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कोरोना की बेकाबू स्पीड के बीच ट्रेन से जा रहे हैं यूपी, मुंबई..., तो जान लें ये बड़ी बातें Divya Sandesh
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कोरोना की बेकाबू स्पीड के बीच ट्रेन से जा रहे हैं यूपी, मुंबई..., तो जान लें ये बड़ी बातें
लखनऊ/मुंबईजिस तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है उसे देखते हुए रेलवे ने यात्रियों से कुछ एहतियात बरतने को कहा है। इनमें कोरोना जांच से लेकर दूसरी सावधानियों की चर्चा की गई है। यात्रियों की भीड़ कम हो इसलिए स्पेशल गाड़ियां चलाई जा रही हैं। इसके लिए रेलवे वेटिंग लिस्ट पर ध्यान रखे हुए है। इसके बावजूद रेल से यात्रा करते समय इन बातों का जरूर ख्याल रखें:
गृह विभाग की ओर से जारी गाइडलाइंस में कहा गया है: – रेलवे स्टेशन पर आने वाले सभी यात्रियों की एंटीजन और जरूरत पड़ने पर आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने होंगे – फील्ड पोस्टिंग में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को ग्लव्ज और मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है -रेलवे स्टेशन पर आने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग व एंटीजन टेस्ट कराए जाएं – रेलवे की ओर से सलाह दी गई है कि सभी यात्रियों के फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड होना चाहिए – सभी यात्रियों को अपने गंतव्य राज्य के कोरोना प्रोटोकॉल की जानकारी होनी चाहिए – कुछ राज्यों में यात्रियों को तभी प्रवेश दिया जा रहा है उनके पास अधिक से अधिक 72 घंटे पहले तक की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट हो
वेटिंग लिस्ट पर ध्यान दे रही है रेलवेउधर संपूर्ण लॉकडाउन की आशंका को लेकर मुंबई से उत्तर भारत की ओर जाने वाली सभी ट्रेनें भीड़ से भरी हुई जा रही हैं। पिछले कुछ दिनों में लंबी दूरी क�� स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा देखी गई है। ��ोगों के इस पलायन पर पश्चिम रेलवे ने नजर बनाए रखी है और यात्रियों सहित वेटिंग लिस्ट के लोगों का भी रिकॉर्ड रखा है।
पश्चिम रेलवे से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 10 से 30 अप्रैल तक 19,313 यात्रियों को टिकट को वेटलिस्टेड टिकट मिली। मुंबई डिविजन की हद सूरत स्टेशन तक है। इन 19,313 यात्रियों में से 12,886 यात्री मुंबई से हैं। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के अनुसार, हम यात्रियों की भीड़ कम करने के लिए कई विशेष और समर स्पेशल ट्रेनें चला रहे हैं। हम ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट पर नजर बनाए हुए हैं। वैट लिस्ट बढ़ने पर नई ट्रेन चला दी जाती है।
ट्रेनों को करने हैं 127 फेरे पश्चिम रेलवे से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 10 अप्रैल से इस महीने के अंत तक ट्रेनों को 127 फेरे करने हैं। इनमें से 75 बांद्रा टर्मिनस से होंगे जबकि अन्य दादर और मुंबई सेंट्रल से होंगे। इनमें से अधिकांश ट्रेनें लखनऊ, उदयपुर, भागलपुर, जोधपुर, बीकानेर, छपरा जैसे शहरों के लिए हैं। मुंबई से जाने वाली प्रत्येक ट्रेन में औसत वेटलिस्ट 163 है। पूरे डिविजन से चलने वाली ट्रेनों की वेटलिस्ट औसतन 152 प्रति ट्रेन हैं। पूरे डिविजन में उधना और सूरत भी शामिल हैं। पश्चिम रेलवे ने पिछले 3-4 महीनों में जो 266 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई हैं, इनमें से 116 ट्रेनें उत्तर भारत की हैं।
मुंबई लोकल ट्रेनों में यात्री कम हुएमहाराष्ट्र में वीकेंड लॉकडाउन के कारण लोकल ट्रेनों में यात्री गिरावट देखी गई। शनिवार को मध्य और पश्चिम रेलवे पर करीब 8-9 लाख यात्रियों ने सफर किया, तो रविवार को यात्री संख्या 5-6 लाख के आसपास रही। राज्य सरकार की नई गाइडलाइंस के बाद ये पहला वीकेंड लॉकडाउन था। रेलवे की सूत्रों की मानें तो सोमवार से यात्री की संख्या में गिरावट आएगी। राज्य में संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को देखकर अब कई निजी दफ्तरों ने भी अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है। हालांकि, निजी दफ्तर बंद करने का आदेश एक सप्ताह पुराना है।
वास्तविक यात्रियों की संख्या कमपिछले सप्ताह मुंबई की लोकल ट्रेनों में सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन करीब 35 लाख यात्रियों ने सफर किया था। हालांकि, वास्तविक आंकड़ा इससे कम हो सकता है। कमर्शियल के एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे सीजन टिकट के दिनों को भी यात्री संख्या में प्रतिदिन जोड़ती है। एक मासिक सीजन टिकट में 21 दिन के हिसाब से पैसे लिए जाते हैं, तो रेलवे 21 दिनों तक प्रतिदिन उस टिकट को यात्री संख्या में गिनती है। रेलवे के इस अधिकारी मानें तो यात्री संख्या रोजाना 25-26 लाख के आसपास है।
लखनऊ और गोरखपुर से पुणे के लिए विशेष ट्रेनयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे की ओर से पुणे-लखनऊ वातानुकूलित और पुणे-��ोरखपुर विशेष गाड़ी चलाई जा रही है। गाड़ी में सभी कोच आरक्षित श्रेणी के होंगे। यात्रियों को कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। ट्रेन संख्या-01437/01438 पुणे-लखनऊ जंक्शन-पुणे वातानुकूलित विशेष गाड़ी 12, 19 और 26 अप्रैल को पुणे से 20:20 बजे चलकर मनमाड, भुसावल, इटारसी, भोपाल, बीना, झांसी और कानपुर होकर लखनऊ 22:05 बजे पहुंचेगी। वहीं वापसी में 14, 21 और 28 अप्रैल को लखनऊ जंक्शन से रात 00:45 बजे चलकर इसी मार्ग से पुणे 5:30 बजे पहुंचेगी।
ट्रेन संख्या 01431/01432 पुणे-गोरखपुर-पुणे विशेष गाड़ी 13, 20 एवं 27 अप्रैल को पुणे से 11:15 बजे चलकर मनमाड, भुसावल, खंडवा, इटारसी, भोपाल, बीना, झांसी, कानपुर सेंट्रल से होकर लखनऊ से 15:05 बजे छूटकर गोरखपुर 20:00 बजे पहुंचेगी। वहीं वापसी में 14, 21 एवं 28 अप्रैल को गोरखपुर से 22:40 बजे और लखनऊ से 04:40 बजे प्रस्थान कर इसी मार्ग से पुणे 06:25 बजे पहुंचेगी।
इनके बढ़े फेरे01053 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गोरखपुर साप्ताहिक स्पेशल 27 अप्रैल तक 01054 गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस साप्ताहिक स्पेशल 29 अप्रैल तक 01129 छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस-गोरखपुर साप्ताहिक स्पेशल 27 अप्रैल तक 01130 गोरखपुर-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस साप्ताहिक स्पेशल 29 अप्रैल तक 01097 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-दरभंगा साप्ताहिक स्पेशल 26 अप्रैल तक 01098 दरभंगा-लोकमान्य तिलक टर्मिनस साप्ताहिक स्पेशल 27 अप्रैल तक 01093 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गोरखपुर स्पेशल 30 अप्रैल तक 01094 गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्पेशल 02 मई तक
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COVID-19: 24 घंटे में 1543 केस, 684 मरीज ठीक हुए, 17 जिलों में 28 दिन से कोई केस नहीं
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COVID-19: 24 घंटे में 1543 केस, 684 मरीज ठीक हुए, 17 जिलों में 28 दिन से कोई केस नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और गृह मंत्रालय की संयुक्त प्रेस वार्ता.
गृह मंत्रालय ने बताया कि आईएमसीटी टीमें सूरत और अहमदाबाद गईं जहां उन्होंने पाया कि सूरत में प्रशासन आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल करके मामलों के बारे में जानकारी ले रही है.
नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को दैनिक प्रेस वार्ता में कहा देश के 17 जिलों से 28 दिन से कोई केस नहीं है. देश में पिछले 24 घंटे में 1543 नए केस सामने आए जिसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 29435 हो गई है. इसमें से 21632 एक्टिव केस हैं. देश में एक दिन में 684 लोग ठीक हुए. अब तक देश में कुल 6868 ठीक हो चुके हैं. जिसके चलते रिकवरी रेट बढ़कर 23.3 प्रतिशत हो गया है. अब तक 934 लोगों की मौत हो चुकी है.
कोरोना के लिए अभी कोई अप्रूव थेरेपी नहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना के मरीजों को आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना जरूरी है. मरीज ट्रिपल लेयर मास्क का उपयोग करें. कोरोना के लिए अभी तक कोई अप्रेव थेरेपी नहीं है. प्लाज्मा थेरेपी को लेकर प्रयोग चल रहे हैं और यह ट्रायल और रिसर्च के लिए है.
Plasma therapy is being experimented, however no evidence that this can be used as a treatment. National level study launched by ICMR to study efficacy: Lav Aggarwal, Joint Secretary, Ministry of Health pic.twitter.com/5fs2goReSc
— ANI (@ANI) April 28, 2020
गृह मंत्रालय ने बताया कि आईएमसीटी टीमें सूरत और अहमदाबाद गईं जहां उन्होंने पाया कि सूरत में प्रशासन आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल करके मामलों के बारे में जानकारी ले रही है. प्रशासन तेजी से टेस्ट कर रहा है.
आईएमसीटी टीमें ने पाया कि सूरत में प्रवासी मजदूरों को सरकार और एनजीओ खाना उपलब्ध करा रहे हैं. ज्यादातर श्रमिकों को पिछले माह क�� तनख्वाह मिल चुकी है.
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First published: April 28, 2020, 4:24 PM IST
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#"Home Ministry"#Coronavirus#coronavirus tips#coronavirus vaccine#COVID-19#lockdown in india#Prime Minister Narendra Modi#कोरोना वायरस#कोविड-19#गृह मंत्रालय#प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी#भारत में कोरोना वायरस#News
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Unlock-1 गाइडलाइन : अगर जाना है मंदिर-मस्जिद, रेस्तरां-मॉल या दफ्तर, इन 15 बड़ी बातों का रखना होगा विशेष ध्यान
नई दिल्ली: कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण की वजह से लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन में ढील देने की प्रक्रिया शुरू कर दिया है. महामारी के बीच केंद्र सरकार ने रेस्तरां, मॉल, होटल और धार्मिक स्थानों के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. गौरतलब है कि 31 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण खत्म होने के बाद सरकार ने एक जून से अनलॉक-1 की घोषणा की है. इसके अंतर्गत आठ जून से रेस्टोरेंट और मॉल्स को खास ऐहतियात का पालन करने हुए खोलने के निर्देश दिए गए हैं. नए दिशानिर्देशों के अंतर्गत धार्मिक स्थल जाते समय धार्मिक ग्रंथों और मूर्तियों को नहीं छूने की समझाइश लोगों को दी गई है. मॉल, रेस्टोरेंट जाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मॉस्क पहनने के निर्देश जारी किए गए हैं. गौरतलब है कि देश में कोरोना केसों की संख्या बढ़ते हुए दो लाख के पार पहुंच गई है.
गाइडलाइन जारी होने वाली 15 बड़ी बातें-
बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को रेस्टोरेंट जाने से परहेज क��ने की सलाह दी गई है. रेस्टोरेंट में हर थोड़ी देर में हाथ धोते रहने की सलाह इन दिशानिर्देशों में दी गई है.
होटल-रेस्टोरेंट का मेन्यू डिस्पोजेबल होना चाहिए. बैठक के दौरान दो सीटों के बीच पर्याप्त दूरी रखने की भी सलाह दी गई है. रेस्टारेंट में ग्राहक के जाने के बाद सीट सेनिटाइज करने होंगे. रेस्टोरेंट स्टाफ को ग्लव्ज और मॉस्क पहनना जरूरी होगा. कंटनमेंट जोन में होटल, रेस्टारेंट आदि खोलने की इजाजत नहीं है.
धार्मिक स्थलों में 65 साल से अधिक उम्र के बुजर्ग और 10 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं जा सकते. प्रसाद बांटने पर भी रोक लगाई है. धार्मिक स्थलों में थर्मल स्क्रीनिंग करनी होगी, साथ ही मॉस्क पहनना जरूरी है. धार्मिक स्थलों को बार-बार सेनिटाइज करना होगा.
स्टाफ और गेस्ट को आपस में संपर्क में आने से बचना होगा. जहां तक संभव हो कम से कम 6 फीट की बनाकर रखें. जब हाथ साफ तौर पर गंदे न हों तब भी साबुन से कम से कम 40-60 सेकंड तक हाथ धोने की प्रैक्टिस करें.
खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को अच्छे से ढंकें. थूकने पर प्रतिबंध जारी रहेगा, इसके साथ ही सभी को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने और उसके उपयोग की सलाह दी गई है.
मॉल में आने-जाने वालों को रोकने और धार्मिक स्थलों पर मूर्तियों को न छूने, प्रसाद या चर्णामृत नहीं देने, भजन कीर्तन नहीं करने जैसे निर्देश शामिल हैं. हालांकि कंटनमेंट जोन वाले इलाकों में पाबंदियां पहले की तरह ही लागू रहेंगी.
धर्मस्थलों में संगीत तो बजेंगे, लेकिन कलाकारों को जुटाकर भजन-कीर्तन जैसे समारोह आयोजित नहीं होंगे. परिसर में केवल विषम व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी. COVID-19 के बारे में निवारक उपायों पर पोस्टर / स्टैंड प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे. COVID-19 के निवारक उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ऑडियो और वीडियो क्लिप को नियमित रूप से बजाया जाना चाहिए.
जूते को अधिमानतः स्वयं के वाहन के अंदर ले जाने के लिए. यदि आवश्यक हो, तो उन्हें प्रत्येक व्यक्ति / परिवार के लिए अलग-अलग स्लॉट में व्यक्तियों द्वारा स्वयं रखा जाना चाहिए. परिसर के बाहर और बाहर पार्किंग स्थल में उचित भीड़ प्रबंधन – विधिवत निम्नलिखित सामाजिक दूरी मानदंडों का आयोजन किया जाएगा.
अगर कोई कर्मचारी Covid-19 के कंटेन्मेंट जोन में रहता है तो उसे घर से काम की इजाजत तब तक दी जानी चाहिए जब तो उसका इलाका स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोविड-19 ��्री नहीं घोषित कर दिया जाता. मंत्रालय के अनुसार इस अवधि को छुट्टियों में नहीं जोड़ा जाएगा.
अगर किसी ऑफिस में कोविड-19 के एक या दो मामले पाए जाते हैं तो पूरे दफ्तर परिसर को बंद करने की जरूरत नहीं है. ऑफिस को वायरस फ्री किए जाने के बाद काम फिर से शुरू किया जा सकता है.
अगर कोविड-19 के ज्यादा मामले सामने आते हैं तो पूरे भवन को 48 घंटे के लिए बंद करना होगा और सभी कर्मचारी तब तक घर से काम करेंगे. मंत्रालय ने कहा कि कंटेन्मेंट जोन में हॉस्पिटल और अन्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी दफ्तर बंद रहेंगे.
हाथ की स्वच्छता के लिए सैनिटाइजर मशीन और शरीर के तापमान की जांच करने के लिए उचित मशीनों का ऑफिस के एंट्री गेट पर होना जरूरी है और बिना किसी लक्षण वाले कर्मचारी को ही इसमें प्रवेश दिया जाएगा. निर्देशों के अनुसार चेहरा ढंकना और मास्क पहनना हर एंप्लॉय के लिए जरूरी होगा.
कोई भी कर्मचारी अगर कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत रहता है तो वह इसकी जानकी अपने अधिकारी को खुद देगा और तब तक वर्क फ्रॉम होम कर सकेगा जबतक उसके इलाके को संक्रमण मुक्त होने का सर्टिफिकेट सरकारी संस्था द्वारा नहीं दिया जाता है. इसके अलावा 65 वर्ष से अधिक आयु वाले कर्मचारी तथा गर्भवती महिलाओं को घर पर ही रहने की सलाह दी गई है.
दफ्तर में काम करने वाले ड्राइवर्स को सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन, वाहन के अंदर भी करना होगा. कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि उसे Covid-19 के दौरान नियमों की जानकारी है या नहीं. अगर ड्राइवर किसी कंटेन्मेंट जोन का निवासी है तो उसे वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. दफ्तरों में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को पैसेंजर के उतरने के बाद डिसइंफेक्ट करना जरूरी है.
दफ्तरों से अपील की गई है कि जितना संभव हो सके वह मीटिंग के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग का इस्तेमाल करें. साथ ही किसी भी दफ्तर के अंदर बड़ी संख्या में मीटिंग करने पर पाबंदी रहेगी. जरूरी मीटिंग के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना जरूरी होगा.
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हैकर की चेतावनी के बाद सरकार का जवाब, 'आरोग्य सेतु ऐप से नहीं हो रहा सुरक्षा मानकों का उल्लंघन'...
हैकर की चेतावनी के बाद सरकार का जवाब, ‘आरोग्य सेतु ऐप से नहीं हो रहा सुरक्षा मानकों का उल्लंघन’…
कोरोना वायरस के ट्रैकिंग ऐप ‘आरोग्य सेतु’ में सुरक्षा मानकों का कोई उल्लंघन नहीं हो रहा है, सरकार ने एक फ्रांसीसी “व्हाइट हैट”, या एथिकल हैकर के दावे के जवाब में यह बात कही।
जिन्होंने मंगलवार को कहा था कि 90 मिलियन भारतीयों की गोपनीयता दांव पर है, इस दावे के बाद केंद्र सरकार सामने आई और बुधवार सुबह एक विस्तृत बयान में कहा कि “कोई डेटा या सुरक्षा उल्लंघन नहीं था” और कहा कि “किसी भी उपयोगकर्ता…
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Unlock-1 गाइडलाइन : अगर जाना है मंदिर-मस्जिद, रेस्तरां-मॉल या दफ्तर, इन 15 बड़ी बातों का रखना होगा विशेष ध्यान
नई दिल्ली: कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण की वजह से लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन में ढील देने की प्रक्रिया शुरू कर दिया है. महामारी के बीच केंद्र सरकार ने रेस्तरां, मॉल, होटल और धार्मिक स्थानों के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. गौरतलब है कि 31 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण खत्म होने के बाद सरकार ने एक जून से अनलॉक-1 की घोषणा की है. इसके अंतर्गत आठ जून से रेस्टोरेंट और मॉल्स को खास ऐहतियात का पालन करने हुए खोलने के निर्देश दिए गए हैं. नए दिशानिर्देशों के अंतर्गत धार्मिक स्थल जाते समय धार्मिक ग्रंथों और मूर्तियों को नहीं छूने की समझाइश लोगों को दी गई है. मॉल, रेस्टोरेंट जाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मॉस्क पहनने के निर्देश जारी किए गए हैं. गौरतलब है कि देश में कोरोना केसों की संख्या बढ़ते हुए दो लाख के पार पहुंच गई है.
गाइडलाइन जारी होने वाली 15 बड़ी बातें-
बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को रेस्टोरेंट जाने से परहेज करने की सलाह दी गई है. रेस्टोरेंट में हर थोड़ी देर में हाथ धोते रहने की सलाह इन दिशानिर्देशों में दी गई है.
होटल-रेस्टोरेंट का मेन्यू डिस्पोजेबल होना चाहिए. बैठक के दौरान दो सीटों के बीच पर्याप्त दूरी रखने की भी सलाह दी गई है. रेस्टारेंट में ग्राहक के जाने के बाद सीट सेनिटाइज करने होंगे. रेस्टोरेंट स्टाफ को ग्लव्ज और मॉस्क पहनना जरूरी होगा. कंटनमेंट जोन में होटल, रेस्टारेंट आदि खोलने की इजाजत नहीं है.
धार्मिक स्थलों में 65 साल से अधिक उम्र के बुजर्ग और 10 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं जा सकते. प्रसाद बांटने पर भी रोक लगाई है. धार्मिक स्थलों में थर्मल स्क्रीनिंग करनी होगी, साथ ही मॉस्क पहनना जरूरी है. धार्मिक स्थलों को बार-बार सेनिटाइज करना होगा.
स्टाफ और गेस्ट को आपस में संपर्क में आने से बचना होगा. जहां तक संभव हो कम से कम 6 फीट की बनाकर रखें. जब हाथ साफ तौर पर गंदे न हों तब भी साबुन से कम से कम 40-60 सेकंड तक हाथ धोने की प्रैक्टिस करें.
खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को अच्छे से ढंकें. थूकने पर प्रतिबंध जारी रहेगा, इसके साथ ही सभी को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने और उसके उपयोग की सलाह दी गई है.
मॉल में आने-जाने वालों को रोकने और धार्मिक स्थलों पर मूर्तियों को न छूने, प्रसाद या चर्णामृत नहीं देने, भजन कीर्तन नहीं करने जैसे निर्देश शामिल हैं. हालांकि कंटनमेंट जोन वाले इलाकों में पाबंदियां पहले की तरह ही लागू रहेंगी.
धर्मस्थलों में संगीत तो बजेंगे, लेकिन कलाकारों को जुटाकर भजन-कीर्तन जैसे समारोह आयोजित नहीं होंगे. परिसर में केवल विषम व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी. COVID-19 के बारे में निवारक उपायों पर पोस्टर / स्टैंड प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे. COVID-19 के निवारक उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ऑडियो और वीडियो क्लिप को नियमित रूप से बजाया जाना चाहिए.
जूते को अधिमानतः स्वयं के वाहन के अंदर ले जाने के लिए. यदि आवश्यक हो, तो उन्हें प्रत्येक व्यक्ति / परिवार के लिए अलग-अलग स्लॉट में व्यक्तियों द्वारा स्वयं रखा जाना चाहिए. परिसर के बाहर और बाहर पार्किंग स्थल में उचित भीड़ प्रबंधन – विधिवत निम्नलिखित सामाजिक दूरी मानदंडों का आयोजन किया जाएगा.
अगर कोई कर्मचारी Covid-19 के कंटेन्मेंट जोन में रहता है तो उसे घर से काम की इजाजत तब तक दी जानी चाहिए जब तो उसका इलाका स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोविड-19 फ्री नहीं घोषित कर दिया जाता. मंत्रालय के अनुसार इस अवधि को छुट्टियों में नहीं जोड़ा जाएगा.
अगर किसी ऑफिस में कोविड-19 के एक या दो मामले पाए जाते हैं तो पूरे दफ्तर परिसर को बंद करने की जरूरत नहीं है. ऑफिस को वायरस फ्री किए जाने के बाद काम फिर से शुरू किया जा सकता है.
अगर कोविड-19 के ज्यादा मामले सामने आते हैं तो पूरे भवन को 48 घंटे के लिए बंद करना होगा और सभी कर्मचारी तब तक घर से काम करेंगे. मंत्रालय ने कहा कि कंटेन्मेंट जोन में हॉस्पिटल और अन्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी दफ्तर बंद रहेंगे.
हाथ की स्वच्छता के लिए सैनिटाइजर मशीन और शरीर के तापमान की जांच करने के लिए उचित मशीनों का ऑफिस के एंट्री गेट पर होना जरूरी है और बिना किसी लक्षण वाले कर्मचारी को ही इसमें प्रवेश दिया जाएगा. निर्देशों के अनुसार चेहरा ढंकना और मास्क पहनना हर एंप्लॉय के लिए जरूरी होगा.
कोई भी कर्मचारी अगर कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत रहता है तो वह इसकी जानकी अपने अधिकारी को खुद देगा और तब तक वर्क फ्रॉम होम कर सकेगा जबतक उसके इलाके को संक्रमण मुक्त होने का सर्टिफिकेट सरकारी संस्था द्वारा नहीं दिया जाता है. इसके अलावा 65 वर्ष से अधिक आयु वाले कर्मचारी तथा गर्भवती महिलाओं को घर पर ही रहने की सलाह दी गई है.
दफ्तर में काम करने वाले ड्राइवर्स को सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन, वाहन के अंदर भी करना होगा. कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि उसे Covid-19 के दौरान नियमों की जानकारी है या नहीं. अगर ड्राइवर किसी कंटेन्मेंट जोन का निवासी है तो उसे वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. दफ्तरों में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को पैसेंजर के उतरने के बाद डिसइंफेक्ट करना जरूरी है.
दफ्तरों से अपील की गई है कि जितना संभव हो सके वह मीटिंग के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग का इस्तेमाल करें. साथ ही किसी भी दफ्तर के अंदर बड़ी संख्या में मीटिंग करने पर पाबंदी रहेगी. जरूरी मीटिंग के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना जरूरी होगा.
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'आरोग्य सेतु' ऐप को अनिवार्य बनाने पर चल रहा है विचार, अभी नहीं हुआ अंतिम फैसला...
‘आरोग्य सेतु’ ऐप को अनिवार्य बनाने पर चल रहा है विचार, अभी नहीं हुआ अंतिम फैसला…
के खिलाफ ‘जंग’ के दौरान सरकार इस वायरस के संपर्क को ‘ट्रेस’ करने वाले ऐप ‘आरोग्य सेतु’ को डाउनलोड करने पर खास जोर दे रही है।
विशेषज्ञों द्वारा गोपनीयता और निगरानी को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच इस ऐप को सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य बनाया जा सकता है।
ज्यादा से ज्यादा यूजर्स के बीच प्रमोट करने के लिए सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्या वह इस ऐप को अनिवार्य बना सकती है।
सूत्रों…
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