेज में एन सी सी प्रशिक्षण आरंभ होने के तीसरे वर्ष में ही कॉलेज की छात्रा का गणतंत्र दिवस परेड पर चयन शानदार उपलब्धि है। अमरनाथ में छात्रा तथा सीनियर अंडर ऑफिसर तमन्ना कुमारी सूबेदार मेजर कन्हैया लाल की सुपुत्री हैं। देश सेवा के लिए परिवार की गौरवमय परंपरा को उन्होंने लड़की होकर के भी बढ़ाया है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा चयनित 34 कैडेट्स की टुकड़ी में उत्तर प्रदेश से कुल 10 कैडेट शामिल होंगी छात्रा तमन्ना कुमारी आगामी प्रशिक्षण हेतु दिल्ली रवाना हो गई है।परेड में भाग लेकर महामहिम राष्ट्रपति एवं अन्य अतिथियों के सामने मार्च पास्ट कर वे कॉलेज एवम मथुरा का मान बढ़ाएगी। 10 यू पी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल राजेंद्र सिंह ने तमन्ना एवम कॉलेज की एनसीसी कैडेट्स के अनुशासन एवं प्रशिक्षण की भूरि भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने कालेज प्रशासन एवं कैडेट तमन्ना कुमारी को अपनी अनेकों शुभकामनाएं प्रदान की। इस अवसर पर पी. आई. दामोदर घोष ने भी कैडेट तमन्ना कुमारी को अपनी शुभकामनाएं प्रदान की।
संस्थान के चेयर मैन डॉ आदित्य वाजपेई ने कहा कि कैडेट तमन्ना के दिल्ली से वापस लौटने पर उसका शानदार सम्मान समारोह किया जाएगा। समाचार ज्ञात होने पर कॉलेज की सभी एनसीसी कैडेट्स ने आज हर्ष ध्वनि के साथ में उल्लास व्यक्त किया।
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भारतको गणतन्त्र दिवसको प्रमुख अतिथिमा फ्रान्सका राष्ट्रपति आउने
नयाँदिल्ली, ६ पुस । भारतको गणतन्त्र दिवसको प्रमुख अतिथिमा फ्रान्सका राष्ट्रपति आउने भएको छ ।
फ्रान्सका राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों २६ जनवरीमा हुने गणतंत्र दिवस समारोहमा प्रमुख अतिथि हुने भारतीय सञ्चारमाध्यमले उल्लेख गरेका छन ।
सन २०२४ को गणतन्त्र दिवस समारोहमा फ्रान्सेली राष्ट्रपतिको सहभागिता रहने पक्का भएको समाचार एजेन्सी एएनआईले जनाएको छ ।
गणतन्त्रका दिनका तयारी सुरु भएको छ र अब जम्मा लगभग…
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हैकरों से संघर्ष के बाद न्यूज यूनिवर्सल फिर आपकी सेवा में तैयार
न्यूज यूनिवर्सल डेस्क, सिद्धार्थनगर। सभी पाठकों को नव वर्ष 2023, मकर शंक्रांति, गणतंत्र दिवस की पूर्वे संध्या पर हार्दिक शुभकामनाएं। न्यूज यूनिवर्सल यह आशा करता है कि हमारे देशवासियों का, सभी पाठकों का नया साल 2023 खुशियों से भरा हो।
आप भी न्यूज यूनिवर्सल के फ्री व प्रीमियम विज्ञापन का प्रयोग करके अपने शुभचिंतकों को शुभकामनाएं दे सकते हैं। अपने विचार, उत्पाद का प्रचार प्रसार कर सकते हैं।
विज्ञापन के फ्री व प्रीमियम आफर का उठाएं लाभ
लगभगत दो माह के बाद हम आपकी सेवा में फिर से उपस्थित हो गया हैं। न्यूज यूनिवर्सल की इतने लम्बे अंतराल की अनुपस्थिति आप के मन में निश्चित रूप से सवाल पैदा करेगी। जैसा कि हमारा ध्येय वाक्य है- सच दिखाना, सच लिखना और सच बोलना।
हम भी इधर उधर की बातें कहकर, झूठ बोलकर आगे बढ़ सकते थे। इस लिए यह हमारे लिए सच की लक्षण रेखा लांघने के बराबर है। इस लिए सच बात कहने में हमें कोई संकोच नहीं है।
सच सही है कि न्यूज यूनिवर्सल समाचार वेबसाइट को हैकर ने हैक कर लिया था।
कुछ हैकरों की इसकी लोकप्रियता और साइट पर पाठकों की भारी संख्या उनकी आखों में बालू के कण की तरह चुभ रहा था।
विगत अक्टूबर महीने से वह इसके पीछे पडे़ थे। योजनाबद्ध तरीके से 12 अक्टूबर 2022 को न्यूज यूनिवर्सल के फेसबुक पेज को हैक कर लिया गया। भाषा चायनीज कर दिया। दो लोग एडमिन बन गए। बडी मुश्किल से फेसबुक प्रोफाइल तक पहुंच कर उनको एडमिन से रिमूव्ड किया।
22 अक्टूबर 2022 को फेसबुक पेज हैक होने की फेसबुक टीम को मेल किया। फेसबुक टीम ने सुझाव भेज कर अपना पल्ला झाड़ लिया। खैर फेसबुक पेज से ज्यादा परेशान होने के बजाए 24 अक्टूबर 2022 को नया फेसबुक पेज बना दिया गया। जिसकी सूचना फेसबुक पेज पर दिया जा चुका है।
इसके बाद हैकरों ने दूसरा तरीका अपना शुरू किया। चोरी चोरी वेबसाइट पर सेंधमारी करते रहे।
गत 28 अक्टूबर 2022 गूगल ने साइट पर कुछ त्रुटि होने का मैसेज भेजा। त्रुटि ठीक करने में समय लग रहा था। इस लिए 02 नवम्बर 2022 से साइट पर समाचार पोस्ट करना बन्द करके होस्टिंग कंपनी के हवाले कर दिया गया। होस्टिंग कम्पनी ने इसे पूरी तरह से ठीक कर दिया है।
इसके आगे हम उन गुमनाम दूसरे देश में बैठे हैकरों का क्या कर सकते हैं। उन हैकरों का नाम, पता आदि की सटीक पूरी जानकारी नहीं मिल पाती है। डैशबोर्ड में सिर्फ उनके आईपी एड्रेस से उनके देश का पता चला है।
अब साइट ठीक होने के बाद इसके सभी कोड को नए सिरे से इंस्टाल किया गया है। इस साइट पर गूगल के निर्देशानुसार पहले से विजिटर की सुरक्षा हेतु एसएसएल सर्टिफिकेट SSL Stands for secure sockets layer खरीद कर लगाया गया था। इसके होस्टिंग कंपनी के बताए और भी सुरक्षा के उपाय किए गए हैं।
यह साइट गूगल के सेफ ब्राउजिंग साइट स्टेटस की पूरी तरह पालन कर रही है। पूरी तरह पाठकों के लिए सुरक्षित है। आशा है कि न्यूज यूनिवर्सल के पाठक पहले की तरह अपना प्रेम बनाए रखेंगे।
Safe Browsing site status
अंत में पाठकों को यह भी बताता चलूं कि अभी तक हैकरों से संघर्ष में जो सीखने को मिला है। आप अपने सोशल मीडिया पर, मोबाइल, लैपटाप, कम्प्यूटर में आईडी के साथ जो भी पासवर्ड बनाएं उसे सिस्टम जनरेटेड न रखें। उसमें अपने अपर केस, लोवर केस, सेम्बल, नम्बर के साथ अपने मात्र भाषा में कुछ ऐसे शब्दों में लिखें जो प्रचलित न हों, जिसका लोग आसानी से अनुमान न लगा सकें। शब्दकोश में खोजने पर सीधा अर्थ न मिले।
दूसरे देश में बैठने वाला गुमनाम चोर हैकर अंग्रेजी भाषा और बाट कर प्रयोग करके सेंधमारी करता है। आम प्रचलित अंग्रेजी भाषा सभी डिवाइस में सपोट करता है। इस लिए सीधे अंग्रेजी भाषा में पासवर्ड न लिखें। पासवर्ड में अपने मात्र भाषा हिंगलिश का प्रयोग अवश्य करें। सेफ रहें, सुरक्षित रहें। अपना, अपने मोबाइल को सुरक्षित रखें। मोबाइल में लॉक लगाएं, पैसों के लेन-देन वाले एप्स में लॉक लगाएं। अनजाना एप्स, साइट पर जाकर लिंक से कुछ भी डाउन लोड न करें। जोखिम भरा हो सकता है।
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गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री की वैश्विक पहुंच विदेशी शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और खिलाड़ियों तक
गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री की वैश्विक पहुंच विदेशी शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और खिलाड़ियों तक
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारत के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर विदेशी शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, विद्वानों, गायकों और खिलाड़ियों तक पहुंचने का विशेष प्रयास किया, उनमें से प्रत्येक को व्यक्तिगत पत्र भेजे गए।
पत्र भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए चल रहे कार्यक्रम के अनुरूप हैं। भारत सरकार ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को चिह्नित करने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’…
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कॉकपिट व्यू: गणतंत्र दिवस 2022 पर भारतीय वायुसेना का सबसे भव्य फ्लाईपास्ट | समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
कॉकपिट व्यू: गणतंत्र दिवस 2022 पर भारतीय वायुसेना का सबसे भव्य फ्लाईपास्ट | समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
कॉकपिट व्यू: गणतंत्र दिवस 2022 पर IAF का सबसे भव्य फ्लाईपास्ट
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राजपथ पर PM मोदी पैदल चलकर लोगों से मिले , 2015 से शुरू की है यह नई परंपरा मोदी आज भी निभा रहे है
राजपथ पर PM मोदी पैदल चलकर लोगों से मिले , 2015 से शुरू की है यह नई परंपरा मोदी आज भी निभा रहे है
Republic Day 2022: देश आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस खास मौके पर हर साल की तरह इस बार भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता को देखने का अवसर मिला है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परेड खत्म होने के बाद राजपथ पर अपने सुरक्षा घेरे में काफी दूर तक पैदल चले और वहां पर मौजूद लोगों से हाथ हिलाकर उनका अभिवादन भी किया.
PM ने सुरक्षा घेरे के…
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गणतंत्र दिवस 2022: जब मनासा वाराणसी ने विस्तार से बताया कि कैसे भारतीय संस्कृति समृद्ध और टिकाऊ है - सौंदर्य प्रतियोगिता - इंडियाटाइम्स
गणतंत्र दिवस 2022: जब मनासा वाराणसी ने विस्तार से बताया कि कैसे भारतीय संस्कृति समृद्ध और टिकाऊ है – सौंदर्य प्रतियोगिता – इंडियाटाइम्स
मनासा वाराणसी एक और युवा आइकन है जो भारत को विश्व स्तर पर गौरवान्वित करने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। अरबों सपनों को समेटे हुए, उसने कई राउंड के दौरान असाधारण प्रदर्शन किया विश्व सुंदरी 2021। नतीजतन, उसने क्वालीफाइंग टॉप 40 में जगह बनाई और उसे वापस लौटने का अवसर मिला प्यूर्टो रिको प्रतिष्ठित ताज के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए।
जबकि हम अपनी आकर्षक रानी से विस्मित हैं, उन्होंने भारत की समृद्ध…
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अधिकारियों से बोले सपा नेता- तुम योगी सरकार की 'चमचागिरी' कर रहे हो, FIR दर्ज
अधिकारियों से बोले सपा नेता- तुम योगी सरकार की ‘चमचागिरी’ कर रहे हो, FIR दर्ज
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में 26 जनवरी को समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्य मंत्री हेमराज वर्मा, ब्लॉक प्रमुख अरुण वर्मा सहित सैकड़ों सपा कार्यकर्ता न कोडर मार्च निकालकर हाईवे जाम कर दिया। इस दौरान एडीएम और जिला प्रशासन से हुई अभद्रता के मामले में पूर्व मंत्री।
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जब भारत का आत्मा रो पड़ा
भारतीय गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व के पावन अवसर पर किसानों के नाम पर देश की राजधानी में जो तांडव हुआ, उसे देखकर भारत का आत्मा रो पड़ा। लाठी, तलवार व पत्थरों से जिस प्रकार आतंकवादियों वा अलगाववादियों ने पुलिस बल पर जो आक्रमण किया, उन्हें ट्रैक्टरों से रौंद रौंद कर मारने का प्रयास किया, वे जवान गंदे नाले में प्राण बचाने हेतु कूदने को विवश हुए, महिलाओं को भी नहीं छोड़ा, गाड़ियों को ही नहीं, अपितु रोगी वाहनों तक को नष्ट किया गया, क्या यह आंदोलन था? सबसे बढ़कर राष्ट्र के गौरव के प्रतीक लाल किले पर राष्ट्रध्वज का अपमान किया, उसे फेंका गया, उतारा भी गया और अपना एक पंथ विशेष का ध्वज लगा दिया, यह किसी भी प्रकार अपनी ही मां भारती के विरुद्ध युद्ध के बिगुल से कम नहीं था।
भारतीय गणतंत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ। पुलिस तथा भारत सरकार इतना सब सहन करती रही, तब यह प्रश्न उठता है कि क्या भारत इतना बेबश हो गया है, दुर्बल हो गया है कि कोई भी आतंकवादी वा अलगाववादी संगठन देश की राजधानी को बंधक बनाकर कुछ भी तांडव कर सकता है? क्या इसे किसानों का आंदोलन कहा जा सकता है? सरकार ने पुलिस के जवानों को प्रारंभ में आत्मरक्षार्थ लाठी तक नहीं दी, बेचारे मार खाते रहे। नेताओं ने अपनी कोठियों के पास पूरी सुरक्षा कर रखी थी परंतु जवानों को हिंसक भीड़ के आगे अकेला निहत्था बेवश छोड़ दिया। आंसू गैस आदि का प्रयोग भी तब हुआ, जब स्थिति अनियंत्रित हो गई।
वस्तुतः मुझे इस आंदोलन पर पूर्व से कुछ-कुछ ही संदेह था। अपने कार्य की व्यस्ततावश मैं इस विषय में अधिक कुछ जानने व समझने की इच्छा भी नहीं कर पाता, परंतु संक्षिप्त समाचार देखने से इतना तो अवगत था कि कहीं कुछ अनिष्ट अवश्य है। किसानों के समर्थन में जो नेता आ रहे थे, कभी ट्रैक्टर्स पर बैठकर किसान हितैषी होने का प्रदर्शन करते हैं, वहां जोशीले भाषण देते हैं, कभी राष्ट्रपति भवन की ओर दौड़ते हैं। क्या किसानों ने कभी उनसे यह पूछने का प्रयास भी किया कि स्वतंत्रता के पश्चातझ्झ् अधिकांश समय उन्हीं की सरकार रही है, तब उन्होंने क्यों नहीं किसानों का कायाकल्प कर दिया? क्यों नहीं आज भी उनकी राज्य सरकारें किसानों का भला कर पा रही हैं? क्यों उनके शासन में किसान आत्महत्या करते रहे हैं? किसानों ने क्यों पिछले लगभग 70 वर्षों में विभिन्न सरकारों द्वारा उनके लिए बनाई गई नीतियों का तुलनात्मक अध्ययन करने का प्रयास नहीं किया? यदि वे सभी राजनीतिक दलों को किसान विरोधी मानते हैं, तब क्यों नहीं उन्होंने अपने मंच से राजनेताओं को धक्का मार कर बाहर निकाला? जो राजनेता सदैव पाकिस्तान व चीन की भाषा बोलते हैं, आतंकवादियों व अलगाववादियों का खुलकर समर्थन करते हैं, कश्मीर में धारा 370 लगाने के अपराधी रहे हैं और आज फिर गुपकार गिरोह, के साथ मिलकर पुनः 370 धारा को बहाल करने की मांग करते हैं और गुपकार गिरोह चीन के सहयोग, तो कोई अमेरिका के सहयोग से धारा 370 को बहाल करने की बात करते हैं, वे राष्ट्रीय इतिहास व संस्कृति का पदे पदे अपमान करते हैं, उनका किसानों का मसीहा बनने का दिखावा क्यों किसानों को दिखाई नहीं दिया? यह किसानों से भूल हुई। इसके साथ ही किसानों की भीड़ में पाकिस्तान व खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगना, अलगाववादियों के चित्र को लहराना, यह सब यही दर्शाता है कि किसानों का आंदोलन अपने मूल लक्ष्य से भटक गया और इसमें खालिस्तानी आतंकवादी, चीन व पाक के चाटुकार वामपंथी शक्तियों ने घुसपैठ कर ली। विपक्षी दल भी इस पाप में पूर्णतः सम्मिलित थे। इस आंदोलन के समर्थन में कनाडा के प्रधानमंत्री का बोलना, यूएन का बोलना, ब्रिटेन में प्रदर्शन होना, यह सब दर्शाता है कि यह आंदोलन परोक्ष रूप से कहीं बाहर से भी प्रेरित था और गणतंत्र दिवस को ही लक्ष्य बनाने की हठ कोई सामान्य बात नहीं थी, बल्कि इसमें पूर्व नियोजित भयानक षडयंत्र की गंध आती है।
यह बात नितांत सत्य है कि किसी भी देश का किसान उस देश का आत्मा है, वह अन्नदाता है, इस कारण महर्षि दयानंद सरस्वती ने किसानों को राजाओं का राजा कहा था। वे किसानों के प्रति बहुत सहृदयता रखते थे, इस कारण उन्होंने गो-कृषि आदि रक्षिणी सभा की स्थापना की थी। दुर्भाग्य से देश ने ऋषि दयानंद को नहीं समझा और किसान दुःखी ही होता रहा। कई सरकारें आयीं व गयीं परन्तु ऋषि दयानन्द को किसी ने भी महत्व नहीं दिया?
यद्यपि मोदी सरकार ने किसानों के हित में पूर्व सरकारों की अपेक्षा कुछ कदम तो उठाए ही हैं परंतु ये बिल जिस प्रकार अकस्मात् लाकर बिना चर्चा के पारित कराए, वह प्रक्रिया ही गलत थी, अधिनायकवादी थी। वे बिल किसानों के हित में हैं वा नहीं, यह मेरा विषय नहीं परंतु इतना सुना है कि जो नेता इनका अब विरोध कर रहे हैं, वे ही पहले इन बिलों को ला रहे थे, तब भाजपा ने विरोध किया और जब भाजपा लायी, तो ये विरोध कर रहे हैं, तब सत्यवादी तो कोई दल वा नेता नहीं है। सभी सत्ता के मद में जनता के अधिकारों व वास्तविक हितों को भूल जाते हैं। आज कोरोना के नाम पर भी अघोषित आपात्काल व अधिनायकवाद चल रहा है, सत्य कोई सुनने वाला नहीं। देश बर्बाद हो गया है। कारोना काल में कुछ बडे़ पूंजीपतियों की सम्पत्ति बहुत बढ़ गयी और करोड़ों लोग बेरोजगार हो गये, करोड़ों और अधिक निर्धन हो गये, व्यापारी व विद्यार्थी आदि बर्बाद हो गये। तब भी क्या इसे कोई षड्यन्त्र मानने को उद्यत है, कोई कुछ सुनना चाहता है? परन्तु आज कुछ मत बोलो, स्वास्थ्य आपात्काल है, इसमें सत्य को भी अफवाह बताया जाता है।
सबका अन्नदाता आज भी दुःखी ही है और पूंजीवाद बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि जनता आंदोलनों के लिए भी बाध्य हो जाती है। यह आंदोलन भी इसी का परिणाम था। सरकार ने आंदोलनकारी किसानों के दबाव को देखते हुए कई चक्र की वार्ता की। किसानों को बिलों के किसी भी बिंदु पर बात करने का प्रस्ताव रखा, अनेक बातों को स्वीकार भी किया, कानूनों को स्थगित करके एक समिति भी बनाई, तब किसानों का कर्तव्य था कि वे आंदोलन को स्थगित कर देते, समिति के निर्णय की प्रतीक्षा करते परंतु ऐसा लगता है कि किसान नेता अराजक व अलगाववादी तत्त्वों के नियंत्रण में आ चुके थे और भोले भाले किसानों को लेकर ठंड में सड़कों पर डटे रहे। अंत में अराजक तत्त्वों ने देश के मस्तक पर यह कलंक लगा ही दिया। सरकार को इस कलंक के अपराधियों को कठोरतम दण्ड देना चाहिए। जहाँ तक बात बिलों को वापिस लेने की हठ की है, उस विषय में यह भी सत्य है कि बिल वापिस लेने से देश पर कोई संकट का पहाड़ नहीं टूटेगा, परन्तु एक आशंका यह अवश्य है कि इससे प्रेरित होकर राष्ट्रविरोधी नेता धारा 370 हटाने आदि जैसे अनेक राष्ट्रहित के कानूनों को भी रद्द करने के लिए आन्दोलन करने लग जाएंगे। इस कारण बिलों में किसान हित में आवश्यक संशोधन ही करना चाहिए। बिल वापिसी की हठ ठीक नहीं।
मैं तो सभी देशवासियों से विनती करता हूं कि देश सर्वोपरि है, इस कारण इसकी अस्मिता की रक्षा करना सबका सामूहिक उत्तरदायित्व है। सरकार व जनता दोनों को ही अपने अपने अधिकार नहीं, बल्कि कर्तव्य तथा दूसरों के अधिकारों को समझना होगा। जनता द्वारा चुनी गई सरकारों को मनमाने ढंग से कानून बनाकर देश पर थोपने से पूर्व जन भावनाओं को समझना होगा। किसानों, श्रमिकों व उद्योगपतियों के बीच मैत्रीपूर्ण समन्वय किसी भी राष्ट्र के लिए अनिवार्य है, अन्यथा राष्ट्र का अस्तित्व ही नष्ट हो सकता है। निर्धन व धनी के बीच बढ़ती दूरी अत्यंत घातक है। आज यह घातक पाप प्रवाह जोरों से चल रहा है। हाँ, एक तथ्य यह भी है कि, जो लोग अम्बानी व अडानी जैसे उद्योगपतियों को लेकर छाती पीटते हैं, वे विदेशी कम्पनीज् की चर्चा भी नहीं करते, यह क्या रहस्य है?
स्मरण रहे यह अमानवीय पाप आज प्रारंभ नहीं हुआ है, बल्कि इसके नायक श्री जवाहरलाल नेहरू ही थे। विदेशी कंपनीज् को आमंत्रित करने वाले वे ही थे। उदारीकरण, जो वास्तव में उधारीकरण की प्रक्रिया श्री नरसिंहा राव के शासनकाल में ही प्रारंभ हो गई थी, तब भाजपा व संघ दोनों ही इसके विरुद्ध थे और स्वदेशी की दुहाई दे रहे थे, परंतु दुर्भाग्य से अब वे ही विदेशी कंपनीज् के स्वागत में पलक पावडे़ बिछा रहे हैं। कभी एक ईस्ट इंडिया कंपनीज��� ने देश पर क्रूर शासन किया था, आज विदेशी दवा कंपनीज् संपूर्ण विश्व पर शासन कर रही हैं। खाद, बीज, इंटरनेट आदि से जुड़ी कंपनीज् भी इसमें सहभागी हैं। कोरोना नामक कथित महामारी भी इन्हीं की देन है। सर्वत्र अंधकार है, पूंजीपति लूट मचा रहे हैं, अधिकांश कानून उन्हीं के संरक्षण के लिए होते हैं। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि देश पराधीनता की ऐसी बेड़ियों में जकड़ गया है, जो भविष्य में देश को पूर्व की पराधीनता से भी अधिक भयानक गर्त में गिर सकता है। आज मेरी यह बात सबके गले नहीं उतरेगी परंतु वह दिन दूर नहीं जब ऐसा दुर्भाग्य हमारे समक्ष आ खड़ा होगा। इधर हमारी आंतरिक समस्याएं गंभीर होती जा रही हैं, उधर चीन, तुर्की व पाकिस्तान का गठजोड़ हमारे लिए संकट बढ़ाता जा रहा है। हां, इतना अवश्य है चीन के संकट के समक्ष सीना तान कर खड़ा होने का भारी साहस तो मोदी जी ने किया ही है, जो हमारे लिए गर्व की बात है, परंतु जो देश आंतरिक संकटों से निरंतर घिरता जाए और देश के अधिकांश नागरिक स्वार्थी व संकीर्ण सोच तक ही सीमित हो गये हों और सरकार अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं व बहुराष्ट्रीय कम्पनीज् के मकड़जाल में फंसने और उनसे प्रशंसा पाने को ही राष्ट्र का गौरव मानने की भूल कर रही हो, तब कोई चमत्कार ही देश को बचा सकता है।
आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक
प्रमुख, श्री वैदिक स्वस्ति पन्था न्यास
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गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च के दौरान हंगामा किया। इन लोगों ने आईटीओ,नांगलोई, फरीदाबाद और लाल किले आदि के पास जमकर बवाल किया। कई जगहों से किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। वहीं किसानों ने पूरे दिन तोड़फोड़ की। हिंसा को देखते हुए कई जगहों पर इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई।
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स्कूप: जॉन अब्राहम-स्टारर अटैक 25 फरवरी को रिलीज होने की उम्मीद: बॉलीवुड समाचार – बॉलीवुड हंगामा
स्कूप: जॉन अब्राहम-स्टारर अटैक 25 फरवरी को रिलीज होने की उम्मीद: बॉलीवुड समाचार – बॉलीवुड हंगामा
सितंबर 2021 में, बॉलीवुड हंगामा यह रिपोर्ट करने वाला पहला व्यक्ति था कि जॉन अब्राहम-स्टारर हल्ला रे गणतंत्र दिवस 2022 के आसपास रिलीज होगी। अफसोस की बात है कि ओमिक्रॉन संस्करण के तेजी से प्रसार के कारण, देश कोविड -19 की तीसरी लहर से बह गया था। नतीजतन, दिसंबर के अंत और जनवरी 2022 में रिलीज होने वाली सभी फिल्मों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसमें न सिर्फ शामिल है हल्ला रे लेकिन फिल्में…
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खराब मौसम ने अरुणाचल के युवाओं की चीन से वापसी में की देरी : रिजिजू
खराब मौसम ने अरुणाचल के युवाओं की चीन से वापसी में की देरी : रिजिजू
“भारतीय सेना द्वारा चीनी पीएलए के साथ गणतंत्र दिवस पर हॉटलाइन का आदान-प्रदान किया गया। पीएलए ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और हमारे राष्ट्रीय को सौंपने का संकेत दिया और रिहाई की जगह का सुझाव दिया। वे जल्द ही तारीख और समय को अंतरंग करने की संभावना रखते हैं। देरी ने उनकी ओर से खराब मौसम की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया, ”अरुणाचल प्रदेश के एक सांसद रिजिजू ने ट्वीट किया।
चीनी पीएलए ने पुष्टि की है कि…
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देखें: कैसे ओडिशा के कलाकार 2022 गणतंत्र दिवस मनाने के लिए कलाकृतियां बनाते हैं | समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
देखें: कैसे ओडिशा के कलाकार 2022 गणतंत्र दिवस मनाने के लिए कलाकृतियां बनाते हैं | समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
26 जनवरी 2022, 07:38 अपराह्न ISTस्रोत: TOI.in
गणतंत्र दिवस 2022 को मनाने के लिए कलाकार कलाकृतियां बनाते हैं। गणतंत्र दिवस 2022 पर, ओडिशा के कलाकार बिस्वजीत नायक राष्ट्रीय नायकों को मनाने के लिए 675 आइसक्रीम स्टिक के साथ हस्तशिल्प बनाते हैं। हस्तशिल्प की ऊंचाई 2 फीट और चौड़ाई 3 फीट है। इस कलाकृति को डिजाइन करने में नायक को 6 दिन लगे। इससे पहले नायक भगवान जगन्नाथ और गणेश की कई मूर्तियां भी बना चुके…
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