वामपंथी उग्रवादियों की मौत पर कांग्रेस के घड़ियाली आंसू
बस्तर में नक्सलियों द्वारा हो रही भाजपा नेताओं की हत्याओं पर क्यों मौन है कांग्रेस
बस्तर में मतदान के वक़्त कोई बड़ा हमला करना चाहते थे नक्सली
पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को फर्जी बताने वाली कांग्रेस ने कियघायल जवानों का अपमान
छत्तीसगढ़ की दो लोकसभा सीटों बस्तर और कांकेर में पहले चरण में यानी 19 अप्रैल को मतदान होना है। लेकिन इससे ठीक पहले पुलिस को सूचना मिली कि कांकेर जिले के थाना छोटे बेठिया के जंगल…
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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आईआरबी -9 के पारण परेड समारोह में प्रशिक्षु जवानों के आकर्षक मार्च पास्ट का किया निरीक्षण, ली सलामी
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आईआरबी -9 के पारण परेड समारोह में प्रशिक्षु जवानों के आकर्षक मार्च पास्ट का किया निरीक्षण, ली सलामी
रांची। राज्य को बेहतर दिशा देने के लिए बेहतर व्यवस्था देनी होगी । हमारा प्रयास व्यवस्था को सुदृढ़ करना है जिससे आपके कर्त्तव्य पथ पर आपको व्यवस्था से किसी प्रकार की परेशानी न हो। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज जैप-3 परेड ग्राउंड, गोविंदपुर, धनबाद में आईआरबी-9 के पारण परेड समारोह में नए जोश, उमंग, उत्साह और ऊर्जा से लबरेज प्रशिक्षु आरक्षियों को संबोधित करते हुए ये बातें कही। इस अवसर पर उन्होंने…
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मार्च 2026 से पहले देश से वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा- अमित शाह
रायपुर. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज रायपुर, छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि अब एक मजबूत रणनीति और निर्मम दृष्टिकोण के साथ वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अंतिम प्रहार करने का समय आ गया है।…
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आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
संक्षिप्त बातमीपत्र
०६ जानेवारी २०२४ सकाळी ११.०० वाजता
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पोलीस महासंचालक आणि महानिरीक्षकांच्या जयपूर इथं सुरु असलेल्या परिषदेत आज पंतप्रधान नरेंद्र मोदी उपस्थित राहणार आहेत. या परिषदेत सायबर गुन्हे, पोलीस तंत्रज्ञान, दहशतवाद विरोधी आव्हानं, वामपंथी उग्रवाद, तुरुंगामधली सुधारणा या विषयांवर चर्चा होत आहे.
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जल जीवन मिशनमार्फत आतापर्यंत १४ कोटी ग्रामीण कुटुंबाना नवीन नळाच्या पाण्याची जोडणी मिळाली आहे. गोवा, तेलंगणा, पुद्दुचेरी आणि अंदमान आणि निकोबार बेटांसह सहा राज्ये आणि तीन केंद्रशासित प्रदेशांतल्या १०० टक्के कुटुंबाना नळाच्या पाण्याची जोडणी मिळाली असल्याचं जलशक्ती मंत्रालयानं म्हटलं आहे.
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हिजबुल मुजाहिदीन दहशतवादी संघटनेचा दहशतवादी जावेद मट्टू याला दिल्ली पोलिसांच्या विशेष पथकानं काल अटक केली. जम्मू-काश्मीर मधल्या अनेक दहशतवादी हल्ल्यात सामील असल्याचे आरोप त्याच्यावर आहेत.
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दर्पण दिन आज साजरा होत आहे. पहिल्या मराठी वृत्तपत्राचे जनक आचार्य बाळशास्त्री जांभेकर यांना यानिमित्त विविध कार्यक्रमाच्या माध्यमातून अभिवादन करण्यात येत आहे. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी ट्विट संदेशाच्या माध्यमातून आचार्य बाळशास्त्री जांभेकर यांना अभिवादन केलं असून, राज्यातल्या पत्रकारांना पत्रकार दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा दिल्या आहेत.
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पुण्यात आज १०० व्या अखिल भारतीय मराठी नाट्य संमेलनाचं उद्घाटन होत आहे. यानिमित्त शहरामध्ये मोरया गोसावी मंदिरापासून नाट्यदिंडी काढण्यात आली. यामध्ये नाट्यकर्मींसह मान्यवर उपस्थित होते.
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छत्रपती संभाजीनगर इथल्या मिटमिटा परिसरात उभारण्यात येणाऱ्या सफारी पार्कच्या कामाची महानगरपालिकेचे आयुक्त तथा प्रशासक जी श्रीकांत यांनी काल पाहणी केली. यावेळी त्यांनी संबंधित अधिकाऱ्यांना विविध सूचना केल्या.
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छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्याच्या अनेक भागात काल अवकाळी पाऊस झाला. शहरात या पावसामुळे अनेक सखल भागात पाणी साचून नागरिकांची तारांबळ उडाली, पुढचे पाच दिवस जिल्ह्यात तुरळक पावसाची शक्यता हवामान विभागाने वर्तवली आहे.
जालना शहरासह जिल्ह्यात आज पहाटेपासून ढगाळ वातावरण असून गारवा वाढला आहे. रात्री जिल्ह्यातल्या काही भागात हलका ते मध्यम स्वरूपाचा पाऊस झाला.
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Sam Bahadur Review: Driven By Spirited Performance From Vicky Kaushal
फिल्म के एक दृश्य में विक्की कौशल। (शिष्टाचार: vickykaushal09)
एक विशाल और विविध कैनवास पर खेलते हुए, सैम बहादुर ढाई घंटे में पूरा जीवन समा जाता है। फिल्म में चार दशकों की सक्रिय सैन्य सेवा, पांच युद्ध, उग्रवाद विरोधी अभियान और प्रधान मंत्री के साथ संघर्ष को शामिल किया गया है। अनिवार्य रूप से, मेघना गुलज़ार की महत्वाकांक्षी बायोपिक में थोड़ी जल्दबाजी की गई है। लेकिन एक नीरस क्षण जरूर है.
फिल्म…
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West singhbhum ied blast : टोंटो के तुंबाहाका में नक्सलियों के आइईडी विस्फोट से कोबरा बटालियन का जवान शहीद, तीन अन्य जख्मी जवान इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर ले जाये गये रांची
रामगोपाल जेना/चक्रधरपुर : चाईबासा क्षेत्र के टोंटो थाना क्षेत्र के तुंबाहाका के पास आइईडी ब्लास्ट होने की खबर आ रही है. मिली जानकारी के अनुसार ब्लास्ट में एक जवान शहीद हो गया है, जबकि कुछ अन्य जवान घायल बताये जा रहे हैं. अब तक मिली खबर के अनुसार घायल जवान को इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर रांची ले जाया गया है. (नीचे भी पढ़ें)
यहां पहुंच रही जानकारी के अनुसार जिले के अति उग्रवाद प्रभावित टोंटो थाना…
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आतंकवाद /उग्रवाद को रोकने में भारत की मदद करें कनाडा : बिरेंदर सिंह प्रदेश प्रवक्ता ने की अपील
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अपनी कठिनाइयों से फाइटर की तरह लडना सीखो - केप्टन योगेंद्र सिंह
मोटिवेशनल सेशन ‘योद्धा’ : कोटा में कोचिंग विद्यार्थियों से कहा, अपने सपने को आत्मा से जोडकर पढ़ो और जीयो
अरविंद
न्यूजवेव @ कोटा
परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर ऑनरेरी केप्टन योगेंद्र सिंह यादव ने कोटा में कोचिंग विद्यार्थियों से खुले संवाद में कहा कि आप भी एक सैनिक की तरह फाइटर बनकर अपनी परीक्षा की तैयारी करें। हर रोज अपने सपने को पूरे जोश के साथ जीएं। हर कठिनाई से योद्धा की तरह लडना सीखो।
एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट के मोटिवेशनल सेशन ‘योद्धा’ (Yodhha) में उन्होंने बताया, मैने कक्षा-6 में फौजी बनकर युद्ध लड़ने का सपना देखा था। मैं आत्मा (Soul) के साथ उस ख्वाब को जीता रहा। हमारी आत्मा में ईश्वर का अंश होता है, जो हमें आगे बढने की शक्ति देता है। मैं 16 साल 5 माह की उम्र में फौजी बन गया। 9 माह की ट्रेनिंग के दौरान कमांडर ने हमें खूब तपाया। 4 जुलाई,1999 को 19 वर्ष की उम्र में मुझे कश्मीर में पहली पोस्टिंग मिली। ऐसा लगा जैसे मुझे मेरा सपना पूरा करने का अवसर मिला हो। उन दिनों पाकिस्तान की शह पर कश्मीर में उग्रवाद और दशहतगर्दी चरम पर थी।
केप्टन यादव ने कहा कि आज 24 साल बाद भी हमें कारगिल युद्ध करते हुये 90 डिग्री सीधी और उंची चट्टानें आंखों के सामने दिखाई देती है। युद्ध में रोज नई चुनौतियां पहाड़ जैसी थी। माइनस 20 से माइनस 60 डिग्री तापमान में बस आगे ही बढना था। हम तीन जवान लगातार 22 दिन भूखे रहकर भी हिम्मत नहीं हारे। टाट की बोरियों से लिपटी पूरियों की परतें पानी में घोलकर पी लेते थे।
असंभव को ‘हो जायेगा’ कहकर संभव किया
उन्होंने कहा, एक सैनिक की जीवन रेखा ईसीजी (ECG) की तरह होती है। उसे हर पल नई चुनौतियों से लडते हुये चलना होता है। हमारी टुकड़ी को अपने साथियों को सामान पहुंचाना था। हमारे सामने 17 हजार फीट उंची टाइगर हिल पर विपरीत हालातों में चढ़ते रहने की चुनौती थी। बर्फीली पहाडी के दूसरे छोर से पाक बंकरों से लगातार गोलियों की बौछारें जारी रही। चट्टानों के नीचे बंकरों में छिपे पाक सैनिकों को मारना बडी चुनौती थी। हर असंभव दिखने वाले कार्य को हमने ‘हो जायेगा’ कहकर संभव कर दिखाया। पाक की एक कंपनी में 150 जवान और हमारी कंपनी में 7 जवान ही शेष थे। उस दिन 5 घंटे लगातार युद्ध चला। मेरे साथियों को आंखों के सामने गोलियां लगती रही। एक-एक करके शहीद हो गये। चारों ओर मौत से सामना करना था। मैं हताश नहीं हुआ। युद्ध के दौरान भारतीय सेना की एक टुकडी के 10 में से 9 जवान भी शहीद हो जाये तो 10वां फौजी सीना तानकर अंतिम सांस तक लडता है।
15 गोेलियां खाकर आहत हुआ पर हताश नहीं
भारत माता ने अपने सीने पर दूध पिलाकर हमें यौद्धा बनाया था, हम जानते थे कि उस सीने पर गोली खा लेना अच्छा है लेकिन कभी पीठ मत दिखाना। हर भारतीय शहीद को देख लेना, दुश्मन की गोली उसके सीने में लगी होती है, पीठ पर नहीं। मैने वही किया। मन और मस्तिष्क में संकल्प कर लिया कि मेरे साथियों के बलिदान को देशवासियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मुझ पर है। युद्ध करते हुये मेरे एक हाथ व पैरों में 15 गोलियां लगी। आहत हुआ पर हताश नहीं। तब मन और मस्तिष्क से सिर्फ आगे बढने का दृढ़ संकल्प याद कर लिया। उसी साहस की बदौलत आज आपके सामने खडा हूं।
वो पल आज भी आंखों में तैरते हैं...
नम आंखों से केप्टन यादव ने बताया कि पाक सैनिकों ने उंची पहाडी पर हमारे मृत सैनिकों को पैरों से कुचलकर देखा कि कोई जिंदा तो नहीं है। वे यह सोचकर पीछे चल गये कि हम सब मर चुके हैं। तभी मैने घायल अवस्था में लडखडाते हुये एक हाथ से पाक बंकर पर हेंड ग्रेनेड फेंका। फिर उसी हाथ से गोलियां चलाकर बैंकर में छिपे पाक सैनिकों को मार गिराया। पीछे हमारी सेना की दूसरी टुकडी गोलियों की बौछारें करती आगे आ रही थी, उन्हें देख पाक सैनिक भाग खडे हुये। पाक बंकर को हमने कब्रिस्तान बना दिया था। फिर हम सब जवानों ने मिलकर सबसे उंची टाइगर हिल्स पर तिरंगा लहराया। याद रहे, कारगिल युद्ध में हमारे 527 वीर शहीदों ने बलिदान दिया है लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के 6500 जवानों को मौत के घाट उतारा भी है।
मन टूटने लगे तो अपने आप से कनेक्ट हो जाओ
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, आप शेर और शेरनी की तरह हो। जब भी आपका मन टूटने लगे तो बस, अपने आप से कनेक्ट हो जाओ। जीवन की डोर किसी ओर को नहीं सौंपे। आप यौद्धा बनें। हमारा शरीर तो एक साधन मात्र है। मोबाइल से दूर होकर आत्मा से बात करेंगे तो भावनाओं और संवेदनाओं का सागर उमडने लगेगा। आत्मा से जुडकर आपको आंतरिक उर्जा और आत्मविश्वास मिलेगा। आप पढाई करते समय एक सैनिक को याद करके फाइटर बन जाना, आपकी जीत ही होगी। अंत में ये पंक्तियां सुनाकर उन्होंने युवाओं में देशभक्ति का जज्बा पैदा किया- ‘सांसो के तराने हिंद का नव गान गायेगा, हमारी शौर्य ध्वजा लेकर क्षितिज में वो चंद्रयान गायेगा, हमारे लहू का हर कतरा हिंदुस्तान गायेगा। ’
केप्टन यादव एलन (ALLEN) के 16 प्रेरक सत्रों में 25 हजार से अधिक कोचिंग विद्यार्थियों को देशभक्ति से जोड चुके हैं। वे इन दिनों कोटा में देशभर के 1.25 लाख विद्यार्थियों को सपने सच करने का विजयी मंत्र सिखा रहे हैं। एलन के निदेशक नवीन माहेश्वरी, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट सी.आर. चौधरी, वाइस प्रेसीडेंट विजय सोनी ने उनका अभिनंदन किया।
विद्यार्थियों के लिये 10 विजयी मंत्र-
परपज (Purpose), पैशन (Passion) और परफॉर्मेंस (Performance )इन तीन ‘P’ के साथ अपने सपने को जीयें।
जब चारों ओर से चुनौतियों से घिर जायें तो मन के रथ को सारथी रूपी माता-पिता के हवाले कर दें। वो हर चुनौती से पार करवा देंगे।
किसी एक टेस्ट में आउटपुट कम आये तो बॉडी (Body) और ब्रेन (Brain) को बेलेंस करके चलें।
शिक्षक नॉलेज को हमारे मस्तिष्क में ट्रांसफार्म (Transform) करते हैं, सवालों के जवाब तो हमारे अंदर ही छिपे होते हैं।
समय बेशकीमती है, जो इससे कदम मिलाकर चलता है वो कामयाब होता है।
जीवन की डोर किसी अनजान को नहीं सौंपें, आप योद्धा बनकर कठिनाइयों से लडना सीखें।
मन टूटने लगे तो खूब रोकर या हंसकर मोबाइल से दूर आत्मा (Soul) से जुडने की कोशिश करो।
आत्मा से जुडकर आंतरिक एनर्जी और आत्मविश्वास महसूस करेंगे।
हम मोबाइल या रील बनाने से दूर होकर बस अपने सपने से कनेक्ट हो जायें।
एक फाइटर बनकर अपनी तैयारी करें, आपकी जीत अवश्य होगी।
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वामपंथी उग्रवाद में उल्लेखनीय गिरावट election2023 4rajasthan
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नक्सलवाद से निपटने में सीआरपीएफ की भूमिका की अमित शाह ने की तारीफ, कहा- लड़ाई अब अंतिम चरण में | Amit Shah praises the CRPF's role in fighting naxalism and claims the battle is now in its concluding stages;
Source: img-s-msn-com.akamaized.net
वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में
'चरमपंथी स्कूलों, सड़कों, अस्पतालों और उचित मूल्य की दुकानों के निर्माण और मोबाइल टावरों की स्थापना में बाधा उत्पन्न कर रहे थे ... इन्हें हटाने का श्रेय सीआरपीएफ को जाता है'।
क��ंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है और इस खतरे से जूझते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के सर्वोच्च बलिदान की इसमें बड़ी भूमिका है। विजय।
सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने पिछले नौ वर्षों में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ी है और सभी मोर्चों पर सफलता हासिल की है।
नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सीआरपीएफ की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने का श्रेय सीआरपीएफ कर्मियों को जाता है।
इस अवसर पर उपस्थित शहीद जवानों के परिजनों को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा, “सीआरपीएफ जवानों और उ��के परिवारों के बलिदान को याद करते हुए विजय गाथा को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।”
“जैसा कि मैं आज बस्तर में हूं, मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमारे सुरक्षा बलों ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है … उन्होंने न केवल उन्हें (वामपंथी तत्वों) को बैकफुट पर धकेलने में जीत हासिल की है, बल्कि आदिवासियों तक विकास को पहुंचाने में भी मदद की है। " उन्होंने कहा।
“चरमपंथी स्कूलों, सड़कों, अस्पतालों और उचित मूल्य की दुकानों के निर्माण और मोबाइल टावरों की स्थापना में बाधा उत्पन्न कर रहे थे। गृह मंत्री के रूप में मैं कहना चाहता हूं कि इन बाधाओं को दूर करने का श्रेय केवल सीआरपीएफ जवानों को जाता है।
संयुक्त टास्क फोर्स
श्री शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर नक्सलियों की गतिविधियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाकर संगठनात्मक कौशल का भी उदाहरण पेश किया है.
उन्होंने कहा कि नक्सलियों के अंतर-राज्य आंदोलन की जांच के लिए, सीआरपीएफ ने विभिन्न राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय में संयुक्त कार्य बलों का गठन किया, संयुक्त शिविर स्थापित किए और ट्राइ-जंक्शन क्षेत्रों में सुरक्षा स्थापित की।
उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार और झारखंड में सुरक्षा की कमी भी समाप्त होने वाली थी और यह सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस (वहां माओवादी विरोधी अभियानों में शामिल) के कारण संभव हुआ।
उन्होंने कहा कि 2010 की तुलना में वामपंथी उग्रवादी हिंसा की घटनाओं में देश में 76% की कमी आई है और साथ ही जानमाल (नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की) की हानि में भी 78% की कमी आई है।
चुनावों के शांतिपूर्ण संचालन में सीआरपीएफ की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी जीवित रह सकता है जब इसे समर्पित तरीके से संरक्षित किया जाए।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भूमिका......
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बांदीपोरा में आतंकवादियों को पनाह देने के लिए 2 रिहायशी मकान किये गये कुर्क
बांदीपोरा में आतंकवादियों को पनाह देने के लिए 2 रिहायशी मकान किये गये कुर्क
बांदीपोरा -- जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुंदपोरा-रामपोरा और चिट्टीबंडे गांवों में आतंकवादियों को शरण देने के लिए दो रिहायशी संपत्तियों को कुर्क कर लिया।
एक अधिकारी ने बताया कि इन घरों का इस्तेमाल उग्रवाद के उद्देश्य से किया जाता था और घरों के सदस्यों द्वारा स्वेच्छा से आश्रय दिया जाता था।
अनाज मंडी में आधा दर्जन से अधिक दुकानों के ताला तोड़ 50 लाख की चोरी कर फरार हुए चोर, घटना सीसीटीवी में कैद
उन्होंने कहा कि गुंडपोरा-रामपोरा में घर आरोपी एजाज अहमद रेशी के पिता अब्दुल मजीद रेशी के नाम पर एफआईआर 120-बी आईपीसी के तहत दर्ज की गई थी |
चिट्टीबंडे में एक अन्य घर आरोपी मकसूद अहमद मलिक के पिता मोहम्मद जमाल मलिक के नाम पर भी एफआईआर 120-बी आईपीसी, 7/25 के तहत दर्ज की गई थी ।
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What is Subhash Chandra Bose Biography in Hindi?
Subhash Chandra Bose Biography : सुभाष चंद्र बोस, जिन्हें नेताजी के नाम से भी जाना जाता है उनका जन्म वर्ष 1897 में हुआ था और उनकी मृत्यु वर्ष 1945 में हुई थी। वह भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने उग्रवादी दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे।
सुभाष चन्द्र बोस जी का इतिहास
भारतीय राष्ट्रवादी सुभाष चंद्र बोस की देशभक्ति ने कई भारतीयों पर अमिट छाप छोड़ी है। उन्हें “आजाद हिंद फौज” संगठन की स्थापना के लिए जाना जाता है और उनका नारा है “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।”
एक विमान दुर्घटना में लगी चोटों के कारण नेताजी सुभाष चंद्र बोस का 18 अगस्त, 1945 को ताइवान के एक अस्पताल में निधन हो गया। 23 जनवरी, 1897 को उनका जन्म उड़ीसा के कटक में हुआ था।
सबसे प्रसिद्ध मुक्ति सेनानी, सुभाष चंद्र बोस में असाधारण नेतृत्व गुण थे और वे एक करिश्माई वक्ता थे। उनके नारों में “दिल्ली चलो,” “तुम मुझे खून दो,” और “मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” शामिल हैं। उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की और भारत की आजादी की लड़ाई में कई योगदान दिए। वह अपनी समाजवादी नीतियों के साथ-साथ आजादी हासिल करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जबरदस्त रणनीति के लिए प्रसिद्ध हैं।
सुभाष चंद्र बोस जी का प्रारंभिक एवं पारिवारिक जीवन का इतिहास
सबसे प्रसिद्ध मुक्ति सेनानी, सुभाष चंद्र बोस में असाधारण नेतृत्व गुण थे और वे एक करिश्माई वक्ता थे। उनके नारों में “दिल्ली चलो,” “तुम मुझे खून दो,” और “मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” शामिल हैं। उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की और भारत की आजादी की लड़ाई में कई योगदान दिए। वह अपनी समाजवादी नीतियों के साथ-साथ आजादी हासिल करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जबरदस्त रणनीति के लिए प्रसिद्ध हैं।
सुभाष चंद्र बोस जी का प्रारंभिक एवं पारिवारिक जीवन का इतिहास
प्रभावती दत्त बोस और जानकीनाथ बोस के पुत्र, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। उनके पिता को “राय बहादुर” की उपाधि मिली थी और वे कटक के एक प्रसिद्ध वकील थे। अपने भाई-बहनों की तरह, उन्होंने कटक में प्रोटेस्टेंट यूरोपियन स्कूल में पढ़ाई की, जो अब स्टीवर्ट हाई स्कूल है। उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 16 साल की उम्र में उनके लेखन को पढ़ने के बाद स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण की शिक्षाओं का उन पर प्रभाव पड़ा। फिर, भारतीय सिविल सेवा की तैयारी के लिए, उनके माता-पिता ने उन्हें इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भेज दिया। 1920 में उन्��ोंने सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन अप्रैल 1921 में, भारत में राष्ट्रवादी उथल-पुथल के बारे में सुनने के बाद, उन्होंने अपनी उम्मीदवारी से इस्तीफा दे दिया और भारत वापस आ गए।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की विचारधारा
भगवद गीता का उन पर प्रभाव था, और उन्होंने इसे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के प्रेरणा स्रोत के रूप में देखा। छोटी उम्र से ही सुभाष चंद्र बोस स्वामी विवेकानंद के सार्वभौमिकतावादी और राष्ट्रवादी विचारों से अत्यधिक प्रभावित थे।
जब वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे, तब वे समाजवाद और साम्यवाद के विचारों की ओर आकर्षित हुए। हालाँकि, उन्होंने सोचा कि यह भारत में सफल होगा यदि राष्ट्रीय समाजवाद और साम्यवाद को मिला दिया जाए। उन्होंने लैंगिक समानता, धर्मनिरपेक्षता और अन्य उदारवादी विचारधाराओं का समर्थन किया, लेकिन उन्हें नहीं लगता था कि लोकतंत्र भारत के लिए आदर्श था।
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पूर्वोत्तर में बीजेपी के 'पोस्टर बॉय' हिमंत बिस्व सरमा कैसे बने इलेक्शन मैनेजर, जानिए
गुवाहाटी: पिछले चुनाव में पूर्वोत्तर में बीजेपी का कमल खिलाने वाले असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया है। नॉर्थ ईस्ट में बीजेपी के पोस्टर हिमंत बिस्व सरमा की इन चुनावों में डील मेकर के रूप में छवि भी उभरी है। एक ओर जहां त्रिपुरा और नगालैंड में बीजेपी गठबंधन की सरकार की तस्वीर साफ है, वहीं मेघालय में नैशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के साथ गठबंधन के लिए हिमंत सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने एनसीपी प्रमुख और मेघालय सीएम कोनराड संगमा के साथ एक दिन पहले ही मुलाकात की है।बीजेपी के नेतृत्व पूर्वोत्तर विकास गठबंधन (एनईडीए) की जिम्मेदारी हिमंत सरमा को सौंपी है। जब से तीनों राज्य (मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा) में चुनाव का ऐलान हुआ हिमंत ने लगभग हर रोज यहां दौरा किया और साथ ही अपने राज्य की कमान भी कमजोर नहीं पड़ने दी। नगालैंड और त्रिपुरा में कैसे बनी बातसबसे पहले नेफियू रियो को उग्रवाद से प्रभावित राज्य नगालैंड में दूसरे कार्यकाल के लिए अपने विश्वास में लिया। फिर माणिक साहा के रूप में एक ऐसे चेहरे को खोजने में दिल्ली हाईकमान की मदद की जो त्रिपुरा में पार्टी का डैमेज कंट्रोल कर सके। आखिर में बात कोनराड संगमा की, जिनकी पार्टी नैशनल पीपल्स फ्रंट (एनपीपी) ने मेघालय चुनाव से कुछ रोज पहले ही बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ दिया था। नतीजे आने से एक दिन पहले ही हिमंत यहां सक्रिय हो गए थे। उन्होंने कोनराड संगमा से बातचीत कर गठबंधन के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।अमित शाह के करीबी हैं हिमंतएक समय कांग्रेस में रहे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उनके अच्छे संबंध हैं। इसी वजह से हिमंत बिस्व सरमा दिल्ली में हाई कमान के पसंदीदा बने हुए हैं। उनके रूप में पहली बार बीजेपी को गुजरात और दिल्ली से दूर किसी राज्य से स्टार कैंपेनर मिला है। यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) के लागू कराने की पहल से लेकर, पीएफआई बैन, या गोरक्षा कानून, अल्पसंख्यक जनसंख्या वृद्धि को धीमा करने के लिए विशिष्ट नीतिगत उपायों की मांग करना हो या 'अवैध' गांवों पर बुलडोजर चलाना हो, सरमा ने दक्षिणपंथी पार्टी के मुख्य एजेंडों को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। एक्सपर्ट ने बताया हिमंत को इलेक्शन मैनेजरशिलॉन्ग स्थित नॉर्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी (NEHU) के प्रफेसर प्रसेनजीत बिस्वास ने चुनावों में हिमंत बिस्व सरमा की भूमिका का विश्लेषण किया। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बातचीत में उन्होंने कहा, 'हिमंत ने बीजेपी को अच्छा लीडरशिप दिया है। बीजेपी ने उन्हें नॉर्थ ईस्ट के फेस के तौर पर प्रोजेक्ट किया है। हिमंत सरमा नॉर्थ ईस्ट स्टेट इलेक्शन में बीजेपी के चीफ इलेक्शन मैनेजर के रूप में उभरे हैं।'हालांकि प्रफेसर प्रसेनजीत कहते हैं, 'इस चुनाव में हिमंत की भूमिका फोरफ्रंट में न रहकर बैकग्राउंड में रही।' उन्होंने बताया, 'सिर्फ त्रिपुरा में वह आगे उभर कर आए क्योंकि वह त्रिपुरा में लोग बांग्ला समझते हैं और हिमंत उनसे सहजता से बात कर लेते हैं। इसके उलट नगालैंड में बॉर्डर विवाद को लेकर हिमंत की छवि को नुकसान हुआ है। वहीं पिछले साल असम-मेघालय बॉर्डर पर जो फायरिंग केस हुआ उससे भी उनकी इमेज डैमेज हुई है।''तीनों राज्यों में बीजेपी का ग्राफ नीचे गिरा'प्रफेसर प्रसेनजीत ने बताया कि इस बार तीनों राज्यों के चुनाव में बीजेपी का ग्राफ नीचे गिरा है। उन्होंने कहा, 'त्रिपुरा में बीजेपी की जीत का मार्जिन कम रहा। तिपरा मोथा और लेफ्ट कांग्रेस में वोटों का बंटवारा हुआ जिससे बीजेपी को लगभग 10 सीटों पर फायदा हुआ। त्रिपुरा में तिपरा मोथा अलग तिपरा लैंड का मांग कर रहे हैं। इस मांग को बीजेपी कैसे हैंडल करेगी इसका कोई चारा नहीं है।'मेघालय पर फिलॉसफी के प्रसेनजीत ने कहा, 'मेघालय में फ्रैक्चर्ड मैंडेट हुआ है। बीजेपी के पास 2 सीटें हैं। बीजेपी के साथ मिलकर भी कोनराड अकेले बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाएंगे। उन्हें क्षेत्रीय दलों पर निर्भर रहना होगा। लोगों ने ऐंटी बीजेपी प्लैंक में इस बार वोटिंग की है। रीजनल पार्टियां जो गठबंधन में शामिल थीं वे भी एनपीपी और बीजेपी से निराश दिखे। इस बार यहां नैचुरल अलायंस संभव नहीं है।''नगालैंड को मिलेगा नया विपक्षी दल'नगालैंड पर प्रफेसर प्रसेनजीत ने बताया, 'नगालैंड में वोटिंग फीसदी कांग्रेस का बढ़ गया है। एनसीपी ने कुछ सीटें जीती है, रामदास अठावले की पार्टी भी जीत गई है। विपक्ष का जो स्पेस खाली हो गया था उसमें नई पार्टी आ गई है। यहां एनडीपीपी के पीछे NSCN-IM का सपोर्ट है जिस वजह से वह एक बार फिर बीजेपी के साथ ��ठबंधन सरकार बनाती दिख रही है।' http://dlvr.it/SkFs04
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Chhattisgarh:पहली बार नक्सल प्रभावित बस्तर में Crpf आयोजित करेगा वार्षिक स्थापना दिवस, अमित शाह होंगे शामिल - Crpf Will Organize First Time Its Annual Foundation Day In Naxal Affected Bastar Amit Shah Will Be Involved
crpf
– फोटो : Agency (File Photo)
विस्तार
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) अपना 84वां स्थापना दिवस समारोह छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में आयोजित करेगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 19 मार्च को बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने की उम्मीद है।
देश के सबसे बड़े केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद…
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Financetime.in सीआरपीएफ अर्धसैनिक इकाई छत्तीसगढ़ में माओवाद प्रभावित क्षेत्र में वार्षिक स्थापना दिवस आयोजित करती है
CRPF लगभग 3.25 लाख कर्मियों के साथ भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) है।
नयी दिल्ली:
अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में अपना 84वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित कर सकता है, पहली बार इसका वार्षिक समारोह वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 19 मार्च को बस्तर के जिला मुख्यालय…
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आतंक के सभी रूपों के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस! मोदी सरकार लाल आतंकवाद की जड़ों पर निरंतर करारा प्रहार कर रही है, जिसके परिणाम स्वरूप वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 90 से घटकर 45 हुई।
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