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#कोविड -19 एएमयू में मौत
24gnewshindi · 3 years
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दिल्ली से यूपी, डीयू से एएमयू, सिखाना समुदाय को नुकसान
दिल्ली से यूपी, डीयू से एएमयू, सिखाना समुदाय को नुकसान
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक ग्रामीण जेबों में पैरा-शिक्षकों के लिए वरिष्ठ प्राध्यापक, दोनों को उग्रता का खामियाजा भुगतना पड़ा सर्वव्यापी महामारीशिक्षण समुदाय के सभी वर्गों सहयोगियों और दोस्तों के नुकसान के तहत फिर से प्रकाशित हो रहे हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने जिन संस्थानों को कड़ी टक्कर दी है, उनमें से एक है 50 सदस्यों के करीब खो गया वर्तमान लहर में, सेवारत और सेवानिवृत्त…
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lok-shakti · 3 years
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38 की मौत की सूचना, 100 से अधिक दफन: कोविड एएमयू में जंगल की आग की तरह भड़क रहा है और वास्तविक संख्या चौंकाने वाली है
38 की मौत की सूचना, 100 से अधिक दफन: कोविड एएमयू में जंगल की आग की तरह भड़क रहा है और वास्तविक संख्या चौंकाने वाली है
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) कोविड -19 संक्रमण का केंद्र बन गया है क्योंकि टीचिंग और गैर-शिक्षण कर्मचारी बिना वैक्सीन प्राप्त किए ही मर रहे हैं। प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, एएमयू में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 100 से अधिक हो गई है, और परिसर में शिक्षकों के लिए निर्धारित कब्रिस्तान में जगह की कमी हो रही है। पिछले कुछ हफ्तों में, 17 सेवारत लोगों सहित 38 एएमयू शिक्षकों की कोविड या…
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AMU के 34 प्रोफेसरों को 18 दिनों में निगल गया कोरोना
AMU के 34 प्रोफेसरों को 18 दिनों में निगल गया कोरोना
नई दिल्ली: AMU, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर कोरोना की दूसरी लहर यमराज बनकर आई है। शनिवार को एएमयू विधि संकाय के डीन प्रोफेसर शकील समदानी की अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना के इलाज के दौरान मौत हो गई। पिछले 18 दिनों में यहां 34 कार्यरत प्रोफेसरों की कोविड-19 से मौत हो चुकी है। निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें AMU के 34…
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abhay121996-blog · 3 years
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अलीगढ़ में नहीं मिला कोविड का नया घातक स्वरूप, AMU अस्‍पताल के कर्मचारियों को मिली राहत Divya Sandesh
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अलीगढ़ में नहीं मिला कोविड का नया घातक स्वरूप, AMU अस्‍पताल के कर्मचारियों को मिली राहत
अलीगढ़ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओर से दिल्ली के ‘इंस्‍टीटयूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी’ (सीएसआईआर) को जीनोम के लिए भेजे गए किसी भी नमूने में कोविड-19 के किसी नए घातक स्वरूप का पता नहीं चला है। अस्पताल के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। इस खबर ने अस्पताल के संकटग्रस्‍त चिकित्सा कर्मचारियों को राहत दी है जो दो वरिष्‍ठ चिकित्‍सकों और विश्वविद्यालय के मौजूदा व सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों की मौत से सहमे थे।
एएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर हारिस मंजूर खान के अनुसार, भेजे गए 20 नमूनों में से 18 (90%) में वायरस का बी.1.617.2 स्वरूप मिला है। उन्होंने बताया ‘इसे ‘डबल म्यूटेंट वेरिएंट’(दो बार स्वरूप बदलना) कहा जाता है। इसका पता पहली बार पांच अक्टूबर, 2020 को महाराष्ट्र में चला था। यह बी.1.617 प्रकार का एक उप प्रकार है जो उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मुख्य रूप से पाया गया है।’’ एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने आईसीएमआर के निदेशक, दिल्ली स्थित सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक और सभी वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया है।
एक महीने में 21 एएमयू शिक्षकों की हुई मौत पिछले एक महीने के दौरान एएमयू ने 17 सेवारत शिक्षकों और कम से कम 21 सेवानिवृत्त शिक्षकों को खो दिया है जो कोविड और कोविड जैसे लक्षणों से पीड़ित थे। चूंकि उनमें से अधिकांश एएमयू परिसर में और उसके आसपास रहते थे, इसलिए एएमयू अधिकारियों ने अलीगढ़ के सिविल लाइंस क्षेत्र से एकत्र किए गए नमूनों के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने की मांग की थी। इस बीच, जवाहर नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति की स्थिति जो तीन सप्ताह से अधिक समय से अनिश्चित थी, उसमें अब काफी सुधार हुआ है।’ अधिकारी ने कहा कि जर्मनी से आयात किए जा रहे तरल ऑक्सिजन संयंत्र के अगले सप्ताह आने की उम्मीद है।
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abhay121996-blog · 3 years
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41 मौतें: AMU कैंपस में क्यों दम तोड़ रहे फैकल्टी, कोरोना का नया वेरियंट तो वजह नहीं? Divya Sandesh
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41 मौतें: AMU कैंपस में क्यों दम तोड़ रहे फैकल्टी, कोरोना का नया वेरियंट तो वजह नहीं?
अलीगढ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) कैंपस में कोरोना वायरस के नए वेरियंट से संक्रमण फैलने की आशंका है। यूनिवर्सिटी के वीसी ने आईसीएमआर को पत्र लिखकर नए वेरियंट की जांच करने का अनुरोध किया है। पिछले 22 दिनों में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस में कोविड से 16 से ज्यादा कार्यरत प्रफेसर्स और करीब 25 नॉन टेक्निकल स्टाफ की मौत हुई है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर समेत कुछ सीनियर डॉक्टर और उनके परिवार वाले भी कोविड की चपेट में हैं।
एएमयू के वीसी तारिक मंसूर ने रविवार को आईसीएमआर के डीजी को पत्र लिखा। इसमें लिखा है कि संदेह बढ़ रहा है कि अलीगढ़ के सिविल लाइंस एरिया में वायरस का कोई खास वेरियंट फैल रहा है। एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायॉलजी डिपार्टमेंट की कोविड-19 टेस्टिंग के लिए अप्रूव्ड लैब ने सैंपल भी भेजे हैं। आईसीएमआर गाइडलाइंस के हिसाब से वायरल की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए ये सैंपल सीएसआईआर को भेजे गए हैं। वीसी ने आईसीएमआर डीजी से अनुरोध किया कि इसकी जांच कराई जाए। सोमवार रात आईसीएमआर डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने एएमयू वीसी से बात भी की।
आईसीएमआर के संक्रामक रोग विभाग के साइंटिस्ट समीरन पांडा ने कहा कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल मिले हैं और लैब में जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के नए वेरियंट भारत में कई जगह पर पाए गए हैं, क्योंकि इस वायरस क��� म्यूटेंट बनता जाता है। महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल तक में वेरियंट मिला है। अलीगढ़ में भी वेरियंट हो सकता है क्योंकि वायरस जब फैलता है तो म्यूटेंट बनता ही है। नया म्यूटेंट जो तेजी से फैलता है, वह पुराने म्यूटेंट की जगह ले लेता है। वैसे कोई भी म्यूटेंट हो, सबके फैलने का तरीका एक ही है। सबसे बचाव का एक ही उपाय है। मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें और वैक्सिनेशन पर जोर दें।
‘ऑक्सिजन-दवाओं की कमी से ज्यादा मौतें’एएमयू के कुछ प्रफेसर्स लगातार हो रही मौतों को लेकर सिस्टम पर भी सवाल उठा रहे हैं। हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रफेसर नदीम रिजवी ने कहा कि जेएन मेडिकल कॉलेज कैंपस के स्टाफ का ध्यान रखता है। कोविड से मौत कम, बल्कि ऑक्सिजन-दवाइयों की कमी और मेडिकल सुविधाओं के अभाव में ज्यादा मौतें हुई हैं। सबको पता था कि कोरोना की दूसरी लहर आएगी पर इसके लिए तैयारी नहीं की गई। मेडिकल कॉलेज को तैयार क्यों नहीं किया गया ताकि वह महामारी को हैंडल कर सके।
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abhay121996-blog · 3 years
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AMU में एक और प्रोफेसर की कोरोना से मौत, ऐक्शन में आई योगी सरकार Divya Sandesh
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AMU में एक और प्रोफेसर की कोरोना से मौत, ऐक्शन में आई योगी सरकार
अलीगढ़/ लखनऊ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है। एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर शोएब जहीर (56) का कोविड-19 से निधन हो गया। परिवार के सदस्य के अनुसार, प्रोफेसर जहीर का निधन दिल्‍ली के एक अस्पताल में हुआ।
एएमयू के प्रवक्ता ने बताया कि इसके साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने पिछले तीन सप्ताह में कोविड -19 के संक्रमण से 17 सेवारत वरिष्ठ संकाय सदस्यों को खो दिया है। उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर जहीर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा विभाग के दूसरे वरिष्ठ संकाय सदस्य हैं जो महामारी का शिकार हुए। प्रोफेसर जहीर स्वर्ण पदक विजेता थे और 1992 में एएमयू के शिक्षण स्टाफ में शामिल हुए थे। पिछले हफ्ते चिकित्‍सा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर शादाब खान का जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में निधन हो गया था। एएमयू के कुलपति प्रोफ़ेसर तारिक मंसूर ने प्रोफेसर जहीर को आज श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व की चर्चा की।
इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति से फोन पर वार्ता कर विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों तथा वहां कार्यरत चिकित्सकों और अन्य कर्मचारियों के बारे में जानकारी ली है। मंगलवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने एएमयू में कुछ चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने की खबरों का संज्ञान लेकर कुलपति से वार्ता की।
प्रशासन और सरकार के हर संभव सहयोग का आश्वासन मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के परिसर में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं, इन्हें कोविड संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी उपाय किए जाना आवश्यक है। योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव में टीकाकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है और वर्तमान में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग का टीकाकरण भी शुरू हो गया है। सीएम ने कहा कि जिला प्रशासन और सरकार कोरोना रोकथाम और टीकाकरण की दिश��� में एएमयू अफसरों का हर संभव सहयोग करेंगे।
वीसी ने कहा- नए स्ट्रेन की संभावना की हो पड़ताल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में शिक्षकों, सेवानिवृत्त शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की कोविड-19 और उसके लक्षणों से होने वाली मौतों से चिंतित कुलपति प्रोफेसर मंसूर ने रविवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक को पत्र लिखकर विश्‍वविद्यालय और उसके आसपास के वातावरण में वायरस के स्वरूपों की जांच कराने का अनुरोध किया था।आईसीएमआर के महानिदेशक को रविवार को भेजे गये पत्र में कुलपति प्रोफेसर मंसूर ने आशंका व्यक्त की है कि एएमयू परिसर और आसपास के इलाकों में कोरोना वायरस के एक विशेष स्वरूप से होने वाले संक्रमण के कारण मौतें हो रही हैं।
ICMR के डीजी ने भी वीसी से की बात उन्होंने कहा था कि जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला इस शहर में पाए जाने वाले वायरस के स्वरूप के जीनोम सीक्वेंस का पता लगाने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक एंड इंटीग्रेटेड बायोलॉज प्रयोगशाला, नई दिल्ली को नमूने भेज रहा है। एएमयू के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि सोमवार देर रात आईसीएमआर के महानिदेशक ने एएमयू के कुलपति से बात की थी और उन्हें आश्वासन दिया था कि एएमयू से दिल्ली में केंद्रीय प्रयोगशाला में भेजे गए नमूनों की जांच की जा रही है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के इनपुट्स के साथ)
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