Tumgik
skverma111 · 1 year
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दर्द
दर्द लेकर सीने मे हम कुछ इस कदर मुस्कुराते हैं,
खुशी का हमारी लोग राज़ जानना चाहते हैं।
कैसे बताएँ लोगों को किस कदर ठोकर खाई है,
ये मुस्कुराने की आदत हमने वहीं से पाई है।
और माना मुकर गए हम अपने एक दो वादों से,
पर उम्मीद पर खरी वो भी कहाँ उतर पाई है।
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